आईआईटी आईआईएम में एससी और एसटी आरक्षण का बहुत ही बुरा हाल

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 10 जुलाई 2024 | जयपुर : देश के सर्वश्रेष्ठ इंजीनियरिंग और प्रबंधन संस्थानों आईआईटी (IITs) और आईआईएम (IIMs) में एससी और एसटी रिजर्वेशन के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और संबंधित संस्थानों को नोटिस भेजा है।

आईआईटी आईआईएम में एससी और एसटी आरक्षण का बहुत ही बुरा हाल

सभी आईआईटी और आईआईएम में फैकल्टीज़ की भर्तियों और रिसर्च कोर्सेज़ में एडमिशन में अनुसूचित जाति (SC reservation) और अनुसूचित जनजाति (ST reservation) लागू करने को लेकर शीर्ष अदालत में याचिका लगाई गई थी।अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार, आईआईटी और आईआईएम को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है।

IIM और IIT में जनजातीय छात्र

आईआईएम (भारतीय प्रबंधन संस्थान) और आईआईटी (भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान) जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के प्रतिनिधित्व का मुद्दा बहुत ही चिंताजनक है।

मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराये गये आंकड़ों से पता चला है कि देश में कार्यरत 21 आईआईएम में, केवल 11 व्यक्ति हैं जो एससी / एसटी समुदाय से हैं और फैकल्टी के रूप में कार्यरत हैं।

आईआईटी खड़गपुर 43 विभागों में आदिवासी प्रोफेसर- 0, विभागों में दलित प्रोफेसर- 0,  23 विभागों में पिछड़े प्रोफेसर- 0, देश की 85% जनसंख्या की भागीदारी शून्य क्यो है? क्या बड़े शिक्षण संस्थाओं में इसीलिए SC,ST,OBC को NFS करके आने से रोक दिया जाता है?

आईआईटी बॉम्बे – 684 फैलक्टीज़ में से सिर्फ 6 एससी वर्ग से यानी महज 0.9 फीसदी. एक फैकल्टी एसटी वर्ग से यानी 0.1 फीसदी और 10 फैकल्टी ओबीसी वर्ग (1.5 फीसदी) के थे।

आईआईटी मद्रास – 596 फैकल्टी सदस्यों में से 16 एससी (2.7 फीसदी), 3 एसटी (0.5 फीसदी) और 62 ओबीसी यानी 10.4 फीसदी।

आंकड़ों के अनुसार, 7 आईआईटी – भिलाई, गांधीनगर, गोवा, इंदौर, जोधपुर, पलक्कड, पटना में एक भी एसटी वर्ग के फैकल्टी नहीं हैं। वहीं, धनबाद, धारवाड़, जम्मू और तिरुपति को छोड़कर अन्य सभी आईआईटीज़ में एसटी वर्ग से 1 फीसदी से भी कम फैलक्टी हैं।

आईआईएम अधिनियम, 2017 के अनुसार, सभी आईआईएम केंद्रीय शैक्षणिक संस्थान हैं और प्रवेश के दौरान छात्रों के लिए सीटों के आरक्षण की बात होने पर, केंद्रीय शैक्षणिक संस्थानों (प्रवेश में आरक्षण) अधिनियम, 2006 द्वारा शासित होते हैं।

अधिनियम की धारा 3 के अनुसार, प्रवेश के लिए एसटी के लिए 7.5% आरक्षण निर्धारित है। IIT और IIM में प्रवेश पाने वाले आदिवासी छात्रों की संख्या का पिछले 5 वर्षों का डेटा:

यह एक बहुत विस्तृत डेटा है क्योंकि प्रत्येक संस्थान में विविध पाठ्यक्रम हैं। एक कॉलेज की एडमिशन ब्लॉग साइट के अनुसार 2019 में सभी आईआईएम में कुल 4118 सीटें थीं। इनमें से केवल 378 पर आदिवासी छात्रों ने प्रवेश लिया है, जिसका मतलब है कि 2019 में देश में 9.17% आईआईएम छात्र अनुसूचित जनजाति समुदाय से हैं। इकॉनोमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में IIT में प्रवेश के लिए 11,279 सीटों की पेशकश की गई थी। इनमें से, 16% सीटें आदिवासी छात्रों द्वारा भरी गई थीं। मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा प्रदान किए गए उत्तर में, “आदिवासी छात्रों” का मतलब अनुसूचित जनजाति के छात्रों से है।

