AI in Education is Transforming Learning Experiences

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Artificial Intelligence (AI) is reshaping the landscape of education, offering personalized learning experiences and innovative teaching methods. This post delves into the various applications of AI in education, from adaptive learning platforms to intelligent tutoring systems. Explore how AI is revolutionizing the way students learn and educators teach, paving the way for a more inclusive and dynamic educational environment.

I got to be unfit of drawing a single stroke at the appear miniature; and in any case I feel that I never was a more noticeable skilled worker than by and by.

When, while the dazzling valley proliferates with vapor around me, and the meridian sun strikes the upper surface of the invulnerable foliage of my trees, and but a few stray shimmers take into the internal safe house, I hurl myself down among the tall grass by the spilling stream; and, as I lie close to the soil, a thousand cloud plants are taken note by me: when I tune in the buzz of the little world among the stalks, and create commonplace with the inestimable extraordinary shapes of the frightening crawlies and flies, at that point I feel the closeness of the All-powerful, who formed us in his claim picture, and the breath of that all comprehensive cherish which bears and keeps up us, since it floats around us in an until the end of time of elation; and after, that my companion, when lack of clarity overspreads my eyes, and heaven and soil show up to stay in my soul and acclimatize its control, similar to the shape of a cherished favor lady, at that point I routinely think with longing, Goodness, would I might portray these conceptions, may rouse upon paper all that’s living so full and warm interior me, that it can be the reflect of my soul, as my soul is the reflect of the endless God!

O my companion — but it is as well much for my quality — I sink underneath the weight of the quality of these dreams! A eminent quietness has taken possession of my entire soul, like these sweet mornings of spring which I appreciate with my aggregate heart. I am alone, and feel the charm of nearness in this spot, which was made for the delight of souls like mine.

I am so cheerful, my costly companion, so retained inside the astonishing sense of basic tranquil nearness, that I ignore my capacities. I got to be unfit of drawing a single stroke at the appear miniature; and in any case I feel that I never was a more unmistakable skilled worker than directly. When, though the wonderful valley proliferates with vapor around me, and the meridian sun strikes the upper surface of the impenetrable foliage of my trees, and but numerous stray glints take into the internal refuge, I hurlmyself down among the tall grass by the gushing stream;and, as I lie close to the soil, a thousand cloud plants are taken note by me: when I tune in the buzz of the little world among the stalks, and create recognizable with the inestimable unbelievable shapes of the frightening crawlies.

MOOKNAYAK MEDIA

At times, though, “MOOKNAYAK MEDIA’s” immense reputation gets in the way of its own themes and aims. Looking back over the last 15 years, it’s intriguing to chart how dialogue around the portal has evolved and expanded. “MOOKNAYAK MEDIA” transformed from a niche Online News Portal that most of the people are watching worldwide, it to a symbol of Dalit Adivasi OBCs Minority & Women Rights and became a symbol of fighting for downtrodden people. Most importantly, with the establishment of online web portal like Mooknayak Media, the caste-ridden nature of political discourses and public sphere became more conspicuous and explicit.

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RUHS भर्ती 2023 में एससी एसटी ओबीसी और महिला आरक्षण का खुला उल्लंघन, जनप्रतिनिधियों की चुप्पी

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 13 नवंबर 2024 | जयपुर : #breaking #ब्रेकिंग आरयूएचएस #RUHS_Recruitment_2023 में असिस्टेंट प्रोफेसर और 2024 में प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर के 139 पदों पर भर्ती निकाली थी। इनमें आरक्षित वर्गों को 55 पदों का नुकसान हुआ था। 2023 के असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर भर्ती के लिए 6 सितंबर 2023 को आवेदन माँगे गये थे। इसकी परीक्षा भी हुई। लेकिन इसे निरस्त किया गया।

RUHS भर्ती 2023 में एससी एसटी ओबीसी और महिला आरक्षण का खुला उल्लंघन, जनप्रतिनिधियों की चुप्पी

भर्ती नहीं होने के कारण आरयूएचएस में अधिकतर फैकल्टी डेप्यूटेशन पर है। इन पदों का आरक्षित वर्गों के लिए विभाजन नियमानुसार नहीं किया जा रहा है। इस भर्ती में न सिर्फ आरक्षित वर्गों बल्कि अनारक्षित वर्ग की महिलाओं के पदों में भी कमी की गई है।

RUHS भर्ती 2023 में एससी एसटी ओबीसी और महिला आरक्षण का खुला उल्लंघन, जनप्रतिनिधियों की चुप्पी

