मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 03 जनवरी 2025 | जयपुर : नरेश मीणा से जुड़े समरावता प्रकरण में 42 लोगों की राजस्थान हाईकोर्ट जयपुर से जमानत हो गयी है। इससे नरेश मीणा के समर्थकों में ख़ुशी की लहर दौड़ गयी है। 42 आरोपियों को मिली ज़मानत के बाद नरेश मीणा की रिहाई का भी रास्ता खुलेगा।
नरेश मीणा से जुड़े समरावता प्रकरण में 42 लोगों की राजस्थान हाईकोर्ट जयपुर से जमानत मंजूर
एसडीएम को थप्पड़ मारने वाले नरेश मीणा की रिहाई को लेकर आज रविवार को टोंक के नगर फोर्ट में महापंचायत सुबह 11 से शाम चार बजे तक आयोजित की गयी थी। इस महापंचायत में उमड़े जनसैलाब से स्थानीय पुलिस-प्रशासन के हाथ-पैर फूल गये थे।
जैसा कि टोंक जिले के नगरफोर्ट में आज नरेश मीणा (Naresh Meena) की रिहाई की मांग को लेकर महापंचायत का आयोजन किया गया था। समर्थकों का दावा है कि इस सभा में तीन लाख से अधिक लोग शामिल हुए। पुलिस प्रशासन द्वारा रास्ते में लोगों को रोकने के बावजूद लाखों लोग इकठ्ठे हुए थे।
सरपंच संघ अध्यक्ष मुकेश मीणा ने भी दावा किया था कि महापंचायत में सर्व समाज के कई लाख लोग शामिल हुए हैं। महापंचायत में एक नरेश मीणा की रिहाई और थप्पड़ कांड के बाद लोगों पर हुई कार्रवाई समेत आगे की रणनीति पर चर्चा की जायेगी। उपखंड अधिकारी द्वारा महापंचायत की सशर्त स्वीकृति दी गईथी।
राजस्थान में सियासी हलचल के बीच आज एक बड़ा फैसला आना है। टोंक जिले के समरावता में विधानसभा उपचुनाव के दिन हुए पथराव और उपद्रव के मामले में गिरफ्तार 42 लोगों की जमानत पर कोर्ट का फैसला आज राजस्थान हाईकोर्ट की जयपुर बेंच से आया है।
टोंक के समरावता हिंसा मामले में गिरफ्तार आरोपियों में से आज हाई कोर्ट ने 40 आरोपियों को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं। जस्टिस प्रवीर भटनागर की अदालत ने आरोपियों की जमानत मंजूर करते हुए कहा कि किसी पर भी स्पेसिफिक एलीगेशन (विशिष्ट आरोप) नहीं है।
पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में माना है कि करीब 400-500 लोगों ने समरावता में हिंसा की है। वहीं मौके पर मौजूद कॉन्स्टेबल को घास में डालकर जलाने की कोशिश की हैं। लेकिन किसी भी आरोपी को लेकर स्पेसिफिक एलिगेशन नहीं लगाए गए हैं।
दरअसल, 13 नवम्बर को टोंक के समारवता में उप चुनाव के दौरान आगजनी की घटना हुई थी। घटना के बाद 14 नवम्बर को पुलिस ने नगरफोर्ट थाने में आगजनी, हत्या का प्रयास सहित अन्य धाराओं में 81 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। 6 दिसम्बर को इन सभी आरोपियों की जमानत टोंक डीजे ने खारिज कर दी थी।
इसलिए हुआ था विवाद
दरअसल, देवली-उनियारा विधानसभा के समरावता (टोंक) गांव में उपचुनाव में वोटिंग का बहिष्कार किया गया था। निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ग्रामीणों के साथ धरने पर थे। इसी दौरान नरेश मीणा ने अधिकारियों पर जबरन मतदान करवाने का आरोप लगाया। उन्होंने पोलिंग बूथ में घुसने की कोशिश की तो SDM अमित चौधरी ने उन्हें रोका। इसके बाद नरेश ने तैश में आकर उन्हें थप्पड़ मार दिया।
इसके बाद ग्रामीणों ने वोटिंग का टाइम खत्म होने के बाद पोलिंग पार्टियों को भी रोकने की कोशिश की। गुस्साए लोगों ने SP विकास सांगवान की गाड़ी भी तोड़ दी। इस बीच पुलिस ने नरेश मीणा को हिरासत में ले लिया। मीणा के समर्थकों को जैसे ही इसकी जानकारी मिली, वे और भड़क गए।
सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण ने पुलिस जवानों को घेर लिया और मीणा को छुड़ाकर ले गए। पुलिस के लाठीचार्ज करने पर नरेश मीणा के समर्थक भड़क गए और पथराव-आगजनी कर दी। बवाल में 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए। इनमें 10 पुलिसवाले भी शामिल हैं। वहीं, गुरुवार सुबह करीब 9.30 बजे नरेश मीणा अचानक समरावता गांव पहुंचे और पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाए थे। इसके बाद नरेश मीणा को गिरफ्तार किया गया था।
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