ओपी बिश्नोई ने 2.5 करोड़ में पेपर लीक गैंग को बेचा एसआई भर्ती पेपर

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 24 जुलाई 2024 | जयपुर : पेपरलीक मामले में पकड़ा गया आरोपी ओम प्रकाश बिश्नोई सीमा सुरक्षा बल (BSF) में 10 साल नौकरी कर चुका है। अफीम तस्करी में मोटी कमाई के लालच में उसने बीएसएफ छोड़ दी थी। उसके बाद बिश्नोई राजस्थान में पेपरलीक का सरगना बन गया। 

ओपी बिश्नोई ने 2.5 करोड़ में पेपर लीक गैंग को बेचा एसआई भर्ती पेपर

उसने बताया है कि सब इंस्पेक्टर भर्ती- 2021 में ढाई करोड़ रुपए में 30 अभ्यर्थियों को पेपर बेचा। आरोपी ने अपने एक हिस्ट्रीशीटर साथी के साथ मिलकर पेपरलीक कर 50 अभ्यर्थियों को एसआई बनवा दिया। पेपर सॉल्व करने के लिए आरोपी ने जयपुर में सिरसी रोड पर फ्लैट किराए पर लिया था।

बिश्नोई ने 2.5 करोड़ में पेपर लीक गैंग को बेचा एसआई भर्ती पेपर

उसने हिस्ट्रीशीटर श्रवण के साथ मिलकर सब इंस्पेक्टर (SI) भर्ती का पेपरलीक किया। स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) की पूछताछ में उसने कई खुलासे किए हैं।

एक बड़ा नेटवर्क खड़ा किया

एसओजी के एएसपी राम सिंह ने बताया कि ओम प्रकाश पेपरलीक से एक दिन में हुई करोड़ों की कमाई देखकर भूपेंद्र सारण गैंग से जुड़ा था। ओम प्रकाश ने अफीम तस्करी के नेटवर्क के साथ-साथ लीक पेपर बेचने में भी एक बड़ा नेटवर्क खड़ा कर दिया था।

पूछताछ में सामने आया है कि ओम प्रकाश और हिस्ट्रीशीटर श्रवण बाबेल ने मिलकर करीब 50 अभ्यर्थियों को पेपर देकर एसआई भर्ती परीक्षा में पास करवाया। इनमें श्रवण की बेटी चंचल भी शामिल है। चंचल पहले ही गिरफ्तार हो चुकी है।

परीक्षा की घोषणा के साथ ही नेटवर्क एक्टिव हो जाता

कॉम्पिटिशन एग्जाम की घोषणा होने के साथ ही उसका नेटवर्क एक्टिव हो जाता था। उसके गैंग के सदस्य कोचिंग, हॉस्टल के आसपास चाय की दुकानों पर सक्रिय होकर पैसे वाले स्टूडेंट को चिह्नित करते।

गैंग का सदस्य छात्र बनकर मेल-जोल बढ़ाता और पैसे में पेपर मिलने की जानकारी देता था। जिसके बाद गैंग के सदस्य पैसों की बात करते और परीक्षा से कुछ समय पहले अज्ञात जगहों पर ले जाकर उन्हें पेपर देते थे।

ओम प्रकाश ने जयपुर के सोडाला स्थित शांति नगर स्कूल से यूनिक भांभू की ओर से 14 और 15 सितंबर 2021 को लीक हुए पेपर को भूपेंद्र सारण से खरीद कर बेचा था।

एसओजी सिरसी रोड सहित अन्य जगहों पर कर रही तस्दीक

जानकारी मिलने के बाद एसओजी की टीमें ओम प्रकाश की ओर से बताए गई लोकेशन पर जा चुकी है। एसओजी की तीन टीमों ने सोमवार को जयपुर में अलग-अलग जगहों पर जांच की। लोगों से गिरफ्तार आरोपियों के बारे में पूछताछ की जा रही है।

