राहुल गाँधी की अडानी को तत्काल अरेस्ट करने की माँग, फॉरेन करप्ट प्रैक्टिस एक्ट अडानी रिश्वत मामले में आगे क्या होगा

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 22 नवंबर 2024 | दिल्ली : गुरवार को ही राहुल गांधी ने अमेरिका में गौतम अडाणी पर लगे करप्शन के आरोपों पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। उन्होंने कहा था कि अडाणी जी 2 हजार करोड़ रुपए का स्कैम कर रहे हैं और बाहर घूम रहे हैं, क्योंकि पीएम मोदी उन्हें प्रोटेक्ट कर रहे हैं।

गौतम अडाणी ने अमेरिका में क्राइम किया है, लेकिन भारत में उन पर कुछ नहीं हो रहा है। अडाणी की प्रोटेक्टर SEBI की चेयरपर्सन माधबी बुच पर केस होना चाहिए। 15 मार्च 2024 को ब्लूमबर्ग में गौतम अडाणी की अमेरिकी जांच से जुड़ी एक खबर छपी। तब इसे खारिज करते हुए अडाणी ग्रुप ने एक बयान में कहा- हमें अपने चेयरमैन के खिलाफ किसी जांच की जानकारी नहीं है। बात वहीं दब गई।

राहुल गाँधी की अडानी को तत्काल अरेस्ट करने की माँग

अब 21 नवंबर 2024 को अमेरिका में एक ऐसा पर्दाफाश हुआ, जिससे अडाणी ग्रुप के सभी शेयर धड़ाम हो गए। महज एक दिन में गौतम अडाणी की नेटवर्थ करीब 1 लाख करोड़ रुपए घट गई। केन्या ने अडाणी के साथ बिजली-एयरपोर्ट डील रद्द कर दी। अमेरिका में वारंट जारी होने की खबरें हैं और भारत में भी उनकी गिरफ्तारी की मांग हो रही है। 

फॉरेन करप्ट प्रैक्टिस एक्ट अडानी रिश्वत मामले में आगे क्या होगा

फॉरेन करप्ट प्रैक्टिस एक्ट अडानी रिश्वत मामले में आगे क्या होगा

आरोप पत्र के मुताबिक,

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आरोपियों ने भारत में रिन्यूएबल एनर्जी के प्रोजेक्ट गलत तरीके से हासिल किए। इसके लिए सरकारी अधिकारियों को 250 मिलियन डॉलर यानी करीब 2,029 करोड़ रुपए रिश्वत देने की योजना बनाई। इसके अलावा आरोपियों ने अमेरिकी इन्वेस्टर्स और बैंकों से झूठ बोलकर पैसा इकट्ठा किया।

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ये अमेरिका के फॉरेन करप्ट प्रैक्टिसेस एक्ट (FCPA) का उल्लंघन है। यहां ध्यान देने वाली बात है कि अमेरिकी न्याय विभाग के डॉक्यूमेंट में रिश्वत ऑफर करने और प्लानिंग की बात कही गई। रिश्वत दी गई, ऐसा नहीं कहा गया है।

सवाल 1: गौतम अडाणी के खिलाफ अमेरिका में खुला मामला क्या है? जवाब: 24 अक्टूबर 2024 को अमेरिका में न्यूयॉर्क की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में एक इनडाइक्टमेंट दर्ज हुआ। इसे अभियोग पत्र कह सकते हैं। इसमें गौतम अडाणी समेत 8 लोगों को आरोपी बनाया गया।

20 नवंबर 2024 को कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई और ये मामला सबसे सामने आया। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, गौतम अडाणी और उनके भतीजे सागर के खिलाफ वारंट जारी किया गया है।

आरोपियों में सिरिल कैबनेस, सौरभ अग्रवाल, दीपक मल्होत्रा और रूपेश अग्रवाल भी शामिल हैं। इन पर ग्रैंडजूरी, FBI और अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग यानी SEC की जांचों में अड़ंगा डालने की साजिश के आरोप हैं।

