सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर एकातेरिना की सूटकेस में मिली नग्न लाश

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 01 मार्च 2025 | जयपुर : जब रूस की सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर एकातेरिना कराग्लानोवा (Ekaterina Karaglanova) अपने 25वें जन्मदिन का जश्न मनाने के लिए नीदरलैंड्स जाने वाली थीं। सारी प्लानिंग हो चुकी थी। सब कुछ एकदम परफेक्ट था। अब इंतजार था तो बस बर्थडे सेलिब्रेशन का।

सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर एकातेरिना की सूटकेस में मिली नग्न लाश

सुश्री कराग्लानोवा ने मॉस्को के एक मेडिकल स्कूल में रेजीडेंसी की थी और त्वचाविज्ञान में विशेषज्ञता प्राप्त डॉक्टर के रूप में कार्य किया था। वह एक प्रमुख सोशल मीडिया हस्ती भी थीं, जो नियमित रूप से अपने 85,000 इंस्टाग्राम फॉलोअर्स के साथ अपनी तस्वीरें साझा करती थीं। 

Ekaterina Karaglanova

लेकिन जब 22 जुलाई से माता-पिता का अपनी बेटी से कोई कॉन्टैक्ट नहीं हुआ, तो वे 27 जुलाई को सीधे उसके अपार्टमेंट पहुंचे। जैसे ही वे घर में दाखिल हुए, तो मंजर दिल दहला देने वाला था। महज तीन फीट के एक लाल सूटकेस में उनकी बेटी की नग्न लाश पड़ी थी। ऐसा लग रहा था जैसे किसी नुकीली चीज से उसे गोदा गया हो।

बेटी को इस हालत में देखकर माता-पिता चीख उठे। शोर-शराबे की आवाज सुनकर पड़ोसी भी आ गए। हैरानी की बात यह थी कि किसी को भी इस घटना की भनक तक नहीं लगी थी, क्योंकि जिस बिल्डिंग में एकातेरिना रहती थीं, वो मास्को की जानी-मानी बिल्डिंग थी, जहां कई सेलिब्रिटी भी रहा करते थे।

खैर, मौके पर मौजूद लोगों ने तुरंत पुलिस को घटना की जानकारी दी। मॉस्को पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू की। CCTV फुटेज में एकातेरिना के अपार्टमेंट की ओर जाते हुए दो शख्स नजर आए। एक से उसके प्रेम संबंध थे, लेकिन दूसरा कौन था? क्या यह जलन और बदले की वारदात थी या कोई गहरी साजिश? यह मर्डर मिस्ट्री जितनी खौफनाक थी, उतनी ही रहस्यमयी भी।

आज अनसुनी दास्तान : एकातेरिना के वीभत्स हत्याकांड की कहानी

एकातेरिना कराग्लानोवा का जन्म 30 जुलाई 1994 को रूस की राजधानी मॉस्को के इवांका में हुआ था। वह एक डॉक्टर परिवार से ताल्लुक रखती थीं। उनके पिता किन यूरोलॉजिस्ट और मां ओल्गा किन्ना एक कार्डियोलॉजिस्ट हैं।

एकातेरिना पढ़ाई में काफी अच्छी थीं। उन्होंने कई लैंग्वेज का कोर्स किया था। इतना ही नहीं वो स्कूल ओलंपियाड में भी अक्सर जीता करती थीं। परिवार में सभी डॉक्टर थे। ऐसे में उनके सामने एक मुश्किल थी कि वह अपनी आगे की पढ़ाई जर्नलिज्म में करें या फिर डॉक्टरी में। हालांकि, उन्होंने परिवार की प्रथा को आगे बढ़ाते हुए डॉक्टरी को ही चुना।

