महाठगी : कांग्रेस दम्पति द्वारा 8000 लोगों से 100 करोड़ रुपए की ठगी, निवेशकों के रुपए डकार कर आरोपी फरार, पुलिस दर्ज नहीं कर रही मामले

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मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 04 जनवरी 2024 | दिल्ली – जयपुर – सीकर – धौलपुर  : क्रिप्टोकरेंसी में निवेश का झांसा देकर राजस्थान के 8 हजार से ज्यादा लोगों से 100 करोड़ रुपए ठग लिए गए। इस ठगी का मास्टरमाइंड जयपुर में कांग्रेस नेत्री का पति बताया जा रहा है। महाठग ने दुनिया की मशहूर क्रिप्टो करेंसी में से एक टीथर के नाम से मिलता जुलता नाम रखकर ऐप बनवाया। क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने पर 200 दिन में करोड़पति-अरबपति बनने का झांसा दिया।

कांग्रेस दम्पति द्वारा 8000 लोगों से 100 करोड़ रुपए की ठगी

प्रमोद शर्मा की पत्नी आरती शर्मा कांग्रेस नेत्री बताई जाती हैं जो पंचायत समिति की सदस्य इसलिए आसपास के क्षेत्र में रसूख है। उसके भाई मामराज शर्मा का चंदवाजी में स्कूल भी है। स्थानीय होने के चलते लोगों में विश्वास पैदा हो गया कि उनका पैसा कहीं नहीं डूबेगा। इसी बात का फायदा प्रमोद ने उठाया। उसने सबसे पहले अपनी जान पहचान के लोगों को झांसे में लेकर शिकार बनाया।

1 1715 1706971635 महाठगी : कांग्रेस दम्पति द्वारा 8000 लोगों से 100 करोड़ रुपए की ठगी, निवेशकों के रुपए डकार कर आरोपी फरार, पुलिस दर्ज नहीं कर रही मामले
लाल घेरे में प्रमोद शर्मा और उसे निवेश के लिए पैसे सौंपते निवेशक

फिर उनके जरिए आगे से आगे 8 हजार से ज्यादा लोगों से करीब 100 करोड़ रुपए ठग लिये। ठगी का मास्टरमाइंड दिनेश शर्मा सेमिनार में भीड़ जुटाता, खुद को 1800 करोड़ का मालिक बताकर लोगों को प्रभावित करता।

भाषणों में कहता कि जल्द ही संसद में उसकी क्रिप्टो करेंसी को मान्यता मिलने वाली है। इसी झांसे में इंजीनियर-डॉक्टर भी आ गये। कई लोगों ने ब्याज पर पैसे लेकर निवेश कर दिए। अब मुकदमे दर्ज करने के लिए भी थानों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।

ठगी के लिए सबसे पहले बनाया टीथर वर्ल्ड ऐप

ठगी के लिए प्रमोद शर्मा ने विश्व की स्टेबल और पुरानी क्रिप्टो कॉइन टीथर के नाम से मिलते-जुलते नाम पर ‘टीथर वर्ल्ड’ ऐप बनाई। उसके बाद एजेंटों के जरिए अधिक से अधिक लोगों से कंपनी में निवेश करवाया। कंपनी में अच्छा इंवेस्टमेंट लाने वाले एजेंटों को इंसेंटिव दिया जाता था।

प्रमोद शर्मा ने लोगों को विश्वास दिलाया कि दस करोड़ यूजर्स टीथर वर्ल्ड करेंसी का इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। कंपनी ने धीरे-धीरे तरक्की की, लेकिन रुपए निकालने का समय आया तो कंपनी का विड्राल बंद हो गया।अपनी स्कीम में निवेश के लिए प्रमोद शर्मा ने इस तरह से पंपलेट बनवा रखे थे।

प्रमोद कैसे ठगी करता था पीड़ितों की जुबानी सुनिए

केस- 1 : धौलपुर के रहने वाले मैकेनिकल इंजीनियर आर एस गुर्जर ने बताया कि प्रमोद शर्मा से उनकी मुलाकात अपने चौमूं निवासी परिचित के जरिए फरवरी 2021 में हुई थी। उनके बताया कि हम क्रिप्टो में निवेश करते हैं।

