फर्जी डिग्री देने वाले सनराइज एंड एमके और ओपीजेएस यूनिवर्सिटी के संचालक गिरफ्तार

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 20 जुलाई 2024 | दिल्ली : फर्जी डिग्री मामले में एसओजी ने शुक्रवार को दो यूनिवर्सिटी के संचालकों को गिरफ्तार किया है। एसओजी ने एक आरोपी की गर्लफ्रेंड को भी रोहतक से हिरासत में लिया है। पूछताछ में सामने आया है कि इन संचालकों ने सभी रिकॉर्ड जला दिए हैं। फिलहाल SOG की टीम गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ करने के साथ मामले में जुड़े अन्य लोगों को पकड़ने के लिए दबिश दे रही है।

फर्जी डिग्री देने वाले सनराइज एंड एमके और ओपीजेएस यूनिवर्सिटी के संचालक गिरफ्तार

DIG परिस देशमुख ने बताया- फर्जी डिग्री जारी करने वाली ओपीजेएस यूनिवर्सिटी के संचालक जोगेन्द्र सिंह (55) पुत्र ओमप्रकाश दलाल निवासी रोहतक हरियाणा और सनराइज एंड एमके यूनिवर्सिटी के संचालक जितेन्द्र यादव (38) पुत्र जिले सिंह निवासी नारनौल, हरियाणा को गिरफ्तार किया गया है। साथ ही ओपीजेएस यूनिवर्सिटी के संचालक जोगेन्द्र सिंह की गर्लफ्रेंड सरिता कड़वासरा (50) पुत्री धर्मवीर सिंह को भी रोहतक से डिटेन किया है।

सनराइज एंड एमके और ओपीजेएस यूनिवर्सिटी के संचालक गिरफ्तार

दोनों आरोपियों को SOG की ओर से जांच के दौरान चूरू के राजगढ़ में स्थित ओपीजेएस यूनिवर्सिटी बुलाया गया था। जांच के बाद फर्जीवाड़े का पता चलने पर राउंडअप कर पूछताछ के लिए जयपुर SOG ऑफिस लाया गया। पूछताछ पूरी होने पर शुक्रवार सुबह दोनों को गिरफ्तार किया गया।

गर्लफ्रेंड पहले रजिस्टार थी, फिर चेयरपर्सन बनी

परिस देशमुख ने बताया- SOG को ओपीजेएस यूनिवर्सिटी के खिलाफ फर्जी डिग्री जारी करने की काफी शिकायतें मिली थी। जो चूरू के राजगढ़ में है। जांच में सामने आया है कि साल-2013 में ओपीजेएस यूनिवर्सिटी शुरू हुई थी। सरिता कड़वासरा साल 2013 से 2015 तक ओपीजेएस यूनिवर्सिटी की रजिस्ट्रार के पद पर रही है। इसके बाद 2017 से 2020 तक वह चेयरपर्सन रही थी।

डीआईजी ने बताया- 2015 से 2020 तक जितेंद्र यादव सनराइज एंड एमके यूनिवर्सिटी का संचालक बनने से पहले ओपीजेएस विवि में रजिस्ट्रार के पद पर रहा। इस दौरान OPJS विवि की ओर से हजारों की संख्या में फर्जी डिग्री जारी की गई।

पाटर्नरशिप छोड़ खुद की खोली यूनिवर्सिटी

DIG परिस देशमुख ने बताया- साल-2020 में आरोपी जितेंद्र यादव ने OPJS यूनिवर्सिटी की पार्टनरशिप छोड़ दी। उसके बाद उसने अलवर में खुद की सनराइज यूनिवर्सिटी खोल ली। कुछ समय बाद ही एमके यूनिवर्सिटी पाटन, गुजरात में खोली।

पुलिस ने जब इनसे पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि 2015 से 2020 की डिग्री का रिकॉर्ड जलने के कारण खत्म हो गया है। जांच में सामने आया है कि दलालों के जरिए फर्जी डिग्री बांटने का खेल चल रहा था। बिना मान्यता के भी यूनिवर्सिटी की ओर से फर्जी सर्टिफिकेट और डिग्री जारी की गई।

