विनोद जाखड़ के पदभार ग्रहण कार्यक्रम में पहुंचे पायलट जूली डोटासरा

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 25 जुलाई 2024 | जयपुर : सचिन पायलट आज जयपुर के बिरला ऑडिटोरियम में NSUI के प्रदेश अध्यक्ष विनोद जाखड़ के पदभार ग्रहण कार्यक्रम में पहुंचे। यहां सचिन पायलट ने कहा- हवा, पानी और नौजवान अपना रास्ता खुद ढूंढ लेते हैं। आपकी नीयत, काबिलियत और मेहनत में कोई कमी नहीं होनी चाहिए।

विनोद जाखड़ के पदभार ग्रहण कार्यक्रम में पहुंचे पायलट जूली डोटासरा

विनोद जाखड़ के पदभार ग्रहण कार्यक्रम में पहुंचे पायलट जूली डोटासरा

पद और पोस्ट तो मिलते रहेंगे। लेकिन पद जब मिल जाए, तब उन लोगों का साथ मत छोड़ना, जो आपके हमसफर रहे थे। क्योंकि पदों पर बैठने के बाद सोच बदल जाती है। समय कम मिलता है। बड़े लोग मिल जाते हैं। तब जो लोग पीछे छूट जाते हैं। उनकी बद्दुआ लगती है। इसलिए सबको साथ लेकर चलना चाहिए।

वहीं, पेपर लीक पर सचिन पायलट ने कहा- लाखों बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है। मुझे लगता है किसी ने सही कहा है हर गलती सजा मांगती है। परीक्षा में तैयारी कर नौकरी हासिल करना इस देश में सबसे ज्यादा कठिन हो गया है। इस प्रक्रिया में सिर्फ बच्चा नहीं बल्कि उसका पूरा परिवार शामिल होता है। नीट परीक्षा में हुई धांधली का सरकार के पास कोई जवाब नहीं है।

उन्होंने कहा- सरकार खुद इस बात को स्वीकार कर रही है कि कुछ जगह गड़बड़ी हुई है। अब वक्त आ गया है कि हम सबको पूछना होगा कि पेपर लीक होते क्यों हैं। इन्हें कौन करवाता है। कागजी कार्रवाई करने, भाषण देने और घड़ियाली आंसू रोने से कुछ नहीं होगा। उन लोगों को पकड़ना पड़ेगा।

आखिर पेपर लीक कौन करवा रहा है। उन लोगों को मजबूर करना पड़ेगा, जो सत्ता में रहकर इस तरह के घिनौने अपराध को बर्दाश्त करते हैं। क्योंकि जो लोग इस अपराध को बर्दाश्त कर रहे हैं। वह भी उतने ही गुनहगार हैं। बिरला ऑडिटोरियम में बड़ी संख्या में एनएसयूआई के कार्यकर्ता मौजूद रहे।

बिरला ऑडिटोरियम में बड़ी संख्या में एनएसयूआई के कार्यकर्ता मौजूद रहे।

नौजवान देश का भविष्य नहीं, वर्तमान है

सचिन पायलट ने कहा- मुझे 25 साल हो गए इस बात को सुनते-सुनते की नौजवान इस देश का भविष्य है। लेकिन हकीकत यह नहीं है। नौजवान देश का वर्तमान है। यह हकीकत है। इस बात को हमें समझना और स्वीकार करना पड़ेगा।

वैसे भी राजस्थान वह राज्य है, जहां बहुत सारे नौजवानों को मौका मिला है। पद हासिल करना बड़ी बात नहीं है। पद तो कभी न कभी किसी न किसी के पास रहता ही है। उस पद पर रहते हुए अपनी लाइन को लंबी कर लोगों के दिलों में जगह बनाना बड़ी बात है।

