जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने 48 सीआई और 3 एसआई के किये तबादले

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 23 जनवरी 2025 | जयपुर : जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने एक आदेश जारी कर जयपुर सिटी में लगे हुए 48 सीआई और 3 एसआई के तबादले किये हैं। हैरानी की बात यह है कि इस बार तीन एसआई को जयपुर कमिश्नरेट के दो थानों की जिम्मेदारी दी हैं। जब की पुलिस लाइन में बड़ी संख्या में सीआई मौजूद हैं। 

जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने 48 सीआई और 3 एसआई के किये तबादले

राजस्थान में ट्रांसफर-पोस्टिंग का दौर जारी है। प्रदेश में तबादलों पर प्रतिबंध को 10 जनवरी से बढ़ा कर 15 जनवरी किया गया था। वहीं अब राजस्थान पुलिस विभाग में दो दिनों से भारी संख्या में तबादलों की सूची जारी हो रही है।

जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने 48 सीआई और 3 एसआई के किये तबादले

बीते मंगलवार यानी 14 जनवरी को पुलिस विभाग ने 27 सहायक उपनिरीक्षक और 64 हेड कॉन्स्टेबल के ट्रांसफर की सूची जारी की थी। अब बुधवार (15 जनवरी) को भारी संख्या में पुलिस इंस्पेक्टर के तबादले की सूची जारी की गई है।

नाम वर्तमान पद नवीन पद
महेश शर्मा बनीपार्क थाना बस्सी थाना
श्रीराम मीणा नवीन पदस्थापन तुंगा थाना
धर्मेंन्द्र शर्मा नवीन पदस्थापन एसएमएस थाना
आशुतोष (एसआई) अपराध शाखा कमिश्नरेट गांधी नगर थाना
महावीर यादव पुलिस लाइन करणी विहार थाना
मनीष शर्मा दौलतपुरा सेज थाना
भरतलाल मीणा जिला विशेष शाखा बिंदायका थाना
श्याम सुंदर एसआई अपराध शाखा कमिश्नरेट सिंधी कैम्प थाना
वीरेन्द्र कुरील नवीन पदस्थापन बनीपार्क थाना
लाखन सिंह नवीन पदस्थापन करधनी थाना
कविता शर्मा महेश नगर कालवाड़ थाना
सवाई सिंह नवीन पदस्थापन मुरलीपुरा थाना
नंदलाल जिला विशेष शाखा दौलपुरा थाना
मनोहर लाल अपराध सहायक जयपुर चाकसू थाना
हवा सिंह यादव नवीन पदस्थापन शिवदासपुरा थाना
उदय सिंह शेखावत नवीन पदस्थापन कोटखावदा थाना
इंदु शर्मा सेज महिला थाना दक्षिण
कैलाश चंद बिश्नोई भट्टा बस्ती अशोक नगर थाना
संतरा मीणा नवीन पदस्थापन ज्योति नगर थाना
बनवारी लाल नवीन पदस्थापन विद्यायकपुरी थाना
गुंजन वर्मा नवीन पदस्थापन महेश नगर थाना
मुकेश मीणा नवीन पदस्थापन भट्टा बस्ती थाना
रतन सिंह एसआई कालवाड़ नाहरगढ़ थाना
एकता राज नवीन पदस्थापन महिला थाना उत्तर
राजेश गौतम नवीन पदस्थापन ब्रह्मपुरी थाना
मंजु कुमारी मानसरोवर पर्यटक थाना
पूनम चौधरी विद्यायकपुरी थाना मेट्रो थाना
माधो सिंह अपराध शाका कमिश्नरेट दुर्घटना ईकाई पश्चिम
नवरतन धौलिया नवीन पदस्थापन टीआई उत्तर
गौतम डोटासरा नाहरगढ़ टीआई प्रथम दक्षिण
राजीव यदुवंशी बस्सी थाना टीआई ईस्ट
रमेश पारीक ज्योत नगर टीआई ईस्ट तृतीय
दिलीप कुमार सोनी पुलिस लाइन सड़क दुर्घटना इकाई उत्तर
मनोज बेरवाल नवीन पदस्थापन सड़क दुर्घटना इकाई दक्षिण
उमेश बेनीवाल अशोक नगर सड़क दुर्घटना इकाई पूर्व
जयदेव सिंह दुर्घटना थाना पश्चिम पुलिस लाइन
लक्ष्मी नारायण तुंगा थाना पुलिस लाइन
राज कुमार मीणा गांधी नगर थाना पुलिस लाइन
अब्दुल वहीद कोटखावदा पुलिस लाइन
मंजुला मीणा महिला थाना उत्तर पुलिस लाइन

