नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली का विधानसभा में माइक बंद करने पर हंगामा

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 19 जुलाई 2024 | जयपुर : विधानसभा में माइक बंद करने का विवाद एक बार फिर गर्माता दिख रहा है। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने मंत्रियों के साथ अब विधानसभा स्पीकर पर भी गंभीर सवाल उठाए हैं। जूली ने स्पीकर की तुलना धृतराष्ट्र तक से करते हुए उन पर पक्षपात करने के आरोप लगाए हैं।

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली का विधानसभा में माइक बंद करने पर हंगामा

कब से मोदीजी, भजनलाल जी कर रहे हो, प्रश्न का जवाब दीजिए।

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा- सदन में मंत्री जिस तरह का व्यवहार रहे हैं। अध्यक्ष उसको संरक्षण दे रहे हैं। लोकतंत्र की हत्या करने का काम कर रहे हैं। ऐसा मैंने कभी नहीं देखा कि आप नेता प्रतिपक्ष का माइक बंद कर दें।

मेरा दूसरी बार माइक बंद कर दिया, इतनी गुंडागर्दी और तानाशाही है। मंत्री कोई असंसदीय शब्द कहें। हम विरोध करें तो वो सुनते नहीं, यह उनकी हालत है। कब से मोदीजी, भजनलाल जी कर रहे हो, प्रश्न का जवाब दीजिए।

‘गुंडागर्दी बर्दाश्त करने वाले नहीं’

जूली ने कहा- आप किस दिशा में विधानसभा को लेकर जाना चाहते हो। इस विधानसभा की महान परंपराएं रही हैं। आंख बंद कर रहे हो, धृष्टराष्ट्र बन रहे हो। मैंने कभी जीवन में नहीं देखा। खूब विरोध होता है, विपक्ष भी सवाल उठाता है।

हम भी सत्ता में रहे हैं, विपक्ष अपनी बात रखता था,सत्ता अपने पक्ष तरीके से उठाता है लेकिन इस प्रकार की तानाशाही, हिटलर शाही हमने नहीं देखी। इस प्रकार की गुंडागर्दी हम बर्दाश्त करने वाले नहीं हैं, अगर यह लोग तरीके से नहीं चलेंगे तो हम सदन नहीं चलने देंगे।

जूली ने कहा- ये सदन में हिंदू मुस्लिम की बात करना चाह रहे हैं। जाति धर्म की बात करना चाह रहे हैं। कौन लोग हैं जो देश को तोड़ना चाहते हैं, हम इनसे पूछना चाहते हैं। आप बकवास करके सदन में जिस तरह का माहौल पैदा करो कि हम लोग उठकर चले जाएं।

हमने जनजाति की डिमांड पर मंत्री का रिप्लाई सुना। जनजाति विकास के मंत्री भी नए थे लेकिन बार-बार हमारे पूर्व मंत्री को इंगित कर रहे थे, ऐसा होता नहीं है अध्यक्ष को इंगित करते हैं फिर भी हमने उनको सुना।

‘मंत्रीजी सदन को गुमराह कर रहे हैं’ कांग्रेस विधायक

  • कांग्रेस विधायक मनीष यादव ने कहा कि चरणबद्ध तरीके से देन की घोषणा नहीं थी, किसानों को 12 हजार रुपए देने की घोषणा की थी, आप साफ बताइए बढ़ा हुआ पैसा कब देंगे। मंत्री सदन को गुमराह कर रहे हैं।
  • मंत्री ने कहा कि किसानों को सम्मान निधि देंगे, कांग्रेस ने किसानों की कर्ज माफी नहीं की।
  • दक ने कहा कि मुख्यमंत्री सम्मान निधि में 65 लाख किसानों को सम्मान निधि दी है। कांग्रेस सरकार ने तो किसानों से छलावा किया। 10 दिन में कर्ज माफी की बात कहकर कर्ज पूरे पांच साल में माफ नहीं किया। हमने जो घोषणा की है उसे पूरा करेंगे। पीछे नहीं हटेंगे।
  • नेता प्रतिपक्ष ने टीकाराम जूली ने कहा कि हर साल बढ़ा हुआ पैसा देने की घोषणा की थी। अब यह साल निकल गया, अब तक बढ़ा हुआ किसान सम्मान निधि का पूरा पैसा नहीं दिया। पूरा साल निकल गया, कब तक पैसा देंगे। इस पर मंत्री ने कहा कि सरकार घोषणा पूरा करेगी।
  • विधानसभा में किसान सम्मान निधि का बढ़ा हुआ पैसा नहीं देने से जुड़े सवाल पर मंत्री के जवाब से नाराज कांग्रेस विधायकों ने हंगामा किया।
  • कांग्रेस विधायक मनीष यादव के सवाल का जवाब देते हुए सहकारिता मंत्री गौतम दक पीएम मोदी और सीएम भजनलाल शर्मा की तारीफ करने लगे।
  • मंत्री ने कहा कि हम पीएम मोदी और सीएम का आभार जताते हैं जिन्होंने किसान सम्मान निधि बढ़ाने की घोषणा की। चरणबद्ध तरीके से बढ़ा हुआ पैसा किसानों को देंगे।
  • इसी बीच गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा प्रश्नकाल है प्रश्न का उत्तर दीजिए। कब से मोदीजी, भजनलालजी कर रहे हो? कौन हटा रहा है मंत्री पद से, जवाब दीजिए।

