सुशीला मीणा को लेकर BCCI और RCA घोर उदासीन, नेताओं ने TRP बढ़ाई धरातल पर कोई सहायता नहीं

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 24 दिसंबर 2024 | जयपुर : क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर ने जैसे ही ये लिखकर वीडियो शेयर किया। कुछ ही मिनटों में प्रतापगढ़ के धरियावद तहसील की 12 साल की सुशीला मीणा देशभर में चर्चित हो गई। राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले की सुशीला मीणा लगातार सोशल मीडिया पर छाई हुईं हैं।

सुशीला मीणा को लेकर BCCI और RCA घोर उदासीन

पांचवीं कक्षा की छात्रा सुशीला मीणा अपनी शानदार गेंदबाजी के कारण चर्चा का विषय बनी हुई है। उनकी गेंदबाजी का एक्शन पूर्व भारतीय क्रिकेटर जहीर खान की याद दिलाता है। भारत के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने भी सुशीला मीणा का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया था। 

सुशीला मीणा को लेकर BCCI और RCA घोर उदासीन

दुनियाभर में सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड बीसीसीआई वैसे तो सारे विश्व में कई देशों को आर्थिक और तकनीकी सहयोग डेटा है, पर आदिवासी बालिका सुशीला मीणा को लेकर अब तक कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी है। यह बहुत ही अफसोसजनक है।

नेताओं ने TRP बढ़ाई धरातल पर कोई सहायता नहीं

क्रिकेटर जहीर खान, बिजनेसमैन आनंद महिंद्रा, राजस्थान की डिप्टी CM दीया कुमारी और आप सांसद संजय सिंह जैसे बड़े लोगों ने तारीफों के पुल बांध दिए। लेकिन सुशीला की कहानी सिर्फ 30 सेकेंड की रील भर नहीं है। रील से इतर सुशीला की रियल स्टोरी जानने के लिए मूकनायक मीडिया टीम उनके घर पहुंची। 

राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (RCA) ने ग्रामीण प्रतिभाओं को निखारने के उद्देश्य से सुशीला मीणा को गोद लेने के लिए कहा है।  एडहॉक कमेटी के संयोजक विधायक जयदीप बिहानी ने बताया कि RCA सुशीला की पढ़ाई, कोचिंग और खेल से जुड़ा सारा खर्च वहन करेगा। 

27-28 दिसंबर को जयपुर में इस पहल की आधिकारिक घोषणा की जायेगी। यह कदम प्रदेश की अन्य प्रतिभाओं के लिए भी एक प्रेरणा साबित होगा। पर अभी तक किसी भी पदाधिकारी ने सुशीला मीणा से कोई संपर्क नहीं किया है।

सचिन तेंदुलकर द्वारा वीडियो साझा किए जाने के बाद वह सुर्खियों में आ गईं। उनकी बाएं हाथ की गेंदबाजी शैली को क्रिकेट प्रेमियों ने जहीर खान से जोड़कर देखा है। राजस्थान रॉयल्स के उपाध्यक्ष राजीव खन्ना ने कहा कि होनहार बालिका सुशीला मीणा को एकेडमी से जोड़ा जायेगा। ताकि उसे अच्छी ट्रेनिंग दी जा सके और उसकी प्रतिभा में और ज्यादा निखार लाया जा सके।

राजस्थान रॉयल्स की ओर से लड़कियों के लिए एकेडमी का संचालन करती है जहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महिला खिलाड़ी प्रशिक्षण लेती हैं। इस एकेडमी से सुशीला को भी जोड़ा जाएगा। अब देखना ये है, कि RCA सुशीला मीणा को कितना तराश पाता है?

