जयपुर में MNIT और महारानी कॉलेज की दो दलित छात्राओं ने की आत्महत्या

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 02 फरबरी 2025 | जयपुर : जयपुर में एक और कॉलेज गर्ल ने सुसाइड किया है। करीब दस दिन पहले मालवीय नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमएनआईटी) कैंपस में एक छात्रा ने हॉस्टल की छत से कूद कर जान दे दी थी। अब राजस्थान विश्वविद्यालय के कैंपस में बने माही छात्रावास में रहने वाली एक छात्रा ने सुसाइड कर लिया।

जयपुर में MNIT और महारानी कॉलेज की दो दलित छात्राओं ने की आत्महत्या

गांधी नगर पुलिस को शनिवार शाम को घटना की जानकारी मिली। पुलिस मौके पर पहुंची तो देखा कि हॉस्टल के पहली मंजिल पर बने कमरे में छात्रा फंदे से लटक रही थी। छात्रा को उतार कर अस्पताल पहुंचाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

जयपुर में MNIT और महारानी कॉलेज की दो दलित छात्राओं ने की आत्महत्या

जयपुर स्थित राजस्थान विश्वविद्यालय की एक छात्रा ने शनिवार को हॉस्टल में सुसाइड कर लिया। छात्रा का शव हॉस्टल के कमरे में फंदे से लटका मिला। छात्रा फर्स्ट ईयर की स्टूडेंट थी। छात्रा के आत्महत्या की खबर सामने आते ही पूरे कैंपस में सनसनी फैल गई। तुरंत स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और छानबीन शुरू की। मिली जानकारी के अनुसार सुसाइड की यह घटना राजस्थान यूनिवर्सिटी के माही हॉस्टल में हुई।

माही हॉस्टल में फर्स्ट ईयर की स्टूडेंट ने की सुसाइड

माही छात्रावास राजस्थान यूनिवर्सिटी की छात्राओं के लिए आवंटित है। यहां शनिवार को दोपहर बाद एक छात्रा के आत्महत्या की जानकारी सामने आई। सुसाइड करने वाली छात्रा की पहचान महारानी कॉलेज के फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट के रूप में हुई है। छात्रा ने अपने कमरे में पंखे से कपड़े का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।

सुसाइड के कारणों की नहीं मिली जानकारी

पुलिस मामले की छानबीन में जुटी है। इधर छात्रा की खुदकुशी पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने अभी तक चुप्पी साध रखी है। छात्रा ने सुसाइड क्यों किया, इसकी जानकारी अभी सामने नहीं आई है। मालूम हो कि बीते दिनों माही हॉस्टल में वॉर्डन के व्यवहार सहित अन्य मुद्दों पर छात्राओं ने प्रदर्शन भी किया था।

महारानी कॉलेज में पढ़ाई करती थी छात्रा

माही हॉस्टल में सुसाइड करने वाली छात्रा की पहचान सारिका बुनकर के रूप में हुई है। सारिका महारानी कॉलेज में बीएससी फर्स्ट ईयर की छात्रा थी। सारिका मूल रूप से दिल्ली रोड स्थित मनोहरपुर की रहने वाली थी। बताया जाता है कि छात्रा ने सुसाइड से पहले परिवार को फोन भी किया था।

युवती का मोबाइल लॉक, परिजनों की दी गई सूचना

घटना के बारे में गांधी नगर थानाधिकारी आशुतोष ने बताया- सुसाइड की घटना की जानकारी मिलने पर मौके पर पहुंचे। परिवार को घटना की जानकारी दी है. युवती का मोबाइल लॉक है। परिवार के आने के बाद अन्य चीजों पर काम किया जायेगा। हॉस्टल में सारिका के साथ रहने और पढ़ने वाली छात्राओं से भी पूछताछ की जा रही है।

