लिंगभेद की शिकार रही प्रियंका चौपड़ा ने ली हॉलीवुड एक्टर्स के बराबर 250 करोड़ फीस

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 18 जुलाई 2024 | जयपुर : बॉलीवुड की देसी गर्ल प्रिंयका चोपड़ा आज 18 जुलाई को 42 साल की हो चुकी हैं। उत्तर प्रदेश के बरेली में जन्मीं प्रियंका चोपड़ा ने बचपन में कभी रंगभेद का सामना किया, तो कभी तानों से बचने के लिए बाथरूम में छिपकर खाना खाया।

लिंगभेद की शिकार रही प्रियंका चौपड़ा ने ली हॉलीवुड एक्टर्स के बराबर 250 करोड़ फीस

इन सबके बावजूद उन्होंने महज 18 साल की उम्र में 90 देशों की खूबसूरत कंटेस्टेंट्स को पीछे कर 2000 में मिस वर्ल्ड का खिताब अपने नाम किया। मिस वर्ल्ड जीतने के बाद प्रियंका ने पहले तमिल सिनेमा में एंट्री ली और फिर बॉलीवुड में।

प्रियंका चौपड़ा ने हॉलीवुड एक्टर्स के बराबर 250 करोड़ फीस लेकर रचा इतिहास

प्रियंका ने लगातार ऐतराज, कृष, फैशन, डॉन 2, अग्निपथ जैसी बेहतरीन फिल्मों में काम करते हुए खुद को बॉलीवुड की टॉप एक्ट्रेसेस के बीच ला खड़ा किया, लेकिन फिर 2015 के बाद उन्होंने अचानक इंडस्ट्री छोड़ दी।

सालों बाद प्रियंका ने एक पॉडकास्ट में बताया कि उन्होंने अपनी मर्जी से बॉलीवुड इंडस्ट्री से दूरी नहीं बनाई थी, बल्कि उन्हें कॉर्नर किया गया था। उन्हें मनमुताबिक काम नहीं दिया जा रहा था और वो लगातार होती पॉलिटिक्स से थक चुकी थीं।

फिल्में मिलनी बंद हुईं तो प्रियंका की मां ने उनसे कहा था- तुम्हें कमाई का कोई दूसरा जरिया ढूंढना चाहिए। फिर क्या था, प्रियंका ने बतौर सिंगर करियर की दूसरी पारी शुरू की। इंग्लिश गानों से हॉलीवुड में जगह बनाने वालीं प्रियंका के लिए ये बदलाव अहम साबित हुआ।

जहां भारत में जेंडर पे गेप एक अहम बहस का मुद्दा है, वहीं प्रियंका ने हॉलीवुड एक्टर्स के बराबर फीस लेकर इतिहास रचा। वो हॉलीवुड में सबसे ज्यादा काम करने वाली इंडियन एक्ट्रेस हैं। आज वो भारत की सबसे कामयाब महिलाओं की फेहरिस्त में टॉप पर हैं। वहीं इंस्टाग्राम पर उनके भारत के पीएम नरेंद्र मोदी से भी ज्यादा फॉलोवर्स हैं।

आज जन्मदिन के खास मौके पर जानिए प्रियंका चोपड़ा के फिल्म स्टार बनने, ब्रेक लेने, कमबैक और हॉलीवुड स्टार बनने की कहानी

मिस वर्ल्ड जीतने के बाद प्रियंका को अब्बास मस्तान की फिल्म हमराज में कास्ट किया गया था। हालांकि दूसरे वर्क कमिटमेंट होने के चलते बाद में प्रियंका की जगह अमीषा पटेल को कास्ट कर लिया गया। इसके बाद प्रियंका ने 2002 की तमिल फिल्म थामिजान से एक्टिंग डेब्यू किया था।

एक साल बाद प्रियंका ने सनी देओल और प्रीति जिंटा के साथ फिल्म द हीरोः लव स्टोरी ऑफ ए स्पाई से बॉलीवुड में एंट्री ली। आगे उन्होंने अक्षय कुमार और लारा दत्ता स्टारर हिट फिल्म अंदाज में काम किया था, जिसके लिए उन्हें बेस्ट फीमेल डेब्यू का फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला था।

एक साल बाद 2004 में रिलीज हुईं प्रियंका चोपड़ा की बैक-टु-बैक 3 फिल्में प्लान, किस्मत, असंभव बॉक्स ऑफिस में बुरी तरह फ्लॉप हो गईं। हालांकि इसी साल रिलीज हुई उनकी फिल्म मुझसे शादी करोगी, जबरदस्त हिट रही। ये उस साल की तीसरी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म रही, जिससे प्रियंका चोपड़ा को स्टारडम हासिल हुआ।

