राजस्थान में मूसलाधार बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी उमश और तपिश से बेहाल लोग

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 17 जुलाई 2024 | उदयपुर : धूप की तपिश और उमस की वजह से लोग मंगलवार को गर्मी से बेहाल रहे। अब अगले दो दिन हल्की से मध्यम बारिश की संभावना व्यक्त की गई है। इससे बहुत अधिक राहत नहीं मिलेगी लेकिन तापमान कुछ कम हो जाएगा। बारिश के मिजाज अगले पांच से छह दिन तक इसी तरह के बने रहेंगे।

राजस्थान में मूसलाधार बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी उमश और तपिश से बेहाल लोग

राजस्थान में धीमा पड़ा बारिश का दौर आज से तेज होगा, जो अगले तीन दिन जारी रहेगा। मौसम विभाग ने आज उदयपुर संभाग के चार जिलों सिरोही, डूंगरपुर, प्रतापगढ़ और बांसवाड़ा में अति भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।

राजस्थान में मूसलाधार बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी

27 जिलों में बारिश का येलो अलर्ट है। इनमें से 8 जिलों उदयपुर, चित्तौड़गढ़, कोटा, झालावाड़, पाली, राजसमंद, जालोर, भीलवाड़ा और बूंदी में भारी बारिश की संभावना है। इस मानसून सीजन में अब तक (16 जुलाई) 132.6MM बारिश हो चुकी है, जो सामान्य से 6 फीसदी ज्यादा है। 16 जुलाई तक सामान्य बारिश 125.6MM होती है।

झालवाड़ में 52MM बारिश

पिछले 24 घंटे में जयपुर ग्रामीण, अलवर, झालावाड़, सीकर, प्रतापगढ़, डूंगरपुर समेत कई जगह हल्की से मध्यम बारिश हुई। सबसे ज्यादा बारिश झालावाड़ के डग एरिया में 52MM दर्ज हुई। जयपुर के जोबनेर में 22, सीकर के नीमकाथाना में 22, प्रतापगढ़ के दलोत में 20, अलवर के बानसूर में 17, डूंगरपुर के बिच्छीवाड़ा में 6 और धौलपुर में 8MM बरसात दर्ज हुई। अजमेर, चित्तौड़गढ़, कोटा, चूरू और हनुमानगढ़ में हल्की बारिश हुई।

पश्चिमी राजस्थान में तेज धूप, जैसलमेर में पारा 43 पार

पश्चिमी राजस्थान में मंगलवार को दिनभर तेज धूप रही। बाड़मेर, जैसलमेर, फलोदी और बीकानेर में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ, जिससे यहां गर्मी रही। कल सबसे ज्यादा गर्मी जैसलमेर में रही, जहां अधिकतम तापमान 43.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। फलोदी में 42.8, बाड़मेर में 41.2 और बीकानेर में 40 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज हुआ।

राजधानी जयपुर में सोमवार को दिनभर धूप रही और आसमान साफ रहा। सुबह हल्के बादल छाने के बाद मौसम साफ होने के साथ ही जयपुर में भी गर्मी तेज होने लगे। यहां कल अधिकतम तापमान 36.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ।

कल से तेज बारिश की संभावना

मौसम विज्ञान केंद्र जयपुर के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया- एक लो प्रेशर सिस्टम छत्तीसगढ़ के आसपास विदर्भ क्षेत्र के ऊपर बना हुआ है। इसके अलावा एक नया सिस्टम 18 जुलाई को बंगाल की खाड़ी में बनने की संभावना है। मानसून ट्रफ लाइन अभी दक्षिणी राजस्थान के भागों से होकर गुजर रही है।

इन सभी सिस्टम के प्रभाव से पूर्वी राजस्थान के अलग-अलग स्थानों पर अगले 4-5 दिन मानसून सक्रिय रहने की संभावना है। इससे कोटा, उदयपुर, अजमेर संभाग में आज और कल कहीं-कहीं अति भारी बारिश होने की संभावना है।