अफीम तस्करी में मोटी कमाई देखकर बीएसएफ छोड़ी

ओमप्रकाश 2001 से 2011 तक बीएसएफ में नॉर्थ -ईस्ट इलाके में ही पोस्टेड था। 10 साल की नौकरी के दौरान उसकी अफीम तस्करों से सांठ-गांठ हो गई थी। अफीम में मोटी कमाई को देखकर बीएसएफ की नौकरी छोड़ दी थी।

साल 2019 में उसने तस्कर भैरा राम और महेंद्र कुमार निवासी जोधपुर ने 22 किलो अफीम को एक स्थान पर पहुंचाने के लिए दी थी। दोनों तस्करों ने अफीम तय स्थान पर नहीं पहुंचा कर लूट होना बता दिया था। इस विवाद में भैराराम और महेंद्र को ओम प्रकाश ने हिस्ट्रीशीटर श्रवण बाबेल के गांव पिटकासनी में बुलाया था और दोनों की हत्या कर दी थी।

पेपर खरीदने वालों की लिस्ट बनाकर एसओजी करेगी जांच

एसओजी को पूछताछ में ओमप्रकाश ने 50 से अधिक लोगों को पेपर बेचना बताया है। ऐसे में एसओजी अब उससे पूछताछ कर उनकी लिस्ट बनाएगी, वे कौन-कौन हैं उसमें भर्ती में सलेक्ट हुए हैं। नेटवर्क हैंडलर ने किस-किस को पेपर बेचा, एसओजी उसका पता लगाने की कोशिश कर रही है, इसके लिए ओमप्रकाश के नेटवर्क को खंगाला जा रहा है।

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यूनिफाइड पेंशन स्कीम को केंद्रीय कर्मचारी संगठनों ने सिरे से नकारा

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 25 अगस्त 2024 |  जयपुरकेंद्र सरकार न्यू पेंशन स्कीम (NPS) की जगह अब केंद्रीय कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) लेकर आई है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार, 24 अगस्त को इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कैबिनेट बैठक में इसे मंजूरी दी गई। UPS एक अप्रैल 2025 से लागू होगी।

यूनिफाइड पेंशन स्कीम को केंद्रीय कर्मचारी संगठनों ने सिरे से नकारा

UPS से 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को फायदा होगा। कर्मचारियों के पास UPS या NPS में से कोई भी पेंशन स्कीम चुनने का ऑप्शन रहेगा। राज्य सरकार चाहें तो वे भी इसे अपना सकती हैं। अगर राज्य के कर्मचारी शामिल होते हैं, तो करीब 90 लाख कर्मचारियों को इससे फायदा होगा।

यूनिफाइड पेंशन स्कीम को केंद्रीय कर्मचारी संगठनों ने सिरे से नकारा

न्यू पेंशन स्कीम से कैसे अलग है UPS

इस योजना के न्यू पेंशन स्कीम और ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) से किस तरह अलग होने के सवाल पर केंद्रीय सचिवालय में OSD टीवी सोमनाथन ने जवाब दिया कि UPS पूरी तरह कॉन्ट्रिब्यूटरी फंडेड स्कीम है। (मतलब इसमें भी कर्मचारियों को NPS की तरह बेसिक सैलरी+DA का 10% कॉन्ट्रिब्यूट करना पड़ेगा।)

जबकि ओल्ड पेंशन स्कीम अनफंडेड कॉन्ट्रिब्यूश्नरी स्कीम थी। (इसमें कर्मचारियों को किसी भी तरह का कॉन्ट्रीब्यूशन नहीं करना होता था।) लेकिन NPS की तरह हमने इसे बाजार के भरोसे न छोड़कर फिक्स पेंशन की एश्योरटी दी है। UPS में OPS और NPS दोनों के लाभ शामिल हैं।

NPS में कर्मचारी को अपनी बेसिक सैलरी+DA का 10% हिस्सा कॉन्ट्रिब्यूट करना होता है और सरकार 14% देती है। सरकार अब इसे बढ़ाकर 18.5 % कॉन्ट्रिब्यूट करेगी। कर्मचारी के 10% हिस्से में कोई बदलाव नहीं होगा।

