गहलोत सरकार में डीजीपी रहे एमएल लाठर बने मुख्य सूचना आयुक्त

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 09 जुलाई 2024 | जयपुर :  गहलोत सरकार में दो साल से भी ज्यादा समय तक पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और करीब एक साल से सूचना आयुक्त के पद पर काम कर रहे एमएल लाठर राज्य के मुख्य सूचना आयुक्त बन गए हैं। मंगलवार शाम राजभवन में राज्यपाल कलराज मिश्र ने उन्हें शपथ दिलाई।

गहलोत सरकार में डीजीपी रहे एमएल लाठर बने मुख्य सूचना आयुक्त

इसके अलावा पूर्व आईएएस अधिकारी सुरेश चंद्र गुप्ता, महेंद्र पारख और विधि सेवाओं से रिटायर अधिकारी टीकाराम शर्मा ने भी आज सूचना आयुक्त के पद की शपथ ली। सभी ने ईश्वर के नाम पर हिन्दी भाषा में शपथ ली। राजभवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में सीएम भजनलाल शर्मा, विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी मौजूद रहे।

इन चारों पदों के लिए 125 से ज्यादा आवेदन राज्य सरकार को मिले थे। इनमें मुख्य सूचना आयुक्त के लिए एमएल लाठर समेत एक दर्जन से अधिक आवेदन आए थे। स्क्रूटनी के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता वाली नियुक्ति समिति ने राज्यपाल को सिफारिश की थी। नियुक्ति समिति में विधि मंत्री जोगाराम पटेल और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली भी सदस्य हैं। चार दिन पहले राज्यपाल ने इन चारों के नियुक्ति आदेश जारी किए थे।

गहलोत सरकार में ही बने थे सूचना आयुक्त, भजनलाल सरकार ने किया प्रमोशन

एमएल लाठर को गहलोत सरकार ने 14 अक्टूबर, 2020 को डीजीपी बनाया था। इस पद पर वे 3 नवंबर, 2022 तक रहे। जनवरी 2023 में गहलोत सरकार ने उन्हें सूचना आयुक्त नियुक्त किया था। वर्तमान में वे अकेले सदस्य रह गए थे। भजनलाल सरकार ने उनका प्रमोशन करते हुए सदस्य से मुख्य सूचना आयुक्त बनाने की सिफारिश की। लाठर पद पर 3 साल या 65 साल तक की आयु पूरी होने तक बने रहेंगे।

सुरेश चंद्र गुप्ता गहलोत सरकार में गृह सचिव रहे

सूचना आय़ुक्त बने पूर्व आईएएस सुरेश चंद्र गुप्ता गहलोत सरकार में महत्वूर्ण पदों पर रहे। वित्त विभाग में रेवेन्यू सचिव रहते गुप्ता जुलाई, 2022 में रिटायर हुए। वे गृह सचिव भी रहे। आरएएस से आईएएस बनने से पहले वे वसुंधरा राजे सरकार में वर्ष 2016 से 2018 तक मुख्यमंत्री के संयुक्त सचिव एवं फिर विशिष्ट सचिव भी रहे हैं।

आरएएस से आईएएस बने महेन्द्र पाऱख गुलाब चंद कटारिया के विशिष्ट सहायक भी रह चुके हैं।

आरएएस से आईएएस बने महेन्द्र पाऱख गुलाब चंद कटारिया के विशिष्ट सहायक भी रह चुके हैं।

महेंद्र पारख कटारिया के विशिष्ट सहायक थे

वहीं दूसरे सूचना आयुक्त महेन्द्र पारख आरएएस से आईएएस अफसर बने। वसुंधरा सरकार में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज और फिर गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया के विशिष्ट सहायक रहे। कटारिया 2012-13 तक नेता प्रतिपक्ष रहे। इस दौरान भी पारख विशिष्ट सहायक रहे थे। कटारिया वर्तमान में असम के राज्यपाल हैं।

इधर, तीसरे सूचना आय़ुक्त टीकाराम शर्मा विधि विभाग में संयुक्त सचिव रहे। शर्मा विधायी कार्यों के जानकार हैं। रिटायरमेंट के बाद भी राज्य सरकार में विभागीय सलाहकार के रूप में उनकी सेवाएं ली जा रही थीं।

सूचना आयोग में अब मुख्य सूचना आयुक्त से लेकर सभी आयुक्त रिटायर्ड अफसर

सूचना आयोग में अब मुख्य सूचना आयुक्त से लेकर सभी आयुक्तों के पदों पर रिटायर्ड अफसर हो गए हैं। सूचना आयुक्त के पद पर कोई भी सामाजिक कार्यकर्ता या सूचना के अधिकार के लिए काम करने वाले बैकग्राउंड से नहीं है।