सितंबर में यह बताया गया था कि जब आईआईएम-ए ने अपने पीएचडी कार्यक्रम के लिए आवेदन आमंत्रित किया है, तो यह एससी, एसटी, ओबीसी छात्रों के लिए आरक्षण का कोई उल्लेख नहीं करता है। यह उपर्युक्तानुसार, केंद्रीय शैक्षिक संस्थानों (प्रवेश में आरक्षण) अधिनियम, 2006 के प्रावधानों का स्पष्ट उल्लंघन है।

IIM में SC/ST संकाय

एक संसदीय पैनल ने संकाय भर्तियों में आरक्षण नीति के खराब कार्यान्वयन पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय पर सवाल उठाए। इस पर IIT और IIM सहित सभी केंद्रीय शैक्षिक संस्थानों में समान रूप से आरक्षण का पालन करने के लिए खिंचाई की।

इसलिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा राज्यसभा में जो आंकड़े सामने आए हैं, वे बिल्कुल भी चौंकाने वाले नहीं हैं। एससी/एसटी वर्ग से संबंधित संकाय सदस्यों की संख्या का डेटा:

सीधी भर्ती में पदों के आरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए विशेष रूप से सभी आईआईएम को एक अलग आदेश जारी किया गया था, क्योंकि सभी आईआईएम अन्य शैक्षणिक संस्थान हैं। आईआईएम अब तक कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के 1975 के आदेश का पालन कर रहे हैं, जिसने वैज्ञानिक और तकनीकी पदों को आरक्षण नीति से मुक्त कर दिया है।

जबकि वास्तविकता यह है कि केंद्रीय उच्च शिक्षण संस्थाओं में आरक्षण 1997 से लागू हुआ है। मार्च 2019 में पारित अध्यादेश के अनुसार, अनुसूचित जातियों के लिए 15% और अनुसूचित जनजातियों के लिए 7.5%, ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) के लिए 27% और ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) के लिए 10% आरक्षण लागू है।

आईआईएम अहमदाबाद भी उच्च न्यायालय में इस मुद्दे पर एक अदालती लड़ाई में फंस गया है। आईआईएम शुरू से ही शिक्षक भर्ती में आरक्षण से इनकार कर रहे हैं। वंचित वर्गों के उम्मीदवारों को सामान्य श्रेणी के साथ प्रतिस्पर्धा करने वाले IIM में संकाय पदों को सुरक्षित करना है।

अध्यादेश के बावजूद, IIM ने मानदंडों का पालन नहीं किया क्योंकि वे 1975 में तत्कालीन केंद्र सरकार के कार्मिक विभाग और प्रशिक्षण द्वारा जारी किए गए एक पत्र का पालन करने पर अड़े हुए थे, जिसमें कहा गया था कि वैज्ञानिक और तकनीकी पदों को आरक्षण से छूट दी जायेगी।

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सुखद संयोग : आईएएस बेटे कनिष्क कटारिया ने संभागीय आयुक्त पिता के रिटायरमेंट से जुड़े आदेश किये साइन

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 02 अक्टूबर 2024 |   जयपुरभारतीय प्रशासनिक सेवा(आईएएस) अधिकारी सांवरमल वर्मा भरतपुर संभागीय आयुक्त के पद से रिटायर हो गए। उनके रिटायरमेंट से ज्यादा चर्चा उनके रिटायरमेंट पर जारी हुए एडिशनल चार्ज के आदेश की हो रही है।

सुखद संयोग : आईएएस बेटे कनिष्क कटारिया ने संभागीय आयुक्त पिता के रिटायरमेंट से जुड़े आदेश किये साइन

आईएएस सांवरमल वर्मा के रिटायरमेंट के बाद उनकी जगह एडिशनल चार्ज देने के आदेश पर उनके बेटे आईएएस कनिष्क कटारिया के साइन हैं। कनिष्क कटारिया कार्मिक विभाग में संयुक्त सचिव के पद पर तैनात हैं।

भरतपुर संभागीय आयुक्त के पद से रिटायर हुए सांवरमल वर्मा, IAS बेटा जॉइंट सेक्रेटरी
 

