टीम इंडिया के कोच गौतम गंभीर के सामने बड़े चैलेंज

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 09 जुलाई 2024 | बेंगलुरु :  गौतम गंभीर टीम इंडिया के हेड कोच बन गये हैं। कोच गंभीर के सामने सबसे बड़ी चुनौती में से एक 2025 का चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीतना होगा। चैंपियंस ट्रॉफी में भारतीय टीम ने दो बार खिताब अपने नाम किया है। 2002 और 2013 में भारतीय टीम चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीतने में सफल रही है। 2013 में धोनी की कप्तानी में भारत ने चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीता था।

टीम इंडिया के कोच गौतम गंभीर के सामने बड़े चैलेंज

मंगलवार को BCCI ने इसकी ऑफिशियल जानकारी दी। गंभीर अब राहुल द्रविड़ की जगह संभालेंगे, जिन्होंने टीम इंडिया के ICC टूर्नामेंट जीतने सूखा का 10 दिन पहले ही खत्म करवाया। उनकी कोचिंग में भारत ने साउथ अफ्रीका को फाइनल हराकर टी-20 वर्ल्ड कप जीता।

गंभीर 2027 तक भारत के कोच बने रहेंगे। इस दौरान भारत 5 ICC टूर्नामेंट खेलेगा। गंभीर के सामने इनमें टीम को चैंपियन बनाने की चुनौती है। इसके अलावा विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे सीनियर प्लेयर्स के साथ उनकी केमिस्ट्री पर भी नजरें होंगी।

जीतना होगा युवाओं का भरोसा

गंभीर के लिए सबसे बड़ी परीक्षा होगी युवा खिलाड़ियों का विश्वास जीतना। अभी सिर्फ कुछ ही खिलाड़ी हैं जो लखनऊ या कोलकाता की टीमों में उनके साथ खेल चुके हैं और उनके तरीके को जानते हैं। बाकी खिलाड़ियों को उनके साथ घुलना-मिलना होगा।

पर ये बात भी सच है कि दिल्ली के गंभीर हर तरह के युवा खिलाड़ियों के साथ अच्छा काम करने के लिए जाने जाते हैं। इसलिए उम्मीद है कि बाकी खिलाड़ी भी उनके साथ कोच के रूप में काम करने के लिए उत्साहित होंगे। भारतीय टीम में शामिल होने के लिए कई युवा खिलाड़ी तैयार हैं और गंभीर के ऊपर काफी ज़िम्मेदारी आने वाली है।

चैलेंज-1: न्यूजीलैंड, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज

हेड कोच के रूप में गंभीर का कार्यकाल श्रीलंका दौरे से शुरू होगा। दौरे पर पहला मैच 27 जुलाई को है। श्रीलंका में टीम 3 वनडे और 3 टी-20 खेलेगी। इसी दौरे से गंभीर के कोचिंग करियर की बुनियाद तय होगी। श्रीलंका दौरा 7 अगस्त को खत्म होगा, इसके बाद 19 सितंबर से टीम इंडिया का बिजी शेड्यूल शुरू हो जाएगा। यहीं से गंभीर के असली चैलेंज भी सामने आएंगे।

  • 2025 के वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में पहुंचने के लिए भारत को अगली 3 टेस्ट सीरीज में अच्छा परफॉर्म करना होगा। इनमें घरेलू मैदान पर बांग्लादेश से 2 और न्यूजीलैंड से 3 टेस्ट होंगे। भारत फिलहाल WTC पॉइंट्स टेबल में टॉप पर है, इसलिए टीम से पांचों टेस्ट जीतने की उम्मीद है।
  • नवंबर से जनवरी तक टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया में 5 टेस्ट खेलेगी। भारत ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2014 के बाद से 4 टेस्ट सीरीज जीत चुका है। ऑस्ट्रेलिया में तो भारत ने लगातार 2 टेस्ट सीरीज जीती हैं। यानी गंभीर के सामने ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीत की हैट्रिक लगाने की चुनौती है। इसी सीरीज के नतीजे से तय होगा कि भारत लगातार तीसरा WTC फाइनल खेलेगा या नहीं।
  • 2025 से 2027 तक भारत फिर इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और श्रीलंका में 3 टेस्ट सीरीज खेलेगा। इस दौरान वेस्टइंडीज, साउथ अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 3 टेस्ट सीरीज घर में भी रहेंगी। 2027 के WTC फाइनल में पहुंचने के लिए इनमें भी जीत दर्ज करनी ही होगी।

