REET पेपरलीक के आरोपी शेर सिंह की गर्लफ्रेंड अनीता की संपत्ति कुर्क

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 19 सितंबर 2024 |  जयपुर :  REET पेपर लीक मामले के आरोपी शेर सिंह मीणा की गर्लफ्रेंड अनीता मीणा की 1 करोड़ रुपए की संपत्ति को ईडी ने कुर्क कर दिया है। अनीता मीणा का जयपुर के आमेर में प्लॉट था, जिसकी कीमत करीब 1 करोड़ रुपए बताई गई है। ईडी ने यह कार्रवाई 12 सितंबर को की थी।

REET पेपरलीक के आरोपी शेर सिंह की गर्लफ्रेंड अनीता की संपत्ति कुर्क

अनीता मीणा के घर और अन्य ठिकानों से एसओजी को कई फर्जी मार्कशीट, स्टाम्प सहित कई दस्तावेज मिले थे। ईडी ने करीब 16 दिन पहले रीट पेपर लीक मामले में आरोपी रामकृपाल मीणा और प्रदीप पाराशर की 26 लाख रुपए की संपत्ति भी कुर्क की थी। अब अनीता पर कार्रवाई की गई है।

REET पेपरलीक के आरोपी शेर सिंह की गर्लफ्रेंड अनीता की संपत्ति कुर्क

रिमांड के दौरान जुटाई थी संपत्ति की जानकारी हाल ही में ईडी ने अनीता मीणा को राजसमंद जेल से रिमांड पर लिया था। इस दौरान अनीता की संपत्ति के बारे में जानकारी जुटाई गई थी। इसके बाद ईडी ने कुर्की के लिए अनीता की संपत्ति का सत्यापन उसी से कराया। पुष्टि होने पर 12 सितंबर को ईडी ने कुर्क की कार्रवाई की।

अनीता मीणा के खिलाफ गंगापुर सिटी में रीट पेपर लीक मामले में वर्ष 2021 में एफआईआर दर्ज हुई थी। SOG की ओर से कार्रवाई कर REET पेपर लीक मामले में अब तक मुख्य आरोपी रामकृपाल मीणा और प्रदीप पाराशर सहित 131 आरोपियों को अरेस्ट किया जा चुका है। ऐसे संगठित गिरोह के खिलाफ एसओजी और ईडी मिलकर एक्शन कर रही है।

कौन है शेरसिंह मीणा जयपुर के चौमूं में दोला का बास निवासी अनिल मीणा उर्फ शेरसिंह मीणा सिरोही के भावरी गांव में सरकारी स्कूल में वाइस प्रिंसिपल के पद पर कार्यरत था। शेरसिंह मीणा ने ही सीनियर टीचर भर्ती परीक्षा का पेपर लीक करके भूपेंद्र सारण को 1 करोड़ रुपए में बेचा था। पुलिस ने उसे ओडिशा से गिरफ्तार कर लिया था। शेरसिंह वहां सरकारी स्कूल की अंडर कंस्ट्रक्शन बिल्डिंग में मजदूर के भेष में छुपकर रह रहा था।

बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष जारौली का दोस्त है पाराशर पेपर लीक का मुख्य सरगना प्रदीप पाराशर को 2011 और 2012 में कांग्रेस सरकार में आरटेट में को-ऑर्डिनेटर बनाया गया था। तब बोर्ड के चेयरमैन मंत्री सुभाष गर्ग थे। प्रदीप पाराशर मंत्री सुभाष गर्ग और बोर्ड अध्यक्ष डीपी जारौली का करीबी दोस्त है।

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पाराशर ने दिया था रामकृपाल को पेपर पेपर लीक का मुख्य सरगना प्रदीप पाराशर को REET का जयपुर जिला कोर्डिनेटर बनाया गया था। REET का पेपर जयपुर में स्ट्रॉन्ग रूम से लीक में प्रदीप पाराशर की भूमिका सामने आई थी।

SOG ने प्रदीप पाराशर को 30 जनवरी 2022 को गिरफ्तार किया था। SOG जांच में सामने आया कि प्रदीप पाराशर के जरिए ही रामकृपाल मीणा को पर्चा मिला था। जिसने अपने नेटवर्क के जरिए कई अभ्यर्थियों को पर्चा पढ़वाया था।

