अथ अडाणी कथा ‘सेबी प्रमुख के साथ मिलकर लूटा देश’ हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 11 अगस्त 2024 |  जयपुर : अडाणी ग्रुप पर वित्तीय अनियमितता के आरोप लगाकर चर्चा में आई अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने शनिवार को मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) की प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

अथ अडाणी कथा ‘सेबी प्रमुख के साथ मिलकर लूटा देश’ हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट

व्हिसलब्लोअर दस्तावेजों के आधार पर हिंडनबर्ग ने दावा किया है कि इन दोनों की मॉरीशस की ऑफशोर कंपनी ‘ग्लोबल डायनामिक अपॉर्च्युनिटी फंड’ में हिस्सेदारी है, जिसमें कथित तौर पर गौतम अडाणी के भाई विनोद अडाणी ने अरबों डॉलर निवेश किए हैं। इस पैसे का इस्तेमाल शेयरों के दामों में तेजी लाने के लिए किया गया।

अथ अडाणी कथा ‘सेबी प्रमुख के साथ मिलकर लूटा देश’ हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट

शनिवार देर रात बुच दंपती ने बयान जारी कर इन आरोपों का खंडन किया है। PTI के हवाले से उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट में किए गए निराधार दावों को हम सिरे से खारिज करते हैं। इनमें कोई सच्चाई नहीं है। हमारी जिंदगी और हमारे फाइनेंस खुली किताब हैं। बीते कई साल में हमने SEBI को सारी जानकारी मुहैया कराई है।

हिंडनबर्ग का आरोप- SEBI प्रमुख ने अडाणी समूह के खिलाफ कार्रवाई नहीं की

हिंडनबर्ग का आरोप है कि अडाणी समूह पर किए खुलासे के सबूत होने और 40 से ज्यादा स्वतंत्र मीडिया पड़ताल में यह बात साबित होने के बावजूद SEBI ने कोई कार्रवाई नहीं की। इन आरोपों की पड़ताल का जिम्मा SEBI प्रमुख पर ही था। लेकिन इसके उलट SEBI ने 27 जून 2024 को उसे ही नोटिस दे दिया। हालांकि SEBI अडाणी पर उसकी 106 पेज की रिपोर्ट में गलती नहीं पकड़ सकी।

हिंडनबर्ग ने जनवरी 2023 में अडाणी ग्रुप की कंपनियों से जुड़ा दावा किया था। इसके बाद ग्रुप का वैल्यूएशन 7.20 लाख करोड़ रुपए तक गिर गया था। मामला सुप्रीम कोर्ट गया, जहां ग्रुप को क्लीन चिट दी गई थी। बाद में कंपनी के शेयरों ने तेजी से रिकवरी कर ली थी।

हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट की बड़ी बातें

  • अडाणी ग्रुप पर हमारी रिपोर्ट के लगभग 18 महीने हो चुके हैं। रिपोर्ट में इस बात के पुख्ता सबूत पेश किए गए थे कि अडाणी ग्रुप कॉर्पोरेट इतिहास में सबसे बड़ा घोटाला कर रहा था।
  • हमारी रिपोर्ट ने ऑफशोर, मुख्य रूप से मॉरीशस बेस्ड शेल एंटिटीज के एक जाल को उजागर किया था। जिनका इस्तेमाल संदिग्ध अरबों डॉलर के अनडिस्क्लोज्ड रिलेटेड पार्टी ट्रांजेक्शन, अनडिस्क्लोज्ड इन्वेस्टमेंट और स्टॉक मैनिपुलेशन के लिए किया गया था।
  • सभी सबूतों के अलावा 40 से ज्यादा इंडिपेंडेंट मीडिया इन्वेस्टिगेशन ने हमारी रिपोर्ट की पुष्टि थी। इसके बावजूद SEBI ने अडाणी ग्रुप के खिलाफ कोई पब्लिक एक्शन नहीं लिया।
  • जुलाई 2024 में SEBI ने हमें कारण बताओ नोटिस भेजा था। जिसके जवाब में हमने लिखा था कि हमें यह अजीब लगा कि कैसे SEBI को एक रेगुलेटर होने के बावजूद फ्रॉड प्रैक्टिसेस को बचाने के लिए सेट-अप किया गया था।
  • SEBI ने फ्रॉड प्रैक्टिसेस से जुड़ी पार्टियों की जांच करने में बहुत कम रुचि दिखाई। यह लोग पब्लिक कंपनियों के जरिए अरबों डॉलर के अनडिस्क्लोज्ड रिलेटेड पार्टी ट्रांजेक्शंस में लगे हुए एक सीक्रेट ऑफशोर शेल एम्पायर को चलाते थे। इसके अलावा नकली निवेश एंटिटीज के एक नेटवर्क के जरिए अपने शेयरों को बढ़ाते थे।
  • ‘IPE प्लस फंड’ एक छोटा ऑफशोर मॉरीशस फंड है, जिसे अडाणी डायरेक्टर ने इंडिया इंफोलाइन (IIFL) के जरिए स्थापित किया है, जो वायरकार्ड स्कैंडल से जुड़ी एक वेल्थ मैनेजमेंट फर्म है।
  • गौतम अडाणी के भाई विनोद अडाणी ने इस स्ट्रक्चर का यूज इंडियन मार्केट्स में निवेश करने के लिए किया, जिसमें अडाणी ग्रुप को पावर इक्विपमेंट्स के ओवर इनवॉइसिंग से मिला फंड शामिल था।
  • SEBI चीफ और उनके पति धवल बुच की अस्पष्ट ऑफशोर बरमूडा और मॉरीशस फंड में हिस्सेदारी थी। विनोद अडाणी ऑफशोर बरमूडा और मॉरीशस फंड का यूज भी स्ट्रक्चर की तरह करते थे।
  • डॉक्यूमेंट्स के अनुसार, माधबी बुच और उनके पति धवल बुच ने पहली बार 5 जून 2015 को सिंगापुर में IPE प्लस फंड-1 में अपना अकाउंट ओपन किया था।

हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि अडाणी समूह को लेकर जनवरी 2023 में किए गए खुलासों के बावजूद SEBI ने अडाणी ग्रुप के खिलाफ कोई पब्लिक एक्शन नहीं लिया।

धवल बुच पर आरोप: माधबी का नाम हटवाया

हिंडनबर्ग का आरोप है कि माधबी के SEBI की पूर्णकालिक सदस्य बनने से कुछ हफ्तों पहले 22 मार्च 2017 को उनके पति धवल बुच ने मॉरीशस फंड प्रशासक ट्राइडेंट ट्रस्ट को ईमेल भेजकर बताया था कि उनका और उनकी पत्नी का ग्लोबल डायनामिक अपॉर्च्युनिटी फंड में निवेश है।

धवल ने आग्रह किया था कि इस फंड को उन्हें अकेले ऑपरेट करने दिया जाए। साफ है कि SEBI में अहम नियुक्ति से पहले धवल इससे पत्नी का नाम हटाना चाहते थे। हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि अडाणी समूह को लेकर जनवरी 2023 में किए गए खुलासों के बावजूद SEBI ने अडाणी ग्रुप के खिलाफ कोई पब्लिक एक्शन नहीं लिया।

विपक्ष बोला-अब पता चला संसद सत्र जल्दी क्यों खत्म कर दिया

कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘अब पता चला कि संसद सत्र 9 अगस्त को अचानक क्यों स्थगित कर दिया गया।’ उन्होंने लैटिन वाक्य का भी इस्तेमाल किया, जिसका अर्थ है, ‘खुद प्रहरी की सुरक्षा कौन करेगा?’ शिवसेना (उद्धव) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, ‘स्पष्ट हो गया है कि SEBI ने अडाणी की कंपनियों का विवरण क्यों नहीं दिया था।’

शिवसेना (UBT) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि अब समझ आया हमारे लेटर्स का कोई जवाब क्यों नहीं मिल रहा था।

शिवसेना (UBT) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि अब समझ आया हमारे लेटर्स का कोई जवाब क्यों नहीं मिल रहा था।

