दिल्ली हाईकोर्ट जस्टिस वर्मा के घर जलते नोटों का अनकट वीडियो

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 26 मार्च 2025 | जयपुर : दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के बंगले के बाहर रविवार को सफाई के दौरान सफाई कर्मचारियों को 500-500 रुपए के अधजले नोट मिले। सफाईकर्मियों ने बताया कि 4-5 दिन पहले भी हमें ऐसे नोट मिले थे। ये नोट सफाई के दौरान सड़क पर पत्तों में पड़े हुए थे।

दिल्ली हाईकोर्ट जस्टिस वर्मा के घर जलते नोटों का अनकट वीडियो

इससे पहले 21 मार्च को जस्टिस वर्मा के बंगले से 15 करोड़ रुपए कैश मिलने की बात सामने आई थी। 14 मार्च को होली के दिन उनके घर में आग लग गई थी। फायर सर्विस की टीम जब उसे बुझाने गई तो स्टोर रूम में उन्हें बोरियों में भरे 500-500 रुपए के अधजले नोट मिले थे।

दिल्ली हाईकोर्ट जस्टिस वर्मा के घर जलते नोटों का अनकट वीडियो

22 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस वर्मा के लुटियंस दिल्ली के घर से मिले कैश की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी है। इसमें कैश का वीडियो भी है। साथ ही तीन तस्वीरें भी जारी की गई हैं। इसमें 500 रुपए के जले हुए नोटों के बंडल दिखाई दे रहे हैं।

रिपोर्ट में कहा गया कि 14 मार्च को जस्टिस के घर आग लगने के बाद फायर ब्रिगेड की टीम वहां पहुंची थी। आग पर काबू पाने के बाद 4-5 अधजली बोरियां मिलीं, उनके अंदर नोट भरे हुए थे। इस पर जस्टिस वर्मा ने कहा कि ये नोट उन्होंने या उनके परिवार के लोगों ने नहीं रखे। स्टोर रूम में कोई भी आ जा सकता है। मुझे फंसाया जा रहा है।

21 मार्च को दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय ने इंटरनल इन्क्वायरी के बाद सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट सौंपी थी। सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस वर्मा को ज्यूडिशियल काम देने से मना कर दिया है। अब जस्टिस वर्मा के 6 महीने की कॉल डिटेल्स की जांच की जाएगी।

दिल्ली HC जज के सरकारी बंगले में आग लगी। वहां दमकल कर्मियों को जले हुए 500 रुपए के नोटों से भरी बोरियां मिलीं। - Dainik Bhaskar

दिल्ली HC जज के सरकारी बंगले में आग लगी। वहां दमकल कर्मियों को जले हुए 500 रुपए के नोटों से भरी बोरियां मिलीं। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के घर से 15 करोड़ कैश मिलने का वीडियो जारी किया है। 65 सेकेंड के वीडियो में नोटों से भरी बोरियां दिखाई दे रही हैं।

घटना 14 मार्च की है। बंगले में आग की सूचना पर फायर ब्रिगेड पहुंची थी। वहीं दमकल कर्मचारियों को ये नोट मिले। रकम करीब 15 करोड़ थी। इस मामले में CJI ने 3 मेंबर की जांच कमेटी बना दी है और जस्टिस वर्मा को कोई भी काम न देने को कहा है।

जांच का समय तय नहीं, 3 सदस्यीय कमेटी बनी

CJI खन्ना के आदेश पर बनाई गई तीन सदस्यीय जांच समिति में जस्टिस शील नागू (पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस), जी एस संधावालिया (हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस) और कर्नाटक हाईकोर्ट के जस्टिस अनु शिवरामन शामिल हैं। जांच समिति कितने समय में जांच पूरी करेगी। इसके लिए कोई सीमा तय नहीं की गई है।

उनके मोबाइल फोन की जांच करने के आदेश भी दिए गए हैं। इस मामले में जस्टिस वर्मा ने कहा है कि घटना के समय वे घर में मौजूद नहीं थे और उन्हें फंसाया जा रहा है। अगर जांच कमेटी इस नतीजे पर पहुंचती है कि आरोप सही हैं, तो जस्टिस वर्मा को हटाने की कार्यवाही शुरू करने के लिए CJI संजीव खन्ना ये कदम उठा सकते हैं…

  • CJI संजीव खन्ना जस्टिस वर्मा को इस्तीफा देने या स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने की सलाह दे सकते हैं।
  • अगर जस्टिस वर्मा CJI की सलाह को नहीं मानते हैं तो वे दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को उन्हें कोई काम न देने का आदेश जारी करेंगे।
  • इसके बाद CJI, राष्ट्रपति और प्रधान मंत्री को तीन सदस्यीय समिति की रिपोर्ट देकर उसके नतीजे बताएंगे। जिसके बाद जस्टिस वर्मा को पद से हटाने की कार्यवाही शुरू हो सकेगी।

