कलेक्टर टीना डाबी ने स्पा-सेंटर का गेट तुड़वाया, संदिग्धावस्था में 5 लड़कियां मिलीं

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 02 अक्टूबर 2024 | जयपुर – बाड़मेर :  बाड़मेर कलेक्टर टीना डाबी ने शहर में सफाई अभियान के निरीक्षण के दौरान एक स्पा सेंटर पर भी छापा मारा। कलेक्टर को देखकर सेंटर मालिक ने अंदर से लॉक लगा लिया। जब काफी कोशिश के बाद भी उसने गेट नहीं खोला तो डाबी ने यूआईटी अधिकारियों की मदद से गेट तोड़ दिया।

कलेक्टर टीना डाबी ने स्पा-सेंटर का गेट तुड़वाया, संदिग्धावस्था में 5 लड़कियां मिलीं

कलेक्टर टीना डाबी ने स्पा-सेंटर का गेट तुड़वाया, संदिग्धावस्था में 5 लड़कियां मिलीं

सेंटर से 5 लड़कियों सहित 7 लोगों को हिरासत में लिया गया है। कलेक्टर टीना डाबी ने देह व्यापार की आशंका जताई है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामला दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। कलेक्टर टीना डाबी पूरी कार्रवाई के दौरान वहीं मौजूद रहीं। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि मामले की पूरी जांच होनी चाहिए।

कलेक्टर टीना डाबी पूरी कार्रवाई के दौरान वहीं मौजूद रहीं। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि मामले की पूरी जांच होनी चाहिए।

डाबी ने धमकाया – क्यों छुप रहा है, अब तो मैं यहीं खड़ी रहूंगी

दरअसल, बाड़मेर में ‘नवो बाड़मेर अभियान’ चलाया जा रहा है। बुधवार को सुबह 9 बजे चामुंडा सर्किल से चौहटन सर्किल पर सफाई की जा रही थी। इस दौरान करीब 9 बजे जिला कलेक्टर टीना डाबी भी पहुंची थीं।

कलेक्टर और प्रशासनिक अधिकारियों को देख स्पा सेंटर संचालक ने मुख्य दरवाजे के साथ एंट्री गेट को बंद कर दिया था। इस पर टीना डाबी को शक हुआ तो उन्होंने सेंटर संचालक को गेट खोलने के लिए कहा, लेकिन वह नहीं माना।

वे करीब 30 मिनट तक यहां खड़ी रहीं

डाबी ने बाहर से फटकार लगाते हुए कहा- छुप क्यूं रहा है.. अब तो मैं तब तक खड़ी रहूंगी जब तक गेट नहीं खुल जाए। चाहे दरवाजा तोड़ना पड़े। हिरासत में लिए गए सभी लोगों से पूछताछ की जा रही है। सेंटर के लाइसेंस व दूसरे डॉक्युमेंट भी चेक किए जा रहे हैं।

हिरासत में लिए गए सभी लोगों से पूछताछ की जा रही है। सेंटर के लाइसेंस व दूसरे डॉक्युमेंट भी चेक किए जा रहे हैं।

अतिरिक्त कलेक्टर छत से सेंटर के अंदर घुसे

गेट तोड़ने की कार्रवाई के दौरान बाड़मेर शहर के अतिरिक्त कलेक्टर राजेंद्र चांदावत सेंटर के अंदर छत पर मौजूद दूसरे गेट से घुस गए। सेंटर का एक गेट बाहर से तोड़ा गया व दूसरा अंदर से एडीएम ने खोला। इसके बाद अंदर घुसे अधिकारियों ने वहां मौजूद 7 लोगों को हिरासत में लिया।

2 लड़के और 5 लड़कियां शांतिभंग में गिरफ्तार

सदर सीआई सत्यप्रकाश ने बताया कि हिरासत में लिए गए लोगों को वेरिफिकेशन के लिए कोतवाली थाने भेजा गया है। दो लड़के और 5 लड़कियों को शांतिभंग में गिरफ्तार किया है। प्रारंभिक जानकारी में सामने आया कि इन 5 लड़कियों में से ही कोई एक स्पा संचालक है, जिसकी जानकारी जुटाई जा रही है।