चूल्हे पर खाना बनातीं सुशीला की मां। घर में गैस चूल्हा है, लेकिन सिलेंडर भरवाने के पैसे नहीं हैं।
चूल्हे पर खाना बनातीं सुशीला की मां घर में गैस चूल्हा है लेकिन सिलेंडर भरवाने के पैसे नहीं

दो साल से सिलेंडर नहीं भरवाया

सुशीला के पिता रतन मीणा अहमदाबाद में मजदूरी करते हैं। पहले मां शांतिबाई भी मजदूरी करती थीं। अब बच्चों की पढ़ाई के लिए घर संभालती हैं। रतन ने बताया कि 2017 में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत गांव में ही छोटा प्लॉट मिला था। पहली किस्त के बाद घर का काम पूरा नहीं करवा सके।

पत्नी की बीमारी में योजना के तहत मिले 80,000 रुपए खर्च हो गए। एक बाइक ली थी। उसकी भी दो महीने की किस्त बाकी है। सरकार की ओर से गैस चूल्हा और LPG कनेक्शन मिला था। बीते दो साल से सिलेंडर नहीं भरवाया है। शांति चूल्हे पर ही खाना बनाती हैं। शांति ने बताया कि सुशीला का वीडियो सामने आने के बाद रविवार को इतने मेहमान आए कि चीनी-दूध खत्म हो गया।

जिस घर में रह रहे हैं वह छप्पर और घास–फूस से बना है। इसी घर में सुशीला माता-पिता और दो भाई रवीन्द्र और जितेन्द्र के साथ रहती हैं। रतन कहते हैं मुफ्त बिजली का भी कोई लाभ नहीं, क्योंकि गांव में लाइट बहुत कम रहती है।

घर में न टीवी है न कोई अन्य सुविधा। पढ़ाई के लिए तीनों भाई–बहन इमरजेंसी लाइट का इस्तेमाल करते हैं। रतन बोले कि मेरे पास बेटी के क्रिकेट का सामान खरीदने का भी पैसा नहीं है। भामाशाह अब मदद कर रहे हैं तो उम्मीद है बेटी आगे बढ़ सकेगी। कई बड़े लोग सुशीला से फोन पर बात कर रहे हैं या मिलने आ रहे हैं, लेकिन अभी तक किसी ने मदद का जज्बा नहीं दिखाया है।

सरकारों के तमाम दावों के बाद भी राजस्थान के दूर-दराज इलाकों में लाइट न के बराबर ही आती है। सुशीला और उसके भाई-बहन भी लाइट कटौती के कारण काफी परेशान रहते हैं।

सरकारों के तमाम दावों के बाद भी राजस्थान के दूर-दराज इलाकों में लाइट न के बराबर ही आती है। सुशीला और उसके भाई-बहन भी लाइट कटौती के कारण काफी परेशान रहते हैं।

स्कूल के पास लेदर बॉल खरीदने तक के पैसे नहीं

गांव के जिस प्राइमरी स्कूल में सुशीला पढ़ती है, वहां न ग्राउंड है न खेलने की सुविधा। क्रिकेट खेलने का सामान भी सुशीला को उनके अध्यापक ईश्वरलाल ने खरीदकर दिया है। वायरल वीडियो में जिस जगह सुशीला बॉलिंग करते दिख रही है वह स्कूल का कंपाउंड है।

सुशीला पहले यहीं दीवार पर कोयले से विकेट बनाकर वह प्रैक्टिस करती थी। किट आने के बाद विकेट के सामने बॉल करने लगीं। जर्जर स्कूल में 9 अध्यापक थे। कुछ महीने पहले एक साथ चार अध्यापकों का ट्रांसफर हो गया। तब से कोई टीचर नहीं आया है। पांच अध्यापकों के भरोसे स्कूल के सारे बच्चे हैं।

स्कूल के बाद ईश्वर बच्चों को प्रैक्टिस करवाते हैं। लेदर बॉल महंगी होने के कारण वह टेनिस बॉल से प्रैक्टिस करती हैं। स्कूल ही नहीं पूरे गांव और धरियावद में बच्चों के खेलने के लिए कोई ग्राउंड नहीं है।

प्रतापगढ़ और धरियावद के सरकारी अधिकारी, राजनेता और प्रतापगढ़ विधायक राजस्व मंत्री हेमंत मीणा भी सुशीला से मिलने आए। भास्कर ने जब गांव में सुविधा बढ़ाने का सवाल किया तो किसी के पास जवाब नहीं था। मंत्री जी वायरल वीडियो को ही मदद पाने की व्यवस्था बताकर चले गए।

