तांत्रिक ने भूत भागने के नाम बच्चियों का रेप किया

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 18 जुलाई 2024 | जयपुर : साल 2021, जगह पुणे। एक घर हवन के धुएं से भरा हुआ है। हर पांच मिनट बाद धुआं और बढ़ता जा रहा है। एक बाबा ने करीब आधे घंटे अकेले हवन करने के बाद घर की सबसे छोटी बच्ची को हवन कुंड के पास बिठा लिया है। कुछ देर बाद बाबा, अपनी जगह से उठते हैं और बच्ची के पिता गोविंद से कहते हैं, इस पर प्रेत का साया है।

तांत्रिक ने भूत भागने के नाम बच्चियों का रेप किया

मैं इसे अंदर के कमरे में ले जाकर पूजा करने वाला हूं। आपको कोई दिक्कत? जवाब आता है- नहीं बाबा जी। बाबा कमरे में जाते हैं। कुछ देर बाद कमरे से  आती है। घर वालों को लगता है कि भूत शरीर छोड़ रहा है। आधे घंटे बाद बच्ची रोती हुई बाहर आती है और परिजन बाबा के पैर छूते हैं, उन्हें दक्षिणा देकर विदा करते हैं। ये वही बाबा है जिसने घर के नीचे गड़े धन का लालच देकर पीड़ित परिवार को अपने जाल में फंसाया।

तांत्रिक ने भूत भागने के नाम बच्चियों का रेप किया

फिर परिवार की बच्चियों पर भूत का साया बता कर रेप किया। डेढ़ महीने बाद बाबा ने ऐसा ही हवन परिवार की दूसरी बच्ची के साथ किया। और डेढ़ महीने बाद तीसरी बच्ची के साथ। ऐसा 6 महीने तक वो घर की पांच बच्चियों के साथ करता रहा।

इन सभी बच्चियों की उम्र 5 साल से 15 साल के बीच थी। 6 महीने बाद बाबा ने एक नई पूजा कराने की बात कही। इसके लिए गोविंद के बड़े भाई की दूसरी बेटी, जिसकी उम्र तब 16 साल थी, उसे दो दिनों तक अपने घर पर रखा।

पूरे एक दिन तक संपर्क नहीं होने के बाद घर वालों ने खोजबीन शुरू की। उसके अगले दिन पुलिस को सूचना दी और फिर परतें खुलीं। पता चला कि बाबा इस बच्ची के साथ बीते दो दिनों से रेप कर रहा था। उसके बाद इस बात का भी खुलासा हुआ कि परिवार की बाकी बच्चियों के साथ भी वह यही हरकतें करता था। कहानी उस परिवार की बच्चियों की, जिनका एक बाबा ने भूत भगाने के नाम पर शोषण किया…इस मामले में पॉक्सो एक्ट के तहत बाबा पर मुकदमा दर्ज हुआ है और वह अभी जेल में है।

इसलिए हम परिवार की पहचान जाहिर नहीं कर रहे हैं… मैं जब पुणे के एक मोहल्ले में पहुंचा, तो पीड़ित परिवार का घर ढूंढने में ज्यादा वक्त नहीं लगा। जिससे भी पूछा, सभी ने झुग्गियों की तरफ टूटते मकान के पास जाने का इशारा किया। सड़क से चार फीट नीचे हो चुके मकान में तोड़-फोड़ जारी थी। घर के बाहर सामान बिखरा पड़ा था।

पता चला कि परिवार में लोग ज्यादा हो गए हैं, अब नए मकान की जरूरत है। बाबा के प्रकोप से बीते तीन साल से उबरने की कोशिश कर रहा यह परिवार अब नया घर बनवा रहा है। काफी देर तक समझाने के बाद परिवार की मुखिया और बच्चों की दादी रजनी (बदला हुआ नाम) बात करने को तैयार हुईं। चेहरे पर बुझी हुई रौनक, जिसे नया घर बनने की खुशी से वो छुपाने की कोशिश कर रही हैं।