रोहित और कोहली की कमी को पूरा करना

गंभीर के लिए एक और बड़ा काम टी20 मैचों में रोहित शर्मा और विराट कोहली के ना होने से बनी कमी को दूर करना होगा। साथ ही, उन्हें टीम में अगले लीडर को ढूंढकर उसे निखारना होगा। ऐसा लगता है कि हार्दिक पांड्या उन खिलाड़ियों में से एक हैं, जो सबसे छोटे फॉर्मेट में गंभीर के साथ काम करने का लुत्फ उठाएंगे, और गंभीर भी उनके साथ अच्छा रिश्ता बनाने के इच्छुक होंगे। भारत को टी20 क्रिकेट के लिए एक मजबूत लीडर और 2026 के अगले टी20 वर्ल्ड कप के लिए एक ठोस प्लान की जरूरत है। इस टी20 वर्ल्ड कप की सह-मेजबानी भारत करेगा।

चैलेंज-2: अगले 3 साल में 5 ICC टूर्नामेंट

ICC साल 2025 से 2027 तक 5 टूर्नामेंट कराएगी। 2 WTC फाइनल हटा दें तो लिमिटेड ओवर्स के 3 अहम टूर्नामेंट इनमें शामिल हैं। 2025 में चैंपियंस ट्रॉफी, 2026 में टी-20 वर्ल्ड कप और 2027 में वनडे वर्ल्ड कप होगा। ICC टूर्नामेंट्स के इतर इस दौरान 2 एशिया कप भी होंगे।

  • चैंपियंस ट्रॉफी में भारत ने 2 खिताब 2002 और 2013 में जीते। टीम 2017 में पाकिस्तान से फाइनल हारकर रनर-अप रही। अब 2025 में भारत के सामने पाकिस्तान में ही चैंपियंस ट्रॉफी जीतने की चुनौती है।
  • टी-20 वर्ल्ड कप में भी भारत ने 2 खिताब 2007 और 2024 में जीते। टीम इस वर्ल्ड कप की मौजूदा चैंपियन है। 2026 का टूर्नामेंट भारत और श्रीलंका की मेजबानी में है। यानी गंभीर के सामने होम ग्राउंड पर भारत को पहला टी-20 वर्ल्ड कप जिताने की चुनौती है।
  • वनडे वर्ल्ड कप में भी भारत ने 2 ही खिताब 1983 और 2011 में जीते। 2027 का टूर्नामेंट साउथ अफ्रीका, जिम्बाब्वे और नामीबिया में होगा। यह गंभीर के कोचिंग पीरियड का आखिरी टूर्नामेंट है। वनडे वर्ल्ड कप क्रिकेट का सबसे बड़ा टूर्नामेंट है, भारत 2023 में अपने ही होम ग्राउंड पर लगातार 10 मैच जीतकर भी ट्रॉफी जीतने से चूक गया था। ऐसे में गंभीर के कोचिंग करियर का सबसे बड़ा चैलेंज भारत को वनडे वर्ल्ड कप की ट्रॉफी दिलवाना ही है।
  • एशिया कप में भारत मौजूदा चैंपियन है। गंभीर की कोचिंग में टीम इंडिया 2 एशिया कप भी खेलेगी। 2025 का टूर्नामेंट टी-20 और 2027 का वनडे फॉर्मेट में होगा। इसी टूर्नामेंट से एशियन टीमों के वर्ल्ड कप की तैयारी भी पुख्ता होती है। ऐसे में गंभीर के सामने इनमें भी भारत को अच्छा परफॉर्म करवाने की चुनौती है।

टेस्ट क्रिकेट में जीत का सिलसिला शुरू करना

भारतीय टीम दुनिया की सबसे बेहतरीन टेस्ट टीमों में से एक है, लेकिन 2019 में शुरू हुई आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप में उन्हें अभी तक कोई बड़ी सफलता नहीं मिली है। हालांकि, ‘बड़ी सफलता नहीं मिली’ कहना शायद सही न हो, क्योंकि वो दो बार (2021 में न्यूजीलैंड के खिलाफ और फिर 2023 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ) चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंच चुके हैं।