सुशीला नंगे पांव ही खेलने की आदी है। जूते पहनकर वह बॉल नहीं कर पाती।
सुशीला नंगे पांव ही खेलने की आदी है जूते पहनकर वह बॉल नहीं कर पाती

तीन साल पहले शुरू किया खेलना, 12 महीने में सीखा एक्शन

सुशीला ने बताया कि उन्हें क्रिकेट का शौक तीन–चार साल पहले लगा। उनके ताऊ की बेटी रेणुका मीणा भी कुछ समय पहले ऐसे ही बैटिंग करते वायरल हुई थीं। अब वह जयपुर में ट्रेनिंग कर रही हैं। उससे भी काफी प्रेरणा मिली।

बीते तीन साल से स्कूल में अपने टीचर ईश्वरलाल मीणा के साथ क्रिकेट की बारीकियां सीख रही हैं। साल भर पहले इस तरह का हाई आर्म एक्शन करना चालू किया। करीब 1 साल दिन-रात प्रैक्टिस कर एक्शन को सुधारा। सुशीला का कहना है कि-

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मुझे नहीं पता था कि मेरा बॉलिंग एक्शन किसी बड़े गेंदबाज (जहीर खान) जैसा है। मैं सचिन तेंदुलकर को भी नहीं जानती, लेकिन बड़ी होकर क्रिकेटर बनना है।

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सुशीला ने गांव और स्कूल में लड़कों को देख क्रिकेट खेलना शुरू किया था। आज उनकी तेज बॉलिंग के सामने गांव का कोई लड़का नहीं टिक पाता। स्कूल का ग्राउंड छोटा होने के कारण उनका रनअप बमुश्किल 10 कदम का है, लेकिन इसके बावजूद जो स्पीड उनकी बॉल में है वह कमाल है।

टीचर ईश्वरलाल मीणा सुशीला को क्रिकेट की बारीकियां सिखा रहे हैं।
टीचर ईश्वरलाल मीणा सुशीला को क्रिकेट की बारीकियां सिखा रहे हैं

यूट्यूब ट्यूटोरियल से सीखे गुर, वेरिएशन पर कर रहीं काम

पांचवीं कक्षा की छात्रा सुशीला के कोच ईश्वरलाल कहते हैं कि 2017 में सुशीला के गांव के प्राइमरी स्कूल में पोस्टिंग हुई। इसी दौरान सुशीला ने ड्रॉपआउट के बाद दोबारा तीसरी कक्षा में प्रवेश लिया था। तीन साल से उसे खेल सिखा रहे हैं।

मीणा ने बताया कि पहले उसका एक्शन ऐसा नहीं था। बॉलिंग में उसका हाई एंड एक्शन देखकर उसे सुधारना शुरू किया। वह बॉल की ग्रिप, आउट स्विंग, इन स्विंग और यॉर्कर बहुत अच्छी करती है। सुशीला को यूट्युूब पर बॉलिंग ट्यूटोरियल देखकर ईश्वर ने ही ट्रेंड किया है।

सुशीला का पहला वीडियो 7 दिन पहले वायरल हुआ था, जिस पर 28 मिलियन व्यूज थे। दूसरे वीडियो को 38.6 मिलियन लोगों ने देखा। वहीं जिस वीडियो ने सबसे ज्यादा धूम मचाई उस पर 44.6 मिलियन व्यूज आ चुके हैं और यह अब भी वायरल है। ईश्वरलाल का कहना है कि सरकार की ओर से स्कूल को सुविधाएं मिले तो हर घर में सुशीला जैसी खिलाड़ी निकल सकती हैं।

घर के बाहर सुशीला के माता-पिता व परिचित।
घर के बाहर सुशीला के माता-पिता व परिचित

मां बोली मैं नहीं पढ़ सकी, बेटी को जरूर आगे बढ़ाऊंगी

सुशीला की मां शांति बाई खुद 5वीं तक पढ़ी हैं। शादी भी 20 की उम्र में हो गई। आज तीन बच्चे हैं। सुशीला को मिली तारीफें सुनकर कहती हैं- चाहे कुछ हो जाए, बेटी को पढ़ाऊंगी और खेल में आगे बढ़ाऊंगी। हर कोशिश करुंगी जिससे बेटी का क्रिकेटर बनने का सपना पूरा हो सके।