बातचीत के दौरान वो मेरी तरफ कम देखती हैं और नया कंस्ट्रक्शन निहारती रहती हैं। अरे वो खुद करीब आया। पहले उसने कहना शुरू किया कि मैं इन बच्चों का मामा हूं। शुरू-शुरू में दो-ढाई महीने पर आता था, तो सामने मंदिर में दो- तीन घंटे की पूजा करता था। फिर धीरे-धीरे घर आने लगा।जब घर आने लगा तो कहना शुरू किया कि ऐसा घर मैंने पहले नहीं देखा।

छोटे बेटे को किनारे ले जाकर अलग से बातें करता था। उससे कहता था कि तुम्हारे घर के नीचे सोना और पैसा गड़ा है। पूजा करानी पड़ेगी, वर्ना परिवार में कोई न कोई मरता रहेगा। मेरा बेटा उसकी चाल में फंस गया।’यह वही कमरा है जहां बाबा बच्चियों के साथ पूजा के नाम पर उनका शोषण करता था। घटना के बाद परिवार ने इसे तुड़वाकर बाथरूम बनवा दिया है।

मैंने बच्चों के चाचा और बाबा से लगातार बातचीत में रहने वाले गोविंद (बदला हुआ नाम) से बात की। वो बताते हुए भावुक हो जाते हैं।कहते हैं- ‘शुरुआत में उसने हमारे पूर्वजों और परिवार के बारे में कुछ पुरानी बातें बताईं। हमें लगा कि इसके पास कुछ शक्ति है। वह बाहर या पूजा घर में आकर, पूजा-पाठ कर चला जाता था। हर बार आता तो कम से कम पांच हजार फीस लेता था।

फिर धीरे-धीरे बच्चों से घुलने-मिलने लगा। खुद को मामा कहलवाने लगा। एक दिन वो बिना बुलाए आया। पूजा-पाठ का सामान मंगाया। नारियल, नींबू, काला कपड़ा, सिंदूर, नमक, लोबान वगैरह। उसने हवन-पूजा की और मेरी मंझली भतीजी की तरफ इशारा करके कहने लगा, इस पर किसी ने टोटका कर दिया है, अगर दूसरी पूजा नहीं हुई तो दो महीने में मर जाएगी। हम लोग डर गए।

उसने उस रात मेरी भतीजी को हवन पर बिठाए रखा और बेंत से बहुत मारा। वो दर्द से चिल्लाती थी और हमें लगता था कि प्रेत भाग रहा है।इसके बाद वो लगातार घर में आने लगा और इसी बीच उसने मुझसे जमीन के अंदर सोना-चांदी होने की बात कही। मैं और परिवार के बाकी लोगों पर तब तक तीन लाख का कर्जा हो चुका था।

हमने सोचा कि एक पूजा और करा लेते हैं, क्या पता कुछ पैसा मिल ही जाए।वो जब भी आता पूजा करने बैठ जाता। वो बच्चियों को बुलाता और उनको नींबू की माला पहना देता। कभी सिर पर नींबू काटता, तो कभी पेट के बल सुलाकर पीठ पर। इसके बाद कमरे में धुआं कर देता था और फिर उन्हें यहां-वहां छूता था।’

बच्चियों के चाचा गोविंद को इस बात का अपराधबोध है कि उनके घर में बाबा बेटियों के साथ गलत करता रहा और वह कुछ नहीं कर पाए।गोविंद इसके बाद फूट कर रोने लगे। मैंने उन्हें पानी दिया और देखा कि उनकी उंगलियां कांप रही हैं। उन्होंने मुझसे हाथ जोड़ा और आगे बात करने से मना कर दिया।

कुछ समय बाद बगल में बैठी परिवार की बड़ी बहू और पीड़िता की मां विनिता (बदला हुआ नाम) बोल पड़ीं- ‘बेटी रोते हुए कमरे से निकलती थी। पूछने पर कुछ भी नहीं बोलती थी। जब बाबा बाहर निकलता था, तो मैं पूछती भी थी। वो कहता था- अरे, उस पर भूत था, जब छोड़ता है तो ऐसा ही होता है।