सीकर में एक की मौत

सीकर के जीणमाता इलाके में मंगलवार को 50 साल की महिला की फार्म पौंड में डूबने से मौत हो गई। महिला पौंड पर लगे तिरपाल को ठीक करने के लिए गई थी। बारिश के पानी के कारण अचानक पैर फिसल गया। जीणमाता थाना पुलिस के अनुसार, मृतका प्रभाती देवी (50) नागौर के हुडिल की रहने वाली थी। जीणमाता इलाके में बहू माया देवी के साथ खेत पर काम करती थीं।

40 तक जा रहा अधिकतम तापमान

मौसम विभाग के अनुसार मंगलवार को राजधानी का अधिकतम तापमान 38.4 डिग्री रहा। यह सामान्य से तीन डिग्री अधिक है। न्यूनतम तापमान 29.1 डिग्री रहा। यह सामान्य से दो डिग्री अधिक रहा। हवा में नमी का स्तर 56 से 88 प्रतिशत रहा।

सोमवार दोपहर के बाद से राजधानी में बारिश नहीं हुई। पूर्वानुमान के अनुसार बुधवार को घने बादल छाए रहेंगे। हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। अधिकतम तापमान 36 और न्यूनतम 29 डिग्री रह सकता है।

दिल्ली में आगे कैसा रहेगा मौसम?

देश की राजधानी दिल्ली में 18 जुलाई को भी हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। बादल छाए रहेंगे। अधिकतम तापमान 34 और न्यूनतम 26 डिग्री रह सकता है। इसके बाद 19 जुलाई को बारिश हल्की हो जाएगी। अधिकतम तापमान 34 और न्यूनतम 25 डिग्री रह सकता है। 2

20 जुलाई को भी बारिश हल्की रहेगी। बादल छाए रहेंगे। अधिकतम तापमान 35 और न्यूनतम 27 डिग्री तक रह सकता है। इसके बाद 21 और 22 जुलाई को हल्की से मध्यम बारिश होगी। अधिकतम तापमान 33 से 35 और न्यूनतम 27 से 28 डिग्री रह सकता है।

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आदिवासी इलाकों में फैली सिकल सेल एनीमिया खतरनाक बीमारी

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 26 अगस्त 2024 | जयपुर : गंभीर आनुवांशिक बीमारी सिकल सेल एनीमिया ने राजस्थान के आदिवासी इलाकों को चपेट में ले रखा है। बांसवाड़ा जिले में इस रोग से प्रभावित (पॉजिटिव) लोगों की संख्या 692 पहुंच चुकी है। इसमें सभी उम्र के लोग शामिल है।

आदिवासी इलाकों में फैली सिकल सेल एनीमिया खतरनाक बीमारी

बांसवाड़ा के डिप्टी सीएमएचओ डॉ. राहुल डिंडोर ने बताया – बांसवाड़ा में अब तक 9 लाख 57 हजार लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है, इनमें 692 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं। चिकित्सा विभाग उनकी लगातार मॉनिटिरिंग कर रहा है।

आदिवासी इलाकों में फैली खतरनाक बीमारी

साथ ही जागरूक किया जा रहा है कि जिन्हें यह बीमारी नहीं है, वे पॉजिटिव पार्टनर से शादी न करें। ताकि उनके बच्चों में यह बीमारी न पहुंचे। शादी करने से पहले वे पार्टनर की स्क्रीनिंग कराएं। विभाग की ओर से पॉजिटिव पाए गए मरीजों को लगातार इलाज दिया जा रहा है।

क्या है सिकल सेल एनिमिया

सिकल सेल एनिमिया (Sickle Cell Anemia) जिसे Sickle Cell Disease नाम से भी जाना जाता है, एक अनुवांशिक रोग हैं। इस रोग में शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं का आकार Sickle यानि दरांती या फिर केले (अर्धचंद्राकार) के आकार के समान हो जाता हैं। सामान्य लाल रक्त कोशिकाओं का आकार गोलाकार होता है। भारत में आदिवासी समाज में यह रोग ज्यादा दिखने को मिलता हैं।

