मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 02 जनवरी 2024 | जयपुर – दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार 1 फरवरी को अपने अंतरिम बजट भाषण में कहा- ‘सरकार देश को 4 जाति में बांटकर देखती है, महिला, किसान, युवा और गरीब।’ तो क्या बजट में इन्हें लेकर बड़ी घोषणाएं हुईं? जवाब है नहीं।
इस बार बजट में आम जनता के लिए न ही कुछ सस्ता-महंगा हुआ, न टैक्स के स्लैब में कोई बदलाव हुआ और न ही इस बार कोई बड़ी योजना की घोषणा हुई। हां ये जरूर है कि कुछ योजनाओं का दायरा बढ़ाया गया है। ये बजट लोकसभा चुनाव से पहले पेश किया गया, लेकिन 2019 के अंतरिम बजट की तरह इस बजट में कोई भी लोकलुभावन घोषणाएं नहीं हुईं। सरकार का सीधा फोकस इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर दिखा। वित्त मंत्री जुलाई बजट में विकसित भारत का डिटेल्ड रोडमैप पेश करेंगी।
बजट विश्लेषण : न इनकम टैक्स में राहत न फसलों की MSP बढ़ी
इनकम टैक्स: स्लैब में कोई बदलाव नहीं
इनकम टैक्स में कोई राहत नहीं मिली। पुरानी टैक्स रिजीम पर 2.5 लाख रुपए तक की कमाई ही टैक्स फ्री रहेगी। हालांकि सेक्शन 87A के तहत 5 लाख तक की इनकम पर टैक्स बच सकता है।
नई टैक्स रिजीम पर भी पहले की तरह 3 लाख रुपए तक की कमाई टैक्स फ्री है। इसमें 87A के तहत सैलरीड पर्सन ₹7.5 लाख रुपए तक और बाकी ₹7 लाख तक की कमाई पर छूट ले सकते हैं।
महिला: 3 करोड़ लखपति दीदी बनाने का टारगेट
महिलाओं के लिए उम्मीद से कम घोषणाएं हैं। 3 करोड़ महिलाओं को लखपति बनाने का लक्ष्य रखा गया है। सर्वाइकल कैंसर रोकने के लिए 9-14 साल की बच्चियों को फ्री टीका लगाया जाएगा।
सभी आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं और हेल्पर्स को आयुष्मान भारत योजना के दायरे में लाया जाएगा।
किसान: फसलों की MSP का दायरा नहीं बढ़ा
फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP) का दायरा नहीं बढ़ाया है। वहीं, साल में 6,000 रुपए की किसान सम्मान निधि में भी इजाफा नहीं किया गया है।
सरकार ने एग्रीकल्चर सेक्टर को ₹1.27 लाख करोड़ दिए हैं, जो पिछली बार के मुकाबले केवल 2% ही ज्यादा है। पिछली बार एग्रीकल्चर बजट में ₹1.25 लाख करोड़ मिले थे।
शिक्षा-रोजगार: 1 लाख करोड़ का कॉर्पस फंड
शिक्षा और रोजगार पर कोई बड़ी घोषणा नहीं की गई। हालांकि ₹1 लाख करोड़ के कॉर्पस फंड का ऐलान किया है। इससे 50 साल तक की अवधि के लिए इंट्रेस्ट फ्री लोन दिया जाएगा।
डिफेंस: पिछले साल के मुकाबले 3.4% की बढ़ोतरी
डिफेंस खर्च के लिए 6.2 लाख करोड़ रुपए दिए गए हैं। यह पिछले साल से केवल ₹0.27 लाख करोड़ यानी 3.4% ज्यादा है।
हालांकि अंतरिम बजट में सबसे बड़ा हिस्सा डिफेंस का ही है। इसे कुल बजट का 8% मिला है। सरकार डीप-टेक टेक्नोलॉजी को मजबूत करेगी, ताकि देश हथियारों के लिए आत्मनिर्भर बने।
इन्फ्रास्ट्रक्चर: मेट्रो और नमो भारत प्रोजेक्ट बढ़ेंगे
मेट्रो और नमो भारत जैसे प्रोजेक्ट्स बढ़ाए जाएंगे। देश में रेलवे फ्रेट कॉरिडोर के अलावा 3 और रेलवे कॉरिडोर बनाए जाएंगे। साथ ही 40 हजार रेल कोचेस को वंदे भारत स्टैंडर्ड का बनाया जाएगा।
