AI की मदद से हिंदी टेक्स्ट को आकर्षक वीडियो में बदलें, हर महीने लाखों कमायें

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 28 नवंबर 2024 | जयपुर :  क्या आप जानते हैं कि दर्शक वीडियो पर देखी गई 95% जानकारी को ग्रहण करते हैं, जबकि टेक्स्ट पर देखी गई जानकारी का केवल 10% ही ग्रहण कर पाते हैं?  हिंदी AI वीडियो जेनरेटर कंटेंट क्रिएटर, शिक्षकों और मार्केटर्स के लिए एकदम सही टूल है जो टेक्स्ट से हिंदी वीडियो बनाना चाहते हैं।

AI की मदद से हिंदी टेक्स्ट को आकर्षक वीडियो में बदलें, हर महीने लाखों कमायें

हमारे उन्नत हिंदी AI वीडियो जनरेटर के साथ टेक्स्ट से आकर्षक हिंदी वीडियो बनाएं। टेक्स्ट-टू-वीडियो रूपांतरण के साथ अपनी स्क्रिप्ट को आसानी से आकर्षक वीडियो में बदलें, जबकि वॉयस-ओवर को एकीकृत करें और बैकग्राउंड म्यूजिक का चयन करें।

AI की मदद से हिंदी टेक्स्ट को आकर्षक वीडियो में बदलें, हर महीने लाखों कमायें

पेशेवर सामग्री बनाने के लिए बहु-भाषा समर्थन और AI-संचालित वीडियो संपादन का लाभ उठाएं। एक विशाल स्टॉक मीडिया लाइब्रेरी तक पहुँचें, उपशीर्षक जोड़ें, और एनीमेशन प्रभावों के साथ अपने वीडियो को बेहतर बनाएँ।

हर बार सही संदेश देने के लिए अपने वीडियो को सटीकता से ट्रिम कर सकते हैं। यह उन्नत तकनीक आपको आसानी से आकर्षक वीडियो बनाने की अनुमति देती है, जिससे यह हिंदी भाषी दर्शकों तक पहुँचने के लिए आदर्श बन जाता है।

चाहे आप शैक्षणिक सामग्री, प्रचार सामग्री या सोशल मीडिया पोस्ट पर काम कर रहे हों, यह टूल वीडियो निर्माण प्रक्रिया को सरल बनाता है और सुनिश्चित करता है कि आपका संदेश आपके लक्षित दर्शकों तक पहुँचे।

AI वीडियो जेनरेटर के साथ वीडियो निर्माण को आसान बनाएं

वीडियो कंटेंट बनाना समय लेने वाला और महंगा हो सकता है। लेकिन क्या होगा अगर आप बिना किसी परेशानी के कुछ ही क्लिक में उच्च गुणवत्ता वाले विज्ञापन वीडियो और सोशल मीडिया वीडियो बना सकें? AI वीडियो जेनरेटर पेश है, वह टूल जो आपके टेक्स्ट को सेकंड में वीडियो में बदल देता है। कोई स्क्रिप्टिंग नहीं, कोई फिल्मांकन नहीं, कोई संपादन नहीं – बस अपना टेक्स्ट डालें, अपनी शैली चुनें और बाकी काम AI को करने दें।

वीडियो संपादकों, सोशल मीडिया प्रबंधकों, मार्केटिंग विशेषज्ञों और छोटे व्यवसाय विपणक के लिए बिल्कुल सही, यह टूल आपके वर्कफ़्लो को सरल बनाता है और आपकी सामग्री निर्माण प्रक्रिया को बेहतर बनाता है।

AI के साथ अपनी अनूठी शैली और रचनात्मकता दिखाएं

हमारे उपयोग में आसान ब्रांडिंग टूल के साथ सामान्य से परे जाएं। आप अपना लोगो अपलोड कर सकते हैं, अपने ब्रांड के रंग चुन सकते हैं, और हमारे टेक्स्ट टू वीडियो AI का उपयोग करके अपने अद्वितीय स्टाइल को दिखाने वाले वीडियो बनाने के लिए टेक्स्ट बदल सकते हैं।

