मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 05 जनवरी 2025 | जयपुर : नरेश मीणा प्रकरण में 39 लोग की ज़मानत मंजूर होने के बाद सभी आरोपी जेल से बाहर आने पर समरावता गाँव में जश्न मनाया गया। समरावता प्रकरण में 42 लोगों की राजस्थान हाईकोर्ट जयपुर से जमानत हो गयी है। इससे नरेश मीणा के समर्थकों में ख़ुशी की लहर दौड़ गयी है।
नरेश मीणा के कार्यकर्ताओं के जेल से बाहर आने पर समरावता गाँव में मनाया जश्न
राजस्थान हाईकोर्ट की जयपुर बेंच ने समरावता कांड के 39 आरोपियों को बड़ी राहत देते हुए उनकी जमानत याचिका मंजूर कर ली है। 38 आरोपियों को मिली ज़मानत के बाद नरेश मीणा की रिहाई का भी रास्ता खुलेगा।
टोंक के समरावता हिंसा मामले में गिरफ्तार आरोपियों में से आज हाई कोर्ट ने 39 आरोपियों को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं। जस्टिस प्रवीर भटनागर की अदालत ने आरोपियों की जमानत मंजूर करते हुए कहा कि किसी पर भी स्पेसिफिक एलीगेशन (विशिष्ट आरोप) नहीं है। राजस्थान की देवली-उनियारा विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा (Naresh Meena) के साथ 56 लोगों की गिरफ्तारी हुई थी।
प्रवीर भटनागर की बैंच ने दी जमानत
बता दें, इस कांड के आरोपियों की एडवोकेट महेंद्र शांडिल्य, राजेंद्र सिंह तंवर, डॉ. महेश शर्मा और कपिल गुप्ता की ओर से पैरवी की गई। वहीं, न्यायमूर्ति प्रवीर भटनागर ने सुनवाई के बाद आरोपियों की जमानत मंजूर की। इससे पहले 6 दिसंबर 2024 को पिछली सुनवाई के दौरान टोंक जिला न्यायालय ने 39 आरोपियों की जमानत याचिकाएं खारिज कर दी थी।
सुनवाई करते हुए न्यायालय ने पाया कि अधिकांश आरोपियों पर समान आरोप हैं और वे लंबे समय से जेल में बंद हैं। इस आधार पर जमानत मंजूर की गई। बताया जा रहा है कि नरेश मीना समेत अन्य आरोपियों की जमानत याचिकाओं पर हाईकोर्ट में जल्द सुनवाई होगी।
इन आरोपियों को मिली जमानत
जमानत पाने वालों में ब्रह्मराज, सुरेश, लवकुश, विमल, टीकाराम, बलराम, उग्रसेन, जसराम, हेतराम, उदयसिंह, कालूराम, गुल मोहम्मद, मनोज कुमार, सुदामा, खुशीराम, रामेश्वर, आत्माराम, रामराज, योगेंद्र, नेतराम, विजेंद्र, हनुमान, दिलखुश, मनीष, कमलेश, राकेश, खुशीराम-2, देशराज, भागीरथ, आत्माराम-2, बबलेश, महावीर, रवि, खेलताराम, आत्माराम-3, खेलताराम-2, राजेश और बुद्धीराम इत्यादि शामिल हैं।
टोंक हिंसा पर SP का बड़ा बड़ा आरोप
विकास सांगवान ने बताया कि नरेश मीणा की गिरफ्तारी चुनोतीपूर्ण थी। हम पूरी तैयारी के साथ समरावाता गांव के अंदर गए थे। 13 तारीख को ही नरेश मीणा को हिरासत में ले लिया था, लेकिन उनके समर्थकों ने पुलिस गाड़ी में आग लगा दी और उन्हें पुलिस हिरासत से छुड़वा कर भगा दिया। जिस समय गाड़ी में आग लगाई, पुलिस टीम गाड़ी के अंदर मौजूद थी। घटना में कुछ पुलिस कर्मी घायल भी हुए हैं।
जबकि गाँव वालों का कहना है कि साधा वर्दी में तैनात पुलिस कर्मियों पर वर्दीधारी पुलिस कर्मियों ने ही बेरहमी से लाठी चार्ज किया था। इसके व्यापक सबूत गाँव के ही सीसीटीवी फुटेज में देखें गये हैं। साथ ही सोशल मीडिया पर भी कई वीडियोज से इसकी पुष्टि हो रही है।
पुलिस अधीक्षक के अनुसार अफवाह फैलाने के लिए सोशल मीडिया का किया इस्तेमाल
नरेश मीणा के समर्थकों ने पुलिस टीम पर पथराव करना शुरू कर दिया। गिरफ्तारी के बाद जो हिंसा हुई वो एक प्लान की गई साजिश है। सोशल मीडिया के जरिए गलत खबर फैलाई जा रही है। खुलेआम पुलिस और प्रशासन को धमकी दिया जा रहा है। सोशल मीडिया पर गुमराह करने वाले लोगों पर भी पुलिस कार्रवाई कर रही है। हाइवे जाम करना भी साजिश थी, जिसके सबूत मिले है। गिरफ्तार लोगों मे ज्यादातर लोग बाहरी है।
बता दें कि नरेश मीणा के फेसबुक अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर कर लिखा था- ‘मेरे साथियों और कार्यकर्ताओं के साथ पुलिस बर्बरता वाला व्यवहार करना बंद कर दें, नहीं अभी तो यह चिंगारी सिर्फ देवली उनियारा में ही उठ रही है। इसकी जिम्मेदार टोंक की कलेक्टर और भजनलाल सरकार है। अगर पुलिस ने यह बर्बरता वाला व्यवहार बंद नहीं किया, तो यह चिंगारी पुरे राजस्थान के चप्पे-चप्पे से उठने में ज्यादा समय नहीं लगेगा, जिसकी जिम्मेदार प्रशासन और सरकार होगी।’
नरेश मीणा ने पुलिस को दी थी खुली चुनौती
मामले पर नरेश मीणा के वकील ने बताया कि नरेश मीणा को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। उनकी जमानत की याचिका कोर्ट में दाखिल की है जिसपर कब सुनवाई होनी है वो कोर्ट तय करेगा। लॉ एंड आर्डर का हवाला देते हुए नरेश मीणा को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पेश किया गया था।