लेफ्ट हैंडर्स होते हैं ज्यादा स्मार्ट, बाएं हाथ से लिखने वाले क्यों होते हैं तेज, लेफ्टी – राइटी थिअरी पर जानिए डॉक्टर्स क्या कहते हैं

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मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 22 अप्रैल 2024 | जयपुर – दिल्ली – मुंबई : आमतौर पर हम अपने शरीर के एक हिस्से को दूसरे की तुलना में ज्यादा वरीयता देते हैं। यानी स्वाभाविक तौर पर जब हम कोई काम करने जाते हैं तो अपने आप शरीर के वो हिस्से पहले हरकत में आते हैं। इसी से तय होता है कि आप लेफ्टी (Left Hander) हैं या राइटी (Right Hander)। लेकिन एक बड़ा सवाल ये भी है कि क्या लेफ्टी लोग ज्यादा स्मार्ट होते हैं।

लेफ्ट हैंडर्स होते हैं ज्यादा स्मार्ट

MOOKNAYAKMEDIA Copy 36 Copy Copy 300x195 लेफ्ट हैंडर्स होते हैं ज्यादा स्मार्ट, बाएं हाथ से लिखने वाले क्यों होते हैं तेज, लेफ्टी   राइटी थिअरी पर जानिए डॉक्टर्स क्या कहते हैं व्यक्ति दाएं हाथ की बजाए बाएं हाथ से काम करता है तो उसे लेफ्टी कहते हैं। बाएं हाथ से काम करने वाले कई नामचीन लोग हैं। आखिर क्यों वो दूसरों से ज्यादा स्मार्ट और अलग होते हैं। लेफ्ट हैंडेड लोगों को क्रिएटिव और इंटेलिजेंट तो माना ही जाता है पर इन्हें कुछ ऐसे भी फायदे मिलते हैं जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। लेफ्ट हैंडेड लोगों से जुड़े रोचक तथ्यों के बारे में बता रही हैं मनोवैज्ञानिक योगिता कादियान।

क्या कहती है रिसर्च

एनसीबीआई की रिसर्च के मुताबिक यह एक आम एक्टिविटी है जो या तो जेनेटिक या फिर सीखने की कला और आपके ब्रेन की शेप पर निर्भर करती है। हालांकि राइट हैंड प्रयोग करने के मुकाबले लेफ्ट हैंड प्रयोग करने वाले लोगों की संख्या बहुत कम है। वैसे, इस दुनिया में करीब 87 फीसदी लोग राइट हैंडर होते हैं, 10 फीसदी लोग लेफ्ट हैंडर और बाकी 3 फीसदी के दोनों हाथ अलग अलग काम के लिए सक्रिय होते हैं।

इस मसले पर मुख्य रूप से तीन थिअरी पर विशेषज्ञों ने चर्चा की। पहली थिअरी मस्तिष्क की संरचना पर निर्भर है, जबकि दूसरी और तीसरी थिअरी जेनेटिक, सामाजिकऔर लर्निंग प्रॉसेस है। मेडिकल विशेषज्ञ इसे कोई बीमारी या मेडिकल स्पेशिएलिटी से नहीं जोड़ते। उनके अनुसार यह सामान्य प्रक्रिया है। जिस तरह से कोई राइट हैंड से काम करता है, उसी तरह से कोई लेफ्ट हैंड से। हां, यह अलग बात है कि लेफ्ट हैंड को ज्यादा सक्रिय रखने वाले संख्या में बहुत कम हैं। मेडिकल टर्म में उन्हें क्रॉस वायर्ड बोला जाता है।

