सऊदी अरब और कुवैत में इंडिया के लिए कौन बेहतर

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 27 दिसंबर 2024 | दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) पिछले सप्‍ताह अरब देश कुवैत की यात्रा पर थे। यह करीब 43 साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की कुवैत की यात्रा थी। पीएम मोदी ने खाड़ी देश के मामले में आखिर कुवैत को क्‍यों चुना (Who is better for India between Saudi Arabia and Kuwait) और अरब के दूसरे सबसे चर्चित देश यूएई यानी सऊदी अरब से तुलना की जाए तो दोनों देशों में ज्‍यादा अमीर कौन है।

सऊदी अरब और कुवैत में इंडिया के लिए कौन बेहतर

सऊदी अरब और कुवैत में किसके पास ज्‍यादा बड़ा तेल भंडार है और किसकी करेंसी सबसे मजबूत है। वैसे तो भारत के सभी खाड़ी देशों कुवैत, कतर, यूएई और सऊदी अरब के साथ अच्‍छे संबंध हैं। इन देशों में लाखों भारतीय काम भी करते हैं।

सऊदी अरब और कुवैत में इंडिया के लिए कौन बेहतर

इससे पहले पीएम मोदी 2 बार सऊदी अरब का दौरा भी कर चुके हैं। पहली बार साल 2016 में गए थे और फिर 2019 में गए थे। ऐसे में यह सवाल सहज ही उठता है कि आखिर इन दोनों खाड़ी देशों में से ज्‍यादा मतबूत कौन है। दोनों देशों में भारत के लिए रणनीतिक रूप से ज्‍यादा महत्‍वपूर्ण (ما هو الأفضل للعرب والكويت في الهند) कौन है।

इंडिया के लिए कौन बेहतर

अगर सऊदी अरब (السُّعُودِيَّة) और कुवैत (الْكُوَيْت‎) के भारत के साथ व्‍यापारिक रिश्‍तों को देखा जाए तो रणनीतिक रूप से सऊदी अरब ज्‍यादा करीब है। वित्‍तवर्ष 2022-23 में भारत और सऊदी अरब के बीच कुल द्विपक्षीय कारोबार 52 अरब डॉलर (करीब 4.45 लाख करोड़ रुपये) का रहा है। इसी दौरान अगर कुवैत के साथ व्‍यापार देखा जाए तो महज 13 अरब डॉलर (करीब 1.10 लाख करोड़ रुपये) ही रहा है।

शब्द “सऊदी” तत्व के रूप में-Suʻūdīyah देश है, जो एक प्रकार का विशेषण एक nisba रूप में जाना जाता है, के नाम से अरबी से ली गई है सऊदी शाही परिवार, अल सउद (آل سعود) की राजवंशीय नाम से गठित। शामिल होने कि देश शाही परिवार का निजी अधिकार है दृश्य व्यक्त करता है।

कौन देता है ज्‍यादा तेल

अब बात करते हैं कच्‍चा तेल खरीदने की तो सऊदी अरब इस मामले में भी 20 साबित होता है। सऊदी अरब भारत को तेल सप्‍लाई करने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश है, जबकि कुवैत इस मामले में 6वें नंबर पर आता है। करीब 26 लाख भारतीय सऊदी अरब में काम करते हैं, जबकि कुवैत में 10 लाख भारतीय हैं। सऊदी अरब इसलिए भी हमारे लिए ज्‍यादा जरूरी है कि यहां हर साल लाखों भारतीय मुसलमान हज करने के लिए जाते हैं।

किसी जीडीपी सबसे मजबूत

अर्थव्‍यवस्‍था के लिहाज से भी सऊदी अरब काफी मजबूत है। सऊदी अरब की जीडीपी मिडिल ईस्‍ट में सबसे बड़ी है, जो करीब 1.11 ट्रिलियन डॉलर की है। यहां 3.60 करोड़ लोगों की जनसंख्‍या है। कुवैत की जनसंख्‍या महज 45 लाख की है और जीडीपी का आकार भी 173 अरब डॉलर तक सिमटा हुआ है।