कोयले से गैस बनाने की कैपेसिटी 2030 तक 100 मीट्रिक टन की जाएगी, ताकि नेचुरल गैस, मेथेनॉल और अमोनिया के इम्पोर्ट का खर्च घटे।
1. टैक्स स्लैब में बदलाव नहीं, लेकिन पेंडिंग डायरेक्ट टैक्स के मामलों में टैक्स माफ
सरकार ने इस बार इनकम टैक्स में कोई राहत नहीं दी है। पुरानी टैक्स रिजीम चुनने पर अभी भी आपकी 2.5 लाख रुपए तक की इनकम ही टैक्स फ्री रहेगी। हालांकि, इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87A के तहत आप 5 लाख तक की इनकम पर टैक्स बचा सकते हैं।
नई टैक्स रिजीम चुनने पर पहले की तरह ही 3 लाख रुपए तक की इनकम पर टैक्स नहीं देना होगा। इसमें इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87A के तहत सैलरीड पर्सन 7.5 लाख रुपए तक की इनकम पर और अन्य 7 लाख तक की इनकम पर टैक्स छूट पा सकते हैं।
वहीं, 1962 से वित्त वर्ष 2009-10 तक के पेंडिंग डायरेक्ट टैक्स के मामलों में टैक्स माफ कर दिया जाएगा। हालांकि, ये तभी होगा जब आप पर 25,000 रुपए तक का टैक्स बन रहा हो। इसी तरह 2010-11 से 2014-15 के बीच पेंडिंग मामलों में इनकम टैक्स से जुड़े 10 हजार रुपए तक के मामलों को वापस लेने का फैसला किया है। इससे एक करोड़ लोगों को फायदा होगा।
असर: उन लोगों को निराशा हुई है जो टैक्स स्लैब में बदलाव की उम्मीद कर रहे थे। हालांकि, सरकार ने स्टार्टअप के लिए टैक्स छूट को मार्च 2025 तक बढ़ा दिया गया है, जिसका उन्हें फायदा मिलेगा। टैक्स मामलों को वापस लेने से 1 करोड़ लोगों को फायदा होगा।
2. कुछ भी सस्ता महंगा नहीं, डायरेक्ट टैक्स की तरह इनडायरेक्ट टैक्स में भी बदलाव नहीं
अंतरिम बजट में कुछ भी सस्ता या महंगा नहीं हुआ है। ऐसा इसलिए क्योंकि 2017 में लागू किए गए GST के बाद से बजट में केवल कस्टम ड्यूटी, एक्साइज ड्यूटी जैसे इनडायरेक्ट टैक्स को बढ़ाया या घटाया जाता है।
असर: इस बार सरकार ने कस्टम ड्यूटी या एक्साइज ड्यूटी में कोई भी बदलाव नहीं किया है। इसलिए आम जनता पर कोई असर नहीं होगा। वैसे भी इनडायरेक्ट टैक्स के बढ़ने-घटने का असर गिनी-चुनी चीजों पर ही पड़ता है।
3. कोई बड़ी योजना की घोषणा नहीं, लेकिन महिलाओं के लिए कुछ स्कीम्स का दायरा बढ़ाया
PM आवास योजना (ग्रामीण) के तहत 3 करोड़ घर बनाने का काम पूरा किया है। वहीं, अगले 5 साल में और 2 करोड़ घर बनाए जाएंगे। इसके साथ ही वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार योग्य मध्यम वर्ग के लिए अपना घर खरीदने या बनाने के लिए एक आवास योजना शुरू करेगी।
आयुषमान भारत योजना के तहत अब सभी आंगनवाड़ी और आशा कार्यकर्ता को इसके दायरे में लाया जाएगा। इसकी शुरुआत 2018 में हुई थी। यह योजना देश के कम आय वर्ग वाले नागरिकों को स्वास्थ्य सुरक्षा देती है। योजना में 5 लाख रुपए तक का इलाज फ्री में मिलता है।
बजट में लखपति दीदी योजना के तहत 3 करोड़ महिलाओं को लखपति बनाने का टारगेट रखा है। पहले ये टारगेट 2 करोड़ था। इस योजना के तहत अभी तक एक करोड़ महिलाओं को लखपति बनाया जा चुका है। योजना के तहत महिलाओं को आंत्रप्रेन्योरशिप इंडस्ट्री, एजुकेशन या दूसरी जरूरतों के लिए स्मॉल लोन दिए जाते हैं।
