मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 19 जुलाई 2024 | कोटा : कोटा के नए ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट को लेकर सारी बाधाएं दूर हो गई हैं। शुक्रवार को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की मौजूदगी में जयपुर में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया और राज्य सरकार के बीच एयरपोर्ट निर्माण को लेकर एमओयू हो गया। एमओयू के मुताबिक एयरपोर्ट के लिए राजस्थान सरकार फ्री में जमीन उपलब्ध कराएगी। करीब ढाई साल में एयरपोर्ट पर ऑपरेशन शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है।
कोटा के नए ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट की सारी बाधाएं दूर
एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया एयरपोर्ट का निर्माण करेगी। ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट करीब 1200 करोड़ की लागत से बनेगा। एयरपोर्ट की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने का काम शुरू हो चुका है। सितंबर तक रिपोर्ट बनेगी, इसके बाद निर्माण कार्य शुरू होने की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। सीएमओ में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया और राज्य सरकार के अधिकारियों ने किया एमओयू।
वसुंधरा सरकार में हुई थी घोषणा, गहलोत सरकार में जमीन आवंटित हुई
दरअसल, वसुंधरा सरकार के दूसरे कार्यकाल में इस एयरपोर्ट की घोषणा हुई थी। गहलोत सरकार में बूंदी जिले के शंभूपुरा में एयरपोर्ट के लिए जमीन आवंटित हुई थी। राज्य सरकार ने इस बजट में ही कोटा में नया ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट बनाने की घोषणा की थी। बता दें कि वर्तमान में कोटा शहर के बीच एयरपोर्ट बना हुआ है, लेकिन वह ऑपरेशनल नहीं है।
सरकार बदलने के साथ तेजी से बढ़ा काम
एयरपोर्ट बनाने के लिए तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को भूमि आवंटित की थी, लेकिन इस जमीन का अधिकांश हिस्सा जंगल में आता था। वहीं इस जमीन के ऊपर से पावर ग्रिड की लाइन भी गुजर रही है। इन तमाम बाधाओं को दूर करने के लिए स्टेक होल्डर्स की मंजूरी जरूरी थी।
भजनलाल सरकार के गठन के 8 दिन बाद ही कोटा नगर न्यास ने भूमि कंवर्जन के बचे हुए 39 करोड़ रुपए वन विभाग को जमा करा दिए। वहीं पावर ग्रिड की लाइन शिफ्टिंग के लिए 13 मार्च 2024 को पावर ग्रिड और न्यास के एमओयू भी हो गया।
एयरपोर्ट के प्रस्तावित जमीन के ऊपर से निकल रही पावर ग्रिड की लाइन की शिफ्टिंग के लिए 13 मार्च को पावर ग्रिड और कोटा यूआईटी(नगर विकास न्यास) के बीच एमओयू साइन हुआ था। बूंदी जिले में शंभूपुरा गांव की जमीन, जहां ग्रीन फील्ड बनकर तैयार होगा।
हाईटेंशन लाइन के 34 टॉवर होंगे शिफ्ट
एयरपोर्ट अथॉरिटी की मांग के अनुरूप चिन्हित भूमि की सीमा से चारों दिशाओं में विद्युत लाइनों को डेढ़ किमी या उससे दूरी पर शिफ्ट किया जाएगा। ऐसे में हाईटेंशन लाइन हटाने के लिए पॉवर ग्रिड कॉर्पोरेशन 11 किलोमीटर क्षेत्र में फैले कुल 34 टावर्स को शिफ्ट करेगा।
इनके जरिए राजस्थान परमाणु बिजली घर से जयपुर साउथ और कोटा से मेड़ता-ब्यावर को 400 केवी की दो ट्रांसमिशन लाइंस के जरिए बिजली सप्लाई की जा रही है। इनके स्थान पर 46 नए टॉवर स्थापित किए जाएंगे। जिन पर 15.064 किमी लंबी ट्रांसमिशन लाइन बिछाई जाएगी।