कमरे से नहीं मिला कोई सुसाइड नोट

बताया गया कि शाम करीब 4 बजे सारिका के कमरे का गेट नहीं खोलने पर दूसरी छात्राओं ने वॉर्डन को जानकारी दी। इस पर वॉर्डन ममता जैन गार्ड को लेकर कमरे में पहुंची और गेट तोड़कर अंदर गए तो सारिका फंदे से लटकी मिली। कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है. मामले की जांच जारी है।

राजस्थान विश्वविद्यालय की छात्राओं का धरना-प्रदर्शन जारी है. गुरुवार रात भी छात्राएं कड़ाके की ठंड में खुले आसमान के नीचे प्रदर्शन करती नजर आई। अब छात्राओं का यह प्रदर्शन और तेज हो सकता है, क्योंकि गुरुवार रात NSUI के प्रदेशाध्यक्ष विनोद जाखड़ ने आंदोलनरत छात्राओं से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद विनोद जाखड़ ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाये। साथ ही कहा कि विवि प्रशासन का रवैया तानाशाही है।

दरअसल राजस्थान विश्वविद्यालय के माही गर्ल्स हॉस्टल में नई वार्डन की नियुक्ति के मुद्दे पर छात्राएं कड़ाके की सर्दी में कुलपति सचिवालय के सामने विरोध प्रदर्शन कर रही हैं। छात्राओं का कहना है कि यह नियुक्ति उनके हितों और भावनाओं के खिलाफ है।

पाली की लड़की ने किया था सुसाइड

दस दिन पहले जवाहर लाल नेहरू मार्ग स्थित एमएनआईटी में पढ़ने वाली छात्रा ने हॉस्टल की छत से कूद कर आत्महत्या कर ली थी। पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट भी मिला। उसमें लिखा था कि ‘गलती मेरी ही है। मैं ही इस दुनिया में नहीं जी सकती। सबसे ज्यादा खुश मैं या तो बचपन में या नींद में थी।’ मृतक छात्रा 21 वर्षीय दिव्या राज मेघवाल थी जो कि पाली जिले की रहने वाली थी। वह एमएनआईटी में बीआर्क (आर्किटेक्चर) फर्स्ट ईयर की स्टूडेंट थी।

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पाकिस्तान में हिंदू बोले “यहां खुश हैं, कोई भेदभाव नहीं होता”, भारतीय गोदी मीडिया की खबरें झूठी

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 13 मार्च 2025 | जयपुर : भारत में गोदी मीडिया कि खबरों में आपने अक्सर सुना-देखा होगा कि बंटवारे के वक्त पाकिस्तान में हिंदुओं की आबादी 15 फीसदी थी। वर्तमान में पाकिस्तान में हिंदुओं की आबादी मात्र 1% रह गयी है।

पाकिस्तान में हिंदू बोले “यहां खुश हैं, कोई भेदभाव नहीं होता”, भारतीय गोदी मीडिया की खबरें झूठी

पाकिस्तान में हिंदू बोले “यहां खुश हैं, कोई भेदभाव नहीं होता”, भारतीय गोदी मीडिया की खबरें झूठी

या फिर इस कम होती आबादी का कारण पाकिस्तान में हिंदुओं पर किये जा रहे अत्याचार हैं, जिनकी वजह से हिंदुओं को जबरन मुसलमान बनाया जा रहा है। या विरोध करने पर हिंदुओं के मंदिर तोड़े जा रहे हैं, हिंदुओं की बहन बेटियों की इज्ज़त लूटी जा रही है, इस कारण पाकिस्तान में हिन्दू 15% से मात्र 1% रह गये हैं।

पर यह सब गोदी मीडिया की खबरें यादृच्छिक, झूठी, बनावटी और मनगढ़ंत हैं और या तो अपनी टीआरपी बढ़ने के लिए प्रसारित होती हैं या फिर भारत में नफ़रत फ़ैलाने के लिये। 

