मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 12 नवंबर 2024 | जयपुर : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में प्रोफेसर भर्ती योग्यता नियमों में बदलाव करेगा। इसके लिए यूजीसी 2018 के नियमन में बदलाव की तैयारी कर रहा है। मौजूदा समय में यूनिवर्सिटी में शिक्षक के पद पर पढ़ाने लिए यूजी,पीजी के साथ पीएचडी न्यूनतम योग्यता है।
आइए जानते हैं कि नय नियमों के तहत विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में शिक्षक भर्ती के लिए न्यूनतम योग्यता क्या होगी। नये नियम के अनुसार अभी तक चार वर्षीय ग्रेजुएशन/ पीजी के साथ पीएचडी होना भर्ती के लिए न्यूनतम योग्यता है। इसके साथ ही पुराने नियम के मुताबिक अभी तक ग्रेजुएशन/ पोस्ट ग्रेजुएशन एवं पीएचडी एक ही विषय से होना अनिवार्य है।
UGC: यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में प्रोफेसर भर्ती योग्यता के बदलेंगे नियम, यूजीसी 2018 के नियमन में होगा बदलाव
UGC: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने शिक्षकों को लेकर एक बड़ा कदम उठाया है। दरअसल, यूजीसी यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में प्रोफेसर भर्ती योग्यता नियमों में बदलाव करने जा रहा है। इसके लिए यूजीसी 2018 के नियमन में बदलाव की जायेगी। इसके तहत अगर ग्रेजुएशन, पीजी तथा पीएचडी के विषय अलग हैं तो भी शिक्षक बन सकेंगे।
मौजूदा यूजीसी नियमों से अनुसार अभी यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में पढ़ने के लिए कैंडिडेट के पास एक ही सब्जेक्ट में ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन और पीएचडी की डिग्री होनी चाहिए। अलग-अलग विषयों से यूजी, पीजी और पीएचडी वाले कैंडिडेट कॉलेजों में पढ़ाने के लिए योग्य नहीं हैं।
यूजीसी नियमों से अनुसार अभी यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में पढ़ने के लिए कैंडिडेट के पास एक ही सब्जेक्ट में ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन और पीएचडी की डिग्री होनी चाहिए। अलग-अलग विषयों से यूजी, पीजी और पीएचडी वाले कैंडिडेट कॉलेजों में पढ़ाने के लिए योग्य नहीं हैं। वहीं नये नियमों के अनुसार अलग- अलग विषयों से यूजी, पीजी और पीएचडी करने वाले कैंडिडेट को भी कॉलेजों में पढ़ाने के योग्य माना जायेगा और ऐसे सभी अभ्यर्थी भर्ती प्रक्रिया में शामिल हो सकते हैं।
University Professor Recruitment 2024 Rule: पात्रता परीक्षा में शामिल होंगे ये नये मानक
वहीं यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में शिक्षक भर्ती के लिए होने वाले पात्रता परीक्षा में स्टार्टअप, आइडिया, पेटेंट और उद्यमिता जैसे मानकों को जोड़ा जायेगा। विश्वविद्यालय अनुसान आयोग की ओर से नये नियमों का नोटिफिकेशन जल्द ही जारी किया जा सकता है। अधिक जानकारी के लिए कैंडिडेट यूजीसी की आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।
UGC NET 2024: UGC NET परीक्षा में नया सब्जेक्ट शामिल
वहीं दिसंबर में होने वाले यूसीजी नेट परीक्षा में आयुर्वेद जीवविज्ञान नया सब्जेक्ट जोड़ा गया है। अब कुछ 84 विषयों के लिए नेट की परीक्षा होगी। अभी तक यूसीजी नेट परीक्षा में कुल 83 विषय थे। इस संबंध में UGC की ओर से नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है। दिसंबर सेशन के लिए यूसीजी नेट परीक्षा की अधिसूचना जल्द ही जारी की जा सकती है।
मौजूदा समय में शिक्षक पद के लिए क्या है नियम ?