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राजस्थान में कोचिंग स्टूडेंट की आत्महत्या रोकने, कोचिंग सेंटर कंट्रोल के बिल को कैबिनेट की मंजूरी

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 09 मार्च 2025 | जयपुर :  प्रदेश में कोचिंग स्टूडेंट की आत्महत्या रोकने और कोचिंग सेंटर पर कंट्रोल के लिए सरकार बिल लायेगी। सीएम भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में राजस्थान कोचिंग इंस्टीट्यूट कंट्रोल्ड एंड रेगुलेशन बिल 2025 को मंजूरी दी गई है। विधानसभा के मौजूदा बजट सत्र में ही इस बिल को पारित करवाने की तैयारी है।

राजस्थान में कोचिंग स्टूडेंट की आत्महत्या रोकने, कोचिंग सेंटर कंट्रोल के बिल को कैबिनेट की मंजूरी

बिल के प्रावधानों के मुताबिक 50 या इससे ज्यादा विद्यार्थियों वाले कोचिंग सेंटर्स को कानूनी दायरे में लाया जायेगा। 50 या इससे ज्यादा स्टूडेंट वाले कोचिंग सेंटर्स को रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होगा। प्रदेश में राजस्थान कोचिंग इंस्टीट्यूट कंट्रोल्ड एंड रेगुलेशन अथॉरिटी का गठन किया जायेगा। उच्च शिक्षा विभाग के प्रभारी सचिव इस अथॉरिटी के अध्यक्ष होंगे।

कोचिंग सेंटर कंट्रोल के बिल को कैबिनेट की मंजूरी

पोर्टल और एप बनेगा

कोचिंग सेंटर्स पर मॉनिटरिंग और विद्यार्थियों की सुविधा के लिए एक राज्य स्तरीय पोर्टल और काउंसिलिंग के लिए हेल्पलाइन भी बनाई जाएगी। इस बिल के कानून के बाद हर कोचिंग सेंटर को रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य हो जायेगा।

कोचिंग सेंटर्स पर निगरानी बढ़ेगी, फीस लौटाने के प्रावधान भी होंगे

बिल में कोचिंग सेंटर्स पर निगरानी और नियंत्रण के कड़े प्रावधान होंगे। कोचिंग सेंटर्स मनमानी फीस नहीं वसूल पाएंगे। स्टूडेंट्स को तनाव मुक्त माहौल देना होगा। स्टूडेंट की मेंटल हेल्थ को ध्यान में रखना होगा। बीच में कोचिंग छोड़ने वाले स्टूडेंट्स को फीस लौटाने के प्रावधान भी बिल में शामिल होंगे। जोगाराम पटेल ने कैबिनेट के के फैसलों के बारे में जानकारी दी।

नियमों का उल्लंघन करने पर भारी जुर्माना और संपत्ति जब्त करने तक के प्रावधान

कोचिंग सेंटर पर कंट्रोल वाले बिल में नियमों के उल्लंघन पर कड़ी करवाई का प्रावधान है। संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में कहा- कोचिंग में पढ़ने वाले युवाओं में जिस तरह का तनाव बढ़ रहा था और जो घटनाएं हो रही थी, वो चिंताजनक थी। बिल में कोचिंग सेंटरों की मान्यता रद्द करने, भारी जुर्माना लगाने और लैंड रेवेन्यू एक्ट के हिसाब से जब्ती तक के प्रावधान होंगे।

जोगाराम पटेल ने कैबिनेट के के फैसलों के बारे में जानकारी दी।

राज्य की नई कौशल नीति को मंजूरी, नीति में कई प्रावधान

कैबिनेट ने राज्य की नई कौशल नीति को मंजूरी दी है। इस नीति के अनुसार इंडस्ट्री की मांग के अनुसार कुशल प्रोफेशनल और कामगार तैयार किए जायेंगे। युवाओं को इंडस्ट्री की डिमांड के हिसाब से स्किल डवलपमेंट की ट्रेनिंग देकर उन्हें रोजगार पाने के योग्य बनाया जायेगा।

आईटीआई को उन्नत कौशल विकास केंद्र के तौर पर विकसित करेंगे

नई कौशल नीति के अनुसार प्रदेश की सभी आईटीआई को नए जमाने के हिसाब से उन्नत कौशल केंद्र के रूप में विकसित किया जायेगा। संभाग मुख्यालय में मॉडल करियर सेंटर बनाये जायेंगे। वहां पर युवाओं को करियर काउंसिलिंग से लेकर इंटर्नशिप और रोजगार के अवसरों की जानकारी दी जायेगी।