वहीं सुशीला की दादी सुखमी बोलीं- हमारी उम्र में घर से बाहर निकलने दिया जाता था, वही बहुत था। आज मेरी दो पोतियां क्रिकेट खेल रही हैं बड़ी बात है। मेरी यही दुआ है कि खूब खेलें और नाम रोशन करें।

फोरी तौर पर अब तक इन्होंने बढ़ाए मदद को हाथ

  • आदित्य बिरला ग्रुप ने बच्ची को देश में कहीं भी पढ़ने और ट्रेनिंग लेने का आश्वासन दिया है।
  • मिस इंडिया 2022 की ओर से 51,000 की राशि देने की घोषणा की गई है।
  • क्रिकेटर अशोक मेनारिया के कोच ने भी उदयपुर में अपनी कोचिंग में ट्रेंड करने की बात कही है।
  • रोहित शर्मा और शार्दुल ठाकुर के कोच ने भी सुशीला को मुंबई बुलाया है।
वीडियो सामने आने के बाद राजस्व मंत्री हेमंत मीणा भी सुशीला से मिलने पहुंचे।
वीडियो सामने आने के बाद राजस्व मंत्री हेमंत मीणा भी सुशीला से मिलने पहुंचे

60 किमी दूर कैसे खेलने जायें बेटियां

राजस्व मंत्री हेमंत मीणा ने रविवार को सुशीला के घर पहुंचकर उससे मुलाकात की। भास्कर रिपोर्टर ने उनसे गांव में खेल की सुविधाएं और ग्राउंड विकसित करने के बारे में पूछा। मीणा बोले- यह सही है कि धरियावद में ग्राउंड और सुख सुविधाओं की समस्या है। प्रतापगढ़ में जिला हेडक्वार्टर पर आएं। यहां बालिकाओं के लिए खेल छात्रावास की पूरी व्यवस्था है।

यह भी पढ़ें : मप्र RTO को खुली छूट सरकार अंधी है जितना मर्ज़ी लूट करोड़ों के भ्रष्टाचार का भंडाफोड़

मंत्री जी यह भूल गए कि सुशीला के गांव रमेरा तालाब से प्रतापगढ़ की दूरी करीब 60 किमी है। हालांकि, बाद में उन्होंने कहा- अगर गांव के लिए भी भविष्य में जरूरत पड़ती है तो ग्राउंड के लिए जमीन देने का काम हम करेंगे।

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RCA की बर्बादी के लिए कौन है जिम्मेदार, राजस्थान के क्रिकेटर्स का भविष्य चौपट

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 26 मार्च 2025 | जयपुर :  राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (RCA) की एडहॉक कमेटी पर शिकंजा कसता जा रहा है। एडहॉक कमेटी को अब राज्य सरकार ने नोटिस जारी कर पिछले एक साल में हुए खर्चों का ब्योरा मांगा है। आरोप है कि कमेटी पदाधिकारी अपने निजी खर्चों के लिए पैसों का इस्तेमाल कर रहे हैं।

RCA की बर्बादी के लिए कौन है जिम्मेदार

खेल विभाग के सचिव नीरज कुमार पवन ने बताया- वित्तीय अनियमितताओं की शिकायत मिली थी। इसलिए पूरे मामले की जांच करने का फैसला किया गया है। खर्चों की पूरी जानकारी मांगी गई है। वहीं नई कमेटी के गठन की प्रक्रिया तेज हो गई है।

RCA की बर्बादी के लिए कौन है जिम्मेदार

वर्तमान की एडहॉक कमेटी का गठन एक साल पहले किया गया था। सबसे बड़ा सवाल यह है कि RCA कि बर्बादी के लिए जिम्मेदार कौन है और राजस्थान के होनहार खिलाडियों का करियर कौन बर्बाद कर रहा है?