अडाणी ग्रुप पर लगाए थे मनी लॉन्ड्रिंग, शेयर मैनिपुलेशन जैसे आरोप

24 जनवरी 2023 को हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडाणी ग्रुप को लेकर एक रिपोर्ट पब्लिश की थी। रिपोर्ट के बाद ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली थी। हालांकि, बाद में इसमें रिकवरी आई। इस रिपोर्ट को लेकर भारतीय शेयर बाजार रेगुलेटर सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने हिंडनबर्ग को 46 पेज का कारण बताओ नोटिस भी भेजा था।

1 जुलाई 2024 को पब्लिश किए अपने एक ब्लॉग पोस्ट में हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा कि नोटिस में बताया गया है कि उसने नियमों उल्लंघन किया है। कंपनी ने कहा, SEBI ने आरोप लगाया है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में पाठकों को गुमराह करने के लिए कुछ गलत बयान शामिल हैं। इसका जवाब देते हुए हिंडनबर्ग ने SEBI पर ही कई तरह के आरोप लगाए थे।

हिंडनबर्ग का आरोप- SEBI धोखेबाजों को बचा रहा

  • हिंडनबर्ग ने कहा, ‘हमारे विचार में, SEBI ने अपनी जिम्मेदारी की उपेक्षा की है, ऐसा प्रतीत होता है कि वह धोखाधड़ी करने वालों से निवेशकों की रक्षा करने के बजाय धोखाधड़ी करने वालों की रक्षा करने के लिए अधिक प्रयास कर रहा है।’
  • हिंडनबर्ग ने कहा- ‘भारतीय बाजार के सूत्रों के साथ चर्चा से हमारी समझ यह है कि सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया की अडाणी को गुप्त सहायता हमारी जनवरी 2023 की रिपोर्ट के पब्लिश होने के लगभग तुरंत बाद शुरू हो गई थी।’
  • ‘हमारी रिपोर्ट के बाद हमें बताया गया कि SEBI ने पर्दे के पीछे ब्रोकर्स पर अडाणी के शेयरों में शॉर्ट पोजीशन्स को क्लोज करने का दबाव डाला। इससे खरीदारी का दबाव बना और महत्वपूर्ण समय में अडाणी ग्रुप के शेयरों को मदद मिली।’
  • हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपने ब्लॉग में कहा- ‘जब जनता और सुप्रीम कोर्ट पर इस मामले की जांच करने के लिए दबाव डाला गया, तो SEBI लड़खड़ाता हुआ दिखाई दिया। शुरुआत में, यह हमारी रिपोर्ट के कई प्रमुख निष्कर्षों से सहमत प्रतीत हुआ।’
  • इसका एक उदाहरण देते हुए रिसर्च फर्म ने कहा- सुप्रीम कोर्ट केस रिकॉर्ड के अनुसार: SEBI खुद को संतुष्ट करने में असमर्थ है कि FPIs को फंड देने वाले अडाणी से जुड़े नहीं हैं। बाद में SEBI ने आगे जांच करने में असमर्थ होने का दावा किया।

हिंडनबर्ग का आरोप उदय कोटक की फर्म को बचा रही SEBI

हिंडनबर्ग ने कहा कि उदय कोटक की स्थापित ब्रोकरेज फर्मों ने ऑफशोर फंड स्ट्रक्चर बनाया, जिसका इस्तेमाल उसके इन्वेस्टर पार्टनर ने अडाणी ग्रुप के शेयरों को शॉर्ट सेल कर फायदा उठाने के लिए किया।

SEBI ने नोटिस में केवल के-इंडिया अपॉर्चुनिटीज फंड का नाम रखा और ‘कोटक’ नाम को संक्षिप्त नाम ‘KMIL’ से छिपा दिया। KMIL यानी, कोटक महिंद्रा इन्वेस्टमेंट है। इसमें कहा गया है कि बैंक के फाउंडर उदय कोटक ने कॉरपोरेट गवर्नेंस पर SEBI की 2017 की कमेटी का व्यक्तिगत रूप से नेतृत्व किया था। उन्होंने कहा था कि …