जेनेटिक थिअरी : गर्भ में ही तय हो जाता है बच्चा लेफ्टी होगा

एसएमएस अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ गोपाल मीणा का कहना है कि इसके पीछे जेनेटिक कारण प्रमुख तौर पर समझ में आता है। कुछ स्टडीज में यह बात साबित हुई है कि किसी का राइट हैंडर होना या लेफ्ट हैंडर होना मां के गर्भ में ही निर्धारित हो जाता है। उसे अपने पैरंट्स से एक खास तरह का जीन विरासत में मिला होता है। इसे लेफ्ट हैंडर जीन कह सकते हैं। हालांकि इस जीन के पीछे क्या कारण हैं, इस पर अभी रिसर्च किया जा रहा है।

दुनिया की 10-15 पर्सेंट आबादी ले​फ्टी होती है और यह गर्भ में ही तय हो जाता है। हालांकि इसका कोई पुख्ता सबूत नहीं है। इसपर शोध भी चल रहे हैं। दरअसल इंग्लैंड के शोधकर्ताओं ने 2,228 बच्चों पर सर्वे कर यह पाया कि जिन महिलाओं ने 40 साल के बाद बच्चों को जन्म दिया उनके बच्चों के लेफ्ट हैंडेड होने के चांस ज्यादा थे। हालांकि, कई केस में मां की उम्र का बच्चे के लेफ्टी होने से कोई ताल्लुक नहीं रहता।

लर्निंग और सामाजिक माहौल

दूसरा प्रमुख कारण है लर्निंग और सामाजिक माहौल। इसमें कुछ बच्चे सीखने की प्रक्रिया में ही किसी एक हाथ का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं। बहुत से बच्चे दाएं हाथ से काम करने लगते हैं। धीरे-धीरे उनका यही हाथ ज्यादा सक्रिय हो जाता है। इसमें एक और उदाहरण भी है कि बच्चा अपने किसी पसंदीदा शख्स को देखकर बाएं हाथ का इस्तेमाल करना शुरू कर सकता है। मसलन ब्रायन लारा या युवराज सिंह लेफ्ट हैंडर बल्लेबाज हैं। अगर उन्हें कोई बच्चा उन्हें पसंद करता है तो उन्हीं की तरह बैटिंग करना चाहेगा। बाएं हाथ से काम करना चाहेगा। ऐसा करते करते वह आदी हो जाता है।

यही बात सोशल इशू वाली थिअरी पर लागू होती है। कभी कभी इसका एक और पहलू सामने आता है। मसलन बच्चा बाएं हाथ का इस्तेमाल करता है और घर वाले उसे दाएं हाथ से काम करने को कहते हैं। ऐसी परिस्थिति में सोशल प्रेशर में वह दोनों हाथ का इस्तेमाल करता है। ऐसे लोग अलग अलग काम अलग अलग हाथ से करने लगते हैं। सचिन तेंडुलकर दाएं हाथ से बल्लेबाजी करते हैं और लिखने का काम बाएं हाथ से। हालांकि सोशल प्रेशर वाली बात में वह अपवाद भी हो सकते हैं।

ब्रेन वाली थिअरी

जनरल फिजिशन डॉ डी के मीणा इसके पीछे ऊपर दिए कारणों के अलावा ब्रेन थिअरी को भी प्रमुख कारण मानते हैं। देश विदेश में हुई स्टडी का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि मस्तिष्क दो गोलार्द्ध में बंटा होता है, बायां और दायां। मेडिकल जगत में यह साफ है कि बायां गोलार्द्ध शरीर के सीधे तरफ यानी दाईं ओर के हिस्से को संचालित करता है और दायां गोलार्द्ध बाएं ओर के हिस्से को। इसका मतलब यह हुआ कि जिन लोगों में मस्तिष्क का बायां हिस्सा ज्यादा सक्रिय होता है, उनके शरीर के दाहिने हिस्से यानी दायां हाथ, दायां पैर और यहां तक कि दाहिनी आंख ज्यादा सक्रियता से काम करते हैं।