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नग्नता का नंगा नाच करते सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 01 अक्टूबर 2024 |  जयपुर : (प्रियंका सौरभ का आलेख) जीवन का चरमसुख अब फॉलोअर्स पाने और कमेंट आने पर निर्भर हो गया है। फेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म पर नग्न अवस्था में तस्वीरें शेयर कर आज लड़कियां लाइक कमेंट पाकर खुद को अनुगृहित करती दिखाई देती है मानो जीवन की सबसे अहम और जरूरी ऊंचाई को उन्होंने पा लिया हो।

नग्नता का नंगा नाच करते सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स

नग्नता को हम आधुनिकता के इस दौर में न्यू फैशन कहते हैं। सोशल मीडिया पर फैशन की उबाल आई तो सोशल नेटवर्क पर युवा पीढ़ी ने खुद को खूबसूरत युवतियों से पीछे पाया, फिर क्या युवकों ने खुद की नग्नता का नंगा नाच शुरू किया कहा मैं पीछे कैसे ?

नग्नता का नंगा नाच करते सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स

युवा अपने यौवन को दिखाते घूम रहे हैं मैं किसी से कम नहीं। पहले के जमाने में बड़े बुजुर्ग इस तरह की हरकतों पर नकेल कसते थे। खैर जमाना आधुनिक है इस लिए समाज इसे स्वीकारता और आनंदित होता है। ऐसे बिगड़ैल यूट्यूबर के इंटरव्यूज होना और भी अचरज की बात है।सोशल मीडिया पर आजकल जो ये फॉलोवर बढ़ाने के लिए जो नग्नता परोसी जा रही है। क्या उसमें परोसने वाले ही दोषी हैं? क्या उसको लाइक और शेयर करने वाले दोषी नहीं हैं ? मेरे हिसाब से तो वो ज्यादा दोषी हैं। अगर हम ऐसी पोस्ट या वीडियो को लाइक शेयर करना ही बंद कर दें तो क्या ये बंद नहीं हो सकता ?

पूरा देश नग्नता के लिए फिल्मों को दोष देता है परंतु आज सोशल मीडिया (सामाजिक पटल) पर इतनी भयंकर नग्नता है कि हमारी जो भारतीय फिल्में को भी शर्म आ जाए। आज कोई भी सोशल प्लेटफार्म अछूता नहीं है फूहड़पन और नग्नता से। सोशल मीडिया के अंधे दौर में कुछ लाइक और व्यू पाने के लिए हमारे समाज की नारियों को कैसे लक्षित किया जा रहा है और उन्हें नग्नता परोसना पड़ रहा है। और वो लाइक और व्यू के आसमान में उड़ने के लिए नग्नता परोस स्वयं के मान सम्मान स्वाभिमान का सौदा आसानी से कर रही है।

कुछ चप्पल छाप यूट्यूबर्स लोग केवल व्यू पाने के लिए हमारी आस्था पर इस तरह के अश्लीलता वाले थम्बनेल लगाते हैं। किससे क्या कहें? जीवन का चरमसुख अब फॉलोअर्स पाने और कमेंट आने पर निर्भर हो गया है। फेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म पर नग्न अवस्था में तस्वीरें शेयर कर आज लड़कियां लाइक कमेंट पाकर खुद को अनुगृहित करती दिखाई देती है, मानो जीवन की सबसे अहम और जरूरी ऊंचाई को उन्होंने पा लिया हो।

इस नग्नता को हम आधुनिकता के इस दौर में न्यू फैशन कहते हैं। सोशल मीडिया पर फैशन की उबाल आई तो सोशल नेटवर्क पर युवा पीढ़ी ने खुद को खूबसूरत युवतियों से पीछे पाया, फिर क्या युवकों ने खुद की नग्नता का नंगा नाच शुरू किया और कहा, मैं पीछे कैसे ? युवा अपने यौवन को दिखाते घूम रहे हैं मैं किसी से कम नहीं। ऐसे बिगड़ैल यूट्यूबर के इंटरव्यूज होना और भी अचरज की बात है। पहले के जमाने में बड़े बुजुर्ग इस तरह की हरकतों पर नकेल कसते थे। खैर जमाना आधुनिक है इस लिए समाज इसे स्वीकारता और आनंदित होता है।