साल 2007 में उन्होंने दो फ्लॉप फिल्मों सलाम-ए-इश्क और बिग ब्रदर में काम किया। अगले साल 2008 में द्रोणा, गॉड तुस्सी ग्रेट हो, चमकू, लव स्टोरी 2050 जैसी उनकी बैक-टु-बैक 4 फिल्में बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह फ्लॉप हो गईं।

इसी साल उन्होंने मधुर भंडारकर की फैशन में मॉडल मेघना का रोल कर बॉक्स ऑफिस के कई रिकॉर्ड तोड़े। साल 2008 में रिलीज हुई फिल्म फैशन के लिए प्रियंका चोपड़ा को पहला नेशनल अवॉर्ड (बेस्ट एक्ट्रेस) मिला था।

साल 2008 के बाद से प्रियंका के करियर में उतार-चढ़ाव बने रहे। साल में उनकी एक फिल्म हिट तो कई फिल्में फ्लॉप होती थीं। 2008 से 2013 के बीच प्रियंका डॉन 2, बर्फी, अग्निपथ, तेरी मेरी कहानी, जंजीर, कृष 3 जैसी फिल्मों का हिस्सा रहीं।

फिल्म गोलियों की रासलीलाःराम-लीला में प्रियंका चोपड़ा, लीला का लीड रोल निभाने वाली थीं। जुलाई 2012 में सजंयलीला भंसाली ने प्रियंका चोपड़ा को लीला के रोल में कास्ट किया, जो अगस्त 2012 में शूटिंग शुरू करने वाली थीं। लेकिन शूटिंग शुरू होने से पहले संजय ने प्रियंका की जगह दीपिका को कास्ट कर लिया।

इस बात से नाराज होकर प्रियंका ने संजय से बातचीत बंद कर दी। हालांकि बाद में उन्हें फिल्म के गाने राम चाहे लीला चाहे में लिया गया। आगे प्रियंका गुंडे, मेरी कॉम, दिल धड़कने दो जैसी फिल्मों का हिस्सा बनीं। साल 2015 में प्रियंका चोपड़ा संजय लीला भंसाली की फिल्म बाजीराव-मस्तानी में नजर आई थीं, हालांकि फिल्म में उनका सपोर्टिंग रोल था।

साल 2013 के बाद से ही प्रियंका चोपड़ा को बिग बजट फिल्में मिलना लगभग बंद हो गईं। उन्हें चंद फिल्में जरूर मिलीं, लेकिन उनमें न ही कोई बड़ी स्टारकास्ट थी, न मनमुताबिक रोल।

जब फिल्में मिलनी बंद होने लगीं तो एक रोज प्रियंका की मां ने उन्हें परेशान देखकर कहा था, तुम्हें कमाई का कोई दूसरा जरिया ढूंढना चाहिए। प्रियंका ने मां की बातों को संजीदगी से लिया और विदेशी म्यूजिक कंपनी CAA (क्रिएटिव आर्टिस्ट एजेंसी) से संपर्क किया। उन्होंने 2012 के गाने इन माय सिटी से बतौर सिंगर करियर का नया पड़ाव शुरू किया था।

प्रियंका बॉलीवुड की पहली एक्ट्रेस थीं, जिन्होंने लॉस एंजिलिस की म्यूजिक कंपनी के साथ कॉन्ट्रैक्ट साइन किया था। आगे उन्होंने एग्जोटिक गाने को आवाज दी, जिसमें उनके साथ पिटबुल नजर आए थे। इस तरह प्रियंका ने हॉलीवुड में भी अपनी पहचान बनानी शुरू कर दी।

सालों बाद की थी बॉलीवुड छोड़ने पर बात

साल 2023 में प्रियंका चोपड़ा ने आर्मचेयर एक्सपर्ट पॉडकास्ट में बॉलीवुड इंडस्ट्री छोड़ने पर बात की थी। उन्होंने कहा था, मुझे बॉलीवुड इंडस्ट्री में कॉर्नर कर दिया गया था। मेरे कुछ लोगों से मनमुटाव थे, जिसके चलते लोग मुझे कास्ट नहीं कर रहे थे। मैं गेम नहीं खेल सकती थी। इंडस्ट्री की पॉलिटिक्स से थक चुकी थी। मुझे ब्रेक की जरुरत थी, ऐसे में मैंने म्यूजिक को चुना। मुझे दुनिया के दूसरे हिस्से में जाने का मौका मिला।

इसी समय उन्होंने अमेरिका की टैलेंट एंजेसी एबीसी स्टूडियो के साथ कॉन्ट्रैक्ट साइन किया, जिसके जरिए उन्हें 2015 की अमेरिकन थ्रिलर सीरीज क्वांटिको में एलेक्स पैरिश का रोल मिला। क्वांटिको के बाद से ही प्रियंका को हॉलीवुड में पसंद किया जाने लगा। आगे वो बेवॉच, इज इंटेट रोमांटिक, ए किड लाइक जेक, वी केन बी हीरो जैसी हॉलीवुड फिल्मों का हिस्सा रहीं।