इसी के उलट जिनके मस्तिष्क का दायां हिस्सा ज्यादा सक्रिय होता है, उनके शरीर में बायां हाथ, बायां पैर ज्यादा सक्रिय होते हैं। कुछ लोगों का उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि वे दाएं और बाएं हाथ दोनों से अलग-अलग काम करते हैं। जैसे सचिन तेंडुलकर, जो बल्लेबाजी राइट हैंड से करते हैं, लेकिन लिखने का काम लेफ्ट हैंड से।

ऐसे लोगों के मस्तिष्क में दोनों हिस्से सक्रिय होते हैं। कहने का मतलब यही कि हमारी सामाजिकता नहीं, हमारे दिमाग की व्यक्तिगत कार्यप्रणाली तय करती है कि कोई व्यक्ति राइट हैंडर होगा या लेफ्ट हैंडर या क्रॉस वायर्ड। ऐसे में अपने बनाए कायदे थोपने और बच्चों को तरीका बदलने पर मजबूर करने पर बच्चे का दिमाग उलझन में फंस सकता है।

जुड़वा बच्चों में लेफ्ट हैंडेड होने के चांस ज्यादा

बच्चे जुड़वा हैं तो उनमें टैलेंट कूट-कूटकर भरा होगा क्योंकि सन् 1996 की बेल्जियम की एक स्टडी के मुताबिक 1700 जुड़वा बच्चों में से 21 परसेंट बच्चे ले​फ्ट हैंडेड थे। बाएं हाथ से लिखने वालों के ज्ञान की चर्चा देश-दुनिया में फैली हुई है। इसका मतलब यह नहीं कि बच्चा बाएं हाथ से लिखता है तो यह अंधविश्वास करके बैठ जाएं कि वो तो अब स्टार ही बनेगा। जरूरी नहीं कि ऐसा हो भी।

लेफ्टी पड़ते हैं सब पर भारी

स्टैनफोर्ड में हुई एक और स्टडी में पाया गया कि जो लोग लेफ्टी होते हैं, वो हर वक्त किसी चीज को लेकर नए आइडिया दे सकते हैं। इसके अलावा वो दुनिया के तमाम लोगों के मुकाबले एक समझदार सोच रखते हैं। इतना ही नहीं लेफ्टी लोग टेनिस, बास्केटबॉल, टेनिस खेलों में दूसरों पर ज्यादा भारी पड़ते हैं। कई बार ये किसी एक बाएं हाथ के ज्यादा असर से होता है तो कई बार दोनों हाथ से खेल लेने की क्षमता की वजह से।

वे रचनात्मक अंतर्ज्ञान का पालन करते हैं

चूँकि बाएँ हाथ के पेशेवर दाएँ मस्तिष्क पर हावी होते हैं, इसका मतलब है कि वे सूचना या प्रसंस्करण के रचनात्मक प्रवाह का अनुसरण करने की अधिक संभावना रखते हैं। जबकि जो लोग मुख्य रूप से अपने दाहिने हाथ से काम करना चुनते हैं, वे भी रचनात्मक हो सकते हैं, रेज़निक के अनुसार, जब कोई हमला होता है तो उन्हें उस आंत प्रतिक्रिया, चिंगारी और प्रेरणा का पालन करने में अधिक संघर्ष करना पड़ सकता है।

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संभवतः यही कारण है कि कई लेखक, संगीतकार, कलाकार और अन्य रचनाकार वामपंथी होते हैं: वे जीवन और अपने काम को अलग ढंग से देखने से डरते नहीं हैं, क्योंकि वे उनके विचारों पर उतना सवाल नहीं उठाते हैं। अमेरिका के 6 प्रेसिडेंट के साथ ही बेबे रुथ, बिल गेट्स, रिंगो स्टार, एंजेलिना जोली, अमिताभ बच्चन, अभिषेक बच्चन, सोनाक्षी सिन्हा और कपिल शर्मा जैसे सेलिब्रिटी भी लेफ्ट हैंडेड हैं। इसके अलावा अपोलो अंतरिक्ष मिशन पर 29 अंतरिक्ष यात्रियों में से सात लेफ्ट हैंडेड ही थे।

