मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 26 जनवरी 2025 | जयपुर : गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर गुरुवार को पद्म पुरस्कारों का एलान कर दिया गया है। इसके तहत पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री से सम्मानित किए जाने वाली हस्तियों के नामों का एलान किया गया। इस बार राष्ट्रपति ने राष्ट्रपति ने 139 पद्म पुरस्कारों को मंजूरी दी है।
संविधान बदलने की माँग करने वाले बिबेक देबरॉय को मरणोपरांत पद्म भूषण, क्रिकेटर आर अश्विन को पद्मश्री
देर रात जारी सूची में सात पद्म विभूषण, 19 पद्म भूषण शामिल हैं। इसके अलावा 113 पद्म श्री पुरस्कारों का भी एलान किया गया है। पुरस्कार पाने वालों में 23 महिलाएं हैं। सूची में 10 विदेशी, एनआरआई, पीआईओ, ओसीआई श्रेणी के व्यक्ति शामिल हैं।
वहीं, 13 मरणोपरांत पुरस्कार भी दिए जाने का एलान किया गया है। इसमें भोजपुरी गायिका शारदा सिन्हा (मरणोपरांत), जस्टिस (सेवानिवृत्त) जगदीश सिंह खेहर और सुजुकी कंपनी के ओसामु सुजुकी (मरणोपरांत) बिबेक देबरॉय, सुशील मोदी और मनोहर जोशी (मरणोपरांत) के नाम शामिल हैं।
नए संविधान की मांग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएएसी-पीएम) के अध्यक्ष बिबेक देबरॉय ने इंडियन एक्सप्रेस अख़बार में नए संविधान की मांग करते हुए लेख लिखा था। इसे लेकर पर विवाद बढ़ा तो प्रधानमंत्री पैनल से सफ़ाई पेश करते हुए ख़ुद को और केंद्र सरकार को इससे अलग कर लिया था। देबरॉय ने एक स्टडी के हवाले से बताया कि लिखित संविधान का जीवनकाल महज़ 17 साल होता है। भारत के वर्तमान संविधान को उन्होंने “औपनिवेशिक विरासत” बताया था।
विवादित लेख में दूसरी बार कहा था कि “ये पूछना चाहिए कि संविधान की प्रस्तावना में समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक, न्याय, स्वतंत्रता और समानता जैसे शब्दों का अब क्या मतलब है। हमें ख़ुद को एक नया संविधान देना होगा। देबरॉय इससे पहले यह कहा था कि “मैंने पहले भी ऐसे मुद्दे पर इसी तरह के विचार व्यक्त करते हुए लिखा है। मामला बहुत आसान है। मुझे लगता है कि हमें संविधान पर दोबारा विचार करना चाहिए।”
केंद्र सरकार ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर शनिवार को 2025 के लिए 139 पद्म पुरस्कारों का ऐलान किया। शारदा सिन्हा, ओसामु सुजुकी समेत 7 हस्तियों को पद्म विभूषण सम्मान दिया गया है।
वहीं पूर्व हॉकी गोलकीपर पीआर श्रीजेश, पंकज उधास और सुशील मोदी समेत 19 हस्तियों को पद्म भूषण के लिए चुना गया। इनके अलावा, राजस्थान की लोक गायिका बतूल बेगम, दिल्ली की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरजा भटला समेत 113 हस्तियों को इस बार पद्म श्री से सम्मानित किया जाएगा।
पद्म पुरस्कार विजेताओं में से 23 महिलाएं हैं। इनमें 10 विदेशी/NRI/PIO/OCI कैटेगरी के लोग भी हैं। 13 हस्तियां ऐसी हैं, जिन्हें मरणोपरांत पुरस्कार दिए जा रहे हैं।
पद्म पुरस्कारों की पूरी लिस्ट
4 हस्तियों को मरणोपरांत पद्म भूषण
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, मनोहर जोशी, संविधान बदलने की माँग करने वाले विवादित अर्थशास्त्री बिबेक देबरॉय, गजल गायक पंकज उधास को मरणोपरांत पद्म भूषण दिया गया है।
पद्मश्री पुरस्कार में कई गुमनाम हस्तियां, क्रिकेटर आर अश्विन का नाम भी
पद्मश्री पुरस्कार ऐसे 113 लोगों को दिया जा रहा है, जिनमें कई गुमनाम हैं। कुवैत की योगा ट्रेनर और ब्राजील के मैकेनिकल इंजीनियर से हिंदू आध्यात्मिक और वेदांत गुरु बने जोनास मासेटी का नाम भी है। 100 साल की लीबिया लोबो सरदेसाई को पद्मश्री से सम्मानित किया गया है।