गम्भीरता से सोचने का विषय

पर ये बहुत ही गम्भीरता से सोचने का विषय है – हमारे घरों के छोटे-छोटे बच्चे किस दिशा में जा रहे हैं। माता-पिता क्यों जानबूझ कर अनदेखा कर रहें हैं? क्यों नहीं अपने बच्चों को टाईम और संस्कार देना चाहते हैं? क्यों अपने हाथो अपने बच्चो को दलदल में धकेल रहें हैं। आजकल के माता-पिता बहुत ज्यादा मार्डन है और उन्हें नंगापन, बॉयफ्रेंड और मार्डन परिवेश बेहद आकर्षित करती है। ये आने वाली पीढ़ी और समाज के लिए घातक सिद्ध होगा। टीनएजर लड़कियों की मनःस्थिति को अपने खास मकसद के मुताबिक ढाला जा रहा है।

अब तो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मस आभासी नग्नता के अड्डे बने हुए हैं। वल्गर रील्स और वीडियोस तो अब हर घर के टीनेजरस बना ही रहे हैं। अब तो ऐसा महसूस होने लगा है कि वैश्यावृति के अड्डे भी नये विकल्पों के साथ हवस परस्त मर्दो के लिए उपलब्ध हो गए हैं। सोशल मीडिया पर आजकल जो ये फॉलोवर बढ़ाने के लिए जो नग्नता परोसी जा रही है। क्या उसमें परोसने वाले ही दोषी हैं? क्या उसको लाइक और शेयर करने वाले दोषी नहीं हैं ? मेरे हिसाब से तो वो ज्यादा दोषी हैं। अगर हम ऐसी पोस्ट या वीडियो को लाइक शेयर करना ही बंद कर दें तो क्या ये बंद नहीं हो सकता ?

आज सामाजिक विकार अपने सफर के सफलतम पड़ाव में है। रोकथाम की कोई गुंजाइश नही है। अब तो प्रलय ही इसकी गति को रोक सकती है। सोशल मीडिया में रील्स पर नग्न और अश्लील नृत्य की नौटंकी करने वाली बेटियों से निवेदन है कि चंद काग़ज़ के टुकड़ों के लिए अपने परिवार और धर्म की इज्जत तार-तार ना करो। पैसे आपको आज नृत्य के लिए नही अपितु नग्नता परोसने के लिए दिए जा रहे है ताकि पूरे समाज को एक दिन रसातल में धकेल कर नीचा दिखाया जा सके।

चाहिए अश्लीलता और नग्नता मुक्त समाज

हमारी संस्कृति ही नहीं बचेगी तो तो हमारे राष्ट्र का और आने वाली पीढ़ियों का दुर्गुणों से विनाश होने से कोई बचा नहीं सकता है। अभी समझे कि संस्कृति क्या है और इसे बचाना क्यों जरूरी है। यह हमारे राष्ट्र का स्वाभिमान है। हमें चाहिए अश्लीलता और नग्नता मुक्त समाज अपनी नष्ट हो रहे सभ्यता और संस्कृति की रक्षा करें। बॉलीवुड की अश्लीलता, नग्नता और गाली गलौज से भरी फिल्मों और वेब सीरीज का बहिष्कार करें।

अश्लील गाना एवं अश्लील फिल्मों का बहिष्कार करें। सोशल मीडिया में ट्वीटर, फेसबुक आदि ऐसे प्लेटफार्म हैं जिसके माध्यम से लोग अपने विचार, अभिव्यक्ति के साथ किसी महत्वपूर्ण जानकारी का प्रेषण करते हैं। किन्तु वर्तमान में इन प्लेटफार्मो मे अश्लील,आपत्तिजनक व नग्नता पूर्ण मैसेज व विज्ञापन की भरभार होने के साथ जुए जैसे खेलों को खेलने के लिए प्रोत्साहित कर सामाजिक प्रदूषण फैलाया जा रहा है। हमारे नौनिहाल, बहन बेटी भी इन प्लेटफार्मो का बहुतायत उपयोग करते है। इस प्रदूषण पर अंकुश लगवाने के लिए सभी को सोचना होगा और खुद पहल करनी होगी। आज चेतना चाहिए नहीं तो कल रास्तों में होगा नंगा नाच। आप देश का भविष्य हो, कठपुतली मत बनो।

स्वच्छंदता के नाम पर फूहड़ता सोशल मीडिया के इस दौर में अपने चरम पर है। हमारी संस्कृति में स्त्री को धन की संज्ञा से नवाजा गया वो भी बहुमूल्य न कि टके बराबर। इसलिए राजदरबारो में होने वाले मुजरे भी चारदीवारो के अंदर ही होते थे। सत्य यह है की अश्लीलता को किसी भी दृष्टिकोण से सही नहीं ठहराया जा सकता। ये कम उम्र के बच्चों को यौन अपराधों की तरफ ले जाने वाली एक नशे की दुकान है और इसका उत्पादन आज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म स्त्री समुदाय के साथ मिलकर कर रहा है। मस्तिष्क विज्ञान के अनुसार 4 तरह के नशों में एक नशा अश्लीलता से भी है।

