वायनाड में 4 घंटे में 3 लैंडस्लाइड125 मौतें, केरल में भारी बारिश का अलर्ट

केरल के वायनाड में तेज बारिश की वजह से सोमवार देर रात 4 अलग-अलग जगहों पर लैंडस्लाइड हुई। रात 2 बजे से सुबह 6 बजे के बीच हुए लैंडस्लाइड में 4 गांव बह गए। मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा में घर, पुल, सड़कें और गाड़ियां भी बह गईं।

वायनाड में 4 घंटे में 3 लैंडस्लाइड125 मौतें, केरल में भारी बारिश का अलर्ट

लाशों को निकालती सेना

अब तक 125 लोगों की मौत हो चुकी है। 116 अस्पताल में हैं, जबकि 98 से ज्यादा लोगों के लापता होने की खबर है। रेस्क्यू के लिए आर्मी, एयरफोर्स, SDRF और NDRF की टीम मौके पर मौजूद है। कन्नूर से आर्मी के 225 जवानों को वायनाड के लिए रवाना किया गया है। एयरफोर्स के 2 हेलिकॉप्टर भी रेस्क्यू के लिए भेजे गए, लेकिन बारिश के चलते उन्हें कोझिकोड लौटना पड़ा।

सेना की स्पेशल डॉग यूनिट के ट्रेंड डॉग्स, जिनमें बेल्जियन मैलिनोइस, लैब्राडोर और जर्मन शेफर्ड जैसी नस्लें शामिल हैं, वायनाड में भूस्खलन प्रभावित मेप्पाड़ी के लिए रवाना किए गए हैं। इधर, केरल सरकार ने इस हादसे के बाद राज्य में दो दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है।

इस बीच, मौसम विभाग ने राज्य के 8 जिलों में बुधवार को भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। इस वजह से कल इन जिलों के शिक्षण संस्थान बंद करने का फैसला किया गया।

5 साल पहले इसी इलाके में लैंडस्लाइड से 17 मौतें हुईं

वायनाड के 4 गांव- मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा में लैंडस्लाइड की घटना हुई है। 5 साल पहले 2019 में भी भारी बारिश की वजह से इन्हीं गांवों में लैंडस्लाइड हुई थी, जिसमें 17 लोगों की मौत हुई थी। 5 लोगों का आज तक पता नहीं चला। 52 घर तबाह हुए थे।

मुंडक्कई गांव में सबसे ज्यादा नुकसान, यहां 250 लोग फंसे

वायनाड का मुंडक्कई गांव लैंडस्लाइड की वजह से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। यहां चूरलमाला को मुंडक्कई से जोड़ने वाला पुल बह गया है, जिससे क्षेत्र तक पहुंचना मुश्किल हो गया है। NDRF की 20 सदस्यीय टीम पैदल चलते हुए यहां तक पहुंचने का प्रयास कर रही है।

मुंडक्कई में करीब 250 लोगों के फंसे होने की खबर है। यहां कई घर बह गए है। यहां 65 परिवार रहते थे। यहीं पास के एक टी एस्टेट के 35 कर्मचारी भी लापता हैं।

चूरलमाला गांव से दो विदेशी नागरिकों को बचाया गया

जिला पंचायत अध्यक्ष समशाद मरईक्कर ने बताया कि मुंडक्कई सड़क मार्ग से पहुंचा नहीं जा सकता है। मोबाइल नेटवर्क भी ठप है। चूरलमाला गांव में भी नुकसान ज्यादा है। यहां रेस्क्यू जारी है। यहां कई घर बह गए हैं। कई लोगों को बचाया गया हैं, जिनमें दो विदेशी नागरिक भी शामिल थे। ये एक होमस्टे में रुके थे। यहां रेस्क्यू टीम एक-एक घरों की जांच कर रही है।