 वास्तविकता यह है कि ‘मैं हिंदू हूं, पाकिस्तान में रहती हूं। मुझे यहां कोई परेशानी नहीं होती। हम खुलकर रहते हैं। त्योहार मनाते हैं। एंजॉय करते हैं। यहां की सरकार हमारे लिए प्रोग्राम करवाती है। हमें सिक्योरिटी देती है। हमारे आसपास काफी मुस्लिम रहते हैं, लेकिन उनकी वजह से हमें कोई दिक्कत नहीं है।’

पति धनराज और बच्चे के साथ कराची के रत्नेश्वर मंदिर आईं नीतू के इस जवाब से मुझे हैरानी हुई। मैंने उनसे पूछा था कि भारत में ऐसी खबरें आती हैं कि यहां हिंदुओं के हालात अच्छे नहीं हैं। वे पूजा नहीं कर सकते, त्योहार नहीं मना सकते। मंदिरों की स्थिति भी ठीक नहीं है।

दैनिक भास्कर के रिपोर्टर बिक्रम प्रताप सिंह का कहना है कि चैंपियंस ट्रॉफी की कवरेज के लिए मैं पाकिस्तान पहुंचा, तो मुझे भी ऐसा ही लगता था। 26 फरवरी को महाशिवरात्रि वाले दिन मैं इस्लामाबाद में था। एक लोकल जर्नलिस्ट ने मुझसे कहा कि आपको आज कराची में होना चाहिए था।

वहां एक शिव मंदिर है, जहां शिवरात्रि पर 25 हजार से ज्यादा श्रद्धालु आते हैं। मंदिर के बारे में मान्यता है कि वहां भगवान शिव की तीसरी आंख मौजूद है और वह किसी भी मुसीबत से कराची को बचाकर रखती है।

ये कराची के रत्नेश्वर महादेव मंदिर का एंट्री गेट है। ये मंदिर अपने शिवरात्रि उत्सव के लिए मशहूर है। फोटो में दिख रहीं सीढ़ियां मंदिर के अंदर ले जाती हैं।

कराची के मशहूर क्लिफ्टन बीच पर है रत्नेश्वर महादेव मंदिर

मैं इस्लामाबाद की कवरेज के बाद कराची पहुंचा। यहां शिवमंदिर के बारे में पता किया। ये मंदिर शहर की प्राइम लोकेशन में से एक क्लिफ्टन बीच के पास है। मंदिर की ओर जाते वक्त मैं यही सोच रहा था कि ये बुरी हालत में होगा। लोग डर के माहौल में वहां आते होंगे।

शाम 7 बजे मंदिर पहुंचा, तो देखा कि मेन गेट लाइट्स से जगमगा रहा था। पूरा परिसर काफी व्यवस्थित है। मैं माइक के साथ गया था, इसलिए मुझे दरवाजे पर रोक दिया गया। ये कराची के रत्नेश्वर महादेव मंदिर का एंट्री गेट है। ये मंदिर अपने शिवरात्रि उत्सव के लिए मशहूर है। फोटो में दिख रहीं सीढ़ियां मंदिर के अंदर ले जाती हैं।

ये रत्नेश्वर मंदिर का बाहरी कैंपस है। पूरा कैंपस सुंदर तरीके से सजाया गया है। हालांकि, आम दिनों में यहां कम ही भीड़ रहती है।

मैंने कहा कि मैं भारत से आया हूं। मंदिर की कवरेज करनी है। जवाब मिला- आप अंदर जाकर पूजा कर सकते हैं, मीडिया कवरेज के लिए इजाजत लेनी पड़ेगी। फिर गेट पर खड़े शख्स ने किसी को फोन किया। ये रत्नेश्वर मंदिर का बाहरी कैंपस है। पूरा कैंपस सुंदर तरीके से सजाया गया है। हालांकि, आम दिनों में यहां कम ही भीड़ रहती है।