चारों लोग मामले से जुड़े ई-मेल और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक मैसेज डिलीट करने को तैयार थे। न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज की जांच के लिए जरूरी जानकारी नहीं दी। न्यूयॉर्क के ब्रुकलिन में FBI, डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस यानी DOJ और SEC की साझा बैठक में झूठ बोला और रिश्वतकांड में शामिल होने से इनकार किया।

तस्वीर में गौतम अडाणी (दाएं से पहले कुर्सी पर बैठे हुए) और सागर अडाणी (बाएं से पहले पीछे खड़े हुए)।
तस्वीर में गौतम अडाणी (दाएं से पहले कुर्सी पर बैठे हुए) और सागर अडाणी (बाएं से पहले पीछे खड़े हुए)

सवाल 2: हेरफेर और रिश्वत के आरोप किस प्रोजेक्ट में लगे हैं? जवाब: अमेरिकी न्याय विभाग की फाइलिंग के मुताबिक, सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया यानी SECI ने देश में 12 गीगावॉट की एनर्जी की आपूर्ति के लिए कॉन्ट्रैक्ट निकाला था। SECI भारत सरकार की रिन्यूएबल एनर्जी कंपनी है, जिसका उद्देश्य देश में सोलर एनर्जी के इस्तेमाल को बढ़ाना है।

दिसंबर 2019 और जुलाई 2020 के बीच अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड यानी AGEL और एक विदेशी फर्म ने कॉन्ट्रैक्ट जीत लिया। उन्हें लेटर ऑफ अवॉर्ड (LOA) जारी कर दिया गया।

यहां एक दिक्कत आ गई। AGEL और विदेशी फर्म से खरीदी बिजली के लिए SECI को ग्राहक नहीं मिल रहे थे। ऐसे में वो AGEL और विदेशी फर्म से बिजली नहीं खरीद पाता। इससे अडाणी की कंपनी और विदेशी फर्म को घाटा होता।

आरोप पत्र के मुताबिक गौतम अडाणी ने अपने भतीजे सागर अडाणी, विनीत जैन समेत 7 लोगों के साथ मिलकर अधिकारियों को रिश्वत देने की साजिश रची। जिससे राज्य सरकारें SECI के साथ पावर सेल एग्रीमेंट कर ले और उनके सोलर पावर एग्रीमेंट को खरीदार मिल जाए।

आरोप पत्र के मुताबिक, ‘गौतम अडाणी ने आंध्र प्रदेश के किसी बड़े अधिकारी से 7 अगस्त 2021 से 20 नवंबर 2021 के बीच कई बार मुलाकात की। ताकि आंध्र प्रदेश इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रिब्यूशन कंपनी (APEPDCL) और SECI के बीच सोलर पावर एग्रीमेंट का करार हो जाए।’

इसके बाद APEPDCL और SECI के बीच एग्रीमेंट हो गया। AGEL और विदेशी फर्म को कॉन्ट्रैक्ट मिल गया। इसके बाद छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, ओडिशा, जम्मू-कश्मीर की स्टेट इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रिब्यूशन बोर्ड ने बिजली खरीद के कॉन्ट्रैक्ट साइन किए।

गुजरात के अहमदाबाद में स्थित अडाणी ग्रुप की AEGL का मुख्यालय।
गुजरात के अहमदाबाद में स्थित अडाणी ग्रुप की AEGL का मुख्यालय

सवाल 3: इस मामले की जांच किसने की है? जवाब: इस मामले की जांच भारत की CBI की तर्ज पर काम करने वाली अमेरिकी जांच एजेंसी FBI की न्यूयॉर्क कॉर्पोरेट, सिक्योरिटीज एंड कमोडिटीज फ्रॉड एंड इंटरनेशनल करप्शन यूनिट्स ने की है। अमेरिकी सरकार की ओर से दो एजेंसी केस को देख रही हैं। पहली- यूएस अटॉर्नी का ईस्टर्न डिस्ट्रिक्ट ऑफिस और दूसरी- क्रिमिनल डिवीजन का फ्रॉड सेक्शन।

अमेरिका के वॉशिंगटन में स्थित FBI हेडक्वार्टर।
अमेरिका के वॉशिंगटन में स्थित FBI हेडक्वार्टर

