Harnessing the Power of Wind Energy

ABC News’ Ginger Zee reports on the power of wind in building a renewable energy future, traveling to Block Island, RI to visit America’s oldest offshore wind farm.

As the world seeks sustainable energy solutions, wind power stands out as a key player. This post explores the latest innovations in harnessing wind energy, from advancements in turbine technology to the development of offshore wind farms. Discover how these innovations contribute to the global shift towards cleaner and more environmentally friendly energy sources.

I got to be unfit of drawing a single stroke at the appear miniature; and in any case I feel that I never was a more noticeable skilled worker than by and by.

When, while the dazzling valley proliferates with vapor around me, and the meridian sun strikes the upper surface of the invulnerable foliage of my trees, and but a few stray shimmers take into the internal safe house, I hurl myself down among the tall grass by the spilling stream; and, as I lie close to the soil, a thousand cloud plants are taken note by me: when I tune in the buzz of the little world among the stalks, and create commonplace with the inestimable extraordinary shapes of the frightening crawlies and flies, at that point I feel the closeness of the All-powerful, who formed us in his claim picture, and the breath of that all comprehensive cherish which bears and keeps up us, since it floats around us in an until the end of time of elation; and after, that my companion, when lack of clarity overspreads my eyes, and heaven and soil show up to stay in my soul and acclimatize its control, similar to the shape of a cherished favor lady, at that point I routinely think with longing, Goodness, would I might portray these conceptions, may rouse upon paper all that’s living so full and warm interior me, that it can be the reflect of my soul, as my soul is the reflect of the endless God!

O my companion — but it is as well much for my quality — I sink underneath the weight of the quality of these dreams! A eminent quietness has taken possession of my entire soul, like these sweet mornings of spring which I appreciate with my aggregate heart. I am alone, and feel the charm of nearness in this spot, which was made for the delight of souls like mine.

I am so cheerful, my costly companion, so retained inside the astonishing sense of basic tranquil nearness, that I ignore my capacities. I got to be unfit of drawing a single stroke at the appear miniature; and in any case I feel that I never was a more unmistakable skilled worker than directly. When, though the wonderful valley proliferates with vapor around me, and the meridian sun strikes the upper surface of the impenetrable foliage of my trees, and but numerous stray glints take into the internal refuge, I hurlmyself down among the tall grass by the gushing stream;and, as I lie close to the soil, a thousand cloud plants are taken note by me: when I tune in the buzz of the little world among the stalks, and create recognizable with the inestimable unbelievable shapes of the frightening crawlies.

MOOKNAYAK MEDIA

At times, though, “MOOKNAYAK MEDIA’s” immense reputation gets in the way of its own themes and aims. Looking back over the last 15 years, it’s intriguing to chart how dialogue around the portal has evolved and expanded. “MOOKNAYAK MEDIA” transformed from a niche Online News Portal that most of the people are watching worldwide, it to a symbol of Dalit Adivasi OBCs Minority & Women Rights and became a symbol of fighting for downtrodden people. Most importantly, with the establishment of online web portal like Mooknayak Media, the caste-ridden nature of political discourses and public sphere became more conspicuous and explicit.

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SOG की नाकामी छिपाने के लिए एसआई भर्ती परीक्षा 2021 रद्द करने की कवायद तेज

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 13 अक्टूबर 2024 | जयपुर : प्रोफ़ेसर राम लखन मीणा का कहना है कि भजनलाल सरकार ने SOG की नाकामी छिपाने के लिए एसआई भर्ती परीक्षा 2021 रद्द करने की कवायद तेज कर दी है। एसओजी लम्बे समय से पेपर लीक की जाँच कर रही है और मात्र 5% फर्जी थानेदारों की पहचान कर पायी है। इसमें में मुख्य आरोपी और बड़ी मछलियाँ जाँच के दायरे से बाहर है। एसआई भर्ती को रद्द करना प्रतिभाशाली युवाओं के साथ धोखा होगा। 

