यूको बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन चुनाव, डॉ राजेश कुमार मीणा लगातार तीसरी बार महासचिव, जगदीश प्रकाश बेनिवाल अध्यक्ष बने

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 17 दिसंबर 2024 | जयपुर : यूको बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन राजस्थान का 9वां त्रैवार्षिक सम्मेलन जयपुर स्थित होटल रॉयल ओर्चिड में हुआ। सम्मेलन में पूरे प्रदेश से 500 से अधिक अधिकारियों ने भाग लिया, जिसमें 100 से अधिक महिला ऑफिसर्स भी शामिल थीं।

यूको बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन चुनाव, डॉ राजेश कुमार मीणा लगातार तीसरी बार महासचिव, जगदीश प्रकाश बेनिवाल अध्यक्ष बने

सम्मेलन के समापन पर वर्ष 2024-27 के लिए नई कार्यकारिणी का गठन किया गया। यूको बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन चुनाव में डॉ राजेश कुमार मीणा को लगातार तीसरी बार महासचिव और जगदीश प्रकाश बेनिवाल को अध्यक्ष, मनीष मीणा सचिव एवम् रवि गर्ग को कोषाध्यक्ष सर्वसम्मति से चुना गया।

यूको बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन चुनाव, डॉ राजेश कुमार मीणा लगातार तीसरी बार महासचिव

यूको बैंक के राजस्थान के तीनों जोनों के भी चुनाव हुए हैं जिनकी नई कार्यकारिणी में जयपुर जोन प्रेसिडेंट हरिमोहन मीणा एवम्  उदयभान सैनी सचिव, जोधपुर जोन प्रेसिडेंट पेमा राम एवम् चेतन सोलंकी, अजमेर जोन प्रेसिडेंट आनंद कुमार, एवम् कुलदीप सिंह मीणा सचिव चुना गया। इसके अलावा विभिन्न पदों पर भी प्रतिनिधियों को चुना गया, ताकि संगठन की मजबूती बनी रहे और अधिकारियों की समस्याओं का समाधान हो सके।

सम्मेलन के दौरान महासचिव डॉ मीणा ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बताया कि बैंक अधिकारियों का कार्यकाल अनियमित होने से उनका पारिवारिक जीवन प्रभावित हो रहा है। उन्होंने लंबे समय से लंबित पांच दिन का कार्य सप्ताह लागू करने की मांग उठाई और दूरस्थ स्थानांतरण और कार्यक्षेत्र की कठिनाइयों का मुद्दा भी सम्मलेन में रखा।

उन्होंने यह भी कहा कि कार्मिकों के हित में बताते हुए संबोधित किया गया कि आमजनता की सेवा के लिए बैंकिंग अधिकारी दिन-रात सेवा में लगे रहते है। ऐसे बैंक अधिकारी वर्क लाइफ बैलेंस को भी बनाए रखें ताकि समय पर घर जा सके।

बैंक ऑफिसर्स को उनके काम के वनिस्पत बहुत कम तनखा – प्रोफ़ेसर राम लखन मीणा

प्रोफ़ेसर राम लखन मीणा, पूर्व सदस्य पूर्व सदस्य, राजस्थान विश्वविद्यालय सिंडिकेट विशिष्ठ अतिथि के रूप सम्मलेन को संबोधित करते हुए कहा कि देश में बैंकिंग व्यवस्था बहुत संकट में है। उन्होंने कहा कि बैंक ऑफिसर्स को उनके काम के वनिस्पत बहुत कम तनखा मिलती है।

बैंक ऑफिसर्स को उनके काम के वनिस्पत बहुत कम तनखा – प्रोफ़ेसर राम लखन मीणा

प्रोफ़ेसर मीणा ने दु:ख जताते हुए कहा कि बैंक ऑफिसर्स, ऑफिसर्स ना होकर कलर्क बने हुए हैं। बैंकों में स्टाफ की बहुत कमी है और कई सालों से बैंकों में रिक्रूटमेंट नहीं हो रहे हैं। बैंकिंग सेक्टर के लिए पुरानी पेंशन योजना समेत कार्मिकों की समस्याओं का निराकरण किया जाना जरूरी है।