इसके बाद बूंदी में एक नई जीत यूनिवर्सिटी खोलने की तैयारी चल रही थी। मान्यता अभी सरकार से नहीं मिली थी। वहीं, आरोपी जोगेन्द्र सिंह शाहबाद (बांरा) में वैदिक विवि खोलने की तैयारी में था। इसका कैम्पस बनकर तैयार हो गया है।

फर्जीवाड़े पर टिकी थी पूरी यूनिवर्सिटी

DIG परिस देशमुख ने बताया- जांच में सामने आया है कि आरोपी यूनिवर्सिटी संचालकों की ओर से एडिमशन में भी फर्जीवाड़े किए। बेक डेट में एडमिशन दिए गए हैं। दलालों के साथ मिलकर फर्जी खेल प्रमाण-पत्र जारी करने का बिजनेस किया गया। गलत तरीके से गेम खिलाकर फर्जी खेल प्रमाण-पत्र देकर एडमिशन दिए गए। इन्होंने अपनी जालसाजी छिपाने के लिए 2016 से 2020 तक का रिकॉर्ड जला दिया है।

यूनिवर्सिटी में कुल 27 लोगों का स्टाफ

परिस देशमुख ने बताया- यूनिवर्सिटी में टीचर्स के बारे में रिकॉर्ड देखने पर भी फर्जीवाड़ा सामने आया। विवि में 27-28 लोगों का सैलेरी अकांउट है। इनमें से 8-10 नॉन टीचर स्टाफ हैं। यहां चलने वाले कोर्स की संख्या 18 है। 18 कोर्स करवाने के लिए यूनिवर्सिटी के पास 27-28 लोग ही हैं।

ये भी बड़ा फजीवाड़ा है। यूनिवर्सिटी का काम सिर्फ फर्जी डिग्री बांटने का था। आरोपी जोगेन्द्र सिंह के खिलाफ पूर्व में दो केस दर्ज हैं। इसमें अरेस्ट भी हो चुका है। एसओजी को जांच के दौरान ओपीजेएस यूनिवर्सिटी के साथ अन्य यूनिवर्सिटी के भी सर्टिफिकेट मिले थे।

एसओजी को जांच के दौरान ओपीजेएस यूनिवर्सिटी के साथ अन्य यूनिवर्सिटी के भी सर्टिफिकेट मिले थे।

सबसे ज्यादा नॉर्थ इंडिया में बांटी फर्जी डिग्री

उन्होंने बताया- राजस्थान के विभिन्न डिपार्टमेंट में फर्जी डिग्री दिखाकर लोग जॉब कर रहे हैं। शिक्षा विभाग को इस संबंध में अवगत करवाया गया है। विभाग की ओर से दोबारा वेरिफिकेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जांच में सामने आया है कि विवि की ओर से सबसे ज्यादा फर्जी डिग्री नॉर्थ इंडिया में बांटी गई है।

सौदा तय होने के बाद भी वसूलते ज्यादा रुपए

परिस देशमुख ने बताया- यूनिवर्सिटी की ओर से सौदा तय होने पर एडमिशन दिखाकर फर्जी डिग्री बांटी गई। फर्जी डिग्री देने के दौरान स्टूडेंट्स से 50-60 प्रतिशत ज्यादा रकम की डिमांड की जाती थी। स्टूडेंट्स सौदे की रकम देने की जिद करते थे तो उन्हें डिग्री दे दी जाती थी।

लेकिन सरकारी जॉब के लिए विभाग की ओर से जब डिग्री का वेरिफिकेशन किया जाता था तो विभाग को मना कर दिया जाता था। परेशान होकर स्टूडेंट यूनिवर्सिटी से दोबारा कॉन्टैक्ट करते थे और इसके बाद यूनिवर्सिटी उनसे ज्यादा पैसा वसूलती थी।

आरोपी बोले- यूनिवर्सिटी का क्या कसूर

रुपए देने पर दोबारा विभाग को विवि की तरफ से गलती से रिपोर्ट भेजने का जबाव देकर वेरिफिकेशन करवा दिया जाता था। मीडिया को देखकर विवि संचालक बोले- हमे भी अपनी बात रखने की आजादी है। स्टूडेंट्स ने हमारी यूनिवर्सिटी का नाम लिख दिया। इसमें हमारा का क्या कसूर है।