किसी भी आईएएस, आईपीएस और आरएएस अधिकारी के ट्रांसफर, रिटायरमेंट सहित अन्य सेवा संबंधी आदेश पर संयुक्त सचिव ही हस्ताक्षर करते हैं। 30 सितंबर को आईएएस सांवरमल वर्मा के रिटायरमेंट के समय उनका चार्ज अतिरिक्त संभागीय आयुक्त को देने के आदेश पर उनके बेटे कनिष्क कटारिया ने साइन किए।

पिता प्रमोटी आईएएस, बेटे ने UPSC टॉपर रहा

सांवरमल वर्मा राजस्थान प्रशासनिक सेवा (आरएएस) से आईएएस बने थे। वहीं, उनके बेटे कनिष्क कटारिया ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC)की सिविल सेवा परीक्षा 2018 में टॉप किया। दिलचस्प बात यह भी है कि पिता-पुत्र कुछ महीनों में ही आईएएस बने।

सांवरमल वर्मा को साल 2018 में आरएएस से आईएएस अधिकारी के पद पर पदोन्नति मिली। वहीं, कनिष्क यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा-2018 को टॉप करके आईएएस बने। कनिष्क 2019 बैच के आईएएस अधिकारी हैं।

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एक पिता होने के नाते मेरे लिए यह गौरव का क्षण है कि मेरे रिटायरमेंट से संबंधित आदेश पर मेरे बेटे के साइन हैं।- सांवर मल वर्मा, रिटायर्ड आईएएस

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आईआईटीयन हैं कनिष्क कटारिया 

कनिष्क ने आईएएस बनने से पहले आईआईटी बॉम्बे से कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग में बीटेक किया था। बीटेक के बाद उन्हें विदेश में 1 करोड़ के सालाना पैकेज पर नौकरी का ऑफर भी आ गया था। कनिष्क ने कुछ दिन नौकरी की और इस्तीफा देकर भारत लौट आए। यहां कनिष्क ने यूपीएससी की तैयारी की और अपने पहले ही प्रयास में टॉप कर आईएएस अधिकारी बन गए।

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राजस्थान चतुर्थ श्रेणी और वाहन चालक पदों की भर्ती, संभावित सिलेबस और एग्जाम पैटर्न

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 01 अक्टूबर 2024 |  जयपुर : राजस्थान सरकार ने बेरोजगार युवाओं के लिए बड़ी खुशखबरी दी है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में 29 सितंबर को हुई कैबिनेट बैठक में चतुर्थ श्रेणी और वाहन चालक पदों की भर्ती प्रक्रिया को मंजूरी दी गई। राज्य में 60,000 चतुर्थ श्रेणी और 23,000 ड्राइवर पदों पर जल्द ही भर्ती होगी।

राजस्थान चतुर्थ श्रेणी और वाहन चालक पदों की भर्ती, संभावित सिलेबस और एग्जाम पैटर्न

अब इन पदों के लिए शैक्षणिक योग्यता को 5वीं और 8वीं कक्षा उत्तीर्ण से बढ़ाकर 10वीं पास कर दिया गया है। इसके अलावा, भर्ती प्रक्रिया को साक्षात्कार से हटाकर राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा लिखित परीक्षा के माध्यम से पूरा किया जाएगा।

राजस्थान चतुर्थ श्रेणी और वाहन चालक पदों की भर्ती

चतुर्थ श्रेणी और ड्राइवर भर्ती के लिए नए नियम

कैबिनेट बैठक में तय किया गया कि भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और समानता लाने के लिए शैक्षणिक योग्यता 10वीं पास होगी। ड्राइवर के पद के लिए भी अब 10वीं पास अनिवार्य होगी और सभी ड्राइवर पदों को एक ही नाम ‘वाहन चालक’ के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा। इससे पहले इन पदों पर अलग-अलग विभागों में भर्ती की जाती थी, जिसे अब एकरूपता दी गई है।

भर्ती प्रक्रिया में सुधार

राज्य सरकार ने इस निर्णय के साथ यह भी घोषणा की कि 1 लाख सरकारी नौकरियां देने का लक्ष्य रखा गया है। इन पदों पर पहले साक्षात्कार के माध्यम से भर्ती होती थी, जिससे प्रक्रिया में समय और संसाधन की बर्बादी होती थी। अब लिखित परीक्षा के माध्यम से चयन प्रक्रिया सरल और पारदर्शी होगी, जिससे अधिक युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे।