“हमें संदेह है कि SEBI की ओर से कोटक या कोटक बोर्ड के किसी अन्य सदस्य का उल्लेख न करने का मतलब एक और शक्तिशाली भारतीय व्यवसायी को जांच की संभावना से बचाना हो सकता है, जिसे SEBI स्वीकार करती दिख रही है।” 1985 में उदय ने कोटक महिंद्रा फाइनेंस लिमिटेड की शुरुआत की थी।

1985 में उदय ने कोटक महिंद्रा फाइनेंस लिमिटेड की शुरुआत की थी।

SEBI ने कारण बताओ नोटिस में 4 बड़ी बाते कहीं थीं

  • हिंडनबर्ग रिपोर्ट के पब्लिकेशन से ठीक पहले और बाद में अडाणी एंटरप्राइजेज के शेयर में कुछ संस्थाओं की ट्रेडिंग एक्टिविटी के मामले में कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। हिंडनबर्ग रिपोर्ट जारी होने से पहले, अडाणी एंटरप्राइजेज के डेरिवेटिव में शॉर्ट-सेलिंग एक्टिविटी में कंसन्ट्रेशन देखा गया था।
  • रिपोर्ट जारी होने के बाद, 24 जनवरी, 2023 से 22 फरवरी, 2023 की अवधि के दौरान अडाणी एंटरप्राइजेज के शेयरों की कीमत में लगभग 59% की गिरावट आई। 24 जनवरी 2023 से 22 फरवरी 2023 की इस अवधि के दौरान शेयरों में किस तरह बदलाव आया उसे भी SEBI ने अपने नोटिस में बताया है।
  • के इंडिया अपॉर्चुनिटीज फंड लिमिटेड ने एक ट्रेडिंग अकाउंट खोला और रिपोर्ट के पब्लिश होने से कुछ दिन पहले ही अडाणी एंटरप्राइजेज के शेयर में ट्रेडिंग करना शुरू किया, और फिर हिंडनबर्ग रिपोर्ट के प्रकाशन के बाद अपनी शॉर्ट पोजीशन को स्क्वायर ऑफ कर लिया। इससे183.24 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ।
  • हिंडनबर्ग रिपोर्ट ने “स्कैंडल” जैसे कैची हेडलाइन के उपयोग के माध्यम से जानबूझकर कुछ तथ्यों को सनसनीखेज और डिस्टॉर्ट किया। SEBI ने नोटिस में कहा कि हिंडनबर्ग रिसर्च ने बिना किसी साक्ष्य के अपनी रिपोर्ट में गलत बयानी की।

पिछली रिपोर्ट के बाद शेयर अडाणी एंटरप्राइजेज का शेयर 59% गिरा था

24 जनवरी 2023 (भारतीय समय के अनुसार 25 जनवरी) को अडाणी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज के शेयर का प्राइस 3442 रुपए था। 25 जनवरी को ये 1.54% गिरकर 3388 रुपए पर बंद हुआ था। 27 जनवरी को शेयर के भाव 18% गिरकर 2761 रुपए पर आ गए थे।

22 फरवरी तक ये 59% गिरकर 1404 रुपए तक पहुंच गए थे। हालांकि, बाद में शेयर में रिकवरी देखने को मिली। बीते दिन शुक्रवार को अडाणी एंटरप्राइजेज का शेयर 0.60% की तेजी के साथ 3,186 रुपए के स्तर पर बंद हुआ।

शॉर्ट सेलिंग यानी, पहले शेयरों को बेचना और बाद में खरीदना

शॉर्ट सेलिंग का मतलब उन शेयरों को बेचने से है जो ट्रेड के समय ट्रेडर के पास होते ही नहीं हैं। इन शेयरों को बाद में खरीद कर पोजीशन को स्क्वायर ऑफ किया जाता है। शॉर्ट सेलिंग से पहले शेयरों को उधार लेने या उधार लेने की व्यवस्था जरूरी होती है।

