एसओजी 5 ट्रेनी एसआई को पकड़ने RPA पहुंची एक ट्रेनी मिला चार भागे

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 14 जुलाई 2024 | जयपुर : एसआई भर्ती परीक्षा-2021 पेपर लीक मामले में एसओजी लगातार कार्रवाई कर रही है। शुक्रवार को एसओजी पेपर लीक और डमी अभ्यर्थी की मदद से चयनित 5 ट्रेनी एसआई को पकड़ने राजस्थान पुलिस एकेडमी (आरपीए) ट्रेनिंग सेंटर जयपुर पहुंची तो एक ही ट्रेनी मिला, बाकी चार भाग गए। ये चारों लंच करने कैंटीन गए हुए थे, एसओजी आने की सूचना मिली तो वापस लौटे ही नहीं। इनमें दाे महिला और दाे पुरुष शामिल हैं।

एसओजी 5 ट्रेनी एसआई को पकड़ने RPA पहुंची एक ट्रेनी मिला चार भागे

एसओजी ने नई कड़ियां जोड़ने के लिए दो लोगों को उदयपुर और एक को अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल से गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया है। पेपर लीक मामले में एसओजी अब तक आरपीए से 33 ट्रेनी एसआई और 3 चयनित हाेने के बाद भी ट्रेनिंग जॉइन नहीं करने वाले एसआई काे गिरफ्तार कर चुकी है। साथ ही 26 पेपर लीक करने वाले गैंगस्टर व हेंडलर्स काे गिरफ्तार किया है।

एसओजी 5 ट्रेनी एसआई को पकड़ने RPA पहुंची

उदयपुर जेल में बंद दो और अजमेर जेल से बंद एक आरोपी को रिमांड पर लिया

एसओजी ने 2 आरोपियों काे उदयपुर जेल और एक को अजमेर सिक्योरिटी जेल से गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया है। तीनाें ने सेकंड ग्रेड टीचर भर्ती परीक्षा के साथ एसआई भर्ती परीक्षा में भी लीक पेपर बेचा था।

  • राजीव विश्नाेई निवासी सरनाउ सांचाैर ने एसआई भर्ती परीक्षा के दूसरे दिन 14 सितंबर 2021 काे जगदीश द्वारा लीक पेपर साॅल्व किया था। 15 सितंबर काे लीक पेपर काे पढ़कर अजमेर में एसआई का एग्जाम दिया था। 17वीं रैंक आई थी। सेकंड ग्रेड टीचर भर्ती परीक्षा में लीक पेपर मामले में उदयपुर जेल में बंद था।
  • गमाराम विश्नाेई निवासी चितलवाना सांचाैर निलंबित पटवारी है। सेकंड ग्रेड टीचर भर्ती परीक्षा में सारण गैंग से पेपर लेकर बेचा था। जेल से गिरफ्तार किया।
  • अरुण शर्मा निवासी श्रीमाधाेपुर ने शेरसिंह से सेकंड ग्रेड टीचर भर्ती व एसआई भर्ती का लीक पेपर खरीद कर बेचा था। उसे अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल से गिरफ्तार किया है।

एसओजी में एडीजी वीके सिंह ने बताया एक माह पहले तुलसाराम और पोरव कालेर को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में आरपीए में ट्रेनिंग ले रहे एसआई दिनेश कुमार निवासी धोरीमन्ना बाड़मेर, गोविंद कुमार निवासी बदरूना-झाब सांचाैर, शंकरलाल निवासी धोरीमन्ना बाड़मेर, प्रियंका कुमारी निवासी देवड़ा-जालाैर और माेनिका निवासी दादिया सीकर के नाम सामने आए। तुलसाराम और पोरव की गैंग ने ही पांचों को पेपर उपलब्ध करवाए थे।

एसओजी की टीम ने जब पांचों आरोपियों की आरपीएससी परीक्षा के अंक और एसओजीजी द्वारा ली गई परीक्षा के अंकों को खंगाल तो पता चला कि आरपीएससी की परीक्षा में पांचों मैरिट में आए थे, जबकि एसओजी की परीक्षा में केवल पास हुए।

इस पर शुक्रवार काे एडिशनल एसपी राम सिंह की मॉनिटरिंग में एक टीम पांचों को गिरफ्तार करने के लिए भेजी। टीम आरपीए पहुंची तब पांचों लंच पर गए थे। दिनेश काे लौटते ही गिरफ्तार कर लिया गया। इसकी सूचना मिलते ही गोविंद, शंकरलाल, प्रियंका और माेनिका फरार हो गये।