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RAS का एग्जाम छोड़ पहुंची KBC की हॉट सीट पर नरेशी मीणा

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 24 अगस्त 2024 | सवाई माधोपुर : जब आप हॉट सीट पर बैठे हो तो 100 परसेंट श्योर कुछ नहीं लगता, यह भी यकीन नहीं होता कि आप अमिताभ बच्चन के सामने बैठे हो। सामने बिग-बी बैठे हो तो आप वैसे ही फ्रीज हो जाते हैं। यह कहना है कौन बनेगा करोड़पति में 50 लाख जीतने वाली सवाई माधोपुर की नरेशी मीणा का। अपने कोचिंग टीचर से इंस्पायर्ड होकर और नरेशी ने कौन बनेगा करोड़पति का सफर तय किया।

गेम शो की शूटिंग के लिए नरेशी ने जुलाई में हुई RAS की मुख्य परीक्षा भी छोड़ दी थी। सवाई माधोपुर के एंडा गांव की बेटी नरेशी मीणा (27) ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित हैं। अमिताभ बच्चन ने गेम शो के दौरान नरेशी का इलाज करवाने की भी बात कही।

RAS का एग्जाम छोड़ पहुंची KBC की हॉट सीट पर नरेशी मीणा

“कौन कहता है आसमान में छेद नहीं होता, जरा पत्थर तो तबीयत से उछालो यारो” ऐसा ही कारनामा सवाई माधोपुर जिले के एक छोटे से एंडा गांव की बेटी नरेशी मीणा ने कर दिखाया है। दरअसल, नरेशी महानायक अमिताभ बच्चन के शो ‘कौन बनेगा करोड़पति’ में हॉट सीट पर पहुंची

RAS का एग्जाम छोड़ पहुंची KBC की हॉट सीट पर नरेशी मीणा

नरेशी ने 1 करोड़ के सवाल पर पर गेम छोड़ दिया था। सवाई माधोपुर के एंडा गांव की बेटी नरेशी मीणा की इस कामयाबी से पूरा गांव बेहद खुश है। नरेशी ने बताया कि जब वो गेम शो से लौटीं तो पूरे गांव ने उनका स्वागत किया।

‘केबीसी 16’ के लिए छोड़ा आरएएस का एग्जाम

इससे पहले नरेशी मीणा ने मूकनायक मीडिया ब्यूरो को दिए एक इंटरव्यू में बताया कि उन्होंने ‘कौन बनेगा करोड़पति 16’ में शामिल होने के लिए आरएएस का एग्जाम छोड़ दिया। नरेशी मीणा ने बताया, ‘मैंने आरएएस मेन का एग्जाम मिस कर दिया।

20 और 21 जुलाई को मेरा आरएएस मेन एग्जाम था। मेरा जयपुर में सेंटर आया था। वो एग्जाम 2 दिन होते हैं, क्योंकि लिखना होता है, 4 पेपर होते हैं। तो मुझे लगा कि एक दिन पहले जाना पड़ता है, फिर आने-जाने में 3-4 दिन लग जाते। तो मैंने सोचा कि इस बार केबीसी को देते हैं अपना पूरा टाइम। तो मैंने अपना आरएएस का मेन एग्जाम छोड़ दिया।’

सवाई माधोपुर के एंडा गांव की बेटी नरेशी मीणा की इस कामयाबी से पूरा गांव बेहद खुश है। नरेशी ने बताया कि जब वो गेम शो से लौटीं तो पूरे गांव ने उनका स्वागत किया।

15वें सवाल तक पहुंचने वाली पहली कंटेस्टेंट

इसके बाद प्रोमो में अमिताभ बच्चन कहते हैं, ‘आपने ये ठान लिया है कि ये धनराशि यहां से जीतकर जाऊंगी, तो इसका इलाज हो सकता है।’ बिग बी खुलासा करते हैं कि नरेशी मीणा शो के इस सीजन की पहली कंटेस्टेंट बन गई हैं, जो 15वें सवाल तक पहुंची हैं। अमिताभ बच्चन कहते हैं, ‘इस सीजन में पहली बार 15वां सवाल, 1 करोड़ रुपये, ये रहा’। वैसे नरेशी मीणा ‘केबीसी 16’ की पहली करोड़पति बनने से रह गयीं।