यह भी पढ़ें : हिंडनबर्ग न्यू रिपोर्ट में सेबी अध्यक्ष और उनके पति पर गंभीर आरोप

आसान भाषा में कहे तो जिस तरह आप पहले शेयर खरीदते हैं और फिर उसे बेचते हैं, उसी तरह शॉर्ट सेलिंग में पहले शेयर बेचे जाते हैं और फिर उन्हें खरीदा जाता है। इस तरह बीच का जो भी अंतर आता है, वही आपका प्रॉफिट या लॉस होता है।

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‘अमेरिका फर्स्ट’ पॉलिसी ट्रम्प ने दुनियाभर में विदेशी मदद पर लगायी रोक

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 26 जनवरी 2025 | जयपुर : अमेरिका में ट्रम्प प्रशासन ने शुक्रवार से इजराइल, मिस्र और फूड प्रोग्राम को छोड़कर विदेशी देशों को मिलने वाली सभी मदद पर रोक लगा दी है। न्यूज एजेंसी AFP के मुताबिक अमेरिकी विदेश मंत्रालय के इस आदेश में गरीब देशों को मिलने वाले स्वास्थ्य मदद पर भी रोक लगा दी गई है।

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विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी अधिकारियों और दूतावासों को इस संबंध में नोटिस भेजा है। लीक हुआ यह नोटिस ट्रम्प के शपथ ग्रहण के बाद जारी कए गए एग्जीक्यूटिव ऑर्डर के बाद आया है। इसमें विदेश नीति की समीक्षा करने तक 90 दिनों के लिए विदेश में दी जाने वाली सभी प्रकार की सहायता पर रोक लगा दी गई है।

‘अमेरिका फर्स्ट’ पॉलिसी ट्रम्प ने दुनियाभर में विदेशी मदद पर लगायी रोक

वित्तपोषण पर रोक के दौरान अमेरिकी विदेश विभाग इस बात की समीक्षा करेगा कि कौन सी अमेरिकी सहायता और विकास कार्यक्रमों को जारी रखा जा सकता। इस आदेश से मानवीय सहायता से जुड़े अधिकारियों को काफी निराशा हुई, क्योंकि अमेरिका के इस फैसले से दुनियाभर में स्वास्थ्य कार्यक्रमों की नई फंडिंग पर भी रोक लग गई है।

अमेरिका सरकार के इस आदेश के बाद दुनियाभर में स्वास्थ्य, शिक्षा, विकास, रोजगार जुड़े कई प्रोजेक्ट्स के बंद होने का खतरा बढ़ गया है। दरअसल, अमेरिका इन सभी विदेशी प्रोजेक्ट्स के लिए सबसे ज्यादा फंड्स मुहैया कराता है।

डोनाल्ड ट्रम्प ने ‘अमेरिका फर्स्ट’ पॉलिसी के तहत सभी विदेशी मदद पर रोक लगा दी है। हालांकि इजराइल-मिस्र को सैन्य सहायता और फूड प्रोग्राम को मदद मिलती रहेगी। इस आदेश के बाद दुनियाभर में स्वास्थ्य, शिक्षा और विकास से जुड़े कई प्रोजेक्ट्स बंद हो सकते हैं। दरअसल, अमेरिका इन विदेशी प्रोजेक्ट्स के लिए सबसे ज्यादा फंड्स मुहैया कराता है। फैसले का सबसे ज्यादा असर यूक्रेन पर पड़ेगा, जिसे बाइडेन सरकार ने अरबों डॉलर की मदद दी थी।

इजराइल और मिस्र को छूट क्यों मिली

इजराइल और मिस्र दोनों ही देश अमेरिका के लिए काफी रणनीतिक महत्व रखते हैं। इजराइल को अमेरिकी हथियारों की बड़ी सप्लाई मिलती रही है, जो गाजा युद्ध के बाद और बढ़ गई है। वहीं, मिस्र को 1979 में इजराइल के साथ पीस एग्रीमेंट के बाद से मिलिट्री फंडिंग मिलती रही है। अमेरिका फूड प्रोग्राम के तहत सूडान और सीरिया में भी मदद भेजता है।