इसके बाद उन्होंने रशियन नेशनल रिसर्च मेडिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ाई शुरू की। देखने में बेहद खूबसूरत एकातेरिना की दिलचस्पी ग्लैमर वर्ल्ड में होने लगी, जिसके चलते उन्होंने कॉलेज के दूसरे साल में ही मॉडलिंग करना शुरू कर दिया। सबसे पहले उन्होंने सेमोचिकिना सरनेम को बदलकर कराग्लानोवा रख लिया, क्योंकि उन्हें ऐसा लगता था कि मॉडलिंग के लिए सेमोचिकिना सरनेम अच्छा नहीं लगेगा।

एकातेरिना ने कई ब्यूटी कॉन्टेस्ट्स में हिस्सा लिया और 2018 में मिस मैक्सिम का खिताब अपने नाम किया। कम समय में ही उन्होंने सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर के तौर पर अपनी पहचान बनाई। महज 24 साल में उनके इंस्टाग्राम पर 85 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स थे। उन्हें कई कंपनियों से मॉडलिंग के ऑफर मिलने लगे, जिससे उन्हें खूब शोहरत और दौलत मिली।

पॉपुलैरिटी ऐसी बढ़ी कि लोगों ने उनकी तुलना 50 और 60 के दशक की फेमस ब्रिटिश एक्ट्रेस ऑड्रे हेपबर्न से करना शुरू कर दिया। इसी बीच उन्हें डॉक्टरी की डिग्री भी मिल गई।

एकातेरिना कराग्लानोवा (बाएं) और ब्रिटिश एक्ट्रेस ऑड्रे हेपबर्न (दाएं) की तस्वीर।
एकातेरिना कराग्लानोवा (बाएं) और ब्रिटिश एक्ट्रेस ऑड्रे हेपबर्न (दाएं) की तस्वीर

ग्लैमर वर्ल्ड से जुड़ने के बाद एकातेरिना के कई लोगों से संबंध रहे, लेकिन फिर साल 2019 में उनकी जिंदगी में ऐसे शख्स की एंट्री हुई, जिससे वो प्यार करने लगीं। इसी साल जुलाई में वह 25 साल की होने वाली थीं। उन्होंने नीदरलैंड्स में इस खास दिन का जश्न मनाने का फैसला किया।

इसी बीच खबरें आने लगीं कि उनका एक ऐसे व्यक्ति से संबंध था, जो उम्र में उनसे काफी बड़ा था। एकातेरिना को उससे फाइनेंशियल फायदे मिलते थे। हालांकि, उनकी एक करीबी दोस्त ने इन सभी खबरों को अफवाह बताया और कहा कि उन्हें फाइनेंशियल सपोर्ट की जरूरत नहीं थी।

फोन बंद था परिवार से कोई संपर्क नहीं 

एकातेरिना के माता-पिता के मुताबिक, 22 जुलाई 2019 से एकातेरिना का फोन बंद था। लगभग छह दिनों से उनका परिवार से कोई संपर्क नहीं हुआ था, जिस कारण माता-पिता को उनकी चिंता सताने लगी। चिंतित होकर पेरेंट्स ने एकातेरिना के अपार्टमेंट के मालिक को कॉल किया और कहा कि वे जाकर देखें कि सब कुछ ठीक है या नहीं। फिर वे खुद 27 जुलाई को बेटी के घर पहुंचे।

जैसे ही वे अपार्टमेंट में दाखिल हुए, उन्हें उनकी बेटी तो कहीं नहीं मिली, लेकिन एक बड़ा लाल सूटकेस मिला, जिसे देख उनके पैरों तले जमीन खिसक गई, क्योंकि उस सूटकेस में एकातेरिना की लाश पड़ी थी। उन्होंने तुरंत एंबुलेंस को कॉल किया। हालांकि, तब तक एकातेरिना की मौत हो चुकी थी।

मॉस्को की यह वही बिल्डिंग है, जिसमें एकातेरिना रहा करती थीं।
मॉस्को की यह वही बिल्डिंग है, जिसमें एकातेरिना रहा करती थीं