इसी दौरान गंगापुर सिटी के योगेश ने कौन बनेगा करोड़पति में 25 लाख रुपए जीते। जिसकी खबर नरेशी ने पढ़ी और इसके बाद नरेशी केबीसी का सीरियल अपने ताऊजी के घर जाकर देखने लगी। उनका इंटरेस्ट जनरल नॉलेज में काफी बढ़ गया। वह विभिन्न साइटों से और समाचार पत्रों के माध्यम से अपना जनरल नॉलेज बढ़ाने लगी।

जिंदगी जीने का हौसला

इसके चलते नरेशी ने आरएएस का एग्जाम छोड़ दिया और ‘कौन बनेगा करोड़पति’ की हॉट सीट पर अमिताभ बच्चन से उनका सामना हुआ। नरेशी के पिता राजमल मीणा ने भी शूट के दौरान अमिताभ बच्चन से बातचीत की, जिसे उन्होंने काफी यादगार बताया। साल 2020 में वह महिला अधिकारिता विभाग में सुपरवाइजर के पद पर नियुक्त हुई।

इसी के साथ ही उन्होंने अपनी पढ़ाई को आगे जारी रखा। इस दौरान वह RAS के एग्जाम में पास हुई। लेकिन RAS और कौन बनेगा करोड़पति की डेट आसपास थी। जिसके चलते नरेशी ने RAS का एग्जाम छोड़ दिया और कौन बनेगा करोड़पति की हॉट सीट पर जा पहुंची। जहां महानायक अमिताभ बच्चन से उनका सामना हुआ। 

नरेशी के पिता राजमल मीणा ने भी शूट के दौरान अमिताभ बच्चन से बातचीत की, जिसे उन्होंने काफी यादगार बताया।

सब इंस्पेक्टर के मेडिकल में ब्रेन ट्यूमर का चला पता

नरेशी ने बताया कि साल 2018 में उनकी जिंदगी में एक बेहद टर्निंग पॉइंट आया। वह SI का एग्जाम पास कर चुकी थी। इसके बाद मेडिकल होना था। मेडिकल के दौरान उन्हें पता चला कि उन्हें ब्रेन ट़्यूमर है। इस कारण वो लंबे समय तक डिप्रेशन में रहीं। नरेशी ने बताया कि वह यह सोचकर खूब रोती थी कि यह बीमारी उनके ही क्यों हुई। उनकी मां छोटी देवी, पिता राजमल और दोनों बड़े भाई शिवराम (31), लक्ष्मीकांत (28) ने उन्हें संभाला।

इतना ही नहीं आर्थिक स्थिति कमजोर होने के बावजूद परिवार ने उनका अच्छे प्राइवेट अस्पताल में इलाज करवाया। मां ने नरेशी के इलाज के लिए अपने गहने तक बेच दिए। इस दौरान नरेशी ने सोचा कि नेगेटिविटी से परेशानी कम नहीं होती, बल्कि बढ़ती ही है। इसके बाद नरेशी पूरी सकारात्मकता के साथ उबरने की कोशिश में जुट गई। 3 भाई-बहन में नरेशी सबसे छोटी है। उनके दोनों बड़े भाई हमेशा हर मौके पर अपनी बहन को पूरा सपोर्ट करते हैं।

3 भाई-बहन में नरेशी सबसे छोटी है। उनके दोनों बड़े भाई हमेशा हर मौके पर अपनी बहन को पूरा सपोर्ट करते हैं।

ताऊजी के घर जाकर देखती थीं केबीसी

मां-बाप और भाइयों के मोटिवेशन से नरेशी ने अपनी पढ़ाई को जारी रखा और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने लगी। इसी दौरान वर्ष 2017 में गंगापुर के योगेश ने ‘कौन बनेगा करोड़पति’ में 25 लाख रुपए जीते। वो काफी चर्चाओं में रहे। इसके बाद योगेश कोचिंग टीचर बन गए। नरेशी ने भी उनसे कोचिंग ली है।