SOG की नाकामी छिपाने के लिए एसआई भर्ती परीक्षा 2021 रद्द करने की कवायद तेज

प्रोफ़ेसर मीणा ने कहा कि संपूर्ण सिलेक्शन प्रक्रिया को निरस्त नहीं किया गया जाना चाहिए। जाँच की प्रक्रिया को तेज करके फर्जी तरीके से सिलेक्ट हुए अभ्यर्थी जेल में डाले जाने चाहिए। SOG जांच अंतिम छोर तक की जाये ताकि बड़ी मछलियाँ पकड़ी जाये। जाँच में अब तक पकडे गये फर्जी अभ्यर्थियों के स्थान पर मेरिट में नीचे वालों को लिया जाये। अब इस भर्ती को निरस्त करने का अर्थ है, योग्य व ईमानदार को सजा देना।  

SOG की नाकामी छिपाने के लिए एसआई भर्ती परीक्षा 2021 रद्द करने की कवायद तेज

एसआई भर्ती परीक्षा 2021 को लेकर आज बड़ी संख्या में ट्रेनी एसआई के परिवार जन शहीद स्मारक पर धरना दे रहे हैं। परिजनों की मांग है कि सरकार इस परीक्षा को निरस्त न करें। जो लोग गलत तरीके से इस परीक्षा को पास कर ट्रेनिंग कर रहे हैं। उनके खिलाफ सरकार कड़ा एक्शन ले, लेकिन जो लोग मेहनत कर के इस परीक्षा को पास कर ट्रेनिंग कर रहे हैं। उनके भविष्य के साथ कोई खिलवाड़ न हो।

शहीद स्मारक पर बड़ी संख्या में ट्रेनिंग कर रहे एसआई के परिजन और रिश्तेदार पहुंच कर सरकार से वार्ता करने का समय मांग रहे हैं। परिजनों का कहना है कि अगर सरकार ने यह परीक्षा रद्द की तो उन के बच्चों का भविष्य खराब हो जाएगा। ऐसे में सरकार को सोच समझ कर एक्शन लेना चाहिए। ट्रेनिंग कर रहे एसआई दो दिन पहले किरोड़ी लाल मीणा से भी उनके आवास पर मिले थे। यहां पर उन्होंने अपनी परेशानी बताई थी। 

मंत्रियों की कमेटी को करना है फैसला

SI भर्ती परीक्षा 2021 को रद्द होगी या नहीं इस पर 6 मंत्रियों की कमेटी को अभी फैसला करना है। वहीं, कमेटी बनने के बाद से ही ट्रेनिंग कर रहे एसआई परेशान हो गए हैं। जो परीक्षा पास कर अभी ट्रेनिंग कर रहे हैं। उनका कहना है कि एसआई भर्ती परीक्षा 2021 में कुल 809 अभ्यर्थी पास हुए। इनकी ट्रेनिंग जयपुर आरपीए, किशनगढ़ और जोधपुर ट्रेनिंग सेंटर में चल रही हैं। इनमें से 50 ट्रेनी एसआई को गिरफ्तार किया जा चुका है। जो कुल पास अभ्यर्थियों का 5% है।

अगर परीक्षा रद्द होती है तो 95% ट्रेनी एसआई का भविष्य खराब हो जाएगा। जीवन के चार साल खत्म हो जाएंगे। ये ट्रेनी एसआई कुछ सामाजिक संगठनों के जरिए अपनी बात सरकार तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।

ट्रेनी सब इंस्पेक्टरों का कहना है कि कुछ लोगों के फर्जी तरीके से जॉइनिंग लेने से सभी के साथ अन्याय नहीं किया जा सकता। प्रशिक्षु सब इंस्पेक्टर ने सालों मेहनत करके इस पद को हासिल किया है। एक साल से अधिक का समय ट्रेनिंग करते हुए हो गया है। अगर यह भर्ती रद्द की गई तो ईमानदार और मेहनत से बने एसआई के साथ यह गलत होगा।

अगर इस भर्ती को रद्द किया गया तो 95 प्रतिशत पर पड़ेगा बड़ी मार,आरोपियों की हो जायेगी मौज

भर्ती रद्द करने से वो लोग बच जाएंगे। जो गलत रास्ते से इसमें आए हैं। वे चाहतें हैं कि भर्ती रद्द हो जाए। उनका नाम उजागर न हो। न्याय तभी होगा, जब अंतिम कड़ी तक जांच होकर उन गलत तरीके से आए लोगों को इस भर्ती से अलग किया जाए। इस भर्ती में प्रत्येक उस अभ्यर्थी को बाहर किया जाना चाहिए। जिसका फर्जी तरीके से चयन हुआ है। उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। ताकि आने वाली पीढ़ी सबक ले सके।