17 मार्च 2023 से ही अमेरिकी जांच एजेंसी FBI इस मामले की जांच कर रही थी। FBI ने अमेरिका में सागर अडाणी के ठिकानों पर छापा भी मारा था, लेकिन इस मुद्दे को अडाणी ग्रुप ने दबा दिया।

अमेरिकी न्याय विभाग की फाइलिंग के मुताबिक 18 मार्च 2023 को सागर अडाणी से पूछताछ भी की गई थी। इसके बावजूद 19 मार्च 2024 को अडाणी समूह ने भारत के स्टॉक एक्सचेंज को गलत जानकारी दी। अडाणी ने नोटिस की बात को छिपा दिया, जिससे उन्हें फंड मिलने में परेशानी न हो सके।

सवाल 4: पूरे मामले में किस-किस पर और कहां केस चलेगा? जवाब: अमेरिका में दो तरह के कानून हैं। संघीय यानी फेडरल लॉ और राज्यों के कानून यानी स्टेट लॉ। संघीय कानूनों को लागू करने के लिए अमेरिका के सभी 50 राज्यों में 94 डिस्ट्रिक्ट कोर्ट हैं। ऐसी ही अदालत एक न्यूयॉर्क राज्य के ईस्टर्न डिस्ट्रिक्ट में है, United States District Court for the Eastern District of New York। अडाणी और अन्य आरोपियों के खिलाफ इसी अदालत में मुकदमा चलेगा।

न्यूयॉर्क ईस्टर्न डिस्ट्रिक्ट के अटॉर्नी ऑफिस के मुताबिक मामले में 8 आरोपी हैं। इनमें 7 भारतीय और एक फ्रांस-ऑस्ट्रेलिया का नागरिक है। अमेरिका की कोर्ट में दाखिल अभियोग पत्र के मुताबिक 8 आरोपी बनाए गए हैं।

सवाल 5: रिश्वत भारत में दी गई है तो कार्रवाई अमेरिका में क्यों हो रही है? जवाब: अमेरिका में फॉरेन करप्ट प्रैक्टिस एक्ट के तहत घूस देकर बिजनेस करना बड़ा अपराध है। अगर अमेरिका से जुड़ी किसी कंपनी ने दुनिया में कहीं भी रिश्वत दी है, तो उस पर अमेरिका में मुकदमा चल सकता है। अमेरिका में मामला इसलिए दर्ज हुआ क्योंकि प्रोजेक्ट में अमेरिका के निवेशकों का पैसा लगा हुआ था। 

अमेरिकी न्याय विभाग की फाइलिंग में बताया गया कि 2021 में अमेरिका में अडाणी ग्रीन कॉरपोरेट बॉन्ड जारी किया गया, जिसमें अमेरिकी निवेशक शामिल थे। AGEL की सहयोगी कंपनी प्रतिभूतियां न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज यानी NYSE) में लिस्टेड थी। दोनों कंपनियों ने भारतीय अधिकारियों को रिश्वत देने की बात अपने निवेशकों को नहीं बताई।

सवाल 6: गौतम अडाणी के खिलाफ इस मामले को “An indictment in the US” कहा जा रहा है, इसका मतलब क्या है? जवाब: An indictment in the US का शाब्दिक अर्थ है- अमेरिका में एक अभियोग यानी अमेरिका में चलने वाला एक मुकदमा।

अमेरिका में इसकी जिम्मेदारी न्याय विभाग या डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस के ऊपर होती है। कोई अपराध होने पर जांच होती है। इसके बाद प्रॉसिक्यूटर यानी सरकारी वकील एक औपचारिक लिखित आरोप तैयार करता है। इस लिखित आरोप को ग्रैंड ज्यूरी जारी करती है। यहीं से मुकदमे की शुरुआत होती है। जिस शख्स पर अभियोग लगता है सबसे पहले उसे औपचारिक नोटिस भेजा जाता है। आरोपी वकील करके अपना बचाव करता है।