कौटिल्य ने चाणक्य सूत्र में वासना’ को सबसे बड़ा नशा और बीमारी बताया है। यदि यह नग्नता आधुनिकता का प्रतीक है तो फिर पूरा नग्न होकर स्त्रियां पूर्ण आधुनिकता का परिचय क्यों नहीं देती? गली- गली और हर मोहल्ले में जिस तरह शराब की दुकान खोल देने पर बच्चों पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है उसी तरह अश्लीलता समाज में यौन अपराधों को जन्म देती है। इसको किसी भी तरह उचित नहीं ठहराया जा सकता है। विचार करिए और चर्चा करिए या फिर मौन धारण कर लीजिए।

प्रियंका सौरभ
रिसर्च स्कॉलर इन पोलिटिकल साइंस,
कवयित्री, स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार,
उब्बा भवन, आर्यनगर, हिसार (हरियाणा)-127045

बिरसा अंबेडकर फुले फातिमा मिशन को आगे बढ़ाने के लिए ‘मूकनायक मीडिया’ को आर्थिक सहयोग जरूर कीजिए 

पत्नी की हत्या करके डेडबॉडी के 59 टुकड़ों को फ्रिज में भरा

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 29 सितंबर 2024 | बेंगलुरु : 3 सितंबर, 2024 की रात मुक्तिरंजन महालक्ष्मी के घर गया। दोनों में झगड़ा हुआ और गुस्से में मुक्तिरंजन ने महालक्ष्मी को गला घोंट के मार दिया। मुक्तिरंजन घबराया जरूर, लेकिन भागा नहीं। रात भर यूट्यूब पर लाश को ठिकाने लगाने और काटने के वीडियो देखता रहा।’

पत्नी की हत्या करके डेडबॉडी के 59 टुकड़ों को फ्रिज में भरा

‘सुबह हुई तो करीब 11 बजे पास की दुकान पर गया और एक बड़ा चाकू खरीदकर लाया। इसी से महालक्ष्मी की बॉडी के 59 टुकड़े किए। इन टुकड़ों को फ्रिज में भरा। इसी फ्रिज के पास से चाकू का रैपर पुलिस को मिला। इसी से मालूम चला कि मुक्तिरंजन ने चाकू किस दुकान से खरीदा है।’

पत्नी की हत्या करके डेडबॉडी के 59 टुकड़ों को फ्रिज में भरा

बेंगलुरु के महालक्ष्मी मर्डर केस की जांच टीम में शामिल एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने ये बात मूकनायक मीडिया को बताई है। महालक्ष्मी के मर्डर का आरोप उसके साथ काम करने वाले मुक्तिरंजन पर है। व्यालिकावल एरिया में रहने वाली महालक्ष्मी की डेडबॉडी के टुकड़े 20 सितंबर को उसी के घर के फ्रिज से मिले थे।

महालक्ष्मी बेंगलुरु के एक मॉल में काम करती थीं। पति से झगड़े की वजह से वे अकेले रहने लगी थीं।

महालक्ष्मी बेंगलुरु के एक मॉल में काम करती थीं। पति से झगड़े की वजह से वे अकेले रहने लगी थीं। 25 सितंबर की दोपहर 30 साल के मुक्तिरंजन ने ओडिशा के फंडी गांव में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। मुक्तिरंजन के सुसाइड करने से ये मामला उलझ गया है।

अब बेंगलुरु पुलिस पता लगा रही है कि 3-4 सितंबर की रात महालक्ष्मी की हत्या के बाद मुक्तिरंजन क्या कर रहा था। पुलिस ने महालक्ष्मी के पड़ोसियों और ओडिशा में मुक्तिरंजन के परिवार से पूछताछ की है। मुक्तिरंजन के भाई सत्यरंजन ने महालक्ष्मी पर ब्लैकमैलिंग का आरोप लगाया है। सोर्स के मुताबिक, पुलिस सत्यरंजन को ओडिशा से बेंगलुरु ला सकती है।