लेकिन दोनों ही फाइनल भारत हार गया और चैंपियन बनने से चूक गया। गंभीर के लिए सबसे बड़ी ज़िम्मेदारी ये सुनिश्चित करना होगी कि भारत आखिरकार वो इकलौती ट्रॉफी जीत ले, जो अभी उनकी कैबिनेट में शामिल नहीं है।

चैलेंज-3: नई टी-20 टीम तैयार करना

भारत को 2024 का टी-20 वर्ल्ड चैंपियन बनाने के बाद टीम के 3 दिग्गजों कप्तान रोहित शर्मा, बैटर विराट कोहली और ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा ने इस फॉर्मेट से संन्यास ले लिया। जिम्बाब्वे दौरे पर युवा टीम इंडिया भेजी गई, ऐसा ही कुछ श्रीलंका दौरे पर भी देखने को मिलेगा।

  • गंभीर के सामने 2026 के वर्ल्ड कप तक इस फॉर्मेट में भारत की बेस्ट टीम तैयार करने की चुनौती है। साथ ही उन्हें रोहित, कोहली और जडेजा के रीप्लेसमेंट भी इतने टाइम में तैयार कर लेने होंगे, जो अगले वर्ल्ड कप में टीम इंडिया की जिम्मेदारी संभालें।
  • गंभीर ने IPL में KKR टीम को अपनी कप्तानी में 2 बार और मेंटरशिप में एक बार चैंपियन बनाया। टी-20 फॉर्मेट के इस टूर्नामेंट में सफलता के कारण ही गंभीर को कोच बनाने का मुद्दा तेजी से बढ़ा था। ऐसे में उनसे खासतौर पर इसी फॉर्मेट में भारत को चैंपियन टीम बनाने की उम्मीद की जा रही है।

चैलेंज-4: सीनियर प्लेयर्स के साथ केमिस्ट्री

टी-20 फॉर्मेट से तो 3 सीनियर प्लेयर्स ने संन्यास ले लिया, लेकिन ये तीनों खिलाड़ी वनडे और टेस्ट फॉर्मेट में खेलना जारी रखेंगे। रोहित, विराट और जडेजा 2 फॉर्मेट खेल रहे हैं, वहीं रविचंद्रन अश्विन लंबे समय से टेस्ट टीम का हिस्सा हैं। ऐसे में देखना अहम होगा कि गंभीर इन 4 प्लेयर्स से किस तरह की केमिस्ट्री बैठाते हैं।

  • गंभीर के पास सीनियर प्लेयर्स के रीप्लेसमेंट ढूंढने की भी चुनौती है। 35-35 साल के जडेजा और कोहली 2027 तक वनडे और टेस्ट खेल सकते हैं। वहीं 37-37 साल के रोहित और अश्विन के 2025 से 2027 के दौरान संन्यास लेने की आशंका है। ऐसे में गंभीर के सामने सीनियर्स के टीम में रहते हुए ही इनका बेस्ट ऑप्शन तैयार करने की चुनौती है।
  • कुल मिलाकर गंभीर को सीनियर प्लेयर्स की तरह ही खिलाड़ी तैयार करने होंगे, जो मुश्किल परिस्थिति में टीम को संभालकर जिता सकें, क्योंकि ये चारों सीनियर्स ही पिछले 12-13 साल से टीम की रीढ़ बने हुए हैं।

चैलेंज-5: ऑल फॉर्मेट लीडर तैयार करना

रोहित शर्मा टी-20 फॉर्मेट से संन्यास ले चुके हैं। उनकी जगह हार्दिक पंड्या इस फॉर्मेट में भारत की कमान संभालने के बड़े दावेदार हैं। रोहित का 2025 तक वनडे और टेस्ट में कप्तान रहना तय है। वनडे में तो उनकी जगह 30 साल के पंड्या ही कप्तान बनाए जा सकते हैं, लेकिन हार्दिक टेस्ट नहीं खेलते। ऐसे में रोहित के बाद भारत का टेस्ट कप्तान कौन होगा, यह चुनौती है।