लोगों को विश्वास दिलाया कि क्रिप्टो में हम अच्छा मुनाफा छह प्रतिशत रोजाना कमाते हैं। एक दिन में एक लाख रुपए लगाकर 6 हजार रुपए प्रॉफिट के निकाल लेता हूं। मैंने खूब पैसे कमा लिए हैं अब बेरोजगारों को रोजगार देना चाहता हूं, मेरा ज्ञान सब लोगों में बांटना चाहता हूं।

हमारी कंपनी में 200 दिन का निवेश प्लान है, जिससे आप अरबपति बन सकते हैं। 5 लाख रुपए इन्वेस्ट करते हैं तो 100 दिन तक डेली 5 हजार का प्रॉफिट आपके खाते में आएगा। पहले 100 दिन में मूल धन वापिस मिलेगा, अगले 100 दिन में प्रॉफिट।

आरएस गुर्जर ने बताया कि मैंने 2 रुपए साहूकारी ब्याज पर पैसे उधार लिए और कंपनी में 5 लाख रुपए निवेश कर दिए। उसने ऐप में मेरी लॉगिन आईडी और पासवर्ड बनाया। वहां डेली एक परसेंट तक का प्रॉफिट दिखाता था। मेरे खाते में डेली 5000 रुपए बढ़ते हुए दिखाए जाते थे। प्रॉफिट आता देख कभी शक नहीं हुआ।

collage 1706972040 महाठगी : कांग्रेस दम्पति द्वारा 8000 लोगों से 100 करोड़ रुपए की ठगी, निवेशकों के रुपए डकार कर आरोपी फरार, पुलिस दर्ज नहीं कर रही मामले
ठगी के शिकार आरएस गुर्जर एवं कैलाश चंद्र बागड़ा

केस- 2 : जयपुर के मोरिजा (चौमूं) निवासी एक पीड़ित कैलाश चंद्र बागड़ा पेशे से ड्राइवर हैं। रिश्तेदार के जरिए ही प्रमोद से मुलाकात हुई थी। बातों में आकर 18 लाख रुपए का निवेश कर बैठा। इसके लिए मैंने मेरी जमीन तक बेच डाली।

पीड़ित ने बताया कि क्रिप्टो के नाम पर चौमूं इलाके से लगभग 25 करोड़ रुपए से अधिक की ठगी की है। हम लोगों ने चौमूं, सामोद और आसपास के इलाके में बीस से अधिक एफआईआर दर्ज करवाई हैं। लेकिन मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है और न ही रुपए लौटाए गए हैं। पुराने ऐप से ठगी का भेद खुलने के बाद प्रमोद ने न्यू टीथर नाम से नया ऐप बनाकर अपना कॉइन लॉंच किया।

फिर से ठगने के लिए नया ऐप- नाम रखा न्यू टीथर

लोग परेशान होकर प्रमोद के पास पहुंचने लगे तो उसने बताया कि कंपनी के विड्राल में समस्या आ रही है। लोगों को उनके रुपए नहीं लौटाए गए। लेकिन, बाजार में भरोसा बनाए रखने के लिए प्रमोद शर्मा ने सबको गारंटी के तौर पर पोस्ट डेटेड चेक और खाली स्टांप दे दिए। उसके बाद दोबारा एक नई कंपनी बनाई। कंपनी का नाम रखा न्यू टीथर। नई कंपनी में एजेंटों के जरिए नए लोगों को जोड़ा।

पहले से ठगे लोगों को स्कीम में दोबारा दोगुना मुनाफे का झांसा दिया। नई कंपनी बनाने के साथ प्रमोद ने नया कॉइन लांच किया। कॉइन का नाम विंटर फाइनेंस कॉइन (डब्ल्यूएफसी) था। इस बार प्रमोद ने बड़ी चालाकी खेली और निवेशकों को भुगतान कैश में करने को कहा। निवेशकों के इस कॉइन में निवेश के चलते लोगों के करोड़ों डूब गए।