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पूरी भर्ती प्रक्रिया निरस्त नहीं होनी चाहिए। क्योंकि चयनित हुए प्रत्येक योग्य उम्मीदवार ने अपने जीवन के चार साल इस भर्ती को दिए हैं। 2021 से 2024 के बीच अन्य भर्ती की तैयारी भी नहीं की। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने भी NEET परीक्षा के बारे में नकल से सिलेक्ट हुए अभ्यर्थियों को ही बाहर किया।

ट्रेनी एसआई की अपील

  1. इस भर्ती में 65% अभ्यर्थी केंद्र और राज्य सरकार की नौकरी छोड़ कर SI पद पर नियुक्त हुए हैं। इनमें अधिकतर का प्रोबेशन पीरियड भी पूरा नहीं हुआ है। उनका क्या होगा वे पुनः उस नौकरियों में भी नहीं जा सकते।
  2. 4 साल इसमें खर्च करने के बाद अगर बाहर कर दिए जाते हैं। योग्य व ईमानदार अभ्यर्थियों के भविष्य का क्या होगा? उनका परिवार, यहां तक का उनकी पीढ़ियां भी प्रभावित होंगी उनका क्या होगा ?
  3. SI पद अनुरूप शादी तय हुई या शादी हो गयी उनका क्या होगा ?
  4. परीक्षा के समय जो अभ्यर्थी TSP वर्ग में था। अब उसकी शादी होने से NON TSP में चला गया। कोई महिला विधवा कोटे से लगी थी। अब उसने शादी कर ली उनका क्या होगा ?
  5. 2021 के समय जो लिखित व फिजिकल परीक्षा उसने पास की थी। क्या 4 वर्ष बाद अब वह संभव हो पाएंगी ?
  6. SOG ने शक के आधार पर एक ट्रेनी सब इंस्पेक्टर हरिओम पाटीदार मेरिट क्रमांक 645 को उठा लिया था। कोर्ट में पेश कर जेल भी भेज दिया गया था। लेकिन जब जांच में निर्दोष पाया गया तो स्वयं SOG ने इसकी हाईकोर्ट से जमानत करवाई थी। अभी वह वर्तमान में पुनः प्रशिक्षण में शामिल है। इससे यह साफ जाहिर होता है कि SOG दोषी और निर्दोष की पहचान कर सकती है। SOG चाहे तो प्रत्येक ट्रेनी सब इंस्पेक्टर को एक बार अपनी कस्टडी में लेकर नार्को/ पॉलीग्राफ़ टेस्ट के मार्फत पूछताछ कर ले। हम सभी प्रकार के नार्को एवं पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए भी तैयार हैं। यदि उसकी जांच में दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ चाहे जैसी कार्रवाई करें। किसी को कोई आपत्ति नहीं रहेगी और निर्दोष है तो वापस ट्रेनिंग सेंटर भेज दिया जाए।

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भारत के सबसे बड़े दानवीर, नेक दिल कारोबारी रतन टाटा को अंतिम जोहार

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 10 अक्टूबर 2024 | मुंबई : भारत के सबसे पुराने कारोबारी समूह के मुखिया रतन टाटा का निधन हो गया है। वे टाटा संस के मानद चेयरमैन थे। उन्होंने 86 साल की उम्र में मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में आखिरी सांस ली। उन्हें बुधवार को ही अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 7 अक्टूबर को भी उन्हें अस्पताल जाने की खबर आई थी, लेकिन उन्होंने पोस्ट करके कहा था कि वे ठीक हैं और चिंता की कोई बात नहीं है।

भारत के सबसे बड़े दानवीर, नेक दिल कारोबारी रतन टाटा को अंतिम जोहार

पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित रतन टाटा की अगुआई में ही टाटा ग्रुप ने देश की सबसे सस्ती कार लॉन्च की, तो हाल ही में कर्ज में फंसी एयर इंडिया को 18 हजार करोड़ की कैश डील में खरीदा था। बिजनेस में बेहद कामयाब रतन टाटा निजी जिंदगी में बेहद सादगी पसंद थे और मुंबई में अपने छोटे से फ्लैट में रहते थे।