यूक्रेन पर सबसे ज्यादा असर

माना जा रहा है कि ट्रम्प सरकार के इस फैसले का सबसे ज्यादा असर यूक्रेन पर पड़ सकता है। पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन के कार्यकाल में यूक्रेन को रूस से मुकाबला करने के लिए अरबों डॉलर की सैन्य मदद मिली थी। यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) के एक अधिकारी ने न्यूयॉर्क टाइम्स से कहा कि यूक्रेन में सभी अधिकारियों को काम बंद करने को कहा गया है।

अधिकारी ने कहा कि जिन प्रोजेक्ट्स को रोका गया है उनमें स्कूलों को सहायता, आपातकालीन मातृ देखभाल और बच्चों के टीकाकरण जैसे स्वास्थ्य सहायता कार्यक्रम भी शामिल हैं। अमेरिका ने साल 2023 में यूक्रेन को 17.2 बिलियन डॉलर (1.4 लाख करोड़ रुपए) से ज्यादा की मदद की थी।

विदेश विभाग समीक्षा के बाद लेगा वित्तपोषण जारी रखने का फैसला

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दूतावासों को भेजे गए आदेश में कहा गया है कि फंडिंग रोकने का फैसला यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया है कि फंडिंग प्रभावी हो और राष्ट्रपति ट्रंप की विदेश नीति के अनुरूप हो। तीन महीने के भीतर विदेश विभाग की समीक्षा पूरी होने की उम्मीद है और इसके बाद राष्ट्रपति से सिफारिशें करने के लिए कि कौन सी विदेशी सहायता जारी रखी जाए और कौन सी बंद कर दी जाएं, इस संबंध में विदेश विभाग एक रिपोर्ट तैयार करेगा, जिसे विदेश मंत्री मार्को रूबियो, राष्ट्रपति ट्रंप के सामने पेश करेंगे। 

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जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने 48 सीआई और 3 एसआई के किये तबादले

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 23 जनवरी 2025 | जयपुर : जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने एक आदेश जारी कर जयपुर सिटी में लगे हुए 48 सीआई और 3 एसआई के तबादले किये हैं। हैरानी की बात यह है कि इस बार तीन एसआई को जयपुर कमिश्नरेट के दो थानों की जिम्मेदारी दी हैं। जब की पुलिस लाइन में बड़ी संख्या में सीआई मौजूद हैं। 

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राजस्थान में ट्रांसफर-पोस्टिंग का दौर जारी है। प्रदेश में तबादलों पर प्रतिबंध को 10 जनवरी से बढ़ा कर 15 जनवरी किया गया था। वहीं अब राजस्थान पुलिस विभाग में दो दिनों से भारी संख्या में तबादलों की सूची जारी हो रही है।

जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने 48 सीआई और 3 एसआई के किये तबादले

बीते मंगलवार यानी 14 जनवरी को पुलिस विभाग ने 27 सहायक उपनिरीक्षक और 64 हेड कॉन्स्टेबल के ट्रांसफर की सूची जारी की थी। अब बुधवार (15 जनवरी) को भारी संख्या में पुलिस इंस्पेक्टर के तबादले की सूची जारी की गई है।