पहले ये सब बाहर के कमरे में ही करता था, लेकिन कुछ समय बाद वो बच्चियों को दूसरे कमरे में ले जाने लगा। वो पहले पूछता था, अगर दरवाजा बंद करूं, तो कोई प्रॉब्लम? हम लोग मजबूरी में कहते थे, आपको ये सब मामा कहते हैं, आप पर भरोसा है। वो कमरे में जाता था और लाइट बंद कर देता था। हम लोग चुपचाप बैठकर थोड़ी देर बाद बच्चों की चीखें सुनते थे।

उसके साथ कमरे में जाने के बाद किसी को कुछ याद नहीं रहता कि वह बंद कमरे में क्या करता है। उसने एक बार मेरी देवरानी को भी कमरे में बंद किया। मेरी देवरानी ने भी बताया कि उसे कुछ याद नहीं वो पूरी रात ऐसे ही बैठी रहती थी। ‘बच्चियों की मां विनीता जब बेटियों के चिल्लाने पर बाबा से सवाल करतीं तो वह कहता था- उस पर भूत था, जब छोड़ता है तो ऐसा ही होता है।

यह भी पढ़ें : एसओजी 5 ट्रेनी एसआई को पकड़ने RPA पहुंची एक ट्रेनी मिला चार भागे

हमने नंदिनी जाधव से बात की। नंदिनी महाराष्ट्र अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति के साथ काम करती हैं। इन बच्चियों ने सबसे पहले नंदिनी को ही सारी बातें बताई थीं। वो बताती हैं- ‘बाबा ने इस परिवार की 16 साल की बच्ची को किडनैप कर लिया था। पूरा परिवार रो रहा था। छोटी बच्चियां गुमसुम बैठी थीं।

दादी ने सारी कहानी बताई तो हमें शक हुआ। इसके बाद मैंने बच्चियों को बारी-बारी से अलग ले जाकर पूछना शुरू किया। उन्होंने जो बताया वो सुनकर मेरे होश उड़ गए। किसी ने बताया कि उन्हें लिटाकर पूरे शरीर पर नींबू का रस लगाता था। प्राइवेट पार्ट्स पर सुपारी रखता था।

मैंने तभी तय कर लिया था कि इसे सजा दिला कर रहेंगे। चार साल हो गए, पॉक्सो एक्ट लगा है, जिसमें सारी सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में होती है, लेकिन उसे अभी सजा नहीं हुई है। वो कई बार समझौते के लिए प्रस्ताव भी भेज चुका है।’

ये नंदिनी जाधव हैं, महाराष्ट्र अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति के साथ काम करती हैं। पीड़ित बच्चियों ने इनसे ही सबसे पहले अपने साथ हुई ज्यादती का खुलासा किया।इसी परिवार की सबसे बड़ी बेटी को शुरुआत से ही बाबा पर भरोसा नहीं था। वो बाबा के घर आने का विरोध करती थी। परिजनों को लगता था कि वो बेवजह ऐसी बातें कर रही है।

अब बाबा की करनी सामने आने के बाद उसकी मां कहती हैं- बड़ी बेटी से बाबा बहुत चिढ़ता था। कहता था कि तुम्हारे घर में बहुत ज्यादा पैसा-सोना है, उसके लिए तुम्हें इस बेटी की बलि देनी पड़ेगी। अगर इसे बचाना है तो एक ही उपाय है कि इसकी पूजा करानी पड़ेगी।हम लोग डर जाते थे कि हमारी बहू-पोती ठीक रहे और कुछ नहीं चाहिए।

वह जब भी आता था तब पैसे मांगता रहता था। उसके चक्कर में 5 लाख रुपए खर्च हो गए। उसने हमें इतना सताया कि हम दाने-दाने को मोहताज हो गए। मैंने घर के सारे गहने बेचकर उसको पैसे दिए। जबकि वो मेरी बेटियों का रेप करता रहा। उसमें कीड़े पड़ेंगे।’