भारत के सबसे बड़े दानवीर, नेक दिल कारोबारी रतन टाटा को अंतिम जोहार

माता-पिता बचपन में अलग हुए, दादी ने परवरिश की

  • 28 दिसंबर 1937 को नवल और सूनू टाटा के घर जन्मे रतन टाटा ग्रुप के फाउंडर जमशेदजी टाटा के परपोते थे। उनका परिवार पारसी धर्म से है। उनके माता पिता बचपन में ही अलग हो गए थे और दादी ने उनकी परवरिश की थी। 1991 में उन्हें टाटा ग्रुप का चेयरमैन बनाया गया था।
  • रतन टाटा की चार बार शादी होते-होते रह गई। टाटा बताते हैं कि एक बार तो शादी हो ही गई होती, जब वो अमेरिका में थे। उसी समय उनकी दादी ने उन्हें फोन करके बुला लिया। उसी समय भारत-चीन युद्ध छिड़ जाने की वजह से वे अमेरिका नहीं जा के। कुछ समय बाद उस लड़की ने किसी और से शादी कर ली।

21 साल चेयरमैन रहे, टाटा ग्रुप का मुनाफा 50 गुना बढ़ा

  • 1962 में फैमिली बिजनेस जॉइन किया था। शुरुआत में उन्होंने टाटा स्टील के शॉप फ्लोर पर काम किया। इसके बाद वे मैनेजमेंट पोजीशन्स पर लगातार आगे बढ़े। 1991 में, जे.आर.डी. टाटा ने पद छोड़ दिया और ग्रुप की कमान रतन टाटा को मिली।
  • 2012 में 75 वर्ष के होने पर, टाटा ने एग्जीक्यूटिव फंक्शन छोड़ दिए। उनके 21 वर्षों के दौरान, टाटा ग्रुप का मुनाफा 50 गुना बढ़ गया। इसमें अधिकांश रेवेन्यू जगुआर-लैंडरोवर व्हीकल्स और टेटली जैसे पॉपुलर टाटा उत्पादों की विदेशों में बिक्री से आया।
  • चेयरमैन का पद छोड़ने के बाद उन्होंने 44 साल के साइरस मिस्त्री को उत्तराधिकारी नियुक्त किया। उनका परिवार ग्रुप में सबसे बड़ा इंडिविजुअल शेयरहोल्डर था। हालांकि, अगले कुछ वर्षों में, मिस्त्री और टाटा के बीच तनाव बढ़ गया।
  • अक्टूबर 2016 में, चार साल से भी कम समय के बाद, मिस्त्री को रतन टाटा के पूर्ण समर्थन के साथ टाटा के बोर्ड से बाहर कर दिया गया। फरवरी 2017 में नए उत्तराधिकारी का नाम घोषित होने तक टाटा ने चेयरमैन के रूप में अपना पद वापस ले लिया।

कम बात करते थे, बुक लवर और कारों के शौकीन

  • टाटा को बचपन से ही कम बातचीत पसंद थी। वे केवल औपचारिक और जरूरी बात ही करते थे। वे बुक लवर थे और उन्हें सक्सेस स्टोरीज पढ़ना बहुत पसंद था। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि रिटायरमेंट के बाद वे अपने इस शौक को समय दे रहे हैं।
  • वे 60-70 के दशक के गाने सुनना पसंद करते थे। वे कहते थे, ‘मुझे बड़ी संतुष्टि होगी अगर मैं शास्त्रीय संगीत बजा पाऊं। मुझे शॉपेन पसंद है। सिम्फनी भी अच्छी लगती है। बिथोवन, चेकोस्की पसंद हैं, पर मुझे लगता है कि काश मैं खुद इन्हें पियानो पर बजा सकता।’
  • कारों के बारे में पूछने पर टाटा ने बताया था कि मुझे कारों से बहुत लगाव है। उन्होंने कहा था ‘मुझे पुरानी और नई दोनों तरह की कारों का शौक है। खासतौर पर उनकी स्टाइलिंग और उनके मैकेनिज्म के प्रति गहरा रुझान है। इसलिए मैं उन्हें खरीदता हूं, ताकि उन्हें पढ़ सकूं।’