सवाल 7: अडाणी ग्रीन ने इन आरोपों पर क्या सफाई दी? जवाब: 21 नवंबर 2024 यानी गुरुवार को अडाणी ग्रुप ने सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। अडाणी एंटरप्राइजेज ने प्रेस नोट में कहा कि यूनाइटेड डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस और SEC के सभी आरोप निराधार हैं। अडाणी एंटरप्राइजेज की ओर से जारी बयान में कहा गया-

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अमेरिकी न्याय विभाग ने खुद ही कहा कि अभी ये सिर्फ आरोप हैं। आरोपियों को तब तक निर्दोष माना जाता है, जब तक कि वे दोषी साबित न हो जाएं। हमारी कंपनी हर संभव कानूनी सहारा लेगी। जिन देशों में हमारा बिजनेस है, हमने वहां की गवर्नेंस पारदर्शिता और नियमों का पालन किया है। हम सभी स्टेकहोल्डर्स और कर्मचारियों को यकीन दिलाते हैं कि हम कानून का पालन करने वाली ऑर्गनाइजेशन हैं।

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सवाल 8: अडाणी पर हेरफेर और रिश्वत देने के आरोपों पर आगे क्या होगा? जवाब: अमेरिकी लीगल सिस्टम के मुताबिक indictment के बाद केस arraignment स्टेज में चला जाएगा। यानी आरोपियों को कोर्ट के सामने पेश किया जाएगा है, जहां अदालत उन पर लगे आरोपों को पढ़कर सुनाएगी। लिखित कॉपी भी देगी।

आरोप सुनकर आरोपियों को बताना होगा कि वे खुद को दोषी मानते हैं या नहीं। अगर बचाव पक्ष ने खुद को निर्दोष यानी not guilty बताया तो आरोपों का जूरी ट्रायल शुरू होगा। मतलब जूरी के सामने मुकदमा चलेगा।

JNU के रिटायर्ड प्रोफेसर अरुण कुमार के मुताबिक, अडाणी ग्रुप की तरफ से अमेरिकी कोर्ट के आरोपों को गलत बताया गया है, इसलिए अब उन्हें कोर्ट में अपनी बेगुनाही के सबूत पेश करने होंगे। अगर अडाणी दोषी पाये जाते हैं तो उन पर कार्रवाई की जायेगी…

  • सिक्योरिटीज फ्रॉड में दोषी पाए जाने पर 20 साल की जेल और 5 मिलियन डॉलर का जुर्माना देना होगा
  • वायर फ्रॉड के मामले में दोषी पाए गए तो 20 साल की जेल और जुर्माना देना होगा।
  • फॉरेन करप्ट प्रैक्टिस एक्ट के तहत दोषी पाये जाने पर 5 साल की जेल और जुर्माना देना होगा।

अरुण कुमार के मुताबिक, डोनाल्ड ट्रम्प के सत्ता में आने के बाद भारत सरकार की ओर से अमेरिकी सरकार पर केस बंद करने का दबाव बनाया जा सकता है। हालांकि, इसका कुछ नतीजा निकलेगा, इस पर संदेह है। अरुण कुमार ने बताया-

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अमेरिका का जस्टिस डिपार्टमेंट ट्रांसपेरेंट है। वहां की सरकार कानूनी कामों में ज्यादा दखल नहीं दे सकती। राष्ट्रपति की ओर से दबाव बनाने के बाद भी अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट अपनी कार्यवाही जारी रख सकता है, लेकिन यह बात साफ है कि भारत सरकार और ट्रम्प की ओर से गौतम अडाणी को बचाने के प्रयास किए जाएंगे।

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सवाल 9: अडाणी पर आरोप तय होने से उनके बिजनेस पर क्या इम्पैक्ट पड़ा है? जवाब: अमेरिकी कोर्ट से गिरफ्तारी का वारंट जारी होने के बाद गौतम अडाणी की नेटवर्थ में करीब 1 लाख करोड़ रुपए की गिरावट हुई है। अडाणी ग्रुप की सभी 10 लिस्टेड कंपनियों का जॉइंट मार्केट कैप तेज गिरावट के साथ 2.19 लाख करोड़ रुपए घट गया। यह नुकसान हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद हुए नुकसान से दोगुना ज्यादा है।

