चीन में मानव मेटान्यूमो वायरस के प्रकोप से आपातकाल की स्थिति घोषित

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 03 जनवरी 2025 | जयपुर : कोविड-19 महामारी के पाँच साल बाद चीन में मानव मेटान्यूमोवायरस (HMPV) का प्रकोप देखा जा रहा है। रिपोर्ट और सोशल मीडिया पोस्ट के अनुसार, अस्पताल संक्रमित व्यक्तियों से भरे हुए हैं और शवदाहगृहों में भीड़भाड़ है।

चीन में मानव मेटान्यूमो वायरस के प्रकोप से आपातकाल की स्थिति घोषित

कुछ सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं का दावा है कि इन्फ्लूएंजा ए, HMPV, माइकोप्लाज्मा न्यूमोनिया और कोविड-19 सहित कई वायरस चीन में फैल रहे हैं। यहाँ तक कि यह दावा भी किया जा रहा है कि चीन ने आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी है, हालाँकि, इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

चीन में मानव मेटान्यूमो वायरस के प्रकोप से आपातकाल की स्थिति घोषित, श्मशान और अस्पतालों में लाशों के ढेर

HMPV फ्लू जैसे लक्षण पैदा करता है। वायरस आमतौर पर ऊपरी श्वसन प्रणाली को प्रभावित करता है, लेकिन कभी-कभी निचले श्वसन संक्रमण का कारण बन सकता है। HMPV सर्दियों और शुरुआती वसंत में अधिक आम है।

चीन में श्वसन संबंधी बीमारियों में उछाल देखने को मिल रहा है, जिसमें ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) एक प्रमुख चिंता का विषय बनकर उभर रहा है। पिछले महीने, देश ने अज्ञात मूल के निमोनिया सहित सर्दियों की बीमारियों के लिए एक निगरानी प्रणाली का संचालन शुरू किया।

इसके बाद, कई सोशल मीडिया पोस्ट से पता चलता है कि HMPV बीमारी तेज़ी से फैल रही है और ज़्यादातर बच्चों और बुज़ुर्गों को प्रभावित कर रही है, जिससे अस्पताल और श्मशान घाट भर गए हैं।

मानव मेटान्यूमोवायरस के लक्षण

HMPV के लक्षण फ्लू या सामान्य सर्दी के समान हैं। यह संक्रमित व्यक्ति से खाँसने, छींकने या व्यक्तिगत संपर्क के माध्यम से दूसरों में फैल सकता है। कुछ सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:

  • खांसी
  • बुखार
  • नाक बंद होना
  • गले में खराश
  • सांस लेने में तकलीफ

अनुमानित ऊष्मायन अवधि तीन से छह दिन है और अवधि संक्रमण की गंभीरता पर निर्भर करती है।

किसे ज़्यादा जोखिम है?

छोटे बच्चों, बड़े वयस्कों और कमज़ोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों को HMPV के कारण गंभीर बीमारी होने का ज़्यादा जोखिम है।

HMPV की जटिलताएँ क्या हैं?

कभी-कभी HMPV गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है जिसके लिए अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता हो सकती है। ब्रोंकियोलाइटिस, ब्रोंकाइटिस, निमोनिया, अस्थमा या सीओपीडी भड़कना और कान का संक्रमण (ओटिटिस मीडिया) कुछ जटिलताएँ हैं।

रोकथाम के सुझाव:

आप इन उपायों से एचएमपीवी और अन्य श्वसन संबंधी बीमारियों के जोखिम को कम कर सकते हैं:

  • प्रसार को नियंत्रित करने के लिए कम से कम 20 सेकंड तक साबुन और पानी से हाथ धोएँ
  • खाँसते या छींकते समय अपना मुँह और नाक ढँकें
  • मास्क पहनने पर विचार करें और बीमार लोगों के संपर्क में आने से बचें
  • बिना धुले हाथों से अपनी आँखें, नाक और मुँह को छूने से बचें
  • अगर आप बीमार हैं तो खुद को अलग रखें