50 साल छोटे दोस्त को खुद ड्राइव कर डिनर पर ले गए

शांतनु नायडू (बाएं) रतन टाटा के सबसे करीबी दोस्त रहे। वे टाटा ग्रुप के जनरल मैनेजर हैं।

शांतनु नायडू (बाएं) रतन टाटा के सबसे करीबी दोस्त रहे। वे टाटा ग्रुप के जनरल मैनेजर हैं।
  • रतन टाटा के सबसे करीबी माने जाने वाले 30 साल के शांतनु नायडू ने भास्कर से बातचीत में उनके व्यक्तित्व के कई पहलू साझा किए थे। शांतनु टाटा ग्रुप के जनरल मैनेजर हैं। उन्होंने बताया कि मैं टाटा के साथ डिनर करने गया था। वे खुद कार चलाकर मुझे मुंबई के ‘थाई पवेलियन’ ले गए थे। डिनर के दौरान मैंने टाटा से कहा, जब मैं ग्रेजुएट हो जाऊंगा, तो क्या आप मेरे दीक्षांत समारोह में आएंगे? इस पर टाटा ने कहा कि मैं पूरी कोशिश करूंगा और वे आए भी।
  • शांतनु ने कहा कि मैं कॉर्नेल यूनिवर्सिटी में MBA करने अमेरिका जा रहा था, तब उनसे पहली बार मिला। उन्होंने मेरी चोट देखकर मजाक में कहा था ‘किसी डॉग ने काट लिया?’ तुरंत ही माफी मांगने लगे और कहा, बहुत खराब जोक था।

COVID-19 महामारी के समय 500 करोड़ रुपए दान दिये

रतन टाटा, ग्रुप की परोपकारी शाखा, टाटा ट्रस्ट में गहराई से शामिल थे। टाटा ग्रुप की यह आर्म शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और ग्रामीण विकास जैसे सेक्टर्स में काम करती है।

अपने पूरे करियर के दौरान, रतन टाटा ने यह तय किया कि टाटा संस के डिविडेंड का 60-65% चैरिटेबल कॉज के लिए इस्तेमाल हो। रतन टाटा ने COVID-19 महामारी से लड़ने के लिए 500 करोड़ रुपए का दान दिया था।

रतन टाटा ने एक एग्जीक्यूटिव सेंटर की स्थापना के लिए हार्वर्ड बिजनेस स्कूल को 50 मिलियन डॉलर का दान दिया था। वे यहीं से पढ़े थे। उनके योगदान ने उन्हें विश्व स्तर पर सम्मान दिलाया, एक परोपकारी और दूरदर्शी के रूप में उनकी विरासत को और बढ़ाया है।

रतन टाटा की 7 तस्वीरें

1945 की तस्वीर रतन टाटा (बाएं) अपने भाई जिम्मी के साथ। यह तस्वीर उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर 10 जनवरी 2023 को शेयर करते हुए लिखा था- वो खुशी के दिन थे।

1945 की तस्वीर रतन टाटा (बाएं) अपने भाई जिम्मी के साथ। यह तस्वीर उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर 10 जनवरी 2023 को शेयर करते हुए लिखा था- वो खुशी के दिन थे।

यह तस्वीर तब ली गई थी जब रतन टाटा कॉर्नेल यूनिवर्सिटी में छात्र थे। अपने सोशल मीडिया पोस्ट में, उन्होंने लिखा था कि वे यूनिवर्सिटी में अपने समय के दौरान सीखे लेसन्स से उत्साहित हैं।

यह तस्वीर तब ली गई थी जब रतन टाटा कॉर्नेल यूनिवर्सिटी में छात्र थे। अपने सोशल मीडिया पोस्ट में, उन्होंने लिखा था कि वे यूनिवर्सिटी में अपने समय के दौरान सीखे लेसन्स से उत्साहित हैं।

JRD टाटा ने करीब 50 साल तक ग्रुप का नेतृत्व करने के बाद रतन नवल टाटा को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया।

JRD टाटा ने करीब 50 साल तक ग्रुप का नेतृत्व करने के बाद रतन नवल टाटा को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया।

रतन टाटा ने "भारत की पहली स्वदेशी कार, द टाटा इंडिका" की लॉन्चिंग के दौरान तस्वीरें खिंचवाईं।