  • टीम इंडिया में लंबे समय से यह फिलॉसफी रही कि तीनों फॉर्मेट में एक ही कप्तान होना चाहिए। इसी कारण 2008 के बाद एमएस धोनी, 2017 से विराट कोहली और 2022 से रोहित शर्मा ने तीनों फॉर्मेट में भारत को लीड किया। अगर यही फिलॉसफी जारी रही तो गंभीर के सामने टीम इंडिया का ऑल फॉर्मेट कप्तान तैयार करने की भी चुनौती है।
  • ऑल फॉर्मेट कप्तान की पोजिशन के लिए टीम में केएल राहुल, जसप्रीत बुमराह, श्रेयस अय्यर और शुभमन गिल के ऑप्शन हैं। 2024 के IPL में KKR ने खिताब जीता, इस टीम की कप्तानी श्रेयस ने की। ऐसे में उनकी दावेदारी भी बन सकती है।
  • हालांकि, रोहित अगर 2027 तक कप्तान बने रहे तो टीम इंडिया 4 साल तक टी-20 में नए कप्तान की लीडरशिप में उतरेगी। ऐसे में यह भी उम्मीद की जा सकती है कि गंभीर की कोचिंग में टीम इंडिया स्प्लिट कैप्टन यानी हर फॉर्मेट का अलग कप्तान बनाने की स्ट्रैटजी भी अपना सकती है। ऐसे में टी-20, वनडे और टेस्ट तीनों फॉर्मेट का अलग-अलग कप्तान भी हो सकता है।

राहुल द्रविड़ ढाई साल तक रहे कोच

गंभीर दिग्गज राहुल द्रविड़ का स्थान लेंगे। द्रविड़ नवंबर 2021 में भारत के हेड कोच बने थे। उन्होंने रवि शास्त्री की जगह ली थी, जिनकी कोचिंग में टीम 2021 के टी-20 वर्ल्ड कप में ग्रुप स्टेज से ही बाहर हो गई थी। द्रविड़ ने यहां से टीम को संभाला और ICC खिताब भी दिलवाया।

द्रविड़ के कार्यकाल में टीम 2022 के टी-20 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल तक पहुंची। 2023 में फिर WTC और वनडे वर्ल्ड कप में रनर-अप रही। टीम को दोनों बार ऑस्ट्रेलिया से करारी हार मिली, लेकिन द्रविड़ का कार्यकाल बढ़ा दिया गया। द्रविड़ ने फिर 2024 में टीम को टी-20 वर्ल्ड कप का चैंपियन बनाया और भारत के ICC ट्रॉफी का इंतजार खत्म हुआ। टी-20 वर्ल्ड कप के रूप में 2013 के बाद भारत ने पहला ही ICC टूर्नामेंट जीता।

द्रविड़ की कोचिंग में भारत ने इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया को घर में टेस्ट सीरीज हराईं। वहीं साउथ अफ्रीका में सीरीज 1-1 से ड्रॉ कराईं। इतना ही नहीं, टीम इंडिया इस दौरान तीनों फॉर्मेट की ICC रैंकिंग में नंबर-1 टीम भी बनी। यानी गंभीर के सामने 5 बड़े चैलेंज के रूप में द्रविड़ के सफल कैंपेन को आगे ले जाने की पहाड़ जैसी चुनौती है।

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भारत ने बांगलादेश से टेस्ट सीरीज 2.0 से जीती, कानपूर टेस्ट 7 विकेट से जीता

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 01 अक्टूबर 2024 |  कानपुर : भारत ने कानपुर टेस्ट में बांग्लादेश को 7 विकेट से हरा दिया है। इसी के साथ टीम इंडिया ने सीरीज में 2-0 से क्लीन स्वीप कर लिया है। बारिश से प्रभावित मुकाबले के आखिरी दिन मंगलवार को भारत को 95 रन का टारगेट मिला था, जिसे भारतीय बैटर्स ने 17.2 ओवर में हासिल कर लिया। यशस्वी जायसवाल ने 51 रन बनाए। कोहली 29 रन पर नाबाद रहे। विकेटकीपर ऋषभ पंत ने चौका जमाते हुए टीम को जीत दिलाई।

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कप्तान रोहित शर्मा 8 और शुभमन गिल 6 रन बनाकर आउट हुए। दोनों को मेहदी हसन मिराज ने आउट किया। बांग्लादेश ने 26/2 के स्कोर से दिन की शुरुआत की। टीम की ओर से शादमान इस्लाम ने 50 और मुश्फिकुर रहीम 37 रन बनाए। रविचंद्रन अश्विन, रवींद्र जडेजा और जसप्रीत बुमराह ने 3-3 विकेट लिए। एक विकेट आकाश दीप को मिला।