नाम वर्तमान पद नवीन पद
महेश शर्मा बनीपार्क थाना बस्सी थाना
श्रीराम मीणा नवीन पदस्थापन तुंगा थाना
धर्मेंन्द्र शर्मा नवीन पदस्थापन एसएमएस थाना
आशुतोष (एसआई) अपराध शाखा कमिश्नरेट गांधी नगर थाना
महावीर यादव पुलिस लाइन करणी विहार थाना
मनीष शर्मा दौलतपुरा सेज थाना
भरतलाल मीणा जिला विशेष शाखा बिंदायका थाना
श्याम सुंदर एसआई अपराध शाखा कमिश्नरेट सिंधी कैम्प थाना
वीरेन्द्र कुरील नवीन पदस्थापन बनीपार्क थाना
लाखन सिंह नवीन पदस्थापन करधनी थाना
कविता शर्मा महेश नगर कालवाड़ थाना
सवाई सिंह नवीन पदस्थापन मुरलीपुरा थाना
नंदलाल जिला विशेष शाखा दौलपुरा थाना
मनोहर लाल अपराध सहायक जयपुर चाकसू थाना
हवा सिंह यादव नवीन पदस्थापन शिवदासपुरा थाना
उदय सिंह शेखावत नवीन पदस्थापन कोटखावदा थाना
इंदु शर्मा सेज महिला थाना दक्षिण
कैलाश चंद बिश्नोई भट्टा बस्ती अशोक नगर थाना
संतरा मीणा नवीन पदस्थापन ज्योति नगर थाना
बनवारी लाल नवीन पदस्थापन विद्यायकपुरी थाना
गुंजन वर्मा नवीन पदस्थापन महेश नगर थाना
मुकेश मीणा नवीन पदस्थापन भट्टा बस्ती थाना
रतन सिंह एसआई कालवाड़ नाहरगढ़ थाना
एकता राज नवीन पदस्थापन महिला थाना उत्तर
राजेश गौतम नवीन पदस्थापन ब्रह्मपुरी थाना
मंजु कुमारी मानसरोवर पर्यटक थाना
पूनम चौधरी विद्यायकपुरी थाना मेट्रो थाना
माधो सिंह अपराध शाका कमिश्नरेट दुर्घटना ईकाई पश्चिम
नवरतन धौलिया नवीन पदस्थापन टीआई उत्तर
गौतम डोटासरा नाहरगढ़ टीआई प्रथम दक्षिण
राजीव यदुवंशी बस्सी थाना टीआई ईस्ट
रमेश पारीक ज्योत नगर टीआई ईस्ट तृतीय
दिलीप कुमार सोनी पुलिस लाइन सड़क दुर्घटना इकाई उत्तर
मनोज बेरवाल नवीन पदस्थापन सड़क दुर्घटना इकाई दक्षिण
उमेश बेनीवाल अशोक नगर सड़क दुर्घटना इकाई पूर्व
जयदेव सिंह दुर्घटना थाना पश्चिम पुलिस लाइन
लक्ष्मी नारायण तुंगा थाना पुलिस लाइन
राज कुमार मीणा गांधी नगर थाना पुलिस लाइन
अब्दुल वहीद कोटखावदा पुलिस लाइन
मंजुला मीणा महिला थाना उत्तर पुलिस लाइन

कमिश्नर की ओर से जारी की गई लिस्ट में 25 सीआई और चार दुर्घटना अनुसंधान इकाइयों के प्रभारी बदले हैं। सीपी ने गांधी नगर,नाहरगढ़ और सिंधी कैम्प जैसे सबसे व्ययस्तम थानों में तीन एसआई को लगाया हैं।

इसमें रतसिंह एसआई को नाहरगढ़, आशुतोष एसआई को गांधी नगर और श्याम सुंदर एसआई को सिंधी कैम्प थाने की जिम्मेदारी दी गई हैं। आज इन सभी सीआई और एसआई को ज्यॉइनिंग करने के भी आदेश दिए गए हैं।

राजस्थान पुलिस महकमें में गुरुवार को बड़ा फेरबदल हुआ था

राजस्थान पुलिस महक में में गुरुवार को बड़ा फेरबदल हुआ है। मंगलवार को 179 पुलिस उपनिरक्षकों की तबादला सूची जारी की गई है। इन इंस्पेक्टर्स को एक रेंज से दूसरी रेंज में ट्रांसफर किया है। सबसे ज़्यादा तबादले जयपुर रेंज से हुए हैं, जहां 50 से ज़्यादा इंस्पेक्टर्स के तबादले हुए हैं। यह सूची अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सचिन मित्तल ने जारी की है।

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पुलिस मुख्यालय की ओर से 45 इंस्पेक्टर के ट्रांसफर की सूची जारी की गई है। इसके साथ ही सूची में 12 उन पुलिस इंस्पेक्टर के नाम शामिल किये गए हैं। जिनके ट्रांसफर को रद्द कर दिया गया है। बता दें, इससे पहले 8 जनवरी को प्रदेश में 179 पुलिस इंस्पेक्टर का तबादला किया गया था।

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