इराक-सीरिया में 85 ईरानी ठिकानों पर अमरीकी हमला, ईरान की धमकी के बाद अमेरिकी बेस पर हुआ था हमला

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मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 03 जनवरी 2024 | दिल्ली – न्यूयॉर्क – जॉर्डन – सीरिया  : फुटेज इराक के अल कैम इलाके का है। इसमें अमेरिका की तरफ से दागे गए रॉकेट दिख रहे हैं। (क्रेडिट- न्यूयॉर्क टाइम्स) अमेरिका ने शनिवार सुबह इराक और सीरिया में 85 ईरानी ठिकानों पर हमला किया। ये अटैक 5 दिन पहले जॉर्डन-सीरिया बॉर्डर पर ड्रोन हमले में तीन सैनिकों की मौत के जवाब में किया गया।

इराक-सीरिया में 85 ईरानी ठिकानों पर अमरीकी हमला

न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक अमेरिकी सेना ने कहा- हमारे लड़ाकू विमानों ने शनिवार सुबह इराक और सीरिया में ईरान रिवोल्यूशनरी गार्ड (IRGC) और उनके समर्थिन वाल मिलिशिया गुटों के 85 ठिकानों पर जवाबी हवाई हमले किए।

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इस दौरान 7 जगहों (4 सीरिया, 3 इराक) पर मिसाइलें दागी गईं। इसमें B-1 स्ट्रैटजिक बॉम्बर्स से कमांड एंड कंट्रोल सेंटर, रॉकेट, मिसाइल और ड्रोन स्टोरेज साइट के साथ-साथ इंटेलिसजेंस ठिकानों को निशाना बनाया।

वहीं, सीरियाई मीडिया के मुताबिक अमेरिका स्ट्राइक में नागरिकों और सैनिकों की मौत हुई है। सीरिया ह्यूमन राइट्स वॉर मॉनिटर ऑबजर्वेटरी का कहना है कि 18 लोग मारे गए हैं। हालांकि मारे गए लोगों के आंकड़े की पुष्टि नहीं हो सकी है। तस्वीर अल कैम इलाके की है। अमेरिका सेना ने कहा कि 30 मिनट में 7 जगहों पर हमले किए गए। इस दौरान 85 ठिकानों को निशाना बनाया गया।

बाइडेन का एलान जवाब देना जारी रखेंगे

एयरस्ट्राइक के बाद राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा- सैन्य बलों ने इराक और सीरिया में उन ठिकानों को निशाना बनाया जिनका इस्तेमाल IRGC और उनके समर्थित मिलिशिया अमेरिकी बलों पर हमला करने के लिए करते हैं। हमने आज जवाब देना शुरू कर दिया है। ये जारी रहेगा।

उन्होंने कहा- अमेरिका मिडिल ईस्ट या दुनिया में कहीं भी संघर्ष नहीं चाहता है। लेकिन वे सभी जो हमें नुकसान पहुंचाना चाहते हैं, उन्हें यह जान लेना चाहिए कि यदि वे किसी अमेरिकी को नुकसान पहुंचाते हैं, तो हम जवाब देंगे। वहीं, अमेरिका रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने कहा- यह तो बस शुरुआत है।

जॉर्डन-सीरिया बॉर्डर पर मारे गए सैनिकों के शवों को अमेरिका लाया गया था।

2 जनवरी को हमले का प्लान अप्रूव हुआ था

28 जनवरी को जॉर्डन-सीरिया बॉर्डर पर बने अमेरिकी बेस- टावर 22 पर बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला हुआ था। इसमें 3 अमेरिकी सैनिक मारे गए थे और कई घायल हुए थे। इजराइल-हमास जंग के बीच ऐसा पहली बार था जब 3 अमेरिकी सैनिकों की मौत हुई।

 1706925779 इराक सीरिया में 85 ईरानी ठिकानों पर अमरीकी हमला, ईरान की धमकी के बाद अमेरिकी बेस पर हुआ था हमलाअमेरिका ने इस हमले के पीछे ईरान के समर्थन वाले गुट को जिम्मेदार ठहराया था। तब से राष्ट्रपति जो बाइडेन और अन्य टॉप अमेरिकी नेता लगातार चेतावनी दे रहे थे कि अमेरिका जवाबी कार्रवाई करेगा। इसके बाद 2 जनवरी को बाइडेन ने सीरिया और ईराक में बने ईरानी ठिकानों पर हमले का प्लान अप्रूव किया।

3 जनवरी की सुबह अमेरिकी सेना ने हमला कर दिया। मारे गए सैनिकों की तस्वीर। बाएं से- सार्जेंट विलियम जेरोम रिवर, ब्रियोना अलेक्जोंड्रिया मोफेट और कैनेडी लाडन सैंडर्स।

ईरान की धमकी के बाद अमेरिकी बेस पर हुआ था हमला

अमेरिकी बेस पर हमले से पहले ईरान ने इजराइल पर सीरिया की राजधानी दमिश्क में एक इमारत पर हमला करने का आरोप लगाया था। ईरानी मीडिया IRNA के मुताबिक, इसमें 5 लोगों की मौत हुई थी।

मरने वालों में ईरान के 4 मिलिट्री एडवाइजर और सीरिया में ईरानी सेना का चीफ इंटेलिजेंस ऑफिसर शामिल था। इसके बाद ईरान ने बदला लेने की धमकी दी थी।

न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक इजराइल-हमास जंग अब मिडिल ईस्ट में फैलने लगी है। ईरान और अमेरिका सीधे न लड़कर सीरिया और ईराक जैसे देशों का सहारा ले रहे हैं।

जो पहले से ही आतंक की गिरफ्त में हैं। 7 अक्टूबर को इजराइल-हमास जंग शुरू होने के बाद इराक-सीरिया में अमेरिका पर 140 से ज्यादा बार हमला हुआ है।

इराक में अमेरिकी सैनिकों के घुसने पर पाबंदी

इराक के प्रधानमंत्री अल सुदानी ने अपने देश में और अमेरिकी सैनिकों के घुसने पर पाबंदी लगा दी थी। सुदानी ने कहा था कि अमेरिकी सैनिकों को इराक से निकालने के लिए एक समय सीमा तय करने की जरूरत है।

दरअसल, सूदानी नहीं चाहते की ईरान और अमेरिका की दुश्मनी से उनके देश में कोई नई जंग छिड़ जाए। सुदानी ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को दिए इंटरव्यू में कहा था कि ये हमें बिल्कुल मंजूर नहीं है कि कुछ देश आपसी लड़ाई के बीच हमारी जमीन का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं।

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