सामान्यतः Red Blood Cells या लाल रक्त कोशिका गोलाकार होने से रक्तवाहिनी में अच्छे से घूमती है और पुरे शरीर को ऑक्सीजन की पूर्ति करती हैं। लाल रक्त कोशिकाओं में हिमोग्लोबिन होता है जो की ऑक्सीजन का वहन (carrier) करता हैं। Sickle Cell में यह हीमोग्लोबिन कम रहता है जिससे शरीर को पर्याप्त प्राणवायु (Oxygen) नहीं मिल पाता हैं।

सिकल सेल रोग वाले रोगियों के लिए एसीआईपी द्वारा अनुशंसित टीकाकरण की विशिष्ट अनुसूची में हेमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी (एचआईबी) वैक्सीन, न्यूमोकॉकल वैक्सीन (पीसीवी7, पीसीवी13, पीपीएसवी23), और सीरोग्रुप ए, सी, डब्ल्यू, और वाई (मेनएसीडब्ल्यूवाई), और सीरोग्रुप बी (मेनबी) के लिए मेनिंगोकॉकल टीके शामिल हैं।

रेड ब्लड सेल कम हो जाते हैं, कई रोग हो जाते हैं

यह एक बीमारी रेड ब्लड डिसऑर्डर से जुड़ी है। यह खून में मौजूद हीमोग्लोबिन को बुरी तरह प्रभावित करती है। ऐसे में शरीर में रेड ब्लड सेल की कमी हो जाती है। शरीर के अंगों तक ऑक्सीजन ठीक से नहीं पहुंच पाती। तेज दर्द होने लगता है।

हड्डियों और मांसपेशियों में दर्द रहना, हाथ पैरों में सूजन, थकान, कमजोरी, पीलापन, किडनी रोग, बच्चों में कुपोषण, आंखों से जुड़ी समस्याएं और इंफेक्शन जैसे लक्षण पैदा हो जाते हैं। माता-पिता में से कोई एक सिकल सेल एनीमिया से पीड़ित है तो बच्चों में यह बीमारी आ सकती है।

बांसवाड़ा के सज्जनगढ़ इलाके में इस बीमारी का स्तर सबसे गंभीर है। इस रोग से पीड़ित महिला की उम्र 48 और पुरुष की 42 साल तक सीमित हो जाने का खतरा होता है।

जोधपुर की डीएमआरसी (डिजर्ट मेडिसिन रिसर्च सेंटर) ने इस इलाके में रिसर्च किया तो यह जानकारी सामने आई। इसके बाद सरकार ने सैंपलिंग कराई गई। बांसवाड़ा में अब तक की गई सैंपलिंग में सबसे ज्यादा 200 पॉजिटिव कुशलगढ़ में पाए गए। कुशलगढ़-सज्जनगढ़ आदिवासी इलाके हैं।

बीमारी का शिकार होने वालों में महिलाएं ज्यादा हैं। यहां 548 पॉजिटिव मरीजों की एक लिस्ट सामने आई, जिसमें महिलाओं की संख्या 302, जबकि पुरुषों की संख्या 246 है। सबसे ज्यादा 21 साल तक के युवा बीमारी की चपेट में आए हैं। बांसवाड़ा जिले इस रोग से प्रभावित (पॉजिटिव) लोगों की संख्या 692 है।

बांसवाड़ा जिले इस रोग से प्रभावित (पॉजिटिव) लोगों की संख्या 692 है।

मूकनायक मीडिया ब्यूरो टीम ने प्रभावित इलाकों का दौरा किया, लोगों से बात की …

केस 1- गांव में महिला हर 2-3 महीने में बीमार
बांसवाड़ शहर से 12 किमी दूर झूपेल गांव में रहने वाली एक 40 साल की महिला से बात की। महिला ने बताया कि उसे मार्च में ही पता चला कि वह कई साल से इस बीमारी से पीड़ित है। वह हर 2-3 महीने में बीमार पड़ जाती है।

उसकी स्क्रीनिंग मार्च महीने में की गई थी। गांव की पीएचसी में आई सिकल सेल एनीमिया टीम ने उसका ब्लड टेस्ट किया तो वह पॉजिटिव पाई गई। अब मेडिकल डिपार्टमेंट समय-समय पर उसकी मॉनिटरिंग कर रहा है।

