मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 10 अप्रैल 2024 | दिल्ली – जयपुर – लद्दाख – मणिपुर : अर्थशास्त्री परकला प्रभाकर (Parakala Prabhakar) ने दावा किया है कि अगर बीजेपी को इस साल हो रहे लोकसभा चुनाव में जीत मिलती है तो देश में दोबारा चुनाव नहीं होंगे।
वित्तमंत्री सीतारमण के पति प्रोफ़ेसर प्रभाकर के धमाकों से सहमे प्रधानमंत्री
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पति परकला का ये बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। खुद देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने परकला प्रभाकर के बयान का वीडियो शेयर किया है। उन्होंने यहां तक दावा किया कि मणिपुर जैसी स्थिति पूरे देश में हो सकती है।
कांग्रेस ने परकला 1.49 मिनट के वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर करते हुए कहा कि “2024 में अगर फिर से मोदी प्रधानमंत्री बने तो देश में फिर कभी भी चुनाव नहीं होंगे। देश का संविधान बदल जायेगा। मोदी खुद लाल किले से हेट स्पीच देंगे और लद्दाख-मणिपुर जैसी स्थिति पूरे देश में बन जायेगी- परकला प्रभाकर।” पार्टी ने आगे कहा कि “परकला जी जाने-माने अर्थशास्त्री हैं और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पति हैं।”
2029 में नहीं होगा चुनाव: परकला प्रभाकर
दरअसल, अर्थशास्त्री परकला प्रभाकर ने वरिष्ठ मीडिया आइकॉन दीपक शर्मा यूट्यूब चैनल को इंटरव्यू दिया, जहां उनसे सवाल हुआ कि अगर देश में तीसरी बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनती है तो क्या होने वाला है?
इसके जवाब में उन्होंने कहा कि “अगर ऐसा होता है तो ऐसी संभावना है कि फिर आप एक और चुनाव की उम्मीद नहीं कर सकते हैं। 2024 के चुनाव (Lok Sabha Elections 2024: ) के बाद अगर ये सरकार वापस आती है तो उसके बाद चुनाव होगा ही नहीं।”
‘बदल जाएगा देश का संविधान’
परकला प्रभाकर ने आगे कहा कि “अभी आपके पास जो देश का संविधान और नक्शा है, ये पूरी तरह से बदल जायेगा। आप इसे पहचान भी नहीं पायेंगे। अभी आपको पाकिस्तान भेजने, इसे मारने या भगाने की बातें जो धर्म संसद जैसी जगहों से सुनाई दे रही हैं, वो बातें आप लाल किले से सुनेंगे।” अर्थशास्त्री ने कहा, “इस तरह की बातों को लेकर एकदम खुला खेल होगा। यही सबसे बड़ा खतरा है।”
पूरे देश में हो जायेंगे मणिपुर जैसे हालात: अर्थशास्त्री परकला
निर्मला सीतारमण के पति परकला ने पूरे देश में मणिपुर जैसे हालात पैदा होने की भी चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि “अभी आपको लग रहा है कि हिंसा मणिपुर में हो रही है, इसलिए हमारे यहां होने की कोई संभावना नहीं है। ऐसा आपको सोचने की जरूरत नहीं है, क्योंकि जो आज मणिपुर में हो रहा है, वो कल को आपके या हमारे राज्य में भी हो सकता है। अभी लद्दाख, मणिपुर में जैसे हालात हैं या फिर किसानों के साथ जैसा व्यवहार हुआ है, वैसा पूरे देश में हो ही जायेगा।”
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पति और अर्थशास्त्री परकला प्रभाकर ने चुनावी बॉन्ड मामले पर बड़ी टिप्पणी की है। उन्होंने दावा किया कि यह सिर्फ देश का सबसे बड़ा घोटाला नहीं बल्कि दुनिया का सबसे स्कैम है।