दूसरी ओर मौजूद शख्स से मेरी बात कराई। वे पाकिस्तान हिंदू पंचायत के महासचिव रवि डडानी थे। रवि ने गेट पर खड़े शख्स से कहा कि मुझे माइक के साथ अंदर जाने दें। साथ ही बताया कि वे भी कुछ देर में पहुंच रहे हैं।

जमीन से नीचे 6 लेवल पर बना मंदिर, आखिरी लेवल पर महादेव की मूर्ति

आमतौर पर किसी मंदिर में सीढ़ियां चढ़ने के बाद भगवान के दर्शन होते हैं। रत्नेश्वर मंदिर में सीढ़ियां नीचे की ओर जाती हैं। ये मंदिर जमीन की सतह से काफी नीचे है। कुल 6 लेवल हैं, सबसे निचले लेवल पर भगवान शिव विराजमान हैं।

मंदिर के सबसे आखिरी लेवल पर शिवलिंग है। ऊपर के लेवल पर अलग-अलग देवी-देवताओं की मूर्तियां हैं।

हिंदू बोले- यहां खुश हैं, कोई भेदभाव नहीं होता

परिसर के अंदर जाते हुए मुझे कई भक्त मिले। मैंने सोचा कि इससे पहले कि यहां के व्यस्थापक आएं, इन लोगों से बात कर लेता हूं। हो सकता है कि उनके आने के बाद ये खुलकर बात न करें। यहीं कराची की रहने वाली नीतू मिलीं। मैंने उनसे पूछा कि क्या हिंदू होने की वजह से आपको पाकिस्तान में कोई दिक्कत होती है। उन्होंने जवाब दिया- बिल्कुल नहीं।

मैंने पूछा- कभी इंडिया आने का मन करता है? नीतू कहती हैं, ‘दिल तो करता है कि वहां जाएं।’ तभी उनके पति धनराज बोलने लगते हैं, ‘जम्मू में वैष्णो देवी मंदिर जाने की इच्छा है। हमारा गांव भी इंडिया में है, लेकिन कभी वहां जा नहीं पाए।’ मंदिर के सबसे आखिरी लेवल पर शिवलिंग है। ऊपर के लेवल पर अलग-अलग देवी-देवताओं की मूर्तियां हैं।

मंदिर में ही मिले कैलाश कुमार कहते हैं, ‘यहां हमारी अच्छी लाइफ है। अच्छे तरीके से सभी त्योहार मनाते हैं। अभी होली आने वाली है। हम इसकी तैयारी कर रहे हैं।’ कैलाश के साथ आईं लता बताती हैं, ‘पहले हमारा परिवार उमरकोट में रहता था। कराची आए 40 साल से ज्यादा हो गए। भोलेनाथ की दया से सब ठीक है।’

भारत में किस मंदिर में दर्शन करने जाना चाहती हैं, लता जवाब देती हैं- ‘हरिद्वार। अगर गए तो सभी मंदिरों में जाएंगे।’ बगल में लक्ष्य खड़े थे। उम्र करीब 20 साल होगी। मैंने पूछा- ‘आप कभी मार्केट जाते हैं और खुद को हिंदू बताते हैं, आपके साथ कोई भेदभाव होता है?’ लक्ष्य बताते हैं, ‘नहीं। यहां सभी हमें भाई समझते हैं। हमारे साथ कभी भेदभाव नहीं होता।’

मंदिर का मेंटेनेंस हिंदू संगठन के पास, सरकार से मदद नहीं लेते

कुछ देर में पाकिस्तान हिंदू पंचायत के महासचिव रवि डडानी आ गए। उनके साथ पाकिस्तान में हिंदू मंदिरों के रखरखाव के लिए बने विभाग के प्रमुख कृष्ण शर्मा भी थे। रवि बताते हैं, ‘2014 में यहां पास में एक फ्लाईओवर बनना शुरू हुआ था।