अपने कोचिंग टीचर से प्रेरित होकर और उनकी उपलब्धि सुनने-पढ़ने के बाद नरेशी का भी रूझान केबीसी की तरफ जाने लगा। खुद के घर में टीवी नहीं होने के कारण नरेशी केबीसी शो अपने ताऊजी के घर जाकर देखने लगी। इसके बाद वे अपनी जनरल नॉलेज को बढ़ाने की कोशिश करती रहीं।

माता पिता को देगी खूबसूरत तोहफा 

नरसी का कहना है कि यह उसके जीवन का सबसे यादगार पल था। उसने बेहद कठिन सवालों के जवाब देकर 50 लाख रुपये जीते। इन्हें जीतने के बाद नरसी की जिंदगी पूरी तरह बदल गई है। उसके काम की चर्चा देश, प्रदेश और हर जगह हो रही है। कौन बनेगा करोड़पति में 50 लाख रुपये जीतकर जब नरसी अपने गांव आई तो गांव वालों ने फूल मालाओं और बैंड बाजे के साथ उसका स्वागत किया।

अपनी जीत पर और जीती गई रासि को लेकर नरसी का कहना है कि वह सवाई माधोपुर में किराए के मकान में रहती है। इसलिए वह इन पैसों से वहां एक मकान खरीदेगी। साथ ही वह अपनी मां के गहने दोबारा बनवाएगी। वह अपने पिता को एक खूबसूरत तोहफा भी देगी।

पॉलिटिकल साइंस से किया पोस्ट ग्रेजुएशन

नरेशी ने अपने गांव की ही सरकारी स्कूल से 9वीं कक्षा तक की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद कक्षा 10 उन्होंने नजदीकी गांव की श्यामपुरा स्कूल से पास की। 11वीं और 12वीं कक्षा सवाई माधोपुर के सुरभि पब्लिक स्कूल से पास की। साल 2015 में उन्होंने बीए में एडमिशन लिया और साल 2017 में हिस्ट्री, पॉलिटिकल साइंस और हिंदी से अपनी ग्रेजुएशन पूरी की। इसके बाद उन्होंने पॉलिटिकल साइंस से पोस्ट ग्रेजुएशन किया।

मां-बाप के लिए बहुत कुछ करना चाहती हैं नरेशी

केबीसी के लिए 18-19 जुलाई को सवाई माधोपुर में शूट हुआ था। इसके बाद नरेशी को 26 जुलाई को मुंबई बुलाया गया, जहां वो अपने पिता और बुआ के लड़के के साथ गई थी। करीब एक सप्ताह बाद 2 अगस्त को वापस गांव लौटी। नरेशी का डीजे और बैंडबाजे के साथ जोरदार स्वागत किया गया। नरेशी की मां ने उनसे कहा कि शाबाश बेटा, मेरी बेटी ने मेरा नाम रोशन कर दिया।

नरेशी बताती है कि 50 लाख रुपए जीतने के बाद अब वह अपनी मां की ज्वेलरी फिर से बनवा पाएंगी। अपने पिता को भी एक खूबसूरत सा तोहफा देंगी। वह सवाई माधोपुर में किराए से रहती हैं तो इन पैसों से सवाई माधोपुर में मकान खरीदने का मन बना रही हैं।

अमिताभ ने चीलगाड़ी शब्द को डायरी में नोट किया

अमिताभ बच्चन ने नरेशी के पिता से शूट के दौरान पूछा कि वह मुंबई कैसे आए हैं। जिस पर नरेशी के पिता राजमल ने उन्हें बताया कि वह चीलगाड़ी में बैठकर यहां आए हैं। यह सुनकर अमिताभ ने कहा कि यह चीलगाड़ी क्या होती है, तो उन्होंने बताया कि उनके गांव में प्लेन को ही चीलगाड़ी कहते हैं। जिस पर अमिताभ बच्चन ने इस शब्द को अपनी डायरी में नोट कर लिया। अमिताभ बच्चन ने करीब 4 महीने पहले 16वें सीजन की शूटिंग स्टार्ट की थी। इस दौरान उनकी सेट से कई फोटो भी सामने आई थी।

अमिताभ बच्चन ने करीब 4 महीने पहले 16वें सीजन की शूटिंग स्टार्ट की थी। इस दौरान उनकी सेट से कई फोटो भी सामने आई थी।

