मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 17 जुलाई 2024 | जम्मू-कश्मीर : जम्मू-कश्मीर में डोडा जिले के डेसा में आतंकियों की फायरिंग में सेना के कैप्टन समेत 4 जवान शहीद हो गए। एक पुलिसकर्मी की भी मौत हुई है। यानी कुल 5 लोगों की जान गई है। राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस यहां सोमवार से ही सर्च ऑपरेशन चला रही थी।
सर्चिंग के दौरान आतंकी फायरिंग करते हुए भागे। घना जंगल होने की वजह से वे बच निकले। सोमवार रात 9 बजे के आसपास फिर गोलीबारी हुई। इसमें 5 जवान गंभीर रूप से घायल हो गए। इन्होंने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले में कैप्टन समेत 5 जवान शहीद
शहीद हुए राष्ट्रीय राइफल्स के जवानों में कैप्टन बृजेश थापा पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग के और सिपाही बृजेंद्र, सिपाही अजय राजस्थान के झुंझुनूं के रहने वाले थे। नायक डी राजेश की जानकारी सामने नहीं आई है।
1. कैप्टन बृजेश थापा: आर्मी डे के दिन जन्म हुआ, इंजीनियरिंग की, पर सेना को चुना
कैप्टन बृजेश थापा (27) का जन्म 15 जनवरी को आर्मी डे के दिन हुआ था। उनकी मां नीलिमा ने बताया कि आखिरी बार रविवार (14 जुलाई) को बेटे से बात हुई थी। उन्होंने कहा कि मुझे अपने बेटे के बलिदान पर गर्व है। अगर हम अपने बेटे को सीमा पर नहीं भेजेंगे, तो देश के लिए कौन लड़ेगा।
कैप्टन बृजेश के पिता कर्नल भुवनेश थापा (सेवानिवृत्त) बोले- जब मुझे बताया गया कि वह अब नहीं रहा तो मुझे यकीन ही नहीं हुआ। वह मेरी सेना की ड्रेस पहनकर घूमता था। इंजीनियरिंग करने के बाद भी वह सेना में जाना चाहता था। उसने एक बार में ही परीक्षा पास कर ली और सेना में भर्ती हो गया।
मुझे गर्व है कि मेरे बेटे ने देश और देश की सुरक्षा के लिए कुछ किया है। दुख की बात यह है कि हम उससे दोबारा नहीं मिल पाएंगे, अन्यथा मुझे खुशी है कि उसने अपने देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी। रात 11 बजे हमें उसकी खबर मिली। मैं भी फौजी रहा हूं, जंगल में आतंकियों को देख पाना बड़ा मुश्किल होता है। जंगल बहुत घने होते हैं।
2. सिपाही अजय सिंह: तीन दिन बाद घर आने वाले थे, अब पार्थिव शरीर पहुंचेगा
सिपाही अजय सिंह नरूका (26) की पार्थिव देह बुधवार सुबह 9:15 बजे सिंघाना से भैसावता कलां (झुंझुनूं) पहुंचेगा। वहां से शहीद के सम्मान में यात्रा निकाली जाएगी। अजय के पिता कमल सिंह नरूका भी सेना में हवलदार रह चुके हैं। कमल सिंह 2015 में रिटायर हुए थे। शहीद अजय सिंह नरूका की शादी 21 नवंबर 2021 को शालू कंवर (24) से हुई थी। मां सुलोचना देवी गृहिणी हैं।
अजय सिंह का छोटा भाई करणवीर सिंह (24) बठिंडा (पंजाब) के AIMS में डॉक्टर है। पत्नी शालू कंवर ने इसी साल चिड़ावा के कॉलेज से MSc. क्लियर किया है। शहीद के चाचा कायम सिंह भी भारतीय सेना की 23 राजपूत रेजिमेंट में सिक्किम में तैनात हैं। उन्हें 2022 में सेना मेडल से नवाजा गया था।
परिजनों ने बताया- अजय सिंह दो महीने पहले छुट्टी पर घर आए थे। इसके बाद ड्यूटी पर वापस लौट गए थे। दो दिन बाद 18 जुलाई को छुट्टी लेकर गांव आने वाले थे। इससे पहले मुठभेड़ में शहीद हो गए। शहीद अजय के गांव के रास्तों की साफ-सफाई की जा रही है। घर तक जाने वाली गली ऊबड़-खाबड़ है।
3. बिजेंद्र सिंह: 5 दिन पहले घर आने वाले थे, लेकिन छुट्टी कैंसिल हो गई
बिजेंद्र सिंह 2018 में आर्मी में भर्ती हुए थे। 2019 में उनकी शादी अंकिता के साथ हुई थी। उनके दो बेटे हैं, जिनमें एक चार साल का, जबकि दूसरा एक साल का है। शहीद का छोटा भाई दशरथ सिंह भी आर्मी में हैं। अभी उनकी तैनाती लखनऊ में है। परिवार में तीन बहनें और माता-पिता भी हैं।