सोमनाथन ने बताया कि NPS के तहत 2004 से अब तक रिटायर हो चुके और अब से मार्च, 2025 तक रिटायर होने वाले कर्मचारियों को भी इसका लाभ मिलेगा। जो पैसा उन्हें पहले मिल चुका है या वे फंड से निकाल चुके हैं, उससे एडजस्ट करने के बाद भुगतान किया जाएगा। सरकार की तरफ से कॉन्ट्रिब्यूशन 14% से 18.5% बढ़ाए जाने पर पहले साल 6250 करोड़ रुपए का अतिरिक्त खर्च आएगा। ये खर्च साल दर साल बढ़ता रहेगा।

न्यूनतम 10 हजार रुपए पेंशन, NPS चुनने वाले UPS में आ सकेंगे, DA नहीं DR मिलेगा

न्यूनतम 10 हजार रुपए पेंशन, NPS चुनने वाले UPS में आ सकेंगे, DA नहीं DR मिलेगा

नई स्कीम किस तरह फायदेमंद? बेसिक सैलरी की 50% राशि पेंशन के रूप में मिलेगी। सरकार ने इसकी गारंटी दी है।
गणना का फॉर्मूला क्या होगा? जिस दिन रिटायर होंगे, उससे पहले के 12 महीने की बेसिक सैलरी का ऐवरेज निकाला जाएगा। उसकी 50% राशि पेंशन के रूप में मिलेगी।
50% राशि किस शर्त पर मिलेगी? नौकरी को कम से कम 25 साल होने चाहिए।
मेरी नौकरी कम साल की है? कम से कम 10 साल की नौकरी के बाद रिटायर हुए तो 10 हजार रुपए पेंशन मिलेगी।
इसका बोझ कर्मचारी पर पड़ेगा? कर्मचारियों का योगदान 10% बना रहेगा। सरकार अपना योगदान 14% से बढ़ाकर 18.5% करेगी। हर 3 साल में समीक्षा होगी कि क्या इसे बढ़ाया जाए।
फैमिली पेंशन की सुविधा क्या है? कर्मचारी की मौत पर फैमिली पेंशन मिलेगी। कर्मचारी की मौत के समय उसकी जो पेंशन बन रही होगी, (मौत के बजाय यदि वह रिटायर हुआ होता।) उस पेंशन का 60% फैमिली पेंशन मिलेगी।
क्या रेट्रोस्पेक्टिव लागू होगी? UPS का फायदा वे भी ले सकेंगे, जो 2004 के बाद NPS के तहत रिटायर हुए हैं। सरकार ब्याज के साथ एरियर देगी। ब्याज PPF दर के बराबर मिलेगा।
NPS वाले UPS चुन सकेंगे? हां, वे भी UPS चुन सकते हैं।
UPS का और कोई फायदा? महंगाई सूचकांक को भी शामिल किया गया है। जिस हिसाब से महंगाई बढ़ेगी, महंगाई राहत (DR) भी बढ़ती रहेगी।
एकमुश्त लाभ क्या है? ग्रेच्युटी के अलावा कर्मचारी को हर 6 महीने की नौकरी पूरी करने पर, इन महीनों की उसकी सैलरी और DA मिलाकर उसका 10% पैसा, रिटायरमेंट के बाद लम-सम अमाउंट के तौर पर मिलेगा।
क्या राज्य सरकारें लागू करेंगी? राज्य सरकारें चाहे तो अपने कर्मचारियों के लिए UPS लागू कर सकती हैं। स्पष्ट है कि राज्य कर्मचारी राज्य सरकारों पर दबाव बनाएंगे कि वे भी इसे लागू करें।

​​​​​ 25 साल की सेवा और 50 हजार रुपए के मूल वेतन पर गणना 

OPS

पेंशन: मूल वेतन का 50% यानी 25,000 रुपए+DAफैमिली पेंशन: बेसिक सैलरी का 30% यानी 15,000 रुपए+DAन्यूनतम पेंशन: 9,000 रुपए+DA

UPS

पेंशन: बेसिक सैलरी का 50% यानी 25,000 रुपए +DRफैमिली पेंशन: पेंशन का 60% यानी 15,000 रु.+DR
न्यूनतम पेंशन: 10,000 रुपए+DR