स्ट्रॉन्ग रूम से लीक हुआ था पेपर एसओजी ने खुलासा किया था कि जयपुर शिक्षा संकुल के स्ट्रॉन्ग रूम से पेपर लीक हुआ था। इसी के बाद से राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष रहे डीपी जारौली और उनके दोस्त प्रदीप पाराशर दोनों शक के घेरे में आए थे। एसओजी की जांच में खुलासा हुआ था कि पेपर 1.25 करोड़ रुपए में बेचा गया।

पेपर स्ट्रॉन्ग रूम से निकालकर कोचिंग संचालकों और नकल गिरोह तक पहुंचाया गया। यह भी सामने आया कि J-सीरीज का पेपर स्ट्रॉन्ग रूम से लीक किया गया और अलग-अलग सेंटर पर बांटा गया।

जांच में ये भी सामने आया था कि पेपर जयपुर, जालोर, सिरोही, टोंक, सवाई माधोपुर, गंगापुर सिटी, दौसा, करौली सहित कई जगहों पर पहुंचाया गया। नकल गिरोह ने परीक्षा से पहले 50 सेंटर पर पेपर पहुंचाया।

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SOG की नाकामी छिपाने के लिए एसआई भर्ती परीक्षा 2021 रद्द करने की कवायद तेज

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 13 अक्टूबर 2024 | जयपुर : प्रोफ़ेसर राम लखन मीणा का कहना है कि भजनलाल सरकार ने SOG की नाकामी छिपाने के लिए एसआई भर्ती परीक्षा 2021 रद्द करने की कवायद तेज कर दी है। एसओजी लम्बे समय से पेपर लीक की जाँच कर रही है और मात्र 5% फर्जी थानेदारों की पहचान कर पायी है। इसमें में मुख्य आरोपी और बड़ी मछलियाँ जाँच के दायरे से बाहर है। एसआई भर्ती को रद्द करना प्रतिभाशाली युवाओं के साथ धोखा होगा। 

SOG की नाकामी छिपाने के लिए एसआई भर्ती परीक्षा 2021 रद्द करने की कवायद तेज

प्रोफ़ेसर मीणा ने कहा कि संपूर्ण सिलेक्शन प्रक्रिया को निरस्त नहीं किया गया जाना चाहिए। जाँच की प्रक्रिया को तेज करके फर्जी तरीके से सिलेक्ट हुए अभ्यर्थी जेल में डाले जाने चाहिए। SOG जांच अंतिम छोर तक की जाये ताकि बड़ी मछलियाँ पकड़ी जाये। जाँच में अब तक पकडे गये फर्जी अभ्यर्थियों के स्थान पर मेरिट में नीचे वालों को लिया जाये। अब इस भर्ती को निरस्त करने का अर्थ है, योग्य व ईमानदार को सजा देना।  

SOG की नाकामी छिपाने के लिए एसआई भर्ती परीक्षा 2021 रद्द करने की कवायद तेज

एसआई भर्ती परीक्षा 2021 को लेकर आज बड़ी संख्या में ट्रेनी एसआई के परिवार जन शहीद स्मारक पर धरना दे रहे हैं। परिजनों की मांग है कि सरकार इस परीक्षा को निरस्त न करें। जो लोग गलत तरीके से इस परीक्षा को पास कर ट्रेनिंग कर रहे हैं। उनके खिलाफ सरकार कड़ा एक्शन ले, लेकिन जो लोग मेहनत कर के इस परीक्षा को पास कर ट्रेनिंग कर रहे हैं। उनके भविष्य के साथ कोई खिलवाड़ न हो।

शहीद स्मारक पर बड़ी संख्या में ट्रेनिंग कर रहे एसआई के परिजन और रिश्तेदार पहुंच कर सरकार से वार्ता करने का समय मांग रहे हैं। परिजनों का कहना है कि अगर सरकार ने यह परीक्षा रद्द की तो उन के बच्चों का भविष्य खराब हो जाएगा। ऐसे में सरकार को सोच समझ कर एक्शन लेना चाहिए। ट्रेनिंग कर रहे एसआई दो दिन पहले किरोड़ी लाल मीणा से भी उनके आवास पर मिले थे। यहां पर उन्होंने अपनी परेशानी बताई थी। 

