मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 24 दिसंबर 2024 | जयपुर : क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर ने जैसे ही ये लिखकर वीडियो शेयर किया। कुछ ही मिनटों में प्रतापगढ़ के धरियावद तहसील की 12 साल की सुशीला मीणा देशभर में चर्चित हो गई। राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले की सुशीला मीणा लगातार सोशल मीडिया पर छाई हुईं हैं।
सुशीला मीणा को लेकर BCCI और RCA घोर उदासीन
पांचवीं कक्षा की छात्रा सुशीला मीणा अपनी शानदार गेंदबाजी के कारण चर्चा का विषय बनी हुई है। उनकी गेंदबाजी का एक्शन पूर्व भारतीय क्रिकेटर जहीर खान की याद दिलाता है। भारत के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने भी सुशीला मीणा का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया था।
दुनियाभर में सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड बीसीसीआई वैसे तो सारे विश्व में कई देशों को आर्थिक और तकनीकी सहयोग डेटा है, पर आदिवासी बालिका सुशीला मीणा को लेकर अब तक कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी है। यह बहुत ही अफसोसजनक है।
नेताओं ने TRP बढ़ाई धरातल पर कोई सहायता नहीं
क्रिकेटर जहीर खान, बिजनेसमैन आनंद महिंद्रा, राजस्थान की डिप्टी CM दीया कुमारी और आप सांसद संजय सिंह जैसे बड़े लोगों ने तारीफों के पुल बांध दिए। लेकिन सुशीला की कहानी सिर्फ 30 सेकेंड की रील भर नहीं है। रील से इतर सुशीला की रियल स्टोरी जानने के लिए मूकनायक मीडिया टीम उनके घर पहुंची।
राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (RCA) ने ग्रामीण प्रतिभाओं को निखारने के उद्देश्य से सुशीला मीणा को गोद लेने के लिए कहा है। एडहॉक कमेटी के संयोजक विधायक जयदीप बिहानी ने बताया कि RCA सुशीला की पढ़ाई, कोचिंग और खेल से जुड़ा सारा खर्च वहन करेगा।
27-28 दिसंबर को जयपुर में इस पहल की आधिकारिक घोषणा की जायेगी। यह कदम प्रदेश की अन्य प्रतिभाओं के लिए भी एक प्रेरणा साबित होगा। पर अभी तक किसी भी पदाधिकारी ने सुशीला मीणा से कोई संपर्क नहीं किया है।
सचिन तेंदुलकर द्वारा वीडियो साझा किए जाने के बाद वह सुर्खियों में आ गईं। उनकी बाएं हाथ की गेंदबाजी शैली को क्रिकेट प्रेमियों ने जहीर खान से जोड़कर देखा है। राजस्थान रॉयल्स के उपाध्यक्ष राजीव खन्ना ने कहा कि होनहार बालिका सुशीला मीणा को एकेडमी से जोड़ा जायेगा। ताकि उसे अच्छी ट्रेनिंग दी जा सके और उसकी प्रतिभा में और ज्यादा निखार लाया जा सके।
राजस्थान रॉयल्स की ओर से लड़कियों के लिए एकेडमी का संचालन करती है जहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महिला खिलाड़ी प्रशिक्षण लेती हैं। इस एकेडमी से सुशीला को भी जोड़ा जाएगा। अब देखना ये है, कि RCA सुशीला मीणा को कितना तराश पाता है?