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सोमवार को भारत ने पहली पारी 34.4 ओवर में 9 विकेट पर 285 रन के स्कोर पर डिक्लेयर की। टीम इंडिया ने बांग्लादेश की पहली पारी को 233 रन पर समेटा था। बारिश के कारण तीसरे और दूसरे दिन का खेल रद्द करना पड़ा था, जबकि पहले दिन सिर्फ 35 ओवर ही डाले जा सके थे। ऐसे में मैच लगभग ड्रॉ माना जा रहा था, लेकिन भारतीय टीम ने चौथे दिन मुकाबले की पूरी तस्वीर पलट कर रख दी।

ड्रॉ टेस्ट मैच को भारत ने जीत की ओर मोड़ा

टीम इंडिया ने बारिश के कारण ड्रॉ की ओर बढ़ रहे कानपुर टेस्ट में रोमांच भर दिया है। मैच के चौथे दिन भारत ने बांग्लादेश की पहली पारी को 233 रन पर समेटा। इसके बाद टी-20 अंदाज में बैटिंग करते हुए सिर्फ 34.4 ओवर में 9 विकेट पर 285 रन बना लिए। यहां कप्तान रोहित शर्मा ने पारी डेक्लेयर कर दी। इसके बाद दिन का खेल खत्म होने तक बांग्लादेश के दो विकेट भी निकाल लिए। दूसरी पारी में बांग्लादेश का स्कोर 26/2 है। दोनों विकेट रविचंद्रन अश्विन ने लिए।

कल मैच का आखिरी दिन है। भारत के पास अब भी 26 रन की लीड है। अब टीम इंडिया की कोशिश बांग्लादेश की दूसरी पारी को जल्द से जल्द समेटने की होगी ताकि मैच जीतने के लिए कम से कम रन का टारगेट चेज करना पड़े।

बारिश की वजह से इस टेस्ट मैच के पहले दिन सिर्फ 35 ओवर का खेल हो पाया था। दूसरे और तीसरे दिन एक भी गेंद नहीं फेंकी जा सकी थी। इस वजह से मैच को लगभग ड्रॉ माना जा रहा था, लेकिन भारतीय टीम ने चौथे दिन मुकाबले की पूरी तस्वीर पलट कर रख दी।

यशस्वी और राहुल की फिफ्टी

भारत की पारी में यशस्वी जायसवाल ने 72 (51 गेंद), रोहित शर्मा ने 23 (11 गेंद), शुभमन गिल ने 39 (36 गेंद), विराट कोहली ने 47 (35 गेंद) और केएल राहुल ने 68 (43 गेंद) अहम पारियां खेली।

भारत ने टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज 50, 100, 150 और 200 रन बनाने का वर्ल्ड रिकॉर्ड भी अपने नाम किया। बांग्लादेश के लिए शाकिब अल हसन ने 4 और मेहदी हसन मिराज ने 3 विकेट लिए। हसन महमूद को 1 विकेट मिला।

भारत ने पहली पारी 285 पर घोषित की

भारत ने कानपुर टेस्ट में अपनी पहली पारी 285 रन के स्कोर पर डिक्लेयर कर दी। भारत को 52 रन की बढ़त मिली है। भारत की ओर से यशस्वी जायसवाल (72) और केएल राहुल (68) ने अर्धशतक लगाया। विराट कोहली 47 रन बनाकर शाकिब अल हसन की गेंद पर बोल्ड हो गए।

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उन्होंने इंटरनेशनल करियर में 27 हजार रन भी पूरे कर लिए। बांग्लादेश के लिए शाकिब अल हसन ने 4 और मेहदी हसन मिराज ने 3 विकेट लिए। हसन महमूद को 1 विकेट मिला। भारत की ओर से तीन अर्धशतकीय साझेदारी हुई। पहले विकेट के लिए रोहित और यशस्वी ने 55 रन जोड़े। यशस्वी और शुभमन के बीच दूसरे विकेट के लिए 72 रन की पार्टनरशिप हुई। कोहली और राहुल ने पांचवें विकेट के लिए 87 रन जोड़े।

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युवराज सिंह बन सकते हैं दिल्ली कैपिटल्स के कोच

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 26 अगस्त 2024 |  जयपुरभारत के पूर्व स्टार ऑलराउंडर युवराज सिंह की इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में 5 साल बाद वापसी हो सकती है, लेकिन उनका रोल बदलेगा। वे दिल्ली कैपिटल्स के कोच बनाए जा सकते हैं। कुछ समय पहले युवराज के गुजरात टाइटंस (GT) का कोच बनने की खबरें आई थी। हालांकि, GT में कोच की पोस्ट आशीष नेहरा के पास बरकरार रहेगी।