निक जोनस से शादी के बाद प्रियंका लॉस एंजिलिस शिफ्ट हो गईं। इसी दौरान उन्होंने कई हॉलीवुड टीवी शोज, सीरीज और फिल्मों में काम किया। शादी के कुछ समय बाद 2019 में प्रियंका ने फिल्म द स्काई इज पिंक से बॉलीवुड कमबैक किया था। फिल्म में लीड रोल निभाने के साथ-साथ उन्होंने इसे को-प्रोड्यूस भी किया था।

हालांकि फिल्म कोई खास कमाल नहीं दिखा सकी। बॉलीवुड से मिली निराशा के बाद प्रियंका चोपड़ा ने साल 2020 में अमेजन प्राइम वीडियो के साथ मल्टीमिलियन डॉलर फर्स्ट लुक टीवी डील साइन की थी। इसके बाद एक्ट्रेस वी कैन बी हीरो में नजर आई थीं।

साल 2021 में प्रियंका नेटफ्लिक्स की बायलिंगुअल फिल्म द व्हाइट टाइगर में नजर आई थीं। प्रियंका इस फिल्म की एग्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर भी थीं। आगे प्रियंका लव अगेन और द मेट्रिक्स रिसरेक्शन्स जैसी हॉलीवुड फिल्मों का हिस्सा बनीं।

साल 2023 में प्रियंका चोपड़ा सिटाडेल में नजर आई थीं, जो अब तक का सबसे महंगा टीवी शो माना जाता है। इस शो के जरिए प्रियंका ने इतिहास रचा। इस शो के लिए प्रियंका को हॉलीवुड स्टार रिचर्ड मेडन के बराबर 250 करोड़ फीस दी गई थी। प्रियंका पहली इंडियन एक्ट्रेस हैं, जिन्हें हॉलीवुड एक्टर के बराबर फीस मिली है।

प्रियंका के खाते में 2 बड़ी हॉलीवुड फिल्में

जल्द ही प्रियंका चोपड़ा जॉन सीना और इद्रिस एल्बा के साथ हॉलीवुड एक्शन फिल्म हेड्स ऑफ स्टेट में नजर आएंगी। वहीं उनके पास कार्ल अरबन के साथ फिल्म द ब्लफ भी है। इन दिनों प्रियंका द ब्लफ की शूटिंग कर रही हैं।

बॉलीवुड में वापसी कर सकती हैं प्रियंका चोपड़ा

साल 2021 से खबरें हैं कि प्रियंका चोपड़ा फरहान अख्तर के निर्देशन में बनने वाली फिल्म जी ले जरा में नजर आने वाली हैं। फिल्म की अनाउंसमेंट के साथ ही ये अनाउंसमेंट भी की गई कि फिल्म में कटरीना कैफ, आलिया भट्ट और प्रियंका चोपड़ा लीड रोल में हैं। हालांकि लगातार खबरें आ रही हैं कि फिल्म बंद पड़ने की कगार पर है। रिपोर्ट्स ये भी रहीं कि प्रियंका ने क्रिएटिव डिफरेंस के चलते फिल्म छोड़ दी है।

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सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर एकातेरिना की सूटकेस में मिली नग्न लाश

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 01 मार्च 2025 | जयपुर : जब रूस की सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर एकातेरिना कराग्लानोवा (Ekaterina Karaglanova) अपने 25वें जन्मदिन का जश्न मनाने के लिए नीदरलैंड्स जाने वाली थीं। सारी प्लानिंग हो चुकी थी। सब कुछ एकदम परफेक्ट था। अब इंतजार था तो बस बर्थडे सेलिब्रेशन का।

सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर एकातेरिना की सूटकेस में मिली नग्न लाश

सुश्री कराग्लानोवा ने मॉस्को के एक मेडिकल स्कूल में रेजीडेंसी की थी और त्वचाविज्ञान में विशेषज्ञता प्राप्त डॉक्टर के रूप में कार्य किया था। वह एक प्रमुख सोशल मीडिया हस्ती भी थीं, जो नियमित रूप से अपने 85,000 इंस्टाग्राम फॉलोअर्स के साथ अपनी तस्वीरें साझा करती थीं। 

Ekaterina Karaglanova

लेकिन जब 22 जुलाई से माता-पिता का अपनी बेटी से कोई कॉन्टैक्ट नहीं हुआ, तो वे 27 जुलाई को सीधे उसके अपार्टमेंट पहुंचे। जैसे ही वे घर में दाखिल हुए, तो मंजर दिल दहला देने वाला था। महज तीन फीट के एक लाल सूटकेस में उनकी बेटी की नग्न लाश पड़ी थी। ऐसा लग रहा था जैसे किसी नुकीली चीज से उसे गोदा गया हो।