2014 में फैकल्टी की पहली और आखिरी बार भर्ती की गई थी। भर्ती में कुल 55 आरक्षित पदों का नुकसान हुआ है। प्रोफेसर पद में 29, एसोसिएट के 22 और असिस्टेंट प्रोफेसर के 17 पदों का नुकसान हुआ है। प्रोफेसर पद के लिए एक भी पद आरक्षित वर्ग को आवंटित नहीं किया गया।

महिलाओं को भी 33% आरक्षण नहीं दिया गया बल्कि उन्हें  8 पद मिलने चाहिए थे, लेकिन एक पद ही मिला। संसद, यूजीसी और राज्य सरकार के दिशा निर्देश के अनुसार जिन विश्वविद्यालयों को पब्लिक फंड्स मिलते हैं उनके यहाँ शैक्षणिक पदों में आरक्षण रोस्टर रजिस्टर का संधारण विश्वविद्यालय को एक ईकाई मानकर किया जाना चाहिए । ताकि महिलाओं सहित सभी आरक्षित वर्गों के उम्मीदवारों को आरक्षण के अनुपात में प्रतिनिधित्व मिल सके।

आरक्षण रोस्टर के विशेषज्ञ एवं राजस्थान विश्वविद्यालय के पूर्व सिंडिकेट सदस्य प्रोफ़ेसर राम लखन मीणा का कहना है कि “आरयूएचएस द्वारा सरकार के दिशा निर्देशों का उल्लघंन किया गया और इस संबंध में संसद में पारित एक्ट को भी नहीं माना गया। आरयूएचएस व सभी विवि को आरक्षण रोस्टर रजिस्टर वेबसाइट पर अपलोड करना चाहिए।”

Rajasthan Women Recruitment Reservation: राजस्थान की भजनलाल सरकार ने महिला आरक्षण को लेकर बड़ा फैसला किया है। दिवाली से ठीक पहले राजस्थान सरकार ने महिलाओं को बड़ा तोहफा दिया है। सरकार ने महिला आरक्षण को लेकर संशोधन किया है जिसका लाभ पुलिस विभाग में सीधी भर्ती में महिलाओं को 33 प्रतिशत का आरक्षण दिया जायेगा। इसे लेकर सरकार की ओर से आदेश भी जारी कर दिया गया है। कार्मिक विभाग द्वारा आदेश जारी करते हुए इस बारे में जानकारी दी है।

नोटिफिकेशन के मुताबिक, राजस्थान पुलिस अधीनस्थ सेवा नियम-1989 में संशोधन करते हुए सीधी भर्ती में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने का फैसला लिया है। यह संशोधन संविधान के अनुच्छेद 309 के तहत किया गया है। इन नियमों को राजस्थान पुलिस अधीनस्थ सेवा (संशोधन) नियम, 2024 कहा जा सकता है।

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क्या है संशोधित नियम

संशोधित नियम में कहा गया है कि नियम 7बी के तहत महिला के लिए सीधी भर्ती में रिक्तियों का आरक्षण कैटगरी वाइज 33 प्रतिशत होगा। इसमें एक तिहाई विधवाओं और तलाकशुदा महिला उम्मीदवारों के लिए 80:20 के अनुपात में रिक्त स्थान होगा।

किसी विशेष वर्ष में विधवा या तलाकशुदा, पात्र और उपयुक्त उम्मीदवारों की अनुपलब्धता की स्थिति में, रिक्तियों को पहले इंटरचेंज, टीई, विधवाओं से तलाकशुदा या इसके विपरीत के लिए आरक्षित रिक्तियों से भरा जा सकता है।

पर्याप्त विधवा और तलाकशुदा उम्मीदवारों की उपलब्धता, अप्राप्त रिक्तियां उसी श्रेणी की अन्य महिलाओं द्वारा भरी जाएंगी और योग्य और उपयुक्त महिला उम्मीदवारों की अनुपलब्धता की स्थिति में, उनके लिए आरक्षित रिक्तियां पुरुष उम्मीदवार द्वारा भरी जायेंगी।

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वह श्रेणी जिसके लिए रिक्ति आरक्षित है। महिला उम्मीदवारों के लिए आरक्षित रिक्ति को अगले वर्ष के लिए आगे नहीं बढ़ाया जायेगा। इसमें विधवा और तलाकशुदा महिलाएं भी शामिल हैं। यहां तक ​​कि श्रेणी की सामान्य योग्यता में चयनित महिलाओं को भी पहले महिला कोटे में समायोजित किया जायेगा।

स्वीकृति के लिए राज्य सरकार को रोस्टर भेज रखा है, लेकिन अभी तक हमें स्वीकृति नहीं मिली है। फिलहाल आरयूएचएस में पुरानी फैकल्टी है और कुछ फैकल्टी डेप्यूटेशन पर है। -हरफूल पंकज ,रजिस्ट्रार, आरयूएचएस