कमिश्नर की ओर से जारी की गई लिस्ट में 25 सीआई और चार दुर्घटना अनुसंधान इकाइयों के प्रभारी बदले हैं। सीपी ने गांधी नगर,नाहरगढ़ और सिंधी कैम्प जैसे सबसे व्ययस्तम थानों में तीन एसआई को लगाया हैं।

इसमें रतसिंह एसआई को नाहरगढ़, आशुतोष एसआई को गांधी नगर और श्याम सुंदर एसआई को सिंधी कैम्प थाने की जिम्मेदारी दी गई हैं। आज इन सभी सीआई और एसआई को ज्यॉइनिंग करने के भी आदेश दिए गए हैं।

राजस्थान पुलिस महकमें में गुरुवार को बड़ा फेरबदल हुआ था

राजस्थान पुलिस महक में में गुरुवार को बड़ा फेरबदल हुआ है। मंगलवार को 179 पुलिस उपनिरक्षकों की तबादला सूची जारी की गई है। इन इंस्पेक्टर्स को एक रेंज से दूसरी रेंज में ट्रांसफर किया है। सबसे ज़्यादा तबादले जयपुर रेंज से हुए हैं, जहां 50 से ज़्यादा इंस्पेक्टर्स के तबादले हुए हैं। यह सूची अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सचिन मित्तल ने जारी की है।

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पुलिस मुख्यालय की ओर से 45 इंस्पेक्टर के ट्रांसफर की सूची जारी की गई है। इसके साथ ही सूची में 12 उन पुलिस इंस्पेक्टर के नाम शामिल किये गए हैं। जिनके ट्रांसफर को रद्द कर दिया गया है। बता दें, इससे पहले 8 जनवरी को प्रदेश में 179 पुलिस इंस्पेक्टर का तबादला किया गया था।

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‘अमेरिका फर्स्ट’ पॉलिसी ट्रम्प ने दुनियाभर में विदेशी मदद पर लगायी रोक

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 26 जनवरी 2025 | जयपुर : अमेरिका में ट्रम्प प्रशासन ने शुक्रवार से इजराइल, मिस्र और फूड प्रोग्राम को छोड़कर विदेशी देशों को मिलने वाली सभी मदद पर रोक लगा दी है। न्यूज एजेंसी AFP के मुताबिक अमेरिकी विदेश मंत्रालय के इस आदेश में गरीब देशों को मिलने वाले स्वास्थ्य मदद पर भी रोक लगा दी गई है।

‘अमेरिका फर्स्ट’ पॉलिसी ट्रम्प ने दुनियाभर में विदेशी मदद पर लगायी रोक

विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी अधिकारियों और दूतावासों को इस संबंध में नोटिस भेजा है। लीक हुआ यह नोटिस ट्रम्प के शपथ ग्रहण के बाद जारी कए गए एग्जीक्यूटिव ऑर्डर के बाद आया है। इसमें विदेश नीति की समीक्षा करने तक 90 दिनों के लिए विदेश में दी जाने वाली सभी प्रकार की सहायता पर रोक लगा दी गई है।

‘अमेरिका फर्स्ट’ पॉलिसी ट्रम्प ने दुनियाभर में विदेशी मदद पर लगायी रोक

वित्तपोषण पर रोक के दौरान अमेरिकी विदेश विभाग इस बात की समीक्षा करेगा कि कौन सी अमेरिकी सहायता और विकास कार्यक्रमों को जारी रखा जा सकता। इस आदेश से मानवीय सहायता से जुड़े अधिकारियों को काफी निराशा हुई, क्योंकि अमेरिका के इस फैसले से दुनियाभर में स्वास्थ्य कार्यक्रमों की नई फंडिंग पर भी रोक लग गई है।

अमेरिका सरकार के इस आदेश के बाद दुनियाभर में स्वास्थ्य, शिक्षा, विकास, रोजगार जुड़े कई प्रोजेक्ट्स के बंद होने का खतरा बढ़ गया है। दरअसल, अमेरिका इन सभी विदेशी प्रोजेक्ट्स के लिए सबसे ज्यादा फंड्स मुहैया कराता है।