दो साल से सिलेंडर नहीं भरवाया
सुशीला के पिता रतन मीणा अहमदाबाद में मजदूरी करते हैं। पहले मां शांतिबाई भी मजदूरी करती थीं। अब बच्चों की पढ़ाई के लिए घर संभालती हैं। रतन ने बताया कि 2017 में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत गांव में ही छोटा प्लॉट मिला था। पहली किस्त के बाद घर का काम पूरा नहीं करवा सके।
पत्नी की बीमारी में योजना के तहत मिले 80,000 रुपए खर्च हो गए। एक बाइक ली थी। उसकी भी दो महीने की किस्त बाकी है। सरकार की ओर से गैस चूल्हा और LPG कनेक्शन मिला था। बीते दो साल से सिलेंडर नहीं भरवाया है। शांति चूल्हे पर ही खाना बनाती हैं। शांति ने बताया कि सुशीला का वीडियो सामने आने के बाद रविवार को इतने मेहमान आए कि चीनी-दूध खत्म हो गया।
जिस घर में रह रहे हैं वह छप्पर और घास–फूस से बना है। इसी घर में सुशीला माता-पिता और दो भाई रवीन्द्र और जितेन्द्र के साथ रहती हैं। रतन कहते हैं मुफ्त बिजली का भी कोई लाभ नहीं, क्योंकि गांव में लाइट बहुत कम रहती है।
घर में न टीवी है न कोई अन्य सुविधा। पढ़ाई के लिए तीनों भाई–बहन इमरजेंसी लाइट का इस्तेमाल करते हैं। रतन बोले कि मेरे पास बेटी के क्रिकेट का सामान खरीदने का भी पैसा नहीं है। भामाशाह अब मदद कर रहे हैं तो उम्मीद है बेटी आगे बढ़ सकेगी। कई बड़े लोग सुशीला से फोन पर बात कर रहे हैं या मिलने आ रहे हैं, लेकिन अभी तक किसी ने मदद का जज्बा नहीं दिखाया है।
सरकारों के तमाम दावों के बाद भी राजस्थान के दूर-दराज इलाकों में लाइट न के बराबर ही आती है। सुशीला और उसके भाई-बहन भी लाइट कटौती के कारण काफी परेशान रहते हैं।
स्कूल के पास लेदर बॉल खरीदने तक के पैसे नहीं
गांव के जिस प्राइमरी स्कूल में सुशीला पढ़ती है, वहां न ग्राउंड है न खेलने की सुविधा। क्रिकेट खेलने का सामान भी सुशीला को उनके अध्यापक ईश्वरलाल ने खरीदकर दिया है। वायरल वीडियो में जिस जगह सुशीला बॉलिंग करते दिख रही है वह स्कूल का कंपाउंड है।
सुशीला पहले यहीं दीवार पर कोयले से विकेट बनाकर वह प्रैक्टिस करती थी। किट आने के बाद विकेट के सामने बॉल करने लगीं। जर्जर स्कूल में 9 अध्यापक थे। कुछ महीने पहले एक साथ चार अध्यापकों का ट्रांसफर हो गया। तब से कोई टीचर नहीं आया है। पांच अध्यापकों के भरोसे स्कूल के सारे बच्चे हैं।
स्कूल के बाद ईश्वर बच्चों को प्रैक्टिस करवाते हैं। लेदर बॉल महंगी होने के कारण वह टेनिस बॉल से प्रैक्टिस करती हैं। स्कूल ही नहीं पूरे गांव और धरियावद में बच्चों के खेलने के लिए कोई ग्राउंड नहीं है।
प्रतापगढ़ और धरियावद के सरकारी अधिकारी, राजनेता और प्रतापगढ़ विधायक राजस्व मंत्री हेमंत मीणा भी सुशीला से मिलने आए। भास्कर ने जब गांव में सुविधा बढ़ाने का सवाल किया तो किसी के पास जवाब नहीं था। मंत्री जी वायरल वीडियो को ही मदद पाने की व्यवस्था बताकर चले गए।
तीन साल पहले शुरू किया खेलना, 12 महीने में सीखा एक्शन
सुशीला ने बताया कि उन्हें क्रिकेट का शौक तीन–चार साल पहले लगा। उनके ताऊ की बेटी रेणुका मीणा भी कुछ समय पहले ऐसे ही बैटिंग करते वायरल हुई थीं। अब वह जयपुर में ट्रेनिंग कर रही हैं। उससे भी काफी प्रेरणा मिली।
बीते तीन साल से स्कूल में अपने टीचर ईश्वरलाल मीणा के साथ क्रिकेट की बारीकियां सीख रही हैं। साल भर पहले इस तरह का हाई आर्म एक्शन करना चालू किया। करीब 1 साल दिन-रात प्रैक्टिस कर एक्शन को सुधारा। सुशीला का कहना है कि-