वायनाड में आज भी भारी बारिश का अनुमान

मौसम विभाग ने आज भी वायनाड के अलावा कोझिकोड, मल्लपुरम और कासरगोड में रेड अलर्ट जारी किया है। यानी आज भी यहां भारी बारिश होने की संभावना है। इसकी वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत आ सकती है।

वायनाड में लैंडस्लाइड के बाद की तस्वीरें…

लैंडस्लाइड के बाद पहाड़ के दोनों तरफ से पानी और मलबा आया और सबकुछ बहा ले गया।

लैंडस्लाइड के बाद पहाड़ के दोनों तरफ से पानी और मलबा आया और सबकुछ बहा ले गया।

हादसे के बाद गांव नदी जैसा दिख रहा था। हर तरफ पानी, मिट्‌टी और मलबा दिख रहा था।

हादसे के बाद गांव नदी जैसा दिख रहा था। हर तरफ पानी, मिट्‌टी और मलबा दिख रहा था।

लैंडस्लाइड के बाद पहाड़ से बड़े-बड़े पत्थर भी बहकर गांव में आ गए।

लैंडस्लाइड के बाद पहाड़ से बड़े-बड़े पत्थर भी बहकर गांव में आ गए।

लैंडस्लाइड की वजह से घर, पेड़ और गाड़ियां बहकर जहां-तहां फंसे हुए थे।

लैंडस्लाइड की वजह से घर, पेड़ और गाड़ियां बहकर जहां-तहां फंसे हुए थे।

पहाड़ से मलबों के साथ लकड़ियों का ढेर भी आया। हटाने के लिए क्रेन लगाया गया।

पहाड़ से मलबों के साथ लकड़ियों का ढेर भी आया। हटाने के लिए क्रेन लगाया गया।

लैंडस्लाइड में कई जानवरों की भी मौत हुई है। यह इलाका पहाड़ों और जंगलों से घिरा हुआ है।

लैंडस्लाइड में कई जानवरों की भी मौत हुई है। यह इलाका पहाड़ों और जंगलों से घिरा हुआ है।

लापता लोगों को ढूंढ़ने के लिए स्थानीय लोग NDRF-SDRF की टीम की मदद कर रहे हैं।

लापता लोगों को ढूंढ़ने के लिए स्थानीय लोग NDRF-SDRF की टीम की मदद कर रहे हैं।

गांव में फंसे लोगों को निकालने के लिए छोटे-छोटे मैन मेड रेडिमेड पुल का निर्माण किया गया।

गांव में फंसे लोगों को निकालने के लिए छोटे-छोटे मैन मेड रेडिमेड पुल का निर्माण किया गया।

आर्मी की टीम रस्सियों के सहारे गांव में फंसे लोगों को बाहर निकाल रहे हैं।

आर्मी की टीम रस्सियों के सहारे गांव में फंसे लोगों को बाहर निकाल रहे हैं।

NDRF और केरल डिजास्टर रेस्क्यू फोर्स लोगों को मलबे से निकालने में जुटी हुई है।

NDRF और केरल डिजास्टर रेस्क्यू फोर्स लोगों को मलबे से निकालने में जुटी हुई है।

मलबे से शवों को निकालने का काम जारी है। 400 से ज्यादा लोगों के लापता होने की खबर है।

मलबे से शवों को निकालने का काम जारी है। 400 से ज्यादा लोगों के लापता होने की खबर है।

रेस्क्यू टीम लाशों को निकालकर केबल के सहारे नदी के पार पहुंचा रही है।

रेस्क्यू टीम लाशों को निकालकर केबल के सहारे नदी के पार पहुंचा रही है।

गांव में फंसी एक महिला और उसके बच्चे को NDRF ने रेस्क्यू किया। दोनों डरे-सहमे हुए थे।

गांव में फंसी एक महिला और उसके बच्चे को NDRF ने रेस्क्यू किया। दोनों डरे-सहमे हुए थे।

सेना ने प्रभावित 4 गांवों में रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। हेलिकॉप्टर से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया।

सेना ने प्रभावित 4 गांवों में रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। हेलिकॉप्टर से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया।

वायनाड हादसे के अपडेट्स..