बेटी को इस हालत में देखकर माता-पिता चीख उठे। शोर-शराबे की आवाज सुनकर पड़ोसी भी आ गए। हैरानी की बात यह थी कि किसी को भी इस घटना की भनक तक नहीं लगी थी, क्योंकि जिस बिल्डिंग में एकातेरिना रहती थीं, वो मास्को की जानी-मानी बिल्डिंग थी, जहां कई सेलिब्रिटी भी रहा करते थे।

खैर, मौके पर मौजूद लोगों ने तुरंत पुलिस को घटना की जानकारी दी। मॉस्को पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू की। CCTV फुटेज में एकातेरिना के अपार्टमेंट की ओर जाते हुए दो शख्स नजर आए। एक से उसके प्रेम संबंध थे, लेकिन दूसरा कौन था? क्या यह जलन और बदले की वारदात थी या कोई गहरी साजिश? यह मर्डर मिस्ट्री जितनी खौफनाक थी, उतनी ही रहस्यमयी भी।

आज अनसुनी दास्तान : एकातेरिना के वीभत्स हत्याकांड की कहानी

एकातेरिना कराग्लानोवा का जन्म 30 जुलाई 1994 को रूस की राजधानी मॉस्को के इवांका में हुआ था। वह एक डॉक्टर परिवार से ताल्लुक रखती थीं। उनके पिता किन यूरोलॉजिस्ट और मां ओल्गा किन्ना एक कार्डियोलॉजिस्ट हैं।

एकातेरिना पढ़ाई में काफी अच्छी थीं। उन्होंने कई लैंग्वेज का कोर्स किया था। इतना ही नहीं वो स्कूल ओलंपियाड में भी अक्सर जीता करती थीं। परिवार में सभी डॉक्टर थे। ऐसे में उनके सामने एक मुश्किल थी कि वह अपनी आगे की पढ़ाई जर्नलिज्म में करें या फिर डॉक्टरी में। हालांकि, उन्होंने परिवार की प्रथा को आगे बढ़ाते हुए डॉक्टरी को ही चुना।

इसके बाद उन्होंने रशियन नेशनल रिसर्च मेडिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ाई शुरू की। देखने में बेहद खूबसूरत एकातेरिना की दिलचस्पी ग्लैमर वर्ल्ड में होने लगी, जिसके चलते उन्होंने कॉलेज के दूसरे साल में ही मॉडलिंग करना शुरू कर दिया। सबसे पहले उन्होंने सेमोचिकिना सरनेम को बदलकर कराग्लानोवा रख लिया, क्योंकि उन्हें ऐसा लगता था कि मॉडलिंग के लिए सेमोचिकिना सरनेम अच्छा नहीं लगेगा।

एकातेरिना ने कई ब्यूटी कॉन्टेस्ट्स में हिस्सा लिया और 2018 में मिस मैक्सिम का खिताब अपने नाम किया। कम समय में ही उन्होंने सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर के तौर पर अपनी पहचान बनाई। महज 24 साल में उनके इंस्टाग्राम पर 85 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स थे। उन्हें कई कंपनियों से मॉडलिंग के ऑफर मिलने लगे, जिससे उन्हें खूब शोहरत और दौलत मिली।

पॉपुलैरिटी ऐसी बढ़ी कि लोगों ने उनकी तुलना 50 और 60 के दशक की फेमस ब्रिटिश एक्ट्रेस ऑड्रे हेपबर्न से करना शुरू कर दिया। इसी बीच उन्हें डॉक्टरी की डिग्री भी मिल गई।

एकातेरिना कराग्लानोवा (बाएं) और ब्रिटिश एक्ट्रेस ऑड्रे हेपबर्न (दाएं) की तस्वीर।
एकातेरिना कराग्लानोवा (बाएं) और ब्रिटिश एक्ट्रेस ऑड्रे हेपबर्न (दाएं) की तस्वीर

ग्लैमर वर्ल्ड से जुड़ने के बाद एकातेरिना के कई लोगों से संबंध रहे, लेकिन फिर साल 2019 में उनकी जिंदगी में ऐसे शख्स की एंट्री हुई, जिससे वो प्यार करने लगीं। इसी साल जुलाई में वह 25 साल की होने वाली थीं। उन्होंने नीदरलैंड्स में इस खास दिन का जश्न मनाने का फैसला किया।

इसी बीच खबरें आने लगीं कि उनका एक ऐसे व्यक्ति से संबंध था, जो उम्र में उनसे काफी बड़ा था। एकातेरिना को उससे फाइनेंशियल फायदे मिलते थे। हालांकि, उनकी एक करीबी दोस्त ने इन सभी खबरों को अफवाह बताया और कहा कि उन्हें फाइनेंशियल सपोर्ट की जरूरत नहीं थी।