UPS में ग्रैच्युटी में नुकसान 25 साल की नौकरी और 50 हजार रुपए की बेसिक सैलरी पर पुरानी पेंशन स्कीम में ग्रैच्युटी 12,37,500 रुपए बनेगी, जबकि UPS में यह 9,37,500 रुपए होगी।
UPS बेहतर पेंशन योजना का खाका तैयार करने वाली कमेटी के चेयरमैन, केंद्रीय सचिवालय में OSD टीवी सोमनाथन का कहना है कि NPS की तुलना में UPS 99% तक बेहतर है। इसमें निश्चित पेंशन का विकल्प है

 

बैठक में पीएम भी शामिल हुए

कैबिनेट की मीटिंग से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय कर्मचारियों के नेताओं के साथ अपने आवास पर बैठक की। कार्मिक मंत्रालय ने इसके संबंध में 21 अगस्त को एक नोटिस जारी किया गया था। ये घोषणा ऐसे समय पर हुई है, जब 2 राज्यों जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने हैं।

पिछले 10 साल में यह पहली बैठक रही, जिसमें प्रधानमंत्री और केंद्रीय कर्मचारियों की नेशनल काउंसिल यानी जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (JCM) के सदस्य शामिल हुए। बैठक में ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS), न्यू पेंशन स्कीम (NPS) और 8वें वेतन आयोग को लेकर चर्चा हुई।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी बजट पेश करते हुए NPS में सुधार की बात कही थी। वहीं, संसद में पूछे गए एक सवाल के जवाब में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने जवाब दिया था कि सरकार OPS बहाली पर कोई विचार नहीं कर रही है।

AIDEF ने किया बैठक का बहिष्कार

रेलवे के बाद केंद्रीय कर्मचारियों के सबसे बड़े संगठन ऑल इंडिया डिफेंस एम्प्लॉई फेडरेशन (AIDEF) ने प्रधानमंत्री की बैठक का बहिष्कार किया। AIDEF के महासचिव सी श्रीकुमार ने कहा था कि संगठन PM मोदी के साथ होने वाली बैठक में हिस्सा नहीं लेगा।

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इसकी वजह ये है कि बैठक में OPS बहाली नहीं बल्कि NPS में सुधार को लेकर चर्चा होगी। संगठन पहले ही कह चुके हैं कि कर्मचारियों को OPS ही चाहिए। बता दें कि AIDEF ने 15 जुलाई को वित्त मंत्रालय की बैठक का भी बहिष्कार किया था।

1 मई को अनिश्चितकालीन हड़ताल की थी योजना

कर्मचारी संगठनों ने OPS बहाली को लेकर 29 फरवरी 2024 को प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा था। पत्र में मांग की गई थी कि सरकार NPS बंद करे और गारंटीकृत ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करे। मांग पूरी होने पर संगठनों ने 1 मई 2024 से अनिश्चितकालीन हड़ताल की बात कही थी। बाद में सरकार की ओर से चर्चा का आश्वासन मिलने के बाद हड़ताल टाल दी गई थी।

NPS में सुधार​ के लिए बनी थी​​​​​​ सोमनाथन कमेटी

टीवी सोमनाथन को हाल ही में कैबिनेट सचिव नियुक्त किया गया है। अप्रैल 2024 में सरकार ने उस समय के वित्त सचिव टीवी सोमनाथन (हाल ही में कैबिनेट सचिव नियुक्त हुए हैं) की अध्यक्षता में NPS में सुधार के लिए एक कमेटी बनाई थी।

कमेटी ने सुधार के लिए दुनियाभर के देशों की पेंशन स्कीमों सहित आंध्र प्रदेश सरकार की तरफ से किए गए सुधारों की भी स्टडी की है। कमेटी की सिफारिशों के आधार पर ही सरकार यूनिफाइड पेंशन स्कीम लेकर आई है।

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ACB कार्रवाई में JDA तहसीलदार जेईएन सहित 7 लोग रिश्वत लेते गिरफ्तार

