केदारनाथ से 228 किलो सोना चुराने की जाँच कौन करेगा

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 17 जुलाई 2024 | जयपुर :  ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी॑ अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने 15 जुलाई को केदारनाथ मंदिर से 228 किलो सोना गायब होने का आरोप लगाया था। इस पर श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा- स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सिर्फ सनसनी फैलाना चाहते हैं। सबूत हैं तो सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट जाएं।

केदारनाथ से 228 किलो सोना चुराने की जाँच कौन करेगा

केदारनाथ से 228 किलो सोना चुराने की जाँच कौन करेगा

अजेंद्र अजय ने कहा- मैं स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का सम्मान करता हूं, लेकिन वे दिनभर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते रहते हैं। विवाद खड़ा करना, सनसनी फैलाना और चर्चाओं में बने रहना अविमुक्तेश्वरानंद की आदत है। अगर स्वामी कांग्रेस के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं तो यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्हें अनावश्यक विवाद खड़ा करने और केदारनाथ की गरिमा को ठेस पहुंचाने का कोई अधिकार नहीं है।

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने क्या कहा था

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद 15 जुलाई को मातोश्री गए थे। यहां उद्धव ठाकरे ने पूरे परिवार के साथ उनका आशीर्वाद लिया था।

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद 15 जुलाई को मातोश्री गए थे। यहां उद्धव ठाकरे ने पूरे परिवार के साथ उनका आशीर्वाद लिया था। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद 15 जुलाई को मुंबई में थे। उन्होंने दिल्ली में ‘केदारनाथ मंदिर’ जैसा मंदिर बनाने पर कड़ी आपत्ति जताई।

उन्होंने कहा- भगवान के हजार नाम हैं, किसी और नाम से मंदिर बनाएं… पूजा करें। जनता को भ्रम में न डालें। क्या दिल्ली में मंदिर बनाने के पीछे राजनीति है, इस पर शंकराचार्य बोले- हमारे धर्म स्थानों पर राजनीति वाले प्रवेश कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, केदारनाथ धाम से 228 किलो सोना गायब कर दिया गया और आज तक जांच नहीं हुई। कौन जिम्मेदार है? अब वहां घोटाला कर लिया तो दिल्ली में मंदिर बनाएंगे? वहां दूसरा घोटाला करेंगे? हम यह बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद इस बयान के बाद शिवसेना UBT के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के घर गए थे।

दिल्ली के बुराड़ी में श्री केदारनाथ धाम नाम से मंदिर का शिलान्यास हुआ

दिल्ली के बुराड़ी में 10 जुलाई को केदारनाथ धाम नाम से मंदिर का उद्घाटन हुआ था। इसमें उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी शामिल हुए थे। दरअसल, 10 जुलाई को दिल्ली के बुराड़ी स्थित हिरनकी में ‘श्री केदारनाथ धाम’ नाम से मंदिर का शिलान्यास हुआ।

कार्यक्रम में उत्तराखंड के सीएम पुष्कर धामी भी थे। आयोजन समिति ने शिलान्यास कार्यक्रम का जो आमंत्रण पत्र जारी किया, उसमें भगवान शिव और केदारनाथ धाम की फोटो है।

नीचे ‘केदारनाथ धाम ट्रस्ट दिल्ली’ के फाउंडर सुरेंद्र रौतेला की फोटो है। दान और चंदे के लिए क्यूआर कोड भी दिया गया हैै। शिलान्यास के बाद से ही केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित और स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं। इस बीच, उत्तराखंड सरकार ने कहा कि ज्योतिर्लिंग का एक ही स्थान है, दूसरे स्थान पर धाम नहीं हो सकता।

सोना चोरी होने का विवाद कहां से शुरू हुआ

केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में इससे पहले चांदी की परत लगी हुई थी, जिस पर अक्टूबर 2022 में सोने की परत चढ़ाई गई।

केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में इससे पहले चांदी की परत लगी हुई थी, जिस पर अक्टूबर 2022 में सोने की परत चढ़ाई गई। केदारनाथ मंदिर में सितंबर-अक्टूबर 2022 में चांदी की परत हटाकर सोने की परत चढ़ाने का काम पूरा हुआ था। इसके लिए मुंबई के एक व्यापारी ने 23 किलो सोना मंदिर समिति को दान किया था। जिसके बाद गर्भगृह की दीवारों और छत पर सोना मढ़ा गया था।

गोल्ड प्लेटिंग का काम भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के दो अधिकारियों की देखरेख में हुआ था। करीब 19 कारीगरों ने 3 दिन में इस काम को पूरा किया था। सोने की परत चढ़ाने से पहले IIT रुड़की, सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च रुड़की और ASI की 6 सदस्यों की टीम ने केदारनाथ का दौरा किया था और गर्भगृह का निरीक्षण किया था।