फोन बंद था परिवार से कोई संपर्क नहीं 

एकातेरिना के माता-पिता के मुताबिक, 22 जुलाई 2019 से एकातेरिना का फोन बंद था। लगभग छह दिनों से उनका परिवार से कोई संपर्क नहीं हुआ था, जिस कारण माता-पिता को उनकी चिंता सताने लगी। चिंतित होकर पेरेंट्स ने एकातेरिना के अपार्टमेंट के मालिक को कॉल किया और कहा कि वे जाकर देखें कि सब कुछ ठीक है या नहीं। फिर वे खुद 27 जुलाई को बेटी के घर पहुंचे।

जैसे ही वे अपार्टमेंट में दाखिल हुए, उन्हें उनकी बेटी तो कहीं नहीं मिली, लेकिन एक बड़ा लाल सूटकेस मिला, जिसे देख उनके पैरों तले जमीन खिसक गई, क्योंकि उस सूटकेस में एकातेरिना की लाश पड़ी थी। उन्होंने तुरंत एंबुलेंस को कॉल किया। हालांकि, तब तक एकातेरिना की मौत हो चुकी थी।

मॉस्को की यह वही बिल्डिंग है, जिसमें एकातेरिना रहा करती थीं।
मॉस्को की यह वही बिल्डिंग है, जिसमें एकातेरिना रहा करती थीं

एकातेरिना के शरीर पर 19 घाव

पुलिस के मुताबिक, एकातेरिना का शव कमरे के बीचों-बीच सूटकेस में पड़ा हुआ था। उनके शरीर पर कोई कपड़ा नहीं था, केवल बेल्ट और मोजे पहने हुए थे। जब शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया, तो रिपोर्ट में सामने आया कि एकातेरिना के साथ शारीरिक संबंध बनाए गए थे, लेकिन उनके साथ किसी तरह की जबरदस्ती नहीं की गई थी।

डॉक्टर की मानें तो एकातेरिना के शरीर पर 19 घाव थे, जो किसी नुकीली ब्लेड या फिर चाकू से किए गए थे। इसमें सबसे ज्यादा वार उनके गर्दन पर हुए थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस घटना को 23 जुलाई की रात को अंजाम दिया गया था।

पड़ोसियों का कहना था कि उस रात उन्होंने अजीब आवाजें सुनीं, लेकिन फिर यह सोचकर नजर अंदाज कर दिया कि शायद उनका कोई दोस्त आया होगा और उनकी बच्ची खेल रही होगी। क्योंकि अक्सर एकातेरिना के घर पर उनके करीबी लोग आते रहते थे।

मामले की जांच में लगी पुलिस ने उस बिल्डिंग को घेर लिया, जहां यह घटना हुई थी। किसी के भी आने-जाने पर रोक लगा दी गई, ताकि सबूतों को इकट्ठा किया जा सके। हालांकि, पुलिस का कहना था कि मौके से कोई जरूरी सुराग नहीं मिले।

कुछ ही दिनों बाद इंटरनेट पर एक तस्वीर वायरल हुई, जिसने न केवल पूरे रूस को दहला दिया, बल्कि पड़ोसी देशों को भी चौंका दिया। यह तस्वीर और किसी की नहीं बल्कि एकातेरिना की डेड बॉडी की थी। उन्हें ऐसी हालत में देखने के बाद जहां एक तरफ उनके फैंस में गुस्सा फैल गया, तो वहीं दूसरी ओर लोगों ने कई तरह की बातें बनानी भी शुरू कर दीं।

कहा जा रहा था कि इस घटना को अंजाम देने के पीछे कोई बड़ा संदेश छिपा है। इसी वजह से इतनी बेरहमी से मारकर शव को सूटकेस में रखा और उसे कमरे के बीच में छोड़ दिया। जांच के दौरान पुलिस को बिल्डिंग के CCTV कैमरों की फुटेज मिली। फुटेज में एक शख्स को बिल्डिंग में एंट्री लेते और एकातेरिना के अपार्टमेंट की ओर जाते हुए देखा गया। कुछ समय बाद ही वो शख्स एक सूटकेस पकड़े हुए बाहर निकलते हुए भी दिखा।

एकातेरिना के अपार्टमेंट से हाथ में सूटकेस लिए एक शख्स बाहर निकलता हुआ।

एकातेरिना के अपार्टमेंट से हाथ में सूटकेस लिए एक शख्स बाहर निकलता हुआ।

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, शख्स की पहचान मैक्सिम गैरेथ के रूप में हुई, जिसकी उम्र 33 साल थी। वह भी मॉस्को में रहता था और फुटबॉल कोच था। हालांकि, जब दोबारा सभी फुटेज को ध्यान से देखा गया तो एक और आदमी बिल्डिंग में दाखिल हुआ और वो भी एकातेरिना के अपार्टमेंट में ही जा रहा था।

इस आदमी की पहचान बाद में की गई और पुलिस ने उसे ढूंढ निकाला, लेकिन उसकी पहचान सार्वजनिक नहीं की गई। ये जानकारी भी सामने आई थी कि वो एकातेरिना के साथ रिश्ते में था और उसकी उम्र 52 साल थी। दोनों का जन्मदिन साथ में मनाने का प्लान था।