असर: अजमेरा रियल्टी एंड इंफ्रा इंडिया लिमिटेड के डायरेक्टर धवल अजमेरा ने कहा कि मध्यम वर्ग के लिए आवास योजना की घोषणा से जनता को किराए के बजाय खरीदारी की ओर बढ़ने में मदद मिलेगी, जिससे देश भर में जीवन स्तर में सुधार होगा।
वहीं देश में करीब 40 लाख आंगनवाड़ी और आशा कार्यकर्ता हैं। आयुष्मान भारत योजना का दायरा बढ़ने का फायदा इन्हें मिलेगा। लखपति दीदी योजना का दायरा बढ़ने से ज्यादा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी।
4. सरकार का इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस, बजट 11.1% बढ़ाकर 11.11 लाख करोड़ रुपए किया
इस साल केंद्र सरकार ने इन्फ्रास्ट्रक्चर बजट 11.1% से बढ़ा कर 11.11 लाख करोड़ रुपए कर दिया है। जो GDP का 3.4% है। पिछले साल ये बजट 10 लाख करोड़ रुपए था। ये पैसा सरकार एयरपोर्ट, फ्लाईओवर, एक्सप्रेसवे और अस्पताल बनाने जैसे मेगा प्रोजेक्ट्स के लिए खर्च करेगी।
सरकार ने मेट्रो ट्रेन योजनाओं पर बजट बढ़ा दिया है। इस पर 21,336 करोड़ रुपए खर्च होंगे। पहले इसका बजट 19,508 करोड़ रुपए था। वहीं यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा में सुधार के लिए 40,000 बोगियों को वंदे भारत मानक में बदलने की भी घोषणा की है। इसके अलावा रेलवे के लिए तीन नए कॉरिडोर की घोषणा हुई है।
- एनर्जी और सीमेंट कॉरिडोर: सीमेंट और कोयला ढोने के लिए अलग से बनेगा।
- पोर्ट कनेक्टिविटी कॉरिडोर: ये कॉरिडोर देश के प्रमुख बंदरगाहों को जोड़ेगा।
- हाई ट्रैफिक डेंसिटी कॉरिडोर: जिन मार्गों पर ट्रेनों की संख्या ज्यादा होगी वहां बनेंगे।
असर: एयरपोर्ट, फ्लाईओवर, एक्सप्रेसवे के बनने से कनेक्टिविटी सुधरेगी। कॉरिडोर्स के बनने से कॉस्ट कम करने में मदद मिलेगी। नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन और MD शिशिर बैजल ने कहा, सरकार के बजट बढ़ाने के फैसले से देश के रेलवे, सड़कों और लॉजिस्टिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ेगा।
5. सरकार का टूरिज्म इंडस्ट्री पर फोकस, राज्यों को प्रोत्साहित किया जाएगा और इंटरेस्ट फ्री लोन मिलेगा
राज्यों को प्रतिष्ठित पर्यटन केंद्रों का डेवलपमेंट करने, ग्लोबल लेवल पर उनकी ब्रांडिंग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। सुविधाओं और सेवाओं की गुणवत्ता के आधार पर केंद्रों की रेटिंग के लिए एक फ्रेमवर्क बनाया जाएगा। इसके लिए राज्यों को बिना ब्याज के लोन मिलेगा।
डोमेस्टिक टूरिज्म को लेकर वित्तमंत्री ने कहा कि लक्षद्वीप सहित हमारे द्वीपों पर पोर्ट कनेक्टिविटी, टूरिज्म इंफ्रास्ट्रक्चर और सुविधाओं के लिए परियोजनाएं शुरू की जाएंगी। इससे रोजगार पैदा करने में भी मदद मिलेगी।
असर: नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन और MD शिशिर बैजल ने कहा कि घरेलू पर्यटन विकास पर बढ़ाए गए फोकस से हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री को बढ़ावा मिलेगा। 2024 में टूरिज्म में रेवेन्यू 23.72 बिलियन डॉलर (करीब 1.9 लाख करोड़ रुपए) तक पहुंचने का अनुमान है। 2023 में यह 19.86 बिलियन डॉलर (करीब 1.6 लाख करोड़ रुपए) रहा था।