वर्तमान में, एचएमपीवी को रोकने के लिए कोई विशिष्ट एंटीवायरल थेरेपी या टीका उपलब्ध नहीं है। हालाँकि चीन के स्वास्थ्य अधिकारियों ने HMPV को महामारी के रूप में उल्लेख नहीं किया है, लेकिन देश ने दिसंबर 2024 में खुलासा किया कि वे अज्ञात रोगजनकों से निपटने के लिए एक प्रोटोकॉल स्थापित करने जा रहे हैं।

चीन में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के तेजी से फैलने के साथ, आपको श्वसन रोग के बारे में जानने की जरूरत है।

HMPV क्या है?

ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) एक ऐसा वायरस है जो आम सर्दी के समान लक्षण पैदा करता है। सामान्य मामलों में, यह खांसी या घरघराहट, बहती नाक या गले में खराश का कारण बनता है। छोटे बच्चों और बुजुर्गों में, HMPV गंभीर हो सकता है। कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में यह वायरस गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है।

HMPV के लक्षण

क्लीवलैंड क्लिनिक के अनुसार, यह एक ऊपरी श्वसन संक्रमण है, लेकिन यह कभी-कभी निमोनिया, अस्थमा के प्रकोप जैसे निचले श्वसन संक्रमण का कारण बन सकता है या क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) को बदतर बना सकता है।

यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के अनुसार, HMPV की खोज 2001 में हुई थी, और यह रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस (RSV) के साथ न्यूमोविरिडे परिवार से संबंधित है।

बीमारी की गंभीरता के आधार पर बीमारी की अवधि अलग-अलग हो सकती है, लेकिन आमतौर पर ऊष्मायन अवधि 3 से 6 दिन होती है। सी.डी.सी. के अनुसार, एच.एम.पी.वी. संक्रमण के लक्षण ब्रोंकाइटिस या निमोनिया में बदल सकते हैं और ये ऊपरी और निचले श्वसन संक्रमण का कारण बनने वाले अन्य वायरस के समान हैं।

एच.एम.पी.वी. की रोकथाम

एच.एम.पी.वी. के प्रसार से बचने के लिए, स्वास्थ्य अधिकारी कम से कम 20 सेकंड के लिए साबुन और पानी से बार-बार हाथ धोने का सुझाव देते हैं। बिना धुले हाथों से आँख, नाक या मुँह को छूने से बचें और बीमार लोगों के साथ निकट संपर्क से बचें। जिन लोगों को सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण हैं, उन्हें बाहर निकलते समय या छींकते या खांसते समय मास्क पहनना चाहिए। बार-बार हाथ धोना भी ज़रूरी है।

एच.एम.पी.वी. के लिए उपचार या टीका

फ़िलहाल, एच.एम.पी.वी. के लिए कोई विशिष्ट एंटीवायरल उपचार नहीं है। कोई टीका भी विकसित नहीं किया गया है। लक्षणों को दूर करने के लिए सामान्य सहायक देखभाल दी जाती है।

क्या एच.एम.पी.वी. कोविड-19 के समान है?

एचएमपीवी और कोविड-19 के लक्षण बहुत हद तक एक जैसे हैं। दोनों वायरस खांसी, बुखार, घरघराहट, गले में खराश और सांस लेने में तकलीफ जैसी श्वसन संबंधी समस्याओं का कारण बनते हैं। अप्रैल 2024 में वायरोलॉजी जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, कोविड-19 के बाद, चीन के हेनान में एचएमपीवी के मामले बढ़ गए।

अध्ययन से पता चला है कि 29 अप्रैल से 5 जून, 2023 के बीच लगभग हर दिन एचएमपीवी संक्रमण का पता चला और अस्पताल में भर्ती कराया गया। क्या एचएमपीवी नई महामारी बनने जा रही है?