मंत्रियों की कमेटी को करना है फैसला

SI भर्ती परीक्षा 2021 को रद्द होगी या नहीं इस पर 6 मंत्रियों की कमेटी को अभी फैसला करना है। वहीं, कमेटी बनने के बाद से ही ट्रेनिंग कर रहे एसआई परेशान हो गए हैं। जो परीक्षा पास कर अभी ट्रेनिंग कर रहे हैं। उनका कहना है कि एसआई भर्ती परीक्षा 2021 में कुल 809 अभ्यर्थी पास हुए। इनकी ट्रेनिंग जयपुर आरपीए, किशनगढ़ और जोधपुर ट्रेनिंग सेंटर में चल रही हैं। इनमें से 50 ट्रेनी एसआई को गिरफ्तार किया जा चुका है। जो कुल पास अभ्यर्थियों का 5% है।

अगर परीक्षा रद्द होती है तो 95% ट्रेनी एसआई का भविष्य खराब हो जाएगा। जीवन के चार साल खत्म हो जाएंगे। ये ट्रेनी एसआई कुछ सामाजिक संगठनों के जरिए अपनी बात सरकार तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।

ट्रेनी सब इंस्पेक्टरों का कहना है कि कुछ लोगों के फर्जी तरीके से जॉइनिंग लेने से सभी के साथ अन्याय नहीं किया जा सकता। प्रशिक्षु सब इंस्पेक्टर ने सालों मेहनत करके इस पद को हासिल किया है। एक साल से अधिक का समय ट्रेनिंग करते हुए हो गया है। अगर यह भर्ती रद्द की गई तो ईमानदार और मेहनत से बने एसआई के साथ यह गलत होगा।

अगर इस भर्ती को रद्द किया गया तो 95 प्रतिशत पर पड़ेगा बड़ी मार,आरोपियों की हो जायेगी मौज

भर्ती रद्द करने से वो लोग बच जाएंगे। जो गलत रास्ते से इसमें आए हैं। वे चाहतें हैं कि भर्ती रद्द हो जाए। उनका नाम उजागर न हो। न्याय तभी होगा, जब अंतिम कड़ी तक जांच होकर उन गलत तरीके से आए लोगों को इस भर्ती से अलग किया जाए। इस भर्ती में प्रत्येक उस अभ्यर्थी को बाहर किया जाना चाहिए। जिसका फर्जी तरीके से चयन हुआ है। उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। ताकि आने वाली पीढ़ी सबक ले सके।

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पूरी भर्ती प्रक्रिया निरस्त नहीं होनी चाहिए। क्योंकि चयनित हुए प्रत्येक योग्य उम्मीदवार ने अपने जीवन के चार साल इस भर्ती को दिए हैं। 2021 से 2024 के बीच अन्य भर्ती की तैयारी भी नहीं की। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने भी NEET परीक्षा के बारे में नकल से सिलेक्ट हुए अभ्यर्थियों को ही बाहर किया।

ट्रेनी एसआई की अपील

  1. इस भर्ती में 65% अभ्यर्थी केंद्र और राज्य सरकार की नौकरी छोड़ कर SI पद पर नियुक्त हुए हैं। इनमें अधिकतर का प्रोबेशन पीरियड भी पूरा नहीं हुआ है। उनका क्या होगा वे पुनः उस नौकरियों में भी नहीं जा सकते।
  2. 4 साल इसमें खर्च करने के बाद अगर बाहर कर दिए जाते हैं। योग्य व ईमानदार अभ्यर्थियों के भविष्य का क्या होगा? उनका परिवार, यहां तक का उनकी पीढ़ियां भी प्रभावित होंगी उनका क्या होगा ?
  3. SI पद अनुरूप शादी तय हुई या शादी हो गयी उनका क्या होगा ?
  4. परीक्षा के समय जो अभ्यर्थी TSP वर्ग में था। अब उसकी शादी होने से NON TSP में चला गया। कोई महिला विधवा कोटे से लगी थी। अब उसने शादी कर ली उनका क्या होगा ?
  5. 2021 के समय जो लिखित व फिजिकल परीक्षा उसने पास की थी। क्या 4 वर्ष बाद अब वह संभव हो पाएंगी ?
  6. SOG ने शक के आधार पर एक ट्रेनी सब इंस्पेक्टर हरिओम पाटीदार मेरिट क्रमांक 645 को उठा लिया था। कोर्ट में पेश कर जेल भी भेज दिया गया था। लेकिन जब जांच में निर्दोष पाया गया तो स्वयं SOG ने इसकी हाईकोर्ट से जमानत करवाई थी। अभी वह वर्तमान में पुनः प्रशिक्षण में शामिल है। इससे यह साफ जाहिर होता है कि SOG दोषी और निर्दोष की पहचान कर सकती है। SOG चाहे तो प्रत्येक ट्रेनी सब इंस्पेक्टर को एक बार अपनी कस्टडी में लेकर नार्को/ पॉलीग्राफ़ टेस्ट के मार्फत पूछताछ कर ले। हम सभी प्रकार के नार्को एवं पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए भी तैयार हैं। यदि उसकी जांच में दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ चाहे जैसी कार्रवाई करें। किसी को कोई आपत्ति नहीं रहेगी और निर्दोष है तो वापस ट्रेनिंग सेंटर भेज दिया जाए।

