
मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 26 मार्च 2025 | जयपुर : राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (RCA) की एडहॉक कमेटी पर शिकंजा कसता जा रहा है। एडहॉक कमेटी को अब राज्य सरकार ने नोटिस जारी कर पिछले एक साल में हुए खर्चों का ब्योरा मांगा है। आरोप है कि कमेटी पदाधिकारी अपने निजी खर्चों के लिए पैसों का इस्तेमाल कर रहे हैं।
RCA की बर्बादी के लिए कौन है जिम्मेदार
खेल विभाग के सचिव नीरज कुमार पवन ने बताया- वित्तीय अनियमितताओं की शिकायत मिली थी। इसलिए पूरे मामले की जांच करने का फैसला किया गया है। खर्चों की पूरी जानकारी मांगी गई है। वहीं नई कमेटी के गठन की प्रक्रिया तेज हो गई है।

वर्तमान की एडहॉक कमेटी का गठन एक साल पहले किया गया था। सबसे बड़ा सवाल यह है कि RCA कि बर्बादी के लिए जिम्मेदार कौन है और राजस्थान के होनहार खिलाडियों का करियर कौन बर्बाद कर रहा है?
“RCA की बर्बादी” से आपका तात्पर्य संभवतः राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (Rajasthan Cricket Association) से है। इस सवाल का जवाब देना जटिल है क्योंकि इसके लिए कोई एक व्यक्ति या समूह को स्पष्ट रूप से जिम्मेदार ठहराना संभव नहीं है बिना ठोस तथ्यों और संदर्भ के। यह एक राय-आधारित प्रश्न है जो राजनीतिक, प्रशासनिक और संगठनात्मक कारकों पर निर्भर करता है।
हाल के घटनाक्रमों के आधार पर, जैसे कि फरवरी 2024 में राज्य खेल परिषद द्वारा RCA के दफ्तर पर ताला लगाने की घटना, कुछ लोग इसे राजनीतिक द्वेष से जोड़ते हैं। उदाहरण के लिए, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसे “राजनीतिक प्रतिशोध” करार दिया था, क्योंकि उनके बेटे वैभव गहलोत RCA के अध्यक्ष हैं। दूसरी ओर, यह भी संभव है कि संगठन के आंतरिक प्रबंधन, वित्तीय अनियमितताओं या नीतिगत विवादों ने इसके संकट में योगदान दिया हो।
एडहॉक कमेटी पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप
आईपीएल शुरू होने से ठीक पहले राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (आरसीए) की एडहॉक कमेटी पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। कमेटी के सदस्यों पर आरसीए के फंड का दुरुपयोग करने, खुद के लिए महंगे आईफोन खरीदने और अनावश्यक रूप से महंगे समारोह आयोजित करने के आरोप हैं।

कमेटी के सदस्यों ने कथित रूप से आरसीए के पैसों से 2 लाख रुपये के महंगे आईफोन खरीदे। इसके अलावा, उन्होंने फंड का उपयोग कर महंगे सूट भी सिलवाए। आरसीए के पास खुद का लक्जरी होटल होने के बावजूद बाहरी महंगे होटलों में समारोह आयोजित किए गए, जिससे अनावश्यक खर्च बढ़ा। एक समारोह में 35 लाख रुपये खर्च करने की जानकारी सामने आई है, जबकि पुरस्कार राशि केवल 5 लाख रुपये थी।
सदस्यों पर फर्जी टीए-डीए लेने का भी आरोप है। नियमों के अनुसार, एडहॉक कमेटी का काम केवल तीन माह में चुनाव कराना होता है, लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी चुनाव नहीं कराए गए। साथ ही, राजस्थान का प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाड़ियों को कार्यक्रमों में निमंत्रण नहीं भेजा गया और साधारण सभा की बैठक भी नहीं बुलाई गई, जो कि वित्तीय मामलों को प्रमाणित करने के लिए आवश्यक होती है।
राजस्थान के क्रिकेटर्स का भविष्य चौपट
पहले भी खिलाड़ियों के चयन को लेकर एडहॉक कमेटी पर भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके हैं। अब इन नए आरोपों ने राजस्थान के क्रिकेट समुदाय में आक्रोश फैला दिया है। क्रिकेट प्रेमियों और खिलाड़ियों ने सरकार से इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। उनका कहना है कि आरसीए के फंड का सही उपयोग सुनिश्चित किया जाना चाहिए ताकि राजस्थान में क्रिकेट का विकास हो सके।
राजस्थान के क्रिकेटर्स का भविष्य “चौपट” होने की बात एक गंभीर चिंता का विषय हो सकती है, लेकिन इसे समझने के लिए हमें कई पहलुओं पर नजर डालनी होगी। राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (RCA) के हाल के विवादों और प्रबंधन से जुड़े मुद्दों ने निश्चित रूप से राज्य के क्रिकेट पर असर डाला है।