कंस्ट्रक्शन की वजह से मंदिर में दरारें आने लगीं। पाकिस्तान हिंदू पंचायत ने कंस्ट्रक्शन रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर को पाकिस्तान की धरोहर बताते हुए फ्लाईओवर का काम रुकवा दिया।’

कराची में 50 से ज्यादा मंदिर, पाकिस्तान में 4 हजार मंदिरों में होती है पूजा

रवि डडानी के साथ मौजूद कृष्ण शर्मा मंदिरों के रखरखाव का काम देखने वाले सरकारी डिपार्टमेंट के प्रमुख हैं। वे बताते हैं, ‘कराची में अभी करीब 50 मंदिर फंक्शनल हैं यानी उनमें नियमित पूजा होती है। बड़ी तादाद में श्रद्धालु आते हैं।’

‘पूरे पाकिस्तान में करीब 4 हजार छोटे-बड़े हिंदू मंदिर हैं। ये सच है कि इनमें से कई मंदिरों की स्थिति अच्छी नहीं है। अब पाकिस्तान सरकार सभी मंदिरों को रिस्टोर करने और देश-विदेश के हिंदुओं को इनका एक्सेस देने पर काम कर रही है।’

‘पाकिस्तान में हिंदुओं से भेदभाव की खबरें सच नहीं’

कृष्ण शर्मा आगे बताते हैं, ‘पाकिस्तान के बाहर ऐसा नैरेटिव फैला हुआ है कि यहां हिंदुओं के साथ बहुत भेदभाव होता है। ये सच नहीं है।’ हमने उनसे पूछा- ‘पाकिस्तान में हिंदू लड़कियों को अगवा करने, जबरन उनकी शादी करवाने और धर्म बदलवाने की खबरें आती हैं, ये कितनी सच हैं?’

कृष्ण शर्मा जवाब देते हैं, ‘ऐसे वाकये होते हैं, जिनमें हिंदू लड़कियां मुसलमान लड़कों से शादी करती हैं। शादी से पहले उनका धर्म भी बदलवाया जाता है। हालांकि, ज्यादातर मामलों में लड़कियां मर्जी से शादी के लिए मुसलमान लड़के को चुनती है।’

‘अगर लड़की की उम्र 18 साल से कम होती है तो प्रशासन सख्त कदम उठाता है। भारत में भी कोई बालिग लड़की गैर धर्म के लड़के से अपनी मर्जी से शादी करे, तो कानून कुछ नहीं कर सकता। ऐसा ही यहां भी है। फिर भी सरकार की कोशिश है कि इस तरह के मामले कम से कम हों।’

‘हिंदू मंदिर में कभी धमाके नहीं होते’

कृष्ण शर्मा कहते हैं, ‘आप अक्सर पाकिस्तान की मस्जिदों में धमाके की खबरें सुनते होंगे। यहां हिंदू मंदिरों में कभी कोई आतंकी घटना नहीं हुई है। कुछ सोशल मसले हैं, लेकिन ये तो हर जगह होते हैं। हां, जब भारत से खबरें आती हैं कि वहां मुसलमानों के साथ अच्छा सलूक नहीं हो रहा है, तो इसका असर पाकिस्तान पर भी पड़ता है।’

‘पाकिस्तान में करीब 80 लाख हिंदू, सबसे ज्यादा सिंध में’

कृष्ण शर्मा आगे बताते हैं, ‘सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पाकिस्तान में 52 लाख हिंदू रहते हैं। हालांकि, हमारा डेटा बताता है कि ये आंकड़ा करीब 80 लाख है। पूरे पाकिस्तान में हिंदुओं की सबसे बड़ी आबादी सिंध प्रांत में है। बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वाह में भी हैं। कराची हिंदुओं की सबसे ज्यादा आबादी वाला शहर है। यहां 1.50 लाख से ज्यादा हिंदू रहते हैं।’