कौन ज्‍यादा अमीर देश

अब तक आंकड़े साफ बता रहे हैं कि कुवैत के मुकाबले सऊदी अरब कहीं ज्‍यादा अमीर देश है, लेकिन अगर पब्लिक वेल्‍थ की बात करें तो इस मामले में 800 अरब डॉलर के साथ कुवैत आगे है, जबकि सऊदी अरब के पास 776 अरब डॉलर का पब्लिक इनवेस्‍टमेंट फंड है।

कुवैत की प्रति व्‍यक्ति आय भी 37 हजार डॉलर है, जो सऊदी अरब की 30,800 डॉलर ही है। हालांकि, सऊदी अरब में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा तेल भंडार है जो करीब 267 अरब बैरल का है, जबकि कुवैत में 6वां सबसे बड़ा तेल भंडार है, जो 102 अरब बैरल है।

किसी करेंसी मजबूत

अगर सऊदी अरब और कुवैत की करेंसी की बात की जाए तो इस मामले में कुवैत कहीं आगे ठहरता है। सऊदी अरब की करेंसी रियाल भारतीय रुपये के हिसाब से एक रियाल में 22.74 रुपये आते हैं। कुवैत और भारतीय करेंसी की तुलना करें तो यह करीब 10 गुना ज्‍यादा मजबूत है। एक कुवैती दिनार में 277.14 भारतीय रुपये होंगे।

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रुपया 33 पैसा गिरकर 85.59 के निचले स्तर पर आया

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 27 दिसंबर 2024 | मुंबई : रुपए में आज यानी शुक्रवार (27 दिसंबर) को डॉलर के मुकाबले बड़ी गिरावट देखने को मिली। दिनभर के कारोबार के बाद ये 33 पैसा गिरकर अपने सबसे निचले स्तर 85.59 के पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान तो इसमें 55 पैसे की गिरावट रही थी। गुरुवार (26 दिसंबर) को डॉलर के मुकाबले यह 85.26 रुपए के स्तर पर बंद हुआ था।

रुपया 33 पैसा गिरकर 85.59 के निचले स्तर पर आया 

इस साल किसी एक दिन में रुपए में यह सबसे बड़ी गिरावट है। इससे पहले लोकसभा चुनाव के नतीजे के दिन यानी 4 जून को रुपया 44 पैसा गिरकर 83.50 पर आ गया था। जून को रुपया 83.06 के स्तर पर बंद हुआ था। डॉलर में मजबूती और आयातकों की महीने के अंत में डॉलर की मांग के दबाव में गुरुवार को लगातार तीसरे दिन भी रुपया कमजोर होता रहा।

रुपया 33 पैसा गिरकर 85.59 के निचले स्तर पर आया

बाजार के घंटों के अंत में, डॉलर के मुकाबले रुपया 6 पैसे गिरकर 85.2625 पर आ गया, जबकि पिछले सत्र में यह 85.20 पर था और दिन के दौरान यह 85.2825 के सर्वकालिक निम्नतम स्तर पर पहुंच गया। एक व्यापारी ने कहा कि आयातक बाजार में बहुत सक्रिय थे, हालांकि साल का अंत करीब होने के कारण कारोबार की मात्रा अपेक्षाकृत कम थी।

बीते 6 महीने में यह सबसे बड़ी गिरावट

इस साल डॉलर के मुकाबले रुपया 2.40 रुपए कमजोर हुआ है। 1 जनवरी 2024 को रुपया 83.20 के स्तर पर था, जो साल के अंत यानी आज 85.59 रुपए के स्तर पर आ गया है।

डॉलर में मजबूती और क्रूड ऑयल की बढ़ती कीमतों के चलते

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, यह गिरावट डॉलर में मजबूती और क्रूड ऑयल की बढ़ती कीमतों के चलते आई है। फॉरेन करेंसी ट्रेडर्स ने भारतीय रुपया में आई गिरावट की पीछे की वजह अमेरिकी डॉलर की मजबूत डिमांड और जियो- पॉलिटिकल अनिश्चितताओं की वजह से क्रूड ऑयल के दामों में बढ़ोतरी को बताया है।