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 24 अगस्त 2024 | जयपुर : जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) ऑफिस के घूसखोर तहसीलदार, जेईएन, पटवारी समेत 6 अधिकारियों और 1 दलाल ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की पूछताछ में कहा कि यह काम (रिश्वतखोरी) सालों से चलता आ रहा है।

ACB कार्रवाई में JDA तहसीलदार जेईएन सहित 7 लोग रिश्वत लेते गिरफ्तार

हर जोन में इसी प्रकार से फाइल पास होती है। पैसा ऊपर तक जाता है। जो हमसे पैसा ऊपर तक लेते हैं, उनको भी पकड़िए। उधर, घूसकांड के बाद उपायुक्त सहित सात अधिकारियों-कर्मचारियों को JDA ने निलंबित कर दिया है।

ACB कार्रवाई में JDA तहसीलदार जेईएन सहित 7 लोग रिश्वत लेते गिरफ्तार

कल शाम को हुई थी कार्रवाई
ACB ने शुक्रवार की शाम करीब छह बजे जेडीए ऑफिस (जोन-9) में कार्रवाई की थी। मौके से तहसीलदार लक्ष्मीकांत गुप्ता, जेईएन खेमराज मीणा, पटवारी रविकांत शर्मा, पटवारी विमला मीणा, गिरदावर रुक्मणी (पटवारी का चार्ज), गिरदावर श्रीराम शर्मा और दलाल महेश मीणा को गिरफ्तार किया गया था। महेश शर्मा (दलाल), पटवारी विमला मीणा का पति है।

डीआईजी बोले- घूसखोरों के खिलाफ पुख्ता सबूत

एसीबी के डीआईजी डॉ.रवि ने बताया- शिकायत मिलने के बाद इन अधिकारियों की हर हरकत पर एसीबी नजर बनाए हुए थी। एसीबी के पास गिरफ्तार अधिकारी और दलालों के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं। कुछ को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा।

पैसे का खेल कैसे चलता है, कहां तक जाता था, इसकी पूरी जानकारी एसीबी के पास है। जल्द जोन-9 के डीसी और अन्य स्टाफ को भी एसीबी पूछताछ के लिए मुख्यालय लाएगी। एसीबी को 6 अधिकारियों और 1 दलाल के खिलाफ अन्य फाइलों में पैसा लेने की जानकारी मिली है।

43 फाइलें अलग-अलग टेबल पर मिलीं

डीआईजी डॉ.रवि ने बताया- जोन-9 में कार्रवाई दौरान लैंड (भूमि) कंवर्जन की करीब 43 फाइलें अलग-अलग टेबल पर मिली हैं। इन फाइलों को रोकने के पीछे भी पैसा नहीं मिलना मुख्य कारण सामने आ रहा है। इन फाइलों के मालिकों से सम्पर्क कर वजह जानने का प्रयास किया जा रहा है।

एसीबी ने दलाल महेश मीणा को भी गिरफ्तार किया है। महेश पटवारी विमला का पति है।

एसीबी ने दलाल महेश मीणा को भी गिरफ्तार किया है। महेश पटवारी विमला का पति है।

दलाल चला रहे रिश्वतखोरी का नेटवर्क

सूत्रों के अनुसार, जेडीए के अधिकारियों के लिए रिश्वत लेनदेन का काम दलाल करते हैं। जेडीए में किसी भी काम में पैसा सीधे बाबू (क्लर्क) मांगता है। काम होने के दौरान वह अन्य लोगों के हिस्से की जानकारी पीड़ित को दे देता है। इस दौरान किसी अधिकारी का तबादला हो जाता है तो बाबू रेट बढ़ाकर पैसा मांगता है।

अगर बाबू को लगता है कि पार्टी उसके जाल में नहीं फंसेगी तो तहसीलदार और एटीपी (असिस्टेंट टाउन प्लानर) को उसकी जानकारी देकर पीड़ित को उनके पास भेज देता है। एटीपी और तहसीलदार दलाल की जानकारी उसे देकर बात करने की बोल देते हैं।