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नरेश मीणा के एनकाउंटर की साजिश का वीडियो वायरल, कब आयेंगे जेल से बाहर नरेश मीणा

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 27 दिसंबर 2024 | दिल्ली : राजस्थान में ‘थप्पड़ कांड’ से चर्चित हुए कांग्रेस के बागी नरेश मीणा 1 महीने से टोंक जेल में बंद है। इधर, नरेश मीणा की जमानत याचिका खारिज होने के बाद एक बार फिर टोंक जिला सेशन न्यायालय में अपील की गई है।

नरेश मीणा के एनकाउंटर की साजिश का वीडियो वायरल, कब आयेंगे जेल से बाहर नरेश मीणा

इसके चलते 17 दिसंबर को एक बार फिर नरेश मीणा की जमानत को लेकर सुनवाई होगी। इधर, नरेश के समर्थकों में रिहाई की मांग को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई है। बता दें कि बीते दिनों उनियारा कोर्ट में नरेश की जमानत की एप्लीकेशन लगाई गई थी, जो खारिज हो गई थी।

नरेश मीणा के एनकाउंटर की साजिश का वीडियो वायरल

टोंक जिले के देवली-उनियारा क्षेत्र में एसडीएम थप्पड़ कांड के 5वें दिन भी समरावता गांव में दहशत का माहौल है। ग्रामीणों के आंसू थमने का नाम नही ले रहे है। जब भी कोई नेता गांव में पहुंच रहा हैं तो व्यथा सुनाते हुए ग्रामीणों की आंखों से आंसू निकल पड़ते है।

देवली-उनियारा के समरावता गाँव के लोग नये वीडियो से दहशत में है। वहीं, नरेश मीणा के पिता कल्याण सिंह मीणा भी गांव में पहुंचते ही रो पड़े। राजनेता वैसे तो नरेश मीणा की ज़मानत और उनकी रिहाई के लिए कुछ कर नहीं रहे हैं पर अपनी राजनीति चमकाने का कोई भी मौका हाथ से नहीं जाने दे रहे हैं। 

भोली-भली जनता सोच रही है कि सड़क पर आंदोलन करने या बड़ी-बड़ी सभाएँ करने से नरेश मीणा की ज़मानत हो जायेगी। पर, ऐसा कतई नहीं है क्योंकि जमनत तो सिर्फ़ वकीलों की अच्छी पैरवी से होगी जो अभी तक नहीं हुई है।

ग्रामीणों का आरोप ‘पुलिस कर देती एनकाउंटर’

इतना सुनते ही नरेश मीणा के पिता भावुक हो गए थे और उनकी आंखों से आंसू निकल पड़े। लोगों ने यह भी कहा कि नरेश को हम उठाकर नहीं ले जाते तो पुलिस उसका एनकाउंटर कर देती। इस दौरान मौके पर मौजूद लोग उन्हें संभालते नजर आए। सोशल मीडिया पर भी उनका एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक व्यक्ति नरेश मीणा के एनकाउंटर की पुलिस की साजिश की बात कह रहा है।

मूकनायक मीडिया इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है। प्रोफ़ेसर राम लखन ने अपने एक्स (X) हैंडल पर राजस्थान पुलिस को टैग करते हुए इनकी तटस्थ जाँच की माँग की है। उनका कहना है कि राजस्थान पुलिस की छवि से जुड़े इस वीडियो की जाँच हो।

ये है पूरा मामला

बता दें कि विधानसभा क्षेत्र देवली उनियारा में विधानसभा उप चुनाव 2024 के दौरान ग्राम समरावता थाना नगरफोर्ट, जिला टोंक में ग्रामीणो द्वारा उनके गांव समरावता को उपखण्ड देवली से हटाकर उपखण्ड उनियारा मे शामिल करने की मांग को लेकर मतदान का बहिष्कार किया था।

निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने उक्त मांग को लेकर ग्रामीणो को साथ लेकर धरना शुरू किया। तभी निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने वहां मौजूद एरिया मजिस्ट्रेट अमित चौधरी आरएएस उपखण्ड अधिकारी मालपुरा के थप्पड़ मार दी। इसके बाद घटनास्थल से थोड़ी दूर धरने पर बैठ गया।