दरअसल, बीते सप्ताह अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की ओर से साल 2025 में दो बार ब्याज दरों में कटौती की। इसके बाद डॉलर इंडेक्स को मजबूती मिली है, जो 0.38 प्रतिशत बढ़कर 107.75 पर पहुंच गया।

रुपए में गिरावट से इंपोर्ट करना महंगा होगा

रुपए में गिरावट का मतलब है कि भारत के लिए चीजों का इंपोर्ट महंगा होना है। इसके अलावा विदेश में घूमना और पढ़ना भी महंगा हो गया है। मान लीजिए कि जब डॉलर के मुकाबले रुपए की वैल्यू 50 थी तब अमेरिका में भारतीय छात्रों को 50 रुपए में 1 डॉलर मिल जाते थे। अब 1 डॉलर के लिए छात्रों को 85.06 रुपए खर्च करने पड़ेंगे। इससे फीस से लेकर रहना और खाना और अन्य चीजें महंगी हो जाएंगी।

करेंसी की कीमत कैसे तय होती है?

डॉलर की तुलना में किसी भी अन्य करेंसी की वैल्यू घटे तो उसे मुद्रा का गिरना, टूटना, कमजोर होना कहते हैं। अंग्रेजी में करेंसी डेप्रिशिएशन। हर देश के पास फॉरेन करेंसी रिजर्व होता है, जिससे वह इंटरनेशनल ट्रांजैक्शन करता है। फॉरेन रिजर्व के घटने और बढ़ने का असर करेंसी की कीमत पर दिखता है।

अगर भारत के फॉरेन रिजर्व में डॉलर, अमेरिका के रुपयों के भंडार के बराबर होगा तो रुपए की कीमत स्थिर रहेगी। हमारे पास डॉलर घटे तो रुपया कमजोर होगा, बढ़े तो रुपया मजबूत होगा। इसे फ्लोटिंग रेट सिस्टम कहते हैं।

यह ध्यान देने योग्य है कि रुपये का 84 से 85 पर आना दो महीनों में हुआ, जबकि 83 से 84 पर आने में करीब 14 महीने लगे। फिर भी नवंबर में 108.14 से अधिक वास्तविक प्रभावी विनिमय दर (आरईईआर) या मुद्रास्फीति के समायोजन के बाद कई विदेशी मुद्राओं के सापेक्ष इसके मूल्य के संदर्भ में, यह अभी भी रिकॉर्ड ऊंचाई पर है क्योंकि इसकी जोड़ी मुद्राओं ने रुपये की तुलना में बहुत अधिक नुकसान उठाया है।

अक्टूबर के मध्य में 84 से नीचे गिरने के बाद से, विकास में मंदी, बड़े पैमाने पर विदेशी निकासी (एक महीने में 12 बिलियन डॉलर से अधिक), अमेरिकी राष्ट्रपति-चुनाव डोनाल्ड ट्रम्प की व्यापार नीतियों और एक आक्रामक फेडरल रिजर्व के कारण रुपया धीरे-धीरे गिर रहा है। हालांकि, रिजर्व बैंक के लगातार हस्तक्षेप ने रुपये की गिरावट को नियंत्रित रखा है।

आरबीआई के अनुसार, रुपये की रक्षा के लिए अकेले अक्टूबर में इसने 47 बिलियन डॉलर से अधिक की बिक्री की है। दिसंबर के लिए आरबीआई बुलेटिन के अनुसार, रिजर्व बैंक ने अक्टूबर में स्पॉट फॉरेक्स मार्केट में $9.28 बिलियन की शुद्ध बिक्री की, जबकि सितंबर में $14.58 बिलियन की शुद्ध बिक्री की तुलना में शुद्ध बकाया फॉरवर्ड बिक्री $49.18 बिलियन रही।