21 नंवबर यानी गुरुवार को गौतम अडाणी फोर्ब्स की रियल टाइम बिलेनियर्स की लिस्ट में तीन पायदान नीचे गिर गए। अब वे इस लिस्ट में 25वें स्थान पर आ गए। इससे पहले वे 22वें स्थान पर थे। फोर्ब्स की लिस्ट के मुताबिक, अडाणी की कुल संपत्ति में 17.34% की गिरावट आई है।

अडाणी पर धोखाधड़ी के आरोप लगने के बाद केन्या सरकार ने 21 नवंबर को अडाणी ग्रुप के साथ की गई सभी डील रद्द करने की घोषणा कर दी। इनमें बिजली ट्रांसमिशन और एयरपोर्ट विस्तार जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स शामिल थे। दोनों डील 21,422 करोड़ रुपए की थीं।

सवाल 10: इससे पहले अडाणी किन-किन मामलों में घिरे? जवाब: इससे पहले वे हिंडनबर्ग, कोयला हेराफेरी और गोड्डा पावर प्लांट विवाद में भी अडाणी फंस चुके हैं…

1. हिंडनबर्ग रिपोर्ट में मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप 24 जनवरी 2023 को अमेरिकी हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक रिपोर्ट जारी की। इसमें गौतम अडाणी पर मनी लॉन्ड्रिंग और शेयर मैनिपुलेशन के आरोप लगाए। इन दिनों अडाणी एंटरप्राइजेज 20 हजार करोड़ रुपए का FPO लॉन्च करने वाली थी। ये FPO 27 जनवरी 2023 को खुलना था, लेकिन उससे 3 दिन पहले हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आ गई।

25 जनवरी तक शेयर मार्केट में अडाणी ग्रुप के शेयर्स की वैल्यू करीब 12 बिलियन डॉलर यानी करीब 1 लाख करोड़ रुपए कम हो गई। हालांकि अडाणी ने आरोपों से इनकार किया और 20 हजार करोड़ रुपए का FPO भी कैंसिल कर दिया। केस की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 6 सदस्यीय कमेटी बनाई और SEBI ने भी मामले की जांच की। इसमें अडाणी को क्लीन चिट मिल गई।

2. लो-ग्रेड कोयले में हेराफेरी का आरोप 22 मई 2024 को ब्रिटिश अखबार फाइनेंशियल टाइम्स के फ्रंट पेज पर एक खबर छपी। हेडलाइन थी- ‘अडाणी पर भारत में स्वच्छ ईंधन के रूप में लो-ग्रेड का कोयला बेचकर धोखाधड़ी करने का आरोप…’

फाइनेंशियल टाइम्स ने ऑर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट की एक रिपोर्ट का हवाला दिया। इसमें दावा किया गया था कि जनवरी 2014 में अडाणी ग्रुप ने एक इंडोनेशियाई कंपनी से 28 डॉलर (करीब 2,360 रुपए) प्रति टन की कथित कीमत पर लो-ग्रेड’ कोयला खरीदा था।

इस कोयले की शिपमेंट को तमिलनाडु जेनरेशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी (TANGEDCO) को हाई-ग्रेड वाले कोयले के रूप में 91.91 डॉलर (करीब 7750 रुपए) प्रति टन की औसत कीमत पर बेच दिया गया था। इसी के चलते ग्रुप ने कोयले से बनने वाली बिजली ग्राहकों को ज्यादा कीमत पर बेची।

3. गोड्डा पावर प्लांट विवाद अडाणी पावर झारखंड लिमिटेड (APJL) और बांग्लादेश सरकार के बीच नवंबर 2017 में बिजली सप्लाई डील हुई। इस डील के मुताबिक, अडाणी पावर अगले 25 साल तक बांग्लादेश को बिजली सप्लाई करने का कॉन्ट्रैक्ट मिला। 10 अप्रैल 2023 से APJL ने बांग्लादेश को बिजली देना शुरू किया। APJL के गोड्डा प्लांट से रोजाना 1,496 मेगावॉट बिजली की सप्लाई होती है।