केस 2- युवती में खून की कमी
इलाके के गनाऊ गांव में युवती से बात की तो उसने बताया कि खून की कमी है। मार्च महीने में वह जांच के लिए अस्पताल गई थी, जहां उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। हालांकि उसे इससे अभी तक कोई गंभीर तकलीफ नहीं हुई है। वह घर का काम काज कर पा रही है और विभाग से मिली दवाइयां ले रही है।

केस 3- एक ही परिवार में मां सहित 6 पॉजिटिव
बांसवाड़ा शहर से 32 किमी दूर डूंगरपुर रोड पर बजाखरा गांव पहुंचे। यहां एक ही घर में 6 लोग सिकल सेल एनीमिया पॉजिटिव थे। पूछताछ की तो बताया कि दो महीने पहले गांव में आई मेडिकल टीम ने घर-घर जांच की थी। अधिकतर पॉजिटिव की उम्र 21 साल से कम है। इस रोग में कम उम्र में ही गंभीर बीमारियां हो जाती हैं और औसत उम्र कम हो जाती है।

एक परिवार में पति-पत्नी और उनके 7 बच्चों का ब्लड सैंपल लिया। इसमें मां और 5 बच्चे (4 बेटियां और 3 साल का बेटा) पॉजिटिव हैं। अस्पताल प्रबंधन से रिपोर्ट के बारे में पूछा तो बताया कि इनमें किसी के कोई लक्षण नहीं है। सब सामान्य है। खून की कमी सभी में है। 

सिकल सेल एनिमिया का क्या लक्षण हैं ? (Sickle Cell Anemia symptoms)

Sickle Cell Anemia के लक्षण इस प्रकार हैं :
1. खून की कमी : सामान्य लाल रक्त पेशी की तुलना Sickle cell की उम्र केवल 10 से 20 दिन तक ही है और उसके बाद यह पेशी टूट जाती है जिससे हीमोग्लोबिन कम हो जाता और शरीर में खून की कमी रहती हैं।
2. बदनदर्द : Sickle Cell की समस्या से पीड़ित लोगों को शरीर की किसी भी हिस्से में तीव्र दर्द की समस्या होती हैं। शरीर के जिस अंग को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलता है वह पीड़ा अधिक होती हैं। बदन दर्द इतना अधिक होता है की पीड़ित को कई बार दवाखाने में दाखिल होना पड़ता हैं।
3. पीलिया के लक्षण : खून की कमी और हीमोग्लोबिन के बहाव के कारण पीड़ित के आँख और त्वचा में पीलापन नजर आता हैं। ऐसा लगता है जैसे पीड़ित को पीलिया या jaundice हो गया हैं।
4. हाथ और पैर में सूजन : सिकल सेल के कारण नसे अवरोध होने से हाथ और पैर में सूजन आ जाती हैं।
5. संक्रमण : सिकल सेल के कारण शरीर की रोगप्रतिकार शक्ति कमजोर पड़ जाती है जिससे रोगी को बार-बार बैक्टीरियल या वायरल संक्रमण हो जाता है जिससे पीड़ित बीमार पड़ जाता हैं।
6. कमजोर विकास : सिकल सेल से पीड़ित बच्चो का विकास धीरे-धीरे होता हैं।
7. कमजोर दृष्टी : सिकल सेल के कारण नजर भी कमजोर हो जाती हैं।

अधिकतर पॉजिटिव की उम्र 21 साल से कम है। इस रोग में कम उम्र में ही गंभीर बीमारियां हो जाती हैं और औसत उम्र कम हो जाती है।

चिकित्सा विभाग की अपील- पॉजिटिव मरीज आपस में शादी न करें

बांसवाड़ा में 9 लाख 56 हजार से ज्यादा लोगों की स्क्रीनिंग की गई है। इस रोग की हिस्ट्री वाले 3.58 लाख लोगों को कार्ड इश्यू किए गए हैं। इनमें से 2 लाख 63 हजार 430 लोगों के पास कार्ड पहुंच गया है। बाकी लोगों तक जल्द कार्ड पहुंच जाएगा। विभाग का टारगेट जिले के ‎11 लाख लोगों की स्क्रीनिंग करना है।