डोनाल्ड ट्रम्प ने ‘अमेरिका फर्स्ट’ पॉलिसी के तहत सभी विदेशी मदद पर रोक लगा दी है। हालांकि इजराइल-मिस्र को सैन्य सहायता और फूड प्रोग्राम को मदद मिलती रहेगी। इस आदेश के बाद दुनियाभर में स्वास्थ्य, शिक्षा और विकास से जुड़े कई प्रोजेक्ट्स बंद हो सकते हैं। दरअसल, अमेरिका इन विदेशी प्रोजेक्ट्स के लिए सबसे ज्यादा फंड्स मुहैया कराता है। फैसले का सबसे ज्यादा असर यूक्रेन पर पड़ेगा, जिसे बाइडेन सरकार ने अरबों डॉलर की मदद दी थी।

इजराइल और मिस्र को छूट क्यों मिली

इजराइल और मिस्र दोनों ही देश अमेरिका के लिए काफी रणनीतिक महत्व रखते हैं। इजराइल को अमेरिकी हथियारों की बड़ी सप्लाई मिलती रही है, जो गाजा युद्ध के बाद और बढ़ गई है। वहीं, मिस्र को 1979 में इजराइल के साथ पीस एग्रीमेंट के बाद से मिलिट्री फंडिंग मिलती रही है। अमेरिका फूड प्रोग्राम के तहत सूडान और सीरिया में भी मदद भेजता है।

यूक्रेन पर सबसे ज्यादा असर

माना जा रहा है कि ट्रम्प सरकार के इस फैसले का सबसे ज्यादा असर यूक्रेन पर पड़ सकता है। पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन के कार्यकाल में यूक्रेन को रूस से मुकाबला करने के लिए अरबों डॉलर की सैन्य मदद मिली थी। यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) के एक अधिकारी ने न्यूयॉर्क टाइम्स से कहा कि यूक्रेन में सभी अधिकारियों को काम बंद करने को कहा गया है।

अधिकारी ने कहा कि जिन प्रोजेक्ट्स को रोका गया है उनमें स्कूलों को सहायता, आपातकालीन मातृ देखभाल और बच्चों के टीकाकरण जैसे स्वास्थ्य सहायता कार्यक्रम भी शामिल हैं। अमेरिका ने साल 2023 में यूक्रेन को 17.2 बिलियन डॉलर (1.4 लाख करोड़ रुपए) से ज्यादा की मदद की थी।

विदेश विभाग समीक्षा के बाद लेगा वित्तपोषण जारी रखने का फैसला

वित्तपोषण पर रोक के दौरान अमेरिकी विदेश विभाग इस बात की समीक्षा करेगा कि कौन सी अमेरिकी सहायता और विकास कार्यक्रमों को जारी रखा जा सकता। इस आदेश से मानवीय सहायता से जुड़े अधिकारियों को काफी निराशा हुई, क्योंकि अमेरिका के इस फैसले से दुनियाभर में स्वास्थ्य कार्यक्रमों की नई फंडिंग पर भी रोक लग गई है।

दूतावासों को भेजे गए आदेश में कहा गया है कि फंडिंग रोकने का फैसला यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया है कि फंडिंग प्रभावी हो और राष्ट्रपति ट्रंप की विदेश नीति के अनुरूप हो। तीन महीने के भीतर विदेश विभाग की समीक्षा पूरी होने की उम्मीद है और इसके बाद राष्ट्रपति से सिफारिशें करने के लिए कि कौन सी विदेशी सहायता जारी रखी जाए और कौन सी बंद कर दी जाएं, इस संबंध में विदेश विभाग एक रिपोर्ट तैयार करेगा, जिसे विदेश मंत्री मार्को रूबियो, राष्ट्रपति ट्रंप के सामने पेश करेंगे। 

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संविधान बदलने की माँग करने वाले बिबेक देबरॉय को मरणोपरांत पद्म भूषण, क्रिकेटर आर अश्विन को पद्मश्री

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 26 जनवरी 2025 | जयपुर : गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर गुरुवार को पद्म पुरस्कारों का एलान कर दिया गया है। इसके तहत पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री से सम्मानित किए जाने वाली हस्तियों के नामों का एलान किया गया। इस बार राष्ट्रपति ने राष्ट्रपति ने 139 पद्म पुरस्कारों को मंजूरी दी है।

संविधान बदलने की माँग करने वाले बिबेक देबरॉय को मरणोपरांत पद्म भूषण, क्रिकेटर आर अश्विन को पद्मश्री