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पहले वरिष्ठ पत्रकार नारायण बारेठ सूचना आयुक्त थे, उनका कार्यकाल पूरा होने के बाद अब सभी पदों पर रिटायर्ड अफसरों को ही नियुक्तियां दी गई हैं।

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नरेश मीणा के एनकाउंटर की साजिश का वीडियो वायरल, कब आयेंगे जेल से बाहर नरेश मीणा

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 27 दिसंबर 2024 | दिल्ली : राजस्थान में ‘थप्पड़ कांड’ से चर्चित हुए कांग्रेस के बागी नरेश मीणा 1 महीने से टोंक जेल में बंद है। इधर, नरेश मीणा की जमानत याचिका खारिज होने के बाद एक बार फिर टोंक जिला सेशन न्यायालय में अपील की गई है।

नरेश मीणा के एनकाउंटर की साजिश का वीडियो वायरल, कब आयेंगे जेल से बाहर नरेश मीणा

इसके चलते 17 दिसंबर को एक बार फिर नरेश मीणा की जमानत को लेकर सुनवाई होगी। इधर, नरेश के समर्थकों में रिहाई की मांग को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई है। बता दें कि बीते दिनों उनियारा कोर्ट में नरेश की जमानत की एप्लीकेशन लगाई गई थी, जो खारिज हो गई थी।

नरेश मीणा के एनकाउंटर की साजिश का वीडियो वायरल

टोंक जिले के देवली-उनियारा क्षेत्र में एसडीएम थप्पड़ कांड के 5वें दिन भी समरावता गांव में दहशत का माहौल है। ग्रामीणों के आंसू थमने का नाम नही ले रहे है। जब भी कोई नेता गांव में पहुंच रहा हैं तो व्यथा सुनाते हुए ग्रामीणों की आंखों से आंसू निकल पड़ते है।

देवली-उनियारा के समरावता गाँव के लोग नये वीडियो से दहशत में है। वहीं, नरेश मीणा के पिता कल्याण सिंह मीणा भी गांव में पहुंचते ही रो पड़े। राजनेता वैसे तो नरेश मीणा की ज़मानत और उनकी रिहाई के लिए कुछ कर नहीं रहे हैं पर अपनी राजनीति चमकाने का कोई भी मौका हाथ से नहीं जाने दे रहे हैं। 

भोली-भली जनता सोच रही है कि सड़क पर आंदोलन करने या बड़ी-बड़ी सभाएँ करने से नरेश मीणा की ज़मानत हो जायेगी। पर, ऐसा कतई नहीं है क्योंकि जमनत तो सिर्फ़ वकीलों की अच्छी पैरवी से होगी जो अभी तक नहीं हुई है।

ग्रामीणों का आरोप ‘पुलिस कर देती एनकाउंटर’

इतना सुनते ही नरेश मीणा के पिता भावुक हो गए थे और उनकी आंखों से आंसू निकल पड़े। लोगों ने यह भी कहा कि नरेश को हम उठाकर नहीं ले जाते तो पुलिस उसका एनकाउंटर कर देती। इस दौरान मौके पर मौजूद लोग उन्हें संभालते नजर आए। सोशल मीडिया पर भी उनका एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक व्यक्ति नरेश मीणा के एनकाउंटर की पुलिस की साजिश की बात कह रहा है।

मूकनायक मीडिया इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है। प्रोफ़ेसर राम लखन ने अपने एक्स (X) हैंडल पर राजस्थान पुलिस को टैग करते हुए इनकी तटस्थ जाँच की माँग की है। उनका कहना है कि राजस्थान पुलिस की छवि से जुड़े इस वीडियो की जाँच हो।

ये है पूरा मामला

बता दें कि विधानसभा क्षेत्र देवली उनियारा में विधानसभा उप चुनाव 2024 के दौरान ग्राम समरावता थाना नगरफोर्ट, जिला टोंक में ग्रामीणो द्वारा उनके गांव समरावता को उपखण्ड देवली से हटाकर उपखण्ड उनियारा मे शामिल करने की मांग को लेकर मतदान का बहिष्कार किया था।

निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने उक्त मांग को लेकर ग्रामीणो को साथ लेकर धरना शुरू किया। तभी निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने वहां मौजूद एरिया मजिस्ट्रेट अमित चौधरी आरएएस उपखण्ड अधिकारी मालपुरा के थप्पड़ मार दी। इसके बाद घटनास्थल से थोड़ी दूर धरने पर बैठ गया।

शाम को मतदान प्रक्रिया पूरी होने के बाद पुलिस ने निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा को पकड़ा। लेकिन, ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव कर नरेश मीणा को छुड़ा लिया। उपद्रवियों ने दो राजकीय वाहन व 7 प्राईवेट वाहन एवं लगभग 25 मोटर साईकिलों में आग लगा दी।

हालांकि, अगले दिन पुलिस ने नरेश मीणा को गिरफ्तार कर लिया। इस पर मीना समर्थक भड़क गए और नरेश मीणा की रिहाई की मांग को लेकर कचरावता गांव के पास राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 148 डी पर जाम लगा दिया। इस पर पुलिस 60 उपद्रवियों को गिरफ्तार कर चुकी है। नरेश मीणा सहित सभी उपद्रवी अभी जेल में बंद है।

नरेश मीणा कब आयेंगे जेल बाहर?

