मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 03 अप्रैल 2024 | जयपुर – दिल्ली – जयपुरिया हॉस्पिटल : जयपुर के दूसरे सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल रुक्मणी देवी बेनी प्रसाद जयपुरिया हॉस्पिटल (Jaipuria Hospital) में व्यवस्थाएं वेंटिलेटर पर हैं। यहां तमाम संसाधन होने के बावजूद मरीजों को परेशानी हो रही है। तीन दिन से हॉस्पिटल में थायराइड की जांच बंद है, तो वहीं व्हील चेयर-ट्रॉली नहीं होने से मरीजों को फर्श पर रेंग कर डॉक्टर के चेंबर, जांच काउंटर और डीडीसी सेंटर तक आना-जाना पड़ रहा है।
सरकार बदलते ही बदहाल जयपुरिया हॉस्पिटल
मरीज फर्श पर रेंग कर डॉक्टर के चेंबर में जाने को मजबूर
इस दौरान मरीज हॉस्पिटल सुपरिटेंडेंट के रूम के सामने से रेंगते हुए गया, लेकिन वहां मौजूद सुरक्षा गार्ड ने भी उसकी कोई मदद नहीं की। इस मरीज को न ही व्हील चेयर उपलब्ध करवाई गई और न ही किसी वार्ड बॉय को उसकी मदद के लिए बुलाया गया।
ये स्थिति तब है जब सरकार का पूरा फोकस मरीजों को हॉस्पिटल में बेसिक सुविधाएं जैसे पीने का साफ पानी, उपयोग के लिए साफ-सुथरे टॉयलेट, बुजुर्ग और गंभीर मरीजों को हॉस्पिटल में इधर-उधर ले जाने के लिए ट्रॉली, व्हील-चेयर उपलब्ध करवाने का है। जयपुरिया अस्पताल में थायराइड जांच की मशीन 3 दिन से खराब है, जिसके कारण TSH की जांच बंद पड़ी है।
3 दिन से बंद है थायराइड की जांच
जयपुरिया अस्पताल में मरीजों को मूलभूत सुविधाएं मिलना तो दूर मरीजों को इलाज भी ठीक से नहीं मिल रहा है। यहां आने वाले थायराइड के मरीजों को जांच के लिए निजी सेंटरों पर जाना पड़ रहा है, क्योंकि अस्पताल में थायराइड जांच की मशीन 3 दिन से खराब है।
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इसके कारण TSH की जांच बंद पड़ी है। जबकि T3, T4 की जांचें तो यहां बहुत ही कम की जाती है। थायराइड प्रोफाइल के लिए मरीजों को एसएमएस हॉस्पिटल या निजी सेंटर पर जाना पड़ता है। हॉस्पिटल सूत्रों की माने तो थायराइड की जांच के लिए हर रोज करीब 40 से 50 सैंपल लगते हैं, जो पिछले तीन दिन से बंद पड़े हैं।