6. सरकार का ग्रीन एनर्जी पर फोकस, रूफटॉप सोलर से 300 यूनिट तक फ्री बिजली मिलेगी
2070 तक जीरो कार्बन एमिशन का टारगेट अचीव करने के लिए सरकार ने अमोनिया, मेथेनॉल गैस का आयात कम करने की ठानी है। इसके लिए देश में ही 2030 तक कोयले को गैस में बदलकर फ्यूल बनाने के लिए फैसिलिटी सेटअप की जाएगी। इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की चार्जिंग के लिए 6,585 चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे।
रूफटॉप सोलर के जरिए एक करोड़ परिवारों को हर महीने 300 यूनिट तक फ्री बिजली मिलेगी। सरकार साल 2014 से ‘नेशनल रूफटॉप स्कीम’ चला रही है। वहीं PM मोदी ने हाल ही में ‘प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना’ का भी ऐलान किया है। इसमें 1 करोड़ घरों में रूफटॉप सोलर लगेंगे।
असर: सरकार के इन कदमों से भारत के रिन्यूएबल एनर्जी पोर्टफोलियो में विविधता लाने और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करने में मदद मिलेगी। इन्फ्रास्ट्रक्चर रेटिंग्स की सीनियर डायरेक्टर राजश्री मुरकुटे ने कहा कि ये कदम भारत को 2047 तक 26 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था में बदलने की दिशा में अच्छा संकेत है।
अंतरिम बजट पर तीन इकोनॉमिस्ट, लोकलुभावन नहीं इकोनॉमी को मजबूत करने वाला बजट
- DBS बैंक की सीनियर इकोनॉमिस्ट राधिका राव के अनुसार, महिलाओं, युवाओं, गरीबों पर फोकस करने के बावजूद, सरकार ने खुले तौर पर लोकलुभावनवाद से परहेज की है। हायर कैपेक्स और फास्टर फिस्कल कंसॉलिडेशन को प्राथमिकता दी है।
- KPMG इंडिया के चीफ एग्जीक्यूटिव येज्दी नागपोरवाला के अनुसार, अंतरिम बजट ने राजकोषीय घाटे को नियंत्रण में रखने को सुनिश्चित किया है। ये ग्रीन ग्रोथ पाथ पर चलने की सरकार की गंभीरता को भी दर्शाता है।
- इंडिया रेटिंग्स के चीफ इकोनॉमिस्ट देवेन्द्र कुमार पंत के अनुसार, वित्त वर्ष 2024 और 2025 के लिए अनुमानित राजकोषीय घाटे के आंकड़े बताते हैं कि सरकार वित्त वर्ष 26 तक राजकोषीय घाटे को 4.5% तक लाने के बारे में गंभीर है।
अंतरिम बजट 2024-25 की मुख्य बातें
वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ के मंत्र और ‘सबका प्रयास’ के संपूर्ण राष्ट्र के दृष्टिकोण के साथ संसद में आज अंतरिम बजट 2024-25 पेश किया। इस बजट की मुख्य बातें इस प्रकार हैं:
भाग – क
सामाजिक न्याय
- चार प्रमुख वर्गों यानी गरीब, महिलाएं, युवा एवं अन्नदाता (किसान) को ऊपर उठाने पर प्रधानमंत्री का फोकस।
‘गरीब कल्याण, देश का कल्याण’
- पिछले 10 वर्षों के दौरान सरकार ने 25 करोड़ लोगों को बहुआयामी गरीबी से बाहर आने में मदद की।
- पीएम-जनधन खातों के उपयोग से बैंक खातों में 34 लाख करोड़ रुपए का प्रत्यक्ष हस्तांतरण। इससे सरकार को 2.7 लाख करोड़ रुपए की बचत हुई।
- पीएम-स्वनिधि के तहत 78 लाख फेरी वालों को ऋण सहायता। 2.3 लाख फेरी वालों को तीसरी बार ऋण प्राप्त हुआ।
- पीएम-जनमन योजना के जरिए विशेष तौर पर कमजोर आदिवासी समूहों (पीवीटीजी) के विकास पर जोर।
- पीएम-विश्वकर्मा योजना के तहत 18 व्यवसायों से जुड़े कारीगरों एवं शिल्पकारों को एंड-टू-एंड मदद।
‘अन्नदाता’ का कल्याण