रोजगार के लिए बड़ा कदम

राजस्थान में बेरोजगार युवाओं की लंबे समय से इन भर्तियों की मांग थी। राज्य सरकार ने इस दिशा में कदम उठाते हुए 23,820 सफाई कर्मचारियों की भर्ती की घोषणा भी की है। इसके अलावा, राज्य के औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए “राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना-2024” (रिप्स-2024) भी कैबिनेट में मंजूर की गई है।

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इस योजना के तहत एमएसएमई और उभरते क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे राज्य में रोजगार के अवसर और बढ़ेंगे। सरकार द्वारा लिए गए ये फैसले राजस्थान के युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होंगे।

राजस्थान ग्रुप डी भर्ती 2024 संभावित सिलेबस और एग्जाम पैटर्न

 

राजस्थान ग्रुप डी भर्ती 2024 की चयन प्रक्रिया लिखित परीक्षा आधारित है।

 

  • उम्मीदवारों को परीक्षा में वस्तुनिष्ठ और बहुविकल्पीय प्रकार के 85 अंकों के 85 सवाल पूछे जाएंगे।
  • प्रत्येक प्रश्न के लिए 1 अंक निर्धारित किया गया है।
  • गलत उत्तर करने की स्थिति में कोई नकारात्मक अंकन लागू नहीं किया गया है, परीक्षार्थी सभी प्रश्नों को निश्चिंत होकर हल कर सकते हैं।
  • पेपर करने के लिए 2 घण्टे (60 मिनट) की समय अवधि प्रदान की गई है।
  • कुल पद संख्या के 5 गुना अभ्यर्थियों को लिखित परीक्षा में पास कर किया जाएगा।
  • सामान्य हिन्दी से 40 अंकों के 40 सवाल, सामान्य अँग्रेजी से 25 अंक के 25 सवाल और राजस्थान की कला एवं संस्कृति तथा राजस्थानी बोलियों से 20 अंकों के 20 प्रश्न पूछे जाएंगे।

Rajasthan School Peon Bharti 2024 Syllabus

School Peon Exam 2024 में विभिन्न अलग अलग विषय शामिल किए गए हैं। परीक्षा में शामिल किए जाने वाले सम्भावित विषयों का विवरण यहाँ दिया गया है जो निम्नानुसार है।

  • राजस्थान राज्य का सामान्य ज्ञान
  • राजस्थान की कला संस्कृति एवं साहित्य
  • ऐतिहासिक धरोहर और उनका महत्व
  • राजस्थान का भूगोल
  • राजनीतिक विज्ञान
  • रीजनींग अथवा तार्किक योग्यता
  • राजस्थान का इतिहास
  • वर्तमान मे चलने वाली योजनाएं और उनका महत्व
  • करंट अफेयर्स इत्यादि।

सामान्य हिन्दी

  • संज्ञा
  • सर्वनाम
  • क्रिया
  • विशेषण
  • समास
  • संधि
  • विलोम शब्द
  • पर्यायवाची शब्द
  • शब्द शुद्धि
  • काल
  • वाक्य शुद्धि
  • मुहावरे और लोकोक्तियाँ
  • कहावतें
  • समानार्थी शब्द
  • एक अर्थ वाले शब्द
  • व्यंजन इत्यादि।

राजस्थान का इतिहास और संस्कृति

  • राजस्थानी लोकोक्तियाँ
  • राजस्थानी कहावतें
  • राजस्थानी मुहावरे
  • राजस्थानी बोलियां
  • राजस्थान की भौगोलिक स्थिति
  • राजस्थान के प्रमुख ऐतिहासिक व्यक्ति
  • राजस्थानी पहनावा
  • राजस्थानी वेशभूषा
  • राजस्थान के मेले
  • राजस्थान के त्योहार
  • राजस्थान के प्रमुख धार्मिक एवं दर्शनीय स्थल
  • राजस्थान के मूर्धन्य कवि एवं साहित्यकार
  • राजस्थान के लोक देवी – देवता
  • राजराजनीत लोकगीत एवं लोक नृत्य।

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