इससे पूर्व कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई। एसोसिएशन ऑफ बैंक ऑफिसर्स और यूको बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय महासचिव कामरेड संदीप चौबे, मुख्य अतिथि संयुक्त महासचिव आकाश बख्शी, विशाल सखरकर ने अतिथि के रूप में कार्यक्रम का उद्घाटन किया और उन्होंने अधिकारियों को बैंकिंग नियमों का पालन करने तथा साइबर क्राइम से सतर्क रहने का संदेश दिया।

 

प्रोफ़ेसर राम लखन मीणा, पूर्व सदस्य पूर्व सदस्य, राजस्थान विश्वविद्यालय सिंडिकेट विशिष्ठ अतिथि के रूप सम्मलेन को संबोधित करते हुए

 

त्रि-वार्षिक सम्मेलन जयपुर में होने से प्रदेश के यूको बैंक के ऑफिसर बडी संख्या में पहुंचे
डॉ राजेश कुमार मीणा लगातार तीसरी बार महासचिव

सम्मेलन को पूर्व महासचिव रामपाल कुमावत ने अपने पुराने अनुभवों को साँझा करते हुए संगठन के प्रति समर्पण पर जोर दिया। राजस्थान चेप्टर के अध्यक्ष जेपी बेनिवाल कहा कि बैंकिंग सेवा में क्या क्या परिवर्तिन किया जाए ताकि उपभोक्ताओं को ओर ज्यादा से ज्यादा सुविधा मिल सके।

महेश मीणा मीणा, बैंक ऑफ़ इंडिया ऑफिसर्स एसोसिएशन के महासचिव ने भी संबोधित करते हुए कहा कि सभी बैंक मिलकर राष्ट्रीय स्तर पर केंद्र सरकार को पुरानी पेंशन लागू करने पर मजबूर किया जायेगा और यदि सरकार लागू नहीं करेगी तो बडा आंदोलन किया जायेगा। बहरी-गूंगी सरकारों को आँखें खोलने के लिए राष्ट्रव्यापी हड़ताल भी की जायेगी।

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यूको बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय पदाधिकारियों ने भी शिरकत की। कार्यक्रम का शुभारंभ दीपप्रज्जवल और पदाधिकारियों के स्वागत के साथ हुआ। 3 साल बाद त्रि-वार्षिक सम्मेलन जयपुर में होने से प्रदेश के यूको बैंक के ऑफिसर बडी संख्या में पहुंचे।

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अभिनेता अल्लू अर्जुन को मजिस्ट्रेट से 14 दिन की जेल फिर हाईकोर्ट से जमानत

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 13 दिसंबर 2024 | जयपुर : हैदराबाद के संध्या थिएटर में ‘पुष्पा 2: द रूल’ के प्रीमियर के दौरान भगदड़ के मामले में तेलुगु एक्टर अल्लू अर्जुन को शुक्रवार (13 दिसंबर) को तेलंगाना हाईकोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई। हैदराबाद पुलिस ने उन्हें अल सुबह घर से गिरफ्तार कर लिया, जब अभिनेता चाय पी रहे थे।

अभिनेता अल्लू अर्जुन को मजिस्ट्रेट द्वारा 14 दिन की जेल फिर हाईकोर्ट से जमानत

पुलिस ने भगदड़ केस में पूछताछ के बाद अल्लू अर्जुन को निचली अदालत में पेश किया, जहां कोर्ट ने उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। हालांकि, शाम होते-होते तेलंगाना हाईकोर्ट से एक्टर को 4 हफ्ते के लिए बेल मिल गई।

अभिनेता अल्लू अर्जुन को मजिस्ट्रेट से 14 दिन की जेल फिर हाईकोर्ट से जमानत

बता दें कि हैदराबाद में पुष्पा 2 मूवी के प्रीमियर के दौरान भीड़ बेकाबू हो गई थी और भगदड़ में 35 वर्षीय महिला की मौत हो गई और उनके नाबालिग बेटे (9 साल) को गंभीर चोटें आई हैं। इस घटना के 8 दिन बाद तेलंगाना पुलिस हरकत में आई। अभिनेता अल्लू अर्जुन की रिहाई का आदेश देते हुए हाईकोर्ट ने कहा- ‘सिर्फ इसलिए कि वह एक एक्टर हैं… उन्हें इस तरह नहीं रखा जा सकता।’

अब केस में आगे क्या होगा?