देर रात जारी सूची में सात पद्म विभूषण, 19 पद्म भूषण शामिल हैं। इसके अलावा 113 पद्म श्री पुरस्कारों का भी एलान किया गया है। पुरस्कार पाने वालों में 23 महिलाएं हैं। सूची में 10  विदेशी,  एनआरआई, पीआईओ, ओसीआई श्रेणी के व्यक्ति शामिल हैं।

संविधान बदलने की माँग करने वाले बिबेक देबरॉय को मरणोपरांत पद्म भूषण, क्रिकेटर आर अश्विन को पद्मश्री

वहीं, 13 मरणोपरांत पुरस्कार भी दिए जाने का एलान किया गया है। इसमें भोजपुरी गायिका शारदा सिन्हा (मरणोपरांत), जस्टिस (सेवानिवृत्त) जगदीश सिंह खेहर और सुजुकी कंपनी के ओसामु सुजुकी (मरणोपरांत)  बिबेक देबरॉय, सुशील मोदी और मनोहर जोशी (मरणोपरांत) के नाम शामिल हैं।

नए संविधान की मांग

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएएसी-पीएम) के अध्यक्ष बिबेक देबरॉय ने इंडियन एक्सप्रेस अख़बार में नए संविधान की मांग करते हुए लेख लिखा था। इसे लेकर पर विवाद बढ़ा तो प्रधानमंत्री पैनल से सफ़ाई पेश करते हुए ख़ुद को और केंद्र सरकार को इससे अलग कर लिया था। देबरॉय ने एक स्टडी के हवाले से बताया कि लिखित संविधान का जीवनकाल महज़ 17 साल होता है। भारत के वर्तमान संविधान को उन्होंने “औपनिवेशिक विरासत” बताया था।

विवादित लेख में दूसरी बार कहा था कि “ये पूछना चाहिए कि संविधान की प्रस्तावना में समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक, न्याय, स्वतंत्रता और समानता जैसे शब्दों का अब क्या मतलब है। हमें ख़ुद को एक नया संविधान देना होगा। देबरॉय इससे पहले यह कहा था कि “मैंने पहले भी ऐसे मुद्दे पर इसी तरह के विचार व्यक्त करते हुए लिखा है। मामला बहुत आसान है। मुझे लगता है कि हमें संविधान पर दोबारा विचार करना चाहिए।”

केंद्र सरकार ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर शनिवार को 2025 के लिए 139 पद्म पुरस्कारों का ऐलान किया। शारदा सिन्हा, ओसामु सुजुकी समेत 7 हस्तियों को पद्म विभूषण सम्मान दिया गया है।

वहीं पूर्व हॉकी गोलकीपर पीआर श्रीजेश, पंकज उधास और सुशील मोदी समेत 19 हस्तियों को पद्म भूषण के लिए चुना गया। इनके अलावा, राजस्थान की लोक गायिका बतूल बेगम, दिल्ली की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरजा भटला समेत 113 हस्तियों को इस बार पद्म श्री से सम्मानित किया जाएगा।

पद्म पुरस्कार विजेताओं में से 23 महिलाएं हैं। इनमें 10 विदेशी/NRI/PIO/OCI कैटेगरी के लोग भी हैं। 13 हस्तियां ऐसी हैं, जिन्हें मरणोपरांत पुरस्कार दिए जा रहे हैं।

पद्म पुरस्कारों की पूरी लिस्ट 

4 हस्तियों को मरणोपरांत पद्म भूषण

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, मनोहर जोशी, संविधान बदलने की माँग करने वाले विवादित अर्थशास्त्री बिबेक देबरॉय, गजल गायक पंकज उधास को मरणोपरांत पद्म भूषण दिया गया है।

पद्मश्री पुरस्कार में कई गुमनाम हस्तियां, क्रिकेटर आर अश्विन का नाम भी

पद्मश्री पुरस्कार ऐसे 113 लोगों को दिया जा रहा है, जिनमें कई गुमनाम हैं। कुवैत की योगा ट्रेनर और ब्राजील के मैकेनिकल इंजीनियर से हिंदू आध्यात्मिक और वेदांत गुरु बने जोनास मासेटी का नाम भी है। 100 साल की लीबिया लोबो सरदेसाई को पद्मश्री से सम्मानित किया गया है।