- पीएम-किसान सम्मान योजना के तहत 11.8 करोड़ किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान की गई।
- पीएम-फसल बीमा योजना के तहत चार करोड़ किसानों को फसल बीमा उपलब्ध कराई गई।
- इलेक्ट्रॉनिक नेशनल एग्रीकल्चर मार्किट (ई-नाम) के तहत 1,361 मंडियों को एकीकृत किया गया है। इससे 3 लाख करोड़ रुपए की खरीद-फरोख्त के साथ 1.8 करोड़ किसानों को सेवाएं उपलब्ध।
नारी शक्ति पर जोर
- 30 करोड़ मुद्रा योजना ऋण महिला उद्यमियों को दिए गए।
- उच्च शिक्षा में महिलाओं का नामांकन 28 प्रतिशत तक बढ़ा।
- स्टेम पाठ्यक्रमों में छात्राओं एवं महिलाओं का 43 प्रतिशत नामांकन, जो दुनिया में सबसे अधिक है।
- पीएम-आवास योजना के तहत 70 प्रतिशत मकान ग्रामीण महिलाओं को दिए गए।
पीएम आवास योजना (ग्रामीण)
- कोविड संबंधी चुनौतियों के बावजूद पीएम-आवास योजना (ग्रामीण) के तहत तीन करोड़ मकानों का लक्ष्य जल्द ही हासिल किया जाएगा।
- अगले पांच वर्षों में 2 करोड़ अतिरिक्त मकानों का लक्ष्य लिया जाएगा।
छत पर सौर प्रणाली लगाना (रूफटॉप सोलराइजेशन) और निशुल्क बिजली
- छत पर सौर प्रणाली लगाने से 1 करोड़ परिवार हर महीने 300 यूनिट तक निशुल्क बिजली प्राप्त कर सकेंगे।
- हरेक परिवार को सालाना 15,000 से 18,000 रुपए की बचत होने का अनुमान।
आयुष्मान भारत
- आयुष्मान भारत योजना के तहत स्वास्थ्य सेवा सुरक्षा में सभी आशा कार्यकर्ताओं, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को भी शामिल किया जाएगा।
कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण
- प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना से 38 लाख किसान लाभान्वित हुए हैं और रोजगार के 10 लाख अवसरों का सृजन हुआ है।
- प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम के औपचारिकीकरण योजना से 2.4 लाख स्व-सहायता समूहों (एसएचजी) और 60,000 लोगों को ऋण सुविधा प्राप्त करने में मदद मिली है।
आर्थिक उन्नति रोजगार और विकास को बढ़ावा देने के लिए अनुसंधान एवं नवाचार
- 50 वर्षीय ब्याज मुक्त ऋण के साथ एक लाख करोड़ रुपए का कोष स्थापित किया जाएगा। इस कोष से दीर्घकालिक वित्त पोषण या पुनर्वित्तपोषण कम या शून्य ब्याज दरों पर उपलब्ध कराए जाएंगे।
- रक्षा उद्देश्यों के लिए डीप-टेक प्रौद्योगिकी को मजबूती देने और आत्मनिर्भरता में तेजी लाने के लिए एक नई योजना शुरू की जाएगी।
बुनियादी ढांचा
- बुनियादी ढांचा के विकास और रोजगार सृजन के लिए पूंजीगत व्यय के परिव्यय को 11.1 प्रतिशत बढ़ाकर 11,11,111 करोड़ रुपए किया जा रहा है। यह सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.4 प्रतिशत होगी।
रेलवे
- लॉजिस्टिक्स कुशलता को बेहतर करने और लागत घटाने के लिए पीएम गतिशक्ति के तहत तीन प्रमुख आर्थिक रेल गलियारा कार्यक्रमों की पहचान की गई है।
- ऊर्जा, खनिज एवं सीमेंट गलियारा
- पत्तन संपर्कता गलियारा
- अधिक यातायात वाले गलियारा
- 40,000 सामान्य रेल डिब्बों को ‘वंदे भारत’ मानकों के अनुरूप बदला जाएगा।
विमानन क्षेत्र
- देश में हवाई अड्डों की संख्या 149 पर हुई दोगुनी।
- 517 नए हवाई मार्ग 1.3 करोड़ यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचा रहे हैं।