भील प्रदेश का मुद्दा फिर उठने के आसार

  • विधानसभा में आज बीएपी विधायक फिर भील प्रदेश का मुद्दा उठा सकते हैं। बीएपी विधायक कल भी सदन में भील प्रदेश की मांग वाली टीशर्ट पहनकर पहुंचे थे।
  • आज भी इस मुद्दे को उठाने की तैयारी है। जनजाति विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी भील प्रदेश की मांग खारिज कर चुके हैं।
  • कांग्रेस ने भी भील प्रदेश की मांग पर सदन में अब तक बीएपी का साथ नहीं दिया है।

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नरेश मीणा के कार्यकर्ताओं के जेल से बाहर आने पर समरावता गाँव में मनाया जश्न

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 05 जनवरी 2025 | जयपुर : नरेश मीणा प्रकरण में 39 लोग की ज़मानत मंजूर होने के  बाद सभी आरोपी जेल से बाहर आने पर समरावता गाँव में जश्न मनाया गया। समरावता प्रकरण में 42 लोगों की राजस्थान हाईकोर्ट जयपुर से जमानत हो गयी है। इससे नरेश मीणा के समर्थकों में ख़ुशी की लहर दौड़ गयी है।

नरेश मीणा के कार्यकर्ताओं के जेल से बाहर आने पर समरावता गाँव में मनाया जश्न 

राजस्थान हाईकोर्ट की जयपुर बेंच ने समरावता कांड के 39 आरोपियों को बड़ी राहत देते हुए उनकी जमानत याचिका मंजूर कर ली है। 38 आरोपियों को मिली ज़मानत के बाद नरेश मीणा की रिहाई का भी रास्ता खुलेगा।

नरेश मीणा के कार्यकर्ताओं के जेल से बाहर आने पर समरावता गाँव में मनाया जश्न

टोंक के समरावता हिंसा मामले में गिरफ्तार आरोपियों में से आज हाई कोर्ट ने 39 आरोपियों को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं। जस्टिस प्रवीर भटनागर की अदालत ने आरोपियों की जमानत मंजूर करते हुए कहा कि किसी पर भी स्पेसिफिक एलीगेशन (विशिष्ट आरोप) नहीं है। राजस्थान की देवली-उनियारा विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा (Naresh Meena) के साथ 56 लोगों की गिरफ्तारी हुई थी।

प्रवीर भटनागर की बैंच ने दी जमानत

बता दें, इस कांड के आरोपियों की एडवोकेट महेंद्र शांडिल्य, राजेंद्र सिंह तंवर, डॉ. महेश शर्मा और कपिल गुप्ता की ओर से पैरवी की गई। वहीं, न्यायमूर्ति प्रवीर भटनागर ने सुनवाई के बाद आरोपियों की जमानत मंजूर की। इससे पहले 6 दिसंबर 2024 को पिछली सुनवाई के दौरान टोंक जिला न्यायालय ने 39 आरोपियों की जमानत याचिकाएं खारिज कर दी थी।

सुनवाई करते हुए न्यायालय ने पाया कि अधिकांश आरोपियों पर समान आरोप हैं और वे लंबे समय से जेल में बंद हैं। इस आधार पर जमानत मंजूर की गई। बताया जा रहा है कि नरेश मीना समेत अन्य आरोपियों की जमानत याचिकाओं पर हाईकोर्ट में जल्द सुनवाई होगी।