अभिनेता अल्लू अर्जुन ने तेलंगाना हाईकोर्ट में याचिका दायर कर एफआईआर से अपना नाम हटाने की मांग की है। यह मामला भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा प्रबंधन में लापरवाही के कारण बड़े आयोजनों में सुरक्षा उपायों की जरूरत को उजागर करता है। दूसरी ओर, मामले में एक ट्विस्ट ये भी है कि मृतका के पति ने केस वापस लेने की बात कही है। उसने कहा कि भगदड़ मामले में एक्टर की कोई गलती नहीं है।

भीड़ नियंत्रण के लिए नहीं थे पुख्ता इंतजाम

4 दिसंबर को संध्या थिएटर में बड़ी संख्या में प्रशंसक अल्लू अर्जुन और उनकी को-एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना को देखने पहुंचे थे। थिएटर मैनेजमेंट द्वारा भीड़ को कंट्रोल करने की कोई व्यवस्था नहीं की गई थी। अभिनेता के आने की पूर्व सूचना पुलिस को भी नहीं दी गई। भीड़ के दबाव से थिएटर के गेट गिर गए, जिससे भगदड़ मच गई। इस भगदड़ में एक महिला की जान चली गई और उनका बेटा गंभीर रूप से घायल हो गया।

गैर-इरादतन हत्या के आरोपी हैं अल्लू

अल्लू अर्जुन, उनकी सिक्योरिटी टीम और थिएटर मैनेजमेंट के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 105 (गैर-इरादतन हत्या) और धारा 118(1) (चोट पहुंचाने के लिए दंड) के तहत मामला दर्ज किया गया। संध्या थिएटर के मालिक और दो कर्मचारियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।

अल्लू ने गिरफ्तारी के तरीके पर जताई आपत्ति

पुलिस ने शुक्रवार को अभिनेता को उनके घर से गिरफ्तार किया। इस दौरान अल्लू अर्जुन ने गिरफ्तारी के तरीके पर आपत्ति जताई। उन्होंने पुलिस से कहा, “आप मुझे मेरे बेडरूम से सीधे ले गए। मैंने कपड़े बदलने का समय मांगा, लेकिन आपने इसकी अनुमति नहीं दी।”

इस कार्रवाई के दौरान एक्टर ने पुष्पा 2 के चर्चित डायलॉग लिखी हुडी पहन रखी थी: “फूल नहीं, आग हूं मैं।” बाद में पुलिस ने चिक्कडपल्ली थाने में बयान दर्ज किए और फिर उस्मानिया हॉस्पिटल में मेडिकल जांच कराई।

अल्लू ने 25 लाख की मदद का ऐलान किया

थिएटर में भगदड़ के बाद अभिनेता ने गहरा दुख जताते हुए कहा था कि वह इस हादसे से “दिल टूटने” जैसा महसूस कर रहे हैं। उन्होंने मृतक महिला के परिवार को 25 लाख रुपए की आर्थिक मदद देने की घोषणा की।

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साथ ही घायल लड़के के इलाज का पूरा खर्च उठाने का वादा किया था। 7 दिसंबर को पुष्पा 2 की सक्सेस पार्टी में अल्लू ने कहा, “इस घटना को समझने और प्रतिक्रिया देने में मुझे कई घंटे लग गए। यह मेरे लिए मानसिक रूप से झकझोरने वाला था।”

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षड्यंत्र का खुलासा : समरावता गाँव में आधी रात में पुलिस ने पुलिस को मारा सजा नरेश मीणा को क्यों 

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 11 दिसंबर 2024 | जयपुर :  राजस्थान के उपचुनाव में ‘थप्पड़ कांड’ के नरेश मीणा के कारण सियासत में काफी हलचल रही। इधर, नरेश मीणा कब जेल से छूटेंगे? यह पहेली अब तक नहीं सुलझ पाई है। घटना के 26 दिन बीते जाने के बाद भी नरेश मीणा अभी भी टोंक जेल में बंद है।