अपनों का साथ मत छोड़ना, उनकी बद्दुआ लगती है

सचिन पायलट ने कहा- मुझे लगता है कि हवा, पानी और नौजवान अपना रास्ता खुद ढूंढ लेते हैं। आपकी नीयत, काबिलियत और मेहनत में कोई कमी नहीं होनी चाहिए। पद और पोस्ट तो मिलते रहेंगे। लेकिन पद जब मिल जाए, तब उन लोगों का साथ मत छोड़ना, जो आपके हमसफर रहे थे। क्योंकि पदों पर बैठने के बाद सोच बदल जाती है। समय कम मिलता है। बड़े लोग मिल जाते हैं। तब जो लोग पीछे छूट जाते हैं। उनकी बद्दुआ लगती है। इसलिए सबको साथ लेकर चलना चाहिए।

‘हर गलती कीमत मांगती है’ सचिन पायलट

सचिन ने कहा- पेपर लीक से ज्यादा घिनौना अपराध कुछ और नहीं है। अगर किसी नेता, अफसर को काली कमाई करनी भी है तो कोई और विभाग पकड़ लो। लेकिन देश-प्रदेश में पेपर लीक मत करो। पायलट ने कहा- आप सब लोग पेपर लीक पर मेरे स्टैंड को जानते हो। मैं कल भी उस पर कायम था। आज भी कायम हूं, आगे भी हमेशा कायम रहूंगा। कोई कितना भी बड़ा व्यक्ति क्यों ना हो।

उसने जाने अनजाने में हजारों – लाखों बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है। मुझे लगता है किसी ने सही कहा है हर गलती सजा मांगती है। अगर आप गलती करोगे तो आपको सजा मिलनी भी चाहिए। नौजवान के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का हक किसी को नहीं है। चाहे आप कितने भी बड़े नेता या अधिकारी ही क्यों ना हो।

सरकार मनाएगी तो मान जाएंगे किरोड़ी

4 साल 4 महीने के बाद राजस्थान में कांग्रेस की सरकार फिर से बनने जा रही है। उसमें आप सब लोगों को साथ देना पड़ेगा। राजस्थान की भाजपा सरकार बहुत ज्यादा लंबी नहीं चलेगी। छात्र संघ के चुनाव राजस्थान में होने चाहिए। पहले नहीं हुए, वह बात अब पुरानी हो गई है।

आज न जाने क्यों सरकार छात्र संघ चुनाव रोकना चाहती है। छात्र संघ चुनाव लड़ने वाले लोगों को आगे बढ़ने का एक मंच मिलता है। वैसे भी सत्ता में रहकर इंसान बंध जाता है। विपक्ष में रहकर आप अपनी काबिलियत को साबित कर सकते हो।

सचिन पायलट ने कहा- राजस्थान के कृषि मंत्री का पता नहीं चल रहा है कि वह सत्ता में हैं या फिर नहीं हैं। मामला लटका हुआ नजर आ रहा है। लेकिन मुझे लगता है, अगर सरकार थोड़ा जोर लगाकर उन्हें मनाएगी तो किरोड़ी लाल मीणा मान जाएंगे। बिरला ऑडिटोरियम में प्रदेशभर से NSUI कार्यकर्ता विनोद जाखड़ के पदभार ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने पहुंचे थे।

बिरला ऑडिटोरियम में प्रदेशभर से NSUI कार्यकर्ता विनोद जाखड़ के पदभार ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने पहुंचे थे।

‘पक्ष ही निभा रहा विपक्ष की भूमिका’ डोटासरा

कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा- बीजेपी ने तमाशा बनाकर रख दिया है। पर्ची से मुख्यमंत्री बना दिया, पर्ची से मंत्री बना दिए। इसके बाद मंत्री इस्तीफा देकर घर चल दिए। राजस्थान की जनता ने जिन्हें सत्ता सौंपी थी। जिन्हें सरकार चलाने की जिम्मेदारी दी थी।