जांच के लिए ‎जिले को 9 लाख 56 हजार‎ 275 टेस्ट किट मिले थे। स्क्रीनिंग में 692 ‎पॉजिटिव और 2452 कैरियर मिले। कैरियर वे लोग हैं, जिनके माता या पिता में से एक या दोनों पॉजिटिव रहे हैं। ऐसे लोगों में बीमारी होने का खतरा है।

पॉजिटिव का आंकड़ा 692 तक पहुंचना खतरनाक संकेत है। हेल्थ डिपार्टमेंट ने तय किया है कि पॉजिटिव रोगियों को पाबंद किया जाएगा कि पीड़ित लोग आपस में शादी न करें।

राज्य सरकार शादी नहीं करने का सुझाव देकर इतिश्री कर रही है जबकि इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि रोगनिरोधी हस्तक्षेप सिकल सेल रोग वाले रोगियों में संक्रमण और मृत्यु दर के जोखिम को कम करते हैं, जो अनुशंसित टीकाकरण कार्यक्रम का पालन करने के महत्व को प्रमाणित करता है।

उपलब्ध साक्ष्यों के बावजूद, इन हस्तक्षेपों के पालन की दरें कम हैं, और इन रोगियों के बीच खराब परिणामों को रोकने के लिए संभावित बाधाओं की पहचान की जानी चाहिए और उनका समाधान किया जाना चाहिए।

इस अध्ययन का प्राथमिक उद्देश्य हमारे संस्थान में सिकल सेल रोग वाले बच्चों के लिए टीकाकरण पालन का आकलन करना है। दूसरा उद्देश्य प्रदाताओं द्वारा केंटकी टीकाकरण रजिस्ट्री (KYIR) के उपयोग का निर्धारण करना है।

रक्त विकार क्लिनिक, अस्पताल प्रणाली, KYIR से इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल रिकॉर्ड की समीक्षा करके और प्रत्येक रोगी के प्राथमिक देखभाल चिकित्सक से रिकॉर्ड का अनुरोध करके टीकाकरण रिकॉर्ड प्राप्त किये जावे।

बांसवाड़ा में 9 लाख 56 हजार से ज्यादा लोगों की स्क्रीनिंग की गई है।

बांसवाड़ा में 9 लाख 56 हजार से ज्यादा लोगों की स्क्रीनिंग की गई है। शादी करने ‎वाले दोनों पॉजिटिव से पैदा होने वाला बच्चा भी 100‎ फीसदी पॉजिटिव ही होगा। दोनों में से एक पॉजिटिव हुआ तो बच्चे के पॉजिटिव होने के आसार 50 फीसदी होंगे।

वैक्सीन की कमी से सरकार बेखबर, फ्री सप्लाई में केवल दो वैक्सीन हुई मंजूर

डिप्टी सीएमएचओ डॉ. राहुल डिंडोर ने बताया- सिकल सेल एनीमिया को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार ने फ्री दवा सप्लाई में दो वैक्सीन मंजूर कर ली है। ये वैक्सीन ‎रिस्क फैक्टर 50% तक कम कर देती है। ये वैक्सीन न्यूमोकोल और ‎मैनिंगोकोल है।

बाजार में इनकी कीमत 10 से 12‎ हजार रुपए है। दोनों वैक्सीन पॉजिटिव मरीजों को फ्री लगाई जाएगी। बांसवाड़ा जिले से अभी 20 हजार वैक्सीन‎ की डिमांड है। जल्द ही केंद्र‎ सरकार राजस्थान को वैक्सीन सप्लाई करेगा।

सिकल सेल रोग वाले रोगियों के लिए टीकाकरण सिफारिशों के विशेषज्ञ और सामान्य चिकित्सक के ज्ञान में भी अंतर हो सकता है, खासकर ग्रामीण समुदायों में जहां विशेषज्ञ सेवाओं की कमी है।

सिकल सेल रोग से पीड़ित बच्चों में इनकैप्सुलेटेड जीवों के कारण संक्रमण और मृत्यु दर का जोखिम बढ़ जाता है। इसलिए, यह आवश्यक है कि रोगियों की यह विशेष आबादी कार्यात्मक एस्प्लेनिया के लिए ACIP-अनुशंसित टीकाकरण कार्यक्रम का राज्य सरकार पालन करें।