- देश की विमानन कंपनियों ने 1,000 से अधिक नए विमानों के लिए ऑर्डर दिए।
हरित ऊर्जा
- वर्ष 2030 तक 100 मीट्रिक टन की कोयला गैसीकरण और तरलीकरण क्षमता स्थापित की जाएगी।
- परिवहन के लिए कम्प्रस्ड नेचुरल गैस (सीएनजी) और घरेलू प्रयोजनों के लिए पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) में कम्प्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) के चरणबद्ध अधिदेशात्मक मिश्रण को अनिवार्य किया जाएगा।
पर्यटन क्षेत्र
- राज्यों को प्रतिष्ठित पर्यटक केन्द्रों का संपूर्ण विकास शुरू करने, उनकी वैश्विक पैमाने पर ब्रांडिंग और मार्केटिंग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
- पर्यटन केन्द्रों को वहां उपलब्ध सुविधाओं और सेवाओं की गुणवत्ता के आधार पर रेटिंग देने के लिए एक फ्रेमवर्क बनाया जाएगा।
- इस प्रकार की गतिविधियों का वित्त पोषण करने के लिए राज्यों को मैचिंग के आधार पर ब्याज मुक्त दीर्घावधि ऋण दिया जाएगा।
निवेश
- वर्ष 2014 से 2023 के दौरान एफडीआई का अंतर्प्रवाह 596 अरब डॉलर रहा, जो वर्ष 2005 से 2014 के दौरान हुए एफडीआई अंतर्प्रवाह के मुकाबले दोगुना है।
‘विकसित भारत‘ के लिए राज्यों में सुधार
- राज्य सरकारों द्वारा विभिन्न पड़ावों से जुड़े सुधार के लिए 50 वर्ष के ब्याज मुक्त ऋण के रूप में 75,000 करोड़ रुपए के प्रावधान का प्रस्ताव।
संशोधित अनुमान (आरई) 2023-24
- उधार को छोड़कर कुल प्राप्तियों का संशोधित अनुमान 27.56 लाख करोड़ रुपए है जिसमें से कर प्राप्ति 23.24 लाख करोड़ रुपए है।
- कुल व्यय का संशोधित अनुमान 44.90 लाख करोड़ रुपए है।
- 30.03 लाख करोड़ रुपए की राजस्व प्राप्ति बजट अनुमान से अधिक रहने की उम्मीद है, जो अर्थव्यवस्था में मजबूत विकास दर और इसके औपचारीकरण को दर्शाता है।
- वित्त वर्ष 2023-24 के लिए राजकोषीय घाटे का संशोधित अनुमान 5.8 प्रतिशत है।
बजट अनुमान 2024-25
- उधारी से इतर कुल प्राप्तियां और कुल व्यय क्रमश: 30.80 लाख करोड़ रुपए और 47.66 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान है। कर प्राप्तियां 26.02 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान है।
- राज्यों के पूंजीगत व्यय के लिए 50 वर्षीय ब्याज मुक्त ऋण योजना कुल 1.3 लाख करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ इस वर्ष भी जारी रखी जाएगी।
- वर्ष 2024-25 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान।
- वर्ष 2024-25 के दौरान डेटेड सिक्योरिटीज़ के जरिए सकल एवं शुद्ध बाजार उधारी क्रमश: 14.13 लाख करोड़ रुपए और 11.75 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान।
भाग – ख
प्रत्यक्ष कर
- वित्त मंत्री ने प्रत्यक्ष करों की मौजूदा दरों को बरकरार रखने का प्रस्ताव किया
- पिछले 10 साल के दौरान प्रत्यक्ष कर संग्रह तिगुना, रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या 2.4 गुना बढ़ी
- सरकार करदाता सेवाओं में लाएगी सुधार
- वित्त वर्ष 2009-10 तक की अवधि से जुड़ी 25 हजार रुपये तक की बकाया प्रत्यक्ष कर मांग को वापस लिया जाएगा