यह भी पढ़ें : राजस्थान में मावट कई जिलों में ओलावृष्टि से किसानों पर आफत फसल चौपट

केंद्रीय बैंक ने कहा कि उसने अक्टूबर के दौरान $27.5 बिलियन की खरीद की और $36.78 बिलियन की बिक्री की। इसके विपरीत केंद्रीय बैंक ने सितंबर में स्पॉट मार्केट में $9.64 बिलियन की शुद्ध खरीद की है। यह ध्यान देने योग्य है कि अक्टूबर माह रुपए के लिए सबसे अस्थिर महीना था, जिसकी शुरुआत विदेशी फंडों द्वारा घरेलू इक्विटी में बिकवाली से हुई और फिर डोनाल्ड ट्रम्प के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव जीतने से रुपए की तकलीफ और बढ़ गई।

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राजस्थान में मावट कई जिलों में ओलावृष्टि से किसानों पर आफत फसल चौपट

राजस्थान में मावट कई जिलों में ओलावृष्टि से किसानों पर आफत फसल चौपट 

राजस्थान में मावट कई जिलों में ओलावृष्टि से किसानों पर आफत फसल चौपट

झुंझुनूं-हनुमानगढ़ और चूरू में कई जगह भारी ओलावृष्टि हुई है, इससे फसलों को नुकसान की आशंका जताई जा रही है। इससे पहले गुरुवार रात से शुरू हुआ हल्की बारिश का दौर शुक्रवार दोपहर को भी जारी है।

बारिश के कारण जयपुर सहित 9 जिलों में तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। शीतलहर से भी ठिठुरन बढ़ी है। मौसम विभाग ने 15 जिलों में ऑरेंज, जबकि 16 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है। वहीं, अगले तीन दिन घना कोहरा छाए रहने का अनुमान जताया है।

तस्वीर हनुमानगढ़ के भादरा की है। यहां शुक्रवार दोपहर भारी ओलावृष्टि हुई।

तस्वीर हनुमानगढ़ के भादरा की है। यहां शुक्रवार दोपहर भारी ओलावृष्टि हुई।

हनुमानगढ़ में इतने ओले गिरे कि खेतों में सिर्फ बर्फ ही बर्फ दिखाई दे रही थी। सड़कों पर भी बर्फ के ढेर थे।

हनुमानगढ़ में इतने ओले गिरे कि खेतों में सिर्फ बर्फ ही बर्फ दिखाई दे रही थी। सड़कों पर भी बर्फ के ढेर थे।

जयपुर में दोपहर में अच्छी बारिश, उदयपुर-अजमेर में भी मावठ

प्रदेश में वेस्टर्न डिस्टर्बेंस से सीकर, अजमेर, जयपुर, उदयपुर, झुंझुनूं, चूरू, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़ और कोटपूतली-बहरोड़ में शुक्रवार सुबह बारिश हुई। जयपुर में दोपहर को घने बादल छाए, इस वजह से दिन में ही अंधेरा हो गया। यहां सुबह से शाम तक रुक-रुककर बारिश होती रही। वहीं, बीती रात पाली और जालोर में भी तेज बरसात हुई। मौसम विभाग ने शुक्रवार को राजस्थान के अधिकांश हिस्सों में बारिश और कई जगह ओले गिरने की आशंका जताई है।

जयपुर में घने बादल छाने के कारण शाम साढ़े 4 बजे ही अंधेरा हो गया।

जयपुर में घने बादल छाने के कारण शाम साढ़े 4 बजे ही अंधेरा हो गया।

झुंझुनूं जिले के पिलानी कस्बे में शुक्रवार दोपहर को ओले गिरे।

झुंझुनूं जिले के पिलानी कस्बे में शुक्रवार दोपहर को ओले गिरे।

हनुमानगढ़ में दोपहर तीन बजे काले बादलों के कारण इस तरह अंधेरा छा गया।

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अजमेर में आज सुबह बारिश के बाद सड़कों पर पानी भर गया। अजमेर में बीती रात भी बरसात हुई थी।