शाम को मतदान प्रक्रिया पूरी होने के बाद पुलिस ने निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा को पकड़ा। लेकिन, ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव कर नरेश मीणा को छुड़ा लिया। उपद्रवियों ने दो राजकीय वाहन व 7 प्राईवेट वाहन एवं लगभग 25 मोटर साईकिलों में आग लगा दी।

हालांकि, अगले दिन पुलिस ने नरेश मीणा को गिरफ्तार कर लिया। इस पर मीना समर्थक भड़क गए और नरेश मीणा की रिहाई की मांग को लेकर कचरावता गांव के पास राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 148 डी पर जाम लगा दिया। इस पर पुलिस 60 उपद्रवियों को गिरफ्तार कर चुकी है। नरेश मीणा सहित सभी उपद्रवी अभी जेल में बंद है।

नरेश मीणा कब आयेंगे जेल बाहर?

राजस्थान में उपचुनाव के दिन 13 नवंबर को देवली उनियारा विधानसभा के निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा ने एरिया मजिस्ट्रेट को थप्पड़ जड़ दिया था। इसको लेकर समरावता गांव में जमकर बवाल हुआ, हिंसा हुई। उसके दूसरे दिन 14 नवंबर को टोंक पुलिस ने नरेश को गिरफ्तार कर लिया।

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नरेश तब से टोंक जेल में बंद है। हालांकि एक बार उनियारा कोर्ट में उनकी जमानत याचिका को खारिज हो चुकी है। नरेश मीणा के वकील ने बताया कि जिला कोर्ट में फिर से याचिका दायर की गई है जिसको लेकर अब 17 दिसंबर को सुनवाई हुई। पर जमानत अभी तक नहीं हुई है।

नरेश की रिहाई को लेकर गरमा रहा है मुद्दा

इधर, एक महीने से टोंक जेल में बंद नरेश मीणा की रिहाई का मामला गर्माता जा रहा है। नरेश मीणा के समर्थक उनकी रिहाई को लेकर लगातार एक्टिव दिखाई दे रहे हैं। बीते दिनों सवाई माधोपुर के चौथ का बरवाड़ा में सर्व समाज की महापंचायत हुई।

इधर, नरेश के समर्थक टोंक सरपंच संघ अध्यक्ष मुकेश मीणा ने भी प्रशासन को चुनौती देते हुए कहा कि आने वाले दिनों में इस तरह का आंदोलन खड़ा किया जाएगा जो प्रशासन ने सोचा भी नहीं होगा। 

नरेश मीणा की जमानत पर फिर टली सुनवाई

बता दें कि थप्पड़ कांड के बाद से निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा 14 नवंबर से टोंक जेल में बंद है। इस बीच दो बार उनकी जमानत अर्जी भी खारिज हो चुकी है। टोंक जिला न्यायालय में आज एक बार फिर नरेश मीणा की जमानत अर्जी की सुनवाई टल गई है।

अब 4 जनवरी को जमानत पर सुनवाई होगी। बता दें कि नरेश मीणा सहित 18 आरोपियों के लिए उनियारा एसीजेएम कोर्ट मेें दो बार अर्जी खारिज हो चुकी है। इधर, 29 दिसंबर को नरेश के समर्थक उनकी रिहाई के लिए महापंचायत बुला रहे हैं। इस दौरान टोंक कलेक्ट्रेट और टोंक हाईवे पर बड़ा प्रदर्शन करने का प्रस्तावित कार्यक्रम रखा गया है।

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मप्र RTO को खुली छूट सरकार अंधी है जितना मर्ज़ी लूट करोड़ों के भ्रष्टाचार का भंडाफोड़

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 23 दिसंबर 2024 | जयपुर : भोपाल में मेंडोरी के जंगल से गुरुवार रात 52 किलो सोना और 11 करोड़ कैश के साथ इनोवा कार जब्त की गई थी। मामले की पड़ताल के दौरान आयकर विभाग के अधिकारियों के हाथ एक डायरी और कुछ ऐसे दस्तावेज लगे हैं, जिनमें खुलासा हुआ है कि RTO के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा ने परिवहन विभाग के अफसरों के साथ सालभर में 100 करोड़ रुपए से ज्यादा का लेन-देन किया है।

मप्र RTO को खुली छूट सरकार अंधी है जितना मर्ज़ी लूट करोड़ों के भ्रष्टाचार का भंडाफोड़

आयकर विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सौरभ को VRS (स्‍वैच्छिक सेवानिवृत्ति) लेने के बाद भी सारे RTO पैसे भेजते थे। जिसे वह इधर-उधर करता था। अब इस मामले में परिवहन विभाग के आला अफसरों की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।