मर्डर के बाद महालक्ष्मी के घर में 10 घंटे रहा मुक्तिरंजन

पुलिस सोर्स के मुताबिक, महालक्ष्मी और मुक्तिरंजन के बीच शादी के अलावा रुपयों के लेन-देन को लेकर झगड़ा हुआ था। दोनों करीब 6 महीने से रिश्ते में थे। महालक्ष्मी मुक्तिरंजन से शादी करना चाहती थी, लेकिन वो इसके लिए तैयार नहीं था। इसी बात पर झगड़ा हो गया। बात इतनी बढ़ गई कि दोनों के बीच मारपीट होने लगी। गुस्से में मुक्तिरंजन ने महालक्ष्मी की गला दबा कर हत्या कर दी।

मुक्तिरंजन ने सुसाइड नोट में भी यही बात लिखी है। उसने लिखा…

‘मैं महालक्ष्मी को पसंद करता था। उससे बहुत प्यार करता था, लेकिन वो आए दिन मुझसे झगड़ा करती थी। मैंने उस पर काफी पैसा खर्च किया। उसका बर्ताव मेरे लिए ठीक नहीं था। वो मुझे किडनैपिंग केस में फंसाने की धमकी दे रही थी।’

पुलिस का अनुमान है कि महालक्ष्मी के मरने से मुक्तिरंजन डर गया। उसने डेडबॉडी को ठिकाने लगाने की कोशिश की। कुछ समझ नहीं आया तो लाश के टुकड़े करने का प्लान बनाया। फिर खून के धब्बे साफ किए। पुलिस अभी फोरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। इससे पता चलेगा कि क्या मुक्तिरंजन ने खून साफ करने के लिए कोई केमिकल इस्तेमाल किया था।

फ्रिज के पास मिली ट्रॉली, इसी में भरकर डेडबॉडी फेंकना चाहता था

29 साल की महालक्ष्मी बेंगलुरु के व्यालिकावल इलाके में बसप्पा गार्डन के पास बने तीन मंजिला मकान में किराए पर रहती थी। उसका कमरा टॉप फ्लोर पर था। 20 सितंबर, शुक्रवार को तेज बदबू आने पर पास में रहने वाले जीवन प्रकाश ने खोजबीन शुरू की। पता चला कि बदबू महालक्ष्मी के घर से आ रही है।

जीवन ने फोन करके महालक्ष्मी के भाई और मां को बुलाया। फैमिली के आने के बाद कमरे का ताला तोड़ा गया। अंदर कमरे में खून बिखरा था। घर का सारा सामान बिखरा था। महालक्ष्मी की मां ने फ्रिज खोला तो अंदर महालक्ष्मी का कटा सिर, पैर और डेडबॉडी के टुकड़े रखे थे।

महालक्ष्मी के भाई उक्कम सिंह ने पुलिस को फोन किया। पुलिस ने कमरे की जांच की। यहीं फ्रिज के पास काले रंग की ट्रॉली मिली। पुलिस को शक है कि मुक्तिरंजन इस ट्रॉली में महालक्ष्मी की डेडबॉडी भरकर फेंकने की फिराक में था। फिर उसे लगा होगा कि ऐसा करते हुए लोग देख लेंगे, इसलिए उसने इरादा बदल दिया और भाग गया।

महालक्ष्मी के घर में काले रंग की ये ट्रॉली मिली है। पुलिस को शक है कि मुक्तिरंजन इसी में भरकर महालक्ष्मी की बॉडी ठिकाने लगाने वाला था।

महालक्ष्मी के घर में काले रंग की ये ट्रॉली मिली है। पुलिस को शक है कि मुक्तिरंजन इसी में भरकर महालक्ष्मी की बॉडी ठिकाने लगाने वाला था। जांच में ये भी पता चला है कि महालक्ष्मी की हत्या के बाद पूरी रात मुक्तिरंजन ने लाश को डिस्पोज करने के वीडियो देखे थे। इसी से उसे महालक्ष्मी की लाश के टुकड़े करने का ख्याल आया।

चाकू बेचने वाला दुकानदार बोला- पहला कस्टमर मुक्तिरंजन ही था

केस की इन्वेस्टिगेशन अभी चल रही है, इसलिए पुलिस सीधे तौर पर मीडिया से बात नहीं कर रही है। बेंगलुरु के एक सीनियर पुलिस ऑफिसर और जांच अधिकारी से हमने ऑफ रिकॉर्ड बात की।