कौन है महाठगी के मास्टरमाइंड 

इस ठगी का मास्टरमाइंड प्रमोद शर्मा है जो मूल रूप से स्वामियों की ढाणी, लखेर तहसील आमेर का रहने वाला है। प्रमोद शर्मा के साथ ठगी में उसकी पत्नी आरती शर्मा सहित भाई मामराज, दोस्त शिवदान जाट भी पार्टनर है। प्रमोद खुद को क्रिप्टो करेंसी का ट्रेडर बताकर पैसा दोगुना करने का झांसा देता था।

ऐसे बनाता था शिकार

समाज का प्रतिष्ठित व्यक्ति अगर कोई सलाह देता है तो अक्सर लोग उस पर भरोसा कर लेते हैं और यही भरोसा कई बार घातक साबित हो जाता है। यही हुआ है जयपुर के सैकड़ों लोगों के साथ। जयपुर जिले की आमेर पंचायत समिति की पार्षद रही कांग्रेसी नेता आरती शर्मा अपने क्षेत्र की एक प्रभावशाली महिला है।

राजनीति और समाज सेवा में सक्रिय होने के कारण जयपुर ग्रामीण के दर्जनों गांवों के लोग उस पर आंख मूंद कर भरोसा कर बैठे। आरती के पति प्रमोद शर्मा ने इस भरोसे का गलत फायदा उठाया और क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करके अरबपति बनने का सपना दिखाकर हजारों से लोगों को ठगी का शिकार बना लिया।

प्रमोद शर्मा गांवों-शहरों में जाकर सेमिनार आयोजित करता था। पीड़ितों ने बताया कि सेमिनार में वह 250- 500 सिलेक्टड लोगों को ही बुलाता था। उससे पहले उसके एजेंट एजेंट सेमिनार में आने वाले लोगों की प्रोफाइल पता कर लेते थे। यानी कौन कितना अमीर है, कितना बैंक बैलेंस रखता है। सेमिनार में भाषण देते हुए प्रमोद का एक वीडियो। 1 173 1706970794 महाठगी : कांग्रेस दम्पति द्वारा 8000 लोगों से 100 करोड़ रुपए की ठगी, निवेशकों के रुपए डकार कर आरोपी फरार, पुलिस दर्ज नहीं कर रही मामले

वहां प्रमोद अपने भाषण से लोगों को प्रभावित करता। कहता था कि वो जिस क्रिप्टो करेंसी में काम करता है, उसको मंजूरी की बात आज संसद में चल रही है। जल्द ही संसद में पीएम मोदी खुद उसकी मंजूरी देंगे, जिसके बाद देशभर में उसकी चर्चा होगी।

1800 करोड़ का मालिक बताकर निवेशकों को भरोसा दिलाया

प्रमोद शर्मा से जब लोग सवाल करते कि हम भरोसा क्यों करें? इसके जवाब में बोलता कि वह 1800 करोड़ की प्रॉपर्टी का मालिक है। चंदवाजी बस स्टैंड पर मेरा स्कूल और कॉलेज चलता है। फेसबुक पर कई हाई प्रोफाइल लोगों के साथ अपनी फोटो दिखाता।

लोगों को विश्वास और बढ़ाने के लिए प्रमोद सबके सामने फोन लगाकर किसी को बुलाता। कुछ ही देर में उसका भाई या कोई जानने वाला कैश से भरी कार लेकर वहां पहुंच जाता। तब प्रमोद शर्मा गाड़ी खोलकर दिखाता- देखो मेरे पास कितना कैश भरा है। इन सब बातों से लोग प्रभावित हो जाते।

जयपुर-सीकर सहित कई शहरों में बनाए एजेंट

महाठग ने चौमूं में फरवरी 2021 में एक किराए के मकान से अपने ऑफिस की शुरुआत की थी। प्रमोद ने बड़ा इन्वेस्ट करने वाले लोगों को ही लालच देकर अपना एजेंट बना दिया। उन्हें ज्यादा ग्राहक बनाने पर इंसेंटिव और एलईडी टीवी, आईफोन जैसा लालच देता था।