अधिसूचना में आगे बताया गया है कि, भले ही सेवा में शामिल किसी भी पद के लिए महिलाओं के लिए आरक्षण 30% से अधिक हो, विधवा और तलाकशुदा उम्मीदवारों के लिए आरक्षण, श्रेणी के अनुसार कुल रिक्तियों के क्रमशः 8% और 2% से अधिक नहीं होगा।

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किशन सहाय मीणा आईजी मानवाधिकार सस्पेंड, झारखंड विधानसभा चुनाव में पुलिस पर्यवेक्षक हुए थे नियुक्त

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 13 नवंबर 2024 | दिल्ली : चुनाव आयोग ने राजस्थान कैडर के भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के अधिकारी किशन सहाय को सस्पेंड कर दिया। किशन सहाय मीणा आईजी मानवाधिकार के पद पर राजस्थान पुलिस मुख्यालय में तैनात थे। विधानसभा चुनाव के दौरान उनकी ड्यूटी झारखंड में लगाई गई थी। इस संबंध में चुनाव आयोग ने मुख्य सचिव राजस्थान को पत्र भेजा है।

किशन सहाय मीणा आईजी मानवाधिकार सस्पेंड

चुनाव आयोग ने पत्र में लिखा- झारखंड विधानसभा चुनाव में किशन सहाय मीणा को गुमला जिले के 67-सिसई, 68-गुमला और 69-बिशुनपुर में पुलिस ऑब्जर्वर (पर्यवेक्षक) लगाया था। आयोग की स्वीकृति के बिना 28 अक्टूबर 2024 को किशन सहाय ने ड्यूटी स्थल छोड़ दिया।

किशन सहाय मीणा आईजी मानवाधिकार सस्पेंड, झारखंड विधानसभा चुनाव में पुलिस पर्यवेक्षक हुए थे नियुक्त

पहले भी विवादों में रहे आईपीएस किशन सहाय पहले भी विवादों में रहे हैं। उन्होंने धार्मिक टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था- धर्म ग्रंथों में जिनका भी वर्णन कर रखा है, वह कल्पना मात्र की बातें हैं।

झारखंड विधानसभा चुनाव में पुलिस पर्यवेक्षक हुए थे नियुक्त

पत्र में लिखा- पुलिस पर्यवेक्षक की नियुक्ति चुनाव आयोग भारत के संविधान के तहत करता है। किशन सहाय का नाम राजस्थान सरकार की ओर से 21 अक्टूबर को भेजा गया था। किशन सहाय के आदेश 23 अक्टूबर को किए गए थे। उन्हें नामांकन दाखिल करने के अंतिम दिन से एक दिन पहले 24 अक्टूबर को निर्धारित निर्वाचन क्षेत्रों में रिपोर्ट करने का निर्देश दिया गया था।

उन्हें फॉर्म 17ए की जांच और पुनर्मतदान हो तो उसके बाद निर्वाचन क्षेत्र छोड़ने के आदेश दिए हुए थे। उन्होंने 28 अक्टूबर को निर्वाचन क्षेत्र छोड़ दिया था। आयोग की मंजूरी लिए बिना जयपुर चले गए थे। इसे चुनाव आयोग ने गंभीर माना। इस पर मुख्य सचिव और डीजीपी को 11 नवंबर को पत्र जारी कर सस्पेंड करने के आदेश दिए थे। किशन सहाय मीणा पहले भी एपीओ भी हो चुके हैं।

प्रमोटी आईपीएस अधिकारी है किशन सहाय

किशन सहाय प्रमोटी आईपीएस अधिकारी हैं। साल 2013 में आईपीएस बने थे। अगस्त 2013 में इन्हें एसपी टोंक लगाया गया था, लेकिन 11 जनवरी 2014 को यहां से एसपी जीआरपी अजमेर लगाया गया था। यहां किशन सहाय पूरे एक साल तक रहे। इसके बाद उन्हें सरकार ने एपीओ कर दिया था।

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करीब 6 महीने एपीओ रहने के बाद सरकार ने किशन सहाय को सीआईडी सीबी में एसपी लगाया। किशन सहाय यहां साढ़े 4 साल तक रहे। सीआईडी सीबी के बाद जेल और फिर दोबारा सीआईडी सीबी में लगाया गया। साल 2020 में किशन सहाय को डीआईजी आर्म्ड बटालियन पुलिस मुख्यालय में लगाया गया। यहीं पर सहाय डीआईजी से आईजी बने। 2023 में किशन सहाय को ह्यूमन राइट्स में लगाया गया था।

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