मौजूदा समय में यूनिवर्सिटी में शिक्षक के पद पर पढ़ाने लिए यूजी, पीजी के साथ पीएचडी न्यूनतम योग्यता है। वहीं नये नियमों के अनुसार अलग- अलग विषयों से यूजी, पीजी और पीएचडी करने वाले कैंडिडेट को भी कॉलेजों में पढ़ाने के योग्य माना जायेगा और ऐसे सभी अभ्यर्थी भर्ती प्रक्रिया में शामिल हो सकते हैं।
पुराने नियम के अनुसार अभी तक चार वर्षीय ग्रेजुएशन/ पीजी के साथ पीएचडी होना भर्ती के लिए न्यूनतम योग्यता है। इसके साथ ही इस नियम के मुताबिक अभी तक ग्रेजुएशन/ पोस्ट ग्रेजुएशन एवं पीएचडी एक ही विषय से होना अनिवार्य है। अब इसी में बदलाव किये जाने की तैयारी की जा रही है। पिछले 6 महीने में इस पर विस्तृत समीक्षा की गई है जिसके बाद ड्राफ्ट तैयार किया गया है।
अब शोध पर ज्यादा दिया जायेगा ध्यान
यूजीसी चैयरमैन के मुताबिक अब शोध पर जरूरत से ज्यादा जोर दिया जायेगा। वर्तमान समय में रिसर्च के लिए गैर प्रमाणित व संदिग्ध प्रकाशन से लिए गए तथ्य पेश किये जाते हैं जिससे चीजें बेहतर होकर बाहर नहीं आ पा रहीं हैं।
ऐसे में इस संकीर्ण सोच को बदलने के लिए शोध पर जरूरत से ज्यादा काम किया जायेगा ताकि आने वाले समय में समाज एवं उद्योग के लिए जरूरी कौशल से तैयार ग्रेजुएट युवा बाहर आ सकें और देश की प्रगति में भाग दे सकें।
चार वर्षीय स्नातक डिग्री रखने वाले छात्र बिना पीजी बन सकेंगे सहायक प्रोफ़ेसर
चार वर्षीय स्नातक डिग्री रखने वाले छात्र अब राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) देकर अपनी पीएचडी आकांक्षाओं की ओर सीधे कदम बढ़ा सकते हैं। यह नेट पात्रता के लिए मास्टर डिग्री की पारंपरिक शर्त से अलग है।
4 वर्षीय यूजी डिग्री (पूरा हो चुका या अंतिम सेमेस्टर/वर्ष में) वाले छात्रों को पीएचडी के लिए आवेदन करने के लिए मास्टर डिग्री की आवश्यकता नहीं होगी। यह एक शर्त के साथ आता है: पीएचडी के लिए आवेदन करने के लिए छात्र के पास कुल मिलाकर न्यूनतम 75% अंक या समकक्ष ग्रेड होना चाहिए।
विशिष्ट श्रेणियों के लिए 5% की छूट है। यदि किसी छात्र के पास चार वर्षीय स्नातक डिग्री में अपेक्षित प्रतिशत नहीं है, तो वे मास्टर डिग्री पूरी करने के बाद पीएचडी कार्यक्रम में शामिल होने के पात्र होंगे।
यूजीसी ने विश्वविद्यालयों को यह भी लिखा है कि वे 3 वर्षीय यूजी कार्यक्रम में छात्रों को ब्रिज कोर्स की मदद से 4 वर्षीय यूजी कार्यक्रम में शामिल होने दें। इससे उन छात्रों को लाभ होगा जो अपने तीसरे वर्ष को आगे बढ़ाना चाहते हैं और चौथे वर्ष को शोध के लिए समर्पित करना चाहते हैं।
यूजीसी सक्रिय रूप से विश्वविद्यालयों के साथ इस मुद्दे को उठा रहा है और उन्हें शिक्षार्थियों को स्वतंत्रता, लचीलापन और विकल्प प्रदान करने के लिए इन प्रावधानों को लागू करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है।
UGC New Rule: यूजीसी ने बदले एडमिशन के नियम, सितंबर से हो जायेंगे लागू, अब करना होगा ये काम
UGC New Rule: यूजीसी (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग) ने सितंबर से लागू होने वाले कुछ नये नियमों की घोषणा की है, जो विशेष रूप से डिस्टेंस और ऑनलाइन कोर्सों से संबंधित हैं। यदि आप बारहवीं कक्षा पास कर कॉलेज में एडमिशन ले चुके हैं, तो ये नये नियम आपके लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं।
इनमें संभवतः कोर्स की मान्यता, पंजीकरण प्रक्रिया, या अध्ययन के तरीके में बदलाव शामिल हो सकते हैं। इन बदलावों की विस्तृत जानकारी के लिए यूजीसी की आधिकारिक अधिसूचना या आपके कॉलेज की प्रशासनिक विभाग से संपर्क करना उचित रहेगा।
यूजीसी ने इस एकेडमिक ईयर से ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग (ODL) और ऑनलाइन कोर्सों के लिए नया एनरोलमेंट प्रोसेस लागू करने का निर्णय लिया है। इस बदलाव का उद्देश्य छात्रों को धोखाधड़ी से बचाना है।
नये नियमों के अनुसार, छात्र केवल यूजीसी द्वारा अनुमोदित हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट के ODL और ऑनलाइन कोर्स में ही दाखिला ले सकेंगे। इससे केवल मान्यता प्राप्त और विश्वसनीय संस्थानों से ही शिक्षा प्राप्त की जा सकेगी, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता और सुरक्षा बढ़ेगी।
नई योजना के तहत, ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग (ODL) और ऑनलाइन कोर्स में दाखिला लेने वाले छात्रों को सबसे पहले डिस्टेंस एजुकेशन ब्यूरो के वेब पोर्टल और अपने एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (ABC) के साथ रजिस्ट्रेशन करना होगा।
विदेशी छात्रों को छोड़कर, मान्यता प्राप्त ऑनलाइन कार्यक्रमों में दाखिला लेने वाले सभी छात्रों के लिए यह प्रक्रिया अनिवार्य होगी और यह रजिस्ट्रेशन जीवनभर के लिए वैध रहेगा। इस नये नियम से छात्रों को मान्यता प्राप्त और विश्वसनीय संस्थानों से ही शिक्षा प्राप्त करने की सुविधा मिलेगी, और इससे धोखाधड़ी की संभावनाएं कम होंगी। इस कदम से मान्यता प्राप्त और विश्वसनीय संस्थानों से शिक्षा प्राप्त करने की सुविधा मिलेगी, जिससे शिक्षा के क्षेत्र में धोखाधड़ी की संभावनाएं कम होंगी।