पॉलिटिकल लीडर बोले- सरकार अल्पसंख्यकों के लिए काम कर रही

सिंध में अभी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की सरकार है। पार्टी के सीनियर लीडर मखदूम मंसूर हाशमी से हमने हिंदुओं की स्थिति पर बात की। उन्होंने माना कि यहां हिंदू लड़कियों की शादी कर धर्म परिवर्तन कराने के मामले होते हैं।

इसकी वजह बताते हुए मखदूम कहते हैं, ‘यहां पढ़े-लिखे लोग कम हैं। जिस दिन यहां साक्षरता दर 80-90% को पार करेगी, ये समस्या दूर हो जाएगी। सिंध सरकार अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा के लिए काम कर रही है।’

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राजस्थान में कोचिंग स्टूडेंट की आत्महत्या रोकने, कोचिंग सेंटर कंट्रोल के बिल को कैबिनेट की मंजूरी

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 09 मार्च 2025 | जयपुर :  प्रदेश में कोचिंग स्टूडेंट की आत्महत्या रोकने और कोचिंग सेंटर पर कंट्रोल के लिए सरकार बिल लायेगी। सीएम भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में राजस्थान कोचिंग इंस्टीट्यूट कंट्रोल्ड एंड रेगुलेशन बिल 2025 को मंजूरी दी गई है। विधानसभा के मौजूदा बजट सत्र में ही इस बिल को पारित करवाने की तैयारी है।

राजस्थान में कोचिंग स्टूडेंट की आत्महत्या रोकने, कोचिंग सेंटर कंट्रोल के बिल को कैबिनेट की मंजूरी

बिल के प्रावधानों के मुताबिक 50 या इससे ज्यादा विद्यार्थियों वाले कोचिंग सेंटर्स को कानूनी दायरे में लाया जायेगा। 50 या इससे ज्यादा स्टूडेंट वाले कोचिंग सेंटर्स को रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होगा। प्रदेश में राजस्थान कोचिंग इंस्टीट्यूट कंट्रोल्ड एंड रेगुलेशन अथॉरिटी का गठन किया जायेगा। उच्च शिक्षा विभाग के प्रभारी सचिव इस अथॉरिटी के अध्यक्ष होंगे।

कोचिंग सेंटर कंट्रोल के बिल को कैबिनेट की मंजूरी

पोर्टल और एप बनेगा

कोचिंग सेंटर्स पर मॉनिटरिंग और विद्यार्थियों की सुविधा के लिए एक राज्य स्तरीय पोर्टल और काउंसिलिंग के लिए हेल्पलाइन भी बनाई जाएगी। इस बिल के कानून के बाद हर कोचिंग सेंटर को रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य हो जायेगा।

कोचिंग सेंटर्स पर निगरानी बढ़ेगी, फीस लौटाने के प्रावधान भी होंगे

बिल में कोचिंग सेंटर्स पर निगरानी और नियंत्रण के कड़े प्रावधान होंगे। कोचिंग सेंटर्स मनमानी फीस नहीं वसूल पाएंगे। स्टूडेंट्स को तनाव मुक्त माहौल देना होगा। स्टूडेंट की मेंटल हेल्थ को ध्यान में रखना होगा। बीच में कोचिंग छोड़ने वाले स्टूडेंट्स को फीस लौटाने के प्रावधान भी बिल में शामिल होंगे। जोगाराम पटेल ने कैबिनेट के के फैसलों के बारे में जानकारी दी।

नियमों का उल्लंघन करने पर भारी जुर्माना और संपत्ति जब्त करने तक के प्रावधान

कोचिंग सेंटर पर कंट्रोल वाले बिल में नियमों के उल्लंघन पर कड़ी करवाई का प्रावधान है। संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में कहा- कोचिंग में पढ़ने वाले युवाओं में जिस तरह का तनाव बढ़ रहा था और जो घटनाएं हो रही थी, वो चिंताजनक थी। बिल में कोचिंग सेंटरों की मान्यता रद्द करने, भारी जुर्माना लगाने और लैंड रेवेन्यू एक्ट के हिसाब से जब्ती तक के प्रावधान होंगे।