मुझे नहीं पता था कि मेरा बॉलिंग एक्शन किसी बड़े गेंदबाज (जहीर खान) जैसा है। मैं सचिन तेंदुलकर को भी नहीं जानती, लेकिन बड़ी होकर क्रिकेटर बनना है।
सुशीला ने गांव और स्कूल में लड़कों को देख क्रिकेट खेलना शुरू किया था। आज उनकी तेज बॉलिंग के सामने गांव का कोई लड़का नहीं टिक पाता। स्कूल का ग्राउंड छोटा होने के कारण उनका रनअप बमुश्किल 10 कदम का है, लेकिन इसके बावजूद जो स्पीड उनकी बॉल में है वह कमाल है।
यूट्यूब ट्यूटोरियल से सीखे गुर, वेरिएशन पर कर रहीं काम
पांचवीं कक्षा की छात्रा सुशीला के कोच ईश्वरलाल कहते हैं कि 2017 में सुशीला के गांव के प्राइमरी स्कूल में पोस्टिंग हुई। इसी दौरान सुशीला ने ड्रॉपआउट के बाद दोबारा तीसरी कक्षा में प्रवेश लिया था। तीन साल से उसे खेल सिखा रहे हैं।
मीणा ने बताया कि पहले उसका एक्शन ऐसा नहीं था। बॉलिंग में उसका हाई एंड एक्शन देखकर उसे सुधारना शुरू किया। वह बॉल की ग्रिप, आउट स्विंग, इन स्विंग और यॉर्कर बहुत अच्छी करती है। सुशीला को यूट्युूब पर बॉलिंग ट्यूटोरियल देखकर ईश्वर ने ही ट्रेंड किया है।
सुशीला का पहला वीडियो 7 दिन पहले वायरल हुआ था, जिस पर 28 मिलियन व्यूज थे। दूसरे वीडियो को 38.6 मिलियन लोगों ने देखा। वहीं जिस वीडियो ने सबसे ज्यादा धूम मचाई उस पर 44.6 मिलियन व्यूज आ चुके हैं और यह अब भी वायरल है। ईश्वरलाल का कहना है कि सरकार की ओर से स्कूल को सुविधाएं मिले तो हर घर में सुशीला जैसी खिलाड़ी निकल सकती हैं।
मां बोली मैं नहीं पढ़ सकी, बेटी को जरूर आगे बढ़ाऊंगी
सुशीला की मां शांति बाई खुद 5वीं तक पढ़ी हैं। शादी भी 20 की उम्र में हो गई। आज तीन बच्चे हैं। सुशीला को मिली तारीफें सुनकर कहती हैं- चाहे कुछ हो जाए, बेटी को पढ़ाऊंगी और खेल में आगे बढ़ाऊंगी। हर कोशिश करुंगी जिससे बेटी का क्रिकेटर बनने का सपना पूरा हो सके।
वहीं सुशीला की दादी सुखमी बोलीं- हमारी उम्र में घर से बाहर निकलने दिया जाता था, वही बहुत था। आज मेरी दो पोतियां क्रिकेट खेल रही हैं बड़ी बात है। मेरी यही दुआ है कि खूब खेलें और नाम रोशन करें।
फोरी तौर पर अब तक इन्होंने बढ़ाए मदद को हाथ
- आदित्य बिरला ग्रुप ने बच्ची को देश में कहीं भी पढ़ने और ट्रेनिंग लेने का आश्वासन दिया है।
- मिस इंडिया 2022 की ओर से 51,000 की राशि देने की घोषणा की गई है।
- क्रिकेटर अशोक मेनारिया के कोच ने भी उदयपुर में अपनी कोचिंग में ट्रेंड करने की बात कही है।
- रोहित शर्मा और शार्दुल ठाकुर के कोच ने भी सुशीला को मुंबई बुलाया है।
60 किमी दूर कैसे खेलने जायें बेटियां
राजस्व मंत्री हेमंत मीणा ने रविवार को सुशीला के घर पहुंचकर उससे मुलाकात की। भास्कर रिपोर्टर ने उनसे गांव में खेल की सुविधाएं और ग्राउंड विकसित करने के बारे में पूछा। मीणा बोले- यह सही है कि धरियावद में ग्राउंड और सुख सुविधाओं की समस्या है। प्रतापगढ़ में जिला हेडक्वार्टर पर आएं। यहां बालिकाओं के लिए खेल छात्रावास की पूरी व्यवस्था है।
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मंत्री जी यह भूल गए कि सुशीला के गांव रमेरा तालाब से प्रतापगढ़ की दूरी करीब 60 किमी है। हालांकि, बाद में उन्होंने कहा- अगर गांव के लिए भी भविष्य में जरूरत पड़ती है तो ग्राउंड के लिए जमीन देने का काम हम करेंगे।