“RCA की बर्बादी” से आपका तात्पर्य संभवतः राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (Rajasthan Cricket Association) से है। इस सवाल का जवाब देना जटिल है क्योंकि इसके लिए कोई एक व्यक्ति या समूह को स्पष्ट रूप से जिम्मेदार ठहराना संभव नहीं है बिना ठोस तथ्यों और संदर्भ के। यह एक राय-आधारित प्रश्न है जो राजनीतिक, प्रशासनिक और संगठनात्मक कारकों पर निर्भर करता है।

हाल के घटनाक्रमों के आधार पर, जैसे कि फरवरी 2024 में राज्य खेल परिषद द्वारा RCA के दफ्तर पर ताला लगाने की घटना, कुछ लोग इसे राजनीतिक द्वेष से जोड़ते हैं। उदाहरण के लिए, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसे “राजनीतिक प्रतिशोध” करार दिया था, क्योंकि उनके बेटे वैभव गहलोत RCA के अध्यक्ष हैं। दूसरी ओर, यह भी संभव है कि संगठन के आंतरिक प्रबंधन, वित्तीय अनियमितताओं या नीतिगत विवादों ने इसके संकट में योगदान दिया हो।

एडहॉक कमेटी पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप

आईपीएल शुरू होने से ठीक पहले राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (आरसीए) की एडहॉक कमेटी पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। कमेटी के सदस्यों पर आरसीए के फंड का दुरुपयोग करने, खुद के लिए महंगे आईफोन खरीदने और अनावश्यक रूप से महंगे समारोह आयोजित करने के आरोप हैं।

राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन की बर्बादी के लिए कौन है जिम्मेदार

कमेटी के सदस्यों ने कथित रूप से आरसीए के पैसों से 2 लाख रुपये के महंगे आईफोन खरीदे। इसके अलावा, उन्होंने फंड का उपयोग कर महंगे सूट भी सिलवाए। आरसीए के पास खुद का लक्जरी होटल होने के बावजूद बाहरी महंगे होटलों में समारोह आयोजित किए गए, जिससे अनावश्यक खर्च बढ़ा। एक समारोह में 35 लाख रुपये खर्च करने की जानकारी सामने आई है, जबकि पुरस्कार राशि केवल 5 लाख रुपये थी।

सदस्यों पर फर्जी टीए-डीए लेने का भी आरोप है। नियमों के अनुसार, एडहॉक कमेटी का काम केवल तीन माह में चुनाव कराना होता है, लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी चुनाव नहीं कराए गए। साथ ही, राजस्थान का प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाड़ियों को कार्यक्रमों में निमंत्रण नहीं भेजा गया और साधारण सभा की बैठक भी नहीं बुलाई गई, जो कि वित्तीय मामलों को प्रमाणित करने के लिए आवश्यक होती है।

राजस्थान के क्रिकेटर्स का भविष्य चौपट

पहले भी खिलाड़ियों के चयन को लेकर एडहॉक कमेटी पर भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके हैं। अब इन नए आरोपों ने राजस्थान के क्रिकेट समुदाय में आक्रोश फैला दिया है। क्रिकेट प्रेमियों और खिलाड़ियों ने सरकार से इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। उनका कहना है कि आरसीए के फंड का सही उपयोग सुनिश्चित किया जाना चाहिए ताकि राजस्थान में क्रिकेट का विकास हो सके।

राजस्थान के क्रिकेटर्स का भविष्य “चौपट” होने की बात एक गंभीर चिंता का विषय हो सकती है, लेकिन इसे समझने के लिए हमें कई पहलुओं पर नजर डालनी होगी। राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (RCA) के हाल के विवादों और प्रबंधन से जुड़े मुद्दों ने निश्चित रूप से राज्य के क्रिकेट पर असर डाला है।

पिछले कुछ वर्षों में RCA में आंतरिक कलह, नेतृत्व के झगड़े और प्रशासनिक अस्थिरता की खबरें सामने आई हैं। उदाहरण के लिए, 2013 में ललित मोदी और उनके विरोधियों के बीच टकराव ने संगठन को दो खेमों में बांट दिया था, जिसका असर खिलाड़ियों के चयन और विकास पर पड़ा।