वह लोग इस्तीफा देकर विपक्ष की भूमिका निभा रहे हैं। इन लोगों ने तमाशा बनाकर रख दिया है। कोई कहता है विधानसभा से छुट्टी ले रखी है। कोई कहता है कि मुझे दिल्ली तलब कर लिया गया है। बीजेपी के लोगों को अब यह नौटंकी छोड़ देनी चाहिए। क्योंकि जनता ने इन्हें सेवा करने के लिए चुना था, नौटंकी करने के लिए नहीं।

‘राजस्थान सरकार मेले में पिटी हुई है, इन्हें बदनामी का डर नहीं’ जूली 

राजस्थान विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा- इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है। जब विधानसभा में आवाज उठने के बाद भी सरकार उस मुद्दे पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। क्योंकि इस सरकार को बदनामी का डर नहीं है।

यह सरकार मेले में पिटी हुई सरकार है। हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि विधायकों के सवालों का मंत्रियों के पास जवाब तक नहीं है। जूली ने कहा- मैं आज इस मंच के माध्यम से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से आग्रह करना चाहूंगा कि वह भविष्य में होने वाले पंचायत चुनाव में वह ज्यादा से ज्यादा युवाओं को मौका दें।

ताकि राजस्थान में कांग्रेस पार्टी को और ज्यादा मजबूत किया जा सके। पदभार ग्रहण समारोह में पहुंची भीड़नकी वजह से के स्टैचू सर्किल के आसपास जाम के हालात बन गए। जिसकी वजह से आम वाहन चालकों और राहगीरों को परेशान होना पड़ा।

पदभार ग्रहण समारोह में पहुंची भीड़नकी वजह से के स्टैचू सर्किल के आसपास जाम के हालात बन गए। जिसकी वजह से आम वाहन चालकों और राहगीरों को परेशान होना पड़ा।

बीजेपी सरकार ने चुप्पी साधी हुई

विनोद ने कहा- पूर्व कांग्रेस सरकार के वक्त बीजेपी छात्र संघ चुनाव कराने के पक्ष में थी। लेकिन आज बीजेपी सरकार ने चुप्पी साधी हुई है। उनसे जुड़ा छात्र संगठन एबीवीपी कोई आंदोलन नहीं कर रहा। अगर जल्द छात्रसंघ चुनाव का ऐलान नहीं हुआ तो NSUI प्रदेशभर में आंदोलन करेंगी। इसके साथ ही जयपुर में बड़ा आंदोलन किया जाएगा।

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कांग्रेस कार्य समिति द्वारा डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर शोक प्रस्ताव

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 27 दिसंबर 2024 | दिल्ली : कांग्रेस कार्य समिति द्वारा डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर शोक प्रस्ताव कांग्रेस कार्य समिति, देश के एक सच्चे राजनेता डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करती है, जिनके जीवन और कार्यों ने भारत के भविष्य को दिशा दिखायी।

कांग्रेस कार्य समिति द्वारा डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर शोक प्रस्ताव

डॉ. सिंह , भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में एक विशाल व्यक्तित्व थे, जिनके योगदान ने देश को रूपांतरित किया और उन्हें विश्वभर में सम्मान प्राप्त हुआ। 1990 के दशक के प्रारंभ में वित्त मंत्री के रूप में डॉ. सिंह भारत के आर्थिक उदारीकरण के शिल्पकार थे।

कांग्रेस कार्य समिति द्वारा डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर शोक प्रस्ताव

अपनी अद्वितीय दूरदृष्टि के साथ, उन्होंने ऐसे सुधारों की शुरुआत की जिन्होंने न केवल देश को भुगतान संकट से उबारा, बल्कि वैश्विक बाजारों के लिए द्वार खोले। उनके द्वारा किए गए विनियमन, निजीकरण और विदेशी निवेश को बढ़ावा देने वाले नीतिगत कदमों ने भारत के तेज़ी से विकास की नींव रखी।

उनके नेतृत्व में, भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बन गया, जो उनकी प्रतिभा और दृष्टिकोण का प्रमाण है। भारत के 13वें प्रधानमंत्री के रूप में डॉ. मनमोहन सिंह ने देश का नेतृत्व शांति, दृढ़ संकल्प और असाधारण बुद्धिमत्ता के साथ किया।