गोड्डा पावर प्लांट।
गोड्डा में अडानी पावर प्लांट

बांग्लादेश की तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार अडाणी को हर महीने 6 से 6.5 करोड़ डॉलर का भुगतान करती थी, लेकिन 5 अगस्त 2024 को हसीना सरकार का तख्तापलट हो गया। इसके बाद बांग्लादेश के प्रधानमंत्री बने मोहम्मद यूनुस।

नवंबर 2024 तक बांग्लादेश पर APJL का 85 करोड़ डॉलर यानी करीब 7,200 करोड़ रुपए का बकाया बचा है। इस पर अडाणी ने बांग्लादेश में बिजली कटौती का ऐलान कर दिया।

यूनुस की सरकार ने अडाणी को देने वाले पैसों में कटौती कर दी। एक रिपोर्ट के मुताबिक, जुलाई और अगस्त 2024 में बांग्लादेश ने अडाणी को 3.1 करोड़ डॉलर का भुगतान किया था। सिंतबर में 8.7 करोड़ और अक्टूबर में 9.7 करोड़ डॉलर का भुगतान किया गया।

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राजस्थान में 7 सीटाें पर उपचुनाव हो रहे हैं। आज वोटिंग के दौरान देवली-उनियारा सीट पर कांग्रेस के बागी और निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा ने SDM अमित चौधरी को थप्पड़ जड़ दिया। वे समरावता मतदान केंद्र में जबरन घुसने की कोशिश कर रहे थे। प्रशासन और पुलिस के जवानों ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो हाथापाई हो गई।

देवली-उनियारा के समरावता गांव में नरेश मीणा और उनके समर्थक पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों से भिड़े

देवली-उनियारा के समरावता गांव में नरेश मीणा और उनके समर्थक पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों से भिड़ गए।

एरिया मजिस्ट्रेट की रिपोर्ट के अनुसार आरोपी नरेश मीणा के खिलाफ कार्रवाई करेंगे-कलेक्टर

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इसमें निर्दलीय प्रत्याशी भी ग्रामीण के साथ बैठे हुए है। उसने बूथ पर जाकर एरिया मजिस्ट्रेट अमित चौधरी के थप्पड़ मार दी। इस मामले में एरिया मजिस्ट्रेट की ओर से जैसी रिपोर्ट आएगी, उसी अनुसार कानूनी कार्रवाई के लिए आगे लिखा जाएगा।

रही बात समरावता के ग्रामीणों की उनके गांव को उनियारा तहसील में जोड़ने की मांग तो अभी आचार लगी हुई है। चुनाव के बाद इस गांव को उनियारा में जुड़वाने के लिए प्रपोजल भिजवा दिया जाएगा। पहले भी अन्य गांव जोड़े जा चुके है। इसका भी प्रपोजल भेज कर जुड़वा दिया जायेगा।

मामला संज्ञान में लिया है, विधिक कार्रवाई की जाएगी-टोंक एसपी

टोंक एसपी विकास सांगवना ने कहा-समरावता गांव में पोलिंग बूथ पर ग्रामीणों द्वारा मतदान का बहिष्कार किया गया था। प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर समझाइश की। इसी बीच निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीना मतदान केंद्र में भागते हुए आए और उन्होंने एरिया मजिस्ट्रेट अमित चौधरी के साथ मारपीट की।

इसको संज्ञान में ले लिया है। यहां पूरी सुरक्षा व्यवस्था है। मैंने खुद ने यहां टीम के साथ विजिट किया है। अभी स्थिति नॉर्मल है। आगे जो भी विधिक कार्रवाई होगी, उसमें करवाई जाएगी। देवली उनियारा में मतदान के बीच नरेश मीणा ने अपना आपा खो दिया।

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SOG की नाकामी छिपाने के लिए एसआई भर्ती परीक्षा 2021 रद्द करने की कवायद तेज