पुलिस अधिकारी बताते हैं…

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शुरुआती जांच और महालक्ष्मी के घर के पास लगे CCTV कैमरे की फुटेज से काफी चीजें क्लियर हुई हैं। इससे पता चला है कि मुक्तिरंजन पास की एक दुकान तक गया और वहां से चाकू खरीदा।

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अधिकारी के मुताबिक, जांच कर रही टीम उस दुकान तक पहुंची। दुकानदार ने माना है कि चाकू उसी की दुकान से खरीदा गया था। मुक्तिरंजन के बारे में पूछने पर दुकानदार ने बताया कि शॉप खुलने के कुछ देर बाद सुबह करीब 11 बजे एक लड़का चाकू खरीदने आया था। दिन का पहला कस्टमर वही था।

एक फोन कॉल से मुक्तिरंजन तक पहुंची पुलिस

पुलिस के मुताबिक, महालक्ष्मी की बॉडी रिकवर करने के बाद जांच टीम एक-एक करके उसके करीबियों और संदिग्धों के पास पहुंची। इनमें महालक्ष्मी के साथ काम करने वाले लोग, उसका मैनेजर और दोस्त शामिल थे। पता चला कि उसके साथ काम करने वाला मुक्तिरंजन लापता है।

मुक्तिरंजन का परिवार ओडिशा के भद्रक जिले में रहता है। गांव का नाम फंडी है। मुक्तिरंजन की तलाश में पुलिस उसके घर पहुंची, तब तक उसने सुसाइड कर लिया था। पुलिस अधिकारी बताते हैं, ‘महालक्ष्मी जहां काम करती थी, हमने वहां के स्टाफ से बात की। उन्होंने बताया कि 1 सितंबर के बाद से मुक्तिरंजन काम पर नहीं आ रहा है। इससे हमारा शक उसकी तरफ गया।’

‘पुलिस ने स्टाफ से मुक्तिरंजन का फोन नंबर लिया, उसका कॉल रिकॉर्ड देखा। इससे पता चला कि 3 सितंबर की रात मुक्तिरंजन ने बेंगलुरु में ही किसी को फोन किया था। हमने उस नंबर को ट्रैक किया। ये नंबर मुक्तिरंजन के भाई स्मृतिरंजन का निकला।’

‘भाई के बारे में खोजबीन की गई, तो पता चला कि वो बेंगलुरु की इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी के पास किराए पर रहता है। जेपी नगर में काम करता है। हमने मुक्तिरंजन के भाई को उठा लिया। उसने बताया कि मुक्तिरंजन ने मर्डर के बाद फोन किया था। वो बोला कि मैं बेंगलुरु से जा रहा हूं। मुक्तिरंजन तो फरार हो गया, लेकिन उसका भाई हमारे लिए बड़ा मददगार साबित हुआ। ‘

बेंगलुरु से भागकर ओडिशा गया मुक्तिरंजन, रातभर परिवार के साथ रहा

मुक्तिरंजन को पकड़ने के लिए पुलिस उसकी लोकेशन ट्रैक कर रही थी। शुरुआत में मुक्तिरंजन के मोबाइल की लोकेशन पश्चिम बंगाल में मिली। फिर फोन स्विच ऑफ आने लगा। आखिर में उसकी लोकेशन ओडिशा के फंडी गांव में मिली। मुक्तिरंजन का परिवार इसी गांव में रहता है। लोकेशन आइडेंटिफाई होने के बाद बेंगलुरु पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए टीम भेजी।

पुलिस मुक्तिरंजन को खोज ही रही थी कि 25 सितंबर की दोपहर उसका शव कुलेपाड़ा के कब्रिस्तान में लटका मिला। ये जगह उसके घर से करीब 3 किमी दूर है। पुलिस के मुताबिक, मुक्तिरंजन सुसाइड से एक दिन पहले 24 सितंबर को घर आया था।

मुक्तिरंजन की मां ने भी बताया है कि वो रात में 10 बजे घर पहुंचा था। सुबह 4 बजे तक रहा, इसके बाद चला गया। मुक्तिरंजन परिवार को बताए बिना सुबह 4 बजे टू व्हीलर लेकर निकला था। घर से करीब 3 किमी दूर एक कब्रिस्तान में उसकी डेडबॉडी पेड़ से लटकी मिली।