  • वायनाड लैंडस्लाइड के बाद स्वास्थ्य विभाग ने कंट्रोल रूम बना दिया है। साथ ही इमरजेंसी हेल्थ सर्विस के लिए दो हेल्पलाइन नंबर 8086010833 और 9656938689 जारी किए। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज के मुताबिक वैथिरी, कलपट्टा, मेप्पाडी और मनंतवडी अस्पताल अलर्ट पर हैं।
  • कोझिकोड जिले के सभी पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों के जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके अलावा, सभी ग्रेनाइट खदानों को अस्थायी रूप से बंद करने के लिए कहा गया है।
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वायनाड में लैंडस्लाइड में मारे गए लोगों की मौत पर दुख जताया है। उन्होंने केरल सरकार को केंद्र की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। साथ ही मरने वालों के परिजन को 2-2 लाख रुपए का मुआवजा देने की घोषणा की। घायलों को 50 हजार रुपए दिए जाएंगे।
  • लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने वायनाड की घटना पर सरकार से हर संभव मदद पहुंचाने की अपील की है। वे कल वायनाड दौरे पर जाएंगे।
  • केरल के स्वास्थ्य मंत्री ऑफिस ने बताया है कि वायनाड के चूरलमाला में घायलों का इलाज करने के लिए एक मस्जिद और मदरसे में टेम्परेरी हॉस्पिटल बनाया गया है।

पीड़ितों की आपबीती: किसी ने कहा- हमें बचा लीजिए, कोई बोला- सब तबाह हो गया

  • महिला ने रोते कहा, नौशीन दलदल में फंस गई: चूरलमाला गांव की एक महिला ने कहा, ‘घर में कोई व्यक्ति मलबे में फंस गया है और उसे बाहर नहीं निकाला जा सका। कृपया कोई आए और हमारी मदद करे। हमने अपना घर खो दिया है। हमें नहीं पता कि नौशीन जीवित है या नहीं। वह दलदल में फंस गई है। हमारा घर शहर में ही है।’
  • पीड़ित ने कहा- मेरा मकान अब भी हिल रहा: चूरलमाला की गांव की एक और निवासी ने फोन पर बताया, ‘उनका मकान अब भी हिल रहा है। धरती हिल रही है। एक अन्य व्यक्ति ने फोन पर बताया कि मुंडक्कई में बड़ी संख्या में लोग मलबे में फंसे हैं और जिंदा रहने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। कृपया हमें बचाइए।’
  • बुजुर्ग ने बताया- हम घर में सो रहे थे, सब तबाह हो गया: एक घायल बुजुर्ग ने एक टेलीविजन चैनल को बताया, ‘उनकी पत्नी लापता हैं और उन्हें नहीं मालूम कि वह कहां हैं।’ उन्होंने बताया कि हम घर में सो रहे थे। अचानक एक तेज आवाज सुनाई दी और हमने बड़े-बड़े पत्थर तथा पेड़ों को हमारे मकान की छत पर गिरते हुए देखा। घर में बाढ़ का पानी घुस गया जिससे घर का दरवाजा टूट गया।
  • मुस्तफा अहमद ने कहा- जाग रहे थे इसलिए बच गए: इस आपदा में जीवित बचे मुस्तफा का कहना है, ‘रात 1:40 बजे, एक तेज आवाज आई और मेरे कमरे से लगभग 30 मीटर दूर एक घर पूरी तरह से ढह गया। उस वक्त हम सो नहीं रहे थे, हम तुरंत बाहर भागे। कई लोग फंस गए हैं इस घटना में पूरे गांव के लोग फंस गए हैं, मुझे बचा लिया गया है।’