पिछले कुछ वर्षों में RCA में आंतरिक कलह, नेतृत्व के झगड़े और प्रशासनिक अस्थिरता की खबरें सामने आई हैं। उदाहरण के लिए, 2013 में ललित मोदी और उनके विरोधियों के बीच टकराव ने संगठन को दो खेमों में बांट दिया था, जिसका असर खिलाड़ियों के चयन और विकास पर पड़ा।
हाल ही में, फरवरी 2024 में राज्य खेल परिषद द्वारा RCA दफ्तर पर ताला लगाने की घटना ने भी सुर्खियां बटोरीं, जिसे राजनीतिक हस्तक्षेप के रूप में देखा गया। ये विवाद युवा क्रिकेटर्स के लिए अनिश्चितता पैदा करते हैं, क्योंकि संगठन की अस्थिरता सीधे तौर पर ट्रेनिंग, कोचिंग और टूर्नामेंट्स की गुणवत्ता को प्रभावित करती है।
इसके अलावा, संसाधनों की कमी भी एक बड़ी समस्या है। ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को उचित सुविधाएं, कोचिंग और एक्सपोजर नहीं मिल पाता। X पर कुछ यूजर्स ने भी इस ओर इशारा किया है कि स्कूलों में भेजी गई खेल सामग्री की गुणवत्ता घटिया है, जिससे बुनियादी स्तर पर खिलाड़ियों का विकास बाधित हो रहा है। साथ ही, चयन प्रक्रिया में कथित तौर पर जातिवाद और पक्षपात की शिकायतें भी सामने आती रही हैं, जो प्रतिभा को मौका देने के बजाय उसे दबा सकती हैं।
हालांकि, यह कहना कि भविष्य पूरी तरह “चौपट” है, शायद अतिशयोक्ति हो। राजस्थान ने अजिंक्य रहाणे, दीपक हुड्डा और राहुल चाहर जैसे खिलाड़ी दिए हैं, जो राष्ट्रीय और IPL स्तर पर चमके। राज्य में प्रतिभा की कमी नहीं है, लेकिन RCA को स्थिरता, पारदर्शिता और बेहतर नीतियों की जरूरत है। अगर प्रशासन सुधरे, कोचिंग सिस्टम मजबूत हो और युवाओं को सही मंच मिले, तो राजस्थान के क्रिकेटर्स का भविष्य फिर से उज्ज्वल हो सकता है।
3 महीने में होने चाहिए चुनाव
नीरज कुमार पवन ने कहा- हम यही कोशिश करेंगे कि जो भी सदस्य अब एडहॉक कमेटी में आए। वह अगले तीन महीने में राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के लंबित चुनाव की प्रक्रिया को पूरा करे। ताकि क्रिकेट की जो गतिविधियां है। वह सही ढंग और सुचारू रूप से संचालित की जा सकें।
लाखों रुपए गलत तरीके से खर्च करने के आरोप
दरअसल, पिछले दिनों राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन की एडहॉक कमेटी पर खिलाड़ियों के अवॉर्ड फंक्शन के नाम पर लाखों रुपए गलत ढंग से खर्च करने के आरोप लगे थे। राजस्थान क्रीड़ा परिषद ने जारी किया नोटिस।
इसको लेकर काफी जिला संघों के पदाधिकारियों ने खेल मंत्री और खेल विभाग के सचिव तक भी शिकायत की थी। इसमें उन्होंने बताया था कि खिलाड़ियों के पैसे से एडहॉक कमेटी के पदाधिकारी महंगे मोबाइल फोन खरीदने के साथ ही सूट स्टिच करवा रहे हैं।
इसके साथ ही बेवजह लाखों रुपए खर्च कर फाइव स्टार होटल में प्रोग्राम किया जा रहा है। इसके लिए गलत ढंग से एक इवेंट कंपनी को साढ़े सात लाख रुपए में ठेका भी दिया गया है। खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने राजस्थान के खेल संघ की वित्तीय ऑडिट करने के आदेश दिए थे।
खेल मंत्री ने किया था ट्वीट
खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने ट्वीट कर कहा था कि खेल परिषद को राज्य के सभी खेल निकायों, जिनमें क्रिकेट भी शामिल हैं। ऐसे सभी खेल संघों के लिए एक उच्च स्तरीय शासन प्रणाली लागू करनी चाहिए। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड द्वारा अपनाई गई नीतियों की तरह राजस्थान में भी खेल संगठनों का संचालन किया जाना चाहिए।
28 मार्च को एडहॉक कमेटी का गठन किया था
राजस्थान सरकार ने आरसीए की कार्यकारिणी को भंग कर सरकार ने 28 मार्च 2024 को एडहॉक कमेटी का गठन किया था। इसे 3 महीने में आरसीए के चुनाव कराने की जिम्मेदारी दी गई थी।
लगभग एक साल बाद भी सरकार की ओर से गठित की गई एडहॉक कमेटी आरसीए के चुनाव नहीं करा पाई है। कमेटी में बीजेपी विधायक जयदीप बिहाणी कन्वीनर और धनंजय खींवसर, धर्मवीर सिंह शेखावत, रतन सिंह शेखावत, हरीशचंद्र सिंह और विमल शर्मा ही सदस्य हैं।