हालांकि, CCTV में सूटकेस हाथ में लिए हुए सिर्फ मैक्सिम गैरेथ ही दिखाई दिया था, जो घटना के दो दिन बाद उस जगह पर वापस भी आया था। ऐसे में पुलिस का शक अब यकीन में बदल चुका था कि यह वही व्यक्ति था, जिसने एकातेरिना का कत्ल किया होगा। इसके बाद पुलिस ने उसकी तलाश शुरू कर दी।

इसी दौरान पुलिस को यह भी पता चला कि एकातेरिना को उनकी न्यूड तस्वीरों के जरिए ब्लैकमेल किया जा रहा था। उन्होंने इस बारे में कुछ दोस्तों से बात की थी, लेकिन कभी भी पुलिस के पास रिपोर्ट दर्ज कराने नहीं गईं।

एक दोस्त ने पुलिस को बताया कि एकातेरिना अपनी सुरक्षा को लेकर काफी डरी हुई थीं। उसने बताया था कि कोई उनकी पर्सनल लाइफ के बारे में जानकारी हासिल करने की कोशिश कर रहा है। हालांकि, उनकी दोस्त ने सोचा कि वो एक स्टार हैं, ऐसे में कोई उन्हें बदनाम करने की कोशिश कर रहा होगा। इसके बाद पुलिस ने इस एंगल से भी जांच शुरू कर दी थी, क्योंकि एकातेरिना के पास डॉक्टरी की डिग्री थी। साथ ही वह सोशल नेटवर्क्स से भी अच्छा खासा पैसा कमाती थी।

डेटिंग साइट्स पर कई नामों से मिली प्रोफाइल

जैसे-जैसे पुलिस जांच आगे बढ़ रही थी, वैसे-वैसे कई राज भी उजागर हो रहे थे। जब पुलिस ने एकातेरिना का फोन और कंप्यूटर चेक किया, तो उन्हें डेटिंग साइट्स पर एकातेरिना की अलग-अलग नामों से कई प्रोफाइल मिलीं।

अपनी प्रोफाइल में एकातेरिना ने लिखा था कि उसे उम्रदराज और सफल पुरुष पसंद हैं। इसके बाद पुलिस को समझ आया कि वह उम्रदराज पुरुषों के साथ आर्थिक लाभ के बदले संबंध बनाती थीं। इसके कुछ समय बाद पुलिस को उनकी प्रोफाइल्स एस्कॉर्ट वेबसाइट्स पर भी मिली, जिसके बायो में उन्होंने लिखा था कि वह पुरुषों की मांग पूरी करने वाली महिला थीं। जब पुलिस ने एकातेरिना के माता-पिता से इस बारे में पूछा तो वे शॉक्ड हो गए।

माता-पिता ने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी। परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी थी। ऐसे में वे नहीं सोच सकते थे कि उनकी बेटी ऐसा कुछ कर सकती थी। अब पुलिस को यह समझ आने लगा कि कहीं न कहीं उनका कोई क्लाइंट अपराधी हो सकता है।

मैक्सिम गैरेथ ने कबूला- मैंने ही की हत्या

इसी बीच मैक्सिम गैरेथ खुद पुलिस के पास पहुंचा और कबूल कर लिया कि उसने ही एकातेरिना की हत्या की है। उसने बताया कि वह एकातेरिना से एस्कॉर्ट वेबसाइट के जरिए मिला था। इसके बाद वह उसके अपार्टमेंट में पहुंचा और शारीरिक संबंध बनाए, लेकिन फिर एकातेरिना ने उसकी खूब बेज्जती की।

एकातेरिना ने कहा था कि वह (मैक्सिम) बदसूरत है और प्लास्टिक सर्जरी से भी उसे कोई फायदा नहीं होगा। इतना ही नहीं शारीरिक संबंध भी ठीक से नहीं बना पाया। ये बातें मैक्सिम की बर्दाश्त से बाहर हो गईं और आपा खोते हुए उसने रसोई से चाकू लिया और उन पर हमला कर दिया। सीने और गर्दन पर चाकू से कम से कम पांच बार वार किया।

अपराध को अंजाम देने के बाद उसने पूरे कमरे की सफाई की और सूटकेस में लाश को कमरे के बीचों-बीच रख दिया। उसने बताया कि पहले प्लान था कि शव को बाहर ले जाकर उसे नष्ट कर देगा, लेकिन किसी कारण ऐसा नहीं हो पाया। CCTV में जो सूटकेस उसके हाथों में दिखाई दिया था उसमें एकातेरिना के खून से लथपथ कपड़े भरे हुए थे।