- वित्त वर्ष 2010-11 से 2014-15 तक की 10 हजार रुपये तक की बकाया प्रत्यक्ष कर मांग को वापस लिया जाएगा
- इससे एक करोड़ करदाताओं को होगा लाभ
- सावरेन वेल्थ फंड अथवा पेंशन फंड द्वारा किए गए निवेश, स्टार्टअप के लिए कर लाभ 31.03.2025 तक बढाया गया
- आईएफएससी इकाईयों की कुछ आय पर कर रियायत को एक साल बढ़ाकर 31.03.2024 से 31.03.2025 किया गया
अप्रत्यक्ष कर
- वित्त मंत्री ने अप्रत्यक्ष करों और आयात शुल्कों की वर्तमान दरों को बकरार रखने का प्रस्ताव किया
- जीएसटी ने देश में पूरी तरह बिखरी अप्रत्यक्ष कर प्रणाली को एकीकृत किया
- इस साल औसत मासिक सकल जीएसटी संग्रह दोगुना होकर 1.66 लाख करोड़ रुपये हुआ
- जीएसटी कर आधार दोगुना हुआ
- राज्यों का राज्य जीएसटी राजस्व वृद्धि अनुपात (राज्यों को दी गई क्षतिपूर्ति सहित) जीएसटी से पहले की अवधि (2012-13 से 2015-16) के 0.72 से बढ़कर जीएसटी लागू होने के बाद की अवधि (2017-18 से 2022-23) के दौरान 1.22 हो गया
- उद्योग जगत के 94 प्रतिशत उद्यमियों के अनुसार जीएसटी व्यवस्था काफी कुछ सकारात्मक रही है
- जीएसटी से आपूर्ति श्रृंखला युक्तिसंगत बनी
- जीएसटी से व्यापार और उद्योग पर अनुपालन बोझ कम हुआ
- लॉजिस्टिक लागत और करों में कमी से वस्तु और सेवाओं के मूल्य घटने से उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचा
पिछले वर्षों के दौरान कर व्यवस्था को तर्कसंगत बनाने के प्रयास
- वित्त वर्ष 2013-14 में जहां 2.2 लाख रुपये तक की आय कर मुक्त थी, वहीं अब सात लाख रुपये तक की आय पर कोई कर देनदारी नहीं।
- खुदरा व्यवसायों के अनुमानित कराधान के लिए कारोबार सीमा को 2 करोड़ से बढ़ाकर 3 करोड़ रुपये किया गया
- पेशेवरों के लिए अनुमानित कराधान सीमा को 50 लाख रुपये से बढ़ाकर 75 लाख रुपये किया गया
- वर्तमान घरेलू कंपनियों के लिए कॉरपोरेट आयकर दर 30 प्रतिशत से घटाकर 22 प्रतिशत की गई
- विनिर्माण क्षेत्र की नई कंपनियों के लिए कॉरपोरेट आयकर कर दर 15 प्रतिशत रखी गई
करदाता सेवाओं की उपलब्धियां
- कर रिटर्न प्रोसेस करने की औसत समय-सीमा 2013-14 के 93 दिन से घटकर दस दिन रह गई
- बेहतर दक्षता के लिए चेहरा रहित आकलन और अपील की शुरूआत की गई
- रिटर्न दाखिल करने के काम को सरल बनाने के लिए नया 26 एएस फार्म और पहले से भरे गये टैक्स रिटर्न विवरण के साथ इनकम टैक्स रिटर्न को अद्यतन किया गया
- सीमा शुल्क सुधारों से आयतित माल छोड़ने के समय में आई कमी
- अंतर्देशीय कंटेनर डिपो में यह 47 प्रतिशत घटकर 71 घंटे रह गया
- एयर कार्गो परिसरों में यह 28 प्रतिशत घटकर 44 घंटे रह गया
- समु्द्री बंदरगाहों पर 27 प्रतिशत घटकर 85 घंटे रह गया
अर्थव्यवस्था – तब और अब
- वर्ष 2014 में अर्थव्यवस्था में सुधार और प्रशासन प्रणाली को पटरी पर लाने की जिम्मेदारी थी। तब समय की जरूरत थी:
- निवेश आकर्षित करना
- बहुप्रतीक्षित सुधारों के लिए समर्थन जुटाना
- लोगों में उम्मीद जगाना
- सरकार ‘राष्ट्र प्रथम’ की मजबूत भावना के साथ सफल रही
- ‘’अब यह देखने का उचित समय है कि 2014 तक हम कहां थे और अब कहां है’’ वित्त मंत्री
सरकार इस संबंध में सदन के पटल पर एक श्वेत-पत्र रखेगी