पश्चिम बंगाल के 57 साल के गोकुल चंद्र दास को यह अवॉर्ड मिला है। इन्होंने 150 महिलाओं को ढाक बजाने की ट्रेनिंग दी। राजस्थान की लोक गायिका बतूल बेगम, दिल्ली की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरजा भटला, सामाजिक कार्यकर्ता भीम सिंह भावेश, दक्षिण भारतीय संगीतकार पी. दत्चनमूर्ति, नगालैंड के फल किसान एल. हैंगथिंग का भी पद्मश्री की लिस्ट में नाम है।
SBI की पूर्व अध्यक्ष अरुंधति भट्टाचार्य और हाल ही में रिटायर हुए क्रिकेटर आर अश्विन को पद्म श्री दिया गया है।
अल सबाह ने गल्फ में योग को तो मैसेट ने ब्राजील में भारतीय दर्शन को फैलाया
- शेख एजे अल सबा: कुवैत की योग प्रैक्टिशनर अल सबाह को योग मेडिसिन में पद्मश्री अवॉर्ड दिया गया। इन्होंने अपने देश में पहला लाइसेंस प्राप्त योग स्टूडियो की स्थापना की। इसके जरिए अल सबा ने गल्फ देशों में आधुनिक विधियों से योग को बढ़ावा दिया। साथ ही शेम्स यूथ योगा डेवलप किया।
- जोनास मैसेट: ब्राजील के मैकेनिकल इंजीनियर से हिंदू आध्यात्मिक गुरु बने जोनास ने भारतीय अध्यात्म, दर्शन और संस्कृति को बढ़ावा दिया। साथ ही उन्होंने वेदांत ज्ञान पर वैश्विक स्तर पर शिक्षा आसान बनाई। मैसेट ‘विश्वनाथ’ के नाम से जाने जाते हैं। उन्होंने 2014 में विश्व विद्या की स्थापना की। इसका कार्यालय रियो डी जनेरियो में है।
3 श्रेणियों में दिया जाता है पद्म पुरस्कार
देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में शामिल पद्म पुरस्कार तीन श्रेणियों- पद्म श्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण में प्रदान किए जाते हैं। ये पुरस्कार कला, समाज सेवा, साइंस, इंजीनियरिंग, बिजनेस, इंडस्ट्री, चिकित्सा, साहित्य, शिक्षा, खेल और सिविल सेवा जैसे विविध क्षेत्रों में उत्कृष्टता के लिए दिए जाते हैं।
पहले जानें पद्म पुरस्कारों के बारे में
- भारत सरकार ने देश के दो सर्वोच्च नागरिक सम्मान – भारत रत्न और पद्म पुरस्कारों की शुरुआत वर्ष 1954 में की थी।
- इन पुरस्कारों से देश-विदेश के उन लोगों को सम्मानित किया जाता है, जिन्होंने किसी क्षेत्र में कोई प्रतिष्ठित व असाधारण कार्य किया हो, जिसमें लोक सेवा का तत्व जुड़ा हो।
- हर साल गणतंत्र दिवस के मौके पर इन पुरस्कारों की घोषणा की जाती है। फिर मार्च या अप्रैल में होने वाले समारोह में राष्ट्रपति द्वारा विजेताओं को सम्मानित किया जाता है।
- सामान्यत: मरणोपरांत ये पुरस्कार दिए जाने का प्रावधान नहीं है। लेकिन कुछ विशिष्ट मामलों में सरकार के पास ये निर्णय लेने का पूरा अधिकार है।
- नियम के अनुसार, किसी को अगर वर्तमान में पद्मश्री दिया गया है, तो फिर उसे पद्म भूषण या पद्म विभूषण अब से पांच साल बाद ही दिया जा सकता है। लेकिन यहां भी कुछ विशिष्ट मामलों में पुरस्कार समिति छूट दे सकती है।
- जिस दिन समारोह में राष्ट्रपति द्वारा सम्मान दिया जाता है, उसके बाद सभी विजेताओं के नाम भारत के राजपत्र में प्रकाशित किए जाते हैं।
पिछले साल चिरंजीवी, वैजयंती माला को मिला था सम्मान
पिछले साल पूर्व उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, साउथ फिल्म एक्टर चिरंजीवी, एक्ट्रेस वैजयंतीमाला, भरतनाट्यम नृत्यांगना पद्मा सुब्रह्मण्यम पद्म विभूषण प्राप्त करने वाली कुछ प्रमुख हस्तियां थीं। इसके अलावा सर्वोच्च न्यायालय की पहली महिला जज एम फातिमा बीबी को मरणोपरांत पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।