वायनाड में लैंडस्लाइड की क्या वजह है

वायनाड, केरल के नॉर्थ-ईस्ट में है। यह केरल का एकमात्र पठारी इलाका है। यानी मिट्टी, पत्थर और उसके ऊपर उगे पेड़-पौधों के ऊंचे-नीचे टीलों वाला इलाका। जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक, केरल का 43% इलाका लैंडस्लाइड प्रभावित है।

वायनाड में काबिनी नदी है। इसकी सहायक नदी मनंतावडी ‘थोंडारमुडी’ चोटी से निकलती है। लैंडस्लाइड के कारण इसी नदी में बाढ़ आने से भारी नुकसान हुआ है।

वायनाड की 51% जमीन पहाड़ी ढलाने हैं। यानी लैंडस्लाइड की संभावना बहुत ज्यादा बनी रहती है। वायनाड का पठार वेस्टर्न घाट में 700 से 2100 मीटर की ऊंचाई पर है। मानसून की अरब सागर वाली ब्रांच देश के वेस्टर्न घाट से टकराकर ऊपर उठती है, इसलिए इस इलाके में मानसून सीजन में बहुत ज्यादा बारिश होती है।

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एड्स इंजेक्शन HIV इन्फेक्शन रोकने में 96% तक कारगर, Kiss से हो सकता है HIV एड्स

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 11 दिसंबर 2024 | जयपुर : HIV (ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस) एक बेहद खतरनाक वायरस है। काफी समय से डॉक्टर और वैज्ञानिक इसका इलाज ढूंढ रहे हैं। हाल ही में वैज्ञानिकों ने इस मामले में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने HIV इन्फेक्शन को रोकने वाला एक इंजेक्शन बनाया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह इंजेक्शन HIV इन्फेक्शन रोकने में 96% तक कारगर है।

एड्स इंजेक्शन HIV इन्फेक्शन रोकने में 96% तक कारगर, Kiss से हो सकता है HIV एड्स

एंटी HIV इंजेक्शन
एड्स इंजेक्शन HIV इन्फेक्शन रोकने में 96% तक कारगर, Kiss से हो सकता है HIV एड्स

इस इंजेक्शन का नाम लेनकापाविर (Lenacapavir) है। वैज्ञानिकों के अनुसार एक साल में इस वैक्सीन की दो डोज लेने से व्यक्ति HIV इन्फेक्शन के खतरे से पूरी तरह सुरक्षित रहेगा। अमेरिकन बायोफार्मास्युटिकल कंपनी गलियड (Gilead) द्वारा जारी और न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में पब्लिश डेटा के मुताबिक, लेनकापाविर टीका फेज-3 ट्रायल के दौरान HIV इन्फेक्शन को रोकने में 100% तक प्रभावी था। दक्षिण अफ्रीका और युगांडा की 5000 महिलाओं पर इस टीके का सफल परीक्षण किया गया।

इंडिया HIV एस्टिमेशन रिपोर्ट, 2023 के मुताबिक, भारत में 25 लाख से अधिक लोग HIV से पीड़ित हैं। हर साल करीब 66,400 लोग इसकी चपेट में आते हैं। पूरी दुनिया की बात करें तो वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) के मुताबिक, साल 2023 में करीब 4 करोड़ लोग HIV से पीड़ित थे। वहीं इस साल करीब 6,30,000 लोगों की इससे मौत हुई।

तो आज रिसर्च में हम HIV के बारे में बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि-

  • HIV क्या है?
  • ये कैसे फैलता है?
  • इससे बचने के क्या उपाय हैं?

HIV क्या है?

HIV एक ऐसा वायरस है, जो बॉडी के इम्यून सिस्टम पर हमला करता है। ये शरीर की व्हाइट ब्लड सेल्स को टारगेट करता है, जिससे इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। इसके कारण टीबी, सीवियर इन्फेक्शन और कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। अगर HIV का सही समय पर इलाज न किया जाए तो यह एक्वायर्ड इम्यूनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम (AIDS) का कारण बन सकता है।

HIV और AIDS में क्या अंतर है?