चाहे आपको मज़ेदार सोशल मीडिया पोस्ट के लिए चमकीले रंग चाहिए हों या व्यावसायिक प्रस्तुतियों के लिए एक कूल, पेशेवर लुक, AI वीडियो जेनरेटर आपको जल्दी से अलग दिखने में मदद करता है।

साथ ही, आप विशाल स्टॉक फ़ुटेज लाइब्रेरी, बैकग्राउंड म्यूज़िक सिलेक्शन और सबटाइटल जेनरेशन के साथ अपने वीडियो को और भी बेहतर बना सकते हैं ताकि एक पॉलिश, पेशेवर अनुभव मिल सके।

AI वीडियो जेनरेटर का उपयोग कैसे करें : वीडियो बनाना शुरू करें

कुछ ही सेकंड में वीडियो बनाना शुरू करें

AI वीडियो ऐप में ‘जेनरेट विद AI’ और फिर ‘AI टेक्स्ट टू वीडियो’ पर क्लिक करें। बस कुछ ही क्लिक से, आप टेक्स्ट को आकर्षक वीडियो में बदल सकते हैं जो आपके दर्शकों को आकर्षित करेगा। ऑनलाइन वीडियो सामग्री बनाने का एक तेज़ और सहज तरीका अनुभव करें।

अधिकतम प्रभाव के लिए अपने वीडियो को अनुकूलित करें

अपने वीडियो का विषय और लक्षित दर्शक डालें, फिर आकार और AI स्पीकर चुनें। हमारा AI वीडियो जनरेटर आपको ऐसे कस्टम वीडियो बनाने में मदद करता है जो सीधे आपके दर्शकों से बात करते हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि आपका संदेश उनके साथ अच्छी तरह से जुड़ता है।

आसानी से अनुकूलित और उत्पन्न करें

अपनी ब्रैंडबुक का उपयोग करके अपने वीडियो को निजीकृत करें, फिर ‘जेनरेट’ पर क्लिक करें। AI वीडियो जेनरेटर ब्रांडेड वीडियो बनाना आसान बनाता है जो आपकी पहचान के साथ संरेखित होते हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि आपकी सामग्री अलग दिखती है और एक स्थायी छाप छोड़ती है।

सर्वश्रेष्ठ AI वीडियो जनरेटर

बहुभाषी, जीवंत वीडियो के साथ वैश्विक स्तर पर जुड़ें। AI वीडियो जेनरेटर के साथ अपनी वैश्विक पहुंच को अधिकतम करें, जो जीवंत वॉयसओवर और बहुभाषी क्षमताओं को जोड़ता है। यह मार्केटिंग वीडियो, व्याख्यात्मक वीडियो और फेसलेस वीडियो सामग्री उत्पन्न कर सकता है, जिसमें आवाज़ें वास्तविक लगती हैं और अलग-अलग भाषाएँ बोलती हैं।

साथ ही, टेक्स्ट टू वीडियो AI टूल के साथ, आप मज़ेदार एनिमेशन जोड़ सकते हैं और ड्रैग-एंड-ड्रॉप एडिटर के साथ आसानी से चीज़ों को इधर-उधर कर सकते हैं। यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि हर कोई आपकी बात समझे, चाहे वे कहीं से भी हों!