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 13 अक्टूबर 2024 | जयपुर : प्रोफ़ेसर राम लखन मीणा का कहना है कि भजनलाल सरकार ने SOG की नाकामी छिपाने के लिए एसआई भर्ती परीक्षा 2021 रद्द करने की कवायद तेज कर दी है। एसओजी लम्बे समय से पेपर लीक की जाँच कर रही है और मात्र 5% फर्जी थानेदारों की पहचान कर पायी है। इसमें में मुख्य आरोपी और बड़ी मछलियाँ जाँच के दायरे से बाहर है। एसआई भर्ती को रद्द करना प्रतिभाशाली युवाओं के साथ धोखा होगा। 

SOG की नाकामी छिपाने के लिए एसआई भर्ती परीक्षा 2021 रद्द करने की कवायद तेज

प्रोफ़ेसर मीणा ने कहा कि संपूर्ण सिलेक्शन प्रक्रिया को निरस्त नहीं किया गया जाना चाहिए। जाँच की प्रक्रिया को तेज करके फर्जी तरीके से सिलेक्ट हुए अभ्यर्थी जेल में डाले जाने चाहिए। SOG जांच अंतिम छोर तक की जाये ताकि बड़ी मछलियाँ पकड़ी जाये। जाँच में अब तक पकडे गये फर्जी अभ्यर्थियों के स्थान पर मेरिट में नीचे वालों को लिया जाये। अब इस भर्ती को निरस्त करने का अर्थ है, योग्य व ईमानदार को सजा देना।  

SOG की नाकामी छिपाने के लिए एसआई भर्ती परीक्षा 2021 रद्द करने की कवायद तेज

एसआई भर्ती परीक्षा 2021 को लेकर आज बड़ी संख्या में ट्रेनी एसआई के परिवार जन शहीद स्मारक पर धरना दे रहे हैं। परिजनों की मांग है कि सरकार इस परीक्षा को निरस्त न करें। जो लोग गलत तरीके से इस परीक्षा को पास कर ट्रेनिंग कर रहे हैं। उनके खिलाफ सरकार कड़ा एक्शन ले, लेकिन जो लोग मेहनत कर के इस परीक्षा को पास कर ट्रेनिंग कर रहे हैं। उनके भविष्य के साथ कोई खिलवाड़ न हो।

शहीद स्मारक पर बड़ी संख्या में ट्रेनिंग कर रहे एसआई के परिजन और रिश्तेदार पहुंच कर सरकार से वार्ता करने का समय मांग रहे हैं। परिजनों का कहना है कि अगर सरकार ने यह परीक्षा रद्द की तो उन के बच्चों का भविष्य खराब हो जाएगा। ऐसे में सरकार को सोच समझ कर एक्शन लेना चाहिए। ट्रेनिंग कर रहे एसआई दो दिन पहले किरोड़ी लाल मीणा से भी उनके आवास पर मिले थे। यहां पर उन्होंने अपनी परेशानी बताई थी। 

मंत्रियों की कमेटी को करना है फैसला

SI भर्ती परीक्षा 2021 को रद्द होगी या नहीं इस पर 6 मंत्रियों की कमेटी को अभी फैसला करना है। वहीं, कमेटी बनने के बाद से ही ट्रेनिंग कर रहे एसआई परेशान हो गए हैं। जो परीक्षा पास कर अभी ट्रेनिंग कर रहे हैं। उनका कहना है कि एसआई भर्ती परीक्षा 2021 में कुल 809 अभ्यर्थी पास हुए। इनकी ट्रेनिंग जयपुर आरपीए, किशनगढ़ और जोधपुर ट्रेनिंग सेंटर में चल रही हैं। इनमें से 50 ट्रेनी एसआई को गिरफ्तार किया जा चुका है। जो कुल पास अभ्यर्थियों का 5% है।

अगर परीक्षा रद्द होती है तो 95% ट्रेनी एसआई का भविष्य खराब हो जाएगा। जीवन के चार साल खत्म हो जाएंगे। ये ट्रेनी एसआई कुछ सामाजिक संगठनों के जरिए अपनी बात सरकार तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।