टीकाकरण कार्यक्रम के बारे में जानकारी की कमी, क्लीनिकों में सभी टीकों को बनाए रखने की तार्किक सीमाएँ, प्राथमिक देखभाल चिकित्सक के कार्यालय से रिकॉर्ड प्राप्त करने में कठिनाई, और टीकाकरण रजिस्ट्री में सुसंगत दस्तावेज़ीकरण की कमी, अनुपालन दर कम रहती है, जिससे इस अध्ययन आबादी में संक्रमण का जोखिम बढ़ जाता है।

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इस राष्ट्रीय मुद्दे को संबोधित करने के लिए, संस्थानों को मौजूदा बाधाओं की पहचान करनी चाहिए ताकि सिकल सेल रोग वाले रोगियों के लिए टीकाकरण अनुपालन और समग्र परिणामों को बेहतर बनाने के लिए गुणवत्ता सुधार उपायों को विकसित और कार्यान्वित किया जा सके।

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गलत UPI ID पर पैसे ट्रांसफर हो जायें तो वापसी के लिए क्या करें

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 25 अगस्त 2024 | जयपुर : डिजिटलाइजेशन के इस दौर में पेमेंट करना और फंड ट्रांसफर करना पहले से कहीं ज्यादा सुविधाजनक और आसान हो गया है। डिजिटल ट्रांजैक्शन की दुनिया में UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) एक गेम चेंजर बनकर आया है।

गलत UPI ID पर पैसे ट्रांसफर हो जायें तो वापसी के लिए क्या करें 

भारत में जून, 2024 में UPI के जरिए 1,388 करोड़ ट्रांजैक्शन हुए। इस दौरान कुल 2,007 लाख करोड़ रुपए की राशि ट्रांसफर की गई। ट्रांजैक्शन की संख्या में सालाना आधार पर 49% की बढ़ोतरी हुई है।

डिजिटल पेमेंट ( Digital Payment) के बढ़ते क्रेज के साथ कई बार गलतियां भी हो जाती है। कई बार नंबर डालने में हुई गलती के कारण गलत अकाउंट में पैसा चला जाता है या फिर जल्दीबाजी में गलत कोड स्कैन कर लेते हैं और गलती से पैसा किसी और के अकाउंट में चला जाता है।

यूपीआई ( UPI) के जरिए ऑनलाइन पेमेंट करते वक्त अगर गलती से आपका पेमेंट किसी और अकाउंट में चला जाए तो आपके पास मौका होता है उसे वापस पाने का, लेकिन जानकारी के अभाव में हम ऐसा करने से चूक जाते हैं। आइए हम आपको आज उस प्रोसेस के बारे में बताते हैं, जिसकी मदद से आप गलत अकाउंट में गए अपने पैसे का वापस पा सकते हैं।

गलत UPI ID पर पैसे ट्रांसफर हो जायें तो वापसी के लिए क्या करें

यही वजह है कि बीते कुछ वर्षों में डिजिटल पेमेंट का चलन तेजी से बढ़ा है। अब QR कोड स्कैन कर महज कुछ सेकेंड में पैसों का लेन-देन हो जाता है। UPI ने न सिर्फ डिजिटल पेमेंट करने की सुविधा दी है, बल्कि नकदी की जरूरत को भी लगभग खत्म कर दिया है।

हालांकि, कई बार लोग जल्दबाजी या लापरवाही की वजह से गलत UPI ID पर पैसे ट्रांसफर कर बैठते हैं, जिसके बाद पैसे वापस पाने के लिए परेशान होने लगते हैं।

इसलिए आज जरूरत की खबर में बात करेंगे कि गलत UPI ID में पैसे ट्रांसफर हो जाएं तो क्या करें। साथ ही जानेंगे कि-

  • किन वजहों से गलत UPI ID में पैसे ट्रांसफर होते हैं?
  • गलत पैसे ट्रांसफर होने पर किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

भारत में UPI जैसे सिस्टम को नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ऑपरेट करती है।  गलत UPI ID में पैसे ट्रांसफर होने पर घबराने की नहीं, बल्कि समझदारी दिखाने की जरूरत है। इसके लिए कुछ आसान टिप्स अपना सकते हैं, जिससे आप गलत तरीके से ट्रांसफर हुए पैसे वापस आपके अकाउंट में आ जाएंगे।

सवाल- गलत UPI ID पर पैसे ट्रांसफर की क्या वजह हो सकती है?