HIV वायरस इम्यून सिस्टम की कोशिकाओं को संक्रमित करके उसे धीरे-धीरे कमजोर करता है। इससे किसी भी तरह की बीमारी से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है। वहीं एड्स एक मेडिकल कंडीशन है, जिसका प्राइमरी कारण HIV इन्फेक्शन है।

इन्फेक्शन होने पर अगर समय पर पता न चले और इलाज न मिले तो इम्यूनिटी कमजोर होती जाती है और एड्स में बदल जाती है। वहीं अगर सही समय पर HIV का इलाज शुरू कर दिया जाए तो एड्स से बचा जा सकता है। इसलिए समय रहते HIV इन्फेक्शन का पता लगाना बेहद जरूरी है।

HIV किन कारणों से फैलता है?

HIV आमतौर पर संक्रमित व्यक्ति के बॉडी फ्लूइड यानी ब्लड, ब्रेस्ट मिल्क और स्पर्म के संपर्क से फैलता है। ये संक्रमित प्रेग्नेंट महिलाओं के जरिए बच्चे में फैल सकता है। इसके फैलने केे कई अन्य कारण भी हैं। इसे नीचे ग्राफिक से समझिए-

HIV का पता कैसे लगाया जा सकता है?

दिल्ली के श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीटयूट में इंटरनल मेडिसिन और इन्फेक्शियस डिजीज कंसल्टेंट डॉ. अंकित बंसल बताते हैं कि किसी को देखकर ये नहीं बताया जा सकता कि उसे HIV है या नहीं। आमतौर पर HIV इन्फेक्शन के शुरुआती दिनों में फ्लू जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।

कई बार HIV से संक्रमित होने के बावजूद व्यक्ति में कोई लक्षण नहीं दिखते। इसका पता लगाने के लिए ब्लड टेस्ट कराना ही एकमात्र तरीका है। इसलिए लंबे समय तक बीमार रहने या फ्लू के लक्षण दिखने पर भी व्यक्ति को HIV टेस्ट करवाना चाहिए।

HIV से कैसे बचें?

HIV इन्फेक्शन से बचने के कई उपाय हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण है, सुरक्षित यौन संबंध बनाना और नीडल, सीरिंज या अन्य इंजेक्शन लगाने वाले उपकरण साझा न करना। इसके अलावा और कौन से उपाय हैं, इसे नीचे ग्राफिक से समझिए-

क्या HIV पूरी तरह ठीक हो सकता है?

डॉ. अंकित बंसल बताते हैं कि अभी तक HIV का कोई परफेक्ट इलाज नहीं है। हालांकि इसके कुछ ट्रीटमेंट्स हैं। इनसे HIV से शरीर को होने वाले नुकसान को काफी हद तक कम किया जा सकता है। HIV ट्रीटमेंट दूसरों को संक्रमित होने से बचाता है और संक्रमित व्यक्ति को भी स्वस्थ रहने में मदद करता है।

HIV पॉजिटिव होने पर एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (ART) दी जाती है। हालांकि लेनकापाविर इंजेक्शन के सफल परीक्षण के बाद पूरी दुनिया में उम्मीद जगी है कि जल्द ही HIV का सटीक इलाज किया जा सकेगा।

क्या HIV छुआछूत से फैलता है?

डॉ. अंकित बंसल बताते हैं कि HIV कोई छुआछूत का वायरस नहीं है। इसलिए HIV संक्रमित व्यक्तियों से दूरी बनाने के बजाय उनके प्रति सहानुभूति और सपोर्ट दिखाना चाहिए। नीचे पॉइंटर्स से समझिए किन चीजों से HIV का खतरा नहीं होता है।

  • संक्रमित व्यक्ति को गले लगाने से।
  • एक साथ खाना खाने से।
  • एक ही कमरे में रहने से।
  • पब्लिक टॉयलेट या स्विमिंग पूल के इस्तेमाल से।
  • बर्तन या कपड़े शेयर करने से।
  • मच्छरों के काटने से।
  • संक्रमित व्यक्ति को ब्लड देने से।
  • आंसू या पसीने से।

क्या किस करने से HIV हो सकता है?