बात करते- करते विनिता गुस्से से भर जाती हैं। आंचल से चेहरा पोछती हैं और दोनों बेटियों को गोद में भींच लेती हैं। वो कहतीं है- मुझे इस बात का सबसे ज्यादा दुख होता है कि मां होकर भी मैंने ये सब कैसे होने दिया। मुझे जरा भी आभास नहीं हुआ। मैं ये सब याद नहीं करना चाहती हूं, लेकिन भूल भी नहीं पाती। मैं बेटियों से पूछती थी, तो वो कुछ नहीं बताती थीं।

मैंने परिवार की मुखिया रजनी से बातचीत शुरू की। उन्होंने बताया कि इस घटना से पूरा परिवार बर्बाद हो गया। वो कहती हैं, मेरी नातिन की सगाई टूट गई। लड़के वाले बहुत अच्छे थे। बाबा को जेल भिजवाने में उन्होंने बहुत मदद की। फिर बोले- हम लोग शादी नहीं कर पाएंगे।

मायके वालों ने मुझे मेरी ही भतीजी की शादी में नहीं बुलाया। भाभी को लगता है कि मैं उनके घर आऊंगी, तो कुछ टोटका कर दूंगी। पति की मौत हुई, तो भाई मुझे मायके ले जाने नहीं आया। मैंने भी रिश्ता तोड़ ही दिया है, लेकिन मायका कहां छूटता है।’

दादी रजनी बताती हैं कि वो परिवार की सभी बच्चियों को हमेशा पास रखती हैं। एक दिन के लिए भी अकेले नहीं छोड़ती हैं। उन्हें गर्ल्स स्कूल में भेजा जाता है और वह खुद स्कूल तक छोड़ने जाती हैं। हमने पुणे में अंध श्रद्धा के उन्मूलन के लिए काम कर रहे मिलिंद देशमुख से बाबाओं के पैटर्न को समझने की कोशिश की।

मिलिंद इस केस से भी जुड़े रहे हैं। वो बताते हैं, बाबाओं का यह सिंपल पैटर्न है। या तो डर का कारोबार करो या लालच का। यहां बाबा ने पहले लालच दिखाया और फिर डर बैठाना शुरू किया। उसने देखा कि घर में सिर्फ लड़कियां हैं, तो इन्हें लड़के का लालच दिया जा सकता है।

उसने तकरीबन पांच लाख रुपए पूजा और अपनी फीस के नाम पर खर्च करा दिए। जब परिवार कर्ज में डूब गया, तो लालच दिया कि जमीन के नीचे धन है, वो पूजा करने के बाद बाहर निकल सकता है। परिवार इस ट्रैप में भी फंस गया और फिर जो हुआ वो सबके सामने है।

बिरसा अंबेडकर फुले फातिमा मिशन को आगे बढ़ाने के लिए ‘मूकनायक मीडिया’ को आर्थिक सहयोग जरूर कीजिए 

MOOKNAYAK MEDIA

At times, though, “MOOKNAYAK MEDIA’s” immense reputation gets in the way of its own themes and aims. Looking back over the last 15 years, it’s intriguing to chart how dialogue around the portal has evolved and expanded. “MOOKNAYAK MEDIA” transformed from a niche Online News Portal that most of the people are watching worldwide, it to a symbol of Dalit Adivasi OBCs Minority & Women Rights and became a symbol of fighting for downtrodden people. Most importantly, with the establishment of online web portal like Mooknayak Media, the caste-ridden nature of political discourses and public sphere became more conspicuous and explicit.

Related Posts | संबद्ध पोट्स

एड्स इंजेक्शन HIV इन्फेक्शन रोकने में 96% तक कारगर, Kiss से हो सकता है HIV एड्स

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 11 दिसंबर 2024 | जयपुर : HIV (ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस) एक बेहद खतरनाक वायरस है। काफी समय से डॉक्टर और वैज्ञानिक इसका इलाज ढूंढ रहे हैं। हाल ही में वैज्ञानिकों ने इस मामले में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने HIV इन्फेक्शन को रोकने वाला एक इंजेक्शन बनाया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह इंजेक्शन HIV इन्फेक्शन रोकने में 96% तक कारगर है।