प्रदेश भर में अलग-अलग सेक्टर के अनुभवी श्रमिकों के कौशल का सर्टिफिकेशन किया जायेगा। इसके लिए कैंप लगाए जायेंगे। स्किल यूनिवर्सिटी का मॉडर्नाइजेशन करके विशेष कौशल केंद्र बनाए जायेंगे।

प्रदेश में दिव्यांगजनों के लिए समान अवसर नीति को मंजूरी

कैबिनेट में दिव्यांगजनों के लिए समान अवसर नीति 2024 को मंजूरी दी है। इस नीति के तहत सरकारी दफ्तरों में विशेष योग्यजन की एंट्री को आसान और बाधा मुक्त बनाने के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर को विकसित किया जाएगा। राज्य सरकार के सभी संस्थाओं में ऐसी सुविधा विकसित की जायेगी, जिससे कि दिव्यांगजनों को आने-जाने में कोई दिक्कत नहीं हो।

यह भी पढ़ें : फर्जी डिग्री सरगना जेएस यूनिवर्सिटी के कुलपति, रजिस्ट्रार और दलाल गिरफ्तार

दिव्यांग कर्मचारी के लिए भी सभी सरकारी दफ्तर में उनके सुविधा के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जायेगा। सारी सुविधाएं भारत सरकार के मापदंडों के हिसाब से विकसित की जाएगी, इसके तहत रैंप बनाने से लेकर इजी अप्रोच के लिए जरूरी सभी संसाधन विकसित किये जायेंगे।

दिव्यांगों के तबादले कम से कम होंगे, रोटेशनल ट्रांसफर से मुक्त रखेंगे

इस नीति के तहत दिव्यांगों को रोटेशनल टाइप ट्रांसफर से मुक्त रखा जायेगा और उनके तबादले कम से कम हो यह कोशिश होगी। हर विभाग दिव्यांगों की भर्ती की देखरेख उनकी नियुक्ति और उनके रिकॉर्ड को मेंटेन करने के लिए संपर्क अधिकारी को नियुक्त करेगा।

कर्मचारियों को अब ग्रेच्युटी का लाभ 1 जनवरी 2024 से मिलेगा

सरकारी कर्मचारियों को केंद्र सरकार के अनुसार 1 जनवरी से बढ़ी हुई ग्रेजुएट ग्रेच्युटी का लाभ मिलेगा। कैबिनेट ने इसकी मंजूरी दी है। सरकार ने बजट में इसकी घोषणा की थी। राज्य सरकार ने रिटायरमेंट ग्रेच्युटी और डेट ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा हाली 20 लाख से बढ़कर 25 लख रुपए की है।

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फर्जी डिग्री सरगना जेएस यूनिवर्सिटी के कुलपति, रजिस्ट्रार और दलाल गिरफ्तार

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 09 मार्च 2025 | जयपुर : फर्जी डिग्री मामले में शनिवार को राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने जेएस यूनिवर्सिटी, शिकोहाबाद के कुलाधिपति सुकेश यादव, रजिस्ट्रार नंदन कुमार और दलाल अजय भारद्वाज को गिरफ्तार कर लिया। सुकेश विदेश भागने की फिराक में थे। उन्हें दिल्ली एयरपोर्ट से पकड़ा गया। वहीं, रजिस्ट्रार नंदन की शिकोहाबाद व दलाल अजय की गिरफ्तारी जयपुर से हुई।

फर्जी डिग्री सरगना जेएस यूनिवर्सिटी के कुलपति, रजिस्ट्रार और दलाल गिरफ्तार

स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने ​बैक डेट में फर्जी डिग्री जारी करने वाले जेएस यूनिवर्सिटी के चांसलर, रजिस्ट्रार और दलाल को अरेस्ट किया है। इस यूनिवर्सिटी से 245 अभ्यर्थी फर्जी डिग्री लेकर पीटीआई बने थे। जेएस यूनिवर्सिटी के चांसलर सुकेश कुमार, रजिस्ट्रार नंदन मिश्रा और जयपुर निवासी दलाल अजय भारद्वाज को एसओजी ने पकड़ा है।

जेएस यूनिवर्सिटी के कुलपति, रजिस्ट्रार और दलाल गिरफ्तार

विदेश भागने की फिराक में था चांसलर सुकेश कुमार

एसओजी के एडीजी वीके सिंह ने बताया- शारीरिक शिक्षक भर्ती परीक्षा-2022 के मामले में शनिवार को जेएस यूनिवर्सिटी के चांसलर सुकेश कुमार, रजिस्ट्रार नंदन मिश्रा और जयपुर निवासी दलाल अजय भारद्वाज को गिरफ्तार किया है। इन्होंने अभ्यर्थियों को घर बैठे फर्जी डिग्रियां दी थी। फर्जीवाड़े में एसओजी पूर्व में ओपीजेएस विश्वविद्यालय के चांसलर-संचालक और पूर्व रजिस्ट्रार को गिरफ्तार कर चुकी है।