हर अवसर के लिए अनुकूलित वीडियो

सभी के लिए बनाए गए सर्वश्रेष्ठ AI वीडियो जनरेटर का अनुभव करें। चाहे आप YouTube शॉर्ट्स, Instagram रील या किसी अन्य प्रकार का वीडियो बना रहे हों, हमारा टेक्स्ट टू वीडियो AI आपको अपनी ज़रूरतों के हिसाब से फ़ॉर्मेट साइज़ चुनने की सुविधा देता है।

रीयल-टाइम एडिटिंग और सहयोग सुविधाओं के साथ, आप आसानी से एक साथ काम कर सकते हैं। सभी आकार के व्यवसायों के लिए बनाया गया, यह टूल सुनिश्चित करता है कि हर कोई जल्दी से पेशेवर वीडियो बना सके। आज ही शुरुआत करें और अपने विचारों को जीवन में उतारें।

एआई वीडियो जेनरेटर टूल : एआई वीडियो मैजिक टूल्स

AI वीडियो जेनरेटर के साथ वीडियो निर्माण का स्तर बढ़ाएं और समय बचाएं
एआई मैजिक टूल्स

 AI उपशीर्षक जनरेटर
 एआई स्क्रिप्ट से वीडियो
 एआई बी-रोल बूस्टर
 एआई ब्लॉग से वीडियो

AI उपशीर्षक जनरेटर

साधारण कैप्शन से आगे बढ़ें और ऑटो सबटाइटल जनरेटर के साथ अपने वीडियो कंटेंट को बदलें। अपने ब्रांड या व्यक्तिगत शैली से मेल खाने वाले विभिन्न फ़ॉन्ट और रंगों में से चुनें। अपनी कहानियों को अधिक आकर्षक बनाएं और अपने दर्शकों को ऐसे टेक्स्ट से दिलचस्पी बनाए रखें जिसे आप पूरी तरह से कस्टमाइज़ कर सकते हैं।

AI उपशीर्षक जनरेटर : एआई स्क्रिप्ट से वीडियो

टेक्स्ट टू वीडियो AI के साथ अपनी स्क्रिप्ट को शानदार वीडियो में बदलें। यह टूल आपको अपनी स्क्रिप्ट टाइप करने और आसानी से बेहतरीन वीडियो बनाने की सुविधा देता है। आप अलग-अलग दृश्य, आवाज़ें चुन सकते हैं और अपना खुद का लोगो जोड़ सकते हैं। यह उन क्रिएटर्स के लिए बहुत बढ़िया है जो नियमित वीडियो एडिटिंग के कठिन हिस्सों के बिना शानदार वीडियो बनाना चाहते हैं।

AI स्क्रिप्ट से वीडियो : एआई बी-रोल बूस्टर

अपने आप को स्थिर दृश्यों तक सीमित न रखें। AI वीडियो जेनरेटर के साथ, अपने AI-जनरेटेड वीडियो में आकर्षक B-रोल फुटेज को सहजता से एकीकृत करके अपनी कहानी को समृद्ध करें। अपनी कहानी को अपने कंटेंट से मेल खाने वाले सुंदर दृश्यों के साथ और अधिक रोचक बनाएं, अपने वीडियो को अगले स्तर पर ले जाएं।

यह भी पढ़ें : शब्दों को छवियों में बदलना (Text to Image AI Tool) परिचय एवं कार्यप्रणाली

एआई बी-रोल बूस्टर : एआई ब्लॉग से वीडियो

ब्लॉग टू वीडियो फीचर के जादू का अनुभव करें, जो आपके ब्लॉग पोस्ट को आकर्षक वीडियो के रूप में जीवंत बनाता है। यह शानदार टूल आपके लेखन के सबसे महत्वपूर्ण हिस्सों को चुनने के लिए AI का उपयोग करता है और उन्हें दृश्य कहानियों में बदल देता है। आप अलग-अलग दृश्य चुन सकते हैं, आवाज़ें जोड़ सकते हैं और अपने वीडियो को ऑनलाइन ध्यान आकर्षित करने के लिए संगीत शामिल कर सकते हैं!