षड्यंत्र का खुलासा : समरावता गाँव में आधी रात में पुलिस ने पुलिस को मारा सजा नरेश मीणा को क्यों 

समरावता गाँव में आधी रात में पुलिस ने पुलिस को मारा सजा नरेश मीणा को क्यों

जनहित के मुद्दे उठाना हर एक राजनेता का प्राथमिक दायित्व है। नरेश मीणा ने भी वही किया। जब कोई भी इस जनहित के मुद्दे पर अपनी जुबान नहीं खोल रहा था तो नरेश मीणा समरावता गाँव के लोगों को न्याय दिलाने के लिए आगे आये। प्रशासनिक लापरवाही को उजागर किया। शांतिपूर्ण आन्दोलन किया।

पर स्थानीय राजनीति, नरेश मीणा के बढ़ते राजनीतिक कद, और पार्टी लाइन की वजहों से जुबान पर पाबंदी लगे राजनेताओं ने पुलिस-प्रशासन की सहायता से इसे अलग ही मोड़ दे दिया। इस घटना को मनुवादी मीडिया ने मीणा समाज के प्रति अपनी चिपरिचित वैमनस्यता के चलते अलग ही मोड़ दे दिया।

समरावता गाँव में हुए शांतिपूर्ण आंदोलन के बाद स्थानीय पुलिस ने जो असंवैधानिक कार्य किया। उसे, गाँव के ही एक सीसीटीवी फुटेज ने कैद कर लिया। स्थानीय प्रशासन की अमानवीय साजिश के तहत समरावता गाँव के शांति पूर्ण जन आंदोलन में साधा-वर्दी में पुलिसकर्मी भीड़ में शामिल कर दिये।

पुलिस का यह नया प्रयोग नहीं था पर इस नये प्रयोग में नवीनतम प्रयोग यह किया कि सबसे पहले वर्दीधारी पुलिस ने भीड़ पर लाठी चार्ज किया और उसमें भी साधावर्दी (सिविल ड्रेस) में तैनात पुलिस वालों को टारगेट किया गया ताकि नरेश मीणा को फँसाया जा सके। 

यही फाँस नरेश मीणा की ज़मानत नहीं होने दे रही है और इसका तोड़ नरेश मीणा के वकील नहीं निकाल पा रहे हैं। वकीलों ने इस संजीदा प्रकरण को अनुभव की पाठशाला में तब्दील कर दिया है।

यह मामला इतना बढ़ा कि घटना की रात समरावता गांव में पुलिस और नरेश के समर्थकों के बीच जमकर संघर्ष हुआ। आगजनी की घटनाएं हुई, हवाई फायरिंग और आसू गैस के गोले छोड़े गए। अगले दिन भारी पुलिस बल ने नरेश को गिरफ्तार कर लिया।

मूकनायक मीडिया के पास ऐसे अनेक पुलिस कर्मियों की फुटेज उपलब्ध है जिन्होंने शांतिपूर्ण आंदोलन को हिंसक बनाया और सिविल ड्रेस में तैनात पुलिस कर्मियों को वर्दी धारी पुलिस ने मारा पीटा। 

नरेश 14 नवंबर से टोंक जेल में बंद है। उसके साथ कल 63 समर्थक भी जेल में बंद थे। इनमें चार नाबालिग बच्चों को फिलहाल जमानत दे दी गई है। इधर, शनिवार को उनियारा एसीजीएम कोर्ट ने नरेश की जमानत याचिका खारिज कर दी। 

घटना के 26 दिन बाद भी नरेश को नहीं मिली जमानत

प्रदेश में 13 नवंबर को उपचुनाव हुए। इस दौरान देवली उनियारा विधानसभा क्षेत्र के समरावता गांव में जमकर बवाल हुआ। ग्रामीणों के बहिष्कार के बाद भी जबरन वोट डलवाने के मामले में गुस्साएं निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने एरिया मजिस्ट्रेट अमित चौधरी को थप्पड़ जड़ दिया।