एकातेरिना के शरीर पर 19 घाव

पुलिस के मुताबिक, एकातेरिना का शव कमरे के बीचों-बीच सूटकेस में पड़ा हुआ था। उनके शरीर पर कोई कपड़ा नहीं था, केवल बेल्ट और मोजे पहने हुए थे। जब शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया, तो रिपोर्ट में सामने आया कि एकातेरिना के साथ शारीरिक संबंध बनाए गए थे, लेकिन उनके साथ किसी तरह की जबरदस्ती नहीं की गई थी।

डॉक्टर की मानें तो एकातेरिना के शरीर पर 19 घाव थे, जो किसी नुकीली ब्लेड या फिर चाकू से किए गए थे। इसमें सबसे ज्यादा वार उनके गर्दन पर हुए थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस घटना को 23 जुलाई की रात को अंजाम दिया गया था।

पड़ोसियों का कहना था कि उस रात उन्होंने अजीब आवाजें सुनीं, लेकिन फिर यह सोचकर नजर अंदाज कर दिया कि शायद उनका कोई दोस्त आया होगा और उनकी बच्ची खेल रही होगी। क्योंकि अक्सर एकातेरिना के घर पर उनके करीबी लोग आते रहते थे।

मामले की जांच में लगी पुलिस ने उस बिल्डिंग को घेर लिया, जहां यह घटना हुई थी। किसी के भी आने-जाने पर रोक लगा दी गई, ताकि सबूतों को इकट्ठा किया जा सके। हालांकि, पुलिस का कहना था कि मौके से कोई जरूरी सुराग नहीं मिले।

कुछ ही दिनों बाद इंटरनेट पर एक तस्वीर वायरल हुई, जिसने न केवल पूरे रूस को दहला दिया, बल्कि पड़ोसी देशों को भी चौंका दिया। यह तस्वीर और किसी की नहीं बल्कि एकातेरिना की डेड बॉडी की थी। उन्हें ऐसी हालत में देखने के बाद जहां एक तरफ उनके फैंस में गुस्सा फैल गया, तो वहीं दूसरी ओर लोगों ने कई तरह की बातें बनानी भी शुरू कर दीं।

कहा जा रहा था कि इस घटना को अंजाम देने के पीछे कोई बड़ा संदेश छिपा है। इसी वजह से इतनी बेरहमी से मारकर शव को सूटकेस में रखा और उसे कमरे के बीच में छोड़ दिया। जांच के दौरान पुलिस को बिल्डिंग के CCTV कैमरों की फुटेज मिली। फुटेज में एक शख्स को बिल्डिंग में एंट्री लेते और एकातेरिना के अपार्टमेंट की ओर जाते हुए देखा गया। कुछ समय बाद ही वो शख्स एक सूटकेस पकड़े हुए बाहर निकलते हुए भी दिखा।

एकातेरिना के अपार्टमेंट से हाथ में सूटकेस लिए एक शख्स बाहर निकलता हुआ।

एकातेरिना के अपार्टमेंट से हाथ में सूटकेस लिए एक शख्स बाहर निकलता हुआ।

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, शख्स की पहचान मैक्सिम गैरेथ के रूप में हुई, जिसकी उम्र 33 साल थी। वह भी मॉस्को में रहता था और फुटबॉल कोच था। हालांकि, जब दोबारा सभी फुटेज को ध्यान से देखा गया तो एक और आदमी बिल्डिंग में दाखिल हुआ और वो भी एकातेरिना के अपार्टमेंट में ही जा रहा था।

इस आदमी की पहचान बाद में की गई और पुलिस ने उसे ढूंढ निकाला, लेकिन उसकी पहचान सार्वजनिक नहीं की गई। ये जानकारी भी सामने आई थी कि वो एकातेरिना के साथ रिश्ते में था और उसकी उम्र 52 साल थी। दोनों का जन्मदिन साथ में मनाने का प्लान था।