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MOOKNAYAK MEDIA

At times, though, “MOOKNAYAK MEDIA’s” immense reputation gets in the way of its own themes and aims. Looking back over the last 15 years, it’s intriguing to chart how dialogue around the portal has evolved and expanded. “MOOKNAYAK MEDIA” transformed from a niche Online News Portal that most of the people are watching worldwide, it to a symbol of Dalit Adivasi OBCs Minority & Women Rights and became a symbol of fighting for downtrodden people. Most importantly, with the establishment of online web portal like Mooknayak Media, the caste-ridden nature of political discourses and public sphere became more conspicuous and explicit.

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RUHS भर्ती 2023 में एससी एसटी ओबीसी और महिला आरक्षण का खुला उल्लंघन, जनप्रतिनिधियों की चुप्पी

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 13 नवंबर 2024 | जयपुर : #breaking #ब्रेकिंग आरयूएचएस #RUHS_Recruitment_2023 में असिस्टेंट प्रोफेसर और 2024 में प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर के 139 पदों पर भर्ती निकाली थी। इनमें आरक्षित वर्गों को 55 पदों का नुकसान हुआ था। 2023 के असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर भर्ती के लिए 6 सितंबर 2023 को आवेदन माँगे गये थे। इसकी परीक्षा भी हुई। लेकिन इसे निरस्त किया गया।

RUHS भर्ती 2023 में एससी एसटी ओबीसी और महिला आरक्षण का खुला उल्लंघन, जनप्रतिनिधियों की चुप्पी

भर्ती नहीं होने के कारण आरयूएचएस में अधिकतर फैकल्टी डेप्यूटेशन पर है। इन पदों का आरक्षित वर्गों के लिए विभाजन नियमानुसार नहीं किया जा रहा है। इस भर्ती में न सिर्फ आरक्षित वर्गों बल्कि अनारक्षित वर्ग की महिलाओं के पदों में भी कमी की गई है।

RUHS भर्ती 2023 में एससी एसटी ओबीसी और महिला आरक्षण का खुला उल्लंघन, जनप्रतिनिधियों की चुप्पी

2014 में फैकल्टी की पहली और आखिरी बार भर्ती की गई थी। भर्ती में कुल 55 आरक्षित पदों का नुकसान हुआ है। प्रोफेसर पद में 29, एसोसिएट के 22 और असिस्टेंट प्रोफेसर के 17 पदों का नुकसान हुआ है। प्रोफेसर पद के लिए एक भी पद आरक्षित वर्ग को आवंटित नहीं किया गया।

महिलाओं को भी 33% आरक्षण नहीं दिया गया बल्कि उन्हें  8 पद मिलने चाहिए थे, लेकिन एक पद ही मिला। संसद, यूजीसी और राज्य सरकार के दिशा निर्देश के अनुसार जिन विश्वविद्यालयों को पब्लिक फंड्स मिलते हैं उनके यहाँ शैक्षणिक पदों में आरक्षण रोस्टर रजिस्टर का संधारण विश्वविद्यालय को एक ईकाई मानकर किया जाना चाहिए । ताकि महिलाओं सहित सभी आरक्षित वर्गों के उम्मीदवारों को आरक्षण के अनुपात में प्रतिनिधित्व मिल सके।

आरक्षण रोस्टर के विशेषज्ञ एवं राजस्थान विश्वविद्यालय के पूर्व सिंडिकेट सदस्य प्रोफ़ेसर राम लखन मीणा का कहना है कि “आरयूएचएस द्वारा सरकार के दिशा निर्देशों का उल्लघंन किया गया और इस संबंध में संसद में पारित एक्ट को भी नहीं माना गया। आरयूएचएस व सभी विवि को आरक्षण रोस्टर रजिस्टर वेबसाइट पर अपलोड करना चाहिए।”