ट्रेनी सब इंस्पेक्टरों का कहना है कि कुछ लोगों के फर्जी तरीके से जॉइनिंग लेने से सभी के साथ अन्याय नहीं किया जा सकता। प्रशिक्षु सब इंस्पेक्टर ने सालों मेहनत करके इस पद को हासिल किया है। एक साल से अधिक का समय ट्रेनिंग करते हुए हो गया है। अगर यह भर्ती रद्द की गई तो ईमानदार और मेहनत से बने एसआई के साथ यह गलत होगा।

अगर इस भर्ती को रद्द किया गया तो 95 प्रतिशत पर पड़ेगा बड़ी मार,आरोपियों की हो जायेगी मौज

भर्ती रद्द करने से वो लोग बच जाएंगे। जो गलत रास्ते से इसमें आए हैं। वे चाहतें हैं कि भर्ती रद्द हो जाए। उनका नाम उजागर न हो। न्याय तभी होगा, जब अंतिम कड़ी तक जांच होकर उन गलत तरीके से आए लोगों को इस भर्ती से अलग किया जाए। इस भर्ती में प्रत्येक उस अभ्यर्थी को बाहर किया जाना चाहिए। जिसका फर्जी तरीके से चयन हुआ है। उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। ताकि आने वाली पीढ़ी सबक ले सके।

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पूरी भर्ती प्रक्रिया निरस्त नहीं होनी चाहिए। क्योंकि चयनित हुए प्रत्येक योग्य उम्मीदवार ने अपने जीवन के चार साल इस भर्ती को दिए हैं। 2021 से 2024 के बीच अन्य भर्ती की तैयारी भी नहीं की। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने भी NEET परीक्षा के बारे में नकल से सिलेक्ट हुए अभ्यर्थियों को ही बाहर किया।

ट्रेनी एसआई की अपील

  1. इस भर्ती में 65% अभ्यर्थी केंद्र और राज्य सरकार की नौकरी छोड़ कर SI पद पर नियुक्त हुए हैं। इनमें अधिकतर का प्रोबेशन पीरियड भी पूरा नहीं हुआ है। उनका क्या होगा वे पुनः उस नौकरियों में भी नहीं जा सकते।
  2. 4 साल इसमें खर्च करने के बाद अगर बाहर कर दिए जाते हैं। योग्य व ईमानदार अभ्यर्थियों के भविष्य का क्या होगा? उनका परिवार, यहां तक का उनकी पीढ़ियां भी प्रभावित होंगी उनका क्या होगा ?
  3. SI पद अनुरूप शादी तय हुई या शादी हो गयी उनका क्या होगा ?
  4. परीक्षा के समय जो अभ्यर्थी TSP वर्ग में था। अब उसकी शादी होने से NON TSP में चला गया। कोई महिला विधवा कोटे से लगी थी। अब उसने शादी कर ली उनका क्या होगा ?
  5. 2021 के समय जो लिखित व फिजिकल परीक्षा उसने पास की थी। क्या 4 वर्ष बाद अब वह संभव हो पाएंगी ?
  6. SOG ने शक के आधार पर एक ट्रेनी सब इंस्पेक्टर हरिओम पाटीदार मेरिट क्रमांक 645 को उठा लिया था। कोर्ट में पेश कर जेल भी भेज दिया गया था। लेकिन जब जांच में निर्दोष पाया गया तो स्वयं SOG ने इसकी हाईकोर्ट से जमानत करवाई थी। अभी वह वर्तमान में पुनः प्रशिक्षण में शामिल है। इससे यह साफ जाहिर होता है कि SOG दोषी और निर्दोष की पहचान कर सकती है। SOG चाहे तो प्रत्येक ट्रेनी सब इंस्पेक्टर को एक बार अपनी कस्टडी में लेकर नार्को/ पॉलीग्राफ़ टेस्ट के मार्फत पूछताछ कर ले। हम सभी प्रकार के नार्को एवं पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए भी तैयार हैं। यदि उसकी जांच में दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ चाहे जैसी कार्रवाई करें। किसी को कोई आपत्ति नहीं रहेगी और निर्दोष है तो वापस ट्रेनिंग सेंटर भेज दिया जाए।

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