जून 2023 में केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित और चारधाम महापंचायत के उपाध्यक्ष संतोष त्रिवेदी ने मंदिर को दान में मिला 23 किलो सोना चोरी होने का आरोप लगाया था। पुजारी ने केदारनाथ मंदिर समिति पर 125 करोड़ के घोटाले का आरोप लगाते हुए सोने को पीतल से बदलने की बात कही थी।

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आरोपों पर मंदिर समिति ने कहा था कि यह केदारनाथ धाम की छवि को खराब करने की साजिश है। गोल्ड प्लेटिंग का काम नियम के मुताबिक और अधिकारियों की देखरेख में किया गया था। मंदिर समिति की इसमें कोई सीधी भूमिका नहीं है। बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति अधिनियम, 1939 में इस तरह के दान देने की छूट है।

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अभिनेता अल्लू अर्जुन को मजिस्ट्रेट से 14 दिन की जेल फिर हाईकोर्ट से जमानत

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 13 दिसंबर 2024 | जयपुर : हैदराबाद के संध्या थिएटर में ‘पुष्पा 2: द रूल’ के प्रीमियर के दौरान भगदड़ के मामले में तेलुगु एक्टर अल्लू अर्जुन को शुक्रवार (13 दिसंबर) को तेलंगाना हाईकोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई। हैदराबाद पुलिस ने उन्हें अल सुबह घर से गिरफ्तार कर लिया, जब अभिनेता चाय पी रहे थे।

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पुलिस ने भगदड़ केस में पूछताछ के बाद अल्लू अर्जुन को निचली अदालत में पेश किया, जहां कोर्ट ने उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। हालांकि, शाम होते-होते तेलंगाना हाईकोर्ट से एक्टर को 4 हफ्ते के लिए बेल मिल गई।

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बता दें कि हैदराबाद में पुष्पा 2 मूवी के प्रीमियर के दौरान भीड़ बेकाबू हो गई थी और भगदड़ में 35 वर्षीय महिला की मौत हो गई और उनके नाबालिग बेटे (9 साल) को गंभीर चोटें आई हैं। इस घटना के 8 दिन बाद तेलंगाना पुलिस हरकत में आई। अभिनेता अल्लू अर्जुन की रिहाई का आदेश देते हुए हाईकोर्ट ने कहा- ‘सिर्फ इसलिए कि वह एक एक्टर हैं… उन्हें इस तरह नहीं रखा जा सकता।’

अब केस में आगे क्या होगा?

अभिनेता अल्लू अर्जुन ने तेलंगाना हाईकोर्ट में याचिका दायर कर एफआईआर से अपना नाम हटाने की मांग की है। यह मामला भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा प्रबंधन में लापरवाही के कारण बड़े आयोजनों में सुरक्षा उपायों की जरूरत को उजागर करता है। दूसरी ओर, मामले में एक ट्विस्ट ये भी है कि मृतका के पति ने केस वापस लेने की बात कही है। उसने कहा कि भगदड़ मामले में एक्टर की कोई गलती नहीं है।

भीड़ नियंत्रण के लिए नहीं थे पुख्ता इंतजाम

4 दिसंबर को संध्या थिएटर में बड़ी संख्या में प्रशंसक अल्लू अर्जुन और उनकी को-एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना को देखने पहुंचे थे। थिएटर मैनेजमेंट द्वारा भीड़ को कंट्रोल करने की कोई व्यवस्था नहीं की गई थी। अभिनेता के आने की पूर्व सूचना पुलिस को भी नहीं दी गई। भीड़ के दबाव से थिएटर के गेट गिर गए, जिससे भगदड़ मच गई। इस भगदड़ में एक महिला की जान चली गई और उनका बेटा गंभीर रूप से घायल हो गया।

गैर-इरादतन हत्या के आरोपी हैं अल्लू

अल्लू अर्जुन, उनकी सिक्योरिटी टीम और थिएटर मैनेजमेंट के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 105 (गैर-इरादतन हत्या) और धारा 118(1) (चोट पहुंचाने के लिए दंड) के तहत मामला दर्ज किया गया। संध्या थिएटर के मालिक और दो कर्मचारियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।

अल्लू ने गिरफ्तारी के तरीके पर जताई आपत्ति

पुलिस ने शुक्रवार को अभिनेता को उनके घर से गिरफ्तार किया। इस दौरान अल्लू अर्जुन ने गिरफ्तारी के तरीके पर आपत्ति जताई। उन्होंने पुलिस से कहा, “आप मुझे मेरे बेडरूम से सीधे ले गए। मैंने कपड़े बदलने का समय मांगा, लेकिन आपने इसकी अनुमति नहीं दी।”