जवाब- गलत UPI ID पर पैसे भेजने के लिए जल्दबाजी और लापरवाही एक बड़ी वजह है। लोग अक्सर जल्दबाजी में बिना जांचे UPI ID डालते हैं। जिसके कारण इस तरह की गलतियां कर बैठते हैं।

आइए, ग्राफिक में दिए इन पॉइंट्स को विस्तार से समझते हैं।

  • टाइपिंग की गलती या रिसीवर की गलतफहमी के कारण कई बार अनजाने में गलत UPI ID दर्ज कर सकते हैं।
  • UPI ID नाम या शब्दों पर आधारित होती है। ऐसे में कई बार गलती से ऐसी ID चुन सकते हैं, जो काफी मिलती-जुलती हो।
  • अगर आप डिजिटल पेमेंट के लिए QR कोड स्कैन करते हैं तो कई बार एक जगह पर लगे मल्टीपल QR से भ्रमित हो सकते हैं और गलत QR कोड में पैसे ट्रांसफर हो सकते हैं।
  • कई बार स्कैमर्स भी स्कैम के लिए जानबूझकर गलत UPI ID दे सकते हैं, जिस पर आप पेमेंट ट्रांसफर कर पैसे गवां सकते हैं।
  • UPI ऐप या सर्वर में टेक्निकल दिक्कत भी आती है, जिससे पेमेंट गलत UPI ID पर ट्रांसफर हो सकता है।

सवाल- गलत UPI ID पर पैसे ट्रांसफर हो जाएं तो क्या करना चाहिए?

जवाब- अगर आप गलती से किसी UPI ID पर पैसे भेज देते हैं तो घबराएं नहीं। पैसे को दोबारा प्राप्त करने के लिए सबसे पहले उस व्यक्ति से संपर्क करें, जिसके अकाउंट में पैसे ट्रांसफर हुए हैं। उससे पैसे वापस करने का आग्रह करें। अगर वह पैसे वापस नहीं करता है तो जिस UPI ऐप (गूगल पे, फोन पे, पेटीएम) से ट्रांसफर हुआ है, उसके कस्टमर केयर नंबर पर तुरंत संपर्क करें।

इसके अलावा NPCI के पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। या फिर अपने बैंक से भी मदद मांग सकते हैं। इसके लिए तुरंत सभी आवश्यक साक्ष्य बैंक को देने होंगे। इससे आप अपना पैसा आसानी से वापस पा सकते हैं।

आइए, इन पॉइंट्स को विस्तार से समझते हैं।

  • सबसे पहले 18001201740 पर शिकायत दर्ज कराएं। इसके बाद अपने बैंक में जाकर एक एप्लिकेशन लिखें, जिसमें सभी आवश्यक जानकारी भरें। उन्हें सभी आवश्यक डिटेल्स और डॉक्यूमेंट्स दें।
  • इस वेबसाइट https://rbi.org.in/Scripts/Complaints.aspx पर जाकर भी शिकायत दर्ज की जा सकती है।
  • गलत लेन-देन की रिपोर्ट अपने UPI ऐप की कस्टमर हेल्प टीम को करें। उन्हें लेन-देन की सभी उचित जानकारी और सबूत दें। इससे रिफंड प्रक्रिया शुरू होने में आपको सहायता मिलेगी।
  • अगर आप अपने बैंक या UPI ऐप की कस्टमर सर्विस के जवाब से संतुष्ट नहीं हैं तो आप इस मुद्दे को बैंकिंग लोकपाल के पास भेज सकते हैं। वे विवाद को सुलझाने के लिए आपके और संबंधित पक्षों के बीच मध्यस्थता कर सकते हैं।
  • इसके अलावा ऐप के कस्टमर हेल्प के द्वारा समस्या का समाधान न होने पर आप NPCI के पोर्टल पर शिकायत कर सकते हैं। उन्हें लेन-देन की डिटेल्स और सबूत उपलब्ध कराएं और वे मामले की आगे की जांच करेंगे।

सवाल- NPCI पोर्टल पर शिकायत करने के लिए क्या प्रोसेस है?