जबकि कई सोशल मीडिया पोस्ट और रिपोर्ट दावा करती हैं कि चीन एक और महामारी से जूझ रहा है, स्वास्थ्य अधिकारियों के पास संभावित आपातकाल के बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं है। एचएमपीवी के लिए कोई विशिष्ट उपचार या टीका उपलब्ध नहीं होने के कारण, वायरस के बारे में जागरूकता सावधानी और रोकथाम को बढ़ावा देने में मदद कर सकती है।

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बांदीकुई टाइगर के हमले में विनोद मीणा के दोनों पैरों में 28 टांके टखने की हड्‌डी

ये कहना है दौसा के मऊखुर्द गांव के 45 साल के विनोद कुमार मीणा का। विनोद खेती करते हैं। साथ ही ड्राइवर का काम भी करते हैं। गांव के दो अन्य लोगों की तरह विनोद भी टाइगर के हमले का शिकार हो गए। उनके दोनों पैरों में 28 टांके आए हैं। फिलहाल जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल के ट्रोमा वार्ड में भर्ती हैं।

बांदीकुई टाइगर के हमले में विनोद मीणा के दोनों पैरों में 28 टांके टखने की हड्‌डी

बांदीकुई टाइगर के हमले में विनोद मीणा के दोनों पैरों में 28 टांके टखने की हड्‌डी

आभास तक नहीं था कि बाघ 30 फीट छलांग लगाकर सीधे हमला कर देगा। घबराहट में मैं गिर पड़ा। मेरे गिरते ही उसने मेरा पांव अपने जबड़े में दबोच लिया। मुझे 4-5 फीट तक घसीटकर ले गया। बाघ ने मुझ पर तीन बार हमला किया। मौत को सामने देख मैं कांप गया।

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अचानक टाइगर ने 30 फीट की छलांग लगाई। मैं संभल पाता, इससे पहले टाइगर ने जबड़े में मेरा पैर दबोच लिया। मैंने हिम्मत करके मुक्के मारे तो छोड़ा।

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टाइगर के हमले में विनोद के दोनों पैरों में 28 टांके आए हैं। टखने की हड्‌डी भी टूट गई।

टाइगर के हमले में मांस तक बाहर निकला

मूकनायक मीडिया टीम ट्रोमा सेंटर में पहुंची तो विनोद इमरजेंसी में स्ट्रेचर पर लहूलुहान पड़े थे। उनकी बायीं जांघ, टखने और पिंडली खून से लथपथ थे। टाइगर के नुकीले दांतों के गहरे जख्म से मांस बाहर आ गया। जख्म वाली जगह 15 टांके लगाने पड़े।

बायें पैर के घुटने के नीचे की हड्डी टाइगर के जबड़ों में काफी देर फंसी रही। इसके चलते टखने की हड्डी में फ्रैक्चर हो गया। यहां भी 4 टांके आए हैं। निचले पंजे के पास भी दो टांके लगाने पड़े। वहीं, दायीं जांघ पर भी 7 नुकीले दांत और पंजों के कारण हुए गहरे जख्म हो गए।

7 टांके आए। डॉक्टर्स ने ऑपरेशन करने की बात भी कही है। विनोद और गांव से उनके साथ आए लोगों का कहना है कि सुबह टाइगर के मूवमेंट और नजर आने की सूचना समय से देने के बावजूद वन विभाग की रेस्क्यू टीम 11 बजे तक भी गांव में नहीं पहुंची थी।

बुधवार सुबह 11 बजे सरिस्का से वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। टाइगर पलासन नदी की ओर भाग गया, जिसकी लगातार तलाश की जा रही है।

बुधवार सुबह 11 बजे सरिस्का से वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। टाइगर पलासन नदी की ओर भाग गया, जिसकी लगातार तलाश की जा रही है।