मुक्तिरंजन के भाई का आरोप- महालक्ष्मी के गुंडे धमकाते थे

मुक्तिरंजन के भाई सत्यरंजन ने ओडिशा पहुंची बेंगलुरु पुलिस से कहा, ‘2 महीने पहले भाई मुझसे मिलने आया था। उसने बताया था कि कुछ लोग मुझे फोन करके धमका रहे हैं। वे कहते हैं कि अगर तुमने महालक्ष्मी की बात नहीं मानी, तो तुम्हारे टुकड़े करके कुकर में उबालेंगे।’

‘भाई इन धमकियों से बहुत घबरा गया था। उसे इस बात का दुख था कि उसने अपनी सारी कमाई उस लड़की पर बर्बाद कर दी।’ वहीं मुक्तिरंजन की मां ने पुलिस को बताया कि मैंने अपने तीनों बेटों के लिए एक तरह की अंगूठी बनवाई थी। मुक्तिरंजन ने वो अंगूठी भी उस लड़की को दे दी। पहले से शादीशुदा होने के बाद भी लड़की उसे शादी के लिए धमका रही थी।

मुक्तिरंजन के भाई को ओडिशा से बेंगलुरु ला सकती है पुलिस

मुक्तिरंजन के बड़े भाई सत्यरंजन ने महालक्ष्मी और उसके भाई उक्कम पर मारपीट और ब्लैकमेलिंग के आरोप लगाए हैं। उसके बयानों के आधार पर पुलिस उक्कम और महालक्ष्मी के दोस्त अशरफ से पूछताछ कर रही है।

सत्यरंजन के मुताबिक, महालक्ष्मी के मर्डर से पहले मुक्तिरंजन उसके पास आया था। उस वक्त वो बहुत परेशान था। उसने बताया कि महालक्ष्मी और उसका भाई उक्कम मुझे धमका रहे हैं। उक्कम ने दोस्तों के साथ मिलकर मुझे पीटा भी है। वे लोग कह रहे थे कि महालक्ष्मी जो कहे, मैं वही करूं। अगर नहीं किया तो मुझे और भाइयों को मार डालेंगे।

सोर्स के मुताबिक, इनवेस्टिगेशन टीम सत्यरंजन को ओडिशा से बेंगलुरु ला सकती है। फिलहाल, सुसाइड वाली जगह मिले लैपटॉप, डायरी और दूसरे सामानों को FSL जांच के लिए भेज दिया गया है।

मुक्तिरंजन-महालक्ष्मी के भाइयों को आमने-सामने बिठाकर पूछताछ होगी

बेंगलुरु पुलिस महालक्ष्मी के भाई उक्कम से पूछताछ कर रही है। मुक्तिरंजन के भाई का आरोप है कि महालक्ष्मी ने मुक्तिरंजन से सोने की चेन और 7 लाख रुपए लिए थे। आगे की जांच के लिए पुलिस महालक्ष्मी और मुक्तिरंजन के भाई को आमने-सामने बैठाकर बात कर सकती है।

मुक्तिरंजन के लैपटॉप के डेटा और उसकी डायरी से भी और खुलासे हो सकते हैं। ये मुक्तिरंजन के भाई सत्यरंजन हैं। सत्यरंजन का आरोप है कि महालक्ष्मी मुक्तिरंजन को ब्लैकमेल कर रही थी।

बेंगलुरु कमिश्नर बोले- ओडिशा से टीम लौट आए, फिर खुलासा करेंगे

बेंगलुरु पुलिस कमिश्नर बी दयानंद कहते हैं, ‘मुक्तिरंजन ने सुसाइड नोट में मर्डर की बात कबूल की है। हम हत्या में उसकी भूमिका तय मान रहे हैं। हमारी टीमें अभी ओडिशा में केस से जुड़ी बाकी जानकारियां इकट्ठा कर रही हैं। उनके वापस आने के बाद हम इनवेस्टिगेशन आगे बढ़ाएंगे। तभी इस मामले की बाकी जानकारी शेयर की जाएगी।”

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पुलिस सोर्स के मुताबिक, अभी महालक्ष्मी की हत्या की जांच चल रही है। पुलिस को उस हथियार का पता चल गया है, जिससे महालक्ष्मी की बॉडी के टुकड़े किए गए। हत्या वाली जगह पर पुलिस को एक से ज्यादा लोगों की उंगलियों के निशान मिले हैं। पुलिस हर एंगल की जांच कर रही है। इसमें 4 स्पेशल टीम लगी हैं।

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