डॉ. अंकित बंसल बताते हैं HIV किस करने से नहीं फैलता। हालांकि अगर संक्रमित व्यक्ति के मुंह में खुले घाव हैं या मसूड़ों से खून आता है तो इन्फेक्शन हो सकता है।

क्या HIV पॉजिटिव व्यक्ति शारीरिक संबंध बना सकता है?

बहुत से लोग सोचते हैं कि HIV पॉजिटिव होने के बाद सेक्स नहीं किया जा सकता है, लेकिन यह सच नहीं है। HIV पॉजिटिव व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति की तरह ही शारीरिक संबंध बना सकता है। हालांकि इस दौरान इन्फेक्शन को रोकने के लिए प्रोटेक्शन का इस्तेमाल करना जरूरी है।

HIV पॉजिटिव होने पर अपनी केयर कैसे करें?

HIV पॉजिटिव होने पर घबराएं नहीं। खुद को मानसिक रूप से स्वस्थ रखें। इस बात का ध्यान रखें कि HIV पॉजिटिव होने के बावजूद खुशहाल जीवन जिया जा सकता है। इसके लिए निर्धारित समय पर अपनी दवाएं और समय-समय पर डॉक्टर की सलाह लेते रहें।

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IT एक्ट संशोधन असंवैधानिक, देशभर के यूट्यूबर्स को मुंबई हाईकोर्ट से बड़ी राहत

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 21 सितंबर 2024 | जयपुर : केंद्र सरकार फैक्ट चेक यूनिट नहीं बना सकेगी। बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को IT एक्ट में किए गए संशोधन को असंवैधानिक बताते हुए इसे रद्द करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि IT एक्ट में संशोधन जनता के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।

IT एक्ट संशोधन असंवैधानिक, देशभर के यूट्यूबर्स को मुंबई हाईकोर्ट से बड़ी राहत

दरअसल, केंद्र सरकार ने 2023 में IT नियमों में संशोधन किया था। सरकार इसके जरिए सोशल मीडिया और ऑनलाइन प्लेटफार्म पर झूठी या फर्जी खबरों की पहचान करने के लिए फैक्ट चेक यूनिट (FCU) बना सकती थी।

IT एक्ट संशोधन असंवैधानिक

इसी साल 20 मार्च को अधिसूचना जारी कर कहा था कि फैक्ट चेक यूनिट सरकार की तरफ से फैक्ट चेक करने का काम करेगी। उससे पहले केंद्र सरकार ने कहा था कि मामले की सुनवाई पूरी होने तक वो फैक्ट चेक यूनिट की अधिसूचना जारी नहीं करेगी।

बॉम्बे हाईकोर्ट के टाईब्रेकर जज ने सुनाया फैसला

जनवरी 2024 में बेंच में शामिल दो जजों जस्टिस गौतम पटेल और जस्टिस नीला न्यायमूर्ति ने अलग-अलग फैसला दिया था। इसके बाद यह केस टाईब्रेकर जज जस्टिस एएस चंदुरकर के पास भेजा गया था। जब दो जजों के फैसले पर अलग-अलग मत होते हैं तब इसे टाईब्रेकर जज के पास भेजा जाता है।

जस्टिस पटेल और जस्टिस गोखले ने क्या कहा था जस्टिस गौतम पटेल: संशोधित IT नियम सेंसरशिप के समान हैं।

जस्टिस गोखले: दिए जा रहे तर्कों के मुताबिक फ्री स्पीच पर विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा।

कॉमेडियन कुणाल कामरा और एडिटर्स गिल्ड ने लगाई याचिका

IT नियमों में संशोधन के खिलाफ कॉमेडियन कुणाल कामरा, एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया, न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एंड डिजिटल एसोसिएशन और एसोसिएशन ऑफ इंडियन मैगजीन ने सबसे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।