पश्चिम बंगाल के 57 साल के गोकुल चंद्र दास को यह अवॉर्ड मिला है। इन्होंने 150 महिलाओं को ढाक बजाने की ट्रेनिंग दी। राजस्थान की लोक गायिका बतूल बेगम, दिल्ली की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरजा भटला, सामाजिक कार्यकर्ता भीम सिंह भावेश, दक्षिण भारतीय संगीतकार पी. दत्चनमूर्ति, नगालैंड के फल किसान एल. हैंगथिंग का भी पद्मश्री की लिस्ट में नाम है।

SBI की पूर्व अध्यक्ष अरुंधति भट्टाचार्य और हाल ही में रिटायर हुए क्रिकेटर आर अश्विन को पद्म श्री दिया गया है।

अल सबाह ने गल्फ में योग को तो मैसेट ने ब्राजील में भारतीय दर्शन को फैलाया

  • शेख एजे अल सबा: कुवैत की योग प्रैक्टिशनर अल सबाह को योग मेडिसिन में पद्मश्री अवॉर्ड दिया गया। इन्होंने अपने देश में पहला लाइसेंस प्राप्त योग स्टूडियो की स्थापना की। इसके जरिए अल सबा ने गल्फ देशों में आधुनिक विधियों से योग को बढ़ावा दिया। साथ ही शेम्स यूथ योगा डेवलप किया।
  • जोनास मैसेट: ब्राजील के मैकेनिकल इंजीनियर से हिंदू आध्यात्मिक गुरु बने जोनास ने भारतीय अध्यात्म, दर्शन और संस्कृति को बढ़ावा दिया। साथ ही उन्होंने वेदांत ज्ञान पर वैश्विक स्तर पर शिक्षा आसान बनाई। मैसेट ‘विश्वनाथ’ के नाम से जाने जाते हैं। उन्होंने 2014 में विश्व विद्या की स्थापना की। इसका कार्यालय रियो डी जनेरियो में है।

3 श्रेणियों में दिया जाता है पद्म पुरस्कार

देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में शामिल पद्म पुरस्कार तीन श्रेणियों- पद्म श्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण में प्रदान किए जाते हैं। ये पुरस्कार कला, समाज सेवा, साइंस, इंजीनियरिंग, बिजनेस, इंडस्ट्री, चिकित्सा, साहित्य, शिक्षा, खेल और सिविल सेवा जैसे विविध क्षेत्रों में उत्कृष्टता के लिए दिए जाते हैं।

पहले जानें पद्म पुरस्कारों के बारे में

  • भारत सरकार ने देश के दो सर्वोच्च नागरिक सम्मान – भारत रत्न और पद्म पुरस्कारों की शुरुआत वर्ष 1954 में की थी। 
  • इन पुरस्कारों से देश-विदेश के उन लोगों को सम्मानित किया जाता है, जिन्होंने किसी क्षेत्र में कोई प्रतिष्ठित व असाधारण कार्य किया हो, जिसमें लोक सेवा का तत्व जुड़ा हो।
  • हर साल गणतंत्र दिवस के मौके पर इन पुरस्कारों की घोषणा की जाती है। फिर मार्च या अप्रैल में होने वाले समारोह में राष्ट्रपति द्वारा विजेताओं को सम्मानित किया जाता है।
  • सामान्यत: मरणोपरांत ये पुरस्कार दिए जाने का प्रावधान नहीं है। लेकिन कुछ विशिष्ट मामलों में सरकार के पास ये निर्णय लेने का पूरा अधिकार है।
  • नियम के अनुसार, किसी को अगर वर्तमान में पद्मश्री दिया गया है, तो फिर उसे पद्म भूषण या पद्म विभूषण अब से पांच साल बाद ही दिया जा सकता है। लेकिन यहां भी कुछ विशिष्ट मामलों में पुरस्कार समिति छूट दे सकती है।
  • जिस दिन समारोह में राष्ट्रपति द्वारा सम्मान दिया जाता है, उसके बाद सभी विजेताओं के नाम भारत के राजपत्र में प्रकाशित किए जाते हैं।

पिछले साल चिरंजीवी, वैजयंती माला को मिला था सम्मान

पिछले साल पूर्व उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, साउथ फिल्म एक्टर चिरंजीवी, एक्ट्रेस वैजयंतीमाला, भरतनाट्यम नृत्यांगना पद्मा सुब्रह्मण्यम पद्म विभूषण प्राप्त करने वाली कुछ प्रमुख हस्तियां थीं। इसके अलावा सर्वोच्च न्यायालय की पहली महिला जज एम फातिमा बीबी को मरणोपरांत पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।

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