Rajasthan Women Recruitment Reservation: राजस्थान की भजनलाल सरकार ने महिला आरक्षण को लेकर बड़ा फैसला किया है। दिवाली से ठीक पहले राजस्थान सरकार ने महिलाओं को बड़ा तोहफा दिया है। सरकार ने महिला आरक्षण को लेकर संशोधन किया है जिसका लाभ पुलिस विभाग में सीधी भर्ती में महिलाओं को 33 प्रतिशत का आरक्षण दिया जायेगा। इसे लेकर सरकार की ओर से आदेश भी जारी कर दिया गया है। कार्मिक विभाग द्वारा आदेश जारी करते हुए इस बारे में जानकारी दी है।

नोटिफिकेशन के मुताबिक, राजस्थान पुलिस अधीनस्थ सेवा नियम-1989 में संशोधन करते हुए सीधी भर्ती में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने का फैसला लिया है। यह संशोधन संविधान के अनुच्छेद 309 के तहत किया गया है। इन नियमों को राजस्थान पुलिस अधीनस्थ सेवा (संशोधन) नियम, 2024 कहा जा सकता है।

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क्या है संशोधित नियम

संशोधित नियम में कहा गया है कि नियम 7बी के तहत महिला के लिए सीधी भर्ती में रिक्तियों का आरक्षण कैटगरी वाइज 33 प्रतिशत होगा। इसमें एक तिहाई विधवाओं और तलाकशुदा महिला उम्मीदवारों के लिए 80:20 के अनुपात में रिक्त स्थान होगा।

किसी विशेष वर्ष में विधवा या तलाकशुदा, पात्र और उपयुक्त उम्मीदवारों की अनुपलब्धता की स्थिति में, रिक्तियों को पहले इंटरचेंज, टीई, विधवाओं से तलाकशुदा या इसके विपरीत के लिए आरक्षित रिक्तियों से भरा जा सकता है।

पर्याप्त विधवा और तलाकशुदा उम्मीदवारों की उपलब्धता, अप्राप्त रिक्तियां उसी श्रेणी की अन्य महिलाओं द्वारा भरी जाएंगी और योग्य और उपयुक्त महिला उम्मीदवारों की अनुपलब्धता की स्थिति में, उनके लिए आरक्षित रिक्तियां पुरुष उम्मीदवार द्वारा भरी जायेंगी।

यह भी पढ़ें : नरेश मीणा को हो सकती है दस साल की सजा, चुनाव अधिकारी से मारपीट संज्ञेय अपराध

वह श्रेणी जिसके लिए रिक्ति आरक्षित है। महिला उम्मीदवारों के लिए आरक्षित रिक्ति को अगले वर्ष के लिए आगे नहीं बढ़ाया जायेगा। इसमें विधवा और तलाकशुदा महिलाएं भी शामिल हैं। यहां तक ​​कि श्रेणी की सामान्य योग्यता में चयनित महिलाओं को भी पहले महिला कोटे में समायोजित किया जायेगा।

स्वीकृति के लिए राज्य सरकार को रोस्टर भेज रखा है, लेकिन अभी तक हमें स्वीकृति नहीं मिली है। फिलहाल आरयूएचएस में पुरानी फैकल्टी है और कुछ फैकल्टी डेप्यूटेशन पर है। -हरफूल पंकज ,रजिस्ट्रार, आरयूएचएस

अधिसूचना में आगे बताया गया है कि, भले ही सेवा में शामिल किसी भी पद के लिए महिलाओं के लिए आरक्षण 30% से अधिक हो, विधवा और तलाकशुदा उम्मीदवारों के लिए आरक्षण, श्रेणी के अनुसार कुल रिक्तियों के क्रमशः 8% और 2% से अधिक नहीं होगा।

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किशन सहाय मीणा आईजी मानवाधिकार सस्पेंड, झारखंड विधानसभा चुनाव में पुलिस पर्यवेक्षक हुए थे नियुक्त

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 13 नवंबर 2024 | दिल्ली : चुनाव आयोग ने राजस्थान कैडर के भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के अधिकारी किशन सहाय को सस्पेंड कर दिया। किशन सहाय मीणा आईजी मानवाधिकार के पद पर राजस्थान पुलिस मुख्यालय में तैनात थे। विधानसभा चुनाव के दौरान उनकी ड्यूटी झारखंड में लगाई गई थी। इस संबंध में चुनाव आयोग ने मुख्य सचिव राजस्थान को पत्र भेजा है।