अमिताभ बच्चन कराएंगे नरेशी मीणा का ब्रेन ट्यूमर का इलाज

सवाई माधोपुर के एंडा गांव की नरेशी मीणा ने अमिताभ बच्चन को बताया कि उसे ब्रेन ट्यूमर की बीमारी है। उसने ब्रेन ट्यूमर का ऑपरेशन तो कराया था, लेकिन इस ट्यूमर का कुछ हिस्सा अब भी उसके दिमाग में है। यह ट्यूमर उसके दिमाग में ऐसी जगह फंसा है, जिसे निकालना जानलेवा साबित हो सकता है।

नरेशी ने कहा था कि ब्रेन ट्यूमर का एडवांस इलाज कराने के लिए उन्हें चिकित्सकों की तरफ से प्रोटोन ट्रीटमेंट का सुझाव दिया था, लेकिन यह ट्रीटमेंट काफी महंगा होने की वजह से वह ट्रीटमेंट नहीं करा पाई।

केबीसी में आने का उसका मुख्य उद्देश्य ब्रेन ट्यूमर के इलाज के लिए रुपए इकट्ठा करना था। लेकिन जब अमिताभ बच्चन ने उनकी कहानी सुनी तो वो भावुक हो गए । और उन्होंने उसके ब्रेन ट्यूमर का इलाज कराने वादा किया, कि वह स्वयं उसका पूरा खर्चा उठाएंगे।

अब जानते हैं केबीसी में कैसे होती हैं एंट्री

स्टेप 1- कंटेस्टेंट की तैयारी शो टेलीकास्ट होने से तकरीबन 4 महीने पहले शुरू हो जाती है। पहला प्रोमो लॉन्च होने के बाद, रोजाना रात 9 बजे सोनी चैनल पर अमिताभ बच्चन दर्शकों से एक सवाल पूछते हैं, जिसका जवाब देना होता है। सोनी लिव ऐप पर इसका रजिस्ट्रेशन होता है।

स्टेप 2- प्रोडक्शन टीम रजिस्टर किए हुए कंटेस्टेंट में से कुछ को चुनती है फिर उन्हें कॉल बैक करती है। कॉल पर उनसे तीन सवाल किए जाते हैं। पहले दो सवाल में 4 विकल्प दिए जाते हैं। हर सवाल के इन 4 विकल्प में से एक सही जवाब देना होता है।

आखिरी सवाल नंबर-बेस्ड होता है। उदाहरण के तौर पर- भारत को आजादी कब मिली थी? इसका जवाब देने के लिए फोन के कीपैड पर 1947 टाइप करना होता है। तीनों सवालों के सही जवाब देने पर अगले स्टेप के लिए शॉर्टलिस्ट किया जाता है।

स्टेप 3- तीसरा स्टेप ऑडिशन का होता है। ज्यादातर ऑडिशन मुंबई में ही होते हैं। मुंबई से बाहर से चुने गए कंटेस्टेंट को उनकी उपलब्धता के हिसाब से मुंबई बुलाया जाता है। इसका पूरा खर्चा टीम ही उठाती है।

इस लेवल पर कंटेस्टेंट के लाइव ऑडिशन होते हैं। तकरीबन 20 सवालों का लाइव जवाब देना होता है – कुछ लिखकर तो कुछ वीडियो राउंड में। कंटेस्टेंट की पर्सनल लाइफ की डिटेल्स, इसी वीडियो में कैप्चर होते हैं।

स्टेप 4- यदि किसी कंटेस्टेंट ने सभी सवालों का सही जवाब दिया तो टीम उन्हें फिर से मुंबई बुलाती है। शो में शामिल होने की तैयारी शुरू हो जाती है। फास्टेस्ट-फिंगर राउंड से पहले कई बार रिहर्सल होती है। इस रिहर्सल का मकसद बस यही होता है कि कंटेस्टेंट से कोई चूक न हो जाए।

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स्टेप 5- सबसे कम समय में जवाब देने वाले कंटेस्टेंट को अमिताभ बच्चन खुद हॉट सीट तक लेकर जाते हैं।

स्टेप 6- हॉट सीट पर सवालों का सही जवाब देकर, कंटेस्टेंट करोड़ों रूपए जीतने का सपना साकार कर सकता है।