राजस्थान में उपचुनाव के दिन 13 नवंबर को देवली उनियारा विधानसभा के निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा ने एरिया मजिस्ट्रेट को थप्पड़ जड़ दिया था। इसको लेकर समरावता गांव में जमकर बवाल हुआ, हिंसा हुई। उसके दूसरे दिन 14 नवंबर को टोंक पुलिस ने नरेश को गिरफ्तार कर लिया।

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नरेश तब से टोंक जेल में बंद है। हालांकि एक बार उनियारा कोर्ट में उनकी जमानत याचिका को खारिज हो चुकी है। नरेश मीणा के वकील ने बताया कि जिला कोर्ट में फिर से याचिका दायर की गई है जिसको लेकर अब 17 दिसंबर को सुनवाई हुई। पर जमानत अभी तक नहीं हुई है।

नरेश की रिहाई को लेकर गरमा रहा है मुद्दा

इधर, एक महीने से टोंक जेल में बंद नरेश मीणा की रिहाई का मामला गर्माता जा रहा है। नरेश मीणा के समर्थक उनकी रिहाई को लेकर लगातार एक्टिव दिखाई दे रहे हैं। बीते दिनों सवाई माधोपुर के चौथ का बरवाड़ा में सर्व समाज की महापंचायत हुई।

इधर, नरेश के समर्थक टोंक सरपंच संघ अध्यक्ष मुकेश मीणा ने भी प्रशासन को चुनौती देते हुए कहा कि आने वाले दिनों में इस तरह का आंदोलन खड़ा किया जाएगा जो प्रशासन ने सोचा भी नहीं होगा। 

नरेश मीणा की जमानत पर फिर टली सुनवाई

बता दें कि थप्पड़ कांड के बाद से निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा 14 नवंबर से टोंक जेल में बंद है। इस बीच दो बार उनकी जमानत अर्जी भी खारिज हो चुकी है। टोंक जिला न्यायालय में आज एक बार फिर नरेश मीणा की जमानत अर्जी की सुनवाई टल गई है।

अब 4 जनवरी को जमानत पर सुनवाई होगी। बता दें कि नरेश मीणा सहित 18 आरोपियों के लिए उनियारा एसीजेएम कोर्ट मेें दो बार अर्जी खारिज हो चुकी है। इधर, 29 दिसंबर को नरेश के समर्थक उनकी रिहाई के लिए महापंचायत बुला रहे हैं। इस दौरान टोंक कलेक्ट्रेट और टोंक हाईवे पर बड़ा प्रदर्शन करने का प्रस्तावित कार्यक्रम रखा गया है।

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यूको बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन चुनाव, डॉ राजेश कुमार मीणा लगातार तीसरी बार महासचिव, जगदीश प्रकाश बेनिवाल अध्यक्ष बने

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 17 दिसंबर 2024 | जयपुर : यूको बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन राजस्थान का 9वां त्रैवार्षिक सम्मेलन जयपुर स्थित होटल रॉयल ओर्चिड में हुआ। सम्मेलन में पूरे प्रदेश से 500 से अधिक अधिकारियों ने भाग लिया, जिसमें 100 से अधिक महिला ऑफिसर्स भी शामिल थीं।

यूको बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन चुनाव, डॉ राजेश कुमार मीणा लगातार तीसरी बार महासचिव, जगदीश प्रकाश बेनिवाल अध्यक्ष बने

सम्मेलन के समापन पर वर्ष 2024-27 के लिए नई कार्यकारिणी का गठन किया गया। यूको बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन चुनाव में डॉ राजेश कुमार मीणा को लगातार तीसरी बार महासचिव और जगदीश प्रकाश बेनिवाल को अध्यक्ष, मनीष मीणा सचिव एवम् रवि गर्ग को कोषाध्यक्ष सर्वसम्मति से चुना गया।

यूको बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन चुनाव, डॉ राजेश कुमार मीणा लगातार तीसरी बार महासचिव

यूको बैंक के राजस्थान के तीनों जोनों के भी चुनाव हुए हैं जिनकी नई कार्यकारिणी में जयपुर जोन प्रेसिडेंट हरिमोहन मीणा एवम्  उदयभान सैनी सचिव, जोधपुर जोन प्रेसिडेंट पेमा राम एवम् चेतन सोलंकी, अजमेर जोन प्रेसिडेंट आनंद कुमार, एवम् कुलदीप सिंह मीणा सचिव चुना गया। इसके अलावा विभिन्न पदों पर भी प्रतिनिधियों को चुना गया, ताकि संगठन की मजबूती बनी रहे और अधिकारियों की समस्याओं का समाधान हो सके।