हाल ही में, फरवरी 2024 में राज्य खेल परिषद द्वारा RCA दफ्तर पर ताला लगाने की घटना ने भी सुर्खियां बटोरीं, जिसे राजनीतिक हस्तक्षेप के रूप में देखा गया। ये विवाद युवा क्रिकेटर्स के लिए अनिश्चितता पैदा करते हैं, क्योंकि संगठन की अस्थिरता सीधे तौर पर ट्रेनिंग, कोचिंग और टूर्नामेंट्स की गुणवत्ता को प्रभावित करती है।

इसके अलावा, संसाधनों की कमी भी एक बड़ी समस्या है। ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को उचित सुविधाएं, कोचिंग और एक्सपोजर नहीं मिल पाता। X पर कुछ यूजर्स ने भी इस ओर इशारा किया है कि स्कूलों में भेजी गई खेल सामग्री की गुणवत्ता घटिया है, जिससे बुनियादी स्तर पर खिलाड़ियों का विकास बाधित हो रहा है। साथ ही, चयन प्रक्रिया में कथित तौर पर जातिवाद और पक्षपात की शिकायतें भी सामने आती रही हैं, जो प्रतिभा को मौका देने के बजाय उसे दबा सकती हैं।

हालांकि, यह कहना कि भविष्य पूरी तरह “चौपट” है, शायद अतिशयोक्ति हो। राजस्थान ने अजिंक्य रहाणे, दीपक हुड्डा और राहुल चाहर जैसे खिलाड़ी दिए हैं, जो राष्ट्रीय और IPL स्तर पर चमके। राज्य में प्रतिभा की कमी नहीं है, लेकिन RCA को स्थिरता, पारदर्शिता और बेहतर नीतियों की जरूरत है। अगर प्रशासन सुधरे, कोचिंग सिस्टम मजबूत हो और युवाओं को सही मंच मिले, तो राजस्थान के क्रिकेटर्स का भविष्य फिर से उज्ज्वल हो सकता है।

3 महीने में होने चाहिए चुनाव

नीरज कुमार पवन ने कहा- हम यही कोशिश करेंगे कि जो भी सदस्य अब एडहॉक कमेटी में आए। वह अगले तीन महीने में राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के लंबित चुनाव की प्रक्रिया को पूरा करे। ताकि क्रिकेट की जो गतिविधियां है। वह सही ढंग और सुचारू रूप से संचालित की जा सकें।

राजस्थान क्रीड़ा परिषद ने जारी किया नोटिस।

लाखों रुपए गलत तरीके से खर्च करने के आरोप

दरअसल, पिछले दिनों राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन की एडहॉक कमेटी पर खिलाड़ियों के अवॉर्ड फंक्शन के नाम पर लाखों रुपए गलत ढंग से खर्च करने के आरोप लगे थे। राजस्थान क्रीड़ा परिषद ने जारी किया नोटिस।

इसको लेकर काफी जिला संघों के पदाधिकारियों ने खेल मंत्री और खेल विभाग के सचिव तक भी शिकायत की थी। इसमें उन्होंने बताया था कि खिलाड़ियों के पैसे से एडहॉक कमेटी के पदाधिकारी महंगे मोबाइल फोन खरीदने के साथ ही सूट स्टिच करवा रहे हैं।

इसके साथ ही बेवजह लाखों रुपए खर्च कर फाइव स्टार होटल में प्रोग्राम किया जा रहा है। इसके लिए गलत ढंग से एक इवेंट कंपनी को साढ़े सात लाख रुपए में ठेका भी दिया गया है। खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने राजस्थान के खेल संघ की वित्तीय ऑडिट करने के आदेश दिए थे।

खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने राजस्थान के खेल संघ की वित्तीय ऑडिट करने के आदेश दिए थे।

खेल मंत्री ने किया था ट्वीट

खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने ट्वीट कर कहा था कि खेल परिषद को राज्य के सभी खेल निकायों, जिनमें क्रिकेट भी शामिल हैं। ऐसे सभी खेल संघों के लिए एक उच्च स्तरीय शासन प्रणाली लागू करनी चाहिए। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड द्वारा अपनाई गई नीतियों की तरह राजस्थान में भी खेल संगठनों का संचालन किया जाना चाहिए।