बिजेंद्र सिंह फरवरी में एक महीने की छुट्टी पर अपने घर आए थे। पांच दिन पहले घर आने वाले थे, लेकिन आतंकी घटनाओं के चलते छुट्टी कैंसिल हो गई थी। सेना के अधिकारियों का कॉल दशरथ सिंह के पास आया था। इसी के बाद उनको बिजेंद्र के शहीद होने की जानकारी हुई। दशरथ सिंह को फौरन छुट्टी देकर लखनऊ से गांव के लिए भेज दिया गया है।
आतंकी संगठन का दावा- 12 जवान मारे गए
हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े कश्मीर टाइगर्स ने ली है। संगठन ने दावा किया है कि उनके हमले में आर्मी के कैप्टन समेत 12 जवान मारे गए हैं, जबकि 6 घायल हैं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आर्मी चीफ से बात की
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आर्मी चीफ से मुठभेड़ की जानकारी ली है। जम्मू डिवीजन के डोडा में 34 दिन में यह पांचवां एनकाउंटर है। इससे पहले 9 जुलाई को एनकाउंटर हुआ था। यहां 26 जून को एक और 12 जून को 2 हमले हुए थे। इसके बाद सुरक्षाबलों-आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। इसमें 3 आतंकी मारे गए थे।
हमले पर नेताओं के बयान…
- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह: आतंकवाद विरोधी अभियान में हमारे बहादुर और साहसी भारतीय सेना के जवानों की मौत से गहरा दुख हुआ। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं। राष्ट्र मजबूती से उनके साथ खड़ा है।
- राहुल गांधी: आज जम्मू-कश्मीर में फिर से एक आतंकी मुठभेड़ में हमारे जवान शहीद हो गए। शहीदों को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए शोक संतप्त परिजनों को गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। लगातार हो रहे ये आतंकी हमले जम्मू-कश्मीर की जर्जर स्थिति बयान कर रहे हैं।
- भाजपा की गलत नीतियों का खामियाजा हमारे जवान और उनके परिवार भुगत रहे हैं। हर देशभक्त भारतीय की यह मांग है कि सरकार बार-बार हो रही सुरक्षा चूकों की पूरी जवाबदेही ले कर देश और जवानों के गुनहगारों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करे। दुख की इस घड़ी में पूरा देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता से खड़ा है।
- केंद्रीय मंत्री जीतेंद्र सिंह: मेरे लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में डोडा जिले के डेसा क्षेत्र में सशस्त्र मुठभेड़ की खबरों से बहुत परेशान हूं। हमारे बहादुरों की शहादत पर शोक व्यक्त करने और निंदा करने के लिए शब्द कम हैं। हम सभी मिलकर दुश्मन के नापाक मंसूबों को हराएं और शांति और सद्भाव बनाए रखें, जिसके लिए डोडा हमेशा से जाना जाता है।
- जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल: डोडा जिले में हमारी सेना के जवानों और जेकेपी कर्मियों पर हुए कायरतापूर्ण हमले के बारे में जानकर मुझे गहरा दुख हुआ है। हमारे राष्ट्र की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि। शोक संतप्त परिवारों के सदस्यों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। हम अपने सैनिकों की मौत का बदला लेंगे और आतंकवादियों और उनके सहयोगियों के नापाक मंसूबों को विफल कर देंगे।
- PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती: डीजीपी को बर्खास्त कर देना चाहिए, क्योंकि पिछले 32 महीनों में लगभग 50 जवानों की जान जा चुकी है। मौजूदा डीजीपी राजनीतिक तौर पर चीजों को ठीक करने में लगे हैं। उनका काम पीडीपी को तोड़ना, लोगों और पत्रकारों को परेशान करना और लोगों को धमकाना है। वे अधिकतर लोगों पर यूएपीए लगाने के तरीके ढूंढ रहे हैं। हमें यहां फिक्सर की जरूरत नहीं है, हमें एक डीजीपी की जरूरत है। हमारे पास पहले भी दूसरे राज्यों के डीजीपी रहे हैं और उन्होंने बहुत अच्छा काम किया है। किसी ने भी साम्प्रदायिक आधार पर काम नहीं किया जैसा कि अब किया जा रहा है। जब से ये डीजीपी आए हैं तब से ज्यादा जाने जा रही हैं। मुझे लगता है कि रक्षा मंत्री और गृह मंत्री को इस पर ध्यान देना चाहिए।