मप्र RTO को खुली छूट सरकार अंधी है जितना मर्ज़ी लूट करोड़ों के भ्रष्टाचार का भंडाफोड़

52 जिलों के RTO के नाम और नंबर भी मिले

आयकर विभाग को सौरभ शर्मा से संबंधित जांच में जो रिकॉर्ड मिले हैं, उसमें प्रदेश के 52 जिलों के RTO के नाम और नंबर भी मिले हैं। इसके साथ ही यह भी लिखा है कि किस RTO से कितनी राशि मिली है। बताया जा रहा है कि राशि किसे दी गई, इसके भी कुछ दस्तावेज मिले हैं। हालांकि, अभी इसे जांच के दायरे में बताकर सामने नहीं लाया गया है।

लोकायुक्त पुलिस ने बुधवार को सौरभ शर्मा के घर और दफ्तर पर छापा मारा था।

लोकायुक्त पुलिस ने बुधवार को सौरभ शर्मा के घर और दफ्तर पर छापा मारा था। चेतन से पूछताछ पूरी, सौरभ अभी तलब नहीं जिस चेतन सिंह गौर की कार से 52 किलो सोना और 11 करोड़ रुपए कैश बरामद किए गए, उससे आयकर विभाग ने पूछताछ लगभग पूरी कर ली है।

वह अभी आयकर विभाग के अफसरों के संपर्क में है। उसके बयान के आधार पर मुख्य किरदार सौरभ शर्मा से पूछताछ की जानी है। बताया जा रहा है कि अभी सौरभ शर्मा को तलब नहीं किया गया है, लेकिन जल्दी ही उसे पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा।

जांच के घेरे में आ सकते हैं परिवहन आयुक्त

इस पूरे मामले में जिलों के RTO की भूमिका सामने आने के बाद अब परिवहन मुख्यालय के मुखिया और परिवहन आयुक्त की भूमिका भी जांच के घेरे में आ सकती है। आयकर विभाग फिलहाल इतना ही कह रहा है कि परिवहन विभाग इसमें इन्वॉल्व है, लेकिन किसी IPS अधिकारी को लेकर अभी जांच शुरू नहीं है।

चेतन गौर के नाम रजिस्टर्ड इसी कार में सोना और कैश मिला था।

चेतन गौर के नाम रजिस्टर्ड इसी कार में सोना और कैश मिला था।

मेंडोरी की कार्रवाई सिर्फ इनकम टैक्स की

आयकर अफसरों के मुताबिक मेंडोरी से जब्त कैश और गोल्ड को आयकर अधिनियम की धारा 132 के आधार पर जब्ती बताकर SBI में जमा करा दिया गया है। धारा 132 का इस्तेमाल आयकर विभाग तब करता है, जब यह कार्रवाई किसी अन्य जांच एजेंसी की मदद के बगैर की गई हो। अगर किसी अन्य जांच एजेंसी को इसमें शामिल किया जाता है तो आयकर अधिनियम की धारा 132 ए के अंतर्गत कार्रवाई की जाती है।

आयकर अधिकारियों का कहना है कि मेंडोरी में इनोवा कार में गोल्ड और कैश होने की सूचना अज्ञात सोर्स से मिली थी। मौके पर पहुंचने पर वहां कुछ पुलिसकर्मी पाए गए और उन्होंने कार में जांच से इनकार कर दिया। इसके बाद TI से लिखित में लेने के बाद पूरे मामले की जांच अकेले आयकर विभाग ने की है।

पिस्टल लेकर कार की देखरेख कर रहे थे कुछ लोग

जिस खाली प्लॉट में कार को छिपाया गया था, वहां आसपास खेतों में काम कर रहे लोगों का दावा है कि गुरुवार शाम 4 बजे दो कार इस प्लॉट पर आई थी। इनमें से एक को प्लॉट के अंदर ले जाया गया, जबकि दूसरी बाहर थी। दोनों वाहनों में 5 से 6 लोग थे।

इन्होंने कार के आगे लगी RTO की प्लेट हटाई और उसे मिट्टी में दबा दिया। इसके बाद कार ढंककर चले गए। इन सभी के पास पिस्टल समेत अन्य हथियार थे। ये देख लोग सहम गए। कार छिपाने के बाद भी ये लोग दूसरी कार से यहां हर 10 से 15 मिनट में यहां आते-जाते रहे।