इसमें तीन रूल को चुनौती दी गई थी। ये रूल केंद्र सरकार को झूठी ऑनलाइन खबरों की पहचान करने के लिए FCU बनाने का अधिकार देते हैं। एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने ये भी कहा था कि फेक न्यूज तय करने की शक्तियां पूरी तरह से सरकार के हाथ में होना प्रेस की आजादी के विरोध में है।

याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि ये संशोधन सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 79 के अधिकार क्षेत्र से बाहर हैं। इसके साथ ही संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) और अनुच्छेद 19(1)(a)(g) (कोई भी पेशा अपनाने, या कोई व्यवसाय, व्यापार या कारोबार करने की स्वतंत्रता) का उल्लंघन करता है।

21 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने फैक्ट चेक यूनिट बनाने पर रोक लगाई

केंद्र सरकार ने 20 मार्च 2024 को फैक्ट चेक यूनिट बनाने का नोटिफिकेशन जारी किया था। 21 मार्च को इस नोटिफिकेशन पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी। ये रोक तब तक के लिए लगाई थी, जब तक बॉम्बे हाईकोर्ट इस मामले में दायर याचिकाओं पर सुनवाई ना कर ले। कोर्ट ने कहा था कि ये अभिव्यक्ति की आजादी का मामला है।

अश्विनी वैष्णव ने कहा था- केंद्र के लिए फैक्ट-चेक यूनिट जरूरी

केंद्रीय IT मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि केंद्र सरकार के लिए अपनी फैक्ट-चेक यूनिट स्थापित करना जरूरी है। सरकार अपनी नीतियों और अन्य योजनाएं से जुड़े सवालों का जवाब देने के लिए सबसे उपयुक्त है।

अश्विनी वैष्णव ने एक न्यूज चैनल के इवेंट में ये बातें कहीं। उन्होंने कहा- हाल ही में एक विपक्षी पार्टी ने पोस्ट किया कि भारतीय रेलवे के पैसेंजर्स 80% तक कम हो गए हैं। इस तरह की गलत जानकारी से बचने के लिए आपको रेलवे से सही आंकड़ा पूछना होगा। फैक्ट्स तो फैक्ट्स हैं।

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा- फैक्ट-चेक यूनिट को लेकर हमारा प्रस्ताव केंद्र के काम से संबंधित फैक्ट्स और आंकड़ों तक ही सीमित था। दुर्भाग्य से सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी। हालांकि, हम कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) के अंतर्गत फैक्ट चेक यूनिट (FCU) का गठन करने वाली केंद्र सरकार की अधिसूचना पर रोक लगा दी। केंद्र ने एक दिन पहले बुधवार यानी 20 मार्च को ही आईटी यानी सूचना प्रौद्योगिकी नियमों के तहत फैक्ट चेक यूनिट को नोटिफाई किया था।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘यह यूनिट अभिव्यक्ति की आजादी के खिलाफ है।’ यह फैक्ट चेक यूनिट केंद्र सरकार के बारे में सोशल मीडिया में वायरल हो रही फर्जी सूचनाओं और पोस्ट की पहचान करने के साथ उसे प्रतिबंधित करने के लिए बनाई जानी थी।

CJI चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने बॉम्बे हाईकोर्ट के 11 मार्च के आदेश को भी रद्द कर दिया, जिसमें फैक्ट चेकिंग यूनिट बनाने पर रोक लगाने वाली याचिका को खारिज कर दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा और एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया की याचिका पर यह फैसला दिया।