उनका कार्यकाल निरंतर आर्थिक वृद्धि, वैश्विक पहचान और सामाजिक प्रगति से चिह्नित था। उन्होंने 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान भारत को इस संकट से बचाने के लिए रणनीतिक उपाय किए। उनके नेतृत्व में कई महत्वपूर्ण पहलें हुईं जैसे MGNREGA, Right to Education, ऐतिहासिक Indo-U.S. Civil Nuclear Deal, National Food Security Act, Land Acquisition Act, Agricultural Debt Waiver and Debt Relief Scheme, और 93वीं संविधान संशोधन, जिसने अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और ओबीसी के लिए आर्टिकल 15(5) के माध्यम से सामाजिक न्याय को बढ़ावा दिया।

उन्होंने Right to Information (RTI) अधिनियम को पारदर्शिता बढ़ाने, Forest Rights Act को जनजातीय समुदायों को सशक्त बनाने और अपने कार्यकाल में उच्चतम GDP वृद्धि दर को प्राप्त करने की दिशा में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।

डॉ. सिंह की समावेशी विकास, अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति और आर्थिक आधुनिकीकरण के प्रति प्रतिबद्धता ने भारत की वैश्विक स्थिति को मजबूत किया, जबकि साथ ही साथ सामान्य नागरिकों की भलाई पर भी ध्यान केंद्रित किया। उनका दृष्टिकोण और कार्यकाल एक ऐसे सहानुभूतिशील, सुधारक नेता के रूप में इतिहास में अंकित रहेगा, जिन्होंने स्थिरता और विकास को प्राथमिकता दी।

राजनीतिक नेता के रूप में अपने योगदान के अलावा, डॉ. सिंह एक सम्मानित शिक्षाविद् भी थे, जिनकी अर्थशास्त्र के क्षेत्र में करियर ने भारत की नीतियों और दिशा को आकार दिया। एक अर्थशास्त्री के रूप में उनके विद्वतापूर्ण कार्य और संयुक्त राष्ट्र और भारतीय रिजर्व बैंक जैसी संस्थाओं में उनके योगदान ने उन आर्थिक सुधारों की नींव रखी, जिन्हें उन्होंने बाद में एक नीति निर्माता के रूप में बढ़ावा दिया।

डॉ. सिंह की गहरी अर्थशास्त्र की समझ और शिक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने अनगिनत छात्रों, विद्वानों और नीति निर्माताओं को प्रेरित किया। उनकी शैक्षिक सटीकता और बौद्धिक योगदान ने भारत के विकास के दृष्टिकोण को आकार दिया, और उनके मार्गदर्शन का प्रभाव देश के भविष्य के अर्थशास्त्रियों पर स्थायी असर डालेगा।

डॉ. सिंह असाधारण व्यक्तिगत गुणों के धनी थे। उनकी गरिमा, विनम्रता और शालीनता उन्हें एक दुर्लभ चरित्र वाले नेता के रूप में स्थापित करती हैं। देश के उच्चतम पदों पर रहते हुए भी वह हमेशा आत्म-निष्ठ और सभी के प्रति सम्मान और दयालुता से पेश आते थे।

उनका व्यवहार शांत, संतुलित और हमेशा ईमानदारी से प्रेरित था। उन्हें उनके बुद्धिमत्ता और उपलब्धियों के लिए ही नहीं, बल्कि उनके साधारण स्वभाव के लिए भी सराहा गया, जिसने उन्हें सभी वर्गों के लोगों के बीच प्रिय बना दिया।

डॉ. सिंह ने एक सच्चे राजनेता की सर्वोत्तम विशेषताएँ—सहानुभूति, ईमानदारी और सार्वजनिक सेवा के प्रति गहरी प्रतिबद्धता को जीवित किया। उनका जीवन यह उदाहरण प्रस्तुत करता है कि किस तरह गरिमा और विनम्रता एक साथ किसी शक्तिशाली पद पर बैठे व्यक्ति के चरित्र का हिस्सा हो सकती है।