पुलिस ने लिखित में दिया- कार्रवाई नहीं करेंगे पुलिस को गुरुवार शाम 4 बजे लावारिस कार की सूचना मिल गई थी। आधे घंटे बाद दो पुलिसकर्मी पहुंचे। इसके बाद पुलिसकर्मी आते-जाते रहे, पर रात 11 बजे तक कार्रवाई नहीं की गई।

फिर रात 11:30 बजे आयकर टीम मौके पर पहुंची। तब भी वहां 7-8 पुलिसकर्मी थे, जो धीरे-धीरे निकल गए। मौके पर एक हेड कॉन्स्टेबल ही बचा। कार्रवाई पर बहस चली तो पुलिस अफसर ने कार्रवाई नहीं करने की बात लिखित में दी।

आरक्षक से बिल्डर बना सौरभ शर्मा

परिवहन विभाग में पदस्थ सीनियर अफसर बताते हैं कि सौरभ के पिता स्वास्थ्य विभाग में थे। साल 2016 में उनकी अचानक मृत्यु के बाद उनकी जगह अनुकंपा नियुक्ति के लिए सौरभ की तरफ से आवेदन दिया गया।

स्वास्थ्य विभाग ने स्पेशल नोटशीट लिखी कि उनके यहां कोई पद खाली नहीं है। RTO विभाग के पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा के ठिकानों से अब तक 7.98 करोड़ रुपए की संपत्ति बरामद की गई है।

अक्टूबर 2016 में कॉन्स्टेबल के पद पर भर्ती सौरभ की पहली पोस्टिंग ग्वालियर परिवहन विभाग में हुई। मूल रूप से ग्वालियर के साधारण परिवार से संबंध रखने वाले सौरभ का जीवन कुछ ही वर्षों में पूरी तरह बदल गया। नौकरी के दौरान ही उसका रहन-सहन काफी आलीशान हो गया था, जिससे उसके खिलाफ शिकायतें विभाग और अन्य जगहों पर होने लगीं।

कार्रवाई से बचने के लिए सौरभ ने वॉलंटरी रिटायरमेंट स्कीम के तहत सेवानिवृति ले ली। इसके बाद उसने भोपाल के नामी बिल्डरों के साथ मिलकर प्रॉपर्टी में बड़े पैमाने पर निवेश करना शुरू कर दिया।

सौरभ शर्मा के घर 235 किलो की चांदी मिली हैं। इनमें चांदी की सिल्लियां और जेवर शामिल हैं।

सौरभ शर्मा के घर 235 किलो की चांदी मिली हैं। इनमें चांदी की सिल्लियां और जेवर शामिल हैं।

PA सत्यप्रकाश पर FIR हुई तब सौरभ की नजदीकी अफसरों में बढ़ी

सौरभ शर्मा 3 वर्ष पूर्व विभाग की शिकायतें ऊपर तक पहुंचने पर विभाग के मंत्री व प्रमुख लोगों के नजदीक आया था। 2021 में विभाग के मंत्री व आयुक्त की शिकायतें ऊपर तक पहुंची थी।

इन शिकायतों के मामले में बाद में आयुक्त पीए रहे सत्यप्रकाश शर्मा और उनके ड्राइवर के खिलाफ क्राइम ब्रांच में प्रकरण भी दर्ज हुआ था। इस प्रकरण में सत्यप्रकाश का ड्राइवर भी आरोपी है, क्योंकि डाकघर में शिकायतें ले जाते हुए उसके फुटेज पुलिस को मिले थे।

चेतन बोला- मैं वर्कर की हैसियत से काम करता था

आयकर विभाग को दिए बयान में चेतन सिंह गौर ने खुद को सौरभ शर्मा का साधारण वर्कर बताया है। चेतन का कहना है कि ​​​​​सौरभ जहां कहता था, मैं वहां साइन कर दिया करता था। मेरे दस्तावेज वह अलग-अलग काम बताकर ले लेता था।

चेतन ने यह भी बताया कि वे दोनों पुराने परिचित थे और उसे काम की जरूरत थी। इसी कारण उसने सौरभ से कभी कोई सवाल नहीं किया। चेतन के अनुसार, सौरभ ने इसी भरोसे का फायदा उठाकर उसके दस्तावेजों का इस्तेमाल किया। चेतन ने कहा- सौरभ ने उसके नाम से कार खरीद ली। चेतन के दस्तावेजों पर पेट्रोल पंप का आवंटन करा लिया। इसके अलावा भी कई संपत्तियां चेतन के नाम से खरीदीं।

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