एड्स इंजेक्शन HIV इन्फेक्शन रोकने में 96% तक कारगर, Kiss से हो सकता है HIV एड्स

एंटी HIV इंजेक्शन
एड्स इंजेक्शन HIV इन्फेक्शन रोकने में 96% तक कारगर, Kiss से हो सकता है HIV एड्स

इस इंजेक्शन का नाम लेनकापाविर (Lenacapavir) है। वैज्ञानिकों के अनुसार एक साल में इस वैक्सीन की दो डोज लेने से व्यक्ति HIV इन्फेक्शन के खतरे से पूरी तरह सुरक्षित रहेगा। अमेरिकन बायोफार्मास्युटिकल कंपनी गलियड (Gilead) द्वारा जारी और न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में पब्लिश डेटा के मुताबिक, लेनकापाविर टीका फेज-3 ट्रायल के दौरान HIV इन्फेक्शन को रोकने में 100% तक प्रभावी था। दक्षिण अफ्रीका और युगांडा की 5000 महिलाओं पर इस टीके का सफल परीक्षण किया गया।

इंडिया HIV एस्टिमेशन रिपोर्ट, 2023 के मुताबिक, भारत में 25 लाख से अधिक लोग HIV से पीड़ित हैं। हर साल करीब 66,400 लोग इसकी चपेट में आते हैं। पूरी दुनिया की बात करें तो वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) के मुताबिक, साल 2023 में करीब 4 करोड़ लोग HIV से पीड़ित थे। वहीं इस साल करीब 6,30,000 लोगों की इससे मौत हुई।

तो आज रिसर्च में हम HIV के बारे में बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि-

  • HIV क्या है?
  • ये कैसे फैलता है?
  • इससे बचने के क्या उपाय हैं?

HIV क्या है?

HIV एक ऐसा वायरस है, जो बॉडी के इम्यून सिस्टम पर हमला करता है। ये शरीर की व्हाइट ब्लड सेल्स को टारगेट करता है, जिससे इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। इसके कारण टीबी, सीवियर इन्फेक्शन और कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। अगर HIV का सही समय पर इलाज न किया जाए तो यह एक्वायर्ड इम्यूनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम (AIDS) का कारण बन सकता है।

HIV और AIDS में क्या अंतर है?

HIV वायरस इम्यून सिस्टम की कोशिकाओं को संक्रमित करके उसे धीरे-धीरे कमजोर करता है। इससे किसी भी तरह की बीमारी से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है। वहीं एड्स एक मेडिकल कंडीशन है, जिसका प्राइमरी कारण HIV इन्फेक्शन है।

इन्फेक्शन होने पर अगर समय पर पता न चले और इलाज न मिले तो इम्यूनिटी कमजोर होती जाती है और एड्स में बदल जाती है। वहीं अगर सही समय पर HIV का इलाज शुरू कर दिया जाए तो एड्स से बचा जा सकता है। इसलिए समय रहते HIV इन्फेक्शन का पता लगाना बेहद जरूरी है।

HIV किन कारणों से फैलता है?

HIV आमतौर पर संक्रमित व्यक्ति के बॉडी फ्लूइड यानी ब्लड, ब्रेस्ट मिल्क और स्पर्म के संपर्क से फैलता है। ये संक्रमित प्रेग्नेंट महिलाओं के जरिए बच्चे में फैल सकता है। इसके फैलने केे कई अन्य कारण भी हैं। इसे नीचे ग्राफिक से समझिए-

HIV का पता कैसे लगाया जा सकता है?

दिल्ली के श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीटयूट में इंटरनल मेडिसिन और इन्फेक्शियस डिजीज कंसल्टेंट डॉ. अंकित बंसल बताते हैं कि किसी को देखकर ये नहीं बताया जा सकता कि उसे HIV है या नहीं। आमतौर पर HIV इन्फेक्शन के शुरुआती दिनों में फ्लू जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।

कई बार HIV से संक्रमित होने के बावजूद व्यक्ति में कोई लक्षण नहीं दिखते। इसका पता लगाने के लिए ब्लड टेस्ट कराना ही एकमात्र तरीका है। इसलिए लंबे समय तक बीमार रहने या फ्लू के लक्षण दिखने पर भी व्यक्ति को HIV टेस्ट करवाना चाहिए।

HIV से कैसे बचें?