युवराज सिंह बन सकते हैं दिल्ली कैपिटल्स के कोच

स्पोर्ट्स स्टार ने सूत्रों के हवाले से दावा किया कि दिल्ली की फ्रेंचाइजी ने युवराज से कोच बनने के लिए संपर्क किया है। फिलहाल बातचीत जारी है। दिल्ली कैपिटल्स का कोच पद छोड़ने वाले रिकी पोंटिंग ने भी इस बात के संकेत दिए थे।

युवराज सिंह बन सकते हैं दिल्ली कैपिटल्स के कोच

उन्होंने कहा था कि फ्रेंचाइजी मुख्य कोच की भूमिका के लिए किसी पूर्व भारतीय क्रिकेटर की तलाश कर रही है। युवराज सिंह युवा ओपनर अभिषेक शर्मा के मेंटॉर हैं। अभिषेक ने IPL 2024 में 204.22 के स्ट्राइक रेट से 484 रन बनाए थे।

युवराज सिंह युवा ओपनर अभिषेक शर्मा के मेंटॉर हैं। अभिषेक ने IPL 2024 में 204.22 के स्ट्राइक रेट से 484 रन बनाए थे।

GT के कोच बनने की भी अटकलें थीं

पिछले महीने युवराज के गुजरात टाइटंस का कोच बनने की खबरें आई थी। इस मामले में ताजा जानकारी है कि नेहरा गुजरात के हेड कोच बने रह सकते हैं। गुजरात की टीम बैटिंग कोच गैरी कर्स्टन की जगह किसी भारतीय कोच तलाश रही है। कर्स्टन गुजरात की टीम को छोड़कर पाकिस्तान की नेशनल टीम के कोच बन गए हैं।

कुछ समय पहले युवराज के गुजरात टाइटंस (GT) का कोच बनने की खबरें आई थी। हालांकि, GT में कोच की पोस्ट आशीष नेहरा के पास बरकरार रहेगी।

रिकी पोंटिंग ने पिछले महीने छोड़ा था पद

पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग ने पिछले महीने दिल्ली कैपिटल्स के हेड कोच का पद छोड़ दिया था। वे पिछले 7 सीजन से दिल्ली कैपिटल्स से जुड़े थे। दिल्ली की टीम पिछले तीन सीजन से प्लेऑफ में जगह बनाने में नाकाम रही है।

युवी का डेब्यू असाइनमेंट, 2019 में संन्यास लिया था

यदि युवराज सिंह दिल्ली के कोच बन जाते हैं तो यह उनका बतौर कोच डेब्यू असाइनमेंट होगा। युवी ने 2008 से 2019 तक IPL खेला था। 2019 के अपने आखिरी सीजन में वे मुंबई इंडियंस का हिस्सा थे। इस सीजन में MI ने CSK को हराते हुए चौथा टाइटल जीता था।

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युवी 12 साल के IPL करियर में पंजाब किंग्स, पुणे वॉरियर्स इंडिया, दिल्ली कैपिटल्स, रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु और सनराइजर्स हैदराबाद का हिस्सा रहे थे। युवराज कैंसर के इलाज के कारण 2012 के सीजन में IPL का हिस्सा नहीं थे।

भारत को 2 वर्ल्ड कप जिताए, 2011 में प्लेयर ऑफ द सीरीज रहे

युवराज सिंह ने 2007 में टी-20 और 2011 वनडे वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा रहे। वे 2011 में प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट भी बने। युवराज ने 40 टेस्ट, 304 वनडे और 58 टी-20 इंटरनेशनल मैच खेले हैं। उनके नाम 11 हजार से ज्यादा इंटरनेशनल रन हैं।

सौरव गांगुली के भी नाम की चर्चा

युवराज से पहले दिल्ली कैपिटल्स फ्रैंचाइजी के क्रिकेट निदेशक सौरव गांगुली को टीम के हेड कोच बनाए जाने की अटकलें चल रही थी। भारत के पूर्व कप्तान ने इस भूमिका को निभाने की इच्छा भी व्यक्त की थी। गांगुली दिल्ली कैपिटल्स की सहयोगी फ्रैंचाइजी ILT20 की टीम दुबई कैपिटल्स और SA-T20 लीग की टीम प्रिटोरिया कैपिटल्स की भी देखरेख करते हैं।

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