मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 22 अक्टूबर 2024 | जयपुर : साक्षी मलिक ने विटनेस (Witness) नाम की अपनी आत्मकथा में विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया की आलोचना की और कहा कि ट्रायल्स से छूट स्वीकार करने के निर्णय की वजह से विरोध की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा और समर्थकों ने हमारे आंदोलन की ईमानदारी पर सवाल उठाया। इसमें साक्षी मलिक ने लिखा है कि पुनिया और फोगाट के करीबी लोगों पर ‘लालच’ के प्रभाव के कारण प्रोटेस्ट कमजोर पड़ने लगा था।
देश और दुनिया की जानी-मानी रेसलर साक्षी मलिक की आत्मकथा ‘विटनेस’ लॉन्च हो गई है। इसमें साक्षी मलिक ने अपने बचपन, रेसलिंग में जाने और पहलवानों के सेक्शुअल हैरेसमेंट को लेकर बात की है।
साक्षी ने कहा कि विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया के एशियाई खेलों के ट्रायल्स से छूट लेने से उनके आंदोलन की छवि प्रभावित हुई। उनके फैसले से इंसाफ की लड़ाई स्वार्थ की दिखने लगी। बजरंग और विनेश के करीबियों ने उनके दिमाग में लालच भरा। जिसकी वजह से उनके विरोध प्रदर्शन में भी दरार आने लगी।
साक्षी मलिक ने आत्मकथा ‘विटनेस’ में किये कई खुलासे, बचपन में ट्यूशन देने वाले शिक्षक द्वारा यौन शोषण
हरियाणा की मशहूर पहलवान साक्षी मलिक ने अपनी आत्मकथा ‘विटनेस’ में अपने जीवन के कई पहलुओं पर से पर्दा उठाया है। किताब में उन्होंने अपने बचपन के संघर्षों, रेसलिंग करियर की शुरुआत और खेल जगत में व्याप्त यौन शोषण के मुद्दे पर खुलकर बात की है।
बजरंग और विनेश पर लगाया गंभीर आरोप
साक्षी ने अपनी किताब में विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया पर भी कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया कि 2023 के एशियाई खेलों के दौरान जब उन्होंने ट्रायल्स से छूट ली थी, तब उनके आंदोलन की छवि धूमिल हुई थी।
साक्षी के मुताबिक, उनके इस फैसले से इंसाफ की लड़ाई स्वार्थ की लड़ाई लगने लगी थी। साक्षी ने यह भी कहा कि बजरंग और विनेश के करीबी लोगों ने उनके दिमाग में लालच भरा था, जिसकी वजह से उनके विरोध प्रदर्शन में भी दरार आने लगी थी।
बचपन में हुआ यौन शोषण
साक्षी ने अपनी किताब में यह भी खुलासा किया कि बचपन में ट्यूशन देने वाले शिक्षक ने मुझसे छेड़छाड़ की। मैं इसके बारे में अपने परिवार को नहीं बता सकी क्योंकि मुझे लगा कि यह मेरी गलती थी। मेरे स्कूल के दिनों में ट्यूशन देने वाला टीचर मुझे प्रताड़ित करता।
विनेश के पेरिस ओलिंपिक से बाहर होने पर दिया बयान
विनेश के पेरिस ओलिंपिक से बाहर होने पर साक्षी ने कहा कि यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) के नियम बहुत सख्त हैं और वजन में थोड़ी सी भी बढ़ोतरी होने पर खिलाड़ी को प्रतिबंधित कर दिया जाता है। उन्होंने कहा कि विनेश के साथ भी ऐसा ही हुआ होगा।
अब सेक्शुअल हैरेसमेंट करने वाला 100 बार सोचेगा
साक्षी मलिक ने कहा कि इतना हमने जरूर कर दिया कि अगर कोई सेक्शुअल हैरेसमेंट करेगा तो 100 बार सोचेगा कि कहीं ये भी जाकर आंदोलन ना कर दे। हमारी लड़ाई बहन बेटियों के लिए थी। इस चीज को खत्म करने के लिए थी जो स्पोर्ट्स में सेक्शुअल हैरेसमेंट होता है।
विनेश और बजरंग कांग्रेस में शामिल
बता दें कि विनेश और बजरंग सितंबर महीने में कांग्रेस पार्टी से जुड़े थे। विनेश जुलाना विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर विधायक बन गई हैं, जबकि बजरंग को ऑल इंडिया किसान कांग्रेस का वाइस चेयरमैन बनाया गया है। साक्षी मलिक की आत्मकथा ‘विटनेस’ ने खेल जगत में हलचल मचा दी है और इसने कई गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
मुझे वहां जाकर पता लगा, प्रोटेस्ट करने वाले हैं
पहलवानों के प्रदर्शन को लेकर साक्षी मलिक ने कहा कि प्रोटेस्ट से 3-4 दिन पहले हमारी एक जगह मीटिंग हुई थी। तब मुझे बबीता फोगाट का फोन आया था कि क्या मैं आ रही हूं। मैंने बजरंग को फोन किया तो बजरंग ने कहा कि मैं भी जा रहा हूं, तू भी आ जा। तब हमें पता चला कि हम ऐसे प्रोटेस्ट करने वाले हैं और इसकी परमिशन बबीता फोगाट और तीर्थ राणा ने दिलाई थी। वह चाहते थे कि बृजभूषण हटे और हम में से कोई वहां बैठ जाए। हम लड़कियों को इंसाफ मिलने की बात से खुश थे।
काबिलेगौर है कि तीनों पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था। यह मामला वर्तमान में दिल्ली की एक अदालत में लंबित है, जबकि एड-हॉक कमिटी ने पुनिया और फोगाट को 2023 एशियाई खेलों के ट्रायल से छूट दी, लेकिन साक्षी मलिक ने इस फेवर को लेने से इनकार कर दिया। बाद में साक्षी ने प्रतिस्पर्धा नहीं की, जबकि फोगाट को खेलों से पहले चोट लग गई और पुनिया भी पदक जीतने में विफल रहे।
साक्षी मलिक लिखती हैं, “बजरंग और विनेश के ट्रायल्स से छूट लेने के फैसले से कुछ भी अच्छा नहीं हुआ। उनके फैसले ने हमारे प्रोटेस्ट की छवि को बुरी तरह से नुकसान पहुंचाया। इसने हमें ऐसी स्थिति में डाल दिया जहां कई समर्थकों को लगने लगा कि हम वास्तव में स्वार्थी कारणों से प्रोटेस्ट कर रहे थे।”
विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया ने बाद में सक्रिय राजनीति में कदम रखा। विनेश फोगाट पेरिस ओलंपिक 2024 में फाइनल से ठीक पहले डिस्क्वॉलिफाई हो गई थीं। इसके बाद वे घर लौंटी तो कुछ ही दिन बाद वे हरियाणा विधानसभा चुनाव में लड़ीं और विधायक बन गईं।
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