धौलपुर, जयपुर, चौमूं, सीकर, अजमेर सहित कई मेजर सिटीज में ऐसे 250 से ज्यादा एजेंट तैयार कर लिए। मीटिंग के लिए ज्यादातर टाटियावास टोल के पास या फिर धौलपुर में बुलाता था। एजेंट अपने जरिए जुड़ने वाले ग्राहकों का निवेश इस तरह से रजिस्टर में अपडेट करते थे। ये सारा सौदा कैश में होने लगा था।

टारगेट पूरा करने वाले एजेंट को भेजता थाईलैंड-गोवा

inner gif final 1706971088 महाठगी : कांग्रेस दम्पति द्वारा 8000 लोगों से 100 करोड़ रुपए की ठगी, निवेशकों के रुपए डकार कर आरोपी फरार, पुलिस दर्ज नहीं कर रही मामलेकंपनी के लिए अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने वाले एजेंटों को थाईलैंड और गोवा भेजने का झांसा देता था। इसी कारण लोगों ने अपने जानकार और रिश्तेदारों को जोड़ना शुरू कर दिया। इससे बड़ी संख्या में लोग जुड़ते चले गए।

ज्यादातर लोगों से कैश में ही निवेश, रिटर्न में कोई रिकॉर्ड नहीं

प्रमोद शर्मा ने ज्यादातर लोगों का पैसा कैश में ही इन्वेस्ट करवाया ताकि उसके फ्रॉड का कोई रिकॉर्ड नहीं मिले और पुलिस भी कोई कार्रवाई नहीं कर सके। कोई ऑनलाइन डिपॉजिट करने को कहता तो वह 5% टीडीएस कटने का हवाला देकर डरा देता। हालांकि कुछ लोगों ने पैसा ऑनलाइन ट्रांसफर किया। खुद को बचाने के लिए कैश का सारा लेनदेन वो अपनी पत्नी और अन्य के खाते में करता था। प्रमोद शर्मा की पार्टनर और पत्नी आरती शर्मा।

निवेशकों को सलाह ‘पैसा नहीं निकालें’

प्रमोद शर्मा ने लोगों को ऐप पर दिखाया कि उनके निवेश किए गए रुपए बढ़ रहे हैं। लेकिन, लोगों को रुपए न निकालने की सलाह दी जाती थी। बताया जाता था कि क्रिप्टो की कीमत लगातार बढ़ती रहेगी। कई लोगों को ऐप के पासवर्ड और लॉगिन दे रखे थे ताकि वो अपने आप भी चेक कर सकें। पीड़ित आरएस गुर्जर ने बताया कि शुरुआती दिनों में तो कई लोगों ने प्रॉफिट के पैसे निकाल भी लिए थे लेकिन लालच में आकर फिर से निवेश कर दिए।

तीसरी बार ठगने का प्लान

6 फर्जी कॉलोनियां काटकर फिर से करवाया निवेश

प्रमोद के झांसे में आए लोग रुपए नहीं निकलने पर लोग प्रमोद के पास पहुंचे तो उसने लोगों को जवाब दिया कि दिल्ली रोड़ पर मेरी 1800 करोड़ की प्रॉपर्टी पड़ी है। उस पर मैंने टीथर वर्ल्ड सिटी नाम से 6 कॉलोनियां काट रखी हैं। कई लोगों ने ऑनलाइन पैसा ट्रांसफर कर इस स्कीम में निवेश किया, उनके स्क्रीनशॉट सबूत के तौर पर रखे हैं।

लोगों ने साइट विजिट की तो प्रमोद ने बड़े ही शातिराना ढंग से वहां साइन बोर्ड लगा दिए। फिर से झांसा दिया के जितना निवेश आप लोगों ने किया है, उतनी कीमत का प्लॉट मेरी कॉलोनी में खरीद लो, जो प्लॉट की कीमत होगी, उतने पैसे क्रिप्टो में निवेश करेगा और आपको 2 महीने में प्लॉट की कीमत के पैसे भी वापिस मिल जाएंगे।