जोगाराम पटेल ने कैबिनेट के के फैसलों के बारे में जानकारी दी।

राज्य की नई कौशल नीति को मंजूरी, नीति में कई प्रावधान

कैबिनेट ने राज्य की नई कौशल नीति को मंजूरी दी है। इस नीति के अनुसार इंडस्ट्री की मांग के अनुसार कुशल प्रोफेशनल और कामगार तैयार किए जायेंगे। युवाओं को इंडस्ट्री की डिमांड के हिसाब से स्किल डवलपमेंट की ट्रेनिंग देकर उन्हें रोजगार पाने के योग्य बनाया जायेगा।

आईटीआई को उन्नत कौशल विकास केंद्र के तौर पर विकसित करेंगे

नई कौशल नीति के अनुसार प्रदेश की सभी आईटीआई को नए जमाने के हिसाब से उन्नत कौशल केंद्र के रूप में विकसित किया जायेगा। संभाग मुख्यालय में मॉडल करियर सेंटर बनाये जायेंगे। वहां पर युवाओं को करियर काउंसिलिंग से लेकर इंटर्नशिप और रोजगार के अवसरों की जानकारी दी जायेगी।

प्रदेश भर में अलग-अलग सेक्टर के अनुभवी श्रमिकों के कौशल का सर्टिफिकेशन किया जायेगा। इसके लिए कैंप लगाए जायेंगे। स्किल यूनिवर्सिटी का मॉडर्नाइजेशन करके विशेष कौशल केंद्र बनाए जायेंगे।

प्रदेश में दिव्यांगजनों के लिए समान अवसर नीति को मंजूरी

कैबिनेट में दिव्यांगजनों के लिए समान अवसर नीति 2024 को मंजूरी दी है। इस नीति के तहत सरकारी दफ्तरों में विशेष योग्यजन की एंट्री को आसान और बाधा मुक्त बनाने के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर को विकसित किया जाएगा। राज्य सरकार के सभी संस्थाओं में ऐसी सुविधा विकसित की जायेगी, जिससे कि दिव्यांगजनों को आने-जाने में कोई दिक्कत नहीं हो।

यह भी पढ़ें : फर्जी डिग्री सरगना जेएस यूनिवर्सिटी के कुलपति, रजिस्ट्रार और दलाल गिरफ्तार

दिव्यांग कर्मचारी के लिए भी सभी सरकारी दफ्तर में उनके सुविधा के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जायेगा। सारी सुविधाएं भारत सरकार के मापदंडों के हिसाब से विकसित की जाएगी, इसके तहत रैंप बनाने से लेकर इजी अप्रोच के लिए जरूरी सभी संसाधन विकसित किये जायेंगे।

दिव्यांगों के तबादले कम से कम होंगे, रोटेशनल ट्रांसफर से मुक्त रखेंगे

इस नीति के तहत दिव्यांगों को रोटेशनल टाइप ट्रांसफर से मुक्त रखा जायेगा और उनके तबादले कम से कम हो यह कोशिश होगी। हर विभाग दिव्यांगों की भर्ती की देखरेख उनकी नियुक्ति और उनके रिकॉर्ड को मेंटेन करने के लिए संपर्क अधिकारी को नियुक्त करेगा।

कर्मचारियों को अब ग्रेच्युटी का लाभ 1 जनवरी 2024 से मिलेगा

सरकारी कर्मचारियों को केंद्र सरकार के अनुसार 1 जनवरी से बढ़ी हुई ग्रेजुएट ग्रेच्युटी का लाभ मिलेगा। कैबिनेट ने इसकी मंजूरी दी है। सरकार ने बजट में इसकी घोषणा की थी। राज्य सरकार ने रिटायरमेंट ग्रेच्युटी और डेट ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा हाली 20 लाख से बढ़कर 25 लख रुपए की है।

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