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सुखद संयोग : आईएएस बेटे कनिष्क कटारिया ने संभागीय आयुक्त पिता के रिटायरमेंट से जुड़े आदेश किये साइन

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 02 अक्टूबर 2024 |   जयपुरभारतीय प्रशासनिक सेवा(आईएएस) अधिकारी सांवरमल वर्मा भरतपुर संभागीय आयुक्त के पद से रिटायर हो गए। उनके रिटायरमेंट से ज्यादा चर्चा उनके रिटायरमेंट पर जारी हुए एडिशनल चार्ज के आदेश की हो रही है।

सुखद संयोग : आईएएस बेटे कनिष्क कटारिया ने संभागीय आयुक्त पिता के रिटायरमेंट से जुड़े आदेश किये साइन

आईएएस सांवरमल वर्मा के रिटायरमेंट के बाद उनकी जगह एडिशनल चार्ज देने के आदेश पर उनके बेटे आईएएस कनिष्क कटारिया के साइन हैं। कनिष्क कटारिया कार्मिक विभाग में संयुक्त सचिव के पद पर तैनात हैं।

भरतपुर संभागीय आयुक्त के पद से रिटायर हुए सांवरमल वर्मा, IAS बेटा जॉइंट सेक्रेटरी
 

किसी भी आईएएस, आईपीएस और आरएएस अधिकारी के ट्रांसफर, रिटायरमेंट सहित अन्य सेवा संबंधी आदेश पर संयुक्त सचिव ही हस्ताक्षर करते हैं। 30 सितंबर को आईएएस सांवरमल वर्मा के रिटायरमेंट के समय उनका चार्ज अतिरिक्त संभागीय आयुक्त को देने के आदेश पर उनके बेटे कनिष्क कटारिया ने साइन किए।

पिता प्रमोटी आईएएस, बेटे ने UPSC टॉपर रहा

सांवरमल वर्मा राजस्थान प्रशासनिक सेवा (आरएएस) से आईएएस बने थे। वहीं, उनके बेटे कनिष्क कटारिया ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC)की सिविल सेवा परीक्षा 2018 में टॉप किया। दिलचस्प बात यह भी है कि पिता-पुत्र कुछ महीनों में ही आईएएस बने।

सांवरमल वर्मा को साल 2018 में आरएएस से आईएएस अधिकारी के पद पर पदोन्नति मिली। वहीं, कनिष्क यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा-2018 को टॉप करके आईएएस बने। कनिष्क 2019 बैच के आईएएस अधिकारी हैं।

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एक पिता होने के नाते मेरे लिए यह गौरव का क्षण है कि मेरे रिटायरमेंट से संबंधित आदेश पर मेरे बेटे के साइन हैं।- सांवर मल वर्मा, रिटायर्ड आईएएस

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आईआईटीयन हैं कनिष्क कटारिया 

कनिष्क ने आईएएस बनने से पहले आईआईटी बॉम्बे से कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग में बीटेक किया था। बीटेक के बाद उन्हें विदेश में 1 करोड़ के सालाना पैकेज पर नौकरी का ऑफर भी आ गया था। कनिष्क ने कुछ दिन नौकरी की और इस्तीफा देकर भारत लौट आए। यहां कनिष्क ने यूपीएससी की तैयारी की और अपने पहले ही प्रयास में टॉप कर आईएएस अधिकारी बन गए।

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