इन आरोपियों को मिली जमानत

जमानत पाने वालों में ब्रह्मराज, सुरेश, लवकुश, विमल, टीकाराम, बलराम, उग्रसेन, जसराम, हेतराम, उदयसिंह, कालूराम, गुल मोहम्मद, मनोज कुमार, सुदामा, खुशीराम, रामेश्वर, आत्माराम, रामराज, योगेंद्र, नेतराम, विजेंद्र, हनुमान, दिलखुश, मनीष, कमलेश, राकेश, खुशीराम-2, देशराज, भागीरथ, आत्माराम-2, बबलेश, महावीर, रवि, खेलताराम, आत्माराम-3, खेलताराम-2, राजेश और बुद्धीराम इत्यादि शामिल हैं।

टोंक हिंसा पर SP का बड़ा बड़ा आरोप

विकास सांगवान ने बताया कि नरेश मीणा की गिरफ्तारी चुनोतीपूर्ण थी। हम पूरी तैयारी के साथ समरावाता गांव के अंदर गए थे। 13 तारीख को ही नरेश मीणा को हिरासत में ले लिया था, लेकिन उनके समर्थकों ने पुलिस गाड़ी में आग लगा दी और उन्हें पुलिस हिरासत से छुड़वा कर भगा दिया। जिस समय गाड़ी में आग लगाई, पुलिस टीम गाड़ी के अंदर मौजूद थी। घटना में कुछ पुलिस कर्मी घायल भी हुए हैं।

जबकि गाँव वालों का कहना है कि साधा वर्दी में तैनात पुलिस कर्मियों पर वर्दीधारी पुलिस कर्मियों ने ही बेरहमी से लाठी चार्ज किया था। इसके व्यापक सबूत गाँव के ही सीसीटीवी फुटेज में देखें गये हैं। साथ ही सोशल मीडिया पर भी कई वीडियोज से इसकी पुष्टि हो रही है।

पुलिस अधीक्षक के अनुसार अफवाह फैलाने के लिए सोशल मीडिया का किया इस्तेमाल

नरेश मीणा के समर्थकों ने पुलिस टीम पर पथराव करना शुरू कर दिया।  गिरफ्तारी के बाद जो हिंसा हुई वो एक प्लान की गई साजिश है। सोशल मीडिया के जरिए गलत खबर फैलाई जा रही है। खुलेआम पुलिस और प्रशासन को धमकी दिया जा रहा है। सोशल मीडिया पर गुमराह करने वाले लोगों पर भी पुलिस कार्रवाई कर रही है। हाइवे जाम करना भी साजिश थी, जिसके सबूत मिले है। गिरफ्तार लोगों मे ज्यादातर लोग बाहरी है।

बता दें कि नरेश मीणा के फेसबुक अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर कर लिखा था- ‘मेरे साथियों और कार्यकर्ताओं के साथ पुलिस बर्बरता वाला व्यवहार करना बंद कर दें, नहीं अभी तो यह चिंगारी सिर्फ देवली उनियारा में ही उठ रही है। इसकी जिम्मेदार टोंक की कलेक्टर और भजनलाल सरकार है। अगर पुलिस ने यह बर्बरता वाला व्यवहार बंद नहीं किया, तो यह चिंगारी पुरे राजस्थान के चप्पे-चप्पे से उठने में ज्यादा समय नहीं लगेगा, जिसकी जिम्मेदार प्रशासन और सरकार होगी।’

नरेश मीणा ने पुलिस को दी थी खुली चुनौती

मामले पर नरेश मीणा के वकील ने बताया कि नरेश मीणा को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। उनकी जमानत की याचिका कोर्ट में दाखिल की है जिसपर कब सुनवाई होनी है वो कोर्ट तय करेगा। लॉ एंड आर्डर का हवाला देते हुए नरेश मीणा को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पेश किया गया था। 

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नरेश मीणा से जुड़े समरावता प्रकरण में 42 लोगों की राजस्थान हाईकोर्ट जयपुर से जमानत मंजूर

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 03 जनवरी 2025 | जयपुर : नरेश मीणा से जुड़े समरावता प्रकरण में 42 लोगों की राजस्थान हाईकोर्ट जयपुर से जमानत हो गयी है। इससे नरेश मीणा के समर्थकों में ख़ुशी की लहर दौड़ गयी है। 42 आरोपियों को मिली ज़मानत के बाद नरेश मीणा की रिहाई का भी रास्ता खुलेगा।

नरेश मीणा से जुड़े समरावता प्रकरण में 42 लोगों की राजस्थान हाईकोर्ट जयपुर से जमानत मंजूर

नरेश मीणा से जुड़े समरावता प्रकरण में 42 लोगों की राजस्थान हाईकोर्ट जयपुर से जमानत