किशन सहाय मीणा आईजी मानवाधिकार सस्पेंड

चुनाव आयोग ने पत्र में लिखा- झारखंड विधानसभा चुनाव में किशन सहाय मीणा को गुमला जिले के 67-सिसई, 68-गुमला और 69-बिशुनपुर में पुलिस ऑब्जर्वर (पर्यवेक्षक) लगाया था। आयोग की स्वीकृति के बिना 28 अक्टूबर 2024 को किशन सहाय ने ड्यूटी स्थल छोड़ दिया।

किशन सहाय मीणा आईजी मानवाधिकार सस्पेंड, झारखंड विधानसभा चुनाव में पुलिस पर्यवेक्षक हुए थे नियुक्त

पहले भी विवादों में रहे आईपीएस किशन सहाय पहले भी विवादों में रहे हैं। उन्होंने धार्मिक टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था- धर्म ग्रंथों में जिनका भी वर्णन कर रखा है, वह कल्पना मात्र की बातें हैं।

झारखंड विधानसभा चुनाव में पुलिस पर्यवेक्षक हुए थे नियुक्त

पत्र में लिखा- पुलिस पर्यवेक्षक की नियुक्ति चुनाव आयोग भारत के संविधान के तहत करता है। किशन सहाय का नाम राजस्थान सरकार की ओर से 21 अक्टूबर को भेजा गया था। किशन सहाय के आदेश 23 अक्टूबर को किए गए थे। उन्हें नामांकन दाखिल करने के अंतिम दिन से एक दिन पहले 24 अक्टूबर को निर्धारित निर्वाचन क्षेत्रों में रिपोर्ट करने का निर्देश दिया गया था।

उन्हें फॉर्म 17ए की जांच और पुनर्मतदान हो तो उसके बाद निर्वाचन क्षेत्र छोड़ने के आदेश दिए हुए थे। उन्होंने 28 अक्टूबर को निर्वाचन क्षेत्र छोड़ दिया था। आयोग की मंजूरी लिए बिना जयपुर चले गए थे। इसे चुनाव आयोग ने गंभीर माना। इस पर मुख्य सचिव और डीजीपी को 11 नवंबर को पत्र जारी कर सस्पेंड करने के आदेश दिए थे। किशन सहाय मीणा पहले भी एपीओ भी हो चुके हैं।

प्रमोटी आईपीएस अधिकारी है किशन सहाय

किशन सहाय प्रमोटी आईपीएस अधिकारी हैं। साल 2013 में आईपीएस बने थे। अगस्त 2013 में इन्हें एसपी टोंक लगाया गया था, लेकिन 11 जनवरी 2014 को यहां से एसपी जीआरपी अजमेर लगाया गया था। यहां किशन सहाय पूरे एक साल तक रहे। इसके बाद उन्हें सरकार ने एपीओ कर दिया था।

यह भी पढ़ें : चार वर्षीय स्नातक डिग्री से नेट और पीएचडी में सीधे एडमिशन, सहायक प्रोफ़ेसर बनने के लिए पीजी जरूरी नहीं

करीब 6 महीने एपीओ रहने के बाद सरकार ने किशन सहाय को सीआईडी सीबी में एसपी लगाया। किशन सहाय यहां साढ़े 4 साल तक रहे। सीआईडी सीबी के बाद जेल और फिर दोबारा सीआईडी सीबी में लगाया गया। साल 2020 में किशन सहाय को डीआईजी आर्म्ड बटालियन पुलिस मुख्यालय में लगाया गया। यहीं पर सहाय डीआईजी से आईजी बने। 2023 में किशन सहाय को ह्यूमन राइट्स में लगाया गया था।

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