जेएस यूनिवर्सिटी के चांसलर सुकेश कुमार, रजिस्ट्रार नंदन मिश्रा और जयपुर निवासी दलाल अजय भारद्वाज को एसओजी ने पकड़ा है।

वीके सिंह ने बताया- चांसलर सुकेश कुमार वर्तमान में राजकीय कॉलेज आगरा में प्रिंसिपल के पद पर कार्यरत है। इसने जेएस विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार नंदन मिश्रा, दलाल अजय भारद्वाज और अन्य के मार्फत यूनिवर्सिटी की बीपीएड कोर्स की बैक डेट में फर्जी तरीके से डिग्रियां जारी की।

जैसा कि पहले बताया गया है उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के शिकोहाबाद कस्बे में स्थित जेएस यूनिवर्सिटी से जुड़े इन व्यक्तियों ने ​लाखों रुपए में सौदा कर सैकड़ों फर्जी डिग्रियां अभ्यर्थियों को घर बैठे दी थी। सुकेश कुमार एसओजी की कार्रवाई का अंदेशा होने पर विदेश भागने की फिराक में था, लेकिन एसओजी ने उसको दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया।

फर्जी तरीके से बैक डेट में दी डिग्रियां

संचालक सुकेश कुमार ने अपने पिता जगदीश सिंह के नाम पर इस विश्वविद्यालय का नाम जेएस विश्वविद्यालय रखा है। दलाल अजय भारद्वाज ओपीजेएस यूनिवर्सिटी से भी हजारों छात्रों को विभिन्न कोर्सेज की फर्जी तरीके से बैक डेट में डिग्रियां दिलवा चुका है।

पेपर माफिया भूपेंद्र सारण के घर से फर्जी डिग्रियां जब्त होने के मामले में भी यह जयपुर में गिरफ्तार हो चुका है। अपने साथियों से मिलकर अजय एकलव्य ट्राइबल यूनिवर्सिटी (पूर्व सुधासागर विश्वविद्यालय) डूंगरपुर और अनंत इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी, मेघालय स्थापित करने जा रहा है।

एसओजी की जांच में सामने आया कि एक ही शिक्षा सत्र में प्रवेश लेने वाले सभी अभ्यर्थियों का चयन इस परीक्षा में हुआ था। यह सभी राजस्थान के निवासी थे। पीटीआई परीक्षा में अनेक विद्यार्थियों ने आवेदन के समय अलग-अलग विश्वविद्यालय का उल्लेख किया।

जबकि चयन के बाद जेएस विश्वविद्यालय की डिग्रियां दी। इस परीक्षा में आवेदन के समय कुल 2067 अभ्यर्थियों ने अपनी बीपीएड की डिग्री जेएस विश्वविद्यालय से उत्तीर्ण/अध्ययनरत होने का उल्लेख किया, जो निर्धारित सीटों से कई गुना ज्यादा है।

पेपर लीक माफिया में फर्जी डिग्री के लिए जेएस यूनिवर्सिटी कुख्यात

एडीजी सिंह ने बताया- पूर्व की भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक माफियाओं ने अयोग्य अभ्यर्थियों के लिए निजी विश्वविद्यालयों से पैसे देकर बड़ी संख्या में बैक डेट में डिग्रियां उपलब्ध करवाई थी। परीक्षा में बैठने वाले अभ्यर्थी फॉर्म भरते समय जान-बूझकर ऐसे निजी विश्वविद्यालय का नाम उल्लेख करते थे, ताकि चयनित होने पर आसानी से पैसे देकर बैक डेट में डिग्री का इंतजाम किया जा सके।

यह भी पढ़ें : राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ एंड साइंसेज (RUHS) में प्रदेश से बाहर के वाइस चांसलर की नियुक्ति का भारी विरोध

वीके सिंह ने बताया- पेपर लीक गैंग के सदस्यों के बीच में इस काम के लिए जेएस यूनिवर्सिटी शिकोहाबाद कुख्यात थी। इस परीक्षा में 2067 अभ्यर्थियों ने परीक्षा का फॉर्म भरते समय खुद को जेएस यूनिवर्सिटी का विद्यार्थी होना और डिग्री प्राप्त होने का उल्लेख किया था, जो कि इस यूनिवर्सिटी के इस कोर्स के लिए स्वीकृत संख्या के कई गुना है।

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