रतन टाटा ने “भारत की पहली स्वदेशी कार, द टाटा इंडिका” की लॉन्चिंग के दौरान तस्वीरें खिंचवाईं।

रतन टाटा जेआरडी टाटा के साथ। रतन टाटा अपने ग्रुप को लेकर कहते थे- वहां के वर्क्स और सुपवाइजर दोनों से मिले प्यार और स्नेह को एन्जॉय किया।

रतन टाटा जेआरडी टाटा के साथ। रतन टाटा अपने ग्रुप को लेकर कहते थे- वहां के वर्क्स और सुपवाइजर दोनों से मिले प्यार और स्नेह को एन्जॉय किया।

अपने इंस्टाग्राम पेज पर, रतन टाटा ने इस तस्वीर के बारे में डिटेल में लिखा है- यह तब ली गई थी जब वे कॉलेज से छुट्टी पर थे।

अपने इंस्टाग्राम पेज पर, रतन टाटा ने इस तस्वीर के बारे में डिटेल में लिखा है- यह तब ली गई थी जब वे कॉलेज से छुट्टी पर थे।

रतन टाटा F-16 पर उड़ान भरने वाले पहले भारतीय नागरिक थे। वे लगभग 40 मिनट तक अमेरिकी वायु सेना के ब्लॉक 50 से संबंधित लड़ाकू विमान के को-पायलट रहे थे।

रतन टाटा F-16 पर उड़ान भरने वाले पहले भारतीय नागरिक थे। वे लगभग 40 मिनट तक अमेरिकी वायु सेना के ब्लॉक 50 से संबंधित लड़ाकू विमान के को-पायलट रहे थे।

156 साल पहले टाटा ग्रुप की स्थापना: इसके प्रोडक्ट्स सुबह से शाम तक हमारी जिंदगी का हिस्सा

टाटा ग्रुप की स्थापना जमशेदजी टाटा ने 1868 में की थी। यह भारत की सबसे बड़ी मल्टीनेशनल कंपनी है, इसकी 30 कंपनियां दुनिया के 100 से ज्यादा देशों में 10 अलग-अलग बिजनेस में कारोबार करती हैं। अभी एन चंद्रशेखरन इसके चेयरमैन हैं।

टाटा संस टाटा कंपनियों की प्रिंसिपल इन्वेस्टमेंट होल्डिंग और प्रमोटर है। टाटा संस की 66% इक्विटी शेयर कैपिटल उसके चैरिटेबल ट्रस्ट के पास हैं, जो एजुकेशन, हेल्थ, आर्ट एंड कल्चर और लाइवलीहुड जनरेशन के लिए काम करता है।

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2023-24 में टाटा ग्रुप की सभी कंपनियों का टोटल रेवेन्यू 13.86 लाख करोड़ रुपए था। यह 10 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार देती है। इसके प्रोडक्ट्स सुबह से शाम तक हमारी जिंदगी में शामिल हैं। सुबह उठकर टाटा चाय पीने से लेकर टेलीविजन पर टाटा बिंज सर्विस का इस्तेमाल, और टाटा स्टील से बने अनगिनत उत्पादों का इस्तेमाल करते हैं।

रतन टाटा कहते थे…’सबसे बड़ा जोखिम, जोखिम नहीं उठाना है’

  • ‘अगर आप तेज चलना चाहते हैं, तो अकेले चलें। लेकिन अगर आप लंबी दूरी जाना चाहते हैं, तो साथ-साथ चलें।’
  • ‘लोग आप पर जो पत्थर फेंकते हैं, उन्हें लीजिए और उनका उपयोग मॉन्यूमेंट बनाने के लिए कीजिए।’
  • ‘मैं सही निर्णय लेने में विश्वास नहीं रखता। मैं निर्णय लेता हूं और फिर उन्हें सही साबित करता हूं।’
  • धैर्य और दृढ़ता से चुनौतियों का सामना करें क्योंकि वे सफलता की आधारशिला हैं।’
  • ‘सबसे बड़ा जोखिम,जोखिम नहीं उठाना है। तेजी से बदलती दुनिया में एक ही स्ट्रैटेजी है जो नाकाम बना सकती है, वह है जोखिम न उठाना।’

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