30 फीट छलांग लगाकर दबोचा पैर

विनोद ने बताया कि टाइगर की सूचना पर वो सुबह करीब 9 बजे गांव के नजदीक खेतों में गया था। टाइगर थोड़ी दूर छुपा था। मैं भी सभी गांव वालों के साथ उसे देख रहा था। अचानक टाइगर वहां खड़े लोगों की तरफ दौड़ा। टाइगर को अपनी ओर आता देख सभी लोग इधर-उधर भागने लगे। मैं जूतियां पहने था, जिस वजह से ज्यादा तेज नहीं भाग सका। संभलने का मौका मिलता, तब तक बाघ काफी करीब आ गया था।

फिर किसी तरह हिम्मत कर उसके मुंह पर मुक्के मारे। इससे एक बार उसने मुझे छोड़ दिया, लेकिन फिर दोबारा पकड़ लिया। मैंने फिर उसके जबड़े से खुद को बचाने के लिए उसके मुंह पर मारा। इसके बाद वह मुझे छोड़कर दूर खेतों में भाग गया। मैंने मौत को इतना करीब से पहले कभी नहीं देखा था। बचने की आस ही छोड़ दी थी।

वन विभाग की टीमें टाइगर को ट्रैंकुलाइज करने की कोशिश कर रही थीं। इसी बीच टाइगर एक खेत से निकलकर दूसरे खेत की ओर भाग गया।

वन विभाग की टीमें टाइगर को ट्रैंकुलाइज करने की कोशिश कर रही थीं। इसी बीच टाइगर एक खेत से निकलकर दूसरे खेत की ओर भाग गया।

ग्रामीणों का दावा- यहां पहली बार टाइगर आया

गांव के अनिल कुमार बैरवा ने बताया कि हमले में गांव के बाबूलाल मीणा और एक महिला उगा महावर भी घायल हुए हैं। हालांकि उनकी हल्की चोटें थीं, ऐसे में उन्हें स्थानीय अस्पताल में ही भर्ती कराया गया है। एक अन्य व्यक्ति मोइनुद्दीन खान ने बताया कि सरिस्का के जंगलों से निकलकर यह टाइगर गांव में आ गया।

काफी देर तक गांव की गलियों में घूमने के बाद यह खेतों की और चला गया। इस बीच लोग छतों पर चढ़कर बाघ देखने के लिए इकठ्ठे हुए थे। विनोद भी उसी भीड़ में शामिल था। अचानक बाघ ने हमला कर दिया और किसी को संभलने का मौका नहीं मिला।

सवाल : किस बाघ ने किया हमला

बीते एक डेढ़ महीने से सरिस्का के जंगलों से दो बाघ निकलकर जयपुर से 15-20 किमी की दूरी पर जंगलों में घूम रहे हैं। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हुआ है की मऊ खुर्द गांव में ग्रामीणों पर हमला करने वाला बाघ इनमें से कोई है या अन्य कोई?

सबसे पहले टाइगर को बांदीकुई के बैजुपाड़ा इलाके में देखा गया था। टाइगर के हमले में तीन ग्रामीणों के घायल होने की खबर ने आस-पास के गांव-ढाणियों में दहशत फैला दी है। सरिस्का अभ्यारण्य से एक बाघ के लापता होने की जानकारी भी मिली है। अनुमान लगाया जा रहा है कि हमला करने वाला बाघ वही हो सकता है।

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एड्स इंजेक्शन HIV इन्फेक्शन रोकने में 96% तक कारगर, Kiss से हो सकता है HIV एड्स

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 11 दिसंबर 2024 | जयपुर : HIV (ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस) एक बेहद खतरनाक वायरस है। काफी समय से डॉक्टर और वैज्ञानिक इसका इलाज ढूंढ रहे हैं। हाल ही में वैज्ञानिकों ने इस मामले में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने HIV इन्फेक्शन को रोकने वाला एक इंजेक्शन बनाया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह इंजेक्शन HIV इन्फेक्शन रोकने में 96% तक कारगर है।