अजमेर में आज सुबह बारिश के बाद सड़कों पर पानी भर गया। अजमेर में बीती रात भी बरसात हुई थी।

झुंझुनूं के गांव खुड़ियां में शुक्रवार दोपहर को ओले गिरे। शेखावाटी के कई इलाकों में सुबह से बारिश भी हो रही है।

झुंझुनूं के गांव खुड़ियां में शुक्रवार दोपहर को ओले गिरे। शेखावाटी के कई इलाकों में सुबह से बारिश भी हो रही है।

हनुमानगढ़ के भादरा में करीब 15 मिनट तक चने के आकार के ओले गिरे।

हनुमानगढ़ के भादरा में करीब 15 मिनट तक चने के आकार के ओले गिरे।

प्रदेश में मौसम से जुड़े PHOTOS…

शुक्रवार सुबह जयपुर में जल महल पर पहुंचे पर्यटक बारिश का आनंद लेते नजर आए। इन दिनों जयपुर में बड़ी संख्या में देसी-विदेशी टूरिस्टा पहुंचे हुए हैं।

शुक्रवार सुबह जयपुर में जल महल पर पहुंचे पर्यटक बारिश का आनंद लेते नजर आए। इन दिनों जयपुर में बड़ी संख्या में देसी-विदेशी टूरिस्टा पहुंचे हुए हैं।

जयपुर में दिन में अंधेरा होने के कारण रास्ते पर चल रही गाड़ियों को हेडलाइट जलानी पड़ी।

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जयपुर के फेमस टूरिस्ट प्लेस जल महल शुक्रवार सुबह हल्की बारिश और कोहरे के बीच बेहद खूबसूरत नजर आया।

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बीकानेर के श्रीडूंगरगढ़ में हादसे के कारण ट्रक और कंटेनर भिड़ गए। हादसे में दोनों वाहनों के परखच्चे उड़ गए। दो लोगों की मौत हो गई।

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चूरू में भी शुक्रवार को 15 मिनट तक ओले गिरते रहे।

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सीकर के फतेहपुर में बारिश के कारण रेलवे अंडरपास में पानी भर गया। इस कारण वाहन चालकों को आवाजाही में परेशानी हुई।

सीकर के फतेहपुर में बारिश के कारण रेलवे अंडरपास में पानी भर गया। इस कारण वाहन चालकों को आवाजाही में परेशानी हुई।

अजमेर में शुक्रवार सुबह तेज बारिश हुई। इससे तापमान में गिरावट आई है।

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सीकर में गुरुवार देर रात से रुक-रुक कर हाे रही बारिश से नवलगढ़ रोड पर जलभराव हो गया।

सीकर में गुरुवार देर रात से रुक-रुक कर हाे रही बारिश से नवलगढ़ रोड पर जलभराव हो गया।

तस्वीर सीकर के खंडेला इलाके के बावड़ी गांव की है। सीकर जिले में आज सुबह ज्यादातर इलाकों में बारिश हुई।

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उदयपुर में शुक्रवार सुबह करीब 40 मिनट तक बूंदाबांदी होती रही।

उदयपुर में शुक्रवार सुबह करीब 40 मिनट तक बूंदाबांदी होती रही।  नीमकाथाना के अभय कॉलोनी और छावनी कॉलोनी में दोपहर को दो मकानों पर बिजली गिरी। इससे मकानों की दीवारों में दरारें आ गईं। बिजली के उपकरण जल गए।

डॉ. राजेश जाखड़ ने बताया- हम परिवार के साथ मकान में बैठे हुए थे। अचानक तेज धमाका हुआ। बाहर आकर देखा तो मकान की छत पर बिजली गिरने से दरारें आ गईं। इसके साथ ही कई बिजली के उपकरण भी जल गए। वहीं, छावनी स्थित भड़ंग का मोहल्ला निवासी सुशीला देवी के मकान में लगे बिजली मीटर पर बिजली गिरने से घर के पंखे, फ्रिज, एलसीडी और एक पानी की मोटर जल गई।

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