एक बार फिर हजारों पीड़ित उसके झांसे में आ गए। एक पीड़ित ने बताया कि जहां प्रमोद शर्मा ने कॉलोनी काटी वहां असली कीमत 800 रुपए गज थी, लेकिन उसने 3500-4500 रुपए के भाव बताकर प्लॉट के फर्जी कागज सौंप दिए। पैसे भी ले लिए और रजिस्ट्री-पट्टा भी नहीं दिया। प्रमोद शर्मा ने लोगों को झांसे में लेने के लिए अपनी कॉलोनी का एक नकली नक्शा भी बनवा रखा था।1 176 1706970969 महाठगी : कांग्रेस दम्पति द्वारा 8000 लोगों से 100 करोड़ रुपए की ठगी, निवेशकों के रुपए डकार कर आरोपी फरार, पुलिस दर्ज नहीं कर रही मामले

निवेशकों के रुपए डकार कर आरोपी फरार, पुलिस दर्ज नहीं कर रही मामले

प्रमोद कुमार शर्मा निवेशकों के रुपए डुबा कर पत्नी और बच्चों के साथ सितंबर 2022 में फरार बताया जा रहा है। धोखाधड़ी में शामिल अन्य मास्टरमाइंड भी फरार हैं। उसके भाई मामराज का चंदवाजी में स्कूल चल रहा है, लेकिन पैसा नहीं लौटाया जा रहा।

चिमनपुरा निवासी राकेश जाट ने बताया कि प्रमोद कुमार शर्मा के खिलाफ एफआईआर करवाए डेढ़ साल हो गए, सारे दस्तावेज पुलिस को देने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।

जयपुर के एक पीड़ित भाजपा कार्यकर्ता ललित सिंह तंवर ने मुरलीपुरा थाने में धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज करवाने का प्रयास किया। पुलिसकर्मियों ने एफआईआर दर्ज करने से मना कर दिया। थानाधिकारी राजीव कुमार के अनुसार अधिकारियों के निर्देशानुसार धोखाधड़ी के मामले दर्ज नहीं किया जाते। ऐसे में केवल परिवाद ही दर्ज किया जा सकता है।

एसीपी ने पीड़ित को कहा- परिवाद या एफआईआर, एक ही बात

मामले में पीड़ित ललित सिंह तंवर ने झोटवाड़ा एसीपी सुरेंद्र सिंह राणावत से संपर्क कर बताया कि मामले में एफआईआर दर्ज करवाने के लिए संपर्क किया। जवाब मिला परिवाद हो या एफआईआर सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक एक ही होते हैं। चार दिन बीतने को हैं, लेकिन एफआईआर तक नहीं दर्ज हुई। सिविल नेचर का मामला बताकर पुलिस ने लगाई एफआर।

सालभर से परिवार सहित गायब है आरोपी

पीड़ित लोगों ने कांग्रेस की जिस नेता और उसके पति पर करोड़ों रुपए ठगने का आरोप लगाया है। वह आरोपी पूरे परिवार सहित पिछले एक साल से गायब है। पुलिस भी आपसी लेनदेन का मामला बताकर पीड़ितों को टरका रही है। कुछ पीड़ितों ने कोर्ट के इस्तगासे के जरिए मुकदमे दर्ज कराए हैं जबकि अधिकतर पीड़ितों की शिकायतें परिवाद के रूप में ठंडे बस्ते में पड़ी है। इस मामले में पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ का कहना है कि पीड़ितों की हर फरियाद को गंभीरता से सुना जाएगा। लालच देकर रुपए ऐंठना साबित होने पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

01 jpg 1706971493 महाठगी : कांग्रेस दम्पति द्वारा 8000 लोगों से 100 करोड़ रुपए की ठगी, निवेशकों के रुपए डकार कर आरोपी फरार, पुलिस दर्ज नहीं कर रही मामले