HIV इन्फेक्शन से बचने के कई उपाय हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण है, सुरक्षित यौन संबंध बनाना और नीडल, सीरिंज या अन्य इंजेक्शन लगाने वाले उपकरण साझा न करना। इसके अलावा और कौन से उपाय हैं, इसे नीचे ग्राफिक से समझिए-

क्या HIV पूरी तरह ठीक हो सकता है?

डॉ. अंकित बंसल बताते हैं कि अभी तक HIV का कोई परफेक्ट इलाज नहीं है। हालांकि इसके कुछ ट्रीटमेंट्स हैं। इनसे HIV से शरीर को होने वाले नुकसान को काफी हद तक कम किया जा सकता है। HIV ट्रीटमेंट दूसरों को संक्रमित होने से बचाता है और संक्रमित व्यक्ति को भी स्वस्थ रहने में मदद करता है।

HIV पॉजिटिव होने पर एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (ART) दी जाती है। हालांकि लेनकापाविर इंजेक्शन के सफल परीक्षण के बाद पूरी दुनिया में उम्मीद जगी है कि जल्द ही HIV का सटीक इलाज किया जा सकेगा।

क्या HIV छुआछूत से फैलता है?

डॉ. अंकित बंसल बताते हैं कि HIV कोई छुआछूत का वायरस नहीं है। इसलिए HIV संक्रमित व्यक्तियों से दूरी बनाने के बजाय उनके प्रति सहानुभूति और सपोर्ट दिखाना चाहिए। नीचे पॉइंटर्स से समझिए किन चीजों से HIV का खतरा नहीं होता है।

  • संक्रमित व्यक्ति को गले लगाने से।
  • एक साथ खाना खाने से।
  • एक ही कमरे में रहने से।
  • पब्लिक टॉयलेट या स्विमिंग पूल के इस्तेमाल से।
  • बर्तन या कपड़े शेयर करने से।
  • मच्छरों के काटने से।
  • संक्रमित व्यक्ति को ब्लड देने से।
  • आंसू या पसीने से।

क्या किस करने से HIV हो सकता है?

डॉ. अंकित बंसल बताते हैं HIV किस करने से नहीं फैलता। हालांकि अगर संक्रमित व्यक्ति के मुंह में खुले घाव हैं या मसूड़ों से खून आता है तो इन्फेक्शन हो सकता है।

क्या HIV पॉजिटिव व्यक्ति शारीरिक संबंध बना सकता है?

बहुत से लोग सोचते हैं कि HIV पॉजिटिव होने के बाद सेक्स नहीं किया जा सकता है, लेकिन यह सच नहीं है। HIV पॉजिटिव व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति की तरह ही शारीरिक संबंध बना सकता है। हालांकि इस दौरान इन्फेक्शन को रोकने के लिए प्रोटेक्शन का इस्तेमाल करना जरूरी है।

HIV पॉजिटिव होने पर अपनी केयर कैसे करें?

HIV पॉजिटिव होने पर घबराएं नहीं। खुद को मानसिक रूप से स्वस्थ रखें। इस बात का ध्यान रखें कि HIV पॉजिटिव होने के बावजूद खुशहाल जीवन जिया जा सकता है। इसके लिए निर्धारित समय पर अपनी दवाएं और समय-समय पर डॉक्टर की सलाह लेते रहें।

यह भी पढ़ें : षड्यंत्र का खुलासा : समरावता गाँव में आधी रात में पुलिस ने पुलिस को मारा सजा नरेश मीणा को क्यों

बिरसा अंबेडकर फुले फातिमा मिशन को आगे बढ़ाने के लिए ‘मूकनायक मीडिया’ को आर्थिक सहयोग जरूर कीजिए 

कलेक्टर टीना डाबी ने स्पा-सेंटर का गेट तुड़वाया, संदिग्धावस्था में 5 लड़कियां मिलीं