इसके बाद दलाल पीड़ित व्यक्ति से फाइल लेकर सभी का पैसा तय करके बता देता है। पैसा लेने के बाद फाइल को कुछ घंटों में निकाल दिया जाता है। इसके बाद पैसा सभी को बंट जाता है। शुक्रवार को कार्रवाई के दौरान जेडीए ऑफिस जोन-9 के कर्मचारियों से भी एसीबी ने पूछताछ की थी।

शुक्रवार को कार्रवाई के दौरान जेडीए ऑफिस जोन-9 के कर्मचारियों से भी एसीबी ने पूछताछ की थी।

क्या है मामला

लैंड (भूमि) कंवर्जन के काम को लेकर एक पीड़ित से सितंबर 2023 से रुपए की मांग की जा रही थी। पीड़ित ने जोन नंबर-9 के तहसीलदार, जेईएन, पटवारी, गिरदावर से कई बार मुलाकात कर काम करने की गुजारिश की थी।

इसके बाद भी रुपए की मांग कर उसे लगातार परेशान किया जा रहा था। इस दौरान पटवारी विमला मीणा के पति महेश (दलाल) ने काम कराने के लिए 12 से 13 लाख रुपए की डिमांड रखी थी। कई बार बात करने के बाद 1.50 लाख रुपए में डील तय हुई थी।

एसीबी ने बनाई थीं 20 से अधिक टीमें

डील तय होने के बाद पीड़ित ने एसीबी ऑफिस में शिकायत दी थी। इसके बाद एसीबी ने 20 से अधिक टीमें बनाईं। जेडीए के जोन-9 की जांच करनी शुरू की। मामला सही पाए जाने पर शुक्रवार शाम 6 बजे पीड़ित को रिश्वत के 1.50 लाख रुपए लेकर भेजा गया। रिश्वत की राशि सभी को बंटने के बाद एसीबी ने रेड मारी थी।

इन अधिकारियों का बदला कामकाज

उपायुक्त का नाम पद का विवरण
सुनील शर्मा (प्रथम) उपायुक्त जोन – 2, जोन – 6
रेणु सैनी उपायुक्त जोन – 1, जोन – 4 और जोन – 12
सुमन देवी उपायुक्त जोन – 8, जोन – 5
दीपक सिंह खटाना उपायुक्त जोन – 14 उपायुक्त जोन – पृथ्वीराज नगर दक्षिण
देवयानी उपायुक्त जोन 13, जोन – 9
निहारिका शर्मा उपायुक्त जोन – 11, जोन – 10
दिग्गज चांगल उपायुक्त वाहन और रिकॉर्ड
शिवदान गुर्जर उपायुक्त एलपीसी
कमल कांत वर्मा उपायुक्त भूमि लैंड बैंक रिच अपार्टमेंट अधिनियम क्रियान्वन सेल
जगदीश नारायण यादव उपायुक्त नागरिक सेवा केंद्र
सुनील शर्मा उपायुक्त सिस्टम मैनेजमेंट और मुख्यमंत्री जनसुनवाई कार्य

सात अधिकारियों को निलंबित किया गया

एसीबी के एक्शन के बाद शनिवार को जेडीसी मंजू राजपाल ने 7 अधिकारियों और कर्मचारियों को निलंबित कर अपने मूल विभाग में भेज दिया है। लम्बे समय से तैनात जोन उपायुक्त के कामकाज में भी बदलाव किया है।

ये निलंबित हुए

  • गुलाब चंद, उपायुक्त जेडीए सेवा
  • लक्ष्मीकांत गुप्ता, तहसीलदार ( (मूल विभाग राजस्व मंडल)
  • खेमराज मीणा, जेईएन (नगरीय विकास विभाग)
  • रविकांत शर्मा, पटवारी (मूल विभाग जिला कलेक्टर, जयपुर)
  • विमला मीणा, पटवारी (मूल विभाग जिला कलेक्टर, जयपुर)
  • रुक्मणी, गिरदावर (पटवारी का चार्ज) (मूल विभाग जिला कलेक्टर, जयपुर)
  • श्रीराम शर्मा, गिरदावर (मूल विभाग जिला कलेक्टर, जयपुर)

(निलंबित किए गए अधिकारी और कर्मचारी अपने मूल विभाग में उपस्थिति देंगे।)

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