हालांकि, CCTV में सूटकेस हाथ में लिए हुए सिर्फ मैक्सिम गैरेथ ही दिखाई दिया था, जो घटना के दो दिन बाद उस जगह पर वापस भी आया था। ऐसे में पुलिस का शक अब यकीन में बदल चुका था कि यह वही व्यक्ति था, जिसने एकातेरिना का कत्ल किया होगा। इसके बाद पुलिस ने उसकी तलाश शुरू कर दी।

इसी दौरान पुलिस को यह भी पता चला कि एकातेरिना को उनकी न्यूड तस्वीरों के जरिए ब्लैकमेल किया जा रहा था। उन्होंने इस बारे में कुछ दोस्तों से बात की थी, लेकिन कभी भी पुलिस के पास रिपोर्ट दर्ज कराने नहीं गईं।

एक दोस्त ने पुलिस को बताया कि एकातेरिना अपनी सुरक्षा को लेकर काफी डरी हुई थीं। उसने बताया था कि कोई उनकी पर्सनल लाइफ के बारे में जानकारी हासिल करने की कोशिश कर रहा है। हालांकि, उनकी दोस्त ने सोचा कि वो एक स्टार हैं, ऐसे में कोई उन्हें बदनाम करने की कोशिश कर रहा होगा। इसके बाद पुलिस ने इस एंगल से भी जांच शुरू कर दी थी, क्योंकि एकातेरिना के पास डॉक्टरी की डिग्री थी। साथ ही वह सोशल नेटवर्क्स से भी अच्छा खासा पैसा कमाती थी।

डेटिंग साइट्स पर कई नामों से मिली प्रोफाइल

जैसे-जैसे पुलिस जांच आगे बढ़ रही थी, वैसे-वैसे कई राज भी उजागर हो रहे थे। जब पुलिस ने एकातेरिना का फोन और कंप्यूटर चेक किया, तो उन्हें डेटिंग साइट्स पर एकातेरिना की अलग-अलग नामों से कई प्रोफाइल मिलीं।

अपनी प्रोफाइल में एकातेरिना ने लिखा था कि उसे उम्रदराज और सफल पुरुष पसंद हैं। इसके बाद पुलिस को समझ आया कि वह उम्रदराज पुरुषों के साथ आर्थिक लाभ के बदले संबंध बनाती थीं। इसके कुछ समय बाद पुलिस को उनकी प्रोफाइल्स एस्कॉर्ट वेबसाइट्स पर भी मिली, जिसके बायो में उन्होंने लिखा था कि वह पुरुषों की मांग पूरी करने वाली महिला थीं। जब पुलिस ने एकातेरिना के माता-पिता से इस बारे में पूछा तो वे शॉक्ड हो गए।

माता-पिता ने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी। परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी थी। ऐसे में वे नहीं सोच सकते थे कि उनकी बेटी ऐसा कुछ कर सकती थी। अब पुलिस को यह समझ आने लगा कि कहीं न कहीं उनका कोई क्लाइंट अपराधी हो सकता है।

मैक्सिम गैरेथ ने कबूला- मैंने ही की हत्या

इसी बीच मैक्सिम गैरेथ खुद पुलिस के पास पहुंचा और कबूल कर लिया कि उसने ही एकातेरिना की हत्या की है। उसने बताया कि वह एकातेरिना से एस्कॉर्ट वेबसाइट के जरिए मिला था। इसके बाद वह उसके अपार्टमेंट में पहुंचा और शारीरिक संबंध बनाए, लेकिन फिर एकातेरिना ने उसकी खूब बेज्जती की।

एकातेरिना ने कहा था कि वह (मैक्सिम) बदसूरत है और प्लास्टिक सर्जरी से भी उसे कोई फायदा नहीं होगा। इतना ही नहीं शारीरिक संबंध भी ठीक से नहीं बना पाया। ये बातें मैक्सिम की बर्दाश्त से बाहर हो गईं और आपा खोते हुए उसने रसोई से चाकू लिया और उन पर हमला कर दिया। सीने और गर्दन पर चाकू से कम से कम पांच बार वार किया।