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 02 अक्टूबर 2024 | जयपुर – बाड़मेर :  बाड़मेर कलेक्टर टीना डाबी ने शहर में सफाई अभियान के निरीक्षण के दौरान एक स्पा सेंटर पर भी छापा मारा। कलेक्टर को देखकर सेंटर मालिक ने अंदर से लॉक लगा लिया। जब काफी कोशिश के बाद भी उसने गेट नहीं खोला तो डाबी ने यूआईटी अधिकारियों की मदद से गेट तोड़ दिया।

कलेक्टर टीना डाबी ने स्पा-सेंटर का गेट तुड़वाया, संदिग्धावस्था में 5 लड़कियां मिलीं

कलेक्टर टीना डाबी ने स्पा-सेंटर का गेट तुड़वाया, संदिग्धावस्था में 5 लड़कियां मिलीं

सेंटर से 5 लड़कियों सहित 7 लोगों को हिरासत में लिया गया है। कलेक्टर टीना डाबी ने देह व्यापार की आशंका जताई है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामला दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। कलेक्टर टीना डाबी पूरी कार्रवाई के दौरान वहीं मौजूद रहीं। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि मामले की पूरी जांच होनी चाहिए।

कलेक्टर टीना डाबी पूरी कार्रवाई के दौरान वहीं मौजूद रहीं। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि मामले की पूरी जांच होनी चाहिए।

डाबी ने धमकाया – क्यों छुप रहा है, अब तो मैं यहीं खड़ी रहूंगी

दरअसल, बाड़मेर में ‘नवो बाड़मेर अभियान’ चलाया जा रहा है। बुधवार को सुबह 9 बजे चामुंडा सर्किल से चौहटन सर्किल पर सफाई की जा रही थी। इस दौरान करीब 9 बजे जिला कलेक्टर टीना डाबी भी पहुंची थीं।

कलेक्टर और प्रशासनिक अधिकारियों को देख स्पा सेंटर संचालक ने मुख्य दरवाजे के साथ एंट्री गेट को बंद कर दिया था। इस पर टीना डाबी को शक हुआ तो उन्होंने सेंटर संचालक को गेट खोलने के लिए कहा, लेकिन वह नहीं माना।

वे करीब 30 मिनट तक यहां खड़ी रहीं

डाबी ने बाहर से फटकार लगाते हुए कहा- छुप क्यूं रहा है.. अब तो मैं तब तक खड़ी रहूंगी जब तक गेट नहीं खुल जाए। चाहे दरवाजा तोड़ना पड़े। हिरासत में लिए गए सभी लोगों से पूछताछ की जा रही है। सेंटर के लाइसेंस व दूसरे डॉक्युमेंट भी चेक किए जा रहे हैं।

हिरासत में लिए गए सभी लोगों से पूछताछ की जा रही है। सेंटर के लाइसेंस व दूसरे डॉक्युमेंट भी चेक किए जा रहे हैं।

अतिरिक्त कलेक्टर छत से सेंटर के अंदर घुसे

गेट तोड़ने की कार्रवाई के दौरान बाड़मेर शहर के अतिरिक्त कलेक्टर राजेंद्र चांदावत सेंटर के अंदर छत पर मौजूद दूसरे गेट से घुस गए। सेंटर का एक गेट बाहर से तोड़ा गया व दूसरा अंदर से एडीएम ने खोला। इसके बाद अंदर घुसे अधिकारियों ने वहां मौजूद 7 लोगों को हिरासत में लिया।

2 लड़के और 5 लड़कियां शांतिभंग में गिरफ्तार

सदर सीआई सत्यप्रकाश ने बताया कि हिरासत में लिए गए लोगों को वेरिफिकेशन के लिए कोतवाली थाने भेजा गया है। दो लड़के और 5 लड़कियों को शांतिभंग में गिरफ्तार किया है। प्रारंभिक जानकारी में सामने आया कि इन 5 लड़कियों में से ही कोई एक स्पा संचालक है, जिसकी जानकारी जुटाई जा रही है।

बिरसा अंबेडकर फुले फातिमा मिशन को आगे बढ़ाने के लिए ‘मूकनायक मीडिया’ को आर्थिक सहयोग जरूर कीजिए 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Primary Color

Secondary Color

Layout Mode