एड्स इंजेक्शन HIV इन्फेक्शन रोकने में 96% तक कारगर, Kiss से हो सकता है HIV एड्स

एंटी HIV इंजेक्शन
एड्स इंजेक्शन HIV इन्फेक्शन रोकने में 96% तक कारगर, Kiss से हो सकता है HIV एड्स

इस इंजेक्शन का नाम लेनकापाविर (Lenacapavir) है। वैज्ञानिकों के अनुसार एक साल में इस वैक्सीन की दो डोज लेने से व्यक्ति HIV इन्फेक्शन के खतरे से पूरी तरह सुरक्षित रहेगा। अमेरिकन बायोफार्मास्युटिकल कंपनी गलियड (Gilead) द्वारा जारी और न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में पब्लिश डेटा के मुताबिक, लेनकापाविर टीका फेज-3 ट्रायल के दौरान HIV इन्फेक्शन को रोकने में 100% तक प्रभावी था। दक्षिण अफ्रीका और युगांडा की 5000 महिलाओं पर इस टीके का सफल परीक्षण किया गया।

इंडिया HIV एस्टिमेशन रिपोर्ट, 2023 के मुताबिक, भारत में 25 लाख से अधिक लोग HIV से पीड़ित हैं। हर साल करीब 66,400 लोग इसकी चपेट में आते हैं। पूरी दुनिया की बात करें तो वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) के मुताबिक, साल 2023 में करीब 4 करोड़ लोग HIV से पीड़ित थे। वहीं इस साल करीब 6,30,000 लोगों की इससे मौत हुई।

तो आज रिसर्च में हम HIV के बारे में बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि-

  • HIV क्या है?
  • ये कैसे फैलता है?
  • इससे बचने के क्या उपाय हैं?

HIV क्या है?

HIV एक ऐसा वायरस है, जो बॉडी के इम्यून सिस्टम पर हमला करता है। ये शरीर की व्हाइट ब्लड सेल्स को टारगेट करता है, जिससे इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। इसके कारण टीबी, सीवियर इन्फेक्शन और कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। अगर HIV का सही समय पर इलाज न किया जाए तो यह एक्वायर्ड इम्यूनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम (AIDS) का कारण बन सकता है।

HIV और AIDS में क्या अंतर है?

HIV वायरस इम्यून सिस्टम की कोशिकाओं को संक्रमित करके उसे धीरे-धीरे कमजोर करता है। इससे किसी भी तरह की बीमारी से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है। वहीं एड्स एक मेडिकल कंडीशन है, जिसका प्राइमरी कारण HIV इन्फेक्शन है।

इन्फेक्शन होने पर अगर समय पर पता न चले और इलाज न मिले तो इम्यूनिटी कमजोर होती जाती है और एड्स में बदल जाती है। वहीं अगर सही समय पर HIV का इलाज शुरू कर दिया जाए तो एड्स से बचा जा सकता है। इसलिए समय रहते HIV इन्फेक्शन का पता लगाना बेहद जरूरी है।

HIV किन कारणों से फैलता है?

HIV आमतौर पर संक्रमित व्यक्ति के बॉडी फ्लूइड यानी ब्लड, ब्रेस्ट मिल्क और स्पर्म के संपर्क से फैलता है। ये संक्रमित प्रेग्नेंट महिलाओं के जरिए बच्चे में फैल सकता है। इसके फैलने केे कई अन्य कारण भी हैं। इसे नीचे ग्राफिक से समझिए-

HIV का पता कैसे लगाया जा सकता है?