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नरेश मीणा के एनकाउंटर की साजिश का वीडियो वायरल, कब आयेंगे जेल से बाहर नरेश मीणा

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 27 दिसंबर 2024 | दिल्ली : राजस्थान में ‘थप्पड़ कांड’ से चर्चित हुए कांग्रेस के बागी नरेश मीणा 1 महीने से टोंक जेल में बंद है। इधर, नरेश मीणा की जमानत याचिका खारिज होने के बाद एक बार फिर टोंक जिला सेशन न्यायालय में अपील की गई है।

नरेश मीणा के एनकाउंटर की साजिश का वीडियो वायरल, कब आयेंगे जेल से बाहर नरेश मीणा

इसके चलते 17 दिसंबर को एक बार फिर नरेश मीणा की जमानत को लेकर सुनवाई होगी। इधर, नरेश के समर्थकों में रिहाई की मांग को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई है। बता दें कि बीते दिनों उनियारा कोर्ट में नरेश की जमानत की एप्लीकेशन लगाई गई थी, जो खारिज हो गई थी।

नरेश मीणा के एनकाउंटर की साजिश का वीडियो वायरल

टोंक जिले के देवली-उनियारा क्षेत्र में एसडीएम थप्पड़ कांड के 5वें दिन भी समरावता गांव में दहशत का माहौल है। ग्रामीणों के आंसू थमने का नाम नही ले रहे है। जब भी कोई नेता गांव में पहुंच रहा हैं तो व्यथा सुनाते हुए ग्रामीणों की आंखों से आंसू निकल पड़ते है।

देवली-उनियारा के समरावता गाँव के लोग नये वीडियो से दहशत में है। वहीं, नरेश मीणा के पिता कल्याण सिंह मीणा भी गांव में पहुंचते ही रो पड़े। राजनेता वैसे तो नरेश मीणा की ज़मानत और उनकी रिहाई के लिए कुछ कर नहीं रहे हैं पर अपनी राजनीति चमकाने का कोई भी मौका हाथ से नहीं जाने दे रहे हैं। 

भोली-भली जनता सोच रही है कि सड़क पर आंदोलन करने या बड़ी-बड़ी सभाएँ करने से नरेश मीणा की ज़मानत हो जायेगी। पर, ऐसा कतई नहीं है क्योंकि जमनत तो सिर्फ़ वकीलों की अच्छी पैरवी से होगी जो अभी तक नहीं हुई है।

ग्रामीणों का आरोप ‘पुलिस कर देती एनकाउंटर’

इतना सुनते ही नरेश मीणा के पिता भावुक हो गए थे और उनकी आंखों से आंसू निकल पड़े। लोगों ने यह भी कहा कि नरेश को हम उठाकर नहीं ले जाते तो पुलिस उसका एनकाउंटर कर देती। इस दौरान मौके पर मौजूद लोग उन्हें संभालते नजर आए। सोशल मीडिया पर भी उनका एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक व्यक्ति नरेश मीणा के एनकाउंटर की पुलिस की साजिश की बात कह रहा है।

मूकनायक मीडिया इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है। प्रोफ़ेसर राम लखन ने अपने एक्स (X) हैंडल पर राजस्थान पुलिस को टैग करते हुए इनकी तटस्थ जाँच की माँग की है। उनका कहना है कि राजस्थान पुलिस की छवि से जुड़े इस वीडियो की जाँच हो।

ये है पूरा मामला

बता दें कि विधानसभा क्षेत्र देवली उनियारा में विधानसभा उप चुनाव 2024 के दौरान ग्राम समरावता थाना नगरफोर्ट, जिला टोंक में ग्रामीणो द्वारा उनके गांव समरावता को उपखण्ड देवली से हटाकर उपखण्ड उनियारा मे शामिल करने की मांग को लेकर मतदान का बहिष्कार किया था।

निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने उक्त मांग को लेकर ग्रामीणो को साथ लेकर धरना शुरू किया। तभी निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने वहां मौजूद एरिया मजिस्ट्रेट अमित चौधरी आरएएस उपखण्ड अधिकारी मालपुरा के थप्पड़ मार दी। इसके बाद घटनास्थल से थोड़ी दूर धरने पर बैठ गया।

शाम को मतदान प्रक्रिया पूरी होने के बाद पुलिस ने निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा को पकड़ा। लेकिन, ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव कर नरेश मीणा को छुड़ा लिया। उपद्रवियों ने दो राजकीय वाहन व 7 प्राईवेट वाहन एवं लगभग 25 मोटर साईकिलों में आग लगा दी।

हालांकि, अगले दिन पुलिस ने नरेश मीणा को गिरफ्तार कर लिया। इस पर मीना समर्थक भड़क गए और नरेश मीणा की रिहाई की मांग को लेकर कचरावता गांव के पास राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 148 डी पर जाम लगा दिया। इस पर पुलिस 60 उपद्रवियों को गिरफ्तार कर चुकी है। नरेश मीणा सहित सभी उपद्रवी अभी जेल में बंद है।

नरेश मीणा कब आयेंगे जेल बाहर?

राजस्थान में उपचुनाव के दिन 13 नवंबर को देवली उनियारा विधानसभा के निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा ने एरिया मजिस्ट्रेट को थप्पड़ जड़ दिया था। इसको लेकर समरावता गांव में जमकर बवाल हुआ, हिंसा हुई। उसके दूसरे दिन 14 नवंबर को टोंक पुलिस ने नरेश को गिरफ्तार कर लिया।

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नरेश तब से टोंक जेल में बंद है। हालांकि एक बार उनियारा कोर्ट में उनकी जमानत याचिका को खारिज हो चुकी है। नरेश मीणा के वकील ने बताया कि जिला कोर्ट में फिर से याचिका दायर की गई है जिसको लेकर अब 17 दिसंबर को सुनवाई हुई। पर जमानत अभी तक नहीं हुई है।

नरेश की रिहाई को लेकर गरमा रहा है मुद्दा

इधर, एक महीने से टोंक जेल में बंद नरेश मीणा की रिहाई का मामला गर्माता जा रहा है। नरेश मीणा के समर्थक उनकी रिहाई को लेकर लगातार एक्टिव दिखाई दे रहे हैं। बीते दिनों सवाई माधोपुर के चौथ का बरवाड़ा में सर्व समाज की महापंचायत हुई।

इधर, नरेश के समर्थक टोंक सरपंच संघ अध्यक्ष मुकेश मीणा ने भी प्रशासन को चुनौती देते हुए कहा कि आने वाले दिनों में इस तरह का आंदोलन खड़ा किया जाएगा जो प्रशासन ने सोचा भी नहीं होगा। 

नरेश मीणा की जमानत पर फिर टली सुनवाई

बता दें कि थप्पड़ कांड के बाद से निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा 14 नवंबर से टोंक जेल में बंद है। इस बीच दो बार उनकी जमानत अर्जी भी खारिज हो चुकी है। टोंक जिला न्यायालय में आज एक बार फिर नरेश मीणा की जमानत अर्जी की सुनवाई टल गई है।

अब 4 जनवरी को जमानत पर सुनवाई होगी। बता दें कि नरेश मीणा सहित 18 आरोपियों के लिए उनियारा एसीजेएम कोर्ट मेें दो बार अर्जी खारिज हो चुकी है। इधर, 29 दिसंबर को नरेश के समर्थक उनकी रिहाई के लिए महापंचायत बुला रहे हैं। इस दौरान टोंक कलेक्ट्रेट और टोंक हाईवे पर बड़ा प्रदर्शन करने का प्रस्तावित कार्यक्रम रखा गया है।

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