जवाब- अगर कस्टमर केयर सर्विस से कोई मदद नहीं मिल रही है तो आप NPCI पोर्टल पर शिकायत कर सकते हैं। इसके लिए नीचे दिए इन स्टेप्स को फॉलो करें।

  • सबसे पहले NPCI की आधिकारिक वेबसाइट https://www.npci.org.in/ पर जाएं।
  • इसके बाद Get in touch के ऑप्शन पर जाकर क्लिक करें।
  • इसके बाद नाम, ईमेल ID जैसी सभी जरूरी जानकारी भरें।
  • इसे सबमिट करने के बाद आगे बढ़ने पर Dispute Redressal Mechanism को सेलेक्ट करें।
  • कंप्लेंट सेक्शन के तहत ट्रांजैक्शन डिटेल्स डालें, जिसमें UPI ट्रांजैक्शन, वर्चुअल पेमेंट एड्रेस, अमाउंट ट्रांसफर्ड, डेट ऑफ ट्रांजैक्शन, ईमेल ID और मोबाइल नंबर शामिल होगा।
  • इसके अलावा कारण पूछे जाने पर “Incorrectly transferred to another account” (भूल से गलत अकाउंट में पैसे ट्रांसफर) के विकल्प को सेलेक्ट करें। इसके बाद इसे सबमिट कर दें।

सवाल- गलत अकाउंट में पैसे ट्रांसफर होने पर किन बातों का ध्यान रखें?

जवाब- रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी RBI की नई गाइडलाइन के मुताबिक अगर गलती से किसी अकाउंट में पैसे ट्रांसफर हो जाते हैं तो 48 घंटे के भीतर रुपए रिफंड हो सकते हैं। इसके लिए नेट बैंकिंग और UPI से पेमेंट करने के बाद फोन पर प्राप्त मैसेज को संभालकर रखें। उसे डिलीट न करें।

दरअसल इस मैसेज में PPBL नंबर होता है, जो रुपए रिफंड लेने के लिए जरूरी मदद कर सकता है। आप गलत लेन-देन से संबंधित स्क्रीनशॉट लेकर गूगल पे, फोन पे, पेटीएम या UPI ऐप के कस्टमर केयर सपोर्ट में फोन कर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

अगर प्राप्तकर्ता और भुगतानकर्ता बैंक एक ही हैं तो रिफंड में कम समय लगेगा। लेकिन अगर दोनों के अकाउंट दो अलग-अलग बैंकों में हैं तो पैसे रिफंड में अधिक समय लगेगा।

सवाल- क्या गलत ट्रांजैक्शन होने पर शिकायत करने की कोई समय सीमा है?

जवाब- अगर ट्रांजैक्शन गलत हो गया है तो तुरंत शिकायत करनी चाहिए। ट्रांजैक्शन के 48 घंटे के भीतर शिकायत करना जरूरी है।

इसके बाद शिकायत करने पर पैसा वापस आने की कोई गारंटी नहीं होती है। अगर बैंक रिवर्सल की सुविधा नहीं देता है तो आपको डिजिटल लेन-देन के लिए भारतीय रिजर्व बैंक की लोकपाल योजना, 2019 के विनियमन 8 के तहत लोकपाल के पास शिकायत दर्ज करने का अधिकार है।

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कोई भी डिजिटल पेमेंट करने से पहले हमेशा उसकी अच्छे से जांच करें।प्राप्तकर्ता के संपर्क नंबर में एक भी गलत अंक दर्ज करने से राशि गलत व्यक्ति को ट्रांसफर हो सकती है। इसलिए किसी को भी ऑनलाइन पेमेंट करने से पहले सभी आवश्यक डिटेल्स की जांच करें।

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