पर्सनैलिटी में नहीं होता फर्क

सन् 2013 में न्यूजीलैंड के शोधकर्ताओं ने बताया कि लेफ्ट हैंडेड या राइट हैंडेड लोगों की पर्सनालिटी में कोई फर्क नहीं होता। गणित और संगीत में बेहतर बाएं हाथ से काम करने वाले लोग, जिनके दिमाग का दाहिना भाग अधिक सक्रिय होता है, जिस वजह से वे अधिक रचनात्मक और तार्किक होते हैं। शोधकर्ताओं ने अपने शोध के आधार पर पाया कि संगीत और गणित जैसे विषयों में उनका मन अधिक लगता है और वे इन क्षेत्रों में अपेक्षाकृत अधिक अच्छा प्रदर्शन देते हैं।

गलती बाएं हाथ की नहीं

कई लोगों को लगता है कि बाएं हाथ वाले लोग हर काम गड़बड़ करते हैं। यह सच नहीं है और यह बात दाएं हाथ वालों को तब समझ आती है जब उन्हें अपने दाएं हाथ के बजाए बाएं हाथ से काम करना पड़े। बाएं हाथ वालों के साथ काम में गड़बड़ी या देरी होने का कारण हाथ के हिसाब से चीजों का बना न होना है। आप भी लेफ्ट हैंडेड हैं तो अपनी प्रतिभा को खोजने की कोशिश करें। यहां प्रतिभा का मतलब किसी लड़की से नहीं टैलेंट से है। तो उस टैलेंट को खोजें और फेमस होने की तैयारी करें।

क्यों मनाया जाता है लेफ्ट हेंडर्स डे

आज से कई साल पहले डीन आर कैम्पबेल जो कि लेफ्ट हैंडर थे,ने पहली बार 13 अगस्त को वर्ल्ड लेफ्ट हेंडर्स डे सेलिब्रेट किया। तब से हर साल इस दिन को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य था बाएं हाथ से काम करने वाले लोगों को इसकी विशेषता और फायदे या नुकसान के बारे में जागरूकता फैलाना।

लेफ्ट हैंडर्स होते हैं ज्यादा स्मार्ट

2007 में किए गए एक शोध, जर्नल ऑफ इंडियन एकेडमी ऑफ अप्लाइड साइकोलॉजी के अंतर्गत पाया गया कि जो लोग बाएं हाथ से काम करते थे, उन्होंने अपना काम जल्दी पूरा किया। जबकि दाएं हाथ से काम करने वाले लोगों को थोड़ा अधिक समय लगा।

बाया हाथ दिला सकता है स्कॉलरशिप

बाएं हाथ से जुड़े कई रोचक तथ्य सुने ही होंगे, लेकिन क्या कभी यह सोचा है कि यह स्कॉलरशिप भी दिला सकता है। सुनने में अजीब लेकिन यह सच है। पेंसिल्वेनिया के जुनियाता कॉलेज में लेफ्ट हैंडेड स्टूडेंट को उनके बाएं हाथ से काम करने पर स्कॉलरशिप दी जाती है। यह याद रखें कि इसके लिए एकेडमिक रिकॉर्ड भी अच्छा होना चाहिए।

अमेरिका के छह प्रेसिडेंट लेफ्ट हैंडेड रहे

लेफ्टी बहुत मशहूर होते हैं और इस बात की पुष्टि करने के लिए वह अमेरिका के छह प्रेसिडेंट की मिसाल काफी है। स्टैंफोर्ड में हुई एक स्टडी के मुताबिक बाएं हाथ से लिखने वाले लोगों के पास नए और क्रिएटिव सुझाव होते हैं। वहीं सुझाव या आइडिया से थोड़ा आगे बढ़कर सोचें तो बाएं हाथ से वेव करना बुरा और दाएं हाथ से वेव करना अच्छा माना जाता है।

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