अपराध को अंजाम देने के बाद उसने पूरे कमरे की सफाई की और सूटकेस में लाश को कमरे के बीचों-बीच रख दिया। उसने बताया कि पहले प्लान था कि शव को बाहर ले जाकर उसे नष्ट कर देगा, लेकिन किसी कारण ऐसा नहीं हो पाया। CCTV में जो सूटकेस उसके हाथों में दिखाई दिया था उसमें एकातेरिना के खून से लथपथ कपड़े भरे हुए थे।

उसने बताया कि जब वो दो दिन बाद वापस आया था तो वह लाश को बाहर ले जाना चाहता था। लेकिन उससे पहले ही पुलिस को उसके बारे में पता चल गया था। ऐसे में वो बिना सबूत मिटाए वहां से चला गया।

यह तस्वीर मैक्सिम गैरेथ की है, जिसने एकातेरिना का कत्ल किया था।

यह तस्वीर मैक्सिम गैरेथ की है, जिसने एकातेरिना का कत्ल किया था।

हत्या के बाद कातिल ने की आत्महत्या की कोशिश

मैक्सिम ने कहा कि उसने एकातेरिना की हत्या की, जिसके लिए वह काफी शर्मिंदा है। हालांकि, वह जांच में पुलिस का पूरा सहयोग करेगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक उसने जेल में अपनी जान लेने की भी कोशिश की थी। ऐसे में जेल प्रशासन ने उसके साथ कई लोगों को रखा, ताकि वह भविष्य में कोई ऐसा कदम न उठाए।

मैक्सिम का मुकदमा मॉस्को कोर्ट में चला। उसने एकातेरिना के माता-पिता से माफी भी मांगी, यह कहते हुए कि अगर वह समय को पीछे मोड़ सकता, तो वह अपने किए हुए को बदल देता। मॉस्को कोर्ट ने मैक्सिम को दोषी पाया और उसे नौ साल की सजा सुनाई। साथ ही पीड़िता के परिवार को 21 लाख रुपए का मुआवजा भी अदा करने का आदेश दिया।

एकातेरिना के माता-पिता कोर्ट के फैसले के खिलाफ थे। उनका कहना था कि वे इस सजा के खिलाफ अपील करेंगे, क्योंकि उन्हें यह सजा उस अत्याचार के मुकाबले बहुत ही कम लगी जो मैक्सिम ने उनकी बेटी के साथ किया था।

बिरसा अंबेडकर फुले फातिमा मिशन को आगे बढ़ाने के लिए ‘मूकनायक मीडिया’ को आर्थिक सहयोग कीजिए 

MOOKNAYAK MEDIA

At times, though, “MOOKNAYAK MEDIA’s” immense reputation gets in the way of its own themes and aims. Looking back over the last 15 years, it’s intriguing to chart how dialogue around the portal has evolved and expanded. “MOOKNAYAK MEDIA” transformed from a niche Online News Portal that most of the people are watching worldwide, it to a symbol of Dalit Adivasi OBCs Minority & Women Rights and became a symbol of fighting for downtrodden people. Most importantly, with the establishment of online web portal like Mooknayak Media, the caste-ridden nature of political discourses and public sphere became more conspicuous and explicit.

Related Posts | संबद्ध पोट्स

जयपुर में MNIT और महारानी कॉलेज की दो दलित छात्राओं ने की आत्महत्या

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 02 फरबरी 2025 | जयपुर : जयपुर में एक और कॉलेज गर्ल ने सुसाइड किया है। करीब दस दिन पहले मालवीय नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमएनआईटी) कैंपस में एक छात्रा ने हॉस्टल की छत से कूद कर जान दे दी थी। अब राजस्थान विश्वविद्यालय के कैंपस में बने माही छात्रावास में रहने वाली एक छात्रा ने सुसाइड कर लिया।