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ACB कार्रवाई में JDA तहसीलदार जेईएन सहित 7 लोग रिश्वत लेते गिरफ्तार

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 24 अगस्त 2024 | जयपुर : जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) ऑफिस के घूसखोर तहसीलदार, जेईएन, पटवारी समेत 6 अधिकारियों और 1 दलाल ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की पूछताछ में कहा कि यह काम (रिश्वतखोरी) सालों से चलता आ रहा है।

ACB कार्रवाई में JDA तहसीलदार जेईएन सहित 7 लोग रिश्वत लेते गिरफ्तार

हर जोन में इसी प्रकार से फाइल पास होती है। पैसा ऊपर तक जाता है। जो हमसे पैसा ऊपर तक लेते हैं, उनको भी पकड़िए। उधर, घूसकांड के बाद उपायुक्त सहित सात अधिकारियों-कर्मचारियों को JDA ने निलंबित कर दिया है।

ACB कार्रवाई में JDA तहसीलदार जेईएन सहित 7 लोग रिश्वत लेते गिरफ्तार

कल शाम को हुई थी कार्रवाई
ACB ने शुक्रवार की शाम करीब छह बजे जेडीए ऑफिस (जोन-9) में कार्रवाई की थी। मौके से तहसीलदार लक्ष्मीकांत गुप्ता, जेईएन खेमराज मीणा, पटवारी रविकांत शर्मा, पटवारी विमला मीणा, गिरदावर रुक्मणी (पटवारी का चार्ज), गिरदावर श्रीराम शर्मा और दलाल महेश मीणा को गिरफ्तार किया गया था। महेश शर्मा (दलाल), पटवारी विमला मीणा का पति है।

डीआईजी बोले- घूसखोरों के खिलाफ पुख्ता सबूत

एसीबी के डीआईजी डॉ.रवि ने बताया- शिकायत मिलने के बाद इन अधिकारियों की हर हरकत पर एसीबी नजर बनाए हुए थी। एसीबी के पास गिरफ्तार अधिकारी और दलालों के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं। कुछ को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा।

पैसे का खेल कैसे चलता है, कहां तक जाता था, इसकी पूरी जानकारी एसीबी के पास है। जल्द जोन-9 के डीसी और अन्य स्टाफ को भी एसीबी पूछताछ के लिए मुख्यालय लाएगी। एसीबी को 6 अधिकारियों और 1 दलाल के खिलाफ अन्य फाइलों में पैसा लेने की जानकारी मिली है।

43 फाइलें अलग-अलग टेबल पर मिलीं

डीआईजी डॉ.रवि ने बताया- जोन-9 में कार्रवाई दौरान लैंड (भूमि) कंवर्जन की करीब 43 फाइलें अलग-अलग टेबल पर मिली हैं। इन फाइलों को रोकने के पीछे भी पैसा नहीं मिलना मुख्य कारण सामने आ रहा है। इन फाइलों के मालिकों से सम्पर्क कर वजह जानने का प्रयास किया जा रहा है।

एसीबी ने दलाल महेश मीणा को भी गिरफ्तार किया है। महेश पटवारी विमला का पति है।

एसीबी ने दलाल महेश मीणा को भी गिरफ्तार किया है। महेश पटवारी विमला का पति है।

दलाल चला रहे रिश्वतखोरी का नेटवर्क

सूत्रों के अनुसार, जेडीए के अधिकारियों के लिए रिश्वत लेनदेन का काम दलाल करते हैं। जेडीए में किसी भी काम में पैसा सीधे बाबू (क्लर्क) मांगता है। काम होने के दौरान वह अन्य लोगों के हिस्से की जानकारी पीड़ित को दे देता है। इस दौरान किसी अधिकारी का तबादला हो जाता है तो बाबू रेट बढ़ाकर पैसा मांगता है।

अगर बाबू को लगता है कि पार्टी उसके जाल में नहीं फंसेगी तो तहसीलदार और एटीपी (असिस्टेंट टाउन प्लानर) को उसकी जानकारी देकर पीड़ित को उनके पास भेज देता है। एटीपी और तहसीलदार दलाल की जानकारी उसे देकर बात करने की बोल देते हैं।