सम्मेलन के दौरान महासचिव डॉ मीणा ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बताया कि बैंक अधिकारियों का कार्यकाल अनियमित होने से उनका पारिवारिक जीवन प्रभावित हो रहा है। उन्होंने लंबे समय से लंबित पांच दिन का कार्य सप्ताह लागू करने की मांग उठाई और दूरस्थ स्थानांतरण और कार्यक्षेत्र की कठिनाइयों का मुद्दा भी सम्मलेन में रखा।

उन्होंने यह भी कहा कि कार्मिकों के हित में बताते हुए संबोधित किया गया कि आमजनता की सेवा के लिए बैंकिंग अधिकारी दिन-रात सेवा में लगे रहते है। ऐसे बैंक अधिकारी वर्क लाइफ बैलेंस को भी बनाए रखें ताकि समय पर घर जा सके।

बैंक ऑफिसर्स को उनके काम के वनिस्पत बहुत कम तनखा – प्रोफ़ेसर राम लखन मीणा

प्रोफ़ेसर राम लखन मीणा, पूर्व सदस्य पूर्व सदस्य, राजस्थान विश्वविद्यालय सिंडिकेट विशिष्ठ अतिथि के रूप सम्मलेन को संबोधित करते हुए कहा कि देश में बैंकिंग व्यवस्था बहुत संकट में है। उन्होंने कहा कि बैंक ऑफिसर्स को उनके काम के वनिस्पत बहुत कम तनखा मिलती है।

बैंक ऑफिसर्स को उनके काम के वनिस्पत बहुत कम तनखा – प्रोफ़ेसर राम लखन मीणा

प्रोफ़ेसर मीणा ने दु:ख जताते हुए कहा कि बैंक ऑफिसर्स, ऑफिसर्स ना होकर कलर्क बने हुए हैं। बैंकों में स्टाफ की बहुत कमी है और कई सालों से बैंकों में रिक्रूटमेंट नहीं हो रहे हैं। बैंकिंग सेक्टर के लिए पुरानी पेंशन योजना समेत कार्मिकों की समस्याओं का निराकरण किया जाना जरूरी है।

इससे पूर्व कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई। एसोसिएशन ऑफ बैंक ऑफिसर्स और यूको बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय महासचिव कामरेड संदीप चौबे, मुख्य अतिथि संयुक्त महासचिव आकाश बख्शी, विशाल सखरकर ने अतिथि के रूप में कार्यक्रम का उद्घाटन किया और उन्होंने अधिकारियों को बैंकिंग नियमों का पालन करने तथा साइबर क्राइम से सतर्क रहने का संदेश दिया।

 

प्रोफ़ेसर राम लखन मीणा, पूर्व सदस्य पूर्व सदस्य, राजस्थान विश्वविद्यालय सिंडिकेट विशिष्ठ अतिथि के रूप सम्मलेन को संबोधित करते हुए

 

त्रि-वार्षिक सम्मेलन जयपुर में होने से प्रदेश के यूको बैंक के ऑफिसर बडी संख्या में पहुंचे
डॉ राजेश कुमार मीणा लगातार तीसरी बार महासचिव

सम्मेलन को पूर्व महासचिव रामपाल कुमावत ने अपने पुराने अनुभवों को साँझा करते हुए संगठन के प्रति समर्पण पर जोर दिया। राजस्थान चेप्टर के अध्यक्ष जेपी बेनिवाल कहा कि बैंकिंग सेवा में क्या क्या परिवर्तिन किया जाए ताकि उपभोक्ताओं को ओर ज्यादा से ज्यादा सुविधा मिल सके।

महेश मीणा मीणा, बैंक ऑफ़ इंडिया ऑफिसर्स एसोसिएशन के महासचिव ने भी संबोधित करते हुए कहा कि सभी बैंक मिलकर राष्ट्रीय स्तर पर केंद्र सरकार को पुरानी पेंशन लागू करने पर मजबूर किया जायेगा और यदि सरकार लागू नहीं करेगी तो बडा आंदोलन किया जायेगा। बहरी-गूंगी सरकारों को आँखें खोलने के लिए राष्ट्रव्यापी हड़ताल भी की जायेगी।

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यूको बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय पदाधिकारियों ने भी शिरकत की। कार्यक्रम का शुभारंभ दीपप्रज्जवल और पदाधिकारियों के स्वागत के साथ हुआ। 3 साल बाद त्रि-वार्षिक सम्मेलन जयपुर में होने से प्रदेश के यूको बैंक के ऑफिसर बडी संख्या में पहुंचे।

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