लेन देन का मामला बताकर मुकदमों में लगाई जा रही है फाइनल रिपोर्ट

पुलिस इन मामलों को दर्ज नहीं कर रही है। पीड़ितों को अधिकतर मामले इस्तगासे के जरिए कोर्ट से दर्ज करवाने में पड़ रहे हैं। यदि मामले दर्ज भी हो जा रहे हैं तो पुलिस उनमें बिना किसी जांच के फाइनल रिपोर्ट लगा रही है। धौलपुर के कोतवाली थाने में ठगी के इस केस को आपसी लेनदेन का केस बताकर फाइनल रिपोर्ट (एफआर) लगा दी गई।

कोई एफआईआर दर्ज नहीं करता है तो होगी कार्रवाई- पुलिस कमिश्नर

जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसेफ का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी के जरिए मुनाफा कमाने का झांसा देने के मामले बड़ी संख्या में दर्ज हो रहे हैं। टीथर वर्ल्ड से जुड़े कई मामले सामने आए हैं। यदि लोगों के पास ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के प्रमाण हैं तो पुलिस को उपलब्ध करवाएं।

इन मामलों में बैनिंग ऑफ अनरेगुलेटेड एक्ट के तहत कार्रवाई करने का प्रावधान है। पुलिस की ओर से सख्त कार्रवाई होगी। साथ ही उन्होंने अपील कर कहा कि लोगों को चाहिए ऐसी स्कीम में निवेश न करें और किसी अन्य व्यक्ति को भी ऐसी स्कीमों से न जोड़ें। ऐसी स्कीम में धोखाधड़ी होती है।

टीथर वर्ल्ड एप के जरिए लोगों को जोड़ा

क्रिप्टो करेंसी से जुड़े सभी एप्स पर टीथर नाम की एक करेंसी उपलब्ध है। यह करेंसी तेजी से ग्रोथ करती नजर आ रही है। जिन लोगों ने इस करेंसी पर रुपए निवेश किए, उनको बड़ा मुनाफा भी मिला। उसी से मिलता जुलता टीथर वर्ल्ड नाम से एक एप बनाया गया।

इस एप के जरिए निवेश करने पर 6 महीने में अरबपति बनने के सपने दिखाए गए। चूंकि अनीता और प्रमोद दोनों को लोग जानते थे क्योंकि वे लोगों के बीच ही उठते बैठते थे। ऐसे में लोगों ने उन पर भरोसा करके निवेश करना शुरू कर दिया।

रुपए विड्रोल नहीं होने पर हुआ ठगी का अहसास

न्यू टीथर में लोगों से करोड़ों रुपए के निवेश करवाए गए। दो सौ दिन बाद लोगों ने जब रुपए निकालने की कोशिश तो पैसे खाते में ट्रांसफर नहीं हुए। प्रमोद से संपर्क किया तो उसने फोन उठाना बंद कर दिया।

उसके बाद ग्रुप्स में बताया कि वेबसाइट पर दबाव बढ़ रहा है। इसलिए रुपए नहीं निकल पा रहे हैं। ज्यादातर लोगों की लॉगिन आईडी गायब हो गई। निवेशकों को ठगने के लिए नकली प्लॉट स्कीम का बैनर।

क्रिप्टो करेंसी में इन्वेस्ट करने पर मोटे मुनाफे का लालच दिया गया था। एप पर मुनाफा साफ नजर आता था। शुरुआत में लोगों को मुनाफा दिया भी गया लेकिन जब लोगों ने ज्यादा रुपए कमाने के लालच में लाखों रुपए का निवेश करना शुरू किया तो एप पर मुनाफा दिखाया जाता लेकिन विड्रॉल होना बंद हो गया।

इसे टेक्निकल प्रॉब्लम बताकर कहा जाता था कि सारा पेमेंट सुरक्षित है। कुछ दिनों में विड्रोल शुरू हो जाएगा। ऐसा नहीं हुआ तो लोग थाने पहुंच कर मुकदमे दर्ज कराने लगे।

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