न्यूज चैनल ‘रिपोर्टर टीवी’ से बातचीत के दौरान वह बोले- मुझे लगता है कि चुनावी बॉन्ड का मुद्दा बहुत अहम मुद्दा बनेगा। बीजेपी की लड़ाई विपक्षी दलों या फिर और पार्टियों से नहीं होगी बल्कि इस मुद्दे के चलते असल लड़ाई बीजेपी और भारत के लोगों के बीच नजर आयेगी।
‘मोदी सरकार को कड़ी सजा देंगे वोटर्स’
पत्रकार से वित्त मंत्री के पति ने आगे कहा कि “मुझे लगता है कि इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ा मामला आज की तुलना में कहीं अधिक जोर पकड़ेगा। यह तेजी से आम लोगों तक पहुंच रहा है। अब हर कोई धीरे-धीरे समझ रहा है कि यह भारत का ही नहीं बल्कि दुनिया का सबसे बड़ा घोटाला है। ऐसे में मुझे लगता है कि इस मुद्दे के कारण इस सरकार को मतदाताओं की ओर से कड़ी सजा दी जायेगी।”
‘नरेंद्र मोदी की धमकियों से नहीं डरता देशहित सर्वोपरि’ परकला प्रभाकर
अर्थशास्त्री परकला प्रभाकर ने वरिष्ठ मीडिया आइकॉन दीपक शर्मा यूट्यूब चैनल को दिये इंटरव्यू के बाद प्रोफ़ेसर प्रभाकर को धमकियाँ मिलने लगी, जिसका खुलासा उन्होंने इसी यूट्यूब चैनल को दिये दूसरे इंटरव्यू में कहा कि ‘नरेंद्र मोदी की धमकियों से नहीं डरता देशहित सर्वोपरि।’
FM निर्मला सीतारमण के पति के बारे में जानिए
वित्त मंत्री के पति परकला प्रभाकर जाने-माने अर्थशास्त्री हैं। वह साल 2014 से 2018 तक आंध्र प्रदेश सरकार को सेवाएं दे चुके हैं, जबकि कम्युनिकेशंस एडवाइजर भी रहे हैं। आंध्र प्रदेश के पश्चिमी गोदावरी जिला के नरसापुरम में दो जनवरी, 1959 को जन्मे परकला प्रभाकर लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स एंड पॉलिटिकल साइंस से साल 1991 में पढ़े हैं। उन्होंने इसके अलावा कुछ किताबें भी लिखी हैं।
चुनावी बॉन्ड के जरिए किसे मिला सर्वाधिक चंदा?
चुनावी बॉन्ड के जरिए देश के उद्योगों और कुछ लोगों से व्यक्तिगत स्तर पर 2019 से अब तक राजनीतिक पार्टियों को 1,27,69,08,93,000 रुपए दान में मिले थे। यह खुलासा तब हुआ था, तब चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) से मिले आंकड़े वेबसाइट पर सार्वजनिक किये थे।
डेटा के मुताबिक, सियासी दलों ने पांच साल में कुल 20,421 चुनावी बॉन्ड भुनाए, जिनमें 12,207 एक-एक करोड़ रुपए के; 5,366 बॉन्ड 10-10 लाख रुपए के; 2,526 एक-एक लाख रुपए के; 219 बॉन्ड 10-10 हजार रुपए के और 103 एक-एक हजार रुपए के थे।
सबसे ज्यादा 60,60,51,11,000 रुपए भाजपा की झोली में गये जो कुल राशि का लगभग आधा है। पार्टी ने एक करोड़ रुपए के 5,854 बॉन्ड और 10 लाख रुपए के 1,994 बॉन्ड भुनाए थे। उसने एक लाख और 10 हजार रुपए के अलावा 31 बॉन्ड एक-एक हजार रुपए के भी कैश कराये।
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दूसरे नंबर पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने 16,09,50,14,000 रुपए के 3,275 चुनावी बॉन्ड भुनाये जिनमें 1.467 एक-एक करोड़ रुपए के और 1,384 बॉन्ड 10-10 लाख रुपए के थे, जबकि कांग्रेस ने 14,21,86,50,000 करोड़ रुपए के 3.141 चुनावी बॉन्ड भुनाये। इनमें 1.318 एक-एक करोड़ रुपए के और 958 बॉन्ड 10-10 लाख रुपए के थे।