इसके बाद दलाल पीड़ित व्यक्ति से फाइल लेकर सभी का पैसा तय करके बता देता है। पैसा लेने के बाद फाइल को कुछ घंटों में निकाल दिया जाता है। इसके बाद पैसा सभी को बंट जाता है। शुक्रवार को कार्रवाई के दौरान जेडीए ऑफिस जोन-9 के कर्मचारियों से भी एसीबी ने पूछताछ की थी।

शुक्रवार को कार्रवाई के दौरान जेडीए ऑफिस जोन-9 के कर्मचारियों से भी एसीबी ने पूछताछ की थी।

क्या है मामला

लैंड (भूमि) कंवर्जन के काम को लेकर एक पीड़ित से सितंबर 2023 से रुपए की मांग की जा रही थी। पीड़ित ने जोन नंबर-9 के तहसीलदार, जेईएन, पटवारी, गिरदावर से कई बार मुलाकात कर काम करने की गुजारिश की थी।

इसके बाद भी रुपए की मांग कर उसे लगातार परेशान किया जा रहा था। इस दौरान पटवारी विमला मीणा के पति महेश (दलाल) ने काम कराने के लिए 12 से 13 लाख रुपए की डिमांड रखी थी। कई बार बात करने के बाद 1.50 लाख रुपए में डील तय हुई थी।

एसीबी ने बनाई थीं 20 से अधिक टीमें

डील तय होने के बाद पीड़ित ने एसीबी ऑफिस में शिकायत दी थी। इसके बाद एसीबी ने 20 से अधिक टीमें बनाईं। जेडीए के जोन-9 की जांच करनी शुरू की। मामला सही पाए जाने पर शुक्रवार शाम 6 बजे पीड़ित को रिश्वत के 1.50 लाख रुपए लेकर भेजा गया। रिश्वत की राशि सभी को बंटने के बाद एसीबी ने रेड मारी थी।

इन अधिकारियों का बदला कामकाज

उपायुक्त का नाम पद का विवरण
सुनील शर्मा (प्रथम) उपायुक्त जोन – 2, जोन – 6
रेणु सैनी उपायुक्त जोन – 1, जोन – 4 और जोन – 12
सुमन देवी उपायुक्त जोन – 8, जोन – 5
दीपक सिंह खटाना उपायुक्त जोन – 14 उपायुक्त जोन – पृथ्वीराज नगर दक्षिण
देवयानी उपायुक्त जोन 13, जोन – 9
निहारिका शर्मा उपायुक्त जोन – 11, जोन – 10
दिग्गज चांगल उपायुक्त वाहन और रिकॉर्ड
शिवदान गुर्जर उपायुक्त एलपीसी
कमल कांत वर्मा उपायुक्त भूमि लैंड बैंक रिच अपार्टमेंट अधिनियम क्रियान्वन सेल
जगदीश नारायण यादव उपायुक्त नागरिक सेवा केंद्र
सुनील शर्मा उपायुक्त सिस्टम मैनेजमेंट और मुख्यमंत्री जनसुनवाई कार्य

सात अधिकारियों को निलंबित किया गया

एसीबी के एक्शन के बाद शनिवार को जेडीसी मंजू राजपाल ने 7 अधिकारियों और कर्मचारियों को निलंबित कर अपने मूल विभाग में भेज दिया है। लम्बे समय से तैनात जोन उपायुक्त के कामकाज में भी बदलाव किया है।

ये निलंबित हुए

  • गुलाब चंद, उपायुक्त जेडीए सेवा
  • लक्ष्मीकांत गुप्ता, तहसीलदार ( (मूल विभाग राजस्व मंडल)
  • खेमराज मीणा, जेईएन (नगरीय विकास विभाग)
  • रविकांत शर्मा, पटवारी (मूल विभाग जिला कलेक्टर, जयपुर)
  • विमला मीणा, पटवारी (मूल विभाग जिला कलेक्टर, जयपुर)
  • रुक्मणी, गिरदावर (पटवारी का चार्ज) (मूल विभाग जिला कलेक्टर, जयपुर)
  • श्रीराम शर्मा, गिरदावर (मूल विभाग जिला कलेक्टर, जयपुर)

(निलंबित किए गए अधिकारी और कर्मचारी अपने मूल विभाग में उपस्थिति देंगे।)

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