उसने बताया कि जब वो दो दिन बाद वापस आया था तो वह लाश को बाहर ले जाना चाहता था। लेकिन उससे पहले ही पुलिस को उसके बारे में पता चल गया था। ऐसे में वो बिना सबूत मिटाए वहां से चला गया।

यह तस्वीर मैक्सिम गैरेथ की है, जिसने एकातेरिना का कत्ल किया था।

यह तस्वीर मैक्सिम गैरेथ की है, जिसने एकातेरिना का कत्ल किया था।

हत्या के बाद कातिल ने की आत्महत्या की कोशिश

मैक्सिम ने कहा कि उसने एकातेरिना की हत्या की, जिसके लिए वह काफी शर्मिंदा है। हालांकि, वह जांच में पुलिस का पूरा सहयोग करेगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक उसने जेल में अपनी जान लेने की भी कोशिश की थी। ऐसे में जेल प्रशासन ने उसके साथ कई लोगों को रखा, ताकि वह भविष्य में कोई ऐसा कदम न उठाए।

मैक्सिम का मुकदमा मॉस्को कोर्ट में चला। उसने एकातेरिना के माता-पिता से माफी भी मांगी, यह कहते हुए कि अगर वह समय को पीछे मोड़ सकता, तो वह अपने किए हुए को बदल देता। मॉस्को कोर्ट ने मैक्सिम को दोषी पाया और उसे नौ साल की सजा सुनाई। साथ ही पीड़िता के परिवार को 21 लाख रुपए का मुआवजा भी अदा करने का आदेश दिया।

एकातेरिना के माता-पिता कोर्ट के फैसले के खिलाफ थे। उनका कहना था कि वे इस सजा के खिलाफ अपील करेंगे, क्योंकि उन्हें यह सजा उस अत्याचार के मुकाबले बहुत ही कम लगी जो मैक्सिम ने उनकी बेटी के साथ किया था।

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पद्म पुरस्कारों में पीएम मोदी का झूठ उजागर, मोदी ने संविधान बदलवाने वाले अपने चाणक्य को दिया पद्मभूषण

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 26 जनवरी 2025 | जयपुर : प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) ने अपने अध्यक्ष बिबेक देबरॉय के हाल के उस विचार लेख से खुद को अलग कर लिया है, जिसमें उन्होंने एक अखबार में भारत के लिए नए संविधान की मांग की थी। देबरॉय ने अपने लेख में लिखा था, ‘हम लोगों को खुद को एक नया संविधान देना होगा

पद्म पुरस्कारों में पीएम मोदी का झूठ उजागर, मोदी ने संविधान बदलवाने वाले अपने चाणक्य को दिया पद्मभूषण

नये संविधान की माँग करने वाले बिबेक देबरॉय से पहले पल्ला झाड़ने वाले पीएम ने सोशल मीडिया पर स्पष्टीकरण देते हुए लिखा, “डॉ बिबेक देबरॉय का हालिया लेख उनकी व्यक्तिगत राय थी। वो किसी भी तरह से ईएएसी-पीएम या भारत सरकार के विचारों को नहीं दर्शाता।” ईएएसी-पीएम भारत सरकार, खासकर प्रधानमंत्री को आर्थिक मुद्दों पर सलाह देने के लिए गठित की गई बॉडी है।

पद्म पुरस्कारों में पीएम मोदी का झूठ उजागर, मोदी ने संविधान बदलवाने वाले अपने चाणक्य को दिया पद्मभूषण

जबकि पद्म पुरस्कार 2025 में उन्हीं देबरॉय को पद्म भूषण देकर प्रधानमंत्री ने साबित कर दिया कि अगर लोकसभा चुनाव में 400 सीटें आ जाती तो वे संविधान बदल देते! 

लेख में ऐसा क्या लिखा गया है?

द वायर के अनुसार 15 अगस्त को देबरॉय ने आर्थिक अख़बार मिंट में ” देयर इज़ ए केस फॉर वी द पीपल टू इंब्रेस अ न्यू कॉस्टिट्यूशन ” शीर्षक वालालेख लिखा था। इसमें उन्होंने लिखा था, “अब हमारे पास वह संविधान नहीं है जो हमें 1950 में विरासत में मिला था। इसमें संशोधन किए जाते हैं और हर बार वो बेहतरी के लिए नहीं होते, हालांकि 1973 से हमें बताया गया है कि इसकी ‘बुनियादी संरचना’ को बदला नहीं जा सकता है।”

“भले ही संसद के माध्यम से लोकतंत्र कुछ भी चाहता हो। जहाँ तक मैं इसे समझता हूं, 1973 का निर्णय मौजूदा संविधान में संशोधन पर लागू होता है, अगर नया संविधान होगा तो ये नियम उस पर लागू नहीं होगा।”

लेख में उन्होंने कहा है, “हम जो भी बहस करते हैं, वो ज़्यादातर संविधान से शुरू और ख़त्म होती है। महज़ कुछ संशोधनों से काम नहीं चलेगा। हमें ड्राइंग बोर्ड पर वापस जाना चाहिए और शुरू से शुरुआत करना चाहिए।”