इस कार्रवाई के दौरान एक्टर ने पुष्पा 2 के चर्चित डायलॉग लिखी हुडी पहन रखी थी: “फूल नहीं, आग हूं मैं।” बाद में पुलिस ने चिक्कडपल्ली थाने में बयान दर्ज किए और फिर उस्मानिया हॉस्पिटल में मेडिकल जांच कराई।

अल्लू ने 25 लाख की मदद का ऐलान किया

थिएटर में भगदड़ के बाद अभिनेता ने गहरा दुख जताते हुए कहा था कि वह इस हादसे से “दिल टूटने” जैसा महसूस कर रहे हैं। उन्होंने मृतक महिला के परिवार को 25 लाख रुपए की आर्थिक मदद देने की घोषणा की।

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साथ ही घायल लड़के के इलाज का पूरा खर्च उठाने का वादा किया था। 7 दिसंबर को पुष्पा 2 की सक्सेस पार्टी में अल्लू ने कहा, “इस घटना को समझने और प्रतिक्रिया देने में मुझे कई घंटे लग गए। यह मेरे लिए मानसिक रूप से झकझोरने वाला था।”

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दिल्ली के जवाहर लाल यूनिवर्सिटी में साबरमती रिपोर्ट फिल्म की स्क्रीनिंग के दौरान पथराव

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 13 दिसंबर 2024 | जयपुर : दिल्ली से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। दिल्ली के प्रसिद्ध जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में साबरमती रिपोर्ट की स्क्रीनिंग के दौरान भारी बवाल हो गया है।

दिल्ली के जवाहर लाल यूनिवर्सिटी में साबरमती रिपोर्ट फिल्म की स्क्रीनिंग के दौरान पथराव

इस फिल्म की स्क्रीनिंग के दौरान पथराव कर दिया गया है, जबकि फिल्म के पोस्टर भी फाड़ दिए गए हैं। छात्रों ने फिल्म की स्क्रीनिंग के खिलाफ हल्ला बोल दिया और नारेबाजी शुरू कर दी। स्थिति बिगड़ती देख पुलिस मौके पर पहुंच चुकी है और स्थिति को काबू में करने के प्रयास में जुटी हुई है।

दिल्ली के जवाहर लाल यूनिवर्सिटी में साबरमती रिपोर्ट फिल्म की स्क्रीनिंग के दौरान पथराव

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का कहना है  कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय परिसर में साबरमती रिपोर्ट फिल्म की स्क्रीनिंग के दौरान बाहर से पथराव किया गया जिसमें कुछ छात्र घायल हो गए। जेएनयू के एवीबीपी विंग के अध्यक्ष राजेश्वर कांत दुबे ने कहा, “कुछ छात्रों को मामूली चोटें आई हैं। कुछ देर के लिए स्क्रीनिंग रोक दी गई थी, लेकिन कुछ देर बाद इसे फिर से शुरू कर दिया गया।”

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूनिवर्सिटी में यह स्क्रीनिंग एबीवीपी की ओर से किया जा रहा था, लेकिन तभी लेफ्ट पार्टियों ने हंगामा शुरू कर दिया और पथराव के साथ नारेबाजी करने लगे। एबीवीपी ने लेफ्ट पार्टी पर ये गंभीर आरोप लगाया है।

दिल्ली के जवाहर लाल यूनिवर्सिटी में साबरमती रिपोर्ट फिल्म की स्क्रीनिंग के दौरान हंगामा हो गया है। एबीवीपी ने इसको लेकर लेफ्ट पार्टी पर बड़ा आरोप लगाया है।

हंगामा होने के कारण स्क्रीनिंग को रोक दिया गया है। एबीवीपी से जुड़े छात्र ने पथराव को लेकर आरोप लगाते हुए कहा कि यह बेहद दुखद है। लेफ्ट से जुड़े छात्रों का हमेशा से यही रवैया रहा है। बताया जा रहा है कि पत्थरबाजी के कारण एक छात्र गंभीर रूप से घायल भी हो गया है। एबीवीपी ने कहा कि इसको लेकर हम औपचारिक शिकायत करेंगे।

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बता दें कि इस फिल्म को लेकर इसलिए इतना बवाल हो रहा है, क्योंकि इस फिल्म में गुजरात में हुए गोधरा कांड के बाद की कहानी दिखाई गई है, इस फिल्म में इसका जिक्र नहीं है कि गोधरा कांड से पहले क्या हुआ था, ऐसी क्या नौबत आ गई जिसके कारण गोधरा कांड हुआ था। 

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