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इस मामले में नरेश सहित 63 लोगों की गिरफ्तारी हुई। इनमें से चार नाबालिग बच्चों की जमानत हो चुकी है, लेकिन नरेश सहित अन्य लोगों को अभी तक जमानत नहीं मिल पाई है। हालांकि नरेश मीणा ने शनिवार को उनियारा एसीजेएम कोर्ट में अपनी जमानत की याचिका दायर की, लेकिन कोर्ट ने नरेश की जमानत याचिका को खारिज कर दिया।

अब नरेश जमानत के लिए जिला सेशन में करेंगे अपील

थप्पड़ कांड और हिंसा के मामले में नरेश सहित 59 लोग अभी भी टोंक जेल में बंद है। इधर, नरेश को शनिवार को अपनी जमानत को लेकर बड़ा झटका लगा, जहां उनकी जमानत को कोर्ट ने खारिज कर दिया। इधर, अब चर्चा है कि नरेश अपनी जमानत के लिए टोंक जिला सेशन न्यायालय में अपील कर सकते हैं।

नरेश को लंबे समय तक रखने की फिराक में टोंक पुलिस?

समरावता गांव में एरिया मजिस्ट्रेट को थप्पड़ मारने और हिंसा के मामले को लेकर टोंक पुलिस ने नरेश के खिलाफ काफी स्ट्रांग केस बनाया है। इसको लेकर माना जा रहा है कि टोंक पुलिस लंबे समय तक नरेश को जेल में ही रखने का प्रयास कर रही है।

इसको लेकर बीते दिनों अजमेर रेंज के आईजी ओम प्रकाश ने भी संकेत दिये थे। ऐसे में लोगों के बीच चर्चा का विषय है कि आखिर नरेश को कब तक जमानत मिलेगी? बता दें कि नरेश पर टोंक से पहले 23 मामले दर्ज है।

पुलिस सू़त्रों की माने तो पुलिस इन मामलों में भी कार्रवाई करने की तैयारी में है। बता दें कि नरेश मीणा के खिलाफ टोंक पुलिस ने पांच गंभीर धाराओं के तहत मामले दर्ज किए हैं। इसके चलते टोंक पुलिस नरेश को हर एक मामले में कोर्ट में पेश कर, उनकी न्यायिक हिरासत को बढ़ाने का प्रयास कर रही है।

नरेश के समर्थकों ने 17 से सड़कों पर उतरने की चेतावनी दी

इधर, 14 नवंबर से नरेश टोंक जेल में बंद है। उनकी जमानत याचिका खारिज होने के बाद नरेश के समर्थक भड़क गए। इस दौरान रविवार को सवाई माधोपुर में समर्थकों की बैठक हुई, जहां चौथ का बरवाड़ा स्थित मीणा धर्मशाला के पास सर्व समाज की महापंचायत हुई।

इसको लेकर अब लोगों में चर्चा है कि आखिर नरेश को कब तक जमानत मिलेगी? नेतृत्व में नरेश के समर्थकों ने हुंकार भरी है। चेतावनी दी है कि यदि 15 दिसंबर तक नरेश की रिहाई नहीं हुई, तो 17 से प्रदेश के युवा सड़कों पर उतरेंगे। वहीं सवाई माधोपुर में कांग्रेस नेता प्रहलाद गुंजल ने अपनी राजनीतिक रोटियां सेकी। और यह दौर आगे भी जारी रह सकता है!

 कांग्रेस नेता एंव पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल ने साफ-साफ कह दिया कि यदि नरेश मीणा के साथ इंसाफ नहीं हुआ, तो जल्द ही राजस्थान में बड़ा आंदोलन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि जनता की मांग है कि 15 तारीख तक नरेश मीणा और उनके साथियों को इंसाफ दिया जाये नहीं तो 17 तारीख से राजस्थान की सड़कों पर युवा वर्ग उतरने को मजबूर हो जायेगा। पर सबसे बड़ी बात यह है कि गुंजल राजनीतिक रोटियाँ सेक रहे हैं।

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