एसडीएम को थप्पड़ मारने वाले नरेश मीणा की रिहाई को लेकर आज रविवार को टोंक के नगर फोर्ट में महापंचायत सुबह 11 से शाम चार बजे तक आयोजित की गयी थी। इस महापंचायत में उमड़े जनसैलाब से स्थानीय पुलिस-प्रशासन के हाथ-पैर फूल गये थे।

जैसा कि टोंक जिले के नगरफोर्ट में आज नरेश मीणा (Naresh Meena) की रिहाई की मांग को लेकर महापंचायत का आयोजन किया गया था। समर्थकों का दावा है कि इस सभा में तीन लाख से अधिक लोग शामिल हुए। पुलिस प्रशासन द्वारा रास्ते में लोगों को रोकने के बावजूद लाखों लोग इकठ्ठे हुए थे।

सरपंच संघ अध्यक्ष मुकेश मीणा ने भी दावा किया था कि महापंचायत में सर्व समाज के कई लाख लोग शामिल हुए हैं। महापंचायत में एक नरेश मीणा की रिहाई और थप्पड़ कांड के बाद लोगों पर हुई कार्रवाई समेत आगे की रणनीति पर चर्चा की जायेगी। उपखंड अधिकारी द्वारा महापंचायत की सशर्त स्वीकृति दी गईथी।  

राजस्थान में सियासी हलचल के बीच आज एक बड़ा फैसला आना है। टोंक जिले के समरावता में विधानसभा उपचुनाव के दिन हुए पथराव और उपद्रव के मामले में गिरफ्तार 42 लोगों की जमानत पर कोर्ट का फैसला आज राजस्थान हाईकोर्ट की जयपुर बेंच से आया है।

टोंक के समरावता हिंसा मामले में गिरफ्तार आरोपियों में से आज हाई कोर्ट ने 40 आरोपियों को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं। जस्टिस प्रवीर भटनागर की अदालत ने आरोपियों की जमानत मंजूर करते हुए कहा कि किसी पर भी स्पेसिफिक एलीगेशन (विशिष्ट आरोप) नहीं है।

पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में माना है कि करीब 400-500 लोगों ने समरावता में हिंसा की है। वहीं मौके पर मौजूद कॉन्स्टेबल को घास में डालकर जलाने की कोशिश की हैं। लेकिन किसी भी आरोपी को लेकर स्पेसिफिक एलिगेशन नहीं लगाए गए हैं।

दरअसल, 13 नवम्बर को टोंक के समारवता में उप चुनाव के दौरान आगजनी की घटना हुई थी। घटना के बाद 14 नवम्बर को पुलिस ने नगरफोर्ट थाने में आगजनी, हत्या का प्रयास सहित अन्य धाराओं में 81 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। 6 दिसम्बर को इन सभी आरोपियों की जमानत टोंक डीजे ने खारिज कर दी थी।

इसलिए हुआ था विवाद

दरअसल, देवली-उनियारा विधानसभा के समरावता (टोंक) गांव में उपचुनाव में वोटिंग का बहिष्कार किया गया था। निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ग्रामीणों के साथ धरने पर थे। इसी दौरान नरेश मीणा ने अधिकारियों पर जबरन मतदान करवाने का आरोप लगाया। उन्होंने पोलिंग बूथ में घुसने की कोशिश की तो SDM अमित चौधरी ने उन्हें रोका। इसके बाद नरेश ने तैश में आकर उन्हें थप्पड़ मार दिया।

इसके बाद ग्रामीणों ने वोटिंग का टाइम खत्म होने के बाद पोलिंग पार्टियों को भी रोकने की कोशिश की। गुस्साए लोगों ने SP विकास सांगवान की गाड़ी भी तोड़ दी। इस बीच पुलिस ने नरेश मीणा को हिरासत में ले लिया। मीणा के समर्थकों को जैसे ही इसकी जानकारी मिली, वे और भड़क गए।

सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण ने पुलिस जवानों को घेर लिया और मीणा को छुड़ाकर ले गए। पुलिस के लाठीचार्ज करने पर नरेश मीणा के समर्थक भड़क गए और पथराव-आगजनी कर दी। बवाल में 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए। इनमें 10 पुलिसवाले भी शामिल हैं। वहीं, गुरुवार सुबह करीब 9.30 बजे नरेश मीणा अचानक समरावता गांव पहुंचे और पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाए थे। इसके बाद नरेश मीणा को गिरफ्तार किया गया था।

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