दिल्ली के श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीटयूट में इंटरनल मेडिसिन और इन्फेक्शियस डिजीज कंसल्टेंट डॉ. अंकित बंसल बताते हैं कि किसी को देखकर ये नहीं बताया जा सकता कि उसे HIV है या नहीं। आमतौर पर HIV इन्फेक्शन के शुरुआती दिनों में फ्लू जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।

कई बार HIV से संक्रमित होने के बावजूद व्यक्ति में कोई लक्षण नहीं दिखते। इसका पता लगाने के लिए ब्लड टेस्ट कराना ही एकमात्र तरीका है। इसलिए लंबे समय तक बीमार रहने या फ्लू के लक्षण दिखने पर भी व्यक्ति को HIV टेस्ट करवाना चाहिए।

HIV से कैसे बचें?

HIV इन्फेक्शन से बचने के कई उपाय हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण है, सुरक्षित यौन संबंध बनाना और नीडल, सीरिंज या अन्य इंजेक्शन लगाने वाले उपकरण साझा न करना। इसके अलावा और कौन से उपाय हैं, इसे नीचे ग्राफिक से समझिए-

क्या HIV पूरी तरह ठीक हो सकता है?

डॉ. अंकित बंसल बताते हैं कि अभी तक HIV का कोई परफेक्ट इलाज नहीं है। हालांकि इसके कुछ ट्रीटमेंट्स हैं। इनसे HIV से शरीर को होने वाले नुकसान को काफी हद तक कम किया जा सकता है। HIV ट्रीटमेंट दूसरों को संक्रमित होने से बचाता है और संक्रमित व्यक्ति को भी स्वस्थ रहने में मदद करता है।

HIV पॉजिटिव होने पर एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (ART) दी जाती है। हालांकि लेनकापाविर इंजेक्शन के सफल परीक्षण के बाद पूरी दुनिया में उम्मीद जगी है कि जल्द ही HIV का सटीक इलाज किया जा सकेगा।

क्या HIV छुआछूत से फैलता है?

डॉ. अंकित बंसल बताते हैं कि HIV कोई छुआछूत का वायरस नहीं है। इसलिए HIV संक्रमित व्यक्तियों से दूरी बनाने के बजाय उनके प्रति सहानुभूति और सपोर्ट दिखाना चाहिए। नीचे पॉइंटर्स से समझिए किन चीजों से HIV का खतरा नहीं होता है।

  • संक्रमित व्यक्ति को गले लगाने से।
  • एक साथ खाना खाने से।
  • एक ही कमरे में रहने से।
  • पब्लिक टॉयलेट या स्विमिंग पूल के इस्तेमाल से।
  • बर्तन या कपड़े शेयर करने से।
  • मच्छरों के काटने से।
  • संक्रमित व्यक्ति को ब्लड देने से।
  • आंसू या पसीने से।

क्या किस करने से HIV हो सकता है?

डॉ. अंकित बंसल बताते हैं HIV किस करने से नहीं फैलता। हालांकि अगर संक्रमित व्यक्ति के मुंह में खुले घाव हैं या मसूड़ों से खून आता है तो इन्फेक्शन हो सकता है।

क्या HIV पॉजिटिव व्यक्ति शारीरिक संबंध बना सकता है?

बहुत से लोग सोचते हैं कि HIV पॉजिटिव होने के बाद सेक्स नहीं किया जा सकता है, लेकिन यह सच नहीं है। HIV पॉजिटिव व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति की तरह ही शारीरिक संबंध बना सकता है। हालांकि इस दौरान इन्फेक्शन को रोकने के लिए प्रोटेक्शन का इस्तेमाल करना जरूरी है।

HIV पॉजिटिव होने पर अपनी केयर कैसे करें?

HIV पॉजिटिव होने पर घबराएं नहीं। खुद को मानसिक रूप से स्वस्थ रखें। इस बात का ध्यान रखें कि HIV पॉजिटिव होने के बावजूद खुशहाल जीवन जिया जा सकता है। इसके लिए निर्धारित समय पर अपनी दवाएं और समय-समय पर डॉक्टर की सलाह लेते रहें।

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