“ये पूछना चाहिए कि संविधान की प्रस्तावना में समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक, न्याय, स्वतंत्रता और समानता जैसे शब्दों का अब क्या मतलब है। हमें ख़ुद को एक नया संविधान देना होगा।” देबरॉय ने एक स्टडी के हवाले से बताया कि लिखित संविधान का जीवनकाल महज़ 17 साल होता है। भारत के वर्तमान संविधान को उन्होंने औपनिवेशिक विरासत बताया है।

क्या वाकई हमारे संविधान को बदलने की कोशिश हो रही है? पद्म पुरस्कारों का अर्थ 

पद्म पुरस्कार, भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक हैं। ये पुरस्कार, किसी खास क्षेत्र में विशिष्ट योगदान देने वाले भारतीय नागरिकों को दिए जाते हैं। पद्म पुरस्कार तीन श्रेणियों में दिये जाते हैं। पद्म पुरस्कार भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में से एक हैं। ये पुरस्कार, विभिन्न क्षेत्रों जैसे कला, समाज सेवा, लोक-कार्य, विज्ञान और इंजीनियरी, व्यापार और उद्योग, चिकित्सा, साहित्य और शिक्षा, खेल-कूद, सिविल सेवा इत्यादि के संबंध में प्रदान किए जाते हैं।

अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि बिबेक देबरॉय ने 77वें स्वाधीनता दिवस 15 अगस्त 2024 को इंडियन एक्सप्रेस में भारतीय संविधान जो लेख लिखा, उसके बाद उन्हें पद्म भूषण सम्मान दिया जाना चाहिए था! अगर उनको यह  देश का सबसे बड़ा दूसरा सम्मान दिया जा रहा है तो इसका सीधे तौर पर यह मतलब नहीं कि प्रधानमंत्री मोदी देबरॉय के संविधान बदलने की बात से इत्तेफाक रखते हैं?

लोकसभा चुनावों में मोदी ने देश से झूठ क्यों बोला

फिर दूसरा सबसे बड़ा सवाल यह है कि लोकसभा चुनावों में मोदी ने देश से झूठ क्यों बोला? न्यूज़ क्लिक वेबसाइट ने तब अपनी एक स्टोरी में लिखा था कि प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष बिबेक देबरॉय ने 15 अगस्त को मिंट अख़बार में एक लेख में कहा कि नए संविधान की ज़रूरत है। उन्होंने डॉ. बीआर अंबेडकर के नेतृत्व में लिखे गए मौजूदा संविधान को ‘औपनिवेशिक विरासत’ का हिस्सा भी बताया। क्या ये विचार देबरॉय के अपने हैं या फिर वे मौजूदा सत्ता संरचना में व्याप्त विचारों को व्यक्त कर रहे हैं?

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दैनिक जागरण ने राजद के हवाले से अपनी स्टोरी कहा ‘आरजेडी ने कहा है कि आरएसएस और भाजपा बाबा साहब भीमराव अंबेडकर द्वारा बनाए संविधान को बदलने की तैयारी कर रही है। योजना है कि 2024 में फिर सत्ता में आएं और संघ की स्थापना के सौ साल पूरा होने से पहले संविधान बदलकर मनुस्मृति वाली व्यवस्था लागू कर दें। देश की जनता को इनकी साजिश का पता चल चुका है इसलिए भाजपा की सत्ता से विदा तय है।’

द प्रिंट के अनुसार बिबेक देबरॉय ने सुझाव दिया है कि यह एक औपनिवेशिक विरासत है। चूंकि हम अपनी औपनिवेशिक विरासत को त्यागने के लिए उत्साहित हैं, तो क्या हमें एक नए संविधान का विकल्प नहीं चुनना चाहिए? 

वस्तुतः औपनिवेशिक विरासत बताकर भारतीय संविधान को अपमानित करने वाले बिबेक देबरॉय कोई साधारण व्यक्ति नहीं थे। वे प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष थे। उनका लेख प्रकाशित होने के बाद कई दिनी तक केंद्र सरकार और भाजपा की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी। पर अब देबरॉय को पद्म भूषण पुरस्कार से नवाज़ कर मिडी ने अपनी मंशा जाहिर कर दी है। 

बिबेक देबरॉय पद्मश्री से सम्‍मानित थे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आर्थ‍िक सलाहकार परिषद के चेयरमैन थे।  वे नीति आयोग के सदस्‍य भी रह चुके थे।  उन्‍होंने कई किताबें भी लिखीं और उन्‍होंने महाभारत और पुराणों का सरल अंग्रेजी भाषा में अनुवाद भी किया था।  पिछले साल ‘नए संविधान’ की मांग करके वे विवादों में भी आए थे। 

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