28 मार्च को एडहॉक कमेटी का गठन किया था

राजस्थान सरकार ने आरसीए की कार्यकारिणी को भंग कर सरकार ने 28 मार्च 2024 को एडहॉक कमेटी का गठन किया था। इसे 3 महीने में आरसीए के चुनाव कराने की जिम्मेदारी दी गई थी।

लगभग एक साल बाद भी सरकार की ओर से गठित की गई एडहॉक कमेटी आरसीए के चुनाव नहीं करा पाई है। कमेटी में बीजेपी विधायक जयदीप बिहाणी कन्वीनर और धनंजय खींवसर, धर्मवीर सिंह शेखावत, रतन सिंह शेखावत, हरीशचंद्र सिंह और विमल शर्मा ही सदस्य हैं।

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राहुल द्रविड़ व्हीलचेयर पर बैठकर राजस्थानी अंदाज में गुलाबी साफा पहन खेली होली

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 14 मार्च 2025 | जयपुर : राजस्थान रॉयल्स टीम के खिलाड़ियों और कोच ने जयपुर में होली खेली। प्रैक्टिस कैंप में पहुंचे रॉयल्स के खिलाड़ियों ने मैरियट होटल के गार्डन एरिया में जमकर होली का जश्न मनाया। इस दौरान टीम के चीफ कोच राहुल द्रविड़ व्हीलचेयर पर बैठकर राजस्थानी अंदाज में गुलाबी साफा पहन होली खेलने पहुंचे।

राहुल द्रविड़ व्हीलचेयर पर बैठकर राजस्थानी अंदाज में गुलाबी साफा पहन खेली होली

राहुल द्रविड़ व्हीलचेयर पर बैठकर राजस्थानी अंदाज में गुलाबी साफा पहन खेली होली

इस दौरान सभी खिलाड़ियों ने राजस्थान रॉयल्स के चीफ कोच और मैनेजमेंट के सदस्यों के साथ ग्रुप फोटो भी क्लिक करवाई। खिलाड़ियों ने एक दूसरे को गुलाल और पानी से रंग दिया।

आईपीएल के पिछले सीजन में शानदार बैटिंग करने वाले रियान पराग धुलंडी के मौके पर एक अलग ही रंग में नजर आए। उन्होंने सबसे पहले खुद को ही गुलाबी रंग लगाया और होली की शुभकामनाएं दी। इसके बाद वह अपने साथी खिलाड़ियों के साथ जमकर डांस और मस्ती करते नजर आए।

खिलाड़ियों ने एक दूसरे को गुलाल और पानी से रंग दिया।

सभी खिलाड़ियों ने साथ में फोटो खिंचवाई

होली का जश्न मनाने के दौरान राजस्थान रॉयल्स के बल्लेबाज रियान पराग और ध्रुव जुरैल सबसे ज्यादा मस्ती करते नजर आए। दोनों खिलाड़ियों ने टीम के अन्य सदस्यों पर जमकर गुलाल उड़ाया। दोनों ने साथी खिलाड़ियों के साथ बॉलीवुड गानों पर जमकर डांस किया। 

देखिए, खिलाड़ियों की होली की मस्ती की तस्वीरें…

रियान पराग ने खुद को गुलाल लगाकर होली की बधाई दी।

रियान पराग ने खुद को गुलाल लगाकर होली की बधाई दी।

राजस्थान रॉयल्स के खिलाड़ियों ने गुलाल से होली का जश्न मनाया।

राजस्थान रॉयल्स के खिलाड़ियों ने गुलाल से होली का जश्न मनाया।

राजस्थान के खिलाड़ियों ने मैरियट होटल के गार्डन एरिया में जमकर मस्ती की।

राजस्थान के खिलाड़ियों ने मैरियट होटल के गार्डन एरिया में जमकर मस्ती की।

खिलाड़ी रंग लगाने के साथ एक दूसरे के कपड़े फाड़ते नजर आए।

खिलाड़ी रंग लगाने के साथ एक दूसरे के कपड़े फाड़ते नजर आए।

राहुल द्रविड़ ने व्हीलचेयर पर बैठकर ही खिलाड़ियों के साथ होली खेली।

राहुल द्रविड़ ने व्हीलचेयर पर बैठकर ही खिलाड़ियों के साथ होली खेली।

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