PIB फैक्ट चेक यूनिट मामले को सवाल-जवाब में समझिए

1. PIB फैक्ट चेक यूनिट कैसे काम करती है?

प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो यानी PIB फैक्ट चेक के जरिए सरकार से जुड़ी खबरों का खंडन करता है। कहने का मतलब अगर न्यूजपेपर/ऑनलाइन मीडिया/ या अन्य किसी प्लेटफॉर्म पर पब्लिश किसी खबर में सरकार के कामकाज को लेकर भ्रामक तथ्य हैं या सरकार या उसकी छवि खराब करने वाली बात कही गई है, तो उनका तथ्यों के साथ एनालिसिस कर फैक्ट चेक किया जाता है।

2. PIB फैक्ट चेक यूनिट फैक्ट चेक को कहां पोस्ट करती है

सोशल मीडिया X, फेसबुक, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम और Koo पर @PIBFactCheck के नाम से अकाउंट है। यहीं पर खबरों का फैक्ट चेक कर पब्लिश किया जाता है। इसके अलावा https://pib.gov.in/factcheck.aspx पर भी जानकारी दी जाती है।

PIB की फैक्ट चेक यूनिट सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर भ्रामक दावों को लेकर अक्सर पोस्ट करती रहती है।

PIB की फैक्ट चेक यूनिट सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर भ्रामक दावों को लेकर अक्सर पोस्ट करती रहती है।

3. सरकार ने इस यूनिट को कब बनाया

PIB की वेबसाइट के अनुसार, इस यूनिट को नवंबर 2019 में शुरू किया गया था। ये न्यूजपेपर, ऑनलाइन मीडिया या अन्य किसी प्लेटफॉर्म पर पब्लिश किसी खबर में सरकार के कामकाज को लेकर भ्रामक तथ्य हैं या सरकार की छवि खराब करने वाली कोई बात कही गई है, तो उनका तथ्यों के साथ एनालिसिस कर फैक्ट चेक करती है।

4. सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक क्यों लगाई?

PIB फैक्ट चेक यूनिट के पास पहले लीगल एक्शन लेने का अधिकार नहीं था। इसी को ध्यान में रखकर अप्रैल 2023 में सूचना प्रौद्योगिकी नियम, 2021 में संशोधन किए गए थे। इसके तहत कोई खबर या पोस्ट जो सरकार के बारे में गलत या भ्रामक जानकारी दे रही है, उसे PIB के सभी सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट किया जाएगा।

इसके बाद जिसने यह गलत या भ्रामक जानकारी दी थी, उसे यह हटाना पड़ेगा। अगर वह ऐसा नहीं करता है तो उसके खिलाफ लीगल एक्शन लिया जा सकता है। इसे 20 मार्च 2024 को सरकार ने नोटिफाई किया।

5. क्यों हो रहा है विरोध

IT नियमों में संशोधन के खिलाफ कॉमेडियन कुणाल कामरा, एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया, न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एंड डिजिटल एसोसिएशन और एसोसिएशन ऑफ इंडियन मैगजीन ने सबसे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें कहा गया था कि ये नियम असंवैधानिक और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करते हैं।

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने ये भी कहा था कि फेक न्यूज तय करने की शक्तियां पूरी तरह से सरकार के हाथ में होना प्रेस की आजादी के विरोध में है।

6. बॉम्बे हाईकोर्ट ने क्या फैसला दिया?

संशोधित याचिका पर फैसला देते हुए जस्टिस जीएस पटेल ने संशोधन के विरोध में और जस्टिस नीला गोखले ने उसके पक्ष में फैसला दिया था। जब मामला तीसरे जज जस्टिस चंदूरकर के पास गया तो उन्होंने संशोधन पर स्टे लगाने से मना कर दिया।

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हालांकि पहले केंद्र सरकार ने कहा था कि मामले की सुनवाई पूरी होने तक वो फैक्ट चेक यूनिट की अधिसूचना जारी नहीं करेगी, लेकिन तीसरे जज के संशोधन पर रोक लगाने से मना करने के बाद कोर्ट ने सरकार को अधिसूचना लाने की इजाजत दे दी थी। बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले से नाखुश याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। इस पर 21 मार्च को सुनवाई तय की गई थी।

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