जयपुर में MNIT और महारानी कॉलेज की दो दलित छात्राओं ने की आत्महत्या

गांधी नगर पुलिस को शनिवार शाम को घटना की जानकारी मिली। पुलिस मौके पर पहुंची तो देखा कि हॉस्टल के पहली मंजिल पर बने कमरे में छात्रा फंदे से लटक रही थी। छात्रा को उतार कर अस्पताल पहुंचाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

जयपुर में MNIT और महारानी कॉलेज की दो दलित छात्राओं ने की आत्महत्या

जयपुर स्थित राजस्थान विश्वविद्यालय की एक छात्रा ने शनिवार को हॉस्टल में सुसाइड कर लिया। छात्रा का शव हॉस्टल के कमरे में फंदे से लटका मिला। छात्रा फर्स्ट ईयर की स्टूडेंट थी। छात्रा के आत्महत्या की खबर सामने आते ही पूरे कैंपस में सनसनी फैल गई। तुरंत स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और छानबीन शुरू की। मिली जानकारी के अनुसार सुसाइड की यह घटना राजस्थान यूनिवर्सिटी के माही हॉस्टल में हुई।

माही हॉस्टल में फर्स्ट ईयर की स्टूडेंट ने की सुसाइड

माही छात्रावास राजस्थान यूनिवर्सिटी की छात्राओं के लिए आवंटित है। यहां शनिवार को दोपहर बाद एक छात्रा के आत्महत्या की जानकारी सामने आई। सुसाइड करने वाली छात्रा की पहचान महारानी कॉलेज के फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट के रूप में हुई है। छात्रा ने अपने कमरे में पंखे से कपड़े का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।

सुसाइड के कारणों की नहीं मिली जानकारी

पुलिस मामले की छानबीन में जुटी है। इधर छात्रा की खुदकुशी पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने अभी तक चुप्पी साध रखी है। छात्रा ने सुसाइड क्यों किया, इसकी जानकारी अभी सामने नहीं आई है। मालूम हो कि बीते दिनों माही हॉस्टल में वॉर्डन के व्यवहार सहित अन्य मुद्दों पर छात्राओं ने प्रदर्शन भी किया था।

महारानी कॉलेज में पढ़ाई करती थी छात्रा

माही हॉस्टल में सुसाइड करने वाली छात्रा की पहचान सारिका बुनकर के रूप में हुई है। सारिका महारानी कॉलेज में बीएससी फर्स्ट ईयर की छात्रा थी। सारिका मूल रूप से दिल्ली रोड स्थित मनोहरपुर की रहने वाली थी। बताया जाता है कि छात्रा ने सुसाइड से पहले परिवार को फोन भी किया था।

युवती का मोबाइल लॉक, परिजनों की दी गई सूचना

घटना के बारे में गांधी नगर थानाधिकारी आशुतोष ने बताया- सुसाइड की घटना की जानकारी मिलने पर मौके पर पहुंचे। परिवार को घटना की जानकारी दी है. युवती का मोबाइल लॉक है। परिवार के आने के बाद अन्य चीजों पर काम किया जायेगा। हॉस्टल में सारिका के साथ रहने और पढ़ने वाली छात्राओं से भी पूछताछ की जा रही है।

कमरे से नहीं मिला कोई सुसाइड नोट

बताया गया कि शाम करीब 4 बजे सारिका के कमरे का गेट नहीं खोलने पर दूसरी छात्राओं ने वॉर्डन को जानकारी दी। इस पर वॉर्डन ममता जैन गार्ड को लेकर कमरे में पहुंची और गेट तोड़कर अंदर गए तो सारिका फंदे से लटकी मिली। कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है. मामले की जांच जारी है।

राजस्थान विश्वविद्यालय की छात्राओं का धरना-प्रदर्शन जारी है. गुरुवार रात भी छात्राएं कड़ाके की ठंड में खुले आसमान के नीचे प्रदर्शन करती नजर आई। अब छात्राओं का यह प्रदर्शन और तेज हो सकता है, क्योंकि गुरुवार रात NSUI के प्रदेशाध्यक्ष विनोद जाखड़ ने आंदोलनरत छात्राओं से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद विनोद जाखड़ ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाये। साथ ही कहा कि विवि प्रशासन का रवैया तानाशाही है।

दरअसल राजस्थान विश्वविद्यालय के माही गर्ल्स हॉस्टल में नई वार्डन की नियुक्ति के मुद्दे पर छात्राएं कड़ाके की सर्दी में कुलपति सचिवालय के सामने विरोध प्रदर्शन कर रही हैं। छात्राओं का कहना है कि यह नियुक्ति उनके हितों और भावनाओं के खिलाफ है।

पाली की लड़की ने किया था सुसाइड

दस दिन पहले जवाहर लाल नेहरू मार्ग स्थित एमएनआईटी में पढ़ने वाली छात्रा ने हॉस्टल की छत से कूद कर आत्महत्या कर ली थी। पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट भी मिला। उसमें लिखा था कि ‘गलती मेरी ही है। मैं ही इस दुनिया में नहीं जी सकती। सबसे ज्यादा खुश मैं या तो बचपन में या नींद में थी।’ मृतक छात्रा 21 वर्षीय दिव्या राज मेघवाल थी जो कि पाली जिले की रहने वाली थी। वह एमएनआईटी में बीआर्क (आर्किटेक्चर) फर्स्ट ईयर की स्टूडेंट थी।

बिरसा अंबेडकर फुले फातिमा मिशन को आगे बढ़ाने के लिए ‘मूकनायक मीडिया’ को आर्थिक सहयोग कीजिए 

‘अमेरिका फर्स्ट’ पॉलिसी ट्रम्प ने दुनियाभर में विदेशी मदद पर लगायी रोक

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 26 जनवरी 2025 | जयपुर : अमेरिका में ट्रम्प प्रशासन ने शुक्रवार से इजराइल, मिस्र और फूड प्रोग्राम को छोड़कर विदेशी देशों को मिलने वाली सभी मदद पर रोक लगा दी है। न्यूज एजेंसी AFP के मुताबिक अमेरिकी विदेश मंत्रालय के इस आदेश में गरीब देशों को मिलने वाले स्वास्थ्य मदद पर भी रोक लगा दी गई है।

‘अमेरिका फर्स्ट’ पॉलिसी ट्रम्प ने दुनियाभर में विदेशी मदद पर लगायी रोक

विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी अधिकारियों और दूतावासों को इस संबंध में नोटिस भेजा है। लीक हुआ यह नोटिस ट्रम्प के शपथ ग्रहण के बाद जारी कए गए एग्जीक्यूटिव ऑर्डर के बाद आया है। इसमें विदेश नीति की समीक्षा करने तक 90 दिनों के लिए विदेश में दी जाने वाली सभी प्रकार की सहायता पर रोक लगा दी गई है।

‘अमेरिका फर्स्ट’ पॉलिसी ट्रम्प ने दुनियाभर में विदेशी मदद पर लगायी रोक

वित्तपोषण पर रोक के दौरान अमेरिकी विदेश विभाग इस बात की समीक्षा करेगा कि कौन सी अमेरिकी सहायता और विकास कार्यक्रमों को जारी रखा जा सकता। इस आदेश से मानवीय सहायता से जुड़े अधिकारियों को काफी निराशा हुई, क्योंकि अमेरिका के इस फैसले से दुनियाभर में स्वास्थ्य कार्यक्रमों की नई फंडिंग पर भी रोक लग गई है।

अमेरिका सरकार के इस आदेश के बाद दुनियाभर में स्वास्थ्य, शिक्षा, विकास, रोजगार जुड़े कई प्रोजेक्ट्स के बंद होने का खतरा बढ़ गया है। दरअसल, अमेरिका इन सभी विदेशी प्रोजेक्ट्स के लिए सबसे ज्यादा फंड्स मुहैया कराता है।

डोनाल्ड ट्रम्प ने ‘अमेरिका फर्स्ट’ पॉलिसी के तहत सभी विदेशी मदद पर रोक लगा दी है। हालांकि इजराइल-मिस्र को सैन्य सहायता और फूड प्रोग्राम को मदद मिलती रहेगी। इस आदेश के बाद दुनियाभर में स्वास्थ्य, शिक्षा और विकास से जुड़े कई प्रोजेक्ट्स बंद हो सकते हैं। दरअसल, अमेरिका इन विदेशी प्रोजेक्ट्स के लिए सबसे ज्यादा फंड्स मुहैया कराता है। फैसले का सबसे ज्यादा असर यूक्रेन पर पड़ेगा, जिसे बाइडेन सरकार ने अरबों डॉलर की मदद दी थी।

इजराइल और मिस्र को छूट क्यों मिली

इजराइल और मिस्र दोनों ही देश अमेरिका के लिए काफी रणनीतिक महत्व रखते हैं। इजराइल को अमेरिकी हथियारों की बड़ी सप्लाई मिलती रही है, जो गाजा युद्ध के बाद और बढ़ गई है। वहीं, मिस्र को 1979 में इजराइल के साथ पीस एग्रीमेंट के बाद से मिलिट्री फंडिंग मिलती रही है। अमेरिका फूड प्रोग्राम के तहत सूडान और सीरिया में भी मदद भेजता है।

यूक्रेन पर सबसे ज्यादा असर

माना जा रहा है कि ट्रम्प सरकार के इस फैसले का सबसे ज्यादा असर यूक्रेन पर पड़ सकता है। पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन के कार्यकाल में यूक्रेन को रूस से मुकाबला करने के लिए अरबों डॉलर की सैन्य मदद मिली थी। यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) के एक अधिकारी ने न्यूयॉर्क टाइम्स से कहा कि यूक्रेन में सभी अधिकारियों को काम बंद करने को कहा गया है।

अधिकारी ने कहा कि जिन प्रोजेक्ट्स को रोका गया है उनमें स्कूलों को सहायता, आपातकालीन मातृ देखभाल और बच्चों के टीकाकरण जैसे स्वास्थ्य सहायता कार्यक्रम भी शामिल हैं। अमेरिका ने साल 2023 में यूक्रेन को 17.2 बिलियन डॉलर (1.4 लाख करोड़ रुपए) से ज्यादा की मदद की थी।

विदेश विभाग समीक्षा के बाद लेगा वित्तपोषण जारी रखने का फैसला

वित्तपोषण पर रोक के दौरान अमेरिकी विदेश विभाग इस बात की समीक्षा करेगा कि कौन सी अमेरिकी सहायता और विकास कार्यक्रमों को जारी रखा जा सकता। इस आदेश से मानवीय सहायता से जुड़े अधिकारियों को काफी निराशा हुई, क्योंकि अमेरिका के इस फैसले से दुनियाभर में स्वास्थ्य कार्यक्रमों की नई फंडिंग पर भी रोक लग गई है।

दूतावासों को भेजे गए आदेश में कहा गया है कि फंडिंग रोकने का फैसला यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया है कि फंडिंग प्रभावी हो और राष्ट्रपति ट्रंप की विदेश नीति के अनुरूप हो। तीन महीने के भीतर विदेश विभाग की समीक्षा पूरी होने की उम्मीद है और इसके बाद राष्ट्रपति से सिफारिशें करने के लिए कि कौन सी विदेशी सहायता जारी रखी जाए और कौन सी बंद कर दी जाएं, इस संबंध में विदेश विभाग एक रिपोर्ट तैयार करेगा, जिसे विदेश मंत्री मार्को रूबियो, राष्ट्रपति ट्रंप के सामने पेश करेंगे। 

बिरसा अंबेडकर फुले फातिमा मिशन को आगे बढ़ाने के लिए ‘मूकनायक मीडिया’ को आर्थिक सहयोग कीजिए 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Primary Color

Secondary Color

Layout Mode