मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 17 जुलाई 2024 | जयपुर : जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले में शहीद राजस्थान के झुंझुनूं जिले के 2 जवानों का अंतिम संस्कार थोड़ी देर में होगा। शहीदों के सम्मान में स्थानीय लोग उनके पार्थिव शरीर को लेकर तिरंगा यात्रा निकाल रहे हैं।
राजस्थान के 2 शहीदों का अंतिम संस्कार महिलाओं ने किया सैल्यूट
दोनों जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए इस यात्रा में भारी भीड़ उमड़ी है। शहीद बिजेंद्र सिंह दौराता झुंझुनूं के सिंघाना थाना इलाके के खुबा की ढाणी (डुमोली कलां) के रहने वाले थे और अजय सिंह भी इसी इलाके में भैसावता कलां के रहने वाले थे।
दोनों की तिरंगा यात्रा सिंघाना से अपने-अपने गांव के लिए रवाना होने वाली थी, लेकिन भारी भीड़ की संभावना को देखते हुए प्रशासन ने अचानक तिरंगा यात्रा की जगह बदलकर मुरादपुर कर दी।
15 जून को आतंकी हमले में शहीद हुए थे
डोडा जिले में डेसा जंगल के धारी गोटे उरारबागी में राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस सोमवार से ही सर्च ऑपरेशन चला रही थी। इस दौरान आतंकवादी फायरिंग करते हुए भागे। भारतीय सेना के जवानों ने उनका पीछा किया।
घना जंगल होने की वजह से आतंकी सुरक्षाबलों को चकमा देते रहे। सोमवार रात करीब 9 बजे फिर गोलीबारी हुई। इसमें बिजेंद्र सिंह और अजय सिंह समेत 5 जवान गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। बिजेंद्र और अजय सेना में राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात थे।
कलेक्टर ने पत्नी को बंधाया ढांढस
झुंझुनूं कलेक्टर चिन्मयी गोपाल व एसपी राजर्षि वर्मा शहीद बिजेंद्र सिंह के घर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने परिजनों और वीरांगना अंकिता को सांत्वना दी। शहीद बिजेंद्र की पार्थिव देह तिरंगा यात्रा के साथ उनके पैतृक गांव डुमोली कलां (खुबा की ढाणी) पहुंच चुकी है। बड़ी संख्या में लोग श्रद्धांजलि और अंतिम विदाई देने पहुंचे हैं।
बिजेंद्र सिंह की पार्थिव देह अंतिम दर्शन के लिए उनके घर पर रखी जाएगी, इसके बाद अंतिम संस्कार किया जाएगा। तिरंगा यात्रा के दौरान डुमोली खुर्द गांव में युवाओं ने जेसीबी पर चढ़कर शहीद बिजेंद्र सिंह के पार्थिव शरीर पर फूल बरसाए।
अजय सिंह के दादा और मामा भी शहीद हुए थे
शहीद अजय सिंह का परिवार सेना से जुड़ा हुआ है। इनके पिता कमल सिंह भी सेना में 24 राजपूत रेजिमेंट में कार्यरत थे, जो 2015 में सेवानिवृत्त हुए है, जबकि चाचा कायम सिंह वर्तमान में सेना की 23 राजपूत रेजीमेंट में सिक्किम में सेवाएं दे रहे हैं।
कायम सिंह की बहादुरी पर उन्हें 2022 में सेना मेडल से नवाजा गया था। अजय सिंह के दादा सुजान सिंह BSF में थे। सुजान सिंह 14 दिसंबर 2021 को शहीद हो गए थे। अजय सिंह के मामा चांदकोठी निवासी तेजपाल सिंह भी सेना में थे। वे भी 2020 में शहीद हो गए थे। अजय सिंह का छोटा भाई करणवीर सिंह (24) बठिंडा (पंजाब) के एम्स में डॉक्टर है।
36 घंटे तक परिवार को नहीं बताई भाई की शहादत की खबर
शहीद बिजेंद्र के छोटे भाई दशरथ ने 36 घंटे तक अपने बड़े भाई की शहादत की खबर परिजनों को नहीं दी। दशरथ ने बताया- सोमवार रात करीब 11 बजे उनको भाई की शहादत की सूचना दी थी। इसके बाद वह मंगलवार सुबह घर पहुंचे तो परिवार के लोगों ने घर आने के बारे में पूछा। इस पर उन्होंने छुट्टी लेकर आने की बात कही।
पिता खेत में कर रहे थे काम, बेटे की शहादत की खबर मिली
बिजेंद्र के माता-पिता और पत्नी को बुधवार सुबह तक उनके शहीद होने की खबर नहीं दी गई थी। शहीद का छोटा भाई दशरथ सिंह मंगलवार शाम से ही डुमोली पंचायत भवन में अपने साथियों के साथ रुका हुआ था।
गांव आने वाले लोगों को भी घर नहीं जाने दिया गया। दशरथ सिंह बुधवार सुबह 10 बजे अंतिम संस्कार की तैयारियों के लिए टेंट का सामान लेकर घर पहुंचे। इस दौरान पिता घर के पास ही खेत में काम कर रहे थे और मां और पत्नी घरेलू काम रही थीं।
घर के बाहर टेंट लगा तो पिता ने बेटे दशरथ को पूछा। इस पर दशरथ खुद को रोक नहीं पाया और पिता से लिपटकर जोर-जोर से रो पड़ा। बेटे के शहीद होने की जानकारी मिलते ही पिता रामजीलाल दौराता जोर-जोर से बिलखने लगे। पत्नी अंकिता और मां धौली देवी को पता चलते ही घर में कोहराम मच गया।
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बिजेंद्र के पिता रामजीलाल दौराता अपने बेटे को याद कर बार-बार फफक पड़ते हैं। वे अपने आंसू नहीं रोक पा रहे हैं। उन्होंने कहा- बेटे ने